
लेखक के बारे में
मैक्स बैनरमैन हाई बिजनेस स्कूल में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के प्रोफेसर हैं। वह निर्णय लेने और बातचीत पर कई प्रशंसित पुस्तकों के लेखक हैं, जिसमें नेगोसिएशन जीनियस और चलाईड स्पॉट
शामिल हैं।
यह किताब आप को क्यों पढ़नी चाहिए
चेलेंजेर आपदा, कैटरीना तूफान और ब्रिटिश पैट्रोलियम तेल रिसाव में एक बात आम थी कि इन सभी भयानक आपदाओं के समय महत्वपूर्ण लोग उन महत्वपूर्ण जानकारियो पे ध्यान नही दे पाए जो इन्हें विकराल रूप धारण करने से रोक सकती थी।
हमने अनजाने में उन जानकारियों को अनदेखा कर दिया जो हमारे आँरयों के सामने थी। यह जरुरी है की हग किसी भी जानकारी से नहीं चूके स्वासकर अगर हम एक सफल नेता बनना चाहते हैं।
इन अध्यायों में हम सीखेंगे कि चीजों को नजरअंदाज करना आसान है किन्तु महत्वपूर्ण जानकारी पर ध्यान ना देने से क्या गंभीर परिणाम होते हैं। हम ध्यान देने के कौशल को बेहतर बनाना सीखेंगे और देखेंगे ध्यान देने का कौशल विकसित करना इतना महत्वपूर्ण क्यों है।
इसके अलावा आप जानेंगे कि
क्यों पेशेवर बेसबॉल कोचों ने खिलाड़ियों के स्टेरॉयड के उपयोग पर ध्यान नहीं दिया
क्यों ब्रिटिश पेट्रोलियम के सी.ई.ओं ने सिर्फ एक वाक्य पर अपनी नौकरी गया दी और
- क्यों सियर्स ने जानबुझकर
एक चीज़ पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करने से हम अपने आस-पास की अन्य बातो को नही देख पाते हैं।
अवसर व्यस्त शहरों में घोड़े को छोटे ढालनुमा ब्लाइंडर्स पहनाये जाते हैं ताकि धोड़ा दाए या बाए न देखकर, सिर्फ आगे देखे। इस प्रकार सड़क पर घोड़ा ट्राफिक और लोगों को अनदेखा कर केवल इसके सामने आने वाली चीजो पर ध्यान केंद्रित करता है। हम भी आभासी “ब्लाईडर्स पहन लेते हैं और इस प्रकार हम अपने आस-पास की साधारण चीजों को अनदेखा कर सिर्फ एक चीज पर अपना ध्यान केंद्रित कर लेते हैं।
1970 के दशक में मनोवैज्ञानिक उलरिक नीसर ने एक वीडियो में इस घटना को दिखाया। उनीस सेकंड्स की एक छोटी सी क्लिप जिसमे खिलाडी काले और सफेद कमीज पहने हुए बास्केटबॉल को आगे-पीछे करते हुए बड़ते हैं। यह क्लिप देखकर यह गिनना आसान होता है की सफ़ेद कमीज़ वालो ने कितनी बार पास किया। अधिकांश लोग ध्यान केंद्रित कर पास की सही गिनती करने में सफल होते हैं। अगर हम दर्शको से पूछे कि क्या वीडियो में कुछ मजीब हुआ है तो कई दर्शकों का जवाब ना में होगा। लेकिन अजीब यह होता है कि जब खिलाड़ी गेंद को पास करते हैं, काले कपड़े पहने और छाता पकड़े एक महिला उस हृश्य से गुजरती है। अधिकांश दर्शक इसपर ध्यान नहीं देते
क्योंकि वे पास की गिनती पर ध्यान केन्द्रित करते हैं।
जब हम एक चीज पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं, जैसे कि पासिंग की गिनती, हम अन्य चीजों को नजरंदाज कर देते हैं जो ठीक हमारे सामने होती हैं। इसे जानबूझकर अनदेखा करना कहा जाता है। जिसे छुटकारा पाना संभव है। हमें सिर्फ ध्यान देना सीखना होगा। यहाँ ध्यान देने की शक्ति का अर्थ छाता लेकर चलने वाली महिला को देखने में सक्षम होना है। मतलब यह अन्य चीजो को अनदेखा किये बिना किसी विशेष चीज पर ध्यान केंद्रित रखने में सक्षम होना है।
आगे अध्यायों में देखेंगे कि ध्यान देने की क्षमता कैसे अनचाही गलतियाँ करने से रोक सकती है जो हमे एक सफल नेता बनने में सक्षम बनाती है।
चेलेंजर आपदा एक दर्दनाक सबक है जो सही जानकारियो पर ध्यान रखने का महत्व बताती है।
वीडियो में छाते के साथ वाली महिला पर ध्यान न देना एक हानिरहित चूक है जबकि कई अन्य स्थितियों में महत्वपूर्ण जानकारियों के आभाव के बहुत गंभीर परिणाम हो
सकते हैं।
अमेरिका में 1986 की एक घटना चेलेंजेर आपदा एक दुस्यद एज़ाम्पल है। स्पेस शटल के लॉन्च से पहले, नासा के इंजीनियर लॉन्च के दिन का तापमान के बारे में चिंतित थे जो सफलता की संभावनाओं में अहम भूमिका निभा सकता था। इंजीनियरों ने कुछ सिमुलेशन चलाए और पाया कि उनके 24 परीक्षणों में से 7 असफल थे। असफलता का यह 7:24 रेश्यो नासा की मुख्य चिंता बन गया। कुछ इंजीनियरों को लगा कि जोखिम बहुत अधिक है जबकि अन्य आश्वस्त थे कि जोखिम न्यूनतम था। अंत में, इतनी चिंताओं के बावजूद, प्रक्षेपण आगे बढ़ा। चैलेंजर में विस्फोट हुआ परिणामस्वरूप सभी सात चालक दल के सदस्यों की मृत्यु हो गई जो एयरोस्पेस इतिहास में सबसे बड़ी तबाही थी।
सफलता के 7:24 अनुपात के बाद भी मिशन विफल रहा। आपदा को रोका जा सकता था अगर इंजीनियरों ने उस महत्वपूर्ण जानकारी को समझ लिया होता जो उनके सामने थी। उन्होंने सात असफल सिमुलेशन पर इतना ध्यान केंद्रित किया कि तापमान की उन स्थितियो पर ध्यान नहीं दिया जो सफल रहे। उन्होंने एक महत्वपूर्ण जानकारी पर ध्यान नहीं दिया कि सभी सफल सिमुलेशन के दौरान तापमान 65 डिग्री फ़ारेनहाइट से ऊपर था जबकि चैलेंजर के लॉच के दिन तापमान 40 डिग्री फ़ारेनहाइट था जो बहुत कम था। यदि वे असफल परीक्षणों पर कम और सफल परीक्षणों पर अधिक ध्यान देते तो इंजीनियरों को स्पष्ट होता कि चैलेंजर के लॉनच के दिन असफलता की संभावना लगभग 30 प्रतिशत न होकर वास्तव में 99 प्रतिशत के करीय थी। गलत जञानकारियों पर बहुत अधिक ध्यान केद्रित करना चेलेंजेर आपदा का मुख्य कारण या। दुर्भाग्यवश सिर्फ यही एक अंधापन नहीं है जिससे हम पीड़ित है।
बेसबॉल प्रबंधकों ने अपने खिलाड़ियों के अवैध डोपिंग को अनदेखा किया क्योंकि वे जीत रहे थे।
यदि आप अपने बॉस को कार्यालय में चोरी करते हुए देखते है तो आप क्या करेंगे: क्या आप उसका सामना करेंगे या उसकी रिपोर्ट करेंगे? या शायद कुछ भी नहीं? अधिकतर नहीं, आप कुछ भी नहीं कर सकते हैं। और आप अकेले नहीं हो। इम उन घटनाओं या जानकारियों को अनदेखा कर देते हैं जिसे अनदेखा करना इमारे लिए बेहतर होता है। जैसे मालिक पर ऊँगली उठाना एक गभीर विषय हे और ऐसी स्थिति में निष्पक्ष रहना मुश्किल हे जहां आपके अपने हित शामिल हों। इस तरह की स्थिति को मोटिवेशनल ब्लाइंडनेस यानि मोटिवेशनल ब्लाइंडनेस कहा जाता है।
खेलों में इसके कई एज़ाम्पल मिलते हैं जिसमे खिलाडियों को विरोधी टीम अधिक आक्रामक नज़र आती है; आप विरोधियों की बेईमानी को अधिक नोटिस करोगे लेकिन अपनी टीम की गलतियों को अनदेखा कर देते हो। प्रशंसक बनकर किसी खेल को निष्पक्ष रुप से देखना लगभग असंभव है, क्योंकि इसमें हम अपनी टीम को जीतता देखने की इच्छा से प्रेरित होते हैं।
सिर्फ एक बड़े लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित कर अपने गलत व्यव्हार को नज़रंदाज कारना इससे भी बदतर है जिसका एजाम्पल अमेरिका में 1998 से 2001 तक मेजर लीग बेसबॉल में स्टेरॉयड का उपयोग होता था लेकिन उस समय यह बात कोई जानना ही नहीं चाहता था। 1991 से 1994 तक देश में शीर्ष स्लगर्स का औसत 44 था जिसे 1998 में कुल दस पेशेवर खिलाड़ियों ने पा लिया। 1999 में आठ खिलाड़ियों ने नए रिकॉर्ड बनाये फिर 2000 में, छह खिलाड़ी शीर्ष पर आए और 2001 में नौ खिलाड़ियों ने फिर से रिकॉर्ड तोड़ दिया। इससे स्पष्ट था कि कुछ गड़बड़ थी डोपिंग भवैध और खतरनाक दोनो है लेकिन प्रबंधकों और कोच ने आंखें मुंद लीं वे जीतने को इतने आतुर थे कि उन्हें परवाह नहीं थी कि उनके खिलाड़ी अपने कौशल को कैसे बढ़ा रहे हैं।
एक प्रभावी लीडर बनने के लिए जरूरी है कि मोटिवेशनल ब्लाइडनेस से बचना सीखा जाए। यह सिर्फ स्वार्थ की बात नहीं है, हो सकता है कि आप कोई जोखिम ले रहे हो लेकिन आप उसे अनदेखा कर रहे हो।
हमेशा सवाल पूछें और अपने लिए कठोर नियम बनाकर मोटिवेशनल ब्लाइंडनेस से बचें।
जैसा कि हमने बेसबॉल प्रबंधकों के साथ देखा यदि आप जीत रहे हैं, तो उन जोखिमों को नज़रअंदाज करना आसान होता है जो हमारे आस-पास हमें दीखते हैं। मोटिवेशनल
ब्लाईडनेस शक्तिशाली है लेकिन हम इसे रोक सकते हैं। जेपी मॉर्गन के सीईओ जेमी डिगन ने 2005 में एक कठिन सबक सीण्या जब उन्होंने इना डू को कंपनी के मुख्य निवेश अधिकारी के रूप में नियुक्त किया। डू ने कंपनी के मुनाफे
में काफी वृद्धि की लेकिन उन्होंने ऐसा काफी जोखिम भरे ट्रेड बनाकर किया डिमन जोखिमों से परिचित थे लेकिन मुनाफा इतना अधिक था कि उन्होंने इसे नज़रअंदाज़ कर दिया। जब तक डिमान ने डू की रणनीति को करीब से देखा, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जोखिम भरे ट्रेडों की श्रृंखला ने सिर्फ एक महीने में कांपनी की लागत को 62 बिलियन डॉलर्स कर दिया। हम इससे सीख सकते हैं। डिमॉन ने माना उन्होंने सफल ट्रैक रिकॉर्ड हासिल कर लिया फिर भी उन्हें संतुष्टि नहीं मिली जिससे उसने सबक सीखा कि मोटिवेशनल ब्लाइंडनेस का शिकार न बनें।
हमारी सफलता कैसे आ रही है? क्या यह टिकाऊ है? उसके क्या खतरे हैं? अपने आप से होशा यह सवाल पूछते रहें। अपने लिए नियम निर्धारित करना एक अभ्यास है जो ऑडिटिंग फर्मे अपनाती हैं। यह प्रेरक पूर्वाग्रह की जांच करने का एक अच्छा तरीका है।ऑडिटिंग फर्मों में काफी जोखिम भरा मोटिवेशनल ब्लाईडनेस होता है क्योंकि जितना अधिक पैसा वे कंपनियों को बचाने में खर्च करते हैं, उतना ही अधिक कमाते भी हैं। इस प्रकार गलत अकाउंटिंग या धोखाधड़ी उनके हित होता है। हसके अलावा, यदि वे ग्राहकों को खुश रखते हैं तो उन्हें अधिक काम मिलता है। ऑडिटिंग फर्म सीधे और संकीर्ण रहने के लिए कुछ सरल नियमों को लागू करती हैं। ऑडिटरों को एक ही खाते पर हर समय और समान रूप से काम करने की अनुमति नहीं मिलती ताकि ऑडिटर्स और क्लाईट्स को आराम दिया जाए और साथ ही उन्हें उन कम्पनी का काम नहीं मिलता जिसकी ऑडिटिंग उन्होंने समय से पहले की है। ये नियम हमें खुद को जांचने में मदद करते है और सुनिश्चित करते हैं कि हम उन चीजों को नोटिस कर रहे हैं जो हमें करती चाहिए। सभी अच्छे नेताओं को मोटिवेशनल ब्लाइंडनेस और इसकी समस्याओं से बवने के लिए लगातार सचेत रहना वाहिए।
सेल्समैन द्वारा खुदको भ्रमित न होने दें, अपनी बंदूक और अपने नियमों को अपने से अलग न करे।
जादूगर, राजनेता और सेल्समेन इनमें एक बात आम है कि वे गलत प्रवृत्ति के स्वामी है। हालांकि आप एक राजनेता या स्लीट ऑफ द हैंड जादूगर से ये उम्मीद कर सकते हैं। जो जानबूड़ाकर गुमराह करना चाहता है, परन्तु एक सेल्समेन इसका स्पष्ट एजाम्पल नहीं है। एक सेल्समेन एक दुकान में आइटम बेचता है और अक्सर हम उस उत्पाद को उसके बताए अंकित मूल्य पर ही ले लेते हैं। लेकिन हमें एसा नहीं करना चाहिए। एक विक्रेता का काम हमें जितना संभव हो उतना खर्च करने के लिए राजी करना है और ऐसा करके वे हमें उससे दूर कर देते हैं जो हम वास्तव में चाहते हैं या हमारी जरूरत है। हमें तार्किक बनकर स्थिति संभालनी चाहिए जिससे हम गुगराह होने से बचे इसलिए खुदको बहकने मत दे और शांत रहकर एक शांत मन बनाए रखें। इन बातो का ध्यान रखें
सर्वप्रथम अपने उद्देश्यों को याद रखें। इससे पहले कि हम एक विक्रेता की बयानबाजी जैसे कॉफी मशीनों पर भरी छूट से विचलित हो जाएँ, खुद से कहें कि मुझे टेलीविजन खरीदना है और खुद को याद दिलाएं आप वहा सिर्फ टीवी के लिए आये है।
दूसरा, अपने उद्देश्य के मानदंडों की पहचान करें। क्या हम अतिरिक्त सुविधाओं के साथ एक टेलीविजन वाहते हैं जैसे एचडी या वाईफाई? या पैसे बवाने के लिए कम कीमत
वाले बेसिक मॉडल पसंद करते हैं। यह हमें अतिरिक्त सुविधाओं वाले टीवी से भ्रमित ना होने में गदद करेगा जो हम नहीं खरीदना चाहते और जिसकी आवश्यकता नहीं है।
अंत में, अपने विकल्पों का विश्लेषण करें। जब सेल्समेन बोलना शुरु करता है तो विचलित न हो। वह आपको एक कंप्यूटर दिस्खाकर कहता है इसमें माप टीवी देख सकते हैं हमें कहता है नहीं यह टीवी नहीं है। यदि हम इन चरणों का पालन करते हैं, तो हम आसानी से गुमराह होने से बच सकते हैं और इस प्रकार के निर्णय लेने से बच सकते हैं जिससे बाद में पछतावा हो।
ओवर कॉन्फिडेंस, हेरफेर को उचित ठहराना आसान बना सकता है लेकिन छोटी-छोटी गलतियाँ कभी भी विकराल
रुप ले सकती हैं।
जब हम ऊर्जा कंपनी एनरॉन के साथ कॉर्पोरेट मंदी के एएज़ाम्पल को देखते हैं तो मान सकते हैं कि एक बड़ी गलती के कारण कंपनी का पतन हुआ। फिर भी कई गलती उन छोटी गलतियों के परिणामस्वरूप होती है जो समय के साथ जटिल होती जाती है। छोटे बदलावों पर ध्यान देना कठिन होता है जबकि वे ठीक हमारी नाक के नौवे होते हैं।
एज़ाम्पल के लिए जब एक मेंढक को उबलते पानी में डालते हैं तो मेंढक तुरंत खुद को बचाने के लिए बाहर कूद जाएगा। पर अगर मेंडक को ठंडे पानी में डालते हैं और धीरे-धीरे उसे गर्म करते हैं, तो मेंढक तब तक वही रहेगा जब तक कि वह मर नहीं जाता। तापमान परिवर्तन धीरे-धीरे होता है तो मेंढक को यह पता नहीं चलता कि वह खतरे में है।
ओवर कॉन्फिडेंस भी गलतियाँ करने के लिए भटकाता है या लालच के लिए प्रोत्साहित करता है। एजाम्पल के लिए एक महान ट्रैक रिकॉर्ड चाली एक सफल कार्यकारी जिसे एक दिन पता चलता है कि उससे एक अकाउंटिंग गलती हुई है। अब उसके पास दो विकल्प हैं या तो ईमानदारी से गलती की रिपोर्ट करे या इसे कवर करने के लिए एक छोटा सा बदलाव करें। एक छोटा सा बदलाव करना कार्यकारी के दिमाग में एक मामूली बात है और शायद न्यायोचित भी, क्योंकि यह अगली बार की कमाई से इसे पलट देगा। फिर भी अगर अगली बार लेखा में फिर देरी हो जाती है तो वह फिर से आंकड़ों में हेरफेर करने की कोशिश कर सकती है। इस बार छोटा परिवर्तन एक बड़ा परिवर्तन बन जाता है। जल्द ही एक छोटी सी गलती से शुरू बदलाव बड़े पैमाने की धोखाधड़ी में परिवर्तित हो जाता है। शोधकर्ता कैथरीन श्रेंड और सारा जैकमैन ने धोखाधड़ी की जांच की गई कंपनियों की जांच में सात साल बिताए और पाया कि 75 प्रतिशत मामलों में धोखाधड़ी आशावाद या भौचर कॉन्फिडेंस के साथ शुरू हुई जिसमे वास्तविक डेटा द्वारा काम नहीं बन पाने पर आकड़ों में हेरफेर किया गया। टायको इंटरनेशनल, हेल्थसाउथ और एतरॉन उन कंपनियों में शामिल थी जो शोधकर्ताओं के अध्ययन का हिस्सा थी और यह साबित होता है कि छोटी सी गलती को नजरंदाज करना नाकामी का कारण बन सकता है।
प्रचार से अलग संशय में रहकर विचार करें कि जब आप निर्णय लेते हैं तो क्या अनुपस्थित है।
क्या हो रहा है या क्या कर रहे हैं इसपर ध्यान केंद्रित करना आसान है परन्तु आपने कभी यह सोचा है कि क्या नहीं हो रहा है, या आप क्या नहीं कर रहे हैं।यदि आप इन चीजों पर ध्यान देना शुरू करते हैं जो नहीं हुई है, तो आपको आक्षर्य होगा कि आप कितना अधिक सीख सकते हैं।
आर्थर कॉनन डॉयल की कहानी में, प्रसिद्ध शर्लक होम्स ने जॉन स्ट्रैकर की कथिंत हत्या और उसके घोड़े की चोरी की जांच की। पुलिस का मानना था कि संदिग्ध हत्यारे ने स्ट्रैकर के कुत्ते को दिखे बिना चोरी से प्रवेश किया और घोड़े को चुराया फिर संदिग्ध व्यक्ति स्ट्रैकर की तरफ लपका और घटनास्थल से भागने से पहले उसे पीट-पीटकर मार डाला। लेकिन होम्स ने भततः निष्कर्ष निकाला कि यह घोड़ा था जिसने वास्तव में स्ट्रैकर को मारा जबकि कोई कातिल नहीं था और इसके लिए उसने पता लगाया कि क्या नहीं हुआ। जैसे की कुत्ता क्यों नहीं मौका यह केवल तब हो सकता था जब कुत्ता घोड़े को लेने वाले व्यक्ति को पहले से ही जानता हो एक अजनबी ऐसा नहीं कर सकता था वह केवल स्ट्रेकर ही हो सकता था। लापता जानकारियों पर ध्यान देने से हम सोच पाते हैं कि ऐसा क्या पहलु हो सकता है जो महत्वपूर्ण है। इसलिए जब हम किसी ऐसे सौदे के बारे में सुनते हैं जिसमें हमारी भरपूर इच्छा हो, तो तुरत इसके पीछे न भागे बल्कि थोड़ा समय ले और इसके बारे में सोचें। प्रचार के पीछे कुछ भी छिपा हो सकता है, इसलिए सावधान रहें और जीवन भर के सौदे के मौके के लिए नज़र रखें।
हस्तेमाल की गई कार खरीदना सावधानी का एक अच्छा अभ्यास है। यदि कीमत बहुत कम है और कार सही स्थिति में है तो हमें खुद से पूछना चाहिए कि यह बिक्री के लिए क्यों लगी है? कीमत इतनी कम क्यों है? चमकदार रंग के पीछे क्या कार जंग स्वाह हुई है। संदेह से हमें बेहतर निर्णय लेने में मदद मिल सकती है। हमेशा यह देखने की कोशिश करें कि क्या अनुपस्थित है मतलब भौकने वाले कुत्तों पर ध्यान ना देकर उनपर ध्यान रखें जो भौकते नहीं।
हमेशा आगे की सोचकर बेहतर निर्णय लें और असहज या खराब स्थितियों से बचें।
आप टैक्सी से रेलवे स्टेशन जा रहे हैं अचानक ड्राइवर आपको बताता है कि रेलवे की हड़ताल है। फिर वह आपको आपकी मंजिल पर ले जाने की पेशकश करते हुए कहता है कि यह आपके लिए एक अच्छा सौदा है, तो क्या आप टैक्सी लेंगे? कोई भी निर्णय लेने से पहले यह जरूर सोवें कि इसके क्या परिणाम हो सकते हैं। ब्रिटिश पेट्रोलियम के सीईओ टोनी हेवर्ड ने 2010 में इस सबक को कठिन तरीके से सीखा। उसी वर्ष बीपी ऑयल प्लेटफॉर्म के डीपवाटर होराइज़न में एक विस्फोट हुआ. जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और लगभग तीन महीने तक समुद्र में तेल का रिसाव हुआ। बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी नौकरियां स्वो दी। संक्षेप में कहें तो इस आपदा से जीवन पूरी तरह से तबाह हो गया।
इस बात पर विचार किए बिना कि उनके कहे शब्द त्रासदी पीड़ितों को कैसे लगेंगे. हेवर्ड ने गलती की। जब उनसे रिसाव की बात की गई तो उन्होंने जवाब दिया कि जितना मैं चाहता हूँ कि यह रिसाव बंद हो जाए, उतना कोई नहीं चाहता, मैं मेरी जिन्दगी वापस चाहता हूँ। इसकी प्रतिक्रिया इतनी गरभीर थी कि हेवई को अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी।
जब आप आगे की सोचते हो तो यह आपको यह जाने में भी मदद करती है कि आपको कब किस पर भरोसा करना चाहिए। जैसे टरैक्सी की स्थिति में हमारे पास अनिवार्य रुप से दो विकल्प हैं या तो गान लें कि ड्राइवर झूठ बोल रहा है या उस पर भरोसा करें और उसकी टेक्सी में चले जाए। यदि आप गानते हैं कि ड्राइवर हड़ताल के बारे में झूठ बोल रहा है तो आप एक जोखिम लेते हैं क्योंकि अगर ड्राइवर सच बोल रहा हो तो हम रेलवे स्टेशन पर फंस सकते है। यह समस्या नकचड़ेपन या विश्वास के बीच चुनाव की नहीं है। इस समय चालक के चरित्र के बारे में अंदाजा लगाने के बजाय उस जानकारी के बारे में सोचें जो भपको आगे बढ़ने में मदद करती है। स्टेशन पर कॉल करें या किसी और से पूछे और पता लगाने की कोशिश करें कि क्या हड़ताल की बात सच है। यह आपको सही निर्णय लेने मदद करेगा। विश्वास जीतने के अवसर को न किए बिना अन्य लोगों के व्यवहार को समझने का लक्ष्य रखें।
किसी भी निर्णय का अप्रत्यक्ष प्रभाव भी हो सकते हैं, इसलिए समय पर विचार करें कि वे क्या हो सकते हैं।
वॉल-मार्ट डिस्काउट देकर अपनी कम कीमतों से ग्राहकों को आकर्षित करता है। फिर भी कुछ ग्राहक वाल मार्ट वालमार्ट के कम दामों का समर्थन करने की बजाये विपरीत परिणामों पर विचार करते हैं। वॉलमार्ट जैसी कंपनिया अपने आपूर्तिकर्ताओं पर उत्पाद वितरण के लिए इतना दबाव डालते हैं ताकि उन्हें बेहद कम कीमतों पर बैवा जा सके लिकिन इसमें सुरक्षा की अवहेलना होती है। 2000 के दशक में, ब्लिटज युएसए नामक एक गैस निर्माता ने वाल-मार्ट को एक नया मॉडल प्रस्तुत किया जिसमे गैस कैन को आग की लपटों से बचाया जा सकता था।
प्रोडक्ट में बदलाव करने की वजह से ब्लिट्ज़ को कई मुकदमों का सामना करना पड़ा। फिर भी वॉल-मार्ट ने नए मॉडल को इस आधार पर खारिज कर दिया कि वह अधिक कीमती था, इसलिए ब्लिट्ज़ ने इसे कम सुरक्षा मानकों के साथ फिर डिजाइन किया, ताकि वह इसे चॉल-मार्ट के माध्यम से बेच सके। अगली बार जब आप एक सस्ता उत्पाद चुने तो पूछे इस उत्पाद को इतने सस्ते में बनाने के लिए किन मानकों से समझौता किया गया है और क्या किसी को इससे चोट लग सकती है?
अच्छे लीडर्स को किसी निर्णय के कारण अप्रत्यक्ष नुकसान की पहचान करने की आवश्यकता है। 1990 के दशक में अमेरिकी डिपार्टमेंट स्टोर वेन सीयर्स का एक निर्णय इनडायरेक्ट प्रभावों पर विचार करने की आवश्यकता को दिखाता है। सियर्स प्रबंधन ने ऑटो मरग्मत कर्मचारियों को 147 डॉलर्स प्रति घंटा बुकिंग का एक कोटा दिया। हालांकि यह लाभदायक लग रहा था, लेकिन इसमें अनिवार्य रूप से कर्मचारियों को अपने कोटा भरने के लिए ग्राहकों को अनावश्यक मरम्मत और उपकरण बेचना पड़ता था सियर्स को इस तरह के कोटा सिस्टम की समस्या पर अधिक अच्छी तरह से विचार करना चाहिए था। इसके बजाय प्रबंधन ने केवल पेसे के बारे में सोचा और इस बात पर विचार नहीं किया कि यह नीति कर्मचारियों को सिस्टम से धोखा करने के लिए मजबूर कर सकती है।
जब हम किसी आपदा के आने से पहले महत्वपूर्ण चेतावनी के संकेतों को नजरअंदाज करते हैं तो होते हैं
प्रेडिक्टेबल सरप्राइज़।
कभी कभी हम किसी होनी को टालने में असफल हो जाते हैं, जबकि सभी बाते इसी और इशारा कर रही होती है। इस तरह की घटना को प्रेडिक्टेबल सरप्राइज कहा जाता है। खासकर सरप्राइज तब होता है जब प्रमुख लोग काफी समय से इसके प्रति सचेत हों और जोखिमों को जानते हों फिर भी किसी कार्रवाई की चेतावनी नहीं दी जाती। कैटरीना तूफान इसका एक बहतरीन एराजाम्पल है। 2001 में, ह्यूरटन क्रॉनिकल ने बताया कि न्यू ऑरलियन्स शहर डूब रहा था और इसका मुख्य बफर नष्ट हो रहा था, जिससे शहर एक बड़े तूफान की चपेट में आ गया। 2004 में, यूटस फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी (FEMA) ने बताया कि न्यू ऑरलियन्स तूफान देश के शीर्ष तीन आपदाओं में से एक था। उन्होंने यहां तक कहा कि इस तरह की आपदा से निपटने के लिए अमेरिकी सरकार तैयार नहीं है। 2005 में, कैटरीना तूफान ने न्यू ऑरलियन्स पर प्रहार किया यह आश्चर्य पूरी रूप से अनुमानित था कैटरीना जैसी आपदा के लिए अमेरिका में हवाई म की सुरक्षा एजेंसी एक और एग्जाम्पल है। माप इन बातों का पालन करके प्रेडिवटेबल सरप्राइज को रोकने के लिए तैयार हो सकते हैं:
सबसे पहले, खतरे को पहचानें। 1990 के दशक में सुरक्षा उल्लंघनों के कारण चेतावनी मिली थी कि हवाई अहों पर अधिक सुरक्षा जाच लागू करने की आवश्यकता है।
दूसरा, खतरे को प्राथमिकता दें। इस दौरान सुरक्षा उल्लंघनों में वृद्धि के साथ ही अमेरिका में हथियारबंद समूह भी बढ़ गये थे। उपराष्ट्रपति अल गोर ने खतरों का मुकाबला करने के लिए हवाई अड्डों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक आयोग के गठन का प्रस्ताव रखा।
अंत में, कार्रवाई करें। उपराष्ट्रपति के पक्के इरादों के बावजूद, यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने आयोग द्वारा सुझाए गए परिवर्तनों का विरोध किया।
अमेरिकी एयरलाइनों ने सरकार को सुरक्षा मुद्दों को संबोधित करने से रोकने के लिए लाखों डॉलर खर्च किए, उन्हें डर था कि इस तरह के उपाय ग्राहकों को डरा देंगे। परिणामस्वरूप । सितंबर, 2001 को अपहरणकर्ताओं के एक समूह ने न्यूयॉर्क शहर के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से दो विमानों
अच्छा विचारक होना एक सफल और महान नेता बनने की निशानी है।
क्या आप ने नोटिस करने की क्षमता को विकसित करना शुरू कर दिया है? इसका एक अच्छा विचारक बनने के लिए प्रयोग करें। अच्छे विचारक उन चीजो से कम भ्रमित होते है जिसे वो देखना चाहते है बल्कि डेटा जो कहता है उसे ज्यादा मानते है। वे उन कुत्तों की सुनते हैं जो भौंकते नहीं है और गुमराह होते से बचते हैं। वे अनुमानित घटना को रोकते हैं और उन बातों पर अत्यधिक सदेह करते हैं जो लगता है की सही नहीं हो सकती। जब ये ऐसी स्थिति में पहुंचते हैं जहां उन्हें निर्णय लेने की आवश्यकता होती है तो ये एक निष्पक्ष व्यक्ति बनकर निर्णय लेते है। वे अपने स्वयं के हितों को सही विकल्प चुनने में बाधा नहीं बनने देते हैं। यदि आप अच्छे विचारक हैं, तो आप अपने आस-पास के लोगों के लिए भी काफी मजबूत नेता होंगे। आपने अपने दैनिक जीवन में जो सीखा है उसे प्रयोग करना शुरु करें। यदि आप असफल होते हैं तो हार न मान लें। जब एक अच्छा विचारक असफल होता है तो वह काम छोड़ने के बजाय अपनी गलतियों से सीखता है। आपने क्या नोटिस नहीं किया यह पता कर भविष्य में फिर वहीं गलती करने से बचें। अपने आप को बेहतर बनाने के लिए हमेशा प्रयास करते रहें और अपने अनुभवों से सीखते रहें। आप जैसा सफल लीडर बनना चाहते हैं वैसा बनने के लिए अपनी क्षमता को विकसित करें। याद रखें कि आप जिन लोगों की अगुवाई करते हैं शायद वे आप की तरह योग्य नहीं हो इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप दूसरों की मदद करने के लिए अपने कौशल का उपयोग करें। हम सभी को सिखाया जाता है कि फोकस बेहद जरूरी है पर वास्तव में महत्त्वपूर्ण निर्णय लेते समय ध्यान देना जरुरी है।