THE WISDOM OF LIFE by Arthur Schopenhauer.

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ये किताब किसके लिए है?

-उन सभी के लिए जिनको फिलॉसफी में रुचि हो

उन सभी के लिए जिनको खुशी और जान चाहिए

जिनकी 19वीं सदी की जान फिलॉसफी में दिलचस्पी हो

लेखक के बारे में

Arthur Schopenhauer (1788-1850) एक बहु प्रतिष्ठित जर्मन फिलॉसफर रहे हैं. एक लेखक के तौर पर इनके लेखन की पहचान इस बात से ही हो जाती है कि उन्होंने अपने दौर की सोच प्रैक्टिकल मटेरीयालेजा को सिरे से नकार दिया था. उस दौर के कई जर्गन बुद्जीवियों ने लेखक के एप्रोच का समर्थन भी किया था.

जिंदगी ने हमें जो गिफ्ट दिया है, उसे हम तीन भागों में बांट सकते हैं

एक सवाल जो सबसे बड़ा बन रहा है, मादिननादी काल से है, बी मे है कि जिन्दगी में सुशी का असली मतलब क्या होता है उसो सवाल का जवाब तूलने की कोशिश उस समय के मभी जर्मन फिलॉसफर कर रहे थे. उन्होंने इस जिज्ञासा को एक टर्म में संयोधित भी किया वा यो टर्म है यूडेमनिया, इसका मतलब हे शोटरवा मनुष्टि और खुशी,

माबिर खुशी ज्या इस सवाल में लेखक को भी काफी ज्यादा परेशान किया है. इस निचय के माध्यम से लेखक ने उसी सवाल का जवाब देने की कोशिश की है. इस निबंध में उन्होंने दोनों महालूमों पर ध्यान दिया, पहला ये कि पाकिर अली हे त्यार और जिन्दगी को ऐगारसे बनाया जाए कि हा खुशी साफ पट्य साक्योंकि सही शिन्दगी शीना ही एक मात्र माध्यम हे सुशी तक पहुंचने का जिंदगी के जान का रास्ता जिन्दगी को जोपर ही गुजरता है

इंसानी जीवन के बारे में विधार करना चाउस बारे में अध्यन वारसा कोई नयी बात नहीं है लेकिन विधार करने के बाद पारितक चीज आती है कि आखिजीवन केसा होना चाहिर सबसे पहले ग्रीक फिलानपार एरिसटोरल ने बताया कि मन अलेसिंग को हम तीन भागों में बाट सकते हैं. एक बाहरी वृशी, एक आत्मा की खुशी और एक शरीर की खुशी.

सबसे पहले एक मसनालिटी होती है या फिर ये कहें कि हाट अ मैन इज.

एक पर्सनालिटी में किसी का चरित्र नही होता है, बल्कि उसमें हेरा, खूबसूरती, रहन सहन, बोल चाल, खाना-पीना, एजुकेशन बहुत सी ची आती है:

ी सय चीजों को मिला जुलाकर किसी आदमी का नेचर कहा जाता है, यही नेचर आपको खुशी प्रदान करता है

सयमें शाम द्यात ये दे कि किसी भी इंसान को चुशी उसकी अंतरामा से ही मिलती है जैसे कि अगर आपकी हेल्थ अच्छी रहेगी तो आप ज्यादा घुरा मी नदोगे, एक कावा भी है कि स्वस्थ भिस्यारी एक धीमार मुकाबले ज्यादा खुश रहता है

राजा इससे किताब के लेखक आर्थर कहते हैं कि इंसान की मुली का नाता उसके दिमाग से होकर गुजरता है, एक युद्धिमान आधमी अकेले भी काफी खुश रह सकता है. उसे ज्याचा सोशल होने की चाय ही नहीं पड़ती है. उनके दिमाग के अलर खुद इतना कुछ होता है कि वो अकेले के समय में भी खुश हो रहता है.

हम दूसरी केटेगरी की बात करते हैं कि बाट अनि देश

मटेरियल मे आपकी जरूरत पूरी हो सकती है लेकिन उसने ज्यादा और कुछ भी नहीं, इससै वी शाति नहीं मिल सकती जिसकी आपको तलाश है, कई बार देखा गया है कि अमीर लोग अंदर से काफी दुखी रहते हैं. भाप

शारीरिक और मानसिक जितना स्वस्थ रहेंगे उतना खुश रही,

चलिए इस सफर की शुरुआत करते हैं, तीन कैटेगरी में से पहली कैटगरी से, ये कैटेगरी में पर्सनालिटी, ये एक ऐसी चीज जो आप अपने साथ लेकर हर जगह जाते हो, इस बात से मतलब नहीं कि आप कहा हो, किसके साय हो और नया कर रहे हो, आपकी पर्सनालिटी हमेशा ही आपके साथ होती है

इस पर्सनालिटी में एक चीज़ महत्वपूर्ण जगह रखती है, जो है आपकी हेल्थ, अगर आप स्वस्थ हो तो फिर आप छोटी-छोटी चीजों में भी खुशी ठूत ही लोगे.

एरिसटोटल ने कहा कि सिंचागी एक मूवमेंट की तरह है,

इसको हम से भी देख सकते है कि हो अपने डेली रूटीन में एक्सरसाइज जरूर करना चाहिए. इससे ज्यादा क्यार एक्सरसाइज में आपका दिमाग ह टोने की ममता भी बहेगी जब दिमाग चलेगा तो शरीरमौ चलेगा, इसको एक मेड़ के उदाहरण से समझने की कोशिश करिए पेड़ के पत्तों में लगी धूल भी तय हटती है जब थोड़ी या चलती है और उस क्ष्या से पड़ हिलसा है.

हेल्थ सही रहे तो आपका दिमाग आपकी खुशी के रूप में ही गिट देगा.एक पुरानी कहावत है कि मुर् की जिन्दगी मरे हुए से भी बैकार होती है:

अगर आपके पास सौभाग्य है कि आप इंटेलेक्च्यभाल की तरह जी मकते हैं, तो पीज़ उसी उरह जीते रहिये, का आपका दिमाग भी हमेशा स्थिती रहेगा आर आपके पास समय ही नहीं रहेगा योर होने का जण दिमाग के पास समय नहीं है तो आपके पास कैसे हो सकता है।

एक उ दिमाग किसी गाजर जमीन में भी खूबसूरती देख सकता है, लेकिन एक मुख इसान के सामने अगर आप पूरा मार्ग भी रख देंगे तो उसे कुछ भी समझ नहीं आएगा इसलिए अपने दिमाग को डमेशा ही किसी ना किसी प्रोडक्टिव काम में लगाये रहिये, ऐसा एक दिन नहीं होना चाहिए जब आपको लगे कि आज कुछ मैंने सोडनिय नहीं किया है

दूसरा पहनु ये है कि अगर आपका दिमाग खाली रहेगा, तभी आप एटरटनमंट के पीछे भागने की कोशिश करेंग, आर आपक पास पहले से ही एटरटननेंट माजूल है तो आपको उसकी जरूरत ही नहीं है. इसालष्ट हमक्षा व्यस्त रहने की कोशिश करिए, भापकी जिंदगी में खुशी बहुत ज्यादा कम नाज़ पर भी डिपड करती है कि आप जिन्दगी में किलमा कुछ चाहते हैं.

अब समय आ गया है कि दूसरी कटेगरी की तरफ अपने कदम बनाए. ये कैटेगरी ई पमिटी, बार अमन ईजा.

सबसे पहले ये समझना होगा कि कुछ बुनियादी चीजें होती है जैसे कि रोटी, पका और मागन, इन चीजों के बिना जिन्दगी को गुजर बसर करना ही मुशिकल हो सकता है और कुछ अररतें वैी होती हैं जो नेचुरल तो होता है लेकिन इनके लियेन्ना भी काम हो सकता है. इनको पूरा करना थोड़ा मुश्किला भी होता है

मोर या तीसरा हिस्सा भी है वो है लग्जरी लाइफ स्टाइल का, ये ना ही नेतुरल है और ना ही इसकी हो कोई त है, जोर अगर हम इनको पूरा करने के लिए आगे बढ़ेो तो ये सबसे ज्यादा मुशिकल यही है,

इमन बातों में एक खास बात ये है कि त सभी चीजों की वैल्यू हर इसात के हिसाब से बदल जाती हैं, क्योंकि इस दुनिया में स अलग-अलग है, जो चीज मेरे लिए लाजरी है वो चीज किसी और के लिए बिल्कुल

समान्य, नजयो और जरूरत के हिसाब से नौजे बदल जाती हैं

इसाला आपने देखा होगा कि जा जमजात अमीर होता है, उसके लिए अमारी बहुत मायो रखती है उसमजा भपता महात में अमार बना है क्याक पहले कस वाला उस अमरी के अलावा कुछ जानता ही नहीं है उहीं दुसरे को जमीनी हकीकत मालुम है, इसलिए उसके अंदर उसे सोने का डर ही नहीं रहता तो अटर से खुश रहता है,जिसके भदर कुछ सोने का भय ही ना हो, उसे खुश रहने में कौन रोक सकता है.

अपनी इज्जत को लेकर हमेशा डर में रहना सही नही है

पोजीशन लाइमा ब्लेसिंग की तीसरी फिटेगरी में आतीं है,ये पूरों तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि लोग आपको कैसे देखते हैं इसके पहले पहलु से शुरू करते हैं, जो है पाटेशन,

हमारी जिन्दगी यही सांचें में बली जाती है कि लाता आदमी या औरत हमारे बारे में क्या सोचता या सोचती है? अगर आपसे सब कह ती ये सोचना ही वकृी है कि सामने ताला भपके बारे में क्या सोचता है तो उतना ती सोचेगा जितना उसका दिमाग है, इसलिए सबसे पहले ये काना बद करि कि लोग क्या करेंगे,

एक कहानी सुनिय एक आदमी है, जिसका नाम है लंकामटे, उसके ऊपर इनाम है कि उसने फेव किंग की हत्या की है, उसे कोर्ट में मौत की सजा सुना दी जाती हैं. सजा उसे माल 1845 में मुनाई जाती है. जाप तक कस चल रहा था, ये हमेशासो देशन में रहा कि सोसाइटी में उसकी इज्जत का क्या होगार

उम्र कैद के समय भी उसे टेशन रही कि उसके पास अको कपड़े नहीं हैं, अतिम संटो में भी कुछ सही सोचने के बजाए वो उन लोगों के बारे में सोचता रहा जो उससे अजान थे.

अगर आप गंशा यही साध रही कि आपके बारे में लोग क्या सोचते हैं, तो फिर आप कामी में अपने दिमाग की इस शांति के अवस्था में नहीं मई पागे, गदा आपको पहुंचना चाहिए, आधी जिन्दगो दूसरों के बारे में साचन में ही लोगों की जिन्दगी खत्म हो जाता है

१६ सवाल 36ता है कि हमें क्या करना चाहिर सबसे पले तो खुद को एक टाक दीजिये कि मुडो आज दूसरों की बात से इफेक्ट नहीं होना है मुझो इसलिए जिन्दगी को नहीं जीना है कि दुनिया मेरे बारे में क्या सोचती है, बल्कि मुझे अपनी खुशी के लिए जीता है जब आप ये पहला टास्क खुद को वे देंगे त आप आधी जंग जीत बुके दंगि और खशी के करीब आ नायगे.

दो और महत्वपूर्ण पहलू है, जिनपर हमे बात करनी चाहिए, ये पॉट है पाठ और रैक

प्राइड आता है जब आफ्नै जिन्दगी में कुछ अच्छा किया होता है, लेकिन ध्यान राशिये कि इसको आपको गलत रंग से नहीं लेना है.

प्राइड एक तरह से काफी पर्सनल यौग है, ये अच्छा तभी तक है जाप राक आप इसे सही मात्रा में महसूस करते हो, अगर आपका माइड घमंड का रुप लेने पाया तो इससे सतलाक चीज कुछ भी नही है.

लेखक बताते हैं प्राइड का सबसे अनौतक्टिव फॉर्म होता है फर्जी देश भक्ति दिलाना, जब आप ये कर रहे होते हो तो आप कुछ नया नहीं सीख रहे होते ही जो लोग देश भक्ति दिलों में लगे हुए हैं, वो अपनी कुछ कमाँ छुपाने में भी लगे हुए है

अब बात करते हैं रैक की, सोशल की भी उतना ही छुरा हो सकता है जितमा कि प्राइड, क्योकि आप किमी इमान को पसट करी, उसकी काबिलियत के हिसाब से ना कि उसकी माणिक स्थति कैसी है इस हिसाब ने, गोगाजी की कि से जल्दगो गन्द बाहर निकलिए, और खुशियों के रास्ते में एक बेहतर गफर के लिए गागे पढ़ते रहिये, खुशिया मापान बाहर इन्तजार कर रही है.

हम हमेशा ये ख्याल अपने मन में लाते हैं कि हम इस समाज के बहुत इज्जतदार लोगों में से एक है, वहीं अगर कोई कभी आकर आपको ये बता दे कि आपको सल्ली रजत भी नही है, जित्मा जाप सोचकर बैठे हार है, तब आपको बाहत ज्यादा बुरा लगेगा, उसकी बात सीधे आपके ऑनर को ठेस पहधा देगी इस ओनर के भी ढो साइड होते हैं. पहला ऑब्जेक्टिव भीर दूसरा सब्जेक्टिव भटजीवटेन औनर नो डोलाई किनूसरे आपके बारे में क्या सोचते ई, और सचिव ओनर होताई कि खुद आम अपने प्यार में बया सोचते हो.

अगर आपको सा हो तो बता देते हैं कि सोसाइटी के लोग किसी के बारे में वैसी ही राग बनाते हैं, जितना जरूरी तो मामा के लिए होता है, अगर ज्यादा जरूरी है तो अच्छी साय, कमजरूरी है तो खुदो राय

आपको बता देते हैं किडा कटेगरी के अलावा भी नर की । भर सह्य कैटेगरी है

असम से पहली हे सिंधिक ऑनर- एक कानूनी तौर पर आदर्श समाज को इस केटेगरी में डाला है मतलब ये एक आदर्श बीज है, जैसा समान होना चाहिए, सब एक दूसरे का सम्मान करें और प्यार से रहें

दूसरी कैटेगरी है ऑफिशियल ओनर की, इसमें दो लोग आते हैं जो पब्लिक सर्विस से जुड़ हुए होते हैं, जैसे कि वकील टीचर, सैनिक, डॉकटर, इसको एक मापाड के तौर पर भी देखा जा सकता है कि जो आदमी या औरत पहिलिक सर्तम में हैं, क्या वो वाकई उसके हकदार है? मतलब क्या वो अपनी ड्यूटी हमानदारी से पूरी कर रहे हैं, इस कैटेगरी में वटी ऑफिसर आएगा जो ईमानदारी से अपनी ड्यूटी करता होगा.

तीसरी कटेगरी है सेक्सुअल ऑनर-इस कटगरा में मेल आर जमला अपन-अमन जेंडर के हिसाब योगदान देते हैं जैसे कि मामला भीतर के हिसाब से औरत अमने आपको सिर्फ शादा के बाद मट को सौंप सकता है. और मैल आनर कहता है कि शादी के बाद पूरी आर्थिक जिम्मेदारी उसे ही उठानी है

फाइनल केटेगरी का नाम नाइटली मोना- ये औनर लोगों के ओपिनियन के ऊपर होड है

दाहरण के तौर पर अगर को.. आपने से काम नही करता तो आपको सो बारे में बुरा ही सोचते हो. एक मानसिकता बनाते है कि ये सान इस तरीके का है, वही को. आपकी एक बार सारीमा कर देता है तो आप उसको अपने सर पर बताने को भी तयार जाळे डा. मतलब सा है कि आपके ओपिनियन आपकी तारीफ के हिसाब में बदलाते रहते हैं, ऐसा अस आपके साथ नहीं है बल्कि सोसाइटी का एक बड़ा तबका इसी हिसाब से ओपिनिया बनाता है,

ऑनर के साथ यहां अब फेम की भी बात कर लेते हैं. द फेम अगर किसी को चाहिए, तो उसे अपने जीवन के काम भी उस हिसाब से बढाने डॉग द फेम को आम जीत सकते हो अपने कर्मा से, फेम जीतने के बाद भी जरूरी नहीं कि आप खुश हो जा

लेण्या बताते हैं कि खुशी किसी पाम पंग मोहताजा नहीं है. खुशी वगै परीदने जग कोशिश भी ना वारिगंगा पुती आपके जीवनशैली और आत्मा के बीच में है, जिस दिन आम इन दोनों के बीच का मार्ग पकड़ लरो. सो अपर आप आपके पास बत्तते-फिरते अपना माज में हो जायगी, जिन दित असल सुशा आपका मिलगी उस दिग आपको शात भी मिल जायमा बिल्कुल चिंता मत करिए अगर आपने अभी तक पेम नीं पाया है तो इसका मतलब ये नही कि आप खुश नहीं रह सकदो, क्या पता आपका मेन गोल खा रहना हो, एक जरी चाया है, जो आपको याद रानी चादिष्ट कि पुरा रस्ता बड़ा मगा है, ये इतना आसान ती है, जिलना आसात फेम था, इसालाए आपकी सोच अड़ीं है अगर आपका लक्ष्य खुश रहना इतो, गम देर किस बात की तिफल पाइष्ट एक सामान में और बनाइए|

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