About Book
क्या आपके दिल में भी कभी ये खयाल आता है कि आप जिंदगी में खुश नही है? जैसी जिंदगी आप जीना चाहते थे, वैसी जिंदगी आप नही जी रहे? आप अपनी जिंदगी को एक नया मोड़ देना चाहते है पर शुरुवात कैसे करें या मालूम नहीं?
इन सारे सवालों के बारे में आप इस किताब में पढ़ेंगे. और सिर्फ सवाल ही नही, इस किताब में आपको अपने सवालों के जवाब भी मिलेंगे. तो क्या तैयार है आप अपनी जिंदगी में एक नया ट्विस्ट लाने के लिए?
ये समरी किस-किसको पढ़नी चाहिए?
मोटीवेशनल स्पीकर्स
जो लोग अपनी जिंदगी में एक मुश्किल दौर से गुजर रहे है/ जो लोग मिड लाइफ क्राईसिस फेस कर रहे है लाइफ कोच/ मेंटर्स को
ऑथर के बारे में
जेम्स एलेन एक ब्रिटिश राईटर थे जिन्होंने कई सेल्फ-हेल्प और इन्स्पिरेशनल किताबें लिखी हैं. उनकी बेस्ट सेलिंग किताब “As a Man Thinketh” 1903 में पब्लिश हुई थी पर आज इतने सालों बाद भी ये काफी पोपुलर बुक है और इससे इंस्पायर होकर कई सारी दूसरी किताबें और ऑडियोबुक्स लिखी गई है.
इंट्रोडक्शन
ऐसा क्या है जो हमें एक बेहतर जिंदगी देता है? हमारा काम, हमारे विचार या फिर दूसरों पर हमारा प्रभाव? क्या आप ऐसी लाइफ जीना चाहते है जहाँ आपको ये तसल्ली हो कि आपने अब तक जो भी किया बेस्ट किया?
इस किताब में आप पढ़ेंगे कि कभी-कभी जीना इतना मुश्किल क्यों लगता है. कौन से ऐसे फैक्ट्स है जो हमारी लाइफ को इतना स्ट्रेसफुल बनाते है.
इस किताब से आप ये भी सीखोगे कि हमें एक खुशहाल और पीसफुल जिंदगी जीने के लिए क्या करना चाहिए. हमारे हर सवाल का जवाब हमारे थॉट्स यानी जिंदगी को देखने के हमारे नजरिये पर डिपेंड करता है. तो आइए इस किताब को पढ़ते है और जानते है कि क्यों हमारे थॉट्स हमें इतना इन्फ्लुएंस करते है. 1 The Inner World of Thoughts
इंसान को कैसी जिंदगी जीनी चाहिए, ये सवाल अक्सर लोगों के मन में उठता है. क्योंकि हम में से ज्यादातर लोग नही जानते कि हम कैसी जिंदगी जी रहे है? बहुत से लोगों को तो ये भी नही पता होता कि वो सही मायनों में एक मीनिंगफुल लाइफ जी भी रहे है या नहीं. जिंदगी को लेकर हमारी अप्रोच कैसी होनी चाहिए, ये एक बड़ा सवाल है. इस किताब के ऑथर जेम्स एलेन कहते है” अगर आप. लाइफ पर कंट्रोल करना सीख गए तो समझ लो आपकी सारी प्रॉब्लम छूमंतर हो जायेगी. लेकिन अभी भी हम में से बहुत से लोग ऐसे है जिन्हें ये भी नहीं पता कि ढंग से जीना किसे कहते
तो इसकी वजह ये है कि हम में से ज्यादातर लोग इग्नोरेंट होते है, हमारी इग्नोरेंस ने हमारी आँखों पर पट्टी बाँध रखी है. हालाँकि सभी लोग एक जैसे
नही होते. पर कुछ लोग ऐसे भी है जो लाइफ की प्रॉब्लम से डरते नही है, वो इसलिए क्योंकि उनकी लाइफ में कोई प्रॉब्लम होती ही नही है. ये लोग
बुद्धिमान होते है. सच तो ये है कि हर इंसान की खुशियाँ और दुःख उसके अपने हाथ में है. गम और खुशी हमारी जिंदगी में यू ही नही चले आते बल्कि ये हमारे ही दिमाग की उपज है, हमारे इनर वर्ल्ड की पैदाइश है. तो ये माइंडसेट चेंज कर लो कि आपके दोस्त, परिवार या आपकी जॉब आपके सुख या दुःख की वजह है, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है बल्कि हम खुद अपनी बजह से रोते या हंसते है. अगर आप ठान लो कि आपको नहीं रोना तो कोई आपको नहीं रुला सकता. अगर आप लाइफ में बैटर आउटलुक चाहते हो तो आपको अपना एटीट्यूड भी चेंज करना होगा. आप सोच भी नही सकते कि एक गलत माइंडसेट कैसे हमारी पूरी जिंदगी बर्बाद कर सकता है.
एक एक्जाम्पल लेते हैं, मान लो जॉन एक दुखी इंसान है. वो सिर्फ अपने बारे में सोचता है और वही करता है जो उसे ठीक लगता है. जॉन के इसी गलत एटीट्यूड के नेगेटिव साइड इफेक्ट्स भी है. हालाँकि जॉन चाहे तो अपना नेचर बदल सकता है. उसके पास अभी भी मौका है एक बेहतर इंसान बनने का अगर वो बनना चाहे तो,
दरअसल आप अपने ख्यालो के बबल में बंद है और अगर आप चाहे तो ये बबल और बड़ा हो सकता है, ना सिर्फ बड़ा हो सकता है बल्कि चमकीला और हल्का भी हो सकता है. जो हम सोचते है, उसका पूरा असर हमारी पर्सनेलिटी पर पड़ता है. अब क्योंकि जॉन का लाइफ को लेकर एक नेगेटिव आउटलुक है तो उसे हमेशा हर चीज़ में नेगेटिविटी ही दिखेगी. यहाँ तक कि अगर कोई उसकी हेल्प भी करता है तो वो उसे शक की नजर से देखता है. उसे लगता है लोग उसके साथ अच्छा बिहेव कर रहे हैं तो जरूर इसके पीछे उनका कोई मतलब होगा, यही नहीं जॉन उन लोगों से भी जलता है जो उससे ज्यादा सबसेसफुल है, तो भला जॉन अपनी जिसकी वजह से उसे अपनी जिंदगी में सिर्फ लाइफ कैसे एन्जॉय कर सकता है जब वो इतना दुखी रहता है? जॉन के अंदर कडवाहट भरी है। बुराई ही
अब जॉन के पड़ोसी कीथ का एक्जाम्पल लेते है, कीथ एक बहुत ही अच्छा इंसान है. उसका दिल बड़ा है और वो काफी हेल्पफुल भी है. उसका बबल ऑफ़ थॉट्स काफी खूबसूरत और शानदार है. कीथ खुद भी खुश रहता है और अपने आस-पास वालों को भी खुश रखने की कोशिश करता है, वो लोगों की बुराई से ज्यादा उनकी अच्छाई देखता है. जिंदगी को लेकर उसकी अप्रोच पोजिटिव है इसलिए उसे हर चीज़ में अच्छाई नजर आती है.
जॉन और कीथ के अंदर की दुनिया अलग- अलग है. तो देखा आपने, हमारे विचारों का हमारी जिंदगी पर कितना असर पड़ता है? उनके इनर वर्ल्ड उनके आउटर वर्ल्ड को रिफ्लेक्ट करते है. जॉन हमेशा रात को गन लेकर सोता है. वो लोगों से मिलता-जुलता नहीं, उसका कोई दोस्त या करीबी नहीं है इसलिए वो एक तन्हा और उदास जिंदगी जी रहा है जबकि कीथ ने अपने घर के दरवाजे सबके लिए खुले रखे है. उसका अच्छा व्यवहार लोगों को उसके करीब खींच लाता है, और उसके बहुत से दोस्त है जो उसके हर सुख-दुःख में उसके काम आते हं न ै.
इसलिए अपनी सोच पर हमेंशा लगाम रखिये. कही ऐसा ना हो कि आप अपनी गलत सोच के गुलाम बन जाए. जैसे कि अगर आपको तुरंत ये ख्याल आ जाये कि ये दुनिया रहने लायक नहीं है तो आपको सिर्फ बुरी-बुरी बाते ही याद आएँगी. आप उन पलों को भूल ही जाओगे जब आप खुश थे. इसलिए आपको आगे बढ़ने के लिए खुद को पुश करना ही पड़ेगा. आपको सीखना होगा कि कैसे अपने इनर वर्ल्ड को चेंज करें ताकि हम एक खूबसूरत आउटर वर्ल्ड को एन्जॉय कर सके.
2 .The Outer World of Things
जो भी हमारे साथ होता है, हमारे इनर वर्ल्ड के कारण होता है. आप अभी जैसे भी हालात में जी रहे हो, उसके पीछे आपकी सोच है. इसलिए बात जब जिंदगी के प्रति अप्रोच की हो तो आपको अपनी सोच को बदलना ही होगा. मान लो आपको अपनी जॉब पसंद नहीं है तो कम से कम आप इसे देखने का नजरिया तो बदल सकते है. आप खुद से बोल सकते है कि इस जॉब की
वजह से आपका घर चल रहा है. जरूरी नहीं कि आप अपनी जॉब से प्यार करें पर कम से कम आप उसके प्रति टोलरेंस का एटीट्यूड तो रख ही सकते है. आपकी ये सोच आपको उस में कुछ वक्त और टिके रहने के लिए मोटिवेट करेंगी. हालाँकि ये भी मुमकिन है कि कोई दूसरी प्रॉब्लम आकर खड़ी हो जाये जैसे कि: आप और आपके कलीग में बिल्कुल नही बनती. दो आपके पीठ पीछे आपकी बुराई करता है. आप शायद तब खुद को और भी ज्यादा फंसा हुआ महसूस करें आप शायद एकदम हेल्पलेस फील करने लगे. क्योंकि आप खुद का बिहेवियर बदल सकते है पर दूसरे का कैसे बदलेंगे? नही, आप बदल ही नही
सकते. लेकिन हाँ आप भी जरूर कण्ट्रोल कर सकते हो कि आप इस सिचुएशन में रिएक्ट कैसे करोगे, अपने कलीग के बारे में नेगेटिव सोचने से अच्छा
है कि आप उसकी बातो को इग्नोर करें सिर्फ उस काम पर ध्यान दो जिसकी आपको सेलरी मिलती है यानी आपकी जॉब. क्योंकि हम इस दुनिया में हर किसी को नहीं बदल सकते बल्कि हमें ये सीखना है कि खुद को हर सिचुएशन में रिएक करने से कैसे बचाए. प्रॉब्लम को देखने का अपना नजरिया चेंज करें और फिर देखिएगा ये आपकी लाइफ को किस तरह बदल देता है. सिर्फ यही नहीं बल्कि हमारे एक्शन भी दूसरों को अफेक्ट करते है.
अपने व्यूज़ चज करना मुश्किल लगे रहा है तो शायद ये शट ककसानियत अभी तक जिंदा है क्योंकि इंसान इंसान से जुडा हुआ है.अगर आपको आपके काम आयेगा. हो सकता है कि आपका अपने पड़ोसी से कोई लेन-देन नहीं है, या शायद उन लोगों से भी नही जिनके साथ आप ट्रेन में सफर करते है. पर इसके
बावजूद आपके action का उन पर असर पड़ सकता है. मान लो आपने किसी राह चलते आदमी को धक्का दिया क्योंकि उसे ध्यान से चलने के लिए बोलना चाहते थे पर बोलने के बजाये आपने उसे धक्का दे दिया, आप तो आगे निकल गए और अगले ही पल उस आदमी को भूल भी गए. पर उस आदमी को सारा दिन वो धक्का याद रहा. वो काम पर जाने देरी हो रही थी क्योंकि उसकी माँ बीमार थी और कोई उसकी देखभाल करने वाला नहीं था. और वो आदमी बेचारा अपनी माँ के ईलाज के लिए पैसे जुटाने की चिंता में डूबा हुआ था. और जब वो इसी चिंता और उधेड़-बुन में जा
रहा था तो तभी आपने उसे धक्का दिया और उस आदमी का पूरा दिन बर्बाद हो गया. तो देखा आपने आपके एक सिंगल एक्ट का किसी की जिंदगी पर कितना असर पड़ सकता है. हमारे एक्शन या जो भी हम करते है उनमे भी कोई ना कोई वजह छुपी होती है. हमारे एकश्र लोगों को काफी हद तक प्रभावित कर सकते है. इसलिए अगली बार किसी को धक्का देने से पहले या उसके साथ बुरा व्यवहार करने से पहले सौ बार सोचना,
कर्म का सिद्धांत एक बड़ा ही दिलचस्प कासेप्ट है. हमारे साथ बुरा क्यों होता है? क्योंकि आपने भी कभी ना कभी किसी के साथ बुरा किया होगा. जो आप बोते हो वही काटते हो. आपको जो मिला है, आपके कर्मों का फल है. एक खुशहाल आदमी किसी की भलाई नही सकता पर उसके अच्छे कर्म कर सकते हैं क्योंकि आप आज किसी का भला करोगे तो वही भलाई सौ गुना होकर आपके पास वापस लौटेगी.
- Habit: Its Slavery and its Freedom हैबिट हमारी जिंदगी बना भी सकती है और बिगाड़ भी सकती है. जरा अपनी करट आदतों के बारे में सोचिये. क्या आपको लगता है कि कोई बुरी
आदत आप अभी आसानी से छोड़ सकते हो? क्या कभी ऐसा हुआ कि कोई बेड हैबिट आपने छोडी पर अलगे ही दिन फिर से वही काम किया? दरअसल आदत ह्यूमन नेचर का एक पार्ट है. एक इंसान के तौर पर हमें जानी-पहचानी चीज़े अच्छी लगती है, हम उन चीजों को पसंद करते है जो हमें जानी-पहचानी लगती है. हैबिट वो काम है जो हम बार-बार करते हैं. लेकिन समझदारी इसी में है कि हम अपनी हैबिट्स का फायदा उठाये. जैसे कि हम अपनी अच्छी आदतों से खुद में कई सारे पोजिटिव बदलाव ला सकते है, खुद को एक बेहतर इंसान बना सकते है. तो आज से ही अपने सेल्फिश एवन छोड़ने की आदत डाल लीजिये. इसे गुड बिहेवियर की हैबिट्स से बदल दीजिये. क्योंकि हैबिट्स इंसानी फितरत है, इसे हम छोड़ नही सकते पर अपनी बुरी आदतों को अच्छी आदतों से जरूर बदल सकते है. हाँ
आपकी आदतें आपके बारे में काफी कुछ बताती है, ये वो चीज़े है जो हम खुद ब खुद करने लगते हैं. ये हमारे बिहेवियर का एक पार्ट बन जाती है. अच्छी आदते हमारी जिंदगी में खुशियाँ और आज़ादी लेकर आती है वही बुरी आदते हमें गुलामी और दुखो की तरफ ले जाती है. आपको लगता होगा कि शायद बुरी आदते छोड़ना मुश्किल काम है पर ऐसा नही है, ये मुश्किल तो है पर नामुमकिन नही.
आपको हर रोज़ खुद पर मेहनत करनी होगी. एक दुःख भरी जिंदगी से खुशहाल जिंदगी की तरफ जाने के लिए आपको एक्टिव बनना होगा. आदत की एक बुरी बात है कि इन्हें बदलना या छोड़ना काफी मुश्किल होता है लेकिन यही इसका अच्छा साइड भी है. जब आप ज़िदगी के ऐसे पॉइंट पर पहुँच जाओगे कि आपके अदर कोई बुरी आदत बाकि ना रहे तो आप फिर कभी किसी बुरी आदत के शिकार नहीं बन सकते. आप अपने अंदर एक पॉवर फील करोगे. आपके एहन एकदम फिक्स हो जायेंगे और फिर आपके नेगेटिव थॉट आपको दोबारा कभी तंग नहीं कर पाएंगे.
इसलिए खुद को बदलने से डरो मत. इस मेंटालिटी को चेंज कर दो कि आप बुरी आदतें नही बदल सकते. अगर आपने ऐसा सोच लिया तो समझ लो आपने हार मान ली. यानी आप एक्सेप्ट कर रहे हो कि बुराई में बड़ी ताकत है, पर अच्छाई की ताकत सबसे बड़ी होती है और जिंदगी में नामुमकिन कुछ भी नही है, खुद को लिमिट्स में मत बांधो. आपके अंदर बहुत पोटेंशियल है, इसलिए आज से ही । cannot ” कहना छोड़ दो और”। can बोलना सीख लो और देखो ये एक छोटा सा शब्द कैसे आपकी जिंदगी को हर परेशानी और दुःख से आजाद कर देगा.
- Bodily Conditions
आपने बॉडी को हील करने के कई तरीके जरूर सुने होंगे. इसके लिए लोग कई तरह की क्लास लेते है, कई तरह के सेमिनार्स अटेंड करते है और इस बारे में कई सारे प्रोग्राम भी बने है. हर कोई सोचता है कि उसकी परेशानियों की वजह उसकी बॉडी है, पर आप बॉडी को ठीक करके भी सुखी नही हो सकते जब तक कि आपका माइंड बीमार है. हमारे हर फिजिकल पेन के पीछे की वजह हमारा मेंटल पेन है. जब हमारा मन ही खुश नहीं है तो हमारी बॉडी कैसे हेल्दी रह सकती है.
हमारी इच्छाओं का कोई अंत नहीं है इसलिए हमारा मन भी दुखी रहता है. अक्सर ये इच्छाएँ एक दूसरे से टकराती है. और हमारा दिल और दिमाग इस लड़ाई में पिस जाता है. क्या आपने कभी गौर किया है जानवरो को हमारी तरह प्रोबलम क्यों नही होती क्योंकि उन पर इसानों की तरह ज़िम्मेदारियाँ नही है और ना ही पाप या पुण्य का कांसेप्ट पता है. जानवर वही करते है जो उनका दिल कहता है.
पर इंसानों की दुनिया अलग है, हम जानवरों की तरह ना सोच सकते है, ना ही बिहेव कर सकते हैं, हमारे पास एक दिमाग है जो हमारे लिए वरदान भी है और अभिशाप भी. अगर आपका दिमाग दुखी है तो आपकी बॉडी पर उसका असर दिखेगा. क्या आपने गौर किया है जब हम उदास होते है तो
हमें अपनी बॉडी में भारीपन महसूस होता है. आपका कुछ भी करने का दिल नही करता, आपका माइंड आपकी बॉडी को रिफ्लेक्ट करता है,
हमें मानसिक शांति की जरूरत है. फिजिकली स्ट्रोंग होने के लिए मेंटली स्ट्रॉग होना बहुत जरूरी है. हालाँकि ये कोई जादुई गोली नहीं है जो आपको तुरंत फिट कर दे. आपको धीरे-धीरे ही एक बेटर माइंडसेट के चेंज नजर आयेंगे. इसलिए मेंटली स्ट्रोंग बनिए, उस प्रॉब्लम के बारे में सोचिये जो अभी आपको तंग कर रही है. क्या इस प्रॉब्लम की वजह आप उदास है? क्या आपको लगता है कि इस प्रॉब्लम का कोई ईलाज नही है? आपको शायद ये लगे कि अब सारे रास्ते बंद हो चुके है, पर ऐसा नही है. अपनी प्रॉब्लम बावजूद भी आप खुश रह सकते है. बल्कि जिंदगी की हर चुनौती को स्वीकार करके हम और भी मजबूत हो जाते है. बस सब कुछ डिपेंड करता है, के हमारे प्रॉब्लम को देखने के नजरिये पर,
इसलिए कभी अपनी बॉडी को अपने दिमाग पर रूल मत करने दो. आपकी मेंटल कडिशन अच्छी रहेगी तो आपकी बॉडी भी आपका साथ देगी. पर अपनी बॉडी को उसकी लिमिट से ज्यादा पुश मत कीजिये. अपने माइंड और बॉडी को डिसप्लीन में रखकर ही आप इम्पूवमेंट कर पाएंगे. इसे धीरे-धीरे अपना रूटीन बना लीजिये और फिर देखिये आप मेंटली और फिजिकली कितना फिट और हेल्दी फील करेंगे.
- Poverty
क्या गरीबी आपकी जिंदगी का सबसे बड़ा अभिशाप है? क्या आप गरीबी को हमेशा-हमेशा के लिए अपनी जिंदगी से मिटा देना चाहते हैं? इस बुक के ऑथर जेम्स लिखते हैं कि दुनिया के सबसे महान और बुद्धिमान लोगों ने गरीबी ही मांगी थी. इन लोगों ने बेहिसाब दौलत होते हुए भी उसे ठुकरा दिया, कई लोगों को गरीब होने से और गरीबी की जिंदगी जीने से डर लगता है. क्या आप को भी यही लगता है कि इंसान को गरीब नही होना चाहिए? न गरीबी को परेशानीयों और हर तरह की मुश्किलों से जोड़कर देखा जाता है. लोग सोचते हैं कि हर प्रॉब्लम की जड़ गरीबी है चाहे नशे की दरअसल लत हो या गंदगी और बिमारी या फिर क्राइम, यानी हर बुराई के पीछे का कारण गरीबी ही है. जो लोग अमीर है वो गरीबी और गरीबो को दुनिया की हर
परेशानी की वजह समझते है.क्योंकि उन्हें लगता है कि सिर्फ अमीर होना ही अच्छाई की निशानी है. पर ऐसा नही है, ये जरूरी नही कि हर प्रॉब्लम के
पीछे गरीबी का हाथ हो, ऐसा सोचना पाप है. अगर आप सच में एक अच्छे इंसान है तो चाहे आप गरीब हो या अमीर आप अच्छे ही रहोगे.
बात अगर गरीबी की हो तो लोग तुरत ऊँगली उठाना कर देते है, उनका मानना है कि गरीबी इंसान का मोरल डाउन करती है, उसे एक तरह से पापी है। बना देती है. लेकिन क्या सारे पेसे वाले अच्छे इंसान होते हैं? बहुत से अमीर लोग लालची होते है, और पैसे कमाने के लिए किसी भी हद तक जा ये गलतफहमी अपने दिल से निकाल दीजिये कि अमीर लोग अच्छे है और गरीब बरे. परक बार फिर हम आपको याद दिना दे कि सब काछ हमारे माइंडसेट पर डिपेंड करता है, बेशक आपके पास ढेर सारे पैसे हो, पर अगर आपका
माइंड गरीब है तो क्या फायदा.
पर ऐसा होता है? जब आप लाइफ से संतुष्ट नहीं होते. जब आपके मन से पैसे का लालच खत्म नही होता. इसलिए आपकी मेंटालिटी आपको गरीबी में जीने को मजबूर करती है. वही दूसरी तरफ जो इंसान अपने आप से संतुष्ट है, वो दुनिया का सबसे दौलतमंद इसान है. गरीबी का मतलब ये नही है कि आपके पास कितनी दौलत है बल्कि अभीरी या गरीबी हमारे मेंटल स्टेट पर डिपेंड करती है. लाइफ को अप्रोच करने के अपने नजरिये को तौल कर देखो. क्या आप अपनी मौजूदा जिंदगी से खुश हो? क्या आप अपने अंदर की नफरत और लालच को खत्म करना चाहते
हो? अपनी जिंदगी में इम्पूवमेंट लाने की शुरुवात खुद से कीजिये. जब आप खुद को बदलेंगे तो आपकी जिंदगी भी खुद ब खुद बदल जायेगी.
- Man’s Spiritual Dominion
आप अपने राज्य के खुद राजा है. और आपका राज्य है आपकी जिंदगी और आपका माइंड. आपको लगता है कि आप जो चाहे वो सोच सकते है पर आपको ये चीज़ का ध्यान रखना चाहिए: आपका किंगडम यानी राज्य दूसरे किंगडम से जुड़ा हुआ है. इसलिए कभी ये मत सोचिये कि आपके एकश्न का दूसरों पर कोई असर नहीं पड़ेगा बल्कि जो आप करेंगे उससे दूसरे भी काफी हद तक इन्फ्लुएंस होते है.
इसलिए आपकी कोशिश यही होनी चाहिए कि आप एक अच्छे राजा की तरह बिहेव करें. अपने moral प्रिंसिपल्स को फॉलो करें . अपने माइंड को अपने कण्ट्रोल में करने के लिए आपको अपना सब कुछ देना पड़ेगा. और अगर आप ऐसा नही करते तो आप जिंदगी में कभी भी एन्जॉय नही कर पाएंगे. फिर आपके लिए जिंदगी जीना किसी चैलेंजे से कम नही होगा, आपको लगेगा कि आपकी जिंदगी पर आपका कोई कण्ट्रोल नहीं है जबकि असल में सारी पॉवर्स आपके हाथ में है. अपनी ईच्छा, नफरत या लालच के गुलाम ना बने, बार-बार दोहराए कि आप ऐसा कर सकते है. सारी पॉवर आपके हाथ में है, आप एक स्ट्रोंग किग है
जो अपनी किंगडम पर राज करने के लिए पैदा हुआ है.
- Conquest: Not Resignation
बुराई के रास्ते पर चलना बहुत आसान है. इंसान जब आसानी से हार मान लेता है तो उसे अच्छा-बुरा कुछ समझ में नही आता. और आप ये मान लेते हो कि आपकी जिंदगी दुखों और परेशानी से भरी है. एक बार आपने हार मान ली तो आपको दुनिया में बुराई ही बुराई नजर आएगी.
लेकिन आप दुःख में जीने के लिए पैदा नहीं हुए है. आप दुनिया की हर खुशी पाने के हकदार है. यही कुदरत का नियम है. हमें कोई खुश रहना या हंसना नहीं सीखा सकता. ये चीजे इंसान को पैदाईशी मिली है. हमें खुद को लगातार इम्परूव करना पड़ता है. इसलिए इस किताब के राईटर जेम्स आपको हमेशा अच्छाई का रास्ता अपनाने के लिए मोटिवेट करते हैं. जितना हो सके लोगों की भलाई कीजिये, उनके काम आइये. किसी का भला करने से जो खुशी मिलती है उससे बढकर शांति और कोई नही है.
हमें सिर्फ नेगेटिव थॉट्स से ही छुटकारा नहीं पाना है बल्कि हर बुराई को अपने अंदर से मिटाना है. चाहे वो आपके नेगेटिव थॉट्स हो या नेगेटिव
एवश्न्स.
इंसानियत के लिए वो सबसे बड़ा दिन होगा जिस दिन इस दुनिया से बुराई का नामो-निशान मिट जाएगा. और उसके साथ ही इस दुनिया से हर दुःख और परेशानी भी दूर हो जाएगी और पूरी दुनिया हमेशा के लिए एक खुशहाल और शांत जगह बन जाएगी.
Conclusion आपने इस किताब में पढ़ा कि हम कैसे अपनी जिंदगी में बदलाव लाकर एक बेहतर जिंदगी जी सकते है. सब कुछ हमारे थॉट्स पर डिपेंड है इसलिए हमें बदलाव की शुरुवात अपने विचारों से करनी होगी. हम अगर जिंदगी को नेगेटिव व्यू से देखते से तो चारों तरफ बुरा ही बुरा दिखेगा. इसलिए एक अच्छी जिंदगी जीने के लिए जरूरी है कि पहले हम अपना नजरिया बदले.
आपने किताब में पढ़ा कि हमारे थोट्स हमारे एकशन्स को कण्ट्रोल करते है. हम एक ऐसी दुनिया में जीते है जहाँ हमें रोज़ नए बदलाव देखने को मिलते है इसलिए हमें अपनी प्रॉब्लम को देखने का अपना नजरियाँ भी बदलना होगा. अगर एक तरीका काम ना करें तो दूसरा तरीका ट्राई करो. पर आपने इस किताब में कसीडरेट होने यानी दूसरों के बारे में सोचने वाला बनने के बारे में पढ़ा. आप जो भी एक्शन लेते है उसका असर सिर्फ आप तक चाहे कुछ भी हो जाये अपनी प्रॉब्लम के आगे हार मत मानो.
नही रहता बल्कि उससे दूसरों की लाइफ में भी असर पड़ता है. इसलिए लोगों से वैसा ही बिहेत कीजिये जैसा बिहेव आप खुद के साथ चाहते हो,
इस किताब में आपने पढ़ा कि अपनी आदर्तो पर कण्ट्रोल पाकर हम खुद को और भी पॉवरफुल बना सकते हैं,
हैबिट वो एकश्न होते है जिन्हें हम बार-बार दोहराते है और बार-बार दोहराने से हमें उनकी आदत पड़ जाती है इसलिए खुद को बार-बार ये याद दिलाते रहो कि आप कर सकता हो, आपके अंदर थो पॉवर है”, ये आपके अंदर एक नया कांफिडेंस लेकर आएगा जिससे आप खुद को और बैटर बना सकते हो. हमने इस किताब से सीखा जो भी देखते है, एक्शन लेते है, वो वापस हमारे माइंड में जाता है. खुद को फिजिकली और मेंटली फिट रखने के लिए अपने माइंड पर फोकस करो. आपका माइंड ही आपकी सारी खुशियों और दुःख की जड़ है. पर एक बार अगर आप मेंटली स्ट्रोग बन गए तो आपकी बॉडी भी पूरी फिट और हेल्दी बन जाएगी.
आपने इस किताब में ये भी पढ़ा कि सब कुछ हमारे सोचने के नजरिये पर डिपेंड करता है इसलिए लाइफ को एक पोजिटिव नजरिये से देखना बहुत जरूरी पर अगर आप हमेंशा किसी ना किसी चीज़ को लेकर स्ट्रेसफुल रहेंगे तो आप कभी खुश नही रह सकते, लालच हमें अँधा कर देता है इसलिए लालच और नफरत दूर रहिये. जो आज आपके पास है उस में खुश रहना सीखिए और भविष्य के प्रति आशावान रहिये. ऐसा जरूरी नही कि जो जिंदगी आ आज आप जी रहे है, हमेंशा वही रहेगी, आप चाहे तो अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकते है. लेकिन जो आपके पास है उसके लिए हमेंशा ऊपरवाले का शुक्रगुजार बने रहिये.
अगर जिंदगी में कोई समस्या ही ना रहे तो जिंदगी कितनी हसीन हो जायेगी. पर अगर प्रोब्लम्स नहीं होंगी तो हम ग्रो कैसे कर पाएंगे. चाहे जिंदगी में कितनी भी चुनौतियाँ आये, हमेंशा अच्छा करें, अच्छा सोचे, अपने उसूलों से कभी समझौता ना करें. कौन जाने आपकी अच्छाई से किसका भला हो जाये, हो सकता है कि लोग आपका एक्जाम्पल फोलो करें. और यहीं बेस्ट चीज़ है जो आप अपनी जिदंगी में पूरी ईमानदारी के साथ कर सकते हो.