About Book
क्या आप बिलेनियर बनना चाहते है? कैसा रहे अगर आप एक दिन में $3 बिलियन कमाए ? अगर आपकी कमाई $8 बिलियन हो जाये तो क्या आपको ख़ुशी होगी? इस बुक से आप सीखोगे कि अमीर कैसे बना जाये और अपनी वेल्थ को कैसे बरकरार रखा जाये. ये बुक आपको पैसे करना सिखाएगी. च्ची वैल्यू
ये समरी किस-किसको पढ़नी चाहिए?
एम्प्लोईज़ को
एंटप्रेन्योर को
स्टॉक ट्रेडर्स को
ब्रोकर्स को
मैनेजर्स को
ऑथर के बारे में
मॉर्गन हौसेल एक इन्वेस्टर और ऑथर है. मॉर्गन एक इन्वेस्टमेंट फण्ड ‘द कोलाबोरेटिव फण्ड” के पार्टनर भी है जिसे 14 लोगो ने मिलकर शुरू किया था. उन्होंने wall स्ट्रीट जर्नल के लिए भी कई आर्टिकल लिखे थे और वो तीन किताबों के ऑथर भी है.
इंट्रोडक्शन
आप इनमे से क्या चूज़ करना चाहोगे एक खूबसूरत बंगला या 3 बिलियन? फ्रीडम या अच्छी reputation? क्या आपको लगता है कि आपने लाइफ में काफी पैसा कमा लिया है? क्या आप जानना चाहते है कि $84.5 बिलियन कैसे कमाया जाए?
अगर ये सारे सवाल आपके दिमाग में घूमते है तो ये किताब पढ़िए. इसमें आपके हर सवाल का जवाब मिलेगा. (दुनिया का ग्रेटेस्ट शो)The Greatest Show on Earth ऑथर मॉर्गन हौसेल जब कॉलेज में थे तो पैसे कमाने के लिए देलेट की जॉब किया करते थे. जहाँ यो जॉब करते थे बो Los Angeles का एक
आलिशान और मंहगा होटल था. एक बार वहां एक गेस्ट आया जो अवसर उस होटल में आया करता था, वो लड़का एक टेकनोलोजी एक्जीक्यूटिव था
और काफी तेज़ दिमाग वाला था. सिर्फ 20 साल की उम्र में ही उसने वाई-फाई राऊटर के लिए एक की कॉम्पोनेन्ट डिजाईन करके उसे पेटेंट करवा लिया
था. उस यंग मिलेनियर ने कई सारी टेक कंपनी स्टार्ट की और बाद में उन्हें बेच दिया. वो काफी सक्सेसफुल था. लेकिन पैसे के मामले में वो थोड़ा अनलकी धा.
वो लड़का जहाँ भी जाता अपने साथ नोटों की गड्डी रखता था और जो भी उसके साथ बात करता, उसे वो ये पैसे दिखाता था. वो शराब पीकर बड़ी-बड़ी डींगे मारता था. एक दिन उस आदमी ने गाडी park करने वाले guard को बुलाया और उसे कुछ नोट देकर पास वाली दुकान में जाने का ऑर्डर
दिया, Guard को नोट के बदले दुकान वाले ने कई $1000 सोने के सिक्के दिए, तो उस यंग टेक्नीशियन ने उन गोल्ड कोइंस का क्या किया होगा? उसने वो कोईंस समुंद्र में फेंक दिए. उसने अपने दोस्तों को भी बुला लिया और सबने मिलकर वे किस समुद्र ऐसे फेंक दिए जैसे कोई तालाब में पत्थर फेंकता है.
द में उसके कुछ दिनों बाद एक दिन वो यंग मिलेनियर गलती से होटल के लैंप से टकरा गया. मैंनेजर ने उसे कहा कि लैंप की कीमत 5500 है तो उस आदमी ने तमाशा खड़ा कर दिया. उसने अपने जेब से पैसे निकाल कर मैनेजर के मुंह पर दे मारे और बोला” ये रहे 55000, अब दोबारा मुझे अपनी शक्ल मत
दिखाना”
शायद आप सोच रहे होंगे कि ये कहानी सच है क्या? शायद आप सोच रहे होंगे कि उस यंग मिलेनियर का क्या हुआ होगा? जी हाँ ये स्टोरी एकदम सच है. इस किताब में आप कुछ ऐसी ही और कहानियां पढेंगें, लेकिन इस कहानी के लास्ट में यंग मिलेनियर का दिवाला निकल जाता है. उसने कुछ ही सालो में जो कुछ कमाया था, सब उड़ा दिया. उसके सारे पैसे खत्म हो गए और उसके यार-दोस्त भी उसे छोड़कर चलें गए.
देखा आपने! पैसे से आप सब कुछ खरीद सकते हो पर अच्छा व्यवहार नहीं खरीद सकते. चलिए एक और कहानी सुनते है. Ronald रीड एक जैनिटर यानी दरबान था, वो एक छोटे से गाँव में पैदा हुआ और पला-बढ़ा था. वो अपने परिवार
का पहला ऐसा इंसान था जिसने हाई स्कूल तक पढ़ाई की थी और उससे भी मजेदार बात ये थी कि वो रोज़ लोगो से लिफ्ट लेकर स्कूल पहुँचता था. Ronald एक साधारण जिंदगी जी रहा था. 25 साल उसने एक गैस स्टेशन में गाडियाँ रिपेयर करने का काम किया. उसने जे.सी. पन्ने में 20 सालो तक पलोर की सफाई का काम किया. 38 साल की उम्र में Ronald ने एक दो बेडरूम का घर खरीदा. उसने वो घर $12000 में खरीदा और अपनी
पर्सी पातर पर में गुजारी, पूरी लाइफ उस
Ronald की शादी भी हुई पर कोई बच्चा नहीं हुआ. जब वो 50 का हुआ तो उसकी वाइफ चल बसी थी. उसके पड़ोसी का कहना था कि Ronald
की मनपसंद hobby लकड़ीयाँ काटना था,
जिस दिन Ronald ने न्यूज हेडलाइन बनाई वो दिन था उसकी मौत का, ये 2014 की बात थी, वो 92 साल का था, Ronald रीड के पास Se मिलियन थे, उसने 2 मिलियन अपने दो सौतेले बच्चों के लिए छोड़े थे ओर $6 मिलियन एक लोकल हॉस्पिटल और लाइब्रेरी को दान कर दिए थे, अगर आप विकीपीडीया में Ronald रीड के बारे में सर्च करेंगे तो उसमे आपको पता चलेगा कि वो एक चौकीदार, गैस स्टेशन अटेंडेंट, इन्वेस्टर,
समाज सेवक और मिलेनियर था.
लेकिन न ये कैसे हुआ?
इसमें कोई ट्रिक नही है, Ronald ने कोई लाटरी नहीं जीती थी, और ना ही उसे कोई खानदानी पैसा मिला था, Ronald इतने सालो से पैसा बचा कर ब्लू स्टोन चिप्स में इन्वेस्ट कर रहा था. बस इतनी सी बात थी. वो एक-एक पैसा सेव करता था यहाँ तक कि उसने कभी इंटरेस्ट भी नही निकाला था. अपनी सेटिंग को सालो-साल कंपाउंड किया था और उसकी मौत तक उसके पास $8 मिलियन रकम जमा हो चुकी थी.
उसने क्या आप कम्पाउंडिंग का कांसेप्ट जानते है?
इसके बारे में हम बाद में बात करेंगे.लेकिन उससे पहले आपको एक और स्टोरी सुननी चाहिए,
अब ज़रा एक नजर डालते है उस आदमी पर जो Ronald रीड से बिल्कुल हटकर था.
रिचर्ड फ्यूरकॉन मेरिल लिंच में एक एक्जीक्यूटिव था. उसने हार्वर्ड से एमबीए किया था. और वो 40 की उम्र में रिटायर हो गया था. एक बिजनेस मैगजीन की 40 अंडर 40 मोस्ट सक्सेसफुल पीपल लिस्ट में उसका नाम भी शामिल था.
कनेक्टिकट में रिचर्ड का 18,000 स्क्वायर फीट का बंगला था जिसमे दो स्विमिंग पूल, दो लिफ्ट, सात गैराज और 1 बाधरूण थे. इस बंगले की मेंटेनेस का खर्चा ही $90,000 महीना था और इसकी मेंटेनेस में रिचर्ड ने काफी बड़ा उधार लिया था.
लेकिन फिर उसकी किस्मत ने ने करवट बदली.
2008 में फाईनेंशियल क्राइसिस आया और रातो-रात रिचर्ड फुटपाथ पर आ गया. उसी साल उसने बैंकरप्सी के लिए फाइल किया. इन दोनों यंग मिलेनियर्स Ronald रीड और रिचर्ड की कहानी से हमने क्या सीखा?
फाईनेंशियल सक्सेस कोई साइंस नहीं है बल्कि फाईनेंस ही एक ऐसी फील्ड है जहाँ Ronald रीड जैसे लोग भी सक्सेंस हो सकते है, एक हम्बल एजुकेशन और एक्सपीरिएंस वाला इंसान सर्जन, आर्किटेक्ट या इंजीनियर नहीं बन सकता. लेकिन फाईनेन्स में Ronald रीड जैसा मामूली आदमी भी काफी बढ़िया अचीवमेंट कर सकता है.
फाईनेंशियल सक्सेस एक सॉफ्ट स्किल है जिसे कोई भी सीख सकता है. ये एक यूनिक फील्ड है जहाँ आपकी नॉलेज से ज्यादा आप केसे बिहेव करेंगे वे ज्यादा मायने रखता है, फाईनेन्स की फील्ड पैसे की साईकोलोजी समझने का तरीका है. आप चाहे जहाँ से भी हो, जैसे भी हो, पैसा आपका दिमाग बड़ा बना देता है, बस आपको हमेशा अलर्ट रहने और ध्यान देने की जरूरत है.
हर कोई अमीर बन सकता है पर हर कोई हम्बल नही होता.
Never Enough
वैनगार्ड के फाउंडर जॉन सी, बोगल ने एक बार एक स्टोरी सुनाई धी. एक बिलेनियर के घर पे पार्टी हो रही थी. एक कोने में कर्ट vanguette और जोसफ हेलर बैठे थे. दोनों अपने होस्ट की इनकम की बात कर रहे थे जोकि एक हेज फंड मैनेजर था. कर्ट ने कमेन्ट किया कि उस आदमी की एक दिन
की कमाई भी जोसफ के नॉवल कैच-22 की पूरे साल की बिक्री से भी ज्यादा है.
इस पर जोसफ ने कमाल का जवाब दिया” उसने कहा कि उसके पास दो है जो हेज फंड मैनेजर के पास कभी नहीं होगा और वो है” इनफ” अभी आपकी सोर्स ऑफ़ इनकम क्या है? क्या आप बोल सकते है कि आपके पास इनफ मनी है?
चलिए इन दो लोगों की स्टोरी से जानने है
रजत गुप्ता कोलकाता का गरीब लड़का था. दो एक अनाथ था लेकिन 45 की उम्र में वो एक सीईओ बन गया. रजत दुनिया की जानी-मानी कंसल्टिंग फर्म में से एक Mckinsey के सीईओ थे. साल 2007 में जब वो कंपनी से रिटायर हुए तो उसके बाद उन्हें
यूनाइटेड नेशंस । एंड द वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम में एक बड़ी इम्योर्टेट पोजीशन मिली. रजत पांच अलग अलग कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर भी धे. कोलकाता की झुग्गी-झोपड़ियों से निकलकर उन्होंने सबसे अमीर बिजनेसमैन बनकर दिखाया.
2008, में रजत गुप्ता की वर्थ $100 मिलियन हो चुकी थी.
लेकिन वो अपने पैसे से कभी भी सेटिसफाई नहीं हुए. वो एक सेटा मिलेनियर बन चुके थे तो ब उन्हें एक बिलेनियर बनना था. वी उस स्कल में
ना चाहते थे,
फिर रजत गोल्डमेन सैक्स के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर बने. उन्होंने बीलेनियर बनने के लिए खुद को आगे 2008 में गोल्डमेन सैक्स इकोनोमिक क्राइसिस के दौर में थी. Warren Buffet ने कंपनी को बचाने के लिए उसमे $5 बिलियन का इन्वेस्ट करने
बढ़ाया,
का डिसीजन लिया. एक बोर्ड मेंबर होने के नाते रजत मुप्ता को ये बात पब्लिक से पहले पता चल गई थी. Warren की फंडिंग से बेशक कंपनी के
स्टॉक ऊपर जाने के चांस थे,
बोर्ड मीटिंग कॉल के सोलह सेकंड बाद रजत ने
तुंरत ही गोल्डमैन के 175,000 शेयर खरीद लिए.
एक हेज फंड मैनेजर राज राजारत्नम को कॉल किया. ये कॉल कभी रीकार्ड नही हुई थी पर राज ने
कई घंटो बाद Warren की डील की खबर पब्लिक तक पहुंची. गोल्डमेन के स्टॉक एकदम से ऊपर चढ़ गए. राज ने कुछ लिए. और प्रासीक्यूटर ने बताया कि रजत ने टोटल $17 मिलियन का प्रॉफिट कमाया.
ही घंटो में 5 मिलियन कमा
इसे इनसाइडर ट्रेडिंग का एक क्लासिक केस माना जाता है. रजत गुप्ता ने अपनी सारी दौलत से हाथ धोया और उन्हें जेल जाना पड़ा और साथ ही उन्होंने अपनी reputation भी गंवाई, रजत के पास पहले ही $100 मिलियन थे तो उन्हें $7 बिलियन और क्यों चाहिए थे? उनके पास पहले से ही धन-दौलत, फेम, पॉवर और फ्रीडम थी. लेकिन लालच में आकर उन्होंने सब कुछ गँवा दिया. क्योंकि रजत गुप्ता के पास इनफ
का सेन्स नहीं था. हम इस स्टोरी से तीन चीज़े सीख सकते है.
लेसन एक; सबसे मुश्किल फाइनेशियल स्किल है और ज्यादा दौलत जमा करने से खुद को रोकना. ज्यादा पॉवर, ज्यादा फेम और ज्यादा पैसे का लालच
सेटिसफेक्शन से ज्यादा एम्बिशन को बढ़ावा देता है. इस पॉइंट पर आकर जब आप आगे नही बढ़ते तो आपको लगता है जैसे आप पीछे जा रहे हो, और फिर आगे बढ़ने के लिए आप बड़े से बड़ा रिस्क लेते हो.
मॉडर्न कैपिटीलिज्म दो चीजों में बहुत अच्छा है. दौलत के साथ-साथ आप लालची भी होते जाते हो, इन्सान अपनी हद भूल जाता है. उसे समझ नहीं
आता कि कहाँ पर रुकना है.
लेसन नंबर दो: सोशल कम्पेरिजन यानी दूसरों से तुलना एक प्रोब्लम बन जाती है. मान लो एक फुटबाल प्लेयर साल के $500,000 कमाला है, उसके पास पहले से ही काफी पैसा है. पर हम अगर उसकी तुलना माइक ट्राउट से करे तो जिसका $430 मिलियन साल के हिसाब से 12 साल का कॉन्ट्रैक्ट है तो हमे ये रुकी प्लेयर उसके सामने एकदम गरीब लगेगा. अब मान लो हेज फंड मैनेजर जो 536 मिलियन कमाता है पर 2018, में टॉप टेन हाईएस्ट पेड हेज फंड मैनेजर्स कम से कम $340 मिलियन साल के कमाते थे तो हमे ये $36 मिलियन उसके मुकाबले काफी कम लगेंे.
लेकिन अगर टॉप टेन हेज फंड मैनेजर्स जो साल के $340 मिलियन कमा रहे है, वो अपनी तुलना अगर टॉप फाइव से करे तो? टॉप फाइव
मैनेजर्स $770 मिलियंस कमाते है.
और अगर टॉप फाइव खुद की तुलना वारेन बुफे से करे तो जोकि 2018 में उनसे 53.5 बिलियन ज्यादा अमीर है? और अगर Warren Buffet जेफ बेजोस के लेवल पर आना चाहे तो जिसकी नेट वर्थ 2018 में 524 बिलियन थी?
तो देखा आपने सोशल कम्पेरिजन की दीवार बहुत ऊंची है. कोई भी इसे छू नहीं सकता. अगर आप इस खेल में शामिल हो जाओ कि” मै अपने दोस्तों जितना अमीर होना चाहता हूँ तो आप कभी नहीं जीत सकते, क्योंकि जीतने और पैसा कमाने की कोई लिमिट नहीं है. कोई पॉइंट नहीं जाहाँ आपको इनफ लगे आप सेटिसफाईड फील करो,
जीतने का एक ही तरीका है कि लड़ो ही मत. मान लो कि आपके पास काफी है चाहे आपके आस-पास के लोग और की चाहत में पागल हुए जा रहे हो.
लास वेगस के एक डीलर ने एक बार कहा था” कसिनो में जीतने का एक ही तरीका है: घुसते ही बाहर निकल जाओ सोचो आप एक एक्जीक्यूटिव विलेज की पार्टी में है, आप और आपके दोस्त डिस्कस कर रहे है कि कौन सबसे अमीर है, किसके पास सबसे बड़ा घर है और कौन सबसे ज्यादा फेमस है और किसे लोग सबसे ज्यादा पसंद करते है. लेकिन आप देखोगे कि विनर कोई भी नहीं होगा. जीतेगा वही जो अपने-आप से सेटिसफाईड है, जो एक छोटे से घर में प्यार करने वाली फेमिली के साथ एक हंसी-खुशी एक खुशहाल जिंदगी जी रहा
लेसन नंबर तीनः कुछ चीजे पैसे, फेम और पॉवर से भी बढ़कर होती है. चाहे आपके पास ये सब कितना ही ज्यादा क्यों ना हो. ये बाते रजत गुप्ता ने जेल
छूटने के न्यू यॉर्क टाइम्स के अपने इंटरव्यू में कहा था. उनसे जब पुछा गया कि उन्होंने इस घटना से क्या सीखा तो वो बोले; रिस्क लेने है और कब इनफ का मतलब इनफ है
Confounding Compounding
एक फील्ड से सीखी हुई बाते हमें दुसरे फील्ड में काम आती क्या आपको पता है बहुत पहले आईस एज क्यों आया था? ये कुछ-कुछ उसी तरह है
जैसे इन्वेस्टमेंट में कम्पाउडिंग आपके पैसे पर ग्रो करती है.
19वीं सेंचुरी में जाकर साइंटिस्ट इस बात पर एग्री हुए थे कि धरती में कभी आईस एज आया था. इसका सुबूत इतने करीब था कि आसानी से नजरअंदाज कर लिया जाता था, धरती में सिर्फ एक ही आईस एज नही आया बल्कि हमारी पृथ्वी ने पांच आईस एज देखे है जिनकी डेट का हम आज
एक्यूरेट अंदाजा लगा सकते है.
क्या आप सोच सकते है कि पूरी दुनिया को बर्फ से कवर करने, बर्फ पिघलाने और फिर से बर्फ से ढकने पर कितनी एनेज्जी की जरूरत पड़ेगी? तो ये घटना पाच बार हो चुकी है. लेकिन आईस एज आया ही क्यों?
आईस एज के पीछे क्या वजह है, इसके बारे में बहुत सी ध्योरीज़ है. एक थ्योरी के हिसाब से माउन्टेन रेंज में हलचल होने की वजह से क्लाइमेट में चेंज आया है. एक दूसरी थ्योरी कहती है कि आईस धरती का नैचुरल वातावरण है जिसमें ज्वालामुखी फटने से बदलाव आया है.
हालाँकि ये थ्योरीज सिर्फ एक आईस एज को एक्सप्लेन करती है नाकि पांचो को.
1900 की शुरुवात में एक सर्बियन साइंटिस्ट Milutin Milankovic ने सोलर सिस्टम में धरती की पोजीशन को स्टडी किया. और वो इस नतीजे पर पहुंचा कि सूर्य और चन्द्रमा की ग्रेविशनल ताकत का प्रभाव पृथ्वी की धुरी पर पड़ता है. Milankovic ने कहा कि कई बार ऐसा भी होता है कि पृथ्वी
अपनी धुरी पर कुछ ज्यादा ही झुक जाती है जिससे इसे नॉर्मल ज्यादा सोलर रेडिएशन मिलता है.
पृथ्वी के हेमीस्फियर में आने वाले बदलाव के चलते बहुत ज्यादा ठंड हो गई जिससे पूरी पृथ्वी बर्फ की मोटी चादर से ढंक गई थी, व्लादिमीर
Koppen जो एक रशियन मीटीयरोलोजिस्ट है, उन्होंने इस थ्योरी में एक कंडिशन जोड़ी है. उन्होंने कहा कि एबनॉर्मल टिल्ट की वजह से धरती पर गर्मीयों के मौसम में भी ठंड बढ़ गई थी. ये उस तरह की गर्मी थी जिसमे इतनी गरमी नहीं होती कि पूरी बर्फ को पिचला सके, गर्मियों के बाद भी धरती के कुछ हिस्से बर्फ से ढके रहे, जिससे बर्फ को आने वाली सर्दियों में भी टिके रहने में आसानी
हुई.
साल दर साल इसी तरह बर्फ के ऊपर बर्फ की परते जमा होती रही जब तक कि पूरी पृथ्वी बर्फ से नही ढक गई और इस तरह आईसएज आया. देखा आपने, कम्पाउंडिंग का कांसेप्ट भी कुछ ऐसा ही है. मान लो अपने अपनी एनुअल सेलरी का 10% इंडेक्स फंड में जमा करना शुरू किया. और
आपकी एनुअल इंटरेस्ट रेट है 10%
तो अगले साल आपके पास आपकी सेलरी का 10% का 10% इंटरेस्ट रेट के साथ होगा. फिर आप 2022 तक अपनी सेलरी का 10% जमा करते हर साल आप 10% जोड़ रहे हो और हर साल आपका 10% इंटरेस्ट रेट भी ग्रो कर रहा है. अगर आप इस पैसे को अगले दस साल तक नही निकालते
गये.
हो तो आप मिलेनियर बन जाओगे.
आईस एज भी धीरे-धीरे बर्फ के जमा होने से आया, कंपाऊडिंग ऑफ़ इंटरेस्ट का मतलब भी यही है: धीरे-धीरे पैसे जमा होना. क्या आपको पता है कि Warren Buffet सिर्फ 10 साल की उग्र से ही इन्वेस्ट करते आ रहे थे? उन्होंने कभी भी अपने इंटरेस्ट का पैसा नही निकाला. उन्होंने का कई सालो तक ये पैसा जमा होने दिया. और जब वो 89 के हुए तो उनके पास $84.5 बिलियन था. ये उनके डिसप्लीन और 8 दशको
के कंपाऊडिंग का नतीजा था.
अगर आप कैलकुलेट करे तो वारेन बुफे ने अपने वे जन्मदिन के बाद ही 5845 बिलियन कमाया. ये सब कम्पाउंडिंग के पॉवर का कमाल हैं
50
इस इक्वेशन के बारे में सोचो 8+8+8+8+8+8+8-8-8 = 72 ये जोड़ है, लेकिन जब आप 8 को 8 से ही 9 बार मल्टीप्लाई करेंगे तो क्या होगा?
8x8x8x8x8x8x8x8x8 = 734,277,728. देखा आपने कितना फर्क है? Warren जब 20 या 30 के थे तो वो अपना पैसा यूं ही नही खर्च करते थे, और उन्होंने 60 या70 का होने तक इन्वेस्टिंग नही छोड़ी. वो लगातार इन्वेस्ट करते गए. उन्होंने 25 सालो तक पैसे जमा किये,
Warren की दौलत पर कई सारी किताबें भी लिखी गई है. फिर से बता दे उनके पास 584.5 बिलियन है. उन्होंने दस साल की उम्र से इन्वेस्ट करना शुरू किया था और 89 का होने तक करते रहे, अगर कम्पाउंडिंग पर सच में कोई किताब लिखी जाये तो उसका नाम होना चाहिए” शट अप एंड वेट”
अमीर होने और अमीर रहने के बीच का फर्क (Cetting Wealthy vs. Staying Wealthy अमीर बनने के कई तरीके हो सकते है लेकिन अमीर बने रहने का सिर्फ एक ही तरीका है. चलिए तो ये बात हम इन दो इन्वेस्टर्स की कहानी से सीखते
है.
जेसी लिवरमोर अपने टाइम का बेस्ट स्टॉक ट्रेडर्स में से एक था, वो 1877 में पैदा हुआ था. जब दुनिया को पता भी नहीं था कि ट्रेडर कोई भी बन सकता है, उससे पहले ही उसने खुद को एक ट्रेडर के तौर पर एस्टेबिलिश कर लिया था. 30 साल की उम्र में ही जेसी ने $100 मिलियन कमा लिए थे. 1929 में स्टॉक मार्केट क्रेश हो गई जिसकी वजह से ग्रेट डिप्रेशन आया. उन दिनों चारों तरफ बस यही न्यूज़ छाई हुई थी. वाल स्ट्रीट के ना जाने कितने
ही स्टॉक ट्रेडर्स ने सुसाइड कर लिया था था.
अक्टूबर 29, 1929 के दिन जेसी का परिवार घर पर उसका इंतज़ार कर रहा था. उसकी वाइफ और दो बच्चे दरवाजे पर खड़े होकर उसके आने की राह
देख रहे है. और उसकी नदर इन लॉ बें मदर लॉ बेडरूम के अंदर बैठकर रो रही थी.
जेपी घर पहुंचा, वो शॉक में था, पर इसलिए नही कि उसका दिवालिया निकल चुका था, उसने अपनी वाइफ को पूरी बात बताई, हुआ यूं था कि जेसी ने शर्त, लगाई थी कि स्टॉक मार्केट नीचे आएगा और उसका अंदाजा एकदम सही निकला और वो करोड़पति बन गया. उस दिन
अक्टूबर र 29 को उसने 55 बिलियन पैसे कमाए थे.
जब हर कोई ये शर्त लगा रहा था कि स्टॉक के रेट ऊपर जायेंगे तो उस वक्त जैसी ने भविष्यवाणी कर दी थी कि स्टॉक मार्केट नीचे गिरेगा, था, वो शर्त जीत गया और रातों-रात बिलेनियर बन गया.
पर Abraham Hermansky के साथ कुछ अलग किस्सा हुआ.
अब्राहम एक अमीर रियल एस्टेट डेवलपर थी कि स्टॉक मार्केट ऊपर चढता रहेगा.
बस फिर क्या
र रियल एस्टेट डेवलपर था. 1920 के दौरान वो मिलेनियर बन चुका था, बाकि ट्रेडर्स की तरह अब्राहम ने भी काफी बड़ी शर्त लगाई
स्टॉक मार्केट केश के कुछ दिनों बाद ही अब्राहम गायब हो गया, दरअसल उसने सुसाइड कर लिया अब फिर से जेसी लिवरमोर पर आते है और उसकी स्टोरी पूरी करते हैं.
था.
1929 के क्रेश के बाद जेसी ओवरकॉफिडेंट और अनस्टॉपेबल हो गया. यो एक के एक बड़ी-बड़ी शर्ते लगाता चला गया और जीतता गया, जेसी
को लगा कि वो यूं ही हमेशा जीतता रहेगा.
लेकिन 1933 में उसने स्टॉक मार्केट में अपना सारा पैसा गंवा दिया.
जैसी भी कुछ दिनों बाद गायब हो गया और उसने खुद की जान ले ली. जो चीज़ अब्राहम के साथ हुई थी वहीं चार साल बाद उसके साथ भी हुई,
अब्राहम की तरह वो भी सुसाइड करने पर मजबूर हो गया था.
तो देखा आपने, दोनों आदमी अमीर तो बन गए थे पर अपनी अमीरी बरकरार नहीं रख सके. पैसा कमाना एक बात है पर उसे बनाये रखना अलग चीज़ है.
पैसे कमाने के लिए आपको बाहर निकलना पड़ेगा, रिस्क लेने पड़ेंगे, आपको ओप्टीमिस्टिक बनना होगा.
लेकिन पैसे को बनाये रखने के लिए आपको हम्बल होना पड़ेगा. आपको ये बात याद रखनी होगी कि किसी भी वक्त, किसी भी सेकंड आपकी सारी दौलत छिन सकती है, क्योंकि जिंदगी ऐसी ही है, यहाँ कब क्या होगा कोई नहीं जानता, कभी आप एकदम टॉप पे आओगे तो कभी एकदम बोटम पर,
पैसे को बनाये रखने के लिए आपको सोच-समझ कर पैसे का इस्तेमाल करना सीखना होगा, और ये भी एक फैक्ट है कि पैसा मेहनत से कमाया जाता है
पर इसे कमाने में किस्मत का भी बड़ा हाथ होता है.
जिंदगी में हमेशा याद रखो कि स्कसेस हमेशा रहने वाली चीज़ नहीं है, लाइफ में हार भी मिलेगी और नाकामयाबियाँ भी, बीते कल की सक्सेस आने
वाले सुनहरे कल की गारंटी नहीं दे सकती
अब हम Warren Buffer के पास वापस चलते है और देखते हैं कि उनहोंने 70 साल से अपनी वेल्थ केसे मेटेन करके रखी है. पैसा 10 सालो के लिए इन्वेस्ट किया और एक दशक से भी ज्यादा तक कंपाउंड होने दिया, और 89 की उम्र में उनके पास $84.5
उन्होंने अपना बिलियन थे.
Warren को इन्वेस्टिंग आती है, उन्हें पता है कि इन्वेस्टिंग के लिए कौन सी कंपनीज़ बेस्ट रहेंगी. उन्हें ये भी पता है कि सबसे सस्ते स्टॉक्स कौन से है.
और वो सबसे ज्यादा इफेक्टिव मैनेजर्स को जानते है.
तरह से वो एक अमीर आदमी बने.
लेकिन Warren ने अपनी वेल्थ कुछ इस तरह से बनाये रखी, वो किसी बहकावे में नहीं आये.
उन्होंने 14 रिलेशन झेल लिए पर कभी
उन्होंने अपनी रेपुटेशन दांव पर नहीं लगाई.
घबरा कर अपने स्टॉक नही बेचे,
उन्होंने खुद को किसी एक स्ट्रेटेजी, एक ओपिनियन या एक पासिंग ट्रेड तक सिमित नही रखा.
उन्होंने कभी क्विट नहीं किया और ना ही रिटायर हुए.
65 साल के बाद भी वो कम्पाउडिंग करते रहे. और इस तरह Warren सर्वाइव कर गये.
Conclusion
आपने इस किताब में उस यंग टेक जीनियस की कहानी पढ़ी जिसने 57000 गोल्ड कोएंस समुद्र में फेंक दिए थे. आपने किताब में Ronald रीड की कहानी भी पढ़ी जिसने एक मामूली सा चौकीदार होने के बादजूद $8 मिलियन दान कर दिए थे.
आपने हार्वर्ड एमबीए ग्रेजुएट और रियल एस्टेट इन्वेस्टर रिचर्ड Fuscone के बारे में भी पढ़ा जिसने 2008 के क्राइसिस में सब कुछ गॅँवा दिया था. और आपने इस किताब में रजत गुप्ता की कहानी भी पढ़ी, जिसके पास $100 मिलियन होने के बावजूद उसे $1 बिलियन और चाहिए थे. इस बुक में आपने जैसी लिवरमोर और Abraham cermansky की कहानी भी सुनी. इनमे से दिन के $3 बिलियन कमाता अपना सारा पैसा गँवा बैठा था. बाद में दोनों लोगों ने सुसाइड कर लिया था. । जबकि दूसरा
आखिर में आपने इस बुक में Warrem Buffet के बारे में पढ़ा.. तो इन सारे लोगो में से आप किसके जैसा बनना चाहोगे?
याद रखो कि जिंदगी में रेपुटेशन, फ्रीडम, फेमिली, प्यार और खुशी ही सबसे कीमती चीज़ है जो पैसे, पॉवर और फेम से कहीं बढ़कर है. याद रखो ये दुनिया गोल है और हार और जीत जिंदगी का एक हिस्सा है. कभी हमारे पास सब कुछ होता है और कभी कुछ भी नहीं. अमीर बनने के कई सारे तरीके है, पर अपनी अमीरी बरकरार रखने का सिर्फ एक तरीका है. इसलिए हम्बल बनो, पैसे की वैल्यू समझो और जो आपके
पास है उसमें खुश रहना सीखो.
जिनसे आप बेहद प्यार करते है, उनके साथ वक्त गुजारो क्योंकि परिवार और सच्चे दोस्त ही इंसान का सबसे बड़ा खज़ाना होते है.