QUEEN OF FASHION by Caroline Weber.

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यह किसके लिए है

ये जो इतिहास पढ़ना पसंद करते हैं।

वैजो फैशन के इतिहास के बारे में जानना चाहते हैं।

वे जो गेरी एटोनिएट के बारे में जानना चाहते हैं।

लेखक के बारे में

कैरोलीन वेबर (Caroline Weber) बनाई कालेज में फ्रेंच और कापरेटिव लिट्रेचर को प्रोफेसर है। वे 18वीं शताब्दी के फ्रेंच काचर की सोशलिस्ट हैं। वे यूनिवर्सिटी ऑफ पैनीसाइल्वेनिया और येल यूनिवर्सिटी में पढ़ा चुकी हैं। वे एक लेखिका है जिन्होंने अब तक तीन किलाचें लिखा हैं। इसके अलावा वे वाशिंगटन पोस्ट के लिए बहुत से आर्टिकल लिख चुकी हैं।

यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए

आज हम टीवी पर एक्टर्स और एक्ट्रेसेस को तरह तरह के फैशन करते हुए देखते हैं। बहुत से लोग उनकी नकल करने की कोशिश करते है। चाहे वो उनका पहनावा हो था उनकी हेयर स्टाइल, हम सभी लोग किसी न किसी तरह से उन सेलिब्रिटीस की नकल करते ही रहते हैं। लेकिन यह बात नई नहीं है।

पहनावे को लेकर पहले के वक्त में बहुत सख्त नियग हुआ करते थे। एक व्यक्ति अपने काग और अपनी पोजीशन के हिसाब से कपड़े पहना करता था। यहाँ तक की रानियाँ भी वही पहन सकती थीं जो उनके पहनने के लिए बनाया गया था लेकिन यह किताब हमें उस शख्स के बारे में बताती है जिसने इन नियमों को तोड़कर फैशन को जन्म दिया। यह किताब हमें मैरी एटोनिएट के बारे में बताती है और साथ ही यह बताती है कि हतिहास में फैशन को लेकर लोगों के क्या विचार थे।

इसे पढ़कर आप सीखेंगे

मैरी टंटोनिएट कौन थीं और फैशन से उनका क्या वास्ता था।

आज के वक्त के फैशन इंडस्ट्रीज की शुरुआत किस तरह से हुई थी।

-फेशन मैरी की मौत की काह क्यों बनी।

मैरी की शादी कम उम्र में ही कर दी गई थी जिससे उन्होंने फैशन के महत्व को समझा।

मैरी एटोनिएट आस्ट्रिया राज्य की शहजादी थी। बचपन में वे अपने कपड़ों पर कुछ खास ध्यान नहीं देती थी और ना ही उन पर हर वक्त अच्छे कपड़े पहने रहने का दबाव होता था। लेकिन जब उनकी शादी हुई तो सब कुछ बदल गया।

मैरी की शादी राजनीतिक वजहों से की गई थी। फ्रांस और आस्ट्रिया के बीच लम्बे अरसे से युद्ध चल रहा था। अब जा कर कहीं उनके बीच शांति का माहौल बना था। 1756 में ट्रीटी आफ पैरिस के बाद उनके बीच का युद्ध खत्म हुआ था और इस शांति को बनाए रखने के लिए मैरी की शादी 770 में फ्रांस के शहजादे लुइत अगस्त से कर दी गई जो कि फ्रांस का अगला राजा बनने वाला था। इस समय मैरी 15 साल की थी।

मैरी को अब फ्रांस में एक रानी की जिन्दगी जीनी थी जिसके लिए उन्हें आस्ट्रिया के पुराने कायदों को भूल कर वहाँ का रहन सहन सीखना पड़ता। उन्हें यह बताया गया कि किस तरह से उनका सुंदर दिखना शांति बनाए रखन के लिए बहुत जरुरी है। उन्हें नए तरीके से चलना सिखाया जाने लगा जिसे वसाइल्स म्लाइड कहा जाता था। इसमें उन्हें छोटे कदमों के साथ अपने पैरों को जमीन पर घिसते हुए वलना था। अब उन्हें नए तरह के कपड़े पहनने पड़ते। उनकी माँ ने आज के वक्त के लगभग 2 से 3 मिलियन डॉलर खर्च कर के उनके लिए नए कपड़े मंगाए।

लेकिन इस शादी से सब लोग खुश नहीं थे। लुइस के परिवार के कुछ लोगों को यह बात पसंद नहीं आ रही थी कि एक आस्ट्रिया की लड़की अब फ्रांस की रानी बनेगी। इन लोगों में फ्रांस के राजा लुइस 15 की पत्नी मैदाम डु बरी, उनकी बहनें मेस्डाम्स एडीलाइड, सोफी और विक्टोडर शामिल थे।

मैरी महल के लोगों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पा रही थी।

फ्रांस के राजा बहुत सख्त नियमों को अपनाते थे। वै चो हर काम करते थे जिससे वे आम लोगों से अलग और ऊपर दिख सरके। वे अपनी हरकतों पर बहुत खास ध्यान देते थे ताकि लोग उन्हें ऊपरी दर्जे का मान कर उनकी गुलामी कर सकें। वे हर काम को कुछ इस तरह से करते थे जिससे लगे कि वे भगवान के अवतार हैं। यहाँ तक की बाथरूम इस्तेमाल करने के अलग नियम थे।

राजमहल में हर एक व्यक्ति को उसका काम दिया जाता था। एक रानी का काम था कि वे बच्चे पैदा कर के वंश को आगे बढ़ाए। लेकिन मैरी इस काम को नहीं कर पा रही थीं।

क्योंकि उनके पति को बच्चे पैदा करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। लुइस अगस्त राजा बनना ही नहीं चाहता था और वो स्वभाव का बहुत शांत व्यक्ति था। उसके भाझयों

की मौत हो चुकी थी जिससे यह जिम्मेदारी उसके ऊपर आ गई थी। बहुत से लोग उसे होमोसेक्शुअल कहा करते थे क्योंकि वो महिलाओं में दिलचस्पी नहीं रखता था।

मेरी की सास मारिआ लोसिंस्का ने अपने रानी होने का फर्ज बहुत अच्छे से निभाया था। उन्होंने सारे नियमों को अपना कर अपनी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाया जिनसे वे बहुत प्रसिद्ध रानी बन गई थी। लेकिन वे कभी कभी अपने पति के काम में दखलअंदाजी करती थीं। मैरी अपनी सास की तरह जिम्मेदारियों को नहीं संभाल पाई।

कुछ समय के बाद मैरी ने अपने रहन सहन में बहुत बदलाव करने शुरु कर दिए।

मैरी बस कहने के लिए एक रानी थी. असल में उनकी जिन्दगी किसी गुलाम से कम नहीं थी। इसलिए उन्होंने अपनी गुलामी की जंजीरों को तोड़कर आजाद किया। इससे वे पूरे फ्रांस की नजरों में आने लगी और लोग उन्हें बहुत पसंद करने लगे।

होने का फैसला

मेरी को आजाद रहने में बहुत मजा आता था। ये अक्सर महल छोड़कर पेरिस भाग जाती थी और एक आम आदमी का भेस बनाकर घूमती थी। वे थिएटर में जाती थी और लोगों के साथ उठती बैठती थी।

उनके भाग जाने की स्वब्बर अक्सर फ्रांस के अखबारों में छपती थी जिसे पढ़कर लोगों को बहुत मज़ा आता था। हालांकि बहुत से लोगों को इससे हैरानी भी होती थी क्योंकि इससे पहले किसी ने यह काम नहीं किया था।

आगे चलकर मेरी ने फैशन को बढ़ावा देना शुरू किया। वे बालों को ऊपर उठा कर झारने लगी और उसके ऊपर पंख, गइने या सब्जियां लगाकर उसे सजाने लगी। लोगों को यह फैशन बहुत पसंद आता था। वे अपने बालों को एक टावर की तरह खड़ा कर के उसे किसी भी तरह से सजा सकते थे।

मैरी अलग अलग तरह के कपड़े पहन कर राजनीतिक मसलों का विरोध या उन्हें सपोर्ट करती थी। उन्होंने अमेरिकन रिवोल्युशनरी वार में ब्रिटेन का विरोध करने के लिए अपने बालों को बेली पाउल से सजाया जो कि फ्रांस का जंगी जहाज हुआ करता था। इसी तरह से मैरी भलग अलग तरह के कपड़े पहनती थी जो कि देखने में बहुत अच्छे लगते थे। कुछ लोगों का मानना है कि इस समय के फैशन इंडस्ट्री का जन्म उनकी वजह से हुआ था। लेकिन जो भी हो, मैरी ने यह दिखा दिया कि एक रानी को किस तरह से रहता चाहिए।

बदलते माहौल के साथ लोगों को लगने लगा कि मैरी का फैशन करना देश के लिए अच्छा नहीं है।

फ्रांस अमेरिकन रिवोल्यूशनरी वार में अपने सारे साधतों को लगा रहा था जिससे कि फ्रास में महंगाई बढ़ने लगी और साधन घटने लगे। लोग गरीबी में जीने लगे। ऐसे में जब लोग मेरी को महो गहने और महंगे फैशन के सामानों का इस्तेमाल करते देखते थे तो उन्हें लगते लगा कि देश का सारा पेसा मैरी पर खर्च हो रहा है। इसलिए जो कभी उनके दिवाने हुआ करते थे, अब उनसे नफरत करने लगे।

इसके अलावा मैरी अपने बालों को सजाने के लिए जिस पावडर का इस्तेमाल करती थी उसमें आटा मिलाया जाता था। 1775 में फ्रांस में फ्लोर वार होने लगा। लोग खाने के लिए मर रहे थे और आटे के लिए लड़ रहे थे। जब उन्हें पता लगा कि मैरी के पावडर में भाटा मिलाया जाता है तो उन्होंने वस्साइल्स महल के गेट पर हमला बोल दिया। उन्हें लगने लगा कि वे वहाँ पर खाने के लिए मर रहे हैं और रानी आटे का फैशन कर रही हैं।

इसके अलावा जब लुइस 15 की मौत हुई और लुइस 16 राजगद्दी पर बैठे तो लोगों में और गरीबी फेल गई। इस बीच मैरी ने जब लुइस 16 के राजा बनने की खुशी में एकदम अलग तरह का और महंगा कपड़ा पहना तो लोग और गुस्सा हो गए और उन्होंने उनका मजाक उड़ाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि मेरी के बालों की वजह से राजा तो उन्हें दिखाई ही नहीं दे रहे थे। यह राजा की बेइज्जती थी।

इस बीच लोगों में तरह तरह की अफवाह फैलाने लगी। लोग कहने लगे कि मेरी के टावर की तरह खड़े बालों की वजह से अब राजमहल के दरवाजों को तोड़कर बड़ा बनाया जा रहा है। तीन महिलाए मैरी की तरह बाल झारती थी। उनके बाल झूमर में जाकर फस गए और वे जल कर मर गई। इस तरह से उनके बालों के फैशन को लोग नापसंद करने लगे।

इस तरह से मेरी, जो कभी लोगों में बहुत फेमस हुआ करती थी, अब लोग उनके फैशन को देश की गरीबी की बजह और देश के लिए खतरा मानने लगे।

मैरी ने अलग अलग तरह के फैशन करना जारी रखा।

अब बहुत से लोग मैरी ने नफरत करने लगे थे और साथ ही लोग उन्हें पहचानने भी लगे थे। इसलिए मैरी भाग कर पैरिस नहीं जा सकती थी क्योंकि अब लोग वहाँ पर उन्हें पहचानने लगे थे। उन्होंने अपने मन से रहने के लिए एक गार्डन बनाया जिसका नाम पेटिट ट्रिएनन था।

पेटिट ट्रिएनन में गैरी ही सब कुछ थी। वहाँ के सारे नियम मेरी सुद बनावी थी और वहाँ पर आने वाले लोगों को उनकी बात माननी पड़ती थी। वहाँ पर जो भी नियम लाग होते थे उसपर वे हस्ताक्षर करती थीं। लोगों ने इसका यह मतलब निकालना शुरू किया कि रानी अब राजा से ऊपर उठकर सारी शक्तियाँ खुद हासिल करने की कोशिश कर रही हैं।

मैरी ने एक अलग तरह का कपड़ा निकाला जो कि लोगों को बिल्कुल पसंद नहीं आया। इसका नाम केमाझस अ ला रीन था जो कि एक मामूली सा कपड़ा था जिसे अपने ऊपर लपेट कर कमर पर एक सेश से उसे बाँध दिया जाता था। इसकी खास बात रह थी कि यह पहनने में बहुत आसान था और इसे पहकर चलने में आजादी महसूस होती थी। मेरी इसे पेटिट ट्रिएलन में पहन कर अपने दोस्तों के साथ पार्टी किया करती थी।

1783 में मैरी ने केमाहस अ ला रीन पहन कर अपनी एक पेंटिंग बनवाई। उन्होंने बिल्कुल मेकअप नहीं किया था और ना ही उन्होंने कुछ महंगा पहना था। लोगों ने इस पेंटिंग को देखा तो उन्हें लगने लगा कि रानी सारे शाही नियमों को तोड़कर रही है जिससे वे मब शाही बिल्कुल नहीं रही लोगों ने उनकी इज्जत करना बंद कर दिया।

जब मेरी ने देखा कि लोग इस पेंटिंग से उन से नाखुश है, तो उन्होंने उस पेंटिंग को हटा कर एक दूसरी पेंटिंग लगा दी। लेकिन अब वे लोगों की नजरों में अच्छा बनने के लिए कुछ नहीं कर सकती थी।

लोगों की बढ़ती नफरत मैरी की मौत की वजह बन गई।

मैरी अब चाहे कुछ भी पहनती या कुछ भी करती, लोग उनमें बुराइयाँ निकालना शुरू कर देते। हालांकि उनका फैशन करना अब किसी को पसंद नहीं था, लेकिन लोग फिर भी उनकी नकल करने की कोशिश करते रहते थे। उनके केमाइस अ ला रीन को बहुत सी महिलाएं पहनने लगी।

एक बार कोई चोर रानी का मैस बना कर लोगों को लूटने लगा। हालांकि मैरी का इससे कुछ लेना देना नहीं था, लेकिन फिर भी लोगों ने उन पर इल्जाम लगाना शुरू किया। वे कहने लगे कि उनका पहनावा ही कुछ ऐसा है जिसे कोई चोर आसानी से अपना कर चोरी कर सकता है।

मैरी के कपड़े बनाने के ज्यादातर सामान ब्रिटेन और आस्ट्रिया से आते थे। लोगों का कहना था कि बाहर के कपड़े पहन कर वे फ्रांस के लोगों की नौकरी और उनके पैसों से खिलवाड़ कर रही हैं। साथ ही एक व्यक्ति ने कहा कि रानी के बाहर के कपड़े और बाहर के देशों के रेशम की पसंद की वजह से लगभग 75% कारीगरों ने अपना काम खो दिया और उससे फ्रांस का रेशम कम बिकने लगा जिससे फ्रांस में गरीबी आ रही थी।

1789 में जब फ्रांस में क्रांति हुई तो लोग रानी को शाही पद से हटाने की मांग करने लगे। हालांकि मैरी ने आगे चलकर अपने फैशन को कम कर के सबकी तरह कपड़े पहनने शुरू कर दिए थे, लेकिन लोग अब उन्हें गिरगिट का नाम देने लगे। वे कहने लगे कि रानी अपने असली रूप छिपाने के लिए इस तरह के कपड़े पहन रही हैं।

मैरी लोगों की नजरों में बहुत ज्यादा गिर चुकी थी। इसलिए जब क्राति ज्यादा बढ़ी तो उन्हें फ्रांस का दुश्मन घोषित कर दिया गया और उन्हें गुडलोटीन से काटकर मारने की सजा दी गई। इसमें मुजरिम का सिर एक लकड़ी में डालकर उसके ऊपर एक भारी और तेज धार की लोहे की प्लेट गिराई जाती है जिससे मुजरिम का सिर शरीर से अलग होकर गिर जाता है।

जब मैरी को यह सजा दी जाने वाली थी तो मैरी ने एक सफेद रंग का गाउन पहना जो कि उन्होंने अपने जेल में छिपाकर रखा था। उसके ऊपर लिली के फूल बने थे जो कि बर्बन साम्राज्य की निशानी थी। इस तरह से उनकी मौत भी एक शानदार मीत थी जिसमें उन्होंने एक अलग तरह का फैशन किया था।

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