WILL POWER INSTINCT by Kelly McGonogal.

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About Book

क्या आप अपनी इच्छाओ के आगे कमज़ोर पड़ जाते हो? या आप इतने बड़े आलसी हो कि आपके काम पूरे नही हो पाते? अगर ये बात है तो ये बुक आपके लिए लिखी गयी है. आपके अंदर जो विलपॉवर की कमी है वो आपको सक्सेसफुल होने से रोक रही है. इस बुक में आप पढ़ेंगे कि हमारी विलपॉवर कैसे काम करती है, कैसे ये आपकी बॉडी और माइंड को अफेक्ट करती है. लाइफ में विलपॉवर बहुत इम्पोर्टेट है. इसके बिना आप कुछ भी हासिल नहीं कर सकते. दुनिया में जितने भी सक्सेसफुल और ग्रेट लोग हुए है, सबके सब स्ट्रोंग विलपॉवर वाले थे. तो फिर आप भी अपनी विलपॉवर स्ट्रोंग बनाओ और अपने गोल्स अचीव करो.

ये समरी किस किसको पढनी चाहिए?

.

कॉफ़ी एडिक्ट्स, एल्कोहोलिक्स और चेन स्मोकर्स को फ़ास्ट फूड के फैन्स, काउच पोटोटो यानी आलसी लोगो

को और सोशल मिडिया ट्रोल्स को

हर वो इन्सान जो अपनी बुरी आदत से छुटकारा पाना

चाहता है

हर कोई जो अपने अंदर और ज्यादा सेल्फ कण्ट्रोल लाना

चाहता है

ऑथर के बारे में

डॉक्टर केली मैकगोनीगल एक ऑथर, लेक्चरर, और साइकोलोजिस्ट है. उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवरसिटी से डॉक्टरेट की डिग्री ली है जहाँ पे अब वो एक लेक्चरर की जॉब करती है. वो विलपॉवर के बारे में पोपुलर कोर्सेज सिखाती है और यही उनकी इस बुक का बेसिक थीम भी है. डॉक्टर केली के टेड टॉक “स्ट्रेस एज योर फ्रेंड” को 20 मिलियन लोगो ने देखा है. और वो अपने बुक्स और लेक्चर्स के मीडियम से लोगो को हेल्प करती रहती है.

इंट्रोडक्शन (Introduction)

क्या आपको अपने अंदर विलपॉवर की कमी लगती है? क्या आप सोचते हो कि “काश मेरी क्रेविंग्स यानी इच्छाओं पर मेरा थोडा कण्ट्रोल होता ? क्या आप अपनी बुरी हैबिट्स छोडकर अच्छी आदते डालना चाहते हो? क्या आपको अपने आलस और टालमटोल की आदत से छुटकारा पाना है ? क्या

आप लाइफ में थोडा और सेल्फ कण्ट्रोल लाना चाहते हो?

अगर आपके मन में ये सारे सवाल है और इतनी लम्बी चौड़ी लिस्ट है तो इसका जबाब है आज की ये बुक समरी. आपको इस समरी में विलपॉवर के बारे में कना बताया जाएगा. और ये भी बताया जायेगी कि विल पॉवर का हमारी लाइफ में क्या रोल है? ये हमारे लिए कितना ज़रूरी है और हमारे अंदर विलपॉवर कहाँ से आती है. आप इस समरी से ये भी सीखेंगे कि विल पॉवर कैसे काम करती है और इसे और ज्यादा स्ट्रोंग कैसे बनाया जाए. अपने अंदर

सेल्फ कण्ट्रोल लाने से आप अपनी लाइफ के हर फील्ड में इम्प्रूवमेंट ला सकते है, अगर आपकी विल पॉवर स्ट्रॉग है तो आप अपनी लाइफ में ज्यादा सक्सेस और हैप्पीनेस ला सकते है. आप किसी भी प्रोब्लम को हैंडल कर पाएंगे चाहे

जो भी सिचुएशन आये आप उसे फेस कर पाएंगे, और आपका गोल हमेशा किसी हाई अचीवमेंट की तरफ रहेगा. विलपॉवर को लेकर आपके मन में जो भी सवाल है, उनके जवाब आपको इस समरी में मिलेंगे. तो आप भी इस समरी को पढ़कर इसके एडवांटेज लो और अपने गोल्स अचीव करो.

व्हट विल पॉवर इज (विल पॉवर क्या है) What Willpower Is

विल पॉवर को सिंपल तरीके से समझने के लिए आप तीन लाइंस याद कर सकते हो. पहली है” मै नहीं करगा” आई वोंट” यानी अपनी विल पॉवर को यूज करके अपनी इच्छा को रोकना. जैसे कि ” मै एक और पिज़्ज़ा नहीं खाऊंगा’ या “मै सेल से कुछ नहीं खरीदूंगा’ या मैं आज से सिगरेट नहीं

पिऊंगा”.

दूसरी लाइन है “आई विल यानी मैं करूँगा”. अपनी विलपॉवर को उस काम के लिए यूज़ करना जो आपको हर हाल में करना है, बेशक आपका मन ना और जब हम आलस छोड़ने के लिए अपनी विलपॉवर यूज़ करते है जैसे कि “मै सुबह जल्दी उठूँगा” या “मै आज अपने सारे टास्क पूरे कर लुँगा”.

धर्ड लाइन है” आई वांट” यानि मै चाहता हूँ”.

ये हम तब यूज़ करते है जब हम कुछ अचीव करना चाहते है. जैसे कि आपका जंक फूड खाने का मन है लेकिन आप अपनी हेल्थ और बॉडी को लेकर

काशस भी है. या मान लो थोड़े आलसी टाइप हो लेकिन आप ये भी जानते है कि आपको ज्यादा काम करना पड़ेगा क्योंकि आपको क्रेडिट कार्ड के बिल भरने है. शॉर्ट में बोले तो अपनी इच्छा या लालच को कम्टोल करने का नाम ही विलपॉवर है जो आपको आपके गोल की तरफ ले जाता है. विल

पॉवर एक तरह से हमारा सेला कण्ट्रोल

व्हाई वी हेव विल पॉवर (हमारे पास विल पॉवर क्यों है) Why we have willpower

जरा सोचो कि आप आज से कोई 100,000 साल पहले के ईस्ट अफ्रीका के नए-नए होमो सेपियन्स हो, आपकी पीठ सीधी है और आपको आग जलानी आ है, आपके पास पत्थरों के बने शार्ष टूल्स है जिनसे आप बफेलो का मीट काट कर खाते हो. जीने के लिए आपके पास कुछ गिनी चुनी सर्वाइवल टेक्निक्स है, पहली तो ये कि खाने की तलाश करो, सेकंड, रीप्रोड्युस करने के लिए एक मेट ढूंढो, और थर्ड ये, शेर, चीते और क्रोकोडाइल

जैसे बड़े जानवरों से खुद को बचाए रखना.

लेकिन आपको एक और इम्पोर्टेट चीज की ज़रूरत है. और वो है, अपने ट्राइब्स के साथ अच्छे रिलेशनशिप मेंटेन रखना, क्योंकि एक खतरनाक जंगल में आप अकेले सर्वाइव नहीं सकते. इंसानों की एक खासियत है जो प्रिमेट्स और बाकि मैमल्स में भी मिलती है, एक और चीज़ जो आपकी सर्वाइवल लिस्ट में चौथे नंबर पर आती है वो है” किसी से पंगा मत लो, अपने ट्राइब्स के साथ मिल जुल कर रहने के लिए आपको उनके साथ को-ऑपरेट करना होगा. जिसका मतलब है कि आप जो मन चाहे और जब मन चाहे वो नहीं ले सकते,

आपने अगर किसी और का भुना हुआ बफेलो मीट खा लिया या किसी और के पार्टनर के साथ चले गए तो आपको ट्राइब से बेदखल कर दिया जाएगा,

लेकिन अगर आपको चोट लग जाती है या आप बीमार पड़ गए और खाना नहीं ढूंढ पा रहे तो उस चक्त आपकी ट्राइब ही आपकी हेल्प करेगी. पॉइंट ये है कि ” हाउ टू विन फ्रेंड्स एंड इन्फ्लुएंस पीपल आज भी उतना ही इम्पोटेंट है जितना कि 100,000 साल पहले होमो सेपियन्स के टाइम में था. प्रीहिस्टोरिक टाइम का मानव भी अपने पड़ोसी की हेल्प करता था, और किसी थे बोलने से पहले भी सोचना पडता था कि” मेरे दोस्त, ये लोइन क्लोथ तुम पर जरा भी अच्छा नहीं लग रहा.

पहले भी भी और अब भी सेल्फ कण्ट्रोल की ज़रूरत इन्सान को हमेशा पड़ी है, इसीलिए हमे विलपॉवर डेवलप करनी पड़ी. क्योंकि ये बड़ा ज़रूरी है कि इंसान अपनी वीकनेस को कण्ट्रोल में करना सीखे, हम इंसान एक दुसरे से को-ऑपरेट करते है, लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप मेंटेन रखते है, और इसके लिए हमारे अंदर एक स्ट्रॉंग विलपॉवर होनी चाहिए जो हमारे अंदर और ज्यादा इसानियत पैदा करती है.

व्हाई इट मैटर्स नाऊ (Why it matters now)

100,000 साल पहले विलपॉवर की वजह से ही हम जानवरों से अलग थे. और आज भी यही चीज़ हमे एक दुसरे से अलग बनाती है. हम में से हर कोई एक डिफरेंट विलपॉवर लेकर पैदा हुआ है. कुछ लोगों की विल पॉवर बाकियों से ज्यादा स्ट्रोंग होती है. ऐसे लोगो का अपने इमोशंस और एवश्स पर ज्यादा कण्ट्रोल होता है, ये लोग किसी भी चीज़ पर ज्यादा ईजिली फोकस कर लेते है. जिन लोगो की विलपॉवर ज्यादा स्ट्रोंग होती है वो लाइफ के हर फील्ड में सक्सेसफुल रहते है. इनके पास एक हेल्थी बॉडी और माइंड होता है. लाइफ को लेकर इनका नजरिया हमेशा पोजिटिव रहता है, अपने फ्रेंड्स और फैमिली के साथ भी इनका रिलेशन काफी स्ट्रॉग और मीनिंगफुल होता है. इन्हें पैसा और सक्सेस दोनों मिलते है. लाइफ में किसी भी तरह की प्रोब्लम या स्ट्रेस को ये लोग बड़ी आसानी से हैंडल कर लेते है. चाहे लाइफ में कैसा भी चेलेंज आ जाये, ये लोग घबराते नहीं है. यहाँ तक कि औरो के मुकाबले स्ट्रोंग विल पॉवर वाले लोग ज्यादा उम्र तक जीते है. अगर आप भी अपनी लाइफ में चेंजेस चाहते हो तो स्ट्रॉंग विल पॉवर की प्रेक्टिस करना स्टार्ट कर दो. क्योंकि खुद पर सेल्फ कण्ट्रोल होने से आपके रिलेशनशिप्स, करियर, फाइनेंस, हेल्थ और पर्सननेलिटी, यानि लाइफ की हर चीज़

इम्पूव होती चली जायेगी.

न्यूरोसाइंस ऑफ़ विलपॉवर (विलपॉवर का न्यूरोसाइंस) The Neuroscience of Willpower

विलपॉवर हमारे चैन के कौन से पार्ट में होती है? क्या ये हमारे प्री-फ्रंटल कोर्टेक्स में होती है या हमारे माथे के ठीक पीछे. हमारे ब्रेन का प्री-फ्रन्टल कोर्टेक्स हमारे फोकस, थौट्स और फीलिंग्स को कण्ट्रोल करता है. लेकिन इसका सबसे इम्पोर्टेट काम है हमारे एवश्न्स को कण्ट्रोल करना. ये ब्रेन का वो पार्ट है जो बॉडी को मुश्किल चीज़े करने की कमांड देता है. प्री-फ्रन्टल कोर्टेक्स के तीन पार्ट है. ऊपर का लेफ्ट साइड हमारे अंदर लालच जगाता है. और ऊपर का राईट साइड हमे एक्शन लेने और आलसपन छोड़ने के लिए कमांड देता है. मिडल और नीचे का हिस्सा आपके गोल्स और सपनों के

बारे में सोचता है. तो अगर बाकी हिस्से आपको ज्यादा खाने, ज्यादा स्मोक करने या ज्यादा शोपिंग करने के लिए उकसाते भी है तो नीचे का प्री-फ्रन्टल कोर्टेक्स हमें रोक लेगा. और अगर प्री-फ्रन्टल कोर्टेक्स नहीं होगा तो इन्सान सेल्फ कण्ट्रोल नहीं कर पायेगा.

अमाइंडब्लोइंग केस ऑफ़ विलपॉवर लॉस्ट

विलपॉवर खोने का एक माइंडबोइंग केस (Amind-blowing case of willpower lost)

एक बड़ी इंटरेस्टिंग स्टोरी है जिसमे एक आदमी की प्री-फंटल कोर्टेक्स की पॉवर खो जाती हैं. फिनेअस गेगे (Phineas Cage रेलबोर्ड कंस्ट्रक्शन

फोरमेन का काम करता था, उसका बॉस उसे बेस्ट फोरमेन समझता था. और उसकी टीम के लोग भी उसकी बड़ी रिस्पेक्ट करते थे. सबकी नजर में एक शांत और रिस्पोसिबल आदमी था इसलिए बहुत थे. फिनेजसस्ट्रोंग बॉडी और माइंड वाला 25 साल का एक नौजवान और उसकी टीम रेलरोड का रास्ता क्लियर कर रहे थे. था. फिर एक दिन सब कुछ बदल गया क्या न क की सज्नोचित फिनेअस को ही सेट करने थे. वो पहलें भी कई बार ये काम कर चूका धा. इस काम के लिए उन्हें एवस शिव यूন करना एक नॉर्मल प्रोसीजर होता है. लेकिन उसी वक्त एक बड़ी गड़बड़ हो गयी. दरअसल सेट टाइम से । रोड क्लियर करने के लिए

पहले ही ब्लास्ट हो गया और एक तीन फुट आयरन रोड सीधे जाकर फिनेअस की खोपड़ी में घुस गयी. एक स्टील बार ने फिनेअस के लेफ्ट चीक को फाडकर उसका प्री फ्रन्टल कोर्टेक्स उड़ा दिया था वो स्टील बार उसके पीछे करीब 30 यार्ड दूर जाकर दूर जाकर गिर अब आपको सोच रहे इस ब्लास्ट से फिनेअस की वही मौके पर ही डेथ हो गयी होगी. लेकिन नहीं, इनफैक्ट उसकी टीम ने बताया कि वो बेहोश तक नहीं हुआ था. उसके साथी उसे एक कार्ट में लेटाकर पास के एक क्लिनिक में ले गये. डॉक्टर ने उसकी खोपड़ी के सारे टुकड़ो को फिर से जोडकर स्कैल्प को सील कर दिया था. और 2 महीने बाद वो । तरह ठीक था, उस टाइम फिनेअस को बिलकुल भी पेन फील नहीं हुआ था. और उसके घाव भी भर चुके थे. वो फिर से निर्मल सारे काम कर पा रहा था. यहाँ तक कि उसने फिर से है, लेकिन असल बात ऐसा लग रहा था कि फिनेस की लाइफ में अब सब कुछ – पर जाना शुरू कर दिया था. कुछ और थी. उसके कलीग्स को फिने अस में कुछ चेंजेस नजर आ रहे थे. वो अब चिडचिडा रहने लगा था. पहले वो काफी शांत रहता था पर अब वो बात-बात पे गुस्सा करने लगा था, किसी को अगर उसका आईडिया पसंद ना आये तो वो बर्दाश्त नहीं कर पाता था, ऐसा लग रहा था जैसे अब वो पहले वाला फिने अस नहीं रहा था. इस एक्सीडेंट से पहले फिनेअस एक वेल डिस्पलीन और स्ट्रोंग विल वाला आदमी था, मगर एक्सीडेंट में उसके प्री-फ्रंटल कोर्टेक्स के डेमेज होने की वजह से उसकी पूरी पर्सनेलिटी ही चेंज हो गयी थी. उसका सेल्फ कण्ट्रोल और विल पॉवर खो चूका था. पहले वाला फिने अस कहीं खो गया था.

अन्यू काइंड ऑफ़ ग्रेट (एक नए टाइप का सेट) ANew Kind of Threat फाईट या फ्लाइट इंस्टिंक्ट के बारे में सब जानते है, यही वो चीज़ है जिसने कई साल पहले होमो सेपियन्स को ईस्ट अफ्रीका में सेबर टूथ से बचाया था.

फाईट या फ्लाइट रीस्पोंस हमारे ब्रेन के एमिगडला (amygdala) पार्ट में होता है. ये ब्रेन का वो पार्ट है जो आपकी पूरी बॉडी को डेंजर के सिंग्नल भेजता है. और तब आपके लंग्स ज्यादा ऑक्सीजन लेने के लिए तेजी से सांस भरने लगते हैं. आपके मसल्स को एनेर्जी देने की वजह से आपकी हार्टबीट तेज़ हो जाती है. और आपके माइंड का पूरा फोकस आने वाले डेंजर पर होता है. लेकिन आज सेबर टूथ कैट नहीं लेकिन हमें एक दुसरे टाइप का थ्रेट है और जिसके लिए हमे डिफरेंट टाइप का रिस्पोंस चाहिए, सोचो कि आप संडे वाले दिन घूमने निकले हो. बढ़िया दिन है. सूरज चमक रहा है, पेड़ो से ठंडी हवा आ रही है. तभी अचानक आपको पास की बेकरी से ताज़े-ताज़े डोनट्स की खुशबू आती है.

आपसे रहा नहीं जाता और आप स्टोर की विंडो पर पहुँचते है. वहां आपको अपने फेवरेट चोकलेट ग्लेज्ड डोनट्स दीखते है. उपर से उन्हें कैंडी स्किल

से सजाया गया है. और देखने में ये बड़े यमी लग रहे है. उन्हें देखकर आपको अपना बचपन याद आ जाता है. इससे पहले कि आप कुछ सोचे आप शॉप घुसते है डोन्ट्स खरीद के खा रहे होते है. उस वक्त आपको अपनी डाईट बिलकुल भी याद नहीं रहती. तो उस वक्त आपके ब्रेन में क्या चल रहा है? आपकी बॉडी का क्या रीस्पोस है? पहली बात तो ये कि डोन्ट्स देखते ही आपका ब्रेन बेकाबू हो गया. डोनट्स देखे तो आपकी ट्रेन में डोपामाइन नाम का एक न्यूरोकेमिकल रीलीज़ हुआ ये आपके ब्रेन के उन हिस्सों तक पहुंचा जो आपने चौकलेट

फोकस, एवशन और मोटिवेशन में करते है. डोपामाइन ने आपकी बॉडी को सिम्नल भेजा चाहे कुछ भी हो जाये पर अभी के अभी डोनट खाओ” इसीलिए आपको पता ही नहीं चला कि आप कब शॉप के अंदर चले गए. सैम टाइम पर आपकी ब्लड में शुगर लेवल ड्राप हो गया. और ब्रेन ने बॉडी को ब्लड शुगर ड्राप करने का सिग्नल दिया, क्योंकि एक बार जब आप डोन्ट् खा लोगे तो ये शुगर स्पाइक क्रिएट कर लेगा. लोगे े आपका ब्लड शुगर कम हो गया इसीलिए आप नवेर्स और कमज़ोर फील करने लगे. और आपको डोनट खाने की और ज्यादा इच्छा होने लगी. लेकिन वेट करो, आप अपना इरादा बदल सकते हो, अभी देर नही हुई है. ये आपका सीक्रेट वीपन है जो आपको किसी नए टाइप के श्रेट में काम आता है. ये वीपन है आपकी विल पॉवर. हालाँकि यहाँ आपको डोनट से खतरा नहीं है और ना ही बेकर से है. ये नए टाइप का भ्रेट है आपके सेल्फ कण्ट्रोल की हार, फाईट और फ्लाइट यहाँ अप्लाई नहीं होता क्योंकि से इंस्टिक्ट आपको अपने प्रिमिटिव अज्ज में वापस ले चलेगा. यहाँ आपको सेल्फ कण्ट्रोल की ज़रूरत है जिससे आप खुद को किसी भी खतरे से बचा सके. अगर फाईट या फ्लाइट नहीं है तो यहाँ क्या रीस्पोंस होगा? (If not fight or flight, then what is the response?

विल पॉवर इंस्टिंक्ट: पॉज एंड प्लान (The Willpower Instinct: Pause And Plan)

साइकोलोजिस्ट्स का मानना है कि जब आपको सेल्फ कण्ट्रोल की जरूरत होती है तो आपकी बॉडी और ब्रेन चॅज हो जाते है ताकि आपको कोई नुकसान ना हो और आप अपनी टेम्पटेशन कण्ट्रोल कर सके. ये विल पॉवर इंस्टिंक्ट है जिसे पॉज एंड प्लान बोलते है. जब भी आप कोई एक्सटर्नल खतरा फेस करते है उस वक्त आपके अंदर फाइट और फ्लाइट इंस्टिंक्ट पूरे र पर होता है, और इंटरनल खतरे के वक्त द पॉज एंड प्लानइंस्ट्रिक्ट एक्टिव हो जाता है. ये तब होता है जब आप कुछ ऐसा करने की सोचते हो जोकि आपको नहीं करना चाहिए. जैसे एक्जाम्पल के लिए, अपने बॉस पर चिल्लाना, या अपने पड़ोसी की वाइफ से अफेयर करना, और अगर आपको कुछ टास्क पूरे करने है मगर आपको आलस आ रहा है तो उस वक्त भी आपका इंटरनल कोंफ्लिक्ट एक्टिव रहता है. जैसे कि सुबह जल्दी उठना, जिम जाना या कोई प्रोजेक्ट फिनिश करना, तो इंटरनल कॉफ्लिक्ट एक श्रेट क्यों है? और ये कब एक्टिव होता है? ये तब एक्टिव होता है जब आपका माइंड आपको गलत डिसीजन लेने को बोले या ये आपसे वो काम करने को बोले जिसका आपको बाद में पछतावा हो. यानी कि आपको खुद को खुद से ही बचाना है. और इसलिए आपको स्ट्रोंग विल पॉवर की जरूरत पड़ती है. फाईट ओर पलाइट रीस्पोंस आपके रीएवशन्स को फ़ास्ट कर देता है. लेकिन पॉज एंड प्लानइंस्टिंक्ट आपको सोचने पर मजबूर करता है कि आप सोच समझ कर ही कोई एक्शन ले,

दिस इज़ योर ब्रेन एंड बॉडी ओन विल पॉवर

(This is your brain and body on willpower)

विल पॉवर इंस्टिंक्ट का मेन सोर्स है प्री-फ्रंटल कोर्टेक्स, जब हमारे ब्रेन का प्री-फ्रन्टल कोर्टेक्स इंटरनल कंपिलिक्ट को पहचान लेता है, और फिर बेन के बाकि हिस्सों को भी सिग्नल भेज देता है ताकि हमारी हार्टबीट नॉर्मल रहे, ब्रीदिंग और ब्लड प्रेशर ठीक रहे. फाईट ओर फ्लाइट इंस्टिंक्ट में ये सारे फंक्शन्स तेजी से काम करने लगते है. जैसे हार्ट बीट फ़ास्ट हो जाएगी, ब्लड प्रेशर ज्यादा हो जाता है. लेकिन पॉज एंड प्लान, में ये सब स्लो हो जाते है. तब आप शान्ति से बैठकर सोचने लगते कि आपका ब्लड प्रेशर नोर्मल है और आपकी हार्टबीट स्लो हो गयी है. आपके मसल्स रिलेक्स हो जाते है और भरने लगते हैं. आप गहरी सांस

पॉज एंड प्लानइस्टिंक्ट आपको सोचने का टाइम देता है कि आपको आगे क्या करना है. हमने जो आपको पहले स्टोरी सुनाई थी उसमे जब आप चोकलेट डोनट्स की तरफ देख रहे थे तो उस वक्त पॉज एंड प्लान एक्शन में था, आप कशमकश में थे कि डोनट्स खरीदे या शॉप से बाहर चले जाए.

वो टाइम याद करो जब इंटरनल कंपिलक्ट होता है. ये फीलिंग फाईट ओर पलाइट से काफी अलग होती है. आप कुछ मिनट्स के लिए रुक जाते है और सोचते हैं क्या मुझे ड्रिंक करने अपने फ्रेंड्स के साथ जाना चाहिए या नहीं? या” क्या मुझे ये महंगे जूते लेने चाहिए?’ या ” क्या मुझे अब इंटरनेट

ब्राउसिंग बंद करके काम करना चाहिए? तो आप जब किसी काम को करने से पहले उस पर सोच विचार करतें हो उस वक्त आपके अंदर पॉज एंड प्लान इंस्टिंक्ट चल रहा होता है.

विल पॉवर आरएक्स (Willpower RX)

अब सवाल ये है कि कुछ लोगो की विल पॉवर इतनी स्ट्रोंग क्यों होती है जबकि कुछ लोगो की नहीं होती? क्यों हमारी विलपॉवर कभी-कभी फेल हो

जाती है? असल में किसी भी तरह का स्ट्रेस आपकी विलपॉँवर को कमज़ोर कर देता है. जैसे कि अकेलापन, गुस्सा, डिप्रेशन या एजाईटी या फिर जब आप बहुत दर्द में होते हो या बिमार होते हो. इसलिए एक स्ट्रोंग विल पॉवर के लिए बॉडी और माइंड का हेल्थी होना भी बड़ा जरूरी है. हेल्दी फूड लेने से, रोज एक्सरसाइज़ वगैरह करने और पूरी नीद लेने से हमारी विलपॉवर स्ट्रोंग बनती है. जब आप रिलेक्स करते हो, तो वो करो जिससे का एक सिपल तरीका अपने फेमिली और फ्रेंड्स के साथ टाइम स्पेंड करो, इससे आपके अंदर और भी सेल्फ कण्ट्रोल आएगा. विल पॉवर बढ़ाने आपको खुशी मिले और

डीप ब्रीदिंग भी है. चलो, इसे एक स्टोरी से समझते है.

नाथन एक लोकल होस्पिटल में नर्स है. उसकी जॉब भी काफी बढ़िया है लेकिन काफी स्ट्रेसफुल भी है. उसे क्लेरिकल टास्क के अलावा पेशेंट्स का भी ख्याल रखना होता है. नाथन ने देखा की जब भी वो स्ट्रेसफुल होता है तो डीप ब्रीदिंग से उसे बड़ा रिलेक्स फील होता है, इससे वो क्लियरली सोच पाता और अंडर प्रेशर उसे राईट डिसीजन लेने में भी हेल्प मिलती है. ये उसके लिए काफी इफेक्टिव है. उसने ये टेक्नीक अपने को-वर्कर्स के साध भी शेयर की.

डीप ब्रीदिंग टेक्नीक सबके लिए काफी फायदेमंद साबित हुई. बाकि नर्सेज भी अब पेशेंट की फेमिली से बात करने से पहले स्लो और डीप ब्रीदिंग की प्रेक्टिस करने लगी थी. ये लोग लॉन्ग शिफ्ट्स के बाद या इमरजेंसी सिचुएशंस में खुद को रिलेक्स और शांत रखने के लिए डीप ब्रीदिंग करते है. नाथन ने अपने पेशेंट्स को भी डीप ब्रीदिंग के लिए बोला. ये उन्हें स्ट्रेसफुल मेडिकल प्रोसीजर में काफी रिलेक्स फील कराता है और साथ ही दर्द सहने की ताकत भी देता है. स्लो और डीप ब्रीदिंग लेने से पेशेंट्स की विलपॉवर भी बढ़ती है जो उन्हें बिमारी से लड़ने में हेल्प करती है.

द विल पॉवर मिराकल (The WIllpower Miracle)

विलपॉवर बढ़ाने की एक और टैक्नीक है एक्सरसाइज़. एक एक्जाम्पल लेते है, ऑस्ट्रेलिया के दो रीसर्चर्स सेल्फ कण्ट्रोल का एक नया ट्रीटमेंट सीख रहें

है. और उन्हें जो रीजल्ट मिला काफी अमेजिंग है. 18 औरतो और 5 आदमियों ने रीसर्च में पार्टीसिपेट किया. उनकी एज रेंज 18 से 50 साल के बीच है. रीसर्चर्स ने उन्हें एक नया ट्रीटमेंट ट्राई करने को बोला. सिर्फ 2 महीने में ही उन लोगो में काफी बड़ा चेंज देखने को मिला. पार्टीसिपेंट्स ने नोटिस किया कि इस ट्रीटमेंट के बाद अब वो और ज्यादा फोकस कर पा रहे थे और किसी भी डिस्टेक्टशन से उन्हें फर्क नहीं पड़ता था. इसके बाद उन्होंने सिगरेट, शराब और कॉफी पीना भी पहले से कम कर दिया था, अब ये लोग जंक फूड छोडकर ज्यादा हेल्दी फूड खाने लगे थे

हालाँकि किसी ने भी उन्हें ये सब करने को नहीं बोला था. पार्टीसिपेंट्स ने ये भी नोटिस किया कि वो अब टीवी कम देखते थे और बुक्स ज्यादा पढ़ते थे,

यही नहीं ये लोग ज्यादा पैसे सेव करने या कोई फालतू की शौपिंग अट्रैक्ट नहीं करती थी. अपने गुस्से को भी अब ये लोग ईजिली लगे थे. इन्हें अब सेल कण्ट्रोल करने लगे थे और अपने काम के लिए और ज्यादा मोटिवेटेड हो

तो आखिर ये नया ट्रीटमेंट था क्या? ये इतना अमेजिंग कैसे था? और ये ट्रीटमेंट मिलता कहाँ है? दरअसल वे न्यू टेक्नीक जिसके बारे में रीसर्चर्स ने स्टडी किया था. किसी भी वो है एक्सरसाइज यानी फिजिकल एक्टिविटीज़. बस यही सीक्रेट है. जिन लोगों ने पार्टिसिपेट किया था बो इस स्टडी से पहले ; की एक्सरसाइज नहीं करते थे, रिसर्चर्स ने तो उन्हें बस उनके नियरेस्ट जिम की मेंबरशिप ऑफर की थी, उन्होंने उन लोगो को डेली तरह एक्सरसाइज़ करने के लिए एकरेज किया. पहले मन्थ इन लोगो ने हफ्ते में एक बार एक्सरसाइज़ की. फिर सेकंड मन्ध से ये लोग हफ्ते में तीन टाइम

जिम जाने लगे.

रीसर्चर्स ने इन्हें अपने डेली रूटीन में एक्सरसाइज़ के आलाचा कोई और चेंज करने को नहीं बोला था. लेकिन शायद रेगुलर एक्सरसाइज़ की वजह से इनका सेल्फ कण्ट्रोल बढ़ गया था और इसलिए इन्होने अपनी बेड हैबिट्स छोडकर गुड हैबिट्स अपना ली थी. एक्सरसाइज़ एक चंडर ड्रग है जो आपकी सेल्फ कण्ट्रोल को मजबूत बनाता है, टेन डिफरेंट स्टडीज़ के बाद एक चीज़ प्रव हुई है कि डेली 5 मिनट की एक्सरसाइज़ एक घंटे के इंटेंस जिम सेशन से भी ज्यादा इफेक्टिव है, फिर चाहे 5 मिनट की वाक ही क्यों हो, ये आपका मूड ठीक करती है और स्ट्रेस में रिलीफ देती है. ये आपका विविक फिक्स है.

असल में कोई भी फिजिकल एक्टिविटी करना बॉडी और माइंड पर पोजिटिव असर डालता है. आप चाहे तो योगा करो, या स्विमिंग या डॉसिंग या गार्डनिंग या फिर अपने डोंग के साथ रनिंग करो या अपने बच्चों के साथ खेलो. एक लम्बे दिन के बाद, अगर आप ज्यादा थके हुए हो तो सिर्फ 5 मिनट की विलपॉवर एक्सरसाइज़ करो. इस बात की गारंटी है कि आप इसके बाद काफी अच्छा फील करोगे.

अ रिल्न्क्टेंट एक्सरसाइज़ चेजेस हिज़ माइंड

A reluctant exerciser changes his mind

अंटोनियो 154 साल का है. उसके पास दो इटेलियन रेस्ट्रोरेनट्स है. उसे हाई कोलस्ट्रोल और हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत थी. और वो थोडा सा ओवरवेट भी है. डॉक्टर ने उसे बोला कि अगर तुम अपनी लाइफ स्टाइल चेंज नहीं करोगे तो तुम्हे हार्टअटैक आने के चांसेस है. अंटोनियो के पास घर में ट्रेडमिल था जो उसने कभी । यूज़ नहीं किया था. अपने बिजी शेजाल के चलते उसके पास वर्कआउट के लिए ज़रा भी टाइम नहीं था. दरअसल एंटोनियो को एक्सरसाइज़ करना वेस्टेज ऑफ़ टाइम लगता था, फिर उसे पता चला कि एक्सरसाइज़ करने से हमारी विलपॉवर बढ़ती है. अत जैसे कि एरोनियो काँसटेटिव नेचर का आदमी था. और उसे अपनी परफोर्मेस इम्रव करनी थी इसलिए उसने एक्सरसाइज़ करने की ठान ली. एक उसने एक स्टिरकी नौट में विलपॉवर लिखा और उसे अपनी टेडमिल के कैलोरी टेकर में चिपका दिया. अब वो रेगुलर ट्रेडमिल यूज़ करने लगा था. जितनी उसकी कैलोरी बर्न होती उतना ही उसकी विल पॉवर बढ़ती जा रही थी. एंटोनियो को अपने अंदर एक चेंज फील हो रहा था. उसे लग रहा था कि वो अब पहले से स्ट्रोंग हो गया है. वो सुबह उठकर डेली ट्रेडमिल पर दौड़ता था ताकि पूरे दिन उसकी विलपॉवर बनी रहे. सिर्फ 2 मंध्स बाद ही एंटोनियो की हेल्थ काफी इम्पूव हो गयी थी. अब उसका कोलस्ट्रोल लेवल और ब्लड प्रेशर दोनों एकदम बढ़िया थे. और उसने काफी वेट भी लूज़ कर लिया था. इसके अलावा एंटोनियो सारा दिन एनेर्जी से भरपूर रहता था. एक फिट बॉडी और माइंड होने की वजह से वो अपनी हर जिम्मेदारी बड़े अच्छे से उठा रहा था.

गेन विलपॉवर इन योर स्लीप! (Gain Willpower In Your Sleep!) एक बात तो सच है,

अगर हमारी नींद पूरी ना हो तो हम अपनी सेविंग्स या इच्छा के आगे कमज़ोर पड़ जाते है. कम नींद की बजह से फोकस करने में और अपने इमोशंस को कण्ट्रोल करना भी मुश्किल लगता है. जब आप कम नींद लेते है तो आपकी बॉडी के सेल्स ब्लड से शुगर पूरी तरह एब्ज़ोबव नहीं र पाते है. इसीलिए आप लेजीनेस और थकावट फील करते हो. अब क्योंकि आपका ब्लड शुगर कम है तो आपकी बॉडी और ब्रेन आपको ज्यादा एनेर्जी का सिग्नल देते हैं. और आप कॉफी या स्वीट्स की तरफ अटेक्ट होते हैं. तब प्री-फ्रंटल कोर्टेक्स बुरी हालत में होता है क्योंकि इसे एनेर्जी की बहुत जरूरत होती है. इस टाइम पर आप शायद फिनेअस गेगे या इनक्रेडिबल हल्क की तरह बिहेव कर सकते हो. आपको बहुत गुस्सा आने लगता है और आप सेल्फ कण्ट्रोल लूज़ करने लगते हो. एक दिन की नीद भी अगर पूरी ना हो तो डेली के सिंपल स्ट्रेस झेलने भी मुश्किल हो जाते है जैसे कि ट्रेफिक जैम या ग्रोसरी की शॉप में लम्बी लाइन.

क्योंकि आपका प्री-फ्रन्टल बेलेंस बिगड़ने से ये फाईट ओर पलाइट इंस्टिंक्ट और स्ट्रेस होरमोन को बेलेंस नहीं कर पाता है. लेकिन गुड न्यूज़ ये है कि इसे आसानी से रिपेयर किया जा सकता अगर आप रोज़ रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक की नीद पूरी करते है तो ये आपकी बोंडी और ब्रेन के लिए काफी फायदेमंद होगा, भरपूर नींद हमारे लिए एक थेरैपी की तरह है जिससे ड्रग एडिक्ट्स तक रिकवर हो जाते है, इसलिए डॉक्टर्स उन्हें जल्दी सोने की सलाह देते है, ड्रग एडिक्ट्स को एक घंटे की एक्स्ट्रा नींद से भी काफी फायदा होता है और उनका सेल्फ कण्ट्रोल बढ़ता है,

व्हेन स्लीप इज़ द विल पॉवर चेलेंज (When Sleep is The Willpower Challenge) लिजा 29 साल की है. उसे रात को देर तक जगने की हैबिट है. वो अपने फ्लैट में अकेली रहती है इसीलिए उसे देर से सोने पर कोई रोकने-टोकने

वाला नहीं है. वो जब सुबह उठती है तो एक नशे जैसी हालत में होती है. उसे अपने अंदर एनेर्जी की कमी फील होती है और इस वजह से उसे दिन भर थकावट रहती है. फिर बड़ी मुश्किल से वो ऑफिस पहुँचती है. एने्जी के लिए वो एक बड़ा कप भर के कॉफ़ी का लेती है. लेकिन उसकी थकावट फिर भी दूर नहीं होती. कई बार तो वो अपने डेस्क पर या मीटिंग्स में ही सो जाती है. लिजा जानती है कि इस तरह ऑफिस में सोना काफी शर्मनाक है लेकीन वो अपनी नींद पर कण्ट्रोल ही नहीं पाती

शाम के 5 बजे लिजा घर पहुंचती है. उस टाइम तक वो इतनी धक चुकी होती है कि उसका मूड टोटल ऑफ होता है. इस टाइम लिजा को सबसे ज्यादा फ्रेंच फ्राईज और चीज़बर्गर की क्रेविंग्स फील होती है, इसलिए वो रोज़ ऑफिस से लौटते हुए अपने लिए फ़ास्ट फूड पैक करा के लाती है. फिर उसे पता चला कि भरपूर र नींद हमारी हेल्थ के लिए क्यों जरूरी है और ये कैसे हमारी विलपॉवर को इम्पूव करती है तो उसने डिसाइड किया कि वो अपनी लाइफ स्टाइल में चैंज लाएगी. पहले हफ्ते लिजा चाह कर भी जल्दी नहीं सो पाई. डिनर के टाइम उसने खुद से कहा आज मै जल्दी सोने जाउंगी लेकिन । बजे तक भी लिजा । नहीं पाई थी. लिजा ने पहले अपनी मेल्स चेक की, टीवी देखा और इंटरनेट ब्राउसिंग किया.

लिजा डेली सोने से पहले यही रूटीन फोलो करती थी. अगले हफ्ते लिजा ने अपने लिए एक नया रुल बनाया. और ये रुल था की यो डिनर के बाद सारे इलेक्ट्रोनिक्स डिवाईसेस जैसे मोबाइल टीवी, लैपटॉप वगैरह बंद कर देगी. सोने से पहले उसने एक शावर लिया और बेड पर रिलेक्स होकर लेट गयी. इस टाइम तक लिजा को नींद आने लगी थी और 10 बजे तक वो गहरी नींद में चली गयी. एक महीने बाद लिजा की लाइफ स्टाइल चेंज हो चुकी थी. वो डेली अब पूरे 7 घंटे की नींद लेती थी. उसे अपनी ओल्ड हैबिट्स से नफरत हो गयी थी. सुबह वो एकदम फ्रेश उठती थी और ऑफिस में भी एनेर्जी से भरी रहती थी, धीरे-धीरे लिजा नै कॉफ़ी और फ़ास्ट फूड भी छोड़ दिया था. कनक्ल्यू जन

(Conclusion).

विल पॉवर मसल्स की तरह है, आप जैसे मसल्स ग्रो करने की प्रेक्टिस करते है वैसे ही हमे विल पाँवर भी बिल्ड करनी पड़ती है. लेकिन अगर आप एक

दिन में सारी एक्टिविटीज करते है तो ज़ाहिर है आपकी विल पॉवर कमजोर पड़ जाएगी. मसल्स की तरह हमारी विल पॉवर भी ज्यादा वर्क लोड लेने से थक जाती है. और इसे भी रेस्ट की ज़रूरत पड़ती है. इसके लिए आप मेडीटेशन कर सकते हो या थोड़ी देर की पॉवर नैप ले सकते हो. इससे आप फिर से तरो-ताज़ा फील करोगे और आपकी विल पॉवर पहले से कहीं ज्यादा स्टोंग हो जाएगी. इस समरी में आप विल पावर के बारे में पढोगे. इस बुक के थ्रु हम आपको पॉज और प्लान इस्टिक्ट के बारे में बताएँगे. इस समरी में हम आपको बताएँगे कि सेल्फ कण्ट्रोल में एक्सरसाइज़, भरपूर नींद और डीप ब्रीदिंग का कितना पोजिटिव इफकेट पडता है. इसलिए ये मत समझना कि आप अपनी सेल्फिश डिजायर्स और कमजोरियों के सामने पॉवरलेस हो. क्योंकि आप अपनी हर कमजोरी पर काबू पाकर एक बैटर इन्सान बन सकते हो. एक चीज़ हमेशा ध्यान रहे कि आपको अपनी बॉडी और माइंड हमेशा हेल्थी रखने होगे ताकि आपके अंदर एक स्ट्रोंग विल पॉवर बनी रहे,

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