About Book
आपके लिए शांति का क्या मतलब है? क्या अभी आपके जीवन में वो सुकून है जिसे शायद आप पाना चाहते हैं? क्या आपको लगता है कि आप उन लोगों में से एक हैं जिनके अंदर हलचल के बजाय ठहराव है? अगर नहीं, तो आपने बिलकुल सही किताब चुनी है. शांति सिर्फ मन की एक स्टेट नहीं है बल्कि ये जीने का तरीका है. शांति आपको एक बेहतर इंसान बनने में मदद करती है और इसे कैसे करना है वो ये किताब आपको सिखाएगी.
यह समरी किसे पढ़नी चाहिए? जिन लोगों को बहुत ज़्यादा काम करने की आदत है
spiritual गुरुओं को
जो लोग हमेशा तनाव में रहते हैं
ऑथर के बारे में
जेम्स ऐलेन एक ब्रिटिश राइटर थे जिनकी खासियत
सेल्फ़-हेल्प और लोगों को inspiration देने वाली बुक्स लिखने में थी. 1903 में उनकी बेस्ट सेलिंग बुक “As a Man Thinketh” पब्लिश की गई थी. इतना लंबा समय गुज़र जाने के बाद भी इस बुक को आज तक कई धार्मिक किताबों और ऑडियोबुक के लिए एक inspiration के रूप में बताया जाता है.
इंट्रोडक्शन
क्या आपने हाल ही में खुद को आईने में देखा है? क्या आप खुद को पहचानते हैं? क्या आप उस शख्स पर गर्व महसूस करते हैं जो आप समय के साथ अभी बन गए हैं?
आजकल तो कोई रुकना ही नहीं चाहता, अगर थकान भी हो जाए तब भी नहीं. हर कोई इतना बिज़ी है कि बस पूछो मत. सब किसी ना किसी रेस में लगे हुए हैं, मुझे ये अचीव करना है, मुझे उस मुकाम तक पहुंचना है, उफ़ अभी तो कितने काम करने बाकी हैं तो बैठने का या खुद के लिए वक़्त कहाँ है भई?
लेकिन ज़रा सोचकर बताइए, खुद के लिए ज़रा सा वक़्त निकालना क्या गलत है? ज़रा याद कीजिए कि अपने बारे में सोचे हुए आपको कितना गया है?
बढक़्त हो
इस बुक में आप सीखेंगे कि अपनी जिंदगी में pause का बटन कब दबाना है, कैसे दबाना है. जिंदगी में थोड़ा ठहराव हम सब के लिए बहुत ज़रूरी है, आखिर हम जीते जागते इंसान हैं रोबोट तो नहीं. इससे आपको एहसास होगा कि अपने अंदर ये सुकून और शांति महसूस करना कितना ज़रूरी है. जब अंदर ही हलचल मची हो तो क्या आप बाहर कुछ अचीव कर पाएँगे? मुझे तो नहीं लगता. तो आइए इस सफ़र में साथ चलते हैं जहा हमें हमारा अंदर
का ठहराव बाहर की हलचल का सामना करना सिखाएगा.
The Power of Meditation
हम सब ने मेडिटेशन के बारे में सुना है. कोई इसे ध्यान लगाना कहता है, कोई इसे मन को शांत करने का ज़रिया कहता है, तो कोई कहता है कि मेडिटेशन का मतलब है अकेले में बिना हिले डुले आँखें बंद करके घंटों तक बैठे रहना. सदियों से ऋषि मुनि ध्यान लगाते आ रहे हैं और आज इस मॉडर्न
युग में रिसर्च करने वाले इस बात को मानने के लिए मजबूर हो गए हैं कि मेडिटेशन में एक अजीब सी पॉवर है, ना जाने वो क्या जादू है जो हमें इतना रिलेक्स कर देती है, इतना सुकून महसूस कराती है. ये जैसे धरती और स्वर्ग के बीच एक पुल (ब्रेज) बनाने का काम करती है.
हम में से ज़्यादातर लोग मैडिटेशन का असली मतलब जानते ही नहीं, मैडिटेशन का मतलब घंटों तक बिना हिले डुले एक जगह बैठना नहीं होता बल्कि ये तो वो ज़रिया है जो हमें दिव्य शाति महसूस करवाता है. क्या आपने नोटिस किया है कि आज हमारे पास सब कुछ होते हुए भी हर इंसान एक अजीब सा खालीपन और उदासी कर रहा है? कारण कोई नहीं जानता पर इसका हल सभी जानना चाहते हैं. तो मैडिटेशन वो ज़रिया है जो हमें उस परम आनंद और के को से करवाता है जिसके लिए शायद हम तरस रहे हैं खुशी
तो असल में मैडिटेशन की कला है च्या? मैडिटेशन का मतलब होता है गहराई से किसी विचार, आईडिया या प्रिंसिप्ल के बारे में सोचना, मैडिटेशन का मतलब है पूरे दिलो दिमाग और आत्मा से किसी चीज को समझने की कोशिश करना, मैडिटेशन आपको उस विचार में बदलने में मदद करता है जिसके बारे में आप सोच रहे हैं, जैसे मान लीजिए कि आप पहले से ज्यादा निस्वार्थ यानी 5elfiess बनना चाहते हैं तो मैडिटेशन आपके मन को उस स्टेट में
ले जाएगा जहां आप पहले से ज्यादा निस्वार्थ भावना रखने लगेंगे.
अब शायद आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि “मुझे किस बारे में meditate करना चाहिए?” तो इस बुक के ऑधर जेम्स ऐलेन कहते हैं कि आप जिस चीज़ के बारे में लगातार सोचते रहते हैं उस चीज़ पर meditate करें. वो क्या है जो आपकी आत्मा को सबसे ज्यादा अपनी ओर खींचती है? उस चीज़ को चुनें जो आपके लिए सबसे अच्छी हो. किसी ऐसे आईडिया या विचार के ऊपर meditate ना करें जो आपको बुराई की ओर ले जाए क्योंकि देखा जाए तो मैडिटेशन का मतलब होता है खुद को spiritually आगे बढ़ाना, अपने बारे में, जिंदगी के बारे में और जानना और नॉलेज हासिल करना मैडिटेशन को
को हमेशा से एक पवित्र साधना की तरह माना गया है इसलिए आपको इसे बेमन से या आधे अधूरे मन से नहीं करना चाहिए क्योंकि बेमन से | गया कोई भी काम कभी सफल नहीं होता और आपको उसका कोई रिजल्ट नहीं मिलेगा. अगर आप सच में इस अनोखे एक्सपीरियंस को महसूस करना चाहते हैं तो इसे पूरे दिल से करें नहीं तो आप इसके जादू से अछूते रह जाएँगे,
सक्सेसफुल लोगों के मुक़ाम का राज ये है कि जब वो सच कुछ पाना चाहते हैं तो उसके लिए पूरी शिद्दत के साथ मेहनत और कोशिश करते हैं और च] में अंत में उन्हें अपनी मंजिल मिल ही जाती है. बस मैडिटेशन भी इसी आधार पर टिका हुआ है. इसे करना इतना आसान नहीं है. इसमें आपको इंस्टेंट रिजल्ट नहीं मिलेगा इसलिए बिना शिकायत किए इसे डटकर करते रहें. अगर आप सच की तलाश में हैं तो चाहे कुछ भी हो जाए इस सफ़र में आगे बढ़ते रहेंगे लेकिन अगर आप झिझक रहे हैं तो इसका मतलब है कि आप इसे अपने निजी मतलब के लिए कर रहे हैं. मैडिटेशन करने का सबसे अच्छा समय सुबह का वक्त बताया गया है. सुबह-सुबह हमारा माइंड फ्रेश होता है, हम में भरपूर एनर्जी होती है इसलिए सुबह meditate करने का रूटीन सेट करें, क्या आप जानते हैं कि Jesus Christ और गौतम बुद्ध बड़ी जल्दी उठ जाया करते थे.]esus सुबह पहाड़ों पर जाकर प्रार्थना करते थे और बुद्ध ध्यान में लीन हो जाते थे, तब एक-एक कर उनके शिष्य उनके पास आकर बैठ जाते और मैडिटेशन करना शुरू कर देते थे अगर आप सुबह मैडिटेशन करने में uncomfortable फील करते हैं तो रात को भी meditate कर सकते हैं. अगर आप दिनभर के काम से बहुत थके हुए हैं और रात में भी समय नहीं निकाल पा रहे हैं तो चिंता ना करें आप दिन में कोई भी वक्त अपने हिसाब से चुन सकते हैं. आपको बस कोशिश करके इसे अपने रूटीन का हिस्सा बनाना होगा ताकि ये वक्त के साथ आदत में बदल जाए. धीरे-धीरे आप नोटिस करेंगे कि आपको इसके लिए अब ख़ुद को मनाना नहीं पड़ता बल्कि ये नैचुरली आपकी लाइफ का एक अहम हिस्सा बन जाता है. Spirituality और सेल्फ डिसिप्लिन को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता, जैसे-जैसे आप मैडिटेशन की शुरुआत करेंगे इस बारे में सोचें कि असल में हैं कौन, अपने एक्शन, विचारों, मान्यताओं (beliefs) के ऊपर करना शुरू करें, लेकिन ऐसा खुद को जज किए बिना करना अब खुद से सवाल करें, क्या आप खुद को पसंद करते हैं? क्या आपमें कोई ऐसी बात या ऐसे वेल्यूज हैं जिन्हें आप बदलना चाहेंगे? या शायद ऐसा हो सकता है कि आपको बड़ी जल्दी गुस्सा आता हो. तो आपको शांत, विनय और पेशेंट बनने meditate करना चाहिए. अपने मन को प्रेम और दया जैसी भावनाओं से भरें. जल्द ही आप पाएंगे कि आप पहले से ज्यादा शांत और विनम्र हो गए हैं. meditate करने से आप अपने दिल को प्यार से भरा हुआ महसूस करेंगे. ये वो सच है जिसका असर आप पर धीरे-धीरे दिखने लगेगा. ये सच्चाई आपको spiritual रूप में मजबूत करेगी. जिन गलतफहमियों को आप अपने मन में भरे बैठे हैं वो दूर होने लगेंगे. मैडिटेशन के ज़रिए आप अपने स्वार्थ और इच्छाओं को पूरा करने की बुरी सोच से छुटकारा पाने लगेंगे. मैडिटेशन हमें खुद से ऊपर उठकर दूसरों के बारे में सोचना सिखाता है.
आपको पहले से ज्यादा बेहतर इंसान बनाता है.
- The Two Masters: Self and Truth
हम शायद ये कभी समझ भी नहीं पाते कि हमारे अंदर एक जंग चल रही है. एक तरफ है हमारा मास्टर सेल्फ़ यानी “में” की भावना और हमारा ईगो जो अहंकार, स्वार्ध और दूसरी बुराइयों को अपने हथियार के रूप में इस्तेमाल करता है. ये हिस्सा अंधकार है. दूसरी ओर है, मास्टर truth वानी परम सच जो विनमता, पवित्रता और अच्छाई का इस्तेमाल करता है. ये हिस्सा रोशनी का प्रतीक है. आपके द्वारा लिए गए हर फैसले में मास्टर सेल्फ और मास्टर truth के बीच एक जंग छिड़ी होती है, आप एक ही समय में इन दोनों की बातें नहीं सुन
सकते क्योंकि ये दोनों बहुत अलग-अलग चीज़ें चाहते हैं. मास्टर हैruth बहुत सादा और ईमानदार है. मास्टर सेल्फ बहुत घमडी और लालची है. जब
आप एक की बात सुनते हैं तो दूसरे की को नकार देते हे बात की नकीर देता है. अगर आप मास्टर truth की बात सुनना चाहते हैं तो आपको बलिदान (sacrifice) करने के लिए तैयार रहना होगा. आपको “मैं” की भावना को अपकी
छोड़ना 1 होगा सिर्फ तब आप सच को देख पाएँगे, लेकिन इस “मैं” को कैसे छोड़ा जा सकता है? Jesus ने अपने शिष्यों को हर दिन उन चीज़ों को छोड़ने था उन इच्छाओं को नजरअंदाज करने के लिए कहा जो सिर्फ उन तक ही सीमित थी यानी जो उनकी खुशी, स्वार्थ और मतलब के लिए थी. 1 41 इसके लिए हमें अपनी बुराइयों, इच्छाओं को छोड़ने के लिए तैयार रहना होगा क्योंकि यही चीज़े हमें सच्चाई से दूर रखती हैं. मास्टर सेल्फ़ हमेशा मास्टर truth को हराने या नकारने की कोशिश करता है. ये में की भावना आपको हमेशा दुःख और तकलीफ़ ही देगी. ये आपको
भ्रम में अटकाकर सच को देखने नहीं देगी. ये आपको हमेशा ये यकीन दिलाने में लगी रहेगी कि आप जिस नज़रिए से खुद को और दुनिया को देखते हैं बही सच है. दूसरी ओर, मास्टर truth हमेशा आपको विनम्र बनाए रखेगा. ये आपको इस बात को एक्सेप्ट करने में मदद करेगा कि आपकी सोच या मान्यताएँ भी
गलत हो सकती हैं और इसलिए आपको बदलने की जरुरत है. जैसे एक साँप अपनी केंचुली उतार देता है वैसे ही आपको भी “मैं” और अहंकार परत को अपने मन से उतारना होगा. घमंड, नफ़रत और अहंकार आपको जिंदगी में आगे लेकर नहीं जा सकते और अगर ले भी गए तो आप खुद को वहाँ अकेला पाएँगे, मैडिटेशन आपमें दया, हमदर्दी जैसे गुण को जगाएगी जिससे आपको सुकून और शांति महसूस होगी और ये बदलात आप खुद नोटिस करने लगेंगे, इसके साथ-साथ दुनिया को और खुद को देखने का आपका नज़रिया भी बदल जाएगा.
- The Acquirement of Spiritual Power
क्या आपको नहीं लगता कि हम सभी किसी ना किसी चीज़ की तलाश में हैं. कुछ लोग खुशी की तलाश कर रहे हैं, कुछ एडवेंचर खोज रहे हैं, तो कुछ उन चीज़ों को ढूँढ रहे हैं जो उनके चेहरे पर मुस्कान ला सके. ऐसे बहुत कम लोग हैं जो खुद पर कंट्रोल करने का रास्ता खोज रहे हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि इसे करना बहुत मुश्किल है. इसके लिए एक स्ट्रोंग character की ज़रुरत होती है.
इच्छाओं के आगे झुक जाते हैं उसी वक्त आप powerless हो जाते हैं. आज हम अपने मन और इच्छाओं के गुलाम हो गए हैं जब आप अपी लेकिन होना तो इसका उल्टा चाहिए. आपके माइंड ड को आपको नहीं बल्कि आपको अपने माइंड को कंट्रोल में रखना चाहिए. आपको अपनी लाइफ में बैलेंस और स्टेबिलिटी बनाना सीखना होगा नहीं तो ये अंतहीन इच्छाएँ आपको गुमराह भी कर सकती है. इंसान की इच्छाओं का अंत न का कोई अंत नहीं है और हर इच्छा को पूरा कर पाना भी मुमकिन नहीं है इसलिए अपनी इच्छाओं के सामने हार मानने के बजाय भा अपने मन को समझाना सीखें. इस प्रिंसिपल को समझे और उस पर टिके रहें कि इच्छाओं के ज़रिए पाँवर और सच को हासिल नहीं किया जा सकता, हर इंसान को जिंदगी में खुद के लिए कुछ प्रिंसिप्ल बनाने चाहिए क्योंकि ये आपके character को मज़बूत करता है. ये प्रिंसिप्ल आपको याद दिलाते हैं कि सच जानना
आपको एक इंसान के रूप में बदल देंगा. उसके बाद आप पहले की तरह किसी का साथ छूट जाने पर या किसी काम में फेल हो जाने पर निराश या हताश नहीं होंगे. सच आपको कभी हार ना मानने की सीख भी टेगा. इस सच को जानना थोड़ा मुश्किल है. कुछ लोग दावा करते हैं कि वो इसकी तलाश में हैं लेकिन अक्सर अंत में फेल हो जाते हैं. इस में और अहंकार से छुटकारा पाना इतना आसान नहीं है क्योंकि जब ऐसे लोगों को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है तो उन्हें गुस्सा आने लगता है. वो इसका सामना नफ़रत और हिंसा के साथ करते हैं. इसलिए ऐसे लोगों में असल में कोई पॉवर नहीं होती.
पावरफुल आदमी तो वो है जो अपनी बातों पर खरा उतरता है. जब वो कहता है कि वो इस मैं और अहंकार को छोड़ देगा तो वो बिना झिझके आगे बढ़ जाता है. पावरफुल इंसान की एक और खासियत ये है कि वो अकेले चलने का ज़ज्बा और हिम्मत रखता है. अगर आप सच में सच्चाई की तलाश करना चाहते हैं तो खुद में अकेले चलने की हिम्मत पैदा करें.
- The Realization of Selfless Love
क्या आपने कभी सोचा है कि इंसान सिर्फ अपने परिवार या अपनों के बारे में ही क्यों सोचता है? क्योंकि ये इंसान की फ़ितरत है कि जो भी चीज़ या लोग उससे जुड़ जाते हैं उसे उनसे लगाव हो जाता है और वो सिर्फ़ उन्हीं के अच्छे बुरे के बारे में सोचने लगता है, लेकिन क्या इसे सही मायने में प्रेम कहा जा सकता है? नहीं, बिलकुल नहीं क्योंकि जब इंसान का प्रेम कहीं अटक जाए तो उसे सिर्फ़ मोह कहते हैं और ये मोह इंसान को बहुत स्वार्थी बना देता है.
हम सभी को प्रकृति ने प्रेम करने की शक्ति दी है जिसे दिव्य या divine प्रेम कहते हैं. इस प्रेम में स्वार्थ की कोई जगह नहीं होती. जब आपका जन्म
हुआ था ये तब भी था और जब आप नहीं रहेंगे ये तब भी रहेगा. हम सभी में जो मास्टर truth या सच है वो पही दिव्य प्रेम है. जब आप इस बात को
समझ जाएँगे तो इसे ही उस दिव्य शक्ति या divine पॉवर के साथ एक हो जाना कहते हैं. इसे पाने के लिए आपको धीरज और पॉवर की ज़रूरत होगी, हालाँकि ऐसा हो सकता है कि इस प्रोसेस में आप कई बार फेल हों, लेकिन फेलियर से बिल्कुल निराश ना हों, इसे सिर्फ एक एक्सपीरियंस के रूप में देखें जिससे आप कितना कुछ सीख सकते हैं. आपके फेलियर ही आपको उस दिय्यता के स्टेट तक ले जाएँगे. फेलियर आपको कई बार चोट भी पहुँचाएगा और आपके मन में आएगा कि ये सब कुछ छोड़ देना चाहिए. लेकिन हिम्मत ना हारें
क्योंकि इस
इस तकलीफ़देह –
जैसे-जैसे
अंत में जो
फिर देह सफ़र के आपको मिलेगा उसके आगे आप अपने हर दुःख को भूल जाएँगे.
आप इस सफ़र में आगे बढ़ेंगे आपके मन से हर डाउट मिटने लगेगा, आपके मन में उठ रहे सवालों का जवाब मिलने लगेगा जिससे आपका
मन शांत होगा, जब मन में हलचल ना हो तो आप उस प्रेम को महसूस करने लगेंगे जो निस्वार्थ है, जहां आप खुद से पहले दूसरों के हित के बारे में
सोचेंगे. इसके बाद इच्छाएँ फिर कभी आपको अपना गुलाम नहीं बना पाएँगी, जिस प्रेम में स्वार्थ हो वो अपने साथ दर्द भी लेकर आता है. ऐसा प्रेम अपने साथ किसी पर हक़ या अधिकार जताने की भावना लेकर आता है क्योंकि आप किसी चीज़ या किसी इंसान को अपने स्वार्थ के कारण प्यार करते हैं. लेकिन जो दिव्य प्रेम होता है वो शुद्ध प्रेम होता है. वो बस प्रेम देना जानता है क्योंकि यही गुण और स्वभाव है, तो बदले में कुछ पाने की इच्छा या उम्मीद नहीं करता इसलिए उसमें किसी तरह का दर्द नहीं होता, सिर्फ़ खखुशी
सका और सुकून होता है.
अब सवाल आता है कि इस शुद्ध प्रेम को अपने अंदर कैसे जगाना है? बस मैं और अहंकार से छुटकारा पाकर मैं और मेरा की भावना उन चीज़ों के लिए आपके प्रेम का इस्तेमाल करती है जो आपको सिर्फ दुखी करते हैं. सदियों से इंसान अपनी खुशियों और इच्छाओं के पीछे भागता आया है इसलिए निस्वार्थ प्रेम को समझना इतना आसान नहीं है, स्वार्थ से भरा प्रेम सिर्फ कुछ पलों की ख़ुशी दे सकता है, हमेशा का सुकून नहीं.
निस्वार्थ प्रेम आपमें बदलाव लेकर आता है. आप पेशेंट, डिसिप्लिन में रहने वाले और दूसरों के साथ हमदर्दी और दया से पेश आने वाले बन जाते हैं. आप लोगों को जज करना बंद कर देते हैं क्योंकि आप इस बात को गहराई से समझ जाते हैं कि हर इंसान एक अलग सफ़र पर है, ना जाने उसने अब तक किन-किन मुसीबतों का सामना किया है या असल में उसकी कहानी है क्या ,आप ये सब नहीं जानते इसलिए किसी के बारे में राय बनाना सही नहीं प्रेम आपको ये भी समझाता है कि जब आप खुद परफेक्ट नहीं हैं, जब आपमें कई कमियाँ और खामियां हैं तो किसी और को जज करने निस्वार्थ प्रेम वाले आप कौन होते हैं? ये आपको याद दिलाता है कि सिर्फ भगवान या प्रकृति ही है जो हर इंसान का न्याय करती है. हर एक्शन का एक रिएक्शन होता है इसलिए कोई भी अपने किए गए कर्म से बच नहीं सकता. इसलिए आप अपनी ज़िम्मेदारियों को पुरे मन से और इमानदारी से निभाएँ और बाकी
प्रकृति पर छोड़ दें. लोगों में कमियाँ निकालने के बजाय खुद पर ध्यान देना शुरू करें. आपके मन में चल रहे विचारों को खुद को भटकाने ना दें, लोगों से बात करते वक्त ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करें जिससे उन्हें ठेस ना पहुँचें, लोगों को मोटीवेट करने की कोशिश करें उन्हें नीचा दिखाकर अपमान करने की नहीं, अपने व्यवहार से दया और kindness को फैलाएँ तभी दूसरे लोगों को इस दिव्य प्रेम का एहसास होगा.
- Entering into the Infinite
क्या आपने ये कहावत सुनी है “Everything that comes up must come down? इसका मतलब है कि कुछ भी कभी हमेशा के लिए नहीं रहता. यही बात भावनाओं पर भी लागू होती है. जब कोई चीज़ हमारे मन मुताबिक़ होती है या जब हमारी कोई इच्छा पूरी हो जाती है तो हम खुश और संतुष्ट हो जाते हैं. असल में हमारी खुशी इन सांसारिक चीज़ों पर डिपेंडेंट हो गई है. हमेशा से इंसान की फ़ितरत रही है कि वो खुशी की तलाश में रहता है. यहाँ तक कि जब उसे वो खुशी मिल जाती है तब भी वो कुछ पलों के लिए ही संतुष्ट रहता है, उसके बाद वो किसी और चीज़ के पीछे भागने लगता है
लगता ह. आज कभी ना खत्म होने वाली इच्छाएँ इंसान के हर दुःख कारण बन गई है. इंसान बड़ी जल्दी दुखी हो जाता है क्योंकि उसकी खुशी हमेशा के लिए नहीं रहती. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सच्ची खुशी सुख सुविधा देने वाली चीज़ों से नहीं मिल सकती.
कहीं ना कहीं इंसान में ये आभास होता है कि कोई अनंत दिव्य शक्ति है. आपकी आत्मा भी उस शक्ति को पहचानती है और उसका हिस्सा बनने के लिए तरसती है. उस दिव्य शक्ति की तरह आपकी आत्मा भी हमेशा के लिए बनी रहेगी, उसका कभी अंत नहीं होगा. ये उस अनंत दिव्य शक्ति के साथ एक हो जाना चाहती है. अनंत उस दिव्य स्थिति को कहा गया जिसमें आप परम आनंद का अनुभव करते हैं. इस स्टेट को enlightenment या आत्म ज्ञान
भी कहते हैं.
शायद आप खुद से पूछ रहे होंगे कि “अगर में पहले से ही सब कुछ जानता हूँ तो अब तक मैंने आत्म ज्ञान की स्टेट क्यों नहीं पाई?” इसकी बजह है कि आप स्वार्थी और मतलबी हो गए हैं. आप सिर्फ अपनी इच्छाओं को पूरा करके खुद को संतुष्ट करना चाहते हैं. जब इंसान स्वार्थी हो जाता है तो वो दिव्य उस तक नहीं पहुँच सकती. इंसानों ने खुद को उन चीज़ों के साथ जोड़ लिया है जो उन्हें सिर्फ कुछ पलों की खुशी दे सकती. वो ये समझ ही नहीं शक्ति
पाते कि इन चीज़ों का अस्तित्व बस कुछ समय के लिए ही होता है इसलिए उनकी खुशी भी कुछ समय के लिए ही होती है. संसार की चीज़ों से अपना लगाव कम करने की कोशिश करें नेकी, भलाई और पेशेंस जैसे गुण अपने अंदर जगाएं, आपके character में नम्रता,
माफ करने की ताकत और हमदर्दी होनी चाहिए. अपने लिए जिंदगी में कुछ वैल्यूज बनाए, बिना डगमगाए उसे फॉलो करते रहें और अपने आस पास के लोगों को भी इंस्पायर करें, अगर आप बदलाव चाहते हैं तो खुद में बदलाव कर इसकी शुरुआत करें इस दिव्य शक्ति के साथ एक हो जाने से आप अपने अंदर शांति को ढूँढ पाएँगे. ये शांति आपको संतुष्ट महसूस कराएगी. इसे एक्सपीरियंस करने के बाद अगर कभी आपको गुस्सा भी आया तो वो अपने आप ही बड़ी जल्दी दूर भी हो जाएगा. अगर कोई आपको चोट पहुँचाएगा तो आपके लिए उसे माफ़ करना मुश्किल नहीं होगा. आप ये सब इसलिए आसानी से कर पाएँगे क्योंकि तब आपको एहसास हो जाएगा कि ये सभी चीजें टेम्पररी हैं और ये सब वक़्त के साथ बीत जाएँगे इसलिए इसकी वजह से खुद को परेशान करने से ज़्यादा इम्पोर्टेन्ट है अपने अंदर उस सुकून को बरकरार रखना.
- Saints, Sages, and Saviors: The Law of Service सच इतना ताकतवर होता है कि इसकी झलक आप दूसरों में देख सकते हैं. सच को अपनाने वाले बहुत ही शांत और धीरज वाले होते हैं. उनमें चीज़ों के
बारे में सोचने समझने की और किसी भी परिस्थिति को सहने की एक अद्भुत ताकत आ जाती है. ऐसे लोगों पर आप हमेशा भरोसा कर सकते हैं. यही तो साधू-संत, ऋषि-मुनियों ने किया है. उन्होंने मैडिटेशन के ज़रिए उस सच को समझा और ऐशो आराम देने वाली दुनिया की चीज़ों से अपना मोह खत्म कर दिया. इन लोगों ने इस सब को दूसरे लोगों तक पहुँचाने का लक्ष्य बनाया और अपना पूरा जीवन इसके लिए समर्पित कर दिया, उनका बस एक मिशन था अपने शब्दों और एक्शन के ज़रिए लोगों को नेकी और अच्छाई के बारे में सिखाना, ही आप सोच रहे होंगे कि कहाँ वो महान संत और कहाँ हम आम इंसान, हम कैसे उनकी तरह बन सकते हैं, है ना? तो सुनिए, आप अपनी घर-गृहस्थी में रहते हुए भी बिल्कुल उनकी तरह बन सकते हैं. इसे अचीव करना नामुमकिन नहीं है क्योंकि कई लोगों ने इसे हासिल करके ये साबित किया है. आपको बस अपने आपको इस में और मेरा” के जंजाल से आज़ाद करना है. सच्चे मन और समर्पण के साथ किए गए सेवा से ही आप उस दिव्यता को महसूस कर पाएँगे.
- The Realization of Perfect Peace
अक्सर ये देखा गया है कि इंसानों को बदलाव अच्छा नहीं लगता. बदलाव से वो या तो बेचैन हो जाते हैं या उससे भागने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस बात को समझे कि बदलाव ही प्रकृति का स्वभाव है, वो तो होना ही है, इस दुनिया में हर चीज़ लगातार बदल रही है. जैसे मौसम कभी एक सा नहीं रहता, इंसान का शरीर कभी एक सा नहीं रहता, हमारी इच्छाएँ भी कभी एक जैसी नहीं रहतीं, यहाँ हर चीज़ बदल रही है, यहाँ हर जगह हलचल है, बस उस दिव्यता में अनंत शांति है. ऐसी शाति जो आपको रिलेक्स कर देती है. इसलिए इस बात को जान लें कि शांति और शोर दोनों ही आपके अंदर हैं।
ये शोर उन तूफानों का है जिनका सामना आपको जिंदगी के सफर में करना पड़ा. ये शोर हर दर्द और दुःख का है जो आपने महसूस की है. जब आप अपने अंदर उस शांति को खोज लेते हैं तो चाहे जितना भी बुरा वक़्त हो वो आपको दुखी नहीं करेगा बल्कि आप उस दुःख से सीखकर पहले से ज़्यादा मज़बूत बनेंगे. ये शांति आपके दिल को मुरझाने या सख्त नहीं होने देगी. जब आप सुख और दुःख को समान समझकर अपनाने लगते हैं और सुख में ज़्यादा खुश और दुःख में हताश नहीं होते बल्कि स्थिर बने रहते हैं इसी का मतलब होता है शांति के साथ जीना, नफरत से भरे दिल में शांति नहीं पनप सकती. इसलिये उन चीज़ों को पकड़कर ना रखें जिसने आपको तकलीफ़ पहुँचाई है. उनमें अटके रहने के बजाय मं उन्हें छोड़ना सीखें ताकि आप आगे बढ़ सकें. अपनी शांति और जिंदगी के अनमोल पल बुरी यादों पर बर्बाद ना करें क्योंकि वो उसके लायक नहीं हैं.
शांति उस दिल में भी नहीं पनप सकती जो हमेशा किसी ना किसी इच्छा को पूरा करने के लिए उसके पीछे भागता ही रहता है. इन सब के बजाय खुद पर फोकस करने की कोशिश करें. अपने मन में झाँके.
जैसे-जैसे आप meditate करते जाएँगे आपको महसूस होगा जैसे शांति की रौशनी ने आपको खुद में समेट लिया है. ये रौशनी आपके अंदर की दिव्यता या परमात्मा है. हर दिन अपने साथ कम से कम एक घंटा बिल्कुल शांति में बिताने की कोशिश करें, आपका मन दूसरी चीज़ों की और भटकेगा लेकिन उसकी एक ना सुनें. खुद को याद दिलाएँ कि आपके अंदर की शांति ने आपको कैसा महसूस कराया था और मैडिटेशन करते रहे.
Conclusion
तो आपने मैडिटेशन की ताकत के बारे में जाना, वो आपके लिए क्या-क्या कर सकता है उस बारे में भी समझा. मैडिटेशन का मतलब है गहराई से पूरे फोकस के मेडिटेशन साथ किसी थीज़ के बारे में सोचना, जब आप किसी चीज़ के बारे में बार-बार सोचते हैं तो बो आपके स्वभाव का हिस्सा बन जाता है. एक spiritual एक्सपीरियंस है जिसमें आपको ट्रांसफॉर्म करने की ताकत है, ये आपको इस बात से अवेयर कराती है कि आपकी असली पहचान क्या है और आपको किन चीज़ों पर काम और बदलाव करने की ज़रुरत है. क्या आपके सोचने का तरीका, आपके वेल्यूज सही हैं या गलत?
आप अभी जैसे हैं क्या आपको खुद पर गर्व है?
आपने ये जाना को जानने के लिए आपको अपने अहंकार और में की भावना को छोड़ना होगा क्योंकि ये दोनों बहुत लग-अलग चीजें चाहती कि सच हैं. सच आपको नम्र और शुद्ध बनाता है और मैं आपको स्वार्थी और लालची, सच आपको सही गलत की पहचान करना सिखाता है, आपको दुनिया की चीज़ों से लगाव कम करना सिखाता है और नेगेटिव इमोशन को दूर करने में मदद करता है.
आपने ये भी जाना कि निस्वार्थ और शुद्ध प्रेम हासिल करना थोड़ा मुश्किल है. इस प्रोसेस में आप कई बार फेल होंगे लेकिन हार ना मानें, हर फेलियर आपको कुछ सिखाकर आगे लेकर जाएगा, निस्वार्थ प्रेम आपको कभी दुःख नहीं देगा बल्कि ये आपके लिए कभी ना ख़त्म होने वाली खुशी और शांति लेकर आएगा. दूसरी ओर, किसी मतलब से किया गया प्रेम आपको सिर्फ कुछ पलों की खुशी दे सकता है उससे ज़्यादा कुछ नहीं. इसे बाद आपको बस दुःख ही
मिलेगा, में और में और अहंकार को छोड़कर देखिए जिंदगी कितनी बदल जाएगी. बिनम्र, दयालु और पेशेंस जैसे गुण ख़ुद में जगाने की कोशिश करें, इससे आपको उस दिव्यता तक पहुँचने में मदद मिलेगी. इसके साथ-साथ अपनी इच्छाओं को भी कंट्रोल करना सीखें क्योंकि इच्छाओं का कोई नहीं है. एक इच्छा पूरी होने के बाद दूसरी आएगी, फिर तीसरी और कई बार ऐसा भी होगा जब आपकी कोई इच्छा पूरी नहीं होगी. तो क्या ऐसे में निराश होकर बैठ जाना सही है? नहीं, बिल्कुल नहीं, आपको ये सब सुनकर लग रहा होगा कि आजकल सबकी लाइफ इतनी बिजी हो गई है तो शांति कैसे मिलेगी. तो इसके लिए आपको कोशिश करके अपने लिए थोड़ा वक्त निकालना होगा. अपने साथ कुछ समय बिताने की शुरुआत करें, अपने आस के लोगों और शोर से खुद को बेचैन ना होने दें, मैडिटेशन आपको ये एहसास दिलाएगी कि जो शांति आप बाहर के शोर शराबे और हलचल से भरी दुनिया में हूँढ रहे थे वो हमेशा से आपके अंदर ही थी बस आपको कभी खुद में झाँकने का वक्त ही नहीं मिला. ये शांति उस अधूरेपन को दूर करेगी जो शायद आज हर इंसान के जीवन का हिस्सा बन गई है. अधूरापन दूर होने से आपको अपनी जिंदगी पूरी और ज्यादा खुशहाल लगने लगेगी और तब जाकर लगेगा कि हां हम असली मायनों में जिंदगी जी रहे हैं, काट नहीं रहे, है ना?