EDUCATED by Tara Westover.

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यह किताब किसके लिए है?

-ये लोग जो प्रेरणादायक मैमोयर पढ़ना पसंद करते हैं।

  • कोई भी व्यक्ति जो मारमन फैमिली को करीब से जानना चाहता है।
  • टीचर या फिर वे लोग जो हायर एजुकेशन में रुचि रखते हैं।

लेखक के बारे में

तास बैस्टोवर का जन्म वर्ष 1986 में अमेरिका के ददाहों (daho) में हुआ। उन्होंने अपनी कॉलेज की पढ़ाई ब्रिधम यंग यूनिवसिटी से पूरी की और पढ़ाई करने के दौरान ही उन्हें गेट्स कैंब्रिज स्कालशिंग भी प्राप्त हुई आगे चलकर तारा ने पीएचड़ों की पढ़ाई साल 2004 में पूरी की। वह हार्वर्ड विश्वविद्यालय में एक विजिटिंग फेलो भी थी। एजुकेटेड नामक यह किताब उनकी पहली किताब है।

तारा वेस्टोवर एक खेत मैं पली-बढ़ी और स्कूलिंग के प्रति उनके परिवार का नजरिया बेहद आसामान्य था।

आज के इस दौर में अमेरिका बहुत सारे अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग मायने रखता है लेकिन इस युवा राष्ट्र के शुरुआती दिनों से ही धार्मिक स्वतंत्रता इसका गौरव रही है। दरअसल सेटलर अमेरिका में ऐसी जगह की तलाश में आए थे जहां वे अपने फेथ की प्रेक्टिस कर सकते थे। इस वजह से आज भी कई अमेरिकन अपने बच्चों को घर में पड़ाते है: खेतों और कम्यून्स में रहते हैं और खुद को मैन्स्ट्रीम कल्चर से दूर रखते हैं। जब उनसे इस बारे में सवाल किया जाता है तो वे इसको लेकर अपने धार्मिक कारणों का हवाला देते हैं।

इसी तरह का एक अमेरिकी धर्म है- मॉर्नवाद। यह एक विशाल अमेरिकी धर्म है जिसकी शुरुआत अट्ठारह सौ के दशक में हुई थी। यह उस समय की बात है जब संयुक्त राज्य अमेरिका में पश्चिमी विस्तार (western expansion) चल रहा था। इस दौरान बहुत सारे लोग उस जगह जाकर बसे जिसे माज यूटा (Utab) के नाम से जाना जाता है। आज मोर मन पूरे यूनाइटेड स्टेट्स में बस चुके है और लेखिका का परिवार भी उनमें से एक है।

तारा वेस्टोवर इदाहो के एक खेत में रहती थीं जो युटा के ठीक ऊपर मौजूद है। किताब में आगे बढ़ते हुए हम जानेंगे कि कैसे वेसटोवर फॅमिली मोरमन या अमेरिकन किसी भी स्टेन्डई से एक टिपिकल फॅमिली नहीं थी। वेस्टओवर फॅमिली के अपने ही अनोखे नियम-कायदे थे जो न तो पूरी तरह से अमेरिकन ये और ना ही मोरमन। इसी वजह से बेस्ट भंवर फॅमिली के बच्चों के लिए बाहरी दुनिया काफी मुश्किल हो गई। वेस्टओवर फॅमिली के बहुत सारे बच्चों को तो काफी बाद में, ऐडल्ट होने के बाद पता चला कि उनका परिवार दूसरे अमेरिकी परिवारों से कितना ज्यादा अलग था।

तारा वेस्टओवर की कहानी का जिक्र करना काफी जरुरी है। क्योंकि न सिर्फ उन्होंने अपने पिता की खराब सोच के चगुल से खुद को बाहर निकाला बल्कि वह खुद के दम पर खड़ी हुई और अपने सपनों को लिया और उन्हें पूरा किया।

जब लेखिका तारा 7 वर्ष की थीं तो वह अपना ज्यादातर वक्त इडाहो के अपने खेतों में गुजारा करती थीं। उन्हें यो खुशनुमा दिन अच्छी से याद हैं जब वह खुले आसमान के नीचे खेला करती थीं और उनके बालों से होकर गुजरने वाली हवा उन्हें एक गरम सांस के जैसा एहसास कराती थी।

तारा अपने परिवार के 7 बच्चों में से सबसे छोटी थी। परिवार में सबसे छोटी बेटी होने और केयरफ्री होने के बावजूद भी वह जानती थी कि उनका परिवार एक असामान्य परिवार है।

स्कूल जाने की उम्र में न तो कभी तारा और ना ही उनके भाई-बहन कभी स्कूल गए। उन्होंने कभी भी स्कूल में कदम नहीं रखा और ना ही किसी हॉस्पिटल या फिर डॉक्टर के ऑफिस में। तारा घर में ही पैदा हुई थी इसलिए उनका कोई जन्म प्रमाण पत्र भी जारी नहीं किया गया था।

लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि तारा ने अपने बचपन में जिंदगी के जरूरी सबक नहीं सौखे। एक चीज जो उन्होंने बहुत अच्छे से सीखी, वह थी- गर्मियों में पके हुए आडूओं को बोतल में रखना और फिर सर्दियों के दौरान उनकी सप्लाइ करना। तारा अपने आसपास पहाड, बक्स पीक (Buck’s Peak) की लय में अच्छी तरह घुली हुई थी। इस चोटी को तारा के पिता जीन, इंडियन प्रिन्सेस” कहा करते थे।

तारा

पिता जीन उन्हें घर में ही पड़ाने के पक्ष में थे जबकि तारा की दादी का भी मानना था कि उनके पोतों को स्कूल में घर से ज्यादा बेहतर शिक्षा दी जा सकती है।

जौन का मानना था कि स्कूल समाजवादी सरकार द्वारा बच्चों का ब्रेनवॉश करने और उन्हें मशीन में तब्दील करने के एक साधन के सिंवाय कुछ भी नहीं है। एक दिन तारा की दादी उसके पास आयीं और उन्होंने उनसे कहा कि वह कल सुबह 5 बजे ऐरिजोना के लिए रवाना हो रही है और उन्होंने तारा से कहा यदि वो चाहे तो उनके साथ चल सकती है, जहाँ उनका किसी स्कूल में दाखिला कराया जा सकता है।

ये सुनने के बाद तारा को उस रात नींद नहीं आई और उन्होंने इस विषय पर अपने मन में और परिवार के साथ काफी विचार-विमर्श किया। घड़ी की सुइया लगातार चलती रही और 5 बजते-बजते तारा ने फैसला लिया कि यह एरिज़ोना नहीं जाएँगी और अपने पेरेंट्स के साथ ही रहेंगी।

अपने राजनीतिक नियम कानूनों के अलावा जीन एक धार्मिक व्यक्ति भी थे। वे अपने हाथों से काम करके मेहनत के रास्ते से इनाम पाने में यकीन रखते थे और वह अपने

परिवार को एक फैयफुल मोरमन परिवार के रूप में पालने के लिए प्रतिबद्ध थे।

जौन का मानना था कि एक औरत की असली जगह उसका घर होती है और यह बात तारा की माँ फेय पर पूरी तरह से फिट बैठती थी। वह एक ट्रडिशनल मॉमन महिला थीं, जो अपने वैवाहिक जीवन और मदरहुड के प्रति पूरी तरह समर्पिता थीं। इसके अलावा वह करबे की दूसरी महिलाओं के लिए एक दाई से रुप में भी काम करती थीं।

वेस्टओवर भाई-बहनों को खुद से पढ़ने के लिए छोड़ दिया गया और उन्होंने एक-दूसरे को स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित किया।

यह कहना कि तारा और उनके भाई-बहन घर हो स्कूल थे, पूरी तरह न्यायपूर्ण नहीं होगा। जब तारा चार साल की थीं, तो उनके के बड़े भाई टोनी ने उन्हें पल्ला सिंख्याया और उसके बाद कुछ सालों तक तारा की माँ ने अपने बच्चों को थोड़ा सा गणित और इतिहास पलाया। लेकिन जब तारा आठ साल की हुई तो उनकी होमस्कूलिंग बंद कर दी गई।

जिंदगी के इस पॉइट पर, वैस्टप्रोवर यनों को खुद से पढने के लिए छोड़ दिया गया। इसका मतलब था कि तारा और उसके भाई-बहन उन्हीं विषयों को पड़ सकते थे जिसे वे पहले से घर में पढ़ चुके थे। अब में पढ़ाने के लिए कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था इसलिए जब भी तारा को गणित सीखने का मन करता तो वह अपनी पुरानी नोटबुक्स को खोलती थीं और उनसे समझने का प्रयास करती थीं।

फे रोजाना अपने बच्चों को लोकल पब्लिकलाटरी ले जाती थी, जहाँ वे अपनी दोपहर बिताते थे और जो किताब पसंद आती है उसे पढते थे।

स्टार परिवार के सभी बच्चों में से तीसरे नंबर का लड़का टायलर (Tyler) पढ़ने में सबसे ज्यादा रुचि रखता था। जब यह महारह साल का हुआ तो उसने कॉलेज जाने का साहसिक फैसला किया। तारा उस समय सिर्फ दस साल की थी और उन्हें अची तरह याद है कि यही वह वक्त वा जया म्होंने स्कूल जाने के बारे में पहली बार सोचना शुरु किया था।

हेरानी की बात तो यह थी कि तारा के पिता जीन टायलर के फैसले से बिल्कुल भी सुश नहीं थे। इसके पीछे की वजह यह थी कि जीन को अपने स्वतीबाडी को सही ढंग से चलाने के लिए टायलर की जरूरत थी क्योंकि वयलर के दो बड़े भाई पहले ही घर छोड़ चुके थे। जका मानना था कि टायलर के चले जाने से खतों को संभाल्ने की सारी जिममदारी तारा, उसकी बड़ी बहन औडी, और उसके दो भाइयों रिचर्ड और ल्यूक पर आ जाएगी।

कॉलेज जाने के विरोध में जीन का एक और आरण्युमेंट यह था कि कॉलेज तयलर को कोई ऐसी प्रेक्टिकलस्किल नहीं सिरयाए्णा जिसमे कि वह अपने परिवार का पेट पाल सके। जीन को लगता था कि कितावें पढ़ने और कागज पर कुछ शब्द लिखने से टायलर का कुछ भी भला नहीं होगा। इसके अलावा जीन को यह भी डर था कि कॉलेज जाने से टायलर का समाजवादियों और इलुमिनाटी के एजेंटों द्वारा बेन वौष कर दिया जाएगा।

लेकिन अपने पिता की विरोधात्मक सोच के बावजूद भी टायलर कॉलेज गया और तारा के मन में भी उसने हायर एनुकेशन के बारे में जिज्ञासा का बीज मजबूती से बोया। टायलर के कॉलेज जाने के कुछ ही समय बाद तारा भी पडाई में और ज्यादा मेहनत करने लगा और अपनी परवरिश के हिसाब से तारा मौर्मन और Nev Testament की किताबे पहकर धर्म का अध्ययन करने लगा इसके अलावा उ्होंने आस्था और बलिदान जैसे विषयों पर भी निर्वाध लिखना शुरु कर दिया था।

इस घटना के बाद से तारा के मन में स्कूल जाने का विचार और ज्यादा मजबूत हो गया।

जब तारा ग्यारह साल की हुई तब तक उनके ज्यादातर भाई और उनकी बड़ी बहन ओडरी (Audrey, घर छोड़ चुकी थी। हस वजह से जीन के खेतों में काम करने वाले लोगों की सख्या काफी का हो गई जिससे जीन को धीरे-धीरे अपना फैमिली बिजनस स्वती-किसानी से जकयार्ड यानि कवाइखान की तरफ ले जाना पड़ा, जहां तारा पुरानी कारों का कबाड़ बीनने में उनकी मदद करती थीं।

भले ही तारा सिर्फ ग्यारह साल की थी लेकिन उनमें आजाद होने की इच्छा कूट कूट कर भरी थी जिसकी वजह से वह खुद की नौकरी हूड रही थी। एक दिन वह अपनी साइकिल पर सवार होकर अपने

लोकल पोस्ट ऑफिस पहुँची, जहाँ उन्होंने babysitter services के लिए एक विज्ञापन पोस्ट किया। तारा को जाँच मिलने में बहुत ज्यादा समय नहीं लगा। अथ तारा सोमवार से शुक्रवार और सुबह 8 बजे से दोपहर तक अपने Babysitting Busirness में व्यस्त रहतीं। हालांकि इससे वह बहुत ज्यादा तो

नहीं कमा रही थीं लेकिन पुर किस्मती से अब जके पास पहले से काफी ज्यादा पैसा था।

लेकिन बच्चों की देखभाल का उनका यह बिजनस उन्हें सिर्फ पैसे नहीं देता था बाल्क याह काम तारा के लिए बाहरी दुनिया के संपर्क में आने का भी एक अच्छ तरीका भी था। यह एक ऐसी जगह थी जहां से में बहुत सारी चीजे सौरने को मिल रही थी। जल्द ही उन्होंने एक लोकल थिएटर में Singing और Dance Class लेनी शुरू कर दी।

तारा को गायन और डॉस की ट्रेनिंग के बारे में एक महिला से पता चला जिसके बच्च को वह संभाल रही थीं। उसने तारा को लोकल पापाजय गैस स्टेशन के ऊपर आयोजित होने वाली इांस कलास में जाने

की सलाह दी। तारा ने तुरंत क्लासेस जॉइन कर ली हालाकिं अके पिता ने उन्हें वहां जाने से रोकना चाहा उनका कहना था कि हास सीखन के लिए उनकी उम्र काफी छोटी है। डांस क्लास के बाट सिंगिंग

की क्लास चलती थी भोर सिंगिंग से तारा के पिता को कोई आपत्ति नहीं थी।

कुछ सिंगिंग क्लाससैस जाने के बाद तारा ने संडे को चर्च में गाना शुरू कर दिया और कुछ ही समय में वह संगीत मंडली को लीड करने लगी। उनके हुनर को देखते हुए उन्हें लोकल बॉर्म क्रीक ऑपेरा हाउस में परफॉर्म होने वाले एक नाटक में हिस्सा दिया गया। और हैरानी की बात तो यह है कि तारा के हर कार्यक्रम के दौरान जीन समेत पूरा वेस्टभोवर परिवार पहली लाइन में बैठा रहता था।

हालांकि नाटक के स्थत्म होते ही तारा की जिंदगी अपने पुराने पीके रंग में दोबारा लौट आती थी। और जैसे ही 1 जनवरी साल 2000 की तारिख करीब आई तो जीन के दिमाग में ये ख्याल मजबूत हो

गया कि मवादुनिया अब खत्म होने वाली है।

शायद आपको याद होगा कि इपकीसवीं सदी की शुरुआत में कई लोगों में तथाकथित “V2K BUG का खौफ था। जिसके बारे में माना जा रहा था कि इससे दुनिया भर के कंप्यूटरों को खतरा हो सकता है। हालांकि जीन को लगता था कि यह केवल कोई तकनीकी दिक्कत नहीं है बल्कि अब दुनिया का अंत करीब आ चुका है।

सालों से जीन एक ईमर्जन्सी बकर में खाना और हथियारों को स्टोर कर रहे थे जो उन्तेने इदाहो के अपने एक खेत में खोटा था। अदिसबर आया और चला गया और जीन की बेकार की तमाम चिंताओं के व्यावजूद भी कुछ नहीं हुआ।

तारा के परिवार के पास मेडिकल असिस्टन्स से इनकार करने और खतरों को अनदेखा करने का इतिहास था।

साल 2000 शुरू होते ही पूरी दुनिया में सब कुछ सामान्य चल रहा था और दुनिया को समय की सही से गुजरता देय जीन का विश्वास डगमगा रहा था। इसलिए वैस्टओवर परिवार ने परिजोना में दादी के

पास टिप पर निकलने का मन बना लिया। यह ऐसा समय था जब लग रहा था कि जैसे अके शरीर में नई जान आरही हो। हालांकि, खराब मौसम की चपेट में आने की वजह से जिस गाड़ी में वे सफर कर

रहे थे वह दुर्घटनाग्रस्त होकर दूर खवेत में जाकर गिरी। किसी ने भी सीटबेल्ट नहीं पहना था, फिर भी सब लोग बच गए – हालांकि इस दौरान तारा अपना होश खो बैठी थीं। इस घटना के दौरान घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने वहां आकर उनकी मदद की हालाकि तार को यह ठीक से याद नहीं है कि वह घर कैसे पहुंची लेकिन वह यह बखूबी जानती थी कि इस तरह की स्थितियों में भी अका परिवार कभी भी मेडिकल सहायता या अस्पताल की देखभाल स्वीकार नहीं करेगा। और म्होंने किया भी ऐसा ही इस घटना के बाद भी तारा के शरीर में दर्द था। उसकी गर्दन को

काफी नुकसान पहुंचा था। हैरानी की बात तो यह थी कि ऐसी स्थिति में भी अका परिवार उसके इलाज के लिए सिर्फ आयुर्वेदिक दवाइयों एवं घरेलू तरीकों से उपचार कर रहा था।

आपको बता दें उसके परिवार की यह कोई पहली कार दुर्घटना नहीं थी इससे पहले भी जब जका परिवार Arizona से वापस लौट रहा था तो गाड़ी में बेठे बैठे तारा के बड़े माई की माप लग गई जिससे अका परिवार ट्ैक्टर से होने याली एक बड़ी टक्कर से बाल-बाल बच पाया। इस बार भी किसी ने गाड़ी में सीट गेट से नहीं पहना था और किसी की मौत भी नहीं हुई।

इस घटना से उनके परिवार के कई सदस्यों को काफी नुकसान पहुंचा जिसमें उसकी माँ फैय भी शामिल थी। नके चेहरे को वापस लीक होने में काफी समय लगा। तारा की मां को इस घटना की वजह से सिर में भी अक्सर दर्द होता था और उनकी याददाश्त में भी फर्क पड़ा था लकिन कानी भी उन्होंने किसी डॉक्टर के पास जाने के बारे में नहीं सोचा।

दरअसल इन सभी घटनाएं को पहकर लगता है कि ऐसे गभीर शारीरिक मामलों में भी उनका परिवार काफी पुरानी और कट्टर सोच रखता था। तारा का बड़ा भाई शौन (Shawn) अक्सर लड़ाई-झगड़ा किया करता था लेकिन उसको कभी भी घर में किसी ने हाट फटकार नहीं लगायी।

जब तारा 15 वर्ष हुई तो अब वह धीरे धीरे थोड़ा मेकअप करने लगीं और अपने थिएटर के एक दोस्त, चार्ल्स में सकी नजदीकियां बढ़ने लगी।

एकरात की बात है। तारा लेटी हुई थी तभी का भाई Shawn आकर उसके बाल पकड़ लेता है और उहैं सींचते हुए कमरे से बाहर ले जाता है और नपर वेश्या होने का आरोपलगाता है। शौनकी यह पहली ऐसी हरकत नहीं थी। यह पहले भी कई बार ऐसी हरकतें कर चुका था। सोन की इन हरकतों से तारा को काफी दुख होता था। ऐसी हरकर्ता करने के बावजूद भी तारा के पिता शॉन को उसको हरकतों को लेकर कभी भी डांटते-फटकारते नहीं थे पयोंकि उन्हें लगता था कि यह कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन तारा इमोशनल तौर पर इससे काफी आहत हो चुकी थीं।

हालांकि वह लगातार खुद को समझाती खाती थीं कि वह ईमोशनली कमनोर नहीं हैं और जब वह ऐसी स्थिति में रोती थी तो वह अक्सर सुद से का करती थी कि यह सिर्फ उसका शारीरिक दर्द है और कुछ भी नहीं है। और वह बार-बार इस बात को अपने मन में रीपीट किया करती थीं।

जब तारा 16 वर्ष की हुई तो वह अक्सर सोचा करती थी कि कॉलेज नकी प्लान की हुई जिंदगी में केसे फिट बेठगा। तारा को पहले से ही उनके पिता ने कह दिया था कि जैसे ही वह 18 या १9 वर्ष की

हाँगी उनकी शाटी करा दी जाएगी और शादी के बाद खेत का एक हिस्सा उनके पति को दे दिया जाएगा जहा वै टोनों रहने के लिए एक घरमा सके।

लेकिन टायर (gel), जो तारा का बड़ा भाई था, अक्सर उन्हें घर छोडकर कॉलेज जाने के लिए स्साहित करता रहता था। टेलर अपनी बहन तारा को अक्सर बताया करता था किम्हें ACT टेस्ट में बस passing marks से पास होना जरूरी है। वह मक्स Brigham Young Unveraty (BYU), जो कि यूटा (Utany) में एक मॉमन कॉलेज था जिसमें homeschooled स्टूेटस को एडमिशन मिल जाता था के बारे में तारा को बताया करता था।

टायलर के मुंह से यह बातें सुनकर तारा में एक नवा जोश भा गया और उन्होंने ACT Exam के लिए पूरी लगन से पढ़ना शुरू कर दिया।

इस दौरान जब तारा नै1omg division के बारे में पढ़ना शुरू किया तो मैथ्स में उनकी रुचि एक दम से कम हो गई। इस काम को आसान बनाने में तारा की मां ने उनकी मदद की और उन्हें ऐजना सिवाया। हालांकि एक बार जब वह सीख गई कि ऐल्जना में नंबर्स की जगह पर लेटर्स का इस्तेमाल किया जा सकता है तो वह मैथ के बैसिक सवालों को सही ढंग से करने के योग्य हो गई।

तारा को इस दौरान ACT पास करने में दो Atrempts लगे थे लेकिन आख़िस्कार वह उस स्कोर तक पहुंच गई जिसकी उन्हें जरूरत थी।

पहले Attempt की परीक्षा के टिन तारा काफी नर्वस फील कर रही थीं क्योंकि यह अका पहला स्टेन्डर्ड टेस्ट था। पेपर की एक रात पहले तारा को नींदनहीं आई जिसकी वजह से उनके सिर्फ 22 मार्क्स आपाए जबकि BYC में एडमिशन के लिए मार्क्स स्कोर कसा जरूरी था।

एक बार फिर से तारा ने अपनी पढ़ाई पर ध्यान लगाना शुरु कर दिया और एक बार फिर से एजाम दिया और इस बार 28 मार्क्स लाकर होने अपने लक्ष्य को हासिल किया। अब कॉलेज में दाखिले के

लिए तारा ने अपनी एप्लीकेशन और मार्स को भेज दिया और कुछ हो हपत्तों में तारा को कॉलेज में एडमिशन की सूचना मिल गई।

हालांकि आपको बता दें कि तारा के पिता के लिए तारा का कॉलेज में अड्मिशन एक अच्छी खबर नहीं थी और अका यहाँ तक कहना था कि भगवान ने उन्हें पर्सनली कहा है कि तारा के लिए कॉलेज जाने का निर्णय लकी नहीं है।

वहीं दूसरी तरफ तारा की मां तारा को कॉलेज की शिक्षा के लिए हिोगत दे रही थी और बस 3 दिन बाद उनका वा बर्थडे भी आने वाला था। तारा की मा नै खुद अपनी बेटी को कॉलेज में एडमिशन

दिलवाया।

कॉलेज में आने के बाद तारा को अकेलेपन का एहसास हुआ और उनका पढ़ाई में मन नहीं लगा

जब तास प्रोवो. यूटा में शिफ्ट हुई तो उन्होंने अपने घर से ज्यादा सामान अपने साथ नहीं लाया। यूटा जाते समय वो अपने साथ सिर्फ आड़ की बोतल और कडों से भरा बैग लेगही

जिस अपार्टमेंट में तारा रहती थीं उसमें उनके साथ BYU की दो भर छात्राएं भी रहती थी जिनके व्यवहार से अक्सर तारा को हैरानी होती थी।

पहली रुममैट जिससे तारा मिली थी उसका नाम था शेनोन (Sharmon)’ जब तारा ने शेनान को पहली बार देखा था तो उसने पिक पाजामा बॉटम के साथ एक स्पगेटी (59aghetr) टॉप पहन रत्वा था जिसने कधीं को छोड़कर उसके पूरे बदन को डक स्वा था लेकिन जैसे ही शान पीछे मुड़ी तो उसके पन्टस घर DUICY शब्द लिखा देखकर तारा बेहद हैरान हो गई जिसकी वजह से उन्होंने कमरे में शैनोन में दूरी मानी शुरु कर दी।

जब तारा अपनी दूसरी रूममेट मेरो (Mary” से मिली तो हैं लगा कि वह सेनोन के जैसी नहीं है। लेकिन जब मेरी 5abbath के दिन शॉपिंग करने गई तो उसने पवित्र नियमों को बेहद बुरे तरीके से ध्नियां उड़ाई शॉपिंग से वापस लौटकर मैरी ने फ्रिज में हतना सारा फूड हुँसा जो करीब एक हफ्ते तक चल सकता था। मैरी का यह कसामा तारा को एक बार फिर अपने कमरे में भगाने के लिए पयप्त 1. था।

शेनोन और सैरी के साथ रहते हुए तारा को यह एहसास हुआ कि उनक और बाकी दुनिया के बीच बहुत ज्यादा अतर है। और प्रोवो शहर ने उसकी इस फीलिंग को और ज्यादा बढ़ा दिया था क्योंकि यह शहर टिन र शोरगुल रो भरा रहता था जिससे तारा को शांति का एक पल भी नहीं मिल पाता था जब तारा ने कॉलेज जाने के लिए पहली बार बस पकड़ी तो वह गलती से उस बस में बैठ गई जो कहीं और जगह जा रही थी।

तारा जैसी एक लड़की के लिए अपने पुश्तैनी खेतों से निकलकर कॉलेज में दाखिला लेना ही अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी। लेकिन जैसे ही वह कॉलेज पहुँची भोर उ्होंने क्लाससैस जॉइन की

तो उसी वक्त उनके लिए चुनौतियों का एक नया दौर शुरू हो गया।

कॉलेज में अपने पहले वर्ष हनि हग्लिश अमेरिकन हिस्ट्री, संगीत, धर्म और पश्चिमी सभ्यता नैसे विषयों का चुनाव किया। हालाकि पहले वर्ष न विषयों में केवल फडामेंटल बातें पढ़ाई जा रही थी लेकिन प्नि भीडा सभी विषयों की पढ़ाई तारा के सर के ऊपर से होकर जा रही थी। तारा की किताबे कतिन शब्दों जैसे CIvic Humarnism” और “Scottish Enlightment’ से भरी रहती थी। तारा को ये शब्द ब्लैक होल के जैसे दिखते ये जो अपने आसपास के सरल शब्दों को भी निगल जाते थे। इस तरह तारा कुछ खोई-खोई सी रहने लगी और धीरे-धीरे एक नालिन वैक्युम” में फंसती चली गई।

पश्चिमी सभ्यता यानी Western Grvilisation की क्लास काफी कठिन थी। तारा ने एक बार टीचर को एक शब्द का मतलब समझाने को बोला जिसे उन्होंने किताब और अपनी जिंदगी में भी पहली बार देया था। तात के सवाल पूछते ही पूरी क्लास चुप हो गई और स्टूडेंट्स उन्हें हैरानी भरी निगाहों से टेखने लगे। तारा ने जो सवाल पूछा था वो था- ‘Holocausr का मतलब क्या होता है

BYU में तारा के पहले टेस्ट का नतीजा अच्छा नहीं रहा लेकिन इससे वह निराश नहीं हुई। उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और पहले सिमैस्टर के अब तक उन्होंने खुद को एक काफी अच्छी स्थिति में खड़ा कर

दिया। हालांकि पश्चिमी सभ्यता के विषय में अभी भी अकी स्थिति बहुत ज्यादा अच्छी नहीं थीं।

स्वास्थ्य और पैसों की दिक्कत के कारण तारा को मदद मांगने की कला सी्वती पड़ी। अपने पहले सिमेंस्टर की छुट्टियों के दौरान तारा वापस अपने घर इदाहो ग जहां अपने पिता के साथ कुटा बीने के अलावा जके पास काम का कोई दूसरा विकल्प नहीं था दुर्भाग्य से एक सुबह जब वह बिस्तर से की तो उसके कान में बहुत तेज दर्द हुआ। लेकिन यह दर्द तारा के लिए एक वरदान साबित हुआ क्योंकि इस दर्द ने ही तारा को सिखाया कि कुछ परेशानियों को दूसरों की मदद लेकर मासानी से रोका जा सकता है।

जब तारा ने अपने कान के बारे में थिएटर के अपने पुराने दोस्त चार्ल्स को बताया तो उसने तारा को सलाह दी कि हे आइबुप्रोफेन नाम का एक इगनी चाहिए जो उसके कान में हो रहे दर्द को कम कर

सकती है। पहली बार में तो तास ने चार्ल्स को सीधे-सीधे मना कर दिया क्योंकि अके पेरेट्स ने जडरीले इस के बारे में उहें चपन से ही चार्निंग हे रखी थी।

र में।

वैस्टोवर परिवार में जब भी कोई बच्चा बीमार पड़ता था तो उसे जो सबसे हाई दवाई दी ज्ञाती थी वो थी- ‘पौधों के रस को पानी के साथ मिलाकर देना। हालांकि इस दवाई से कभी भी तबीयत सही नहीं होती थी। आखिरकार जब चार्ल्स ने तारा के सामने पानी से भरा गिलास और टो आहबोप्रोफैन तवी तो उन्होंने उसे ले लिया। और हैरानी की बात तो ये थी कि सिर्फ 20 मिनट के अंदर ही उनका कान दर्द गायब हो गया।

लेकिन तारा का नशीली दवाइयों के प्रति डर अभी भी उनके अंदर मौजूद था।

घर से वापस प्रोचों आते के बाद तारा का गला खराब हो गया कई दिनों के दर्द और रुममेट्स के फोर्स करे के बाद फाइनली तारा डॉक्टर के पास जाने के लिए तैयार हुई। तारा डॉक्टर के पास अकेली नहीं गई यह मपो साथ अपनी दोनों रुममेट्स को लेकर गई क्योंकि म्हें नहीं पता था कि डॉक्टर से कैसे मिला जाता है क्योंकि वह इससे पहले कभी भी डॉक्टर के पास नहीं गई थी। क्लिनिक से बाहर निकलते वक्त तारा सोच रही थी कि डॉक्टर के पास जाना तो बहुत ही मासान काम है में तो स्थामस्थां डर रही थी।

जहाँ एक तरफतारा की सहेलियाँ आधुनिक दवाइयों के प्रति सके मन में बैठे इर को निकालने की कोशिश कर रही थीं वहीं दूसरी तरफ एक स्थानीय चर्च ने उन्हें अपनी आर्थिक मदद स्वीकार करने में मदद की।

कॉलेज में बहुत सारे खर्च होते हैं वासकर किताबों का अपनी पढ़ाई का खर्च उठान के लिए तारा न एक गाई से लेकर एक आइसक्रीम सलर जैसी जॉब भी की हालांकि इस तरह की छोटी-मोटी

नौकरियां करने से भी उसकी माली हालत में कोई बहुत ज्यादा सुधार नहीं आया। पैसे की यह कमी तब्य रखारनाक हो गई शब तारा का एक दांत सडने लगा और उन्हें एक ऑपरेशन की जरूरत थी।

तारा अपने लोकल चर्च के लगातार संपर्क में थी इसलिए जब चर्च के पाटरी को तारा की स्थिति के बारे में पता चला तो उन्होंने तारा के नाम एक चेक लिया और उन्हें आर्थिक सहायता लेने के लिए भी कहा। मगर तारा किसी की मदद लेने के प्रति बेहद अडियल थीं खासकर सरकारी मदद की। लेकिन चर्च पादरी के भी बड़े जिही किस्म के इसान थे म्होंने भी तारा को सही रास्ते पर लाकर ही दम लिया।

जैसे-जैसे तारा ने आगे की पढ़ाई की उन्हें अपने पिता की आदतों के बारे में गहरी जानकारी मिली

जब तारा 19 साल की हुई तो वह स्टूडेंट-लोन पाने के योग्य हो गई और यह पहली बार था जब तारा बिना किसी फाइनेन्शल चिंता के अपना जीवन जी सकती थी। हस तरह अब वह खुद को पढ़ाई में पूरी मशगूल करने के लिए आजाद थीं और आसानी से अपनी पढ़ाई जारी रख सकती थीं।

दुनिया के बारे में पढ़ते-पढ़ते तारा को अपने आप पता चलने लगा कि उनके पिता ने जो कुछ सिखाया वह कितना गलत था।

साइकोलोजी के कोर्स में उनका परिचय बाईपोलर डिसॉर्डर से हुआ। उन्होंने जब इसके लक्षणों का अध्ययन किया तो म्हें पता चला कि डिप्रेशन, पागलपन, पैरानॉइया. यूफोरिआ, महानता का भ्रम और पर्सक्यूरन यानि उत्पीड़न जैसी ची में इस मानसिक बीमारी के लक्षण होते हैं। इस बात ने उन्हें बहुत गहरा झटका दिया क्योंकि ये सारी लक्षण उनके पिता में मौजूद थे।

दरअसल तारा के पिता जीन. सरकार और आधुनिक मेडिकल सुविधाओं के प्रति पैरानॉडया से भरे हुए थे। गुजरते वक्त के साथ ये यूफोरिमा से भी पीड़ित होने लगे जिसके कुछ समय बाद ये बुरी तरह से डिप्रेशन का शिकार हो गए। इस तरह तारा बाइपोलर डिसॉर्डर के बारे में जितनी हो सके उतनी जानकारी हासिल करने में जुट गई। जल्द ही तारा को एहसास होने लगा कि सके पिता की इस बीमारी ने अके परिवार का किस हद तक ब्रेनवाश किया है।

इस एहसास के साथ ही साथ तारा को इस बात पर भी गुस्सा आया कि उनके पिता के मानसिक डिसॉर्डर के कारण उन्हें और उनके भाई-बहनों को सालों तक इर के साये में जीना पड़ा है। लेकिन तभी उन्हें पता चला कि उनके पिता का सामना एक घातक दुर्घटना से हो चुका है।

एक सुबह तारा की बहन ओड़ी ने उन्हें बताया कि जकयार्ड में धमाका होने में पापा घायल हो गाए हैं। उनका काफी शरीर जल चुका है मगर वे अभी भी अस्पताल जाने से मना कर रहे हैं अगर ऐसा ही चलता रहा तो उनकी मौत हो सकती है। अगर उसकी बहन ने उन्हें पहले फोन किया होता तो शायद तारा जल्दी घर जा पाती और अपने पापा को गुइबाइ कह सकती थी।

तारा जल्दी से घर पहुँचा और उन्होंने अपने पिता को बेट पर बेसुध पड़े देखा अका आधा चेहरा, हाथ, को और छाती बुरी तरह से जल चुकी थी। उस रात दो बार सका दिल धड़कना बंद हो गया था जिसकी वजह से सबको लगा कि वे ज्यादा समय तक बच नहीं पाएंगे।

लेकिन हैरानी कि बात तो यह थी कि जीन दूसरी सुबह भी जिंदा थे।

कॉलेज की शुरुआत में तारा जिस विषय पर सबसे ज्यादा फोकस करना चाहती थीं वह था- संगीता लेकिन जीततें वक्त के साथ तारा को याह महसूस होने लगा कि उनकी असली रूचि हिस्ट्री और पॉलिटिक्स में है। इन दो विषयों की क्लासेस को तारा काी मिस नहीं करती थीं।

हिस्ट्री और पॉलिटिक्स में तारा की गहरी को देखते हुए एक बार उनके एक प्रोफेसर ने उससे पूछा- “तुमने कभी केंब्रिज़ के बारे में सुना है?’ इस पर तारा ने जवाब टिया- “नहीं! अभी तक तो नहीं।

कैब्रिज से अका मतलब हग्लैंड की विश्वप्रसिद्ध यूनिवर्सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ कैब्रिज से था, जहाँ पर वे तारा जैसे ईगर स्टूडेंट्स के लिएस्टटी अब्रॉड प्रोग्राम चलाया करते थे। प्रोफेसर के समझाने पर तारा ने इस प्रोग्राम के लिए आवेदन कर दिया और उनका सिलेक्शन हो गया। इसके बाद उन्होंने अपना बैग पैक किया और प्रतिष्ठित किंस कॉलेज के लिए निकल गई। इदाहो के एक घर में पड़ी लिखी लड़की के लिए ये एक बहुत बड़ी बात थी।

किस कॉलेज के सदियों पुराने लेकिन शानदार कॅम्पस को देखकर अभिभूत हो गई। अपने आसपास की सुदरता उन्हें एक चमत्कार के जैसा एहसास दिला रही थी। लेकिानाके पास कॅम्पस को खूबसूरती

को करोध में निहारने का वक्त नहीं था क्योंकि नफे प्रोग्राम का पहला इपत्ता पूरी तरह लेक्चर्स से भरा हुआ था और एक प्रोफेसर सिर्फ एक स्टूडेंट पर ध्यान दे रहा था ताकि स्टूडेंट अपनी रिसर्च पूरी तरह

फोड होकर करे।

तारा जिस प्रोफेसर के अन्दर में रिसर्च कर रही थी उनका नाम था-जोनाथन स्टेनवर्ग, जो बेहद जाने माने हालकॉस्ट एक्सपर्ट था जोनाथन, तारा के पेपर पर लिखे हर शब्द, हर कॉमा का गहराई से निरीक्षण करते थे। उनका कहना था- ‘कमजोर शब्दों से कमजोर आइडीयास का निर्माण होता है। इसलिए वे तारा के लेखन पर गहराई से ध्यान देते थे।

तारा ने जब अपना आखिरी पेपर प्रोफेसर जोनाथन को हैन्डोवर किया तो उसकी सख्खामिजाजी और तेज नज़रों को देखकर उन्हें उम्मीद थी कि रिजल्ट बहुत बेकार रहेगा। लेकिन जब नतीजा आया तो तारा बेहद खुश हो गई क्योंकि प्रोफेसर ने उनके पेपर की सिर्फ और सिर्फ तारीफ ही की थी। यहाँ तक कि उन्होंने तारा से यह भी कहा कि कैब्रिज में उनके 30 साल के कार्यकाल में उन्होंने बेहद कम पैपर ऐसे देखें है जो तुम्हारे काम से बेहतर हो।

यही नहीं, प्रोफेसर ने तारा को यह भरोसा भी दिलाया कि समय आने पर यह कोशिश करेंगे कि तारा को इसकी पसंद का कॉलेज मिले जिसमे वह आगे रिसर्च करना चाहेंगी। तारा ने कभी नहीं सोचा था

कि एक दिन प्रोफेसर से हें इतनी प्रशंसा मिलेगी। अब वह बेहद खुश थी।

प्रोफेसर ने तारा से किया अपना वादा पूरा किया। जैसे ही तारा ने EYC से अपनी पढ़ाई पूरी की तो प्रोफेसर ने उसकी आगे की पढ़ाई के लिए स्कालर्शिप मपूव करा दी। इस बार तारा को जो कॉलेज मिला वह था- ‘कैंब्रिज यूनिवर्सिटी का ट्रिनिटी कॉलेज।’

प्रफेसर स्टेनबर्ग की सिफारिक्षा में लारा गट्स कैब्रिज स्कालशिप जीतने वाली BYC की तीसरी स्टूडेंट बन गई जिससे उन्हें कॉलेज की फीस नहीं टेनी पड़ी और उनको रिसर्व का खर्व टिनिटी कालेज ही उठाने

लगा इस घटना के बाद तारा अपने टाउन इदाहो में एक तरह की लोकल सेलिब्रिटी बन गई, जहाँ पर स्कूल न्यूजपेपर और टीवी रिपोर्टर तारा का इटव्यू लेने के लिए बहुत ज्यादा उत्सुक थे।

ट्रिनिटी कॉलेज में तारा को काफी अच्छा लगा लेकिन तभी उनके घर से एक बुरी खबर आई

इस बार जब तारा दोबारा हग्लैंड आयो तो वह ट्रिनिटी कॉलेज के का को देखकर भी उतनी ही हैरान हुई जितनी वह किंग्स कॉलेज को देखकर हुई थीं। ट्रिनिटी का हर कोना जीना पुराना था उतना ही सुटर भी था। तारा को खुशी इस बार दोगुनी थी क्योंकि इस बार वह एक विजिटर नहीं बल्कि एक जूहट स्टूडेंट की हैसियत से कॉलेज में प्रवेश कर रही थी और कॉलेज में उनके रिसर्च रूम के बाहर रे

उनका खुट का नाम लिखा हुआ था।

जिंदगी में यह पहला मौका था जब तारा को लगा कि वह सही में उस जगह है जहा उन्हें होना वाहिए। तारा के लिए ट्रिनिटी अपनी सोशल स्किल्स को बेहतर बनाने के लिए भी एक बेहतर जगह थी जहाँ पर वह औकयर्ड तरीके से खुद को दूसरे स्टूडेंट्स से हन्ट्रोडूस करवाती रही जब तक कि उनके कुछ दोस्त नहीं बन गए।

ट्रिनिती आकर तारा ने अपनी जिंदगी में पुराने नियमों को भी डील देनी शुरु कर दी। मसलन जब उनके बलस्मेट्स उन्हें कॉपी पे चलने को बोलते थे तो वह अक्सर तैयार हो जाती थीं जबकि म्होंने पहले कभी भी ऐसी कोई चीन दाइनहीं को थी क्योंकि मोरमन चर्च कॉपी पीने की इजाजत नहीं देता है। इसी तरह महोंने चर्च के नियमों को तोड़ते हुए पहली बार शराबमी पी।

तारा धीरे-धीरे अपने रुढ़िवादी नियमों से आगे निकल रही थीं। अपने दोस्तों के साथ रोम की ट्रिप पर तारा ने एक और कदम आगे बढ़ाया और उनमें अपने परिवार, रपेतों, जैकयाई, होमस्कूलिंग और अपने ल्यूमैटिक पिता के बारे में खुलकर बताया।

हालांकि तारा के घर इदाहो में स्थिति बद से बदतर होते जा रही थी। एक दिन तात को अपनी बहन ओडरी का ईमेल मिला जो उनके भाई शीन के बारे में था। शौन ने औडरी परमी ठीक वैसे ही अटैक किय जैसे कि उसने एक बार तारा पर किया था। और मुसीबतों पर ध्यान न देने और चुप रहने की उनके परिवार की पुरानी आदत के कारण शौन को कुछ भी नहीं कहा गया हालांकि इस बार ऑडरी ने फेसला किया कि वह शौन और अपने परिवार का डटकर सामना करेणी। लेकिन हाके लिए प्रोडरी को चारा के सपोर्ट की जरूरत थी तारा ने निश्चय किया कि वह अपनी बहन और माँ की मटद करेगी। इसके बाद तारा ने अपने पिता जीन से शीन की शिकायत की। लेकिन यह आसानन था।

इसी बीच वेस्टओवर का नया फॅमिली बिजनस काफी फल फूल रहा था। उन्होंने मिडिसिनल ऑडल्स की एक नई सीरीज लांच करी थी जो कि बहुत ज्यादा पॉपुलर हो रही थी। अके प्रोडक्टस इतने ज्यादा पॉपुलर हुए कि फेय और जीन को एक कमी से 3 मिलियन डॉलर का औपर आया जो अके बिजनस को खरीदना चाहती थी। और जीन की मानसिक स्थिति को देखते हुए इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि म्होंने इस ऑफर को हुकरा दिया।

तारा ट्रिनिटी कॉलेज में लगातार अपनी रिसर्च में बेहतर होती जा रही थी। अबचह फेमिनिजम का गहन अध्ययन कर रही थीं। पेमिनिज़म एक ऐसा शब्द था जिसके नेगटिय पहलू से ही तारा अब तक रूबरू हो पाई थीं। तारा जिस समाज से आई थीं वहाँ पर पुरुषों को ही लीडर समझा जाता था जबकि महिलाओं को सिर्फ बच्चे और घर संभालने वाला माना जाता था।

लेकिन अब तारा विचारों की एक नई दुनिया से रूबरू हो चुकी थीं। उनके पास अव शब्दों को एक ऐसी ताकत आ चुकी थी जिससे वह गहिलाओं की समस्याओं को बयां कर सकती थीं, जो उन्होंने बचपन में अपने आसपास महसूस की थी।

साथ ही साथ तारा मोरमनवाट की भी जाच पड़ताल कर रह थीं। हालाकि उन्होंने उसकी पड़ताल Academic यानी शैक्षणिक रूप से करने का फैसला किया। दूसरे शब्दों में कहें तो वह मोरमनवाद को एक धार्मिक दृष्टिकोण के बजाय वैचारिक हथिकोण से स्टडी कर रही थी जिसकी वजह से वह मोरमनवाद का गहराई से अध्यन कर पाई।

अकी स्टडी का नतीजा भी सकारात्मक रहा। एक ब्रिक के दौरान जब वह अपने घर दाडों पर थीं तो हें पता चला कि Pro के लिए सका चयन कैब्रिज में हो चुका है। हालांकि ईदाहों में अभी भी लगाय को स्थिति थी। शौन, तारा और औद्ररी को खुलेआम इरा-धमका रहा था और उनके घर याले भी इस मामले में ज्यादा कुछ बोलने को तैयार नहीं थे। शौन ने तारा से कहा कि औडरी को यह कभी भी गोली से उड़ा सकता है।

जब तारा नै शौन की शिकायत अपने पिता जीन से की तो उन्होंने तारा से सबूत लाने को कहा। आखिरकार तारा अपने माता-पिता और शौन को एक साथ बिठाने में कामयाब हो गई लेकिन इस मौके का फायदा उठाकर शौन ने तारा के हाथ पर चाकू से वार कर दिया जिससे उसकी धाकी को और ज्यादा मजबूती मिली।

इस घटना के बाद जीन ने भगवान और उनकी शिक्षाओं के बारे में दो घंटे का लेक्चर दिया जिसके अत में शौन और तारा टोनों आपस में गले मिले जाब तारा केंब्रिज वापस पहुंची तो शौन नै उन्हें फोन किया और दोबारा उसे जान से मारने की धमकी दी। तारा ने एक बार फिर इसकी शिकायत जीन से की लेकिन उन्होंने एक बार फिर सबूत की मांग की भर फेय नै भी हाथ खड़े कर दिए। उनके पेरेंट्स को लगता था कि तारा को शीन की शिकायत करनी बंद कर देती चाहिए क्योंकि इससे उनके परिवार को ही नुकसान पहुंचा रहा था। वे हमेशा अपने बेटे शौन को अपनी बेटियों से ज्यादा प्राथमिकता दिया करते थे।

अपनी डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने के लिए तारा को एक गलत फैसला लेना पड़ा।

अपनी पीएचडी रिसर्च के दौरान तारा के एक विजिटिंग फेलो के तौर पर हावर्ड यूनिवर्सिटी जाने का मौका मिला। लेकिन इस शानदार मौके पर उनकी खुशी फोकी पड़ गई। उनके पेरेंट्स को उनके हावर्ड आने की भनक लग चुकी थी जिसके बाद उन्होंने तारा को एक ईमल भेजा जिसमें लिखा था कि उन्होंने हावई की टिकट्स बुक कर ली हैं और वे जल्द ही हावर्ड आने वाले हैं। यही नहीं वे उसके कमरे में भी कुछ टिन ठहरने वाले थे। यह तारा को कंट्रोल करने की उनकी आखिरी कोशिश माबित हुई और इससे उन्हें इस बात का एहसास हो गया कि तारा अब उनसे टने वाली नहीं है।

तारा के पिता ने उन्हें दो विकल्प दिए पहला कि यह वास्तविकता की उनकी परिभाषा को स्वीकार करें या फिर के परिवार के लिए एक दुश्मन के रुप में जानी जाए।

जीन का कहना था कि यह संदेश जका नहीं बल्कि भगवान का है जिसके अनुसार तारा को ल्यूसिफायर (Luciner) के द्वारा चुना गया है और ये अब हे एक Fresthood Blessings देा चाहते हैं। मौरमनवाद में ये एक स्थास तरह की blessing होती है जिसे बस कुछ ही लोग peiesthood में परफॉर्म कर पाते हैं। प्रोस्टहुड ब्लेसिंग जिस इसान को प्राप्त होती है उसमें बीमारी लोगों को ठीक करने और बुरी आत्माओं को भगाने की ताकत आ जाती है।

एक बार फिर जीन का महानता का भ्रम चापस आ चुका था और उसने तारा से कहा कि अगर वह शुद्ध होना चाहती है तो उन्हें इसे स्वीकार करना होगा। इसका मतलब था कि तारा को यह भी स्वीकार कसा होगा कि शौन अब ठीक हो चुका है और उसे उसके हिंसक कारनामों और धमकियों को भूलना होगा। उनके पेरेंट्स के अनुसार, अगर तारा इस बात को स्वीकार नहीं करती हैं तो इसका मतलब यह होगा कि वह प्रतात्माओं के साये में है।

स्थिति को बट से बदतर बनाने के लिए उनके पेरेंट्स ने उन्हें बताया कि औंडरी भी अपने पिता की ब्लेसिंग्स को स्वीकार कर चुकी है जिससे उससे बुरी आत्माओं का साया निकल गया है। अब तारा की बारी थी लेकिन वह इस झूठी हकीकत को स्वीकार करने के लिए कतई तेयार नहीं थी। सत्य ज्ञान की अपनी यात्रा में वह बहुत आगे निकल चुकी थी। अब वह जीन की मानसिक बीमारी से अच्छे से वाकिफ थी और वह जानती थी कि उसे कैसे दूर करना है। साथ ही साथ कट्टरपथी मानसिकता को कैसे पहचाना जाता है ल में इस बात की भी समझ विकसित हो चुकी धीं।

इतना कुछ जान लेने के बाद भी अपने पिता के पलॉइड के जाल में फंसना अब तारा के लिए खुद को और अपने ज्ञान को धौका देने के जैसे हो चुका था।

इस स्थिती से तारा के पास बस दो विकल्प बचे थे- एक तो वह अपने परिवार को चुने या फिर दूसरा अपनी आजादी और शिक्षा को। और उन्होंने वही किया जो यह करना चाहती थीं उन्होंने अपने पेरेंट्स की डिमांड को ठुकरा दिया।

तारा ने सही फैसला लिया मगर इसने उनसे काफी कुछ छीन लिया। इस फैसले के बाद वह आपने घरवालों से संपर्क नाही कर सकती थीं जिससे उनके पास टीवी देख्ने के सिवाय कोई दूसरा विकल्प शेष नहीं था। अब उनका पढ़ाई करने का भी ज्यादा मन नहीं होता था या उसके लिए एक बड़ा मेंटल ग्रैक्डाउन था जिसकी वजह से उसकी PhD डिग्री तक खतरे में पड़ गई थी।

तारा ने सोच रखा था कि वह अपने 27वें जन्मदिन से पहले अपनी थीसिस सबमिट कर टेंगी। लेकिन जैसे-जैसे दिन करीब आते गाए उन्हें एहसास होने लगा कि वह हतनी मेहनत के बाद असफल नहीं होना चाहतीं। धीरे धीरे ही सही मगर तारा का ध्यान दोबारा पहाई में लगने लगा और उन्होंने अपनी थीसिस तैयार करके जल्द ही सो सबमिट भी कर दिया।

आज तारा Dr. Tara westover है। डॉक्टर का टाइटल पाने के लिए तारा ने अपना बहुत कुछ गंवाया है। इसके लिए उ्होंने कई सालों तक अपने परिवार से बातें नहीं की। लेकिन आज तारा को अपनी उपलब्धि पर गर्व है और हैं यह बताते हुए बड़ी खुशी होती है कि मान वह अपने तीन भाइयों, अकाल और आटी के संपर्क में है।

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