About Book
क्या आप किसी धोखाधड़ी या जालसाज़ी का शिकार हुए हैं? क्या आप जानना चाहते हैं कि इसे दोबारा होने से कैसे रोका जाए? हम सभी के पास एक नेचुरल डिफेंस सिस्टम है जो हमारे ब्रेन में बैठा हुआ है, उसे इन्टूइशन (Intuition) कहते हैं. इस बुक में, आप सीखेंगे कि इसका इस्तेमाल कैसे करें, वार्निंग सिग्नल को कैसे देखें और भीड़ में छुपे उस धोखेबाज़ को कैसे पहचानें. यूहीं नहीं कहा जाता कि अजनबियों से बात नहीं करनी चाहिए, उसके पीछे एक जांचा परखा हुआ कारण है.
यह समरी किसे पढ़नी चाहिए?
औरतों को
teenagers
पेरेंट्स को
जो भी सेल्फ़ डिफेंस यानी आत्म रक्षा सीखना चाहते हैं
ऑथर के बारे में
गैविन डी बैकर एक सिक्यूरिटी स्पेशलिस्ट हैं. वह सिक्यूरिटी फर्म “Gavin de Becker and Associates” के फाउंडर और चेयरमैन हैं. उनके क्लाइंट्स में राजकुमार हैरी और मेगन मार्कल, कई सीईओ, पॉलिटिशियन और जानी मानी हस्तियां शामिल हैं. ओपरा विनफ्रे ने इस बुक की 1oth एनिवर्सरी मनाने के लिए एक पूरा एपिसोड समर्पित किया था.
इंट्रोडक्शन
क्या आपको पहली बार किसी शख्स से मिलने पर शक महसूस हुआ है? क्या आपने कभी महसूस किया है कि रात को अकेले सड़क पर चलता देखकर कोई आपको घूर रहा हो? कई बार हम इन भावनाओं को वहम समझकर नज़रअदाज़ कर देते हैं लेकिन यकीन मानिए अक्सर ये महज़ एक
वहम नहीं होता शायद आप सच में खतरे में हो सकते हैं, गैविन डी बैकर मॉडर्न डे शरलॉक होम्स और रियल लाइफ एक्शन हीरो का ज़बरदस्त combibation हैं. वो क्राइम के रहस्यों को सुलझाकर किसी
को भी खतरे से बचा सकते हैं. लेकिन गैविन का कहना है कि इसे समझना rocket साइंस नहीं है और इसे कोई भी कर सकता है. कोई भी वार्निंग साइन देखकर अपने डर के प्रति respond कर सकता है और ये कैसे करना है ये बुक आपको सिखाएगी,
In the Presence of Danger
एक दिन दोपहर के तक्त केली ग्रोसरी शॉपिंग करके लौट रही थी. उसके दोनों हाथों में भारी भरकम बैग थे. अपने अपार्टमेंट के पास जाकर उसने
नोटिस किया कि उसके पड़ोसी फ़िर से गेट लॉक करना भूल गए थे. केली अंदर गई और उसने दरवाज़ा बंद कर दिया. केली का फ्लैट 4th फ्लोर पर था, उसे दोबारा नीचे ना आना पड़े इसलिए वो सारा सामान एक साथ ऊपर ले जाना चाहती थी. वो 2nd फ्लोर तक
पहुंची ही थी कि बैग सामान के भार से फ़टने लगा और उसमें से बिल्ली के खाने का कैन निकलकर बाहर बिखर गया. अचानक नीचे से एक आदमी ने कहा, “चिंता मत कीजिए मैंने कौन को पकड़ लिया है. मैं अभी आपको ऊपर दे देता हूँ”, ये सुनकर केली एकदम चौंक गई. केली को उस आदमी पर
थोड़ा शक हुआ क्योंकि वो जाना पहचाना या कोई पड़ोसी नहीं था, वो आदमी सीढ़ियों से ऊपर आया, केन लोटाकर वो केली का बैग उठाने लगा और कहा, “लाइए, मैं आपकी मदद कर देता हूँ.” “नहीं, शुक्रिया, मैं खुद मैनेज कर लूंगी,” केली ने जवाब दिया.
*अभी का हाल देखकर तो ऐसा नहीं लगता. आप कौन से फ्लोर पर रहती हैं?”, उसने पूछा. 4th, लेकिन यकीन मानिए मैं अपने आप सामान ले जाउंगी,” केली ने कहा. अरे चाह, मैं भी 4th फ्लोर पर जा रहा हूँ और देखिए ना मुझे देर हो गई, क्या है ना मेरी घड़ी जो बंद पड़ गई है. चलिए साथ में चलते हैं,” उसने
कहा. लेकिन केली ने कहा, “शुक्रिया, लेकिन आपको तकलीफ़ उठाने की ज़रुरत नहीं है. मैं सामान ले जाउंगी.” मदद लेने में हिचकिचाना नहीं चाहिए”, उस आदमी ने जोर देकर कहा.
केली एक पल के लिए झिझकी लेकिन फिर उसने उस आदमी को अपना बैग उठाने दिया. केली बहुत अजीब सा और uncomfortable महसूस कर रही थी आखिर वो एक जो अजनबी था. लेकिन वो मिलनसार और मददगार लग रहा था और केली बदतमीज़ी या रूखा व्यवहार नहीं करना चाहती थी इसलिए अंत में वो मान गई.
जब वो 4th फ्लोर तक पहुंचे तो उस आदमी ने कहा, “मुझे याद है एक बार जब मेरी दोस्त शहर से बाहर गई थी तो उसने मुझे अपनी बिल्ली को खाना खिलाने के लिए कहा था लेकिन वो बात मेरे दिमाग से निकल गई और आप जानती हैं वो बिल्ली तीन हफ्तों तक बिना कुछ खाए भी जिंदा थी.” तक केली अपने फ्लैट का दरवाजा खोल रही थी. उसने कहा, “आपका शुक्रिया, इसे अंदर मैं ले जाउंगी.” केली ने सोचा था कि वो आदमी उसे अब ।
बैग थमाकर अपने रास्ते चला जाएगा लेकिन उसने कहा, “अरे नहीं, आप तकलुफ्फ़ क्यों करेंगी, मैं खुद इसे टेबल पर रख देता हूँ. ये काफ़ी भारी हैं ना. अगर आप चाहें तो हम दरवाज़ा खुला रख सकते हैं. मैं वादा करता हूँ कि बैग रखते ही बाहर आ जाऊंगा.”
केली मान गई पर सामान रखने के बाद वो आदमी गया नहीं. उसने जोर से दरवाज़ा बंद किया और केली का रेप किया. उसने केली के सिर पर बंदूक रखी और उसके साथ बदसलूकी करता रहा. केली तीन घंटे तक इस भयानक स्थिति में रही. अपनी दरिंदगी खत्म करने के बाद वो उठा और लिविंग रूम की खिड़की बंद करने लगा. उसने अपनी घड़ी देखी और बोला, “अब मुझे जाना है. डरो
मत, में वादा करता हूँ तुम्हें चोट नहीं पहुंचाऊंगा, बस यहाँ
चला जाऊंगा मगर तब तक चुपचाप यहीं बैठी रहना.”
से हिलना मत, मैं किचन से कुछ पीने के लिए लाने जा रहा हूँ. उसके बाद में पक्का यहाँ से
केली बहुत सहमी हुई थी. ना जाने क्यों उसे ऐसा लग रहा था कि अगर वो अभी यहाँ से नहीं निकली तो वो आदमी उसे मार देगा. जब वो आदमी मुड़ा तो केली बिना आवाज़ किए सावधानी से उसके पीछे चलने लगी. उसने पास पड़ा कंबल उठाया और उसे अपने शरीर के चारों ओर लपेट लिया और फ़िर
धीरे-धीरे पीछे होने लगी.
जैसे ही वो आदमी किचन में गया, केली अपने लिविंग रूम में गई और main दरवाज़े से बाहर निकल गई.
उसे किचन में drawer खोलने की आवाज़ आ रही थी. उस आदमी ने रेडियो भी चालू कर दिया था. केली सीधे अपने पड़ोसियों के पास गई. उनका दरवाजा खुला हुआ था. केली ने उनके सामने जाकर उन्हें चुप रहने का इशारा किया. वो लोग केली की हालत देखकर हक्के बक्के खड़े थे, महीनों बाद केली को पता चला कि वो उस आदमी की पहली शिकार नहीं थी, वो आदमी एक सीरियल रेपिस्ट था और एक बार उसने एक औरत का रेप
करने के बाद उसे जान से मार र दिया था. लेकिन शुक्र था कि केली उसके चंगुल से बच निकली थी. केली ये भयानक और दर्दनाक हादसा गैविन को बता रही थी. उसने कहा कि ना जाने कैसे वो खुद को उस सिचुएशन से बचा पाई, अब एक सवाल था कि केली को क्यों लगा कि जब वो आदमी वापस आएगा तो उसे जान से मार देगा?
केली ने जवाब दिया कि उसे शक तब हुआ जब उस आदमी ने खिड़की बद की. उसने केली से कहा था कि वो उसे चोट नहीं पहुंचाएगा लेकिन केली का
मन उसकी बात पर यकीन करने को तैयार नहीं था. उसके पास बंदूक थी लेकिन अगर वो बदूक चलाता तो उससे ज़ोरों की आवाज़ होती और वो पकड़ा
जाता. इसलिए वो किचन में चाकू लेने के लिए गया था. जब केली ने drawer खोलने की आवाज़ सुनी तो उसका शक यकीन में बदल गया और उसने भागने का फैसला किया, गौर करने वाली बात ये है कि केली ने खतरे के साइन को खुद पहचाना, शायद डर अपने साथ intuition का तोहफ़ा लेकर आता है. हमारा ब्रेन हमें जिंदा रखने के लिए फ़टाफ़ट डॉट्स को कनेक्ट करना शुरू कर देता है. खुद को बचाने की कोशिश में शायद ये हिम्मत हम में खुद ब खुद पैदा हो जाती
है क्योंकि इसी पर हमारी जिंदगी टिकी हुई होती है.
जब भी आपको शक होता है, गहरा डर महसूस होता है तो अक्सर उसके पीछे एक कारण होता है, आपको इन भावनाओं को अनदेखा नहीं बल्कि इसे गौर से सुने ताकि आप खुद को किसी अनहोनी से बचा सकें,
करना है
गैविन अक्सर अपने प्राइवेट सिक्यूरिटी फर्म में अपने क्लाइंट से पूछते हैं, क्या आपको ज़रा सा भी अंदाज़ा था कि ऐसा कुछ हो सकता था?” या “क्या
आपके मन में कभी आया कि ऐसा करने के पीछे किसी का क्या मकसद हो सकता है?” ज़्यादातर लोगों का जवाब होता था, “नहीं, मुझे कोई अदाज़ा
नहीं था, ये ना जाने कैसे हुआ.” लेकिन कुछ पल सोचकर अवसर क्लाइंट कहते कि, “अब जब मैं उसके बारे में सोच रहा हूँ तो मुझे याद आ रहा है कि जब मैंने उस आदमी को पहली बार देखा था तो मुझे बहुत बेचैनी सी महसूस हुई थी, मुझे बड़ा uncomfortable फील हुआ था” या” मैंने उस दिन उस गाड़ी को पहले भी देखा था.”
केली का भी कुछ इसी तरह का जवाब धा, “मुझे नहीं पता कैसे लेकिन मुझे एहसास हो रहा था कि वो मुझे मारने की सोच रहा है. ये एहसास
intuition की वजह से जन्म लेता है. केली ने हर साइन को देखा, तब उसके ब्रेन ने डॉट्स को कनेक्ट करना शुरू किया और फिर केली भागने का
फैसला ले पाई,
The Technology of Intuition
एक दिन रॉबर्ट Thompson नाम का आदमी मैगजीन खरीदने एक स्टोर में गया. जैसे ही वो अंदर गया उसे अचानक बहुत डर लगा. उसके पैर दरवाजे पर ही ठिठक गए. उसने तुरंत वहाँ से लौटने का फैसला किया. लेकिन उसे ठीक-ठीक नहीं पता कि उसने ऐसा क्यों किया. अगले दिन जब रॉबर्ट ने न्यूज़ देखि तो वो ये जानकार हैरान रह गया कि उस दिन उस स्टोर में डकैती हुई थी, गोलियां भी चली थीं और कुछ लोग जलमी
हो गए थे,
जब उसने ये किस्सा गैविन को सुनाया तो उन्होंने पूछा, तुमने वहाँ ऐसा क्या देखा कि लौटने का मन कुछ नहीं,” रॉबर्ट ने कहा “पर ना जाने क्यो मेरा मन कह रहा था कि लौट जाओ.” रॉबर्ट कुछ पलों के लिए सोचने लगा और फिर उसने कहा, “अब जब मैं गौर से सोच रहा हूँ तो मुझे याद आ रहा है
बनाया?”
कि जब मैंने दरवाज़ा खोला तो केशियर ने मेरी ओर देखकर धीरे से सिर हिलाया था, उसके बाद वो तुरंत उस कस्टमर की ओर देखने लगा जो इतनी भयंकर गर्मी में भी leather की जैकेट पहने खड़ा था. शायद मैंने करियर का धबराया हुआ चेहरा नोटिस किया था इसलिए मैं जल्दी दो से वहाँ से निकल गया.” असल में उस जैकेट पहने आदमी के हाथ में बंदूक थी. उसके दो साथी बाहर खड़ी एक गाड़ी में उसका इंतज़ार कर रहे थे. न्यूज़ देखने के बाद रॉबर्ट को
याद आया कि जब वो बाहर निकला था तो उसने दो लोगों को देखा था जो गाड़ी का इंजन स्टार्ट किए हुए बैठे थे. रॉबर्ट को समझ नहीं आया कि आखिर माजरा क्या था लेकिन उसने अपने intuition की सुनी. उसे स्टोर में जाते समय डर लगा, थोड़ा शक भी हुआ. उसने अपनी भावनाओ को अनदेखा नहीं किया, उसने बस अपने मन की आवाज को सुना और उसे फॉलो किया.
लॉजिक और intuition में फ़र्क होता है, लॉजिक स्टेप by स्टेप एक प्रोसेस को फॉलो करता है लेकिन intuition एक झटके में स्टेप A से स्टेप 2 पर जा सकता है, खासकर जब कोई आदमी खतरे में होता है तब. क्या आप जानते है कि intuition शब्द tuere” शब्द से बना है जिसका मतलब
होता है बचाव करना या बचाना,
रॉबर्ट के जेहन में क बात थी कि उस स्टोर में पहले भी चोरी हो चुकी थी. उसने न्यूज़ में इस बारे में सुना था और पुलिस की वैन को उस एरिया पर तैनात भी देखा था. इस इनफार्मेशन ने भी उसे तुरंत फ़ैसला लेने में मदद की थी. रॉबर्ट
की तरह, आप भी अपने intuition को सुनना और संकेतों को देखना सीख सकते हैं. क्राइम अचानक या इत्तेफ़ाक से नहीं होते और ना ही कोई गैविन के अनुसार, कोई भी हादसा होने से पहले कोई ना कोई शुरुआती साइन या इंडिकेटर ज़रूर होते हैं बस हमें उन्हें पहचानने की ज़रुरत है. इंसान बहुत ही unpredictable होता है और क्राइम करने वाला कोई भी हो सकता है जैसे कोई अजनबी, एक नाराज एम्प्लोयी, अपमान करने वाला
क्रिमिनल अचानक से लोगों को मारता है या चोट पहुंचाता है.
controlling पति या हाथ धो कर पीछे पड़ने वाला stalker,
The Academy of Prediction
गैविन कहते हैं कि हम सभी, इंसान के बर्ताव को observe करके उससे जुड़े रहस्य को सुलझा सकते हैं. असल में हम सभी एक नेचुरल साइकोलोजिस्ट हैं. पहले इस बात को समझना जरूरी है कि दुनिया में कोई भी इंसान पैदाइशी क्रिमिनल नहीं होता. किसी के साथ बीता हुआ कोई दर्दनाक हादसा या उसकी परिस्थिति उसे क्रिमिनल बनाती है.
ग़लतफ़हमी को भी दूर करने की जरूरत है कि “हमारे पड़ोस में तो ऐसा क्राइम या हादसा नहीं हो सकता.” देखा जाए तो क्रिमिनल माइंड जैसी हमें इस ग
कोई चीज़ नहीं होती.
अच्छा अब ज़रा गौर से सोचिए कि जब आपको किसी पर हद से ज्यादा गुस्सा आता है तो क्या आपके मन में खयाल आता है कि “मन करता है इसे जान से मार दूं या इसे ऐसा सबक सिखाऊ कि जिंदगी भर याद रखे?” मुझे यकीन है कि आपको ऐसा खयाल ज़रूर आया होगा. मर्डर, रेप, डकैती जैसी वारदातें दुनिया के हर देश में रोज़ घटती हैं इसलिए हम ये नहीं कह सकते कि ये एक जगह तक सीमित है. क्या आपके मन में ये थॉट आया है कि, “मैं कभी किसी के साथ बुरा करने के बारे में सोच भी नहीं सकता, किसी को मारना तो बहुत दूर की बात है
लेकिन अगर किसी ने मेरे किसी अपने को तकलीफ पहुंचाई तो मैं उसे छोडूगा नहीं?” अगर आपका जवाब हाँ है तो मैं आपको बता दूं कि ज़्यादातर
ऐसा ही सोचते हैं, एसी
लोग
आप भी मिस्ट्री को सुलझा सकते हैं, किसी क्राइम या एक क्रिमिनल के दिमाग को समझ सकते हैं अगर आप सिर्फ इस बात को एक्सेप्ट कर लें कि क्रिमिनल भी हम लोगों से बहुत ज्यादा अलग नहीं होते. इससे आप intuition के ज़रिए खुद को कई ख़तरों से बचा सकते हैं. Intuition का सबसे बड़ा दुश्मन है इनकार करना या नकारने की आदत जिसे denial कहते हैं. जो लोग वार्निंग साइन को देखकर भी अनदेखा कर देते हैं, आँखें मूँद लेते हैं अंत में वही उसका शिकार बन जाते हैं.
जब आप से बाहर होते हैं तो किसी को देखकर कह सकते कि वो एक हत्यारे या रेपिस्ट की एक क्रिमिनल की जो घिसी पिटी इमेज बना रखी है पहले तो उसे बदलना ज़रूरी है.
रॉबर्ट रेस्लर एक जाने माने FBI एजेंट हैं जो behavioral साइंटिस्ट हैं, उन्होंने ही “सीरियल किलर टर्म को इंवेंट किया था. एक दिन, रेस्लर गैविन के घर डिनर के लिए गए हुए थे, गैविन ने उन्हें एक थ्रिलर बुक के बारे में बताया जो वो उस वक्त पढ़ रहे थे, बुक का नाम था “The Silence of the Lambs” जिसे थॉमस हैरिस ने लिखा है, उस बुक का विलन एक gay सीरियल किलर था जो लड़कियों को मारकर उनकी चमड़ी निकाल
लेला था ताकि वो खुद के लिए एक खूबसूरत ड्रेस बना सके. ये सुनकर रेस्लर ने जवाब दिया, “ओह, यह तो बिल्कुल एड गेइन केस की तरह का मामला लगता है.” एड गेइन एक ऐसा आदमी था जो कब्रिस्तान से मरे हुए लोगों की बॉडी को चुराता था. वो उनकी चमड़ी निकालकर उसे अच्छी कंडीशन में बनाए रखता था ताकि वो उसे पहन सके.
रेस्लर ने ऐसे कई मामले देखे थे जिन्हें बड़ी बेदर्दी से अंजाम दिया गया था. FBI में अपने कई साल के तजुर्वे में उन्होंने ये देखा कि बुरे से बुरे क्रिमिनल जिन्हें राक्षस कहना गलत नहीं होगा, वो जंगलों या गुफाओं में नहीं बल्कि हमारे ही बीच रहते हैं, वो कहीं भी हो सकते हैं पार्क में, शॉपिंग मॉल में या फिर सड़क पर चलता हुआ कोई अजनबी. आप खुद को उनका शिकार बनने से बचा सकते हैं बल्कि आप किसी और के साथ भी कोई दुर्घटना होने से एक इम्पोर्टेन्ट फैक्ट है जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए. अपने रिसर्च में रॉबर्ट को एक ख़ास फैक्टर, एक ऐसा लक्षण मिला जो हर सीरियल किलर में मौजूद था. रॉबर्ट ने देखा कि उन सभी क्रिमिनल्स का बचपन बेहद दर्दनाक था. बचपन में उन्हें शारीरिक या मानसिक रूप से abuse किया
रोक सकते हैं.
गया था. जब कोई हरकत सोच समझकर जानबूझकर किसी को तकलीफ़ पहुंचाने के लिए की जाती है तो उसे abuse कहते हैं. बचपन में उन
क्रिमिनल्स ने सालों तक अपमान और हिंसा का सामना किया जिसका उनके sub conscious माइंड पर बेहद दर्दनाक और गहरा असर हुआ.
उन बच्चों के माता पिता शराब और नशे की लत में चूर रहते थे जिस वजह से उन्हें बचपन में उनका प्यार नहीं मिला, बल्कि यूं कहना चाहिए कि उन बच्चों पर कभी किसी ने ध्यान ही नहीं दिया. आइए इसे कुछ example से समझते हैं. रॉबर्ट बाड़ों एक हत्यारा था, उसने गैविन को बताया कि बचपन में उसके साथ परिवार की पालतू बिल्ली की तरह बर्ताव किया जाता था. वह ज्यादातर समय अपने कमरे में अकेला बिताता था. उसके माता पिता बस उसके रूम में खाने की प्लेट पहुंचा देते थे. लोगों के बीच उठाना बैठा, उनसे बातें करना, घुलना मिलना ये सभी चीज़ें उसने पहली जेल में सीखी थीं.
इसी तरह, बेंट जे एक सीरियल रेपिस्ट और चाइल्ड abuser था जिसके क्राइम से 2005 में डेनवर शहर में दहशत फ्रेल गई थी, ब्रेंट जब तीन साल का था तब उसके पिता उसका रेप किया करते थे, उनकी ये हैवानियत कई सालों तक चली. ब्रेंट को पूरे बचपन शारीरिक और मानसिक abuse का सामना करना पड़ा, ब्रेंट की माँ ने कभी उसकी बातों पर विश्वास नहीं किया और अगर कभी उसने ब्रेंट की बात सुनी भी तो उसे नकारती रही, इस बुक के ऑथर गैविन खुद भी एक ऐसे घर में बड़े दुए थे जिसका माहौल अच्छा नहीं था. उनकी माँ को अफ़ीम की लत थी. वो अक्सर मारने पीटने पर उतर आतीं थीं. उन्होंने कई बार आत्महत्या करने के बारे में भी सोचा था, गेविन के सौतेले पिता के साथ आए दिन उनके झगडे होते थे जिस कारण
पूरे घर में चिल्लाने और शोर शराबे की आवाजें गूंजती थीं,
अब गौर करने वाली बात ये है कि ऊपर बताए गए तीनों केस में रॉबर्ट, ब्रेंट और गैविन के घर का माहौल ठीक नहीं था लेकिन जहां रॉबर्ट और ब्रेंट क्रिमिनल बन गए वहीं गैविन एक प्राइवेट सिक्यूरिटी फर्म के बेहद सक्सेसफुल फाउंडर बने, तो ये फर्क किस वजह से था? गेविन कहते हैं कि जब वो 5th क्लास में थे तो उनके एक टीचर ने उनके टैलेंट को पहचाना और उन्हें encourage किया. इस positivity से उनके टीचर ने अनजाने में ही गैविन की जिंदगी बदल दी थी. भी किसी को क्रिमिनल बनने से रोक सकते हैं. ऐसे बच्चों को सज़ा की नहीं बल्कि सहारे और देखभाल की ज़रुरत होती है ताकि उनमें
इसी तरह आप
सुधार हो सके. हमें बच्चों को ध्यान से समझने और प्यार से समझाने की ज़रुरत है बस, बच्चों के प्रति दयाल बने और उनसे धीरज के साथ पेश आएं.
आता है क्यों? क्योंकि जिन बच्चों से अक्सर आपकी मुलाकात होती है ना जाने उनमें से कौन आपने घर में फिजिकल और मेंटल abuse अब सवाल आता का सामना कर रहा है. आप नहीं जानते कि उनमें से कौन इस बात को मन में पाले जा रहा है कि मारपीट करना, दूसरों को तकलीफ देना ही इस दुनिया में जीने का सही का सही तरीका है. जो बच्चा abuse का सामना करता है वो खुद से ही दूर होने लगता है. उसमें अपने लिए कोई सेल्फ रिस्पेक्ट नहीं होती, वो खुद की कद्र नहीं करता. ऐसे बच्चों को रोज़ ये जताया जाता है कि वो बेकार हैं, किसी को उनकी ज़रुरत नहीं है और यो जिंदगी में कुछ नहीं कर सकते. लेकिन जब आप एक बच्चे के साथ दया से पेश आते हैं, उसकी क्रिएटिविटी, किसी अच्छी आदत की तारीफ़ करते हैं तो जैसे उसमें एक उम्मीद की
किरण जाग जाती है. उसे लगने लगता है कि दुनिया में कोई तो है जिसे उसमें बुराइयां नहीं बल्कि अच्छाइयां नज़र आती हैं. वो सोचने लगता है कि वो बेकार नहीं है, उसके माता पिता की जिंदगी में जो कड़वाहट है उसकी बजह वो नहीं है और उसमें भी कुछ कर दिखाने का हुनर है. जब गैविन के परिवार की कलह उन्हें अंदर ही अंदर खाए जा रही थी तो उनके टीचर की धोड़ी सी kindness ने जादू की तरह काम किया और गेविन के मुरझाए हुए मन को एक नई रौशनी नज़र आने लगी.
Survival Signals
आइए अब डिस्कस करते हैं कि आप intuition का इस्तेमाल कर के खुद को हादसों से कैसे बचा सकते हैं, 6survival signal हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए. इसके लिए हम केली की कहानी में वापस जाएंगे.
केली ने जिस पल उस आदमी की आवाज सुनी थी तभी से उसे धोड़ा शक होने लगा था, लेकिन उसने अपनी फीलिंग को नज़रोंदाज़ कर दिया क्योंकि उस आदमी का बर्ताव अच्छा था और वो दिखने में एक टिपिकल क्रिमिनल या रेपिस्ट जैसा नहीं था, जब दो बिल्डिंग में आई थी तब malin गेट खुला
था जिसका मतलब है कि वो आदमी पहले से ही
अंदर इंतज़ार कर रहा था, तो पहला सिन्नर है Forced Teaming. केली से बात करने के लिए उस आदमी ने “हम शब्द का इस्तेमाल आपकी बिल्ली को भूखा नहीं रहने दे सकते”, और अगर आप चाहें तो हम दरवाज़ा खुला छोड़ सकते हैं” वगैरह, हम” शब्द के ज़रिए वो ये जताने उस।
हुआ था
किया था. उसने कहा था, “हम
की कोशिश कर रहा था कि वो सचमुच केली की मदद करना चाहता था और इसके अलावा उसकी कोई दूसरी मंशा नहीं थी. इसलिए इसे Forced Teaming कहा जाता है यानी ज़बरदस्ती खुद को एक टीम की तरह बताना. ऐसा करने से शिकार ये भूल जाता है कि वो आदमी बिलकुल अजनबी है और यही मकसद होता है धोखाधड़ी करने वाले लोगों का जो अचानक सड़क
ए है। पर या मॉल में आपसे बातें करने लगते हैं. उनका मकसद आपको कम्फ़्टेंबल फील करवाना और आपका भरोसा जीतना होता है. लेकिन अब आप
जान चुके हैं कि ये सिर्फ एक जाल होता है. जाल होता है.
दूसरा सिग्नल है Charm and Niceness यानी अच्छा बनने का दिखावा करना. Forced Teaming की तरह इसका गोल भी होता है कंट्रोल हासिल करना, नोटिस करें कि कैसे सेल्स एजेंट हमेशा टिप टॉप कपड़े पहने, अच्छे से बाल संवारे और चेहरे पर एक चार्मिंग मुस्कान बनाए रखते हैं. इससे का ध्यान खींचना ज़्यादा आसान हो जाता है. जब कोई मुस्कुराते हुए politely बात करता है तो आप उस आदमी को पसंद करने लगते हैं. लेकिन सावधान रहे और ये बिलकुल ना भूलें कि वो आदमी अब भी पूरी तरह एक अजनबी है. अगर उनका कोई मकसद नहीं होता तो वो आपके पास
नहीं आते, आपसे बात या आपकी मदद नहीं करते.
तीसरा सिग्नल है TOO Many Details यानी ज़रुरत से ज़्यादा बातें बताना. ज़रा सोच कर बताइए कि आपने आखरी बार झूठ कब बोला था. उस झूठ के लिए आपने कई बहाने बनाए होंगे, उसकी काफ़ी डिटेल दी होगी. लेकिन हम ऐसा क्यों करते हैं? इंसान ऐसा इसलिए करता है क्योंकि वो सामने है. दाले को पूरा विश्वास दिलाना चाहता है, जब कोई आदमी सच बोलता है तो वो बहुत कांफिडेंट होता है, उसे पक्का पता होता है कि उसे क्या कहना है. इस सिचुएशन में बहुत सारी डिटेल देने की या ज़्यादा समझाने की ज़रुरत नहीं होती. उस आदमी ने केली को बताया था कि घड़ी रुक जाने की वजह से वो लेट हो गया था, उसने केली को अपने दोस्त और उसकी बिल्ली के बारे में भी
बताया था. क्या अब आप समझ पा रहे हैं? वो केली का ध्यान इस बात से भटकाना चाहता था कि वो एक अजनबी के साथ अपने घर के तरफ़ जा रही थी.
चौथा सिग्नल है Typecasting. उस आदमी ने केली से कहा था कि मदद लेने में हिचकिचाना नहीं चाहिए जिसका मकसद है अपने शिकार को चैलेंज करना, Typecasting का मतलब होता है किसी इसान की सोच को चैलेंज कर उसे गलत साबित करना, जैसे मान लीजिए कि आप bar में बैठे हैं और एक आदमी आपके बगल वाली चेयर पर आकर बैठ जाता है दो अपना ड्रिंक आर्डर करता है और अचानक आपसे कहता है “आप शायद उन नकचड़ी लड़कियों में से हैं जो मुझ जैसे लड़कों से बात करना पसंद
नहीं करती अब आप किसी के सामने rude नहीं बनना चाहती इसलिए आप उसे गलत साबित करना चाहती हैं कि आप घमंडी और नकचढ़ी नहीं हैं. तब भले ही आपको उससे बात करने में uncomfortable फील हो रहा है तब भी बातें करती हैं. अब ये खतरे का एक लाल झंडा है. लड़कियों को किसी भी इंसान या सोसाइटी द्वारा प्रेशर डालने पर शर्मीला होने की, चुप रहने की या आर्डर मानने
की ज़रूरत नहीं है, अगर आपको किसी में दिलचस्पी नहीं है तो उसे मना करने में कोई बुराई नहीं है, उस लड़के को डायरेक्टली “NO” कह दें, लेकिन क्यों? क्योंकि आपकी जिंदगी उस पर डिपेंड करती है. आपको जानकार ताज्जुब होगा कि ज्यादातर रेपिस्ट, stalker (पीछा कर के शिकार करने वाला) की शिकार वो लड़कियां होती हैं जो ना कडने ं विदाती में
अगर किसी आदमी से मिलकर आपको ज़रा भी शक हो तो उसे तुरंत कांफिडेंस के साथ ना कह दें. इससे उसे साफ़ मैसेज मिल जाएगा कि आप शिकार
बनने वालों में से नहीं हैं और आप उनके कंट्रोल में नहीं आने वालीं.
पांचवा सिग्नल है Discounting the word “No” क्या आपका कभी ऐसे इंसान से सामना हुआ है जो हाथ थोकर आापके पीछे ही पड़ गया हो? जो आपको बेहिसाब कॉल और टेक्स्ट करता ही रहता हो, आपके सोशल मीडिया पोस्ट पर कमेंट करता हो? क्या आप जानना चाहते हैं कि वो
ऐसा लगातार क्यों करता जाता है? क्योंकि आपने कभी उसे डायरेक्टली ना नहीं कहा इसलिए. याद रखें, आपको बस एक बार irm होकर ना कहना है, अगर तब भी वो आपकी बात ना सुनें तो वो भरोसे के लायक नहीं है. केली ने भी अनगिनत
बार ना कहा था लेकिन उस आदमी ने उसकी बात नहीं मानी. ये एक खतरनाक सिम्नल है.
आपको किसी की भी चिकनी चुपड़ी बातों में बहककर उसकी बात नहीं मानना है. किसी भी ज़रिए से आपसे बात करने की उसकी चाल को एक्सेप्ट ना करें. पूरे कांफिडेस और मजबूती से ना कह दें. याद कि “NO” अपने आप में एक पूरा जवाब होता है. आपको कोई कारण देने की या ये समझाने
की जरुरत नहीं है कि आप उसमें इंटरेस्टेड क्यों नहीं हैं. अगर वो फिर भी न नजरअंदाज करते हुए आगे बढ़ जाएं और उसकी किसी भी बात का जवाब ना दें. इस तरह का बर्ताव कोई भी कर सकता है जैसे आपका एक्स बॉयफ्रेंड, कोई अजनबी या वो stalker जो सोशल मीडिया पर आपमें दिलचस्पी दिखा रहा है.
छठा सिग्नल है Loan Sharking. क्या आपने कभी आदमियों के किसी नॉन प्रॉफिट आग्गेनाइजेशन के बारे में सुना है जिसका नकसद है ग्रोसरी
से सामान उठाकर औरतों की मदद करना? नहीं ना, क्योंकि ऐसा कोई आर्गेनाइजेशन है ही नहीं. एक अच्छे करैक्टर का भला आदमी, जिसका कोई
मकसद नहीं है, वो आपको कभी तंग नहीं करेगा. वो बस अपने काम से काम रखता है.
लेकिन एक सीरियल किलर या रेपिस्ट हर कीमत पर आपकी नदद करने की कोशिश करेगा, कुछ इस तरह कि आप उसका एहसान मानने लगेंगे. इसे Loan Sharking कहते हैं. तो अब आप समझ गए ना कि अजनबियों से किसी भी तरह की मदद को एवसेप्ट नहीं करना चाहिए. इन 6 सिम्नल के जरिए आप अपना सेल्फ डिफेंस कर सकते हैं. इसके साथ-साथ आप ऐसे घिनौने लोगों को दो चार लात घूंसें जमाने के लिए martial आर्टस भी सीख
सकते हैं,
कन्क्लू जन
तो आपने जाना कि हमारा डर उतनी भी बुरी चीज़ नहीं है, कई बार ये डर ही हमें सावधान कर हमारी जिंदगी बचाता है, तो अगली बार जब आपको डर लगे या किसी पर शक हो तो आप जानते हैं कि आपको क्या करना है. Intuition हमारा नेचुरल सेल्फ-डिफेंस है जो नेचर ने हमें दिया है, इसलिए अपने intuition को नज़रअंदाज़ करने की भूल ना करें, ये फीलिंग यूहीं इत्तेफ़ाक से नहीं आती. ये हमें हमारे पूर्वजों से मिली है जो हज़ारों सालों में हो गई है. और भी ज्यादा evolve और डेवलप ह
आज की दुनिया में शिकारी या दरिंदे शेर, शार्क या चीते नहीं हैं बल्कि वो हम सब के बीच में रहने वाला इंसान की सूरत का एक जानवर है जो छुपकर घात लगाकर अपने अगले शिकार का इंतज़ार कर रहा है,
इस बुक में आपने 6 सर्वाइवल सिग्नल के बारे में भी जाना, आपने ये भी समझा कि ज़्यादातर क्रिमिनल्स का बचपन बेहद दर्दनाक था, वो फिजिकल
और मेंटल abuse का शिकार हुए थे और क्योंकि उन्हें कोई संभालने वाला नहीं था इसलिए बचपन का वो दर्द बड़े होने के बाद मिटा नहीं बल्कि दूसरों अगर हम इन warning सिग्नल्स को अनदेखा करते हैं तो इसका अंजाम बेहद भयानक हो सकता है. इसलिए अपने intuition की आवाज़ ज़रूर
को तकलीफ पहुंचाने के रूप में उभरने लगा,
सुनें. बच्चों के साथ दया और समझ के साथ बर्ताव करें क्योंकि आपकी kindness किसी के ज़ख्मों को भर सकती है और शायद आपकी दया उसे
क्रिमिनल बनने से बचा ले. बच्चे देश का भविष्य होते हैं इसलिए अगर उनकी परवरिश अच्छी होगी सिर्फ तब हम एक सुरक्षित और बेहतर दुनिया बना
पाएंगे.