About Book
क्या आपका अपने इमोशंस पर कंट्रोल नहीं है? क्या आपको भी इमोशनल होना कमजोरी की निशानी लगती है? ये बुक हमे सिखाएगी कि एक मेंटली स्ट्रोंग पर्सन बनने के लिए हमे क्या करना चाहिए? ये बुक आपको एक स्ट्रोंग मोटिवेशन देती है और हमे लाइफ के चेलेंजेस फेस करने के लिए मेंटली तैयार करती है.
ये समरी किस किसको पढनी चाहिए? Who will learn from this summary? . हर उस इंसान को जिसे दुःख, उदासी, डर, एंजायटी, गुस्से वगैरह जैसी फीलिंग्स को कंट्रोल करने में प्रोब्लम होती है.
हर उस इंसान को जो एक सुकून भरी लाइफ जीने
चाहता है
ऑथर के बारे में About the Author
एमी मोरिन एक साइकोथेरेपिस्ट है. वो एक बेस्ट सेलिंग ऑथर होने के साथ ही एक कॉलेज लेक्चरर भी है. एमी वर्कशॉप्स और कोचिंग सर्विसेस प्रोवाइड करती है जिससे लोगो को अपनी फुल पोटेंशियल एक्सप्लोर करने में हेल्प मिलती है. एमी के टेड टॉक शो में मेंटल स्ट्रेंग्थ के बारे में बताया गया है जिसे यूट्यूब में करीब 14 मिलियन व्यूज़ मिल चुके है.
इंट्रोडक्शन Introduction
क्या आप एक मेंटली स्ट्रोंग पर्सन है? क्या आपको लगता है कि आपकी लाइफ में किसी भी तरह का कोई रिग्रेट या कडवाहट है ? क्या आपको खुद पे तरस आता है या आपको खुद पे प्राउड है? मेंटली स्ट्रोंग होने का ये मतलब नहीं कि इंसान अपनी फीलिंग्स छुपाए. बल्कि जो लोग मेंटली स्ट्रोंग होते है वो अपनी फीलिंग्स कंट्रोल में रखते है. अगर आप अपने इमोशंस और थोट्स को बेलेंस करना सीख गए तो समझ लो कि आप लाइफ में हमेशा राईट डिसीजन लोगे और सुकून से जियोगे. ये बुक हमे अपने फीलिंग्स को समझने में और सही तरीके से मैनेज करने में हेल्प करती है. इसे पढकर आप खुद को और अपने फैमिली और फ्रेंड्स को और बैटर ढंग से समझ पाएंगे. दे डोंट वेस्ट टाइम फीलिंग सॉरी फॉर देमसेल्स They Don’t Waste Time Feeling Sorry For Themselves जैक एलीमेंट्री स्कूल का स्टूडेंट है. एक एक्सीडेंट में उसकी दोनों टाँगे टूट गयी है जब एक बस ने उसे टक्कर मार दी थी. डॉक्टर्स बोलते है कि जैक के टाँगे पूरी तरह ठीक हो जाएँगी लेकिन तब तक जैक को कुछ महीनों तक व्हील चेयर का सहारा लेना पड़ेगा. इस बात से उसकी मदर काफी उदास रहती है. उसे हमेशा यही डर लगा रहता है कि शायद जैक अब फिर से चल-फिर नहीं पायेगा. डॉक्टर्स बोलते है कि जैक इस कंडिशन में भी स्कूल ज्वाइन कर सकता है जबकि जैक की माँ उसे अभी स्कूल भेजने के फेवर में नहीं है माँ को लगता है कि जैक को इस एक्सीडेंट से काफी डीप शॉक लगा है इसलिए उसे अभी स्कूल बस से दूर रहना चाहिए. उसकी माँ को लगता है कि अगर जैक व्हीलचेयर में बैठे हुए अपने फ्रेंड्स को खेलते हुए देखेगा तो और भी उदास हो जाएगा. इसलिए जैक अब घर से बाहर नहीं निकलता. वो मोर्निग में धोड़ी सी स्टडी करता है फिर सारा दिन टीवी देखता है और वीडियो गेम्स खेलता है. कुछ हफ्ते इसी तरह गुजर गये. उसकी माँ ने नोटिस किया कि जैक कुछ चेंज हो गया है. वो अब पहले जैसा एक्टिव और खुश नहीं दिखता जैसा कि वो पहले था, जैक की हालत देख के उसकी माँ को बड़ी टेंशन हो रही थी तो वो उसे थेरेपिस्ट के पास लेकर गयी. उसने थेरेपिस्ट को बताया कि उस एक्सीडेंट की वजह से जैक बहुत ज्यादा इमोशनली डिस्टर्ब हुआ है. थेरेपिस्ट ने डिसाइड किया कि वो एक डिफरेंट अप्रोच के साथ जैक का ईलाज़ करेगी, वो जैक को एक नॉर्मल हेल्दी बच्चे की तरह ट्रीट कर रही थी. उसने जैक को एकरेज किया कि वो एक बुक लिखें हाउ टू बीट अ स्कूल बस” जैक को आईडिया पसंद आया. उसने थेरेपिस्ट ने जैक की माँ को बताया कि उसे यूम में ड्रा किया और एंड में लिखा कि वो एक स्ट्रोग बच्चा है इसलिए वो इस एक्सीडेंट में बच गया. जैक के लिए उदास होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वो सही सलामत और जिंदा है, बस उसकी कुछ हड्डियाँ टूटी इसलिए जैक एक फिजिकली और मेंटली स्ट्रोंग बच्चे की तरह ट्रीट करना होगा जो कोई भी चेलेंज फेस कर सकता है. थेरपिस्ट ने ये भी बोला कि अगर जैक पूरी तरह ठीक नहीं हुआ तो भी वो काफी सारी चीज़े कर सकेगा. जैक को माँ को समझ आ गया कि उसे जैक पर तरस खाने की जरूरत नॉर्मल लाइफ जी सकता है. इसके कुछ टाइम बाद ही जैक ने र से स्कूल जाना शुरू कर दिया, अब उसकी लाइफ पहले जैसी नॉर्मल थी और जैक भी पहले की तरह खुश रहने लगा था, क्या आप भी लोगों में है जो खुद पे तरस खाते है ? क्या कभी आपके साथ ऐसा कुछ हुआ जिसने आपकी लाइफ को डिस्टर्ब किया हो? क्या आप उदास और दुखी रहते हो ? कई बार हमारे दुःख इतने बड़े नही होते जितना कि हम उस पर रिएक्ट करते है. अगर आप खुद को अनलकी सोचते हो, वर्थलेस समझते हो, तो यकीन मानो आप अपनी हालत और ज्यादा खराब कर रहे हो,
सेल्फ पिटी आपका टाइम और एनर्जी वेस्ट कर करती है, इससे आप और ज्यादा नेगेटिव फील करोगे. और जब आप नेगेटिव सोचते हो तो आपके साथ नेगेटिव चीज़े होने लगती है. तो इसके लिए आपको क्या करना चाहिए? हम बताते है. एक्टिव रहो. चाहे आपका मन हो या ना हो, बिस्तर से उठो, शावर लो, अपना रूम क्लीन करो या वाक पे जाओ, खुद को बिज़ी रखने से माइंड बिज़ी रहेगा और नेगेटिव सोचने का आपके पास टाइम नही होगा. अगर आपके पास पास एक्स्ट्रा टाइम है। न्यू हॉबी ज्वाइन कर आपने वो कहावत तो सुनी होगी” खाली दिमाग शैतान का धर” इसलिए खुद को हमेशा एक्टिव रखो. किसी भी चीज़ के दो साइड होते है, नेगेटिव और पोजिटिव, तो आप हमेशा पोजिटिव साइड देखने की कोशिश म नेगेटिव साइड पर ज्यादा फोकस करते हो इसलिए आप कुछ अच्छी चीजे मिस कर रहे हो. जो आपके पास है उसे एप्रिशिएट करो. करो, शायद आप ऊपरवाले का शुक्रिया अदा करो कि आप हेल्दी और सही सलामत हो, आपके सर पे एक छत है और आपको दो वक्त का खाना मिल रहा है. आपके पास एक फेमिली है जो आपसे बहुत प्यार करती है. तो कुल मिलाकर सिचुएशन इतनी भी बुरी नहीं है जितना आप सोचते हो. अपना नजरिया बदल के देखो, ये दुनिया बदली नजर आएगी, सोचो, अगर आपकी फेमिली या फ्रेंड भी वही सोचते है जो आप सोच रहे हो, तो क्या होगा? तब आप उन्हें क्या एडवाइस दोगे ? क्या आप उन्हें खुद पे तरस खाता हुआ देखना पसंद करोगे? और ज़रा उन मुश्किलों को याद करो जो आपने लाइफ में फेस की थी, जब उन प्रोब्लम्स को आपने सोल्व कर लिया था तो अब क्यों नहीं?
अगर आप पहले भी सर्वाइव कर चुके है तो अब भी जरूर कर सकते हो. साथ ही दूसरों की हैल्प करना कभी मत भूलो. आपकी एक छोटी सी हेल्प किसी के लिए एक बड़ा सहारा बन सकती है. दूसरो की हेल्प करना एक मीनिंगफुल एक्ट है, इससे बढ़कर एहसास और क्या हो सकता है कि हम किसी के काम आए. यानी हमारी लाइफ एक टोटल वेस्ट नहीं है,
दे डोंट वरी अबाउट प्लीजिंग एवरीवन (They Don’t Worry About Pleasing Everyone) मेगन काफी स्ट्रेस में थी इसलिए वो एमी के पास थेरेपी लेने आई थी. उसने एमी को बताया कि वो अपने बिज़ी शेड्यूल के चलते बहुत ज्यादा थक जाती
है. मेगन 35 साल की है. वो अपने पति और दो छोटे बच्चो के साथ रहती है. मेगन पार्ट टाइम जॉब भी करती है. वो एक संडे स्कूल में पढ़ाती थी और गर्ल स्काउट लीडर भी थी, मेगन हमेशा यही कोशिश करती थी कि वो एक बेस्ट वाइफ और मदर बन सके लेकिन फिर भी वो सेटिसफाईड नहीं थी. उसे समझ नहीं आ रहा था कि उसका मूड अवसर क्यों खराब रहता है और उसे इतना गुस्सा क्यों आता है, थेरेपी सेशन के दौरान एमी को मेगन की प्रोब्लम समझ आ गई थी, मेंगन उन लोगों में से थी जो किसी को मना नहीं कर पाते है, जब भी उसके चर्च के मेंबर्स कप केक्स की फरमाईश करते मेगन उन्हें मना नहीं कर पाती थी चाहे वो कितनी ही बिज़ी क्यों ना हो, उसके गर्ल स्काउट मेंबर्स जब उससे अपने से पिक करने को बोलते तो भी मेगन से ना नही बोला जाता था. मैगन अपनी सिस्टर को भी मना नही का पाती थी जो अपना बच्चा बच्चो को स्कूल से। उसके पास छोड़कर चली जाती थी, मेगन ने ये भी बोला कि लोगों की हेल्प करने के चक्कर में कई बार वो घर लेट पहुँचती थी. चो दूसरो की हेल्प में इतनी बिज़ी थी कि वो आना और अपनी फेमिली का ख्याल नहीं रख पा रही थी.
सबको खुश रखने के चक्कर में वो खुद को दुखी कर रही थीं. उसे अपनी इमेज की बहुत केयर थी. वो नहीं चाहती थी कि चर्च के मेंबर्स या उसकी सिस्टर उसे सेल्फिश समझे. लेकिन एमी ने मेगन की हेल्प की और उसे रियेलाइज कराया कि सबको खुश रखना बेहद मुश्किल और अनप्रेक्टिकल बात है. धीरे-धीरे मेगन को भी ये बात समझ आ गयी थी और उसने ना कहना सीख लिया था. उसे कोई बहाना बनाने की या एक्सप्लेन करने की जरूरत नहीं थी, बस पहले इतना बोलना था” नो, सारी आई काट” बस इतना ही काफी था.
मैगन को पहले लगता था कि लोग उससे नाराज हो जायेंगे लेकिन अब वो रिलेक्स थी. जब वो किसी काम के लिए मना करती थी तो सामने वाला भी उसकी प्रोब्लम समझ जाता था. मेगन अब बिना किसी रिग्रेट के अपनी फेमिली के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करने लगी थी जिससे उसका मूड भी अच्छा रहता था. वो अब पहले से ज्यादा केयरिंग सदर और वाइफ थी, उसका सारा स्ट्रेस जैसे गायब हो गया था, मेगन अब सिर्फ उनकी परवाह करती थी जो लोग उसकी लाइफ में सबसे इम्पोटेंट थे. क्या आपको भी ना बोलने में मुश्किल होती है ? क्या आप लोगों की खुशामद करते है? क्या आप चाहते है कि सब आपको पसंद करे? तो शायद आप कंफ्लिक्ट से डरते है या आपके अंदर लोगों को फेस करने की हिम्मत नहीं है. शायद आपको रिजेक्शन का डर है या आप डरते है कि कहीं अकेले ना रह जाए.
क्या आपको मालूम है कि जो लोग एल्कोहोलिक्स होते है उनके बच्चे लोगों की खुशामद करने वाले होते है ? ऐसा शायद इसलिए क्योंकि उन्हें लगता है कि लोगों की खुशामद करके वो प्रोब्ल्मेटिक सिचुएशन्स अवॉयड करना चाहते है. क्योंकि एक शराबी पिता जो भी बोलता है, बच्चे चुपचाप उसकी बात मानते है ताकि उन्हें मार ना पड़े, लेकिन इसका सबसे बुरा इफकेट ये पड़ता है कि ऐसे बच्चों की अपनी कोई वैल्यू नहीं रहती. वो हमेशा लोगो को खुश रखने में खुद की इज्जत खो बैठते है. ऐसे लोगों की लाइफ में कभी न कभी वो पॉइंट आता है जब वो इस बात पे रिग्रेट करते है कि वो जिंदगी भर दूसरों की खुशामद करते रहे और दूसरों की श्तों पर जीते रहे. पर याद रखो, पोपुलर चाँइस हमेशा राईट चॉइस नहीं होती, आप क्रेग्सलिस्ट की स्टोरी से करछ लर्न कर सकते हो,
सीईओ जिम बकमास्टर ने इस बात का हमेशा ध्यान रखा कि क्रैग्सलिस्ट अपने बनाये रास्ते पर रहे. कई सारी वेबसाइट्स एडवरटीज़मेंट पर चलती है पर क्रैग्सलिस्ट ऐसी नहीं है. इस कंपनी ने बहुत से ऐसे ऑफर रिजेक्ट किये जो उन्हें बड़ा प्रॉफिट दे सकते थे. बकमास्टर और उसकी टीम ने डिसाइड किया था कि वो ज्यादातर सर्विसेस फ्री रखेंगे, कई लोगो ने उन्हें इस डिसीजन के लिए क्रिटिसाइज़ भी किया पर उन्होंने अपना इरादा नहीं बदला. उन पर सोशल एनार्किस्ट और एंटी कैपिटलिस्ट होने के भी इलज़ाम लगे पर उन्होंने इन बातो पर ध्यान नहीं दिया. लोगो की खुशामद करना उनकी हैबिट नहीं थी. उन्होंने क्रैग्स्लिस्ट को वैसे ही चलाया जैसा वो चाहते थे, क्रैम्सलिस्ट एडवरटाईजिंग पर ज्यादा डिपेंड नहीं था तो डॉट कॉम क्रेश सर्वाइव कर गया. कैरसलिस्ट आज भी मोस्ट पोपुलर वेबसाईट है. बकमास्टर ने अपने वैल्यूज़ से कभी समझौता नहीं किया. दूसरों को खुश करने के बदले उन्होंने अपने कस्टमर्स पर ज्यादा फोकस किया.
दे डोंट ड्वेल ओन द पास्ट (They Don’t Dwell On The Past)
जेम्स मैथ्यू बैरी (James Matthew Barrie | जब सिर्फ 6 साल के थे तो उनकी फेमिली में एक हादसा हो गया था. जैम्स के बड़े भाई डेविड की जो 13 साल का था, आइस स्केटिंग करते वक्त डेथ हो जेम्स की माँ अपने बेटे की मौत से डीप शॉक में चली गयी थी. बो एक्सेप्ट नहीं कर पा रही थी कि उसका बेटा मर गया है. जेम्स ने अपनी माँ का दुःख
बहुत कोशिश की, वो अपनी माँ को खुश रखने के लिए डेविड की तरह बिहेद करने लगा था. जेम्स डेविड के कपडे पहनने लगा था और कम करने की हमेशा अपनी माँ के साथ-साथ रहता था. जेम्स की माँ ने उसे बोला कि एडल्ट होना इतना ईजी नहीं है, क्योंकि एडल्ट लाइफ दुःख और परेशानियों से तो अपनी माँ को खुश करने के लिए जेम्स ने फैसला किया कि वो कभी 13 साल से ज्यादा बड़ा नहीं होगा, वो हमेशा के लिए एक बच्चा बनकर रहना चाहता था. जेम्स की ये डिजायर इतनी स्ट्रोंग बन गयी थी कि उसकी फिजिकल और मेंटल ग्रोथ वाकई में रुक गयी थी. वो अपनी एज के हिसाब से काफी दुबला-पतला था और उसकी हाईट 5 फुट से ज्यादा नहीं बढ़ी. हाई स्कूल के बाद जेम्स ने अपने पेरेंट्स को बोला कि वो एक ऑथर बनना चाहता है लेकिन उन्होंने मान गया पर उसने बोला कि वो लिटरेचर पड़ेगा.
कहा” पहले तुम कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर लो क्योंकि डेविड ने भी यही किया था. जैम्स
जेम्स मैथ्यू बैरी पीटर पैन के राइटर थे, जिन्होंने के ऐसे लड़के की स्टोरी लिखी थी जो कभी बढ़ा नहीं हुआ था. क्या आपको कभी ऐसा फील हुआ कि काश आप पास्ट में जाकर वो करते जो आप करना चाहते थे? क्या आपको पुरानी बातो का पछतावा है ? क्या आप पास्ट को भूल नहीं पा रहे है ? अगर ऐसा है है तो यकीन मानो आप प्रेजेंट में कभी खुश नहीं रह पाओगे. क्योंकि आप अपने आस-पास की हर चीज़ को मिस कर दोगे और लाइफ एन्जॉय नहीं कर पाओगे. इससे आपकी डिसीजन मेकिंग एबिलिटी तो अफेक्ट होगी ही साथ ही आपको प्रेजेंट की कोई भी प्रोब्लम सोल्व करना काफी मुश्किल लगेगा. इसलिए पुराना
बातो को भूल कर अपने आज को जियो. अपने पास्ट को पीछे छोड़ दो. आप चाहे जो कर लो, बहुत सी ऐसी बाते है जो आपके हाथ में नहीं है. आपका प्रेजेंट आपके हाथ में इसलिए इस पर फोकस करो और अपना बेस्ट दो. कुछ यादे ऐसी होती है जिन्हें हम भुला नही पाते, तो ऐसी यादों से छुटकारा पाने के लिए अपने लिए कुछ नए गोल्स सेट करो, आप चाहो तो अपनी लाइफ का हैप्पी एडिंग लिख सकते हो. जिन्होंने आपको हर्ट किया उन्हें माफ़ करके आगे बढ़ जाओ. से नेक्स्ट स्टोरी आपको जरूर इंस्पायर करेगी. वार्ड गाँव की एक गरीब लड़की थी. बचपन में ही उसके फादर ने उसे फिजिकली और सेक्सुअली एल्यूज किया था. वो अपनी माँ को रोज़ अपने फादर के हाथो मार खाते देखती थी. लेकिन ने सब कुछ बर्दाश्त किया और अपने दिल में ये सीक्रेट छुपा लिया. वो पढ़ाई में काफी अच्छी थी, जब दो 17 की हुई तो घर से भाग गई और दुबारा कभी नही लौटी, एक लड़के से मिली और दोनों ने शादी कर ली. दोनों ट्रक ड्राईवर का काम करते थे, कई साल गुजर गए. एक दिन ने सुना कि उसके बड़े भाई ने अपने ही बच्चे को एब्यूज किया है. और उसने उसी वक्त डिसाइड किया कि वो अपनी फेमिली में इस एब्यूजमेंट की हिस्ट्री को हमेशा के लिए खत्म कर देगी. उसने इस बारे में काफी डीपली सोचा और डिसाइड किया कि वो फिर से पढ़ाई करेगी. उसने कॉलेज में लॉ लिया और काफी मेहनत से पढ़ाई करने के बाद डिग्री ली. उसके बाद उसने डोमेस्टिक वायोलेंस के शिकार बच्चो के लिए एक ओर्गनाइजेशन खोला. गरीब, बेसहारा औरतो और बच्चो को लीगल प्रेजेंटेशन देकर उनकी हेल्प करती थी, अगर किसी को सोशल सर्विसेस की जरूरत होती तो उसमे भी वो उनकी हेल्प करती थी,
अगर किसी के पास ट्रांसपोर्ट का पैसा नहीं होता था तो वो उसे अपना ट्रक लेकर पिक करने आती थी. उसके साथ बचपन में काफी गलत हुआ था पर नौना ने अपना पास्ट भूलकर दूसरों की हेल्प करने का फैसला लिया. उसने अपनी लाइफ तो इम्प्रूव की ही साथ ही अपने जैसे और लोगो की भी हेल्प की. अपना गुज़रा हुआ कल भूलकर उस लड़की ने बहुत सारे अब्यूज्ड बच्चो की लाइफ में पोजिटिव चेंज लाकर उन्हें एक बैटर फ्यूचर दिया.
दे डोंट रीसेंट अदर पीपलस सक्सेस (They Don’t Resent Other People’s Success) हैन एक गाँव में रहता है जहाँ अवसर गेट-टूगेदर होता था. पडोसी एक-दसरे के घर डिनर पर आते थे और लोग पार्टीज़ दिया करते थे. लोगों को एक की लाइफ में पता रहता था. डैन एक फ्रेंडली टाइप का आदमी है. उसके पास एक स्टेबल जॉब, एक अच्छी वाइफ और प्यारे से बच्चे है. लेकिन इस दुसरे सबके बावजूद डैन का एक सीक्रेट है. उसे पड़ोस के गेट-टूगेदर पार्टीज़ में जाना पसंद नहीं है. उसे माइकल की ब्रांड न्यू कार या स्कॉट के बिग प्रोमोशन कोई इंटरेस्ट नहीं है. डैन इस बात से चिढ़ता है कि वो अपने पड़ोसियों की तरह महंगी चीजे या लक्जरी वेकेशन अफ्रोड़ नहीं कर सकता. उसकी वाइफ ने बच्चों का ध्यान रखने के लिए जॉब छोड़ दी थी जिसकी वजह से फेमिली का बजट हमेशा टाईट रहता था, डैन ज्यादा पैसा कमाने के लिए एक्स्ट्रा वर्क करता था. उसने कई लोगों से उधार भी ले रखा इस बात को मानना नहीं चाहता था कि उसकी फाईनेंशियल हालत ठीक नहीं है. वो हर हाल में अपने पड़ोसियों की तरह एक अच्छी लाइफ स्टाइल चाहता था चाहे इसके लिए उसे कुछ भी करना पड़े. डैन अघनी टैंशन अपनी वाइफ से कभी शेयर नहीं करता था. लेकिन उसका स्ट्रेस और फ्रस्ट्रेशन बढ़ती ही जा रही थी.
उसका बिहेवियर भी काफी चेंज होता जा रहा चो शोर्ट टेम्पर हो गया था, उसे बात-बात पे गुस्सा आता था. फिर एक दिन चो अपनी प्रोब्लम्स लेकर एमी मोरिन के पास आया. एमी ने उसे बताया कि उस पर कोई प्रेशर नहीं डाल रहा कि वो एक हाई-फाई लाइफ जिए. वो खुद ही अपने लिए एक ऐसी लाइफ चाहता है जो वो अफोर्ड नहीं कर सकता. डैन ने एमी को बताया कि वो एक गरीब फेमिली में पला-बढ़ा है और वो नहीं चाहता कि उसके बच्चे लाइफ जिए. डॉन जब छोटा था तो उसके पड़ोसी उसे चिढाया करते थे क्योंकि उसके पास अच्छे कपड़े और भहंगे टॉय नहीं थे. तब उसे भी उसकी जैसी बड़ा बुरा लगता था. पर डैन के मन में में कही डीप ये बात थी कि उसके लिए मेटेरियल चीजों से बढ़कर फेमिली का प्यार और बोन्डिंग ज्यादा इम्पोर्टेट है नेक्स्ट थेरेपी सेशन में डैन की वाइफ साथ गयी. डैन से उससे अपनी प्रोब्लम्स शेयर की. उसकी वाइफ ने उसे पूरा सपोर्ट किया और दोनों ने मिलकर पर फोकस करेंगे. क्या आप सोशल मिडिया पर ज्यादा रहते है और डिसाइड किया कि वो पड़ोसियों से कॉम्पटीशन नहीं करेंगे बल्कि अपने रिश्तों पर की सक्सेस से जलत हा क्या ना अपना लाइफ का दूसरों से काय याद हे? अभी नहीं है. रखो, जितना कम आप दूसरों की सक्सेस पर ध्यान दोगे आपके पास उतना ही ज्यादा टाइम होगा अपने गोल्स अचीव करने के लिए, इसलिए कभी करत है ? अगर ऐसा है तो ये हैबिट अच्छी नहीं है। दूसरों से कम्पेयर मत करो. बल्कि खुद से कॉम्पटीशन करो. जो आप कल थे, उससे बैटर वर्जन बनकर दिखाओ. और फिर आपको अपनी प्रोग्रेस नजर आएगी, क्योंकि हमे हमेशा कोई न कोई ऐसा मिलेगा जो हम से ज्यादा सक्सेसफुल होगा, ज्यादा पॉपुलर होगा और ज्यादा अमीर होगा. पर जरूरी नहीं उनके पास आपके जैसे ही स्किल्स या क्वालिटी हो, आप यकीन नहीं करोगे पर आपके पास भी कुछ खास है जो औरो के पास नहीं है. क्योंकि र दूसरो
आफ्टरआल इस दुनिया में हर कोई परफेक्ट नहीं होता. अगर आपको खुद में कमी लगती है तो खुद को इम्पूव करो. आप इस नेवस्ट स्टोरी से कुछ सीख सकते हो. एमी का एक क्लाइंट था जॉन, जिसे कुछ फेमिली प्रोब्लम्स थी, वो अपनी वाइफ और बच्चो पर चिल्लाता उन्हें बेड वईस बोलता था. असल में वो एक शराबी और ड्रग एडिक्ट था. जॉन 6 महीने से जॉबलेस था और अपने बिल्स भरने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे. वो लाइफ में सिर्फ परेशानियों की जिक्र करता था. जो भी उसे कुछ समझाने की कोशिश करता, वो उसी से झगड़ने लगता था, एक दिन जॉन एमी के ऑफिस में आया और बोला” आपको पता है, मुझे अपने बारे में कुछ भी अच्छा नहीं लगता एमी ने जब कहा ये तो अच्छी बात है तो जॉन हैरान रह गया.
एमी का ये जवाब सुनकर शोक्ड रह गया. जॉन ने कहा” आप ऐसा कैसे बोल सकती हो? तुम मेरी थेरेपिस्ट हो. तुम्हारा काम है मुझे बैटर फील करने हेल्प करना”. तो एमी ने कहा जैसी तुम्हारी हालत है, और तुम जो ये बात खुद एडमिट कर रहे हो तो ये एक हेल्दी साईंन है. इसका मतलब है कि तुम्हे मालूम है कि तुम्हे कुछ प्रोब्लम है और तुम्हे चेंज होने की जरूरत है. तुम्हे खुद में इम्प्रूव लाना होगा. एमी ये देखकर खुश हुई कि टाइम के साथ जॉन ने खुद को काफी चेंज किया. थेरेपी के लास्ट दिन जॉन में काफी रिमार्केबल प्रोग्रेस नजर आ रही थी, उसने ड्रग्स और शराब छोड़ दिया था. जॉन अपनी वाइफ और बच्चो को पहले से ज्यादा प्यार करने लगा था. लोगो से उसके रिलेशनशिप भी अब पहले से बैटर थे. अगर आप दूसरो की सक्सेस से जलते हो तो शायद आप खुद से खुश नहीं हो. इसका यही मतलब है कि आप खुद की लाइफ सेसेटिसफाईड नहीं हो. इसलिए अगर आप अपना एटीट्यूड और बिहेवियर चेंज करोगे तो आपकी लाइफ में हैप्पीनेस और सक्सेस ऑटोमेटकली आएगी.
कनक्ल्यू जन (Conclusion)
लाइफ में कभी भी सॉरी फील मत करो क्योंकि आपकी फेमिली और फ्रेंड्स की गुड विशेस हमेशा आपके साथ है. आपके अंदर भी एक काबिलियत मौजूद है जो आपको ढूंढनी है. लाइफ में ऐसी बहुत सी चीज़े है जो हम नहीं बदल सकते लेकिन हम अपना नज़रिया जरूर बदल सकते है. हम दुनिया में सबको खुश | नहीं रख सकते इसलिए इस बारे में सोचकर उदास होने की ज़रूरत नहीं है. लाइफ में उन्ही के साथ स्ट्रोंग रिलेशनशिप रखो जो लोग आपकी लाइफ में इम्पोर्टेंट है. पुरानी बातों को भूलकर प्रजेंट में फोकस करो, जो हो गया सो हो गया. अब उस पर पछताने का कोई फायदा नहीं इसलिए अपने आज में खुश रहो. टाइम से साथ खुद में पोजिटिव चैंजेस लाना बहुत जरूरी है तभी हम अपने आज को अपने कल से बेटर बना पायेंगे. रोज एक नया दिन आता है और हमारे लिए नए मोके लाता है इसलिए कोशिश यही करो कि आप इस मौके का भरपूर फायदा उठाओ.