PASHU SE MANUSHY by Munshi premchand.

दुर्गा माली डॉक्टर मेहरा, बार-ऐट ला, के यहाँ नौकर था। पाँच रुपये महिने का तनख्वाह पाता था। उसके घर में बीवी और दो-तीन छोटे बच्चे थे। बीवी पड़ोसियों के लिए गेहूं …

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MOTOR KE CHEENTE by Munshi premchand.

About क्या नाम कि… सुबह नहा धोकर-पूजा पाठ से निपट कर तिलक लगाकर, पीताम्बर पहन, खडाऊँ पाँव में डाले, बगल में पत्रा दबाकर एक जजमान के घर चला। शादी की जगह …

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JADOO by Munshi premchand.

About Book नीला – “तुमने उसे क्यों लिखा?” मीना – “किसको?” ‘उसी को! ‘मैं नहीं समझी!’ ‘खूब समझती हो! जिस आदमी ने मेरा अपमान किया, गली-गली मेरा नाम बेचता फिरा, उसे …

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GHASWAALI by Munshi premchand.

मुलिया हरी-हरी घास की गठरी लेकर आयी, उसके चेहरे पर गुरसा था और बड़ी-बड़ी शराबी आँखों में डर दिखाई दे रहा था महावीर ने उसका गुस्से से भरा चेहरा देखकर पूछा- …

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DUSSAHAS by Munshi premchand.

About लखनऊ के नौबस्ते मोहल्ले में एक मुंशी मैकूलाल मुख्तार रहते थे। बड़े उदार, दयालु और अच्छे आदमी थे। अपने काम में इतने अच्छे थे कि ऐसा शायद ही कोई मुकदमा …

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