
THE GIFT OF THE MAGI by O.Henry.
About Book अब किया ही क्या जा सकता था सिवाए इसके कि सोफे पे लेट के अपनी गरीबी का रोना रोया जाए. और यही डेला ने किया भी. आखिर जिंदगी है …
THE GIFT OF THE MAGI by O.Henry. Read MoreDiscover Insightful Book reviews here
Books hold unparalleled importance in our lives.
About Book अब किया ही क्या जा सकता था सिवाए इसके कि सोफे पे लेट के अपनी गरीबी का रोना रोया जाए. और यही डेला ने किया भी. आखिर जिंदगी है …
THE GIFT OF THE MAGI by O.Henry. Read MoreAbout मैं जिन घटनाओं के बारे में आपको बताने वाला हूँ, उन्हें बीते बहुत साल हो गए हैं, लेकिन फिर भी मैं उन्हें बताने में झिझक रहा हूँ। लंबे समय तक, …
THE ADVENTURE OF CHARLES AUGUSTUS MILVERTON by Arthur Conan Doyle. Read Moreसाल ’95 की बात हैं, मैंने अपने दोस्त शरलॉक को पहले कभी इतने बेहतर मेन्टल और फिज़िकल हालत में नहीं देखा था. उसके बढ़ते हुए शोहरत से उसकी प्रैक्टिस काफी बढ़ …
THE ADVENTURE OF BLACK PETER by Arthur Conan Doyle. Read MoreAbout जोखू ने लोटा मुंह से लगाया तो पानी से सख्त बदबू आ रही थी। वो गंगी से बोला- “यह केसा पानी है ? इसमें इतनी बदबू है कि पिया नहीं …
THAKUR KA KUAN by Munshi premchand. Read Moreमीर दिलादूल्हा अली के पास एक बड़ी रास का कुम्मैत घोड़ा था। कहते तो वह यही थे कि मैंने अपनी जिन्दगी की आधी कमाई इस पर खर्च की है, पर असल …
STATWA RAKHSA by Munshi premchand. Read MoreAbout Book दो सौ साल से जयादा बीत गये हैं; पर चिंतादेवी का नाम अभी भी चला आ रहा था । बुंदेलखंड के एक उजाड़ जगह में आज भी मंगलवार को …
SATI by Munshi premchand. Read Moreदुर्गा माली डॉक्टर मेहरा, बार-ऐट ला, के यहाँ नौकर था। पाँच रुपये महिने का तनख्वाह पाता था। उसके घर में बीवी और दो-तीन छोटे बच्चे थे। बीवी पड़ोसियों के लिए गेहूं …
PASHU SE MANUSHY by Munshi premchand. Read MoreAbout क्या नाम कि… सुबह नहा धोकर-पूजा पाठ से निपट कर तिलक लगाकर, पीताम्बर पहन, खडाऊँ पाँव में डाले, बगल में पत्रा दबाकर एक जजमान के घर चला। शादी की जगह …
MOTOR KE CHEENTE by Munshi premchand. Read MoreAbout डिग्री लेने के बाद में रोज लाइब्रेरी जाया करता। अखबार या किलाबों को पढ़ने के लिए नहीं। किताबों को तो मैंने न छने की कसम खा ली थी। जिस दिन …
JWALAMUKHI by Munshi premchand. Read MoreAbout Book नीला – “तुमने उसे क्यों लिखा?” मीना – “किसको?” ‘उसी को! ‘मैं नहीं समझी!’ ‘खूब समझती हो! जिस आदमी ने मेरा अपमान किया, गली-गली मेरा नाम बेचता फिरा, उसे …
JADOO by Munshi premchand. Read More