MANTRA by Munshi premchand.
शाम का वक्त था। डॉक्टर चड्डा गोल्फ खेलने के लिए तैयार हो रहे थे। उनकी गाड़ी दरवाजे के सामने खड़ी थी कि तभी दो लोग एक पालकी उठाकार लाते हुए दिखे। …
MANTRA by Munshi premchand. Read MoreDiscover Insightful Book reviews here
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शाम का वक्त था। डॉक्टर चड्डा गोल्फ खेलने के लिए तैयार हो रहे थे। उनकी गाड़ी दरवाजे के सामने खड़ी थी कि तभी दो लोग एक पालकी उठाकार लाते हुए दिखे। …
MANTRA by Munshi premchand. Read MoreAbout Book कादिर और मैकू शराब खाने के सामने पहुँचे, तो वहाँ कांग्रेस के वालंटियर झंडा लिये खड़े नजर आये। दरवाजे के इधर-उधर हजारों दर्शक खड़े थे। शाम का समय था। …
MAIKU by Munshi premchand. Read MoreAbout: जोखू भगत और बेचन चौधरी में तीन पीढ़ियों से लड़ाई और दुश्मनी चली आ रही थी। कुछ खेत-जमीन का झगड़ा था। उनके परदादाओं में कई बार खून-खराबा हुआ। बाप-दादाओं के …
LAAG DAANT by Munshi premchand. Read MoreAbout Book मुझे देवीपुर गये पाँच दिन हो चुके थे, पर ऐसा एक दिन भी न होगा कि बौड़म की बात न हुई हो। मेरे पास सुबह से शाम तक गाँव …
BAUDAM by Munshi premchand. Read MoreAbout Book तारा ने बारह साल दुर्गा की तपस्या की। न पलंग पर सोयी, न बाल को सँवारा और न आँखों में काजल लगाया। ज़मीन पर सोती, गेरुआ कपड़े पहनती और …
SEVA MARG by Munshi premchand. Read MoreAbout Book मई का महीना और दोपहर 12 बजे का समय था। सूरज की आँखें सामने से हटकर सिर पर जा पहुँची थीं, इसलिए उनमें शीतलता न थी। ऐसा मालूम होता …
SHIKARI RAJKUMAR by Munshi premchand. Read MoreAbout Book रामेश्वर राय अपने बड़े भाई के शव को बिस्तर से नीचे उतारते हुए भाई से बोले-“तुम्हारे पास कुछ रुपये हों तो लाओ, अंतिम संस्कार की फिक्र करें, मैं बिलकुल …
VAIR KA ANT by Munshi premchand. Read MoreAbout Book पंजाब के सिंह राजा रणजीतसिंह संसार से जा चुके थे और राज्य के वे समानित आदमी जिनके द्वारा उनका बढ़िया प्रबंध चल रहा था आपसी दुश्मनी और अनबन के …
JUGNOO KI CHAMAK by Munshi premchand. Read MoreAbout Book वाजिदअली शाह का समय था। लखनऊ ऐयाशी के रंग में डूबा हुआ था। छोटे-बड़े, गरीब-अमीर सभी भोग विलास में डूबे थे। कोई नाच गाने की महफ़िल सजाता था, तो …
SHATRANJ KE KHILADI by Munshi premchand. Read MoreAbout Book लड़के का नाम केशव था, लड़की का प्रेमा। दोनों एक ही कालेज में और एक ही क्लास में पढ़ते थे। केशव नये विचारों का था, जात-पात के बन्धनों का …
KAYAR by Munshi premchand. Read More