OPEN by Andre Agassi.

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यह किसके लिए है

वे जो अगासी के बारे में जानना चाहते हैं।

-वैजो टेनिस या स्पोटर्स में दिलचस्पी रखते हैं।

वे जो ऐतिहासिक खिलाड़ियों के बारे में जानना चाहते हैं।

लेखक के बारे में

आदेभगासी (Andre Agassi) अमेरिका के एक टेनिस प्लेयर थे जो कि अब रिटायर हो चुके है। वे 1990 से लेकर 2000 तक दुनिया के नंबर वन खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। अबवे मान्दे अगासी कालेज प्रिपरेटरी स्कूल में अपना समय बिताते हैं जहां पर चे लास वेगस के बच्चों की पढ़ाई का इंतजाम करते हैं।

यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए?

खेल कूद की दनिया में बहुत से महान एथलीट हुए हैं जिन्होंने यह कर दिखाया कि कुछ भी नामुमकिन नहीं है। इन खिलाड़ियों की जिन्दगी हमें यह दिखाती है कि किस तरह से एक व्यक्ति खुद को सबसे बेहतर बना सकता है। आत्मकथाएँ हमें बताती है कि कामयाब होने वाले लोगों ने किस तरह से समस्याओं का सामना किया।

यह किताब एक टेनिस खिलाड़ी-आन्द्रे अगासी की आत्मकथा है जिसमें वे बताते हैं कि इस खेल को लेकर उनकी जिन्दगी में क्या समस्याएं आई थीं। यह किताब हगें बताती है कि उनका बचपन किस तरह से टेनिस खेलते हुए बीता और किस तरह से उन्होंने दुनिया के महान खिलाड़ियों में अपना नाम लिस्या।

इसे पढ़कर आप सीखेंगे

-अगासी को टेनिस से नफरत क्यों थी।

-अगासी कौन सी बीमारी के साथ पैदा हुए थे।

अगासी किस तरह से टेनिस में फिर से अपना मन लगा पाए।

अगासी के पिता को उनसे बहुत उम्मीदें थीं।

हर माता पिता को यह उम्मीद होती है कि जो वे हासिल न कर सके वो उनके बच्चे हासिल करेंगे। अगासी के साथ भी कुछ ऐसा ही था। उनके पिता ने उनके टेनिस खेलने के लिए एक मशीन बनाई थी जो कि एक तोप की तरह उनपर बॉल पर बाल फेकती जाती थी। अगासी 7 साल की उम्र से ही टेनिस खेल रहे थे।

अगासी के पिता को बचपन से ही एक टेनिस प्लेयर बनना था। तेहरान में उन्होंने ब्रिटेन और अमेरिका के सैनिकों को यह खेल खेलते हुए देखा था। लेकिन उनके पिता के साथ टेनिस खेलने वाला कोई नहीं था, इसलिए उन्होंने बाक्सिंग का रास्ता चुना। 1948 और 1952 में वे इरान की तरफ से ओलम्पिक तक तो पहुंचे थे लेकिन वे कभी भी मेडल नहीं जीत पाए।

उनके पिता ने फैसला किया कि उनका बेटा वो काम कर के दिखाएगा जो वे नहीं कर पाए। इसलिए उन्होंने उसके लिए एक मशीन बनाई जिसका नाम अगासी ने देगन रखा। क्योंकि यह सारे काम उनसे जबरदस्ती करवाए जाते थे, इसलिए उन्हें टेनिस और इगन से सख्त नफरत थी।

उनके पिता उन्हें बहुत गारा करते थे, इसलिए अगासी के पास उनकी बात मानने के अलावा कोई रास्ता नहीं था।

निक बोलेटीरी टेनिस स्कूल में अगासी ने अपने टेनिस कैरियर की शुरुआत की।

अगासी चाहते थे कि वे किसी तरह अपने पिता से छुटकारा पा जाए। लेकिन यह होना संभव नहीं था समय के साथ उनकी काबिलियत बढ़ने लगी। जब वे 9 साल के थे तो उन्होंने एक फुटबाल प्लेयर जिम ब्राउन को टेनिस में हरा दिया। इसके बाद उन्होंने अपने पिता को भी इसमें हरा दिया। वे अपने से बड़ी उम्र के लोगों के साथ खेला करते थे और उनसे जीतना उनके लिए आम बात हो गई थी। उनकी बढ़ती काबिलियत को देखकर उनके पिता ने उन्हें निक बोलेटीरी टेनिस स्कूल में दाखिला दिला दिया जहाँ पर रहने और खाने की बहुत बुरी व्यवस्था थी। उन्हें लोहे के बेड पर सुलाया जाता था और उन्हें बाहर जाने की इजाजत नहीं थी। इस तरह के हालात बच्चे तंग आकर आपस में ही लड़ाई कर लिया करते थे।

वहाँ पर एक साल रहने के बाद अगासी को लगा कि अब वे बहुत सह चुके । इसलिए वे शराब पीने लगे और नियमों को मानने से इनकार करने लगे। लेकिन उन्हें कोई कुछ नहीं बोलता था क्योंकि वे सबसे होनहार खिलाड़ियों में से एक थे।

एक दिन जब बातें हद से ज्यादा बढ़ गई तो अगासी ने बोलेटीरी से झगड़ा कर लिया। उसने कहा कि वे उसे प्रोफेशनल टूनामेंट में खेलने क्यों नहीं देते। बोलेटीरी को लगा कि वो सही बोल रहा है और इसके बाद वे उनके पहले कोच बन गए।

अगासी को टेनिस से बहुत नफरत थी लेकिन वे इससे पीछा नहीं छुड़ा पा रहे थे।

29 अप्रैल 1986 में अगासी फ्लोरिडा मास्टर्स टूर्नामेंट में हार गए। उस दिन उन्हें दूसरे स्थान पर आने के लिए 100 डालर दिए गए जो वे लेना नहीं चाहते थे। उन्हें पैसों की बहुत सख्त जरूरत थी लेकिन उसे लेने का मतलब वे अब अपनी पुरी जिन्दगी टेनिस के नाम कर देंगे। लेकिन उन्होंने वो पैसे ले ले लिए।

टेनिस चैंपियनशिप में आने के बाद अगासी दुनिया घूमने के लिए निकल पड़े। उन्होंने नाइक के साथ 20 हजार डालर की डील साइन की थी जिसने उनकी इसमें गदद की। वे जब रोम में पहुंचे तो वहाँ की कला उन्हें बहुत अच्छी लगी। वे सब कुछ छोड़कर वहीं पर रहना चाहते थे।

लेकिन यह संभव नहीं था। अगासी को पढ़ने लिखने का मौका नहीं दिया गया था। उन्हें देनिस मजबूरन उन्हें टेनिस ही खेलना पड़ता। अलावा और कुछ नहीं आता था और टेनिस से वे बहुत नफरत करते थे।

उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि वे असल में कोन हैं। वे अंदर से कुछ और बनना वाहते थे, किसी और तरह की जिन्दगी जीना चाहते थे, लेकिन बाहर से उन्हें वो जिन्दगी जीनी पड़ रही थी जिससे वे बहुत नफरत करते थे।

1987 में उन्होंने पैट कैश को हराकर एक शानदार जीत हासिल की, लेकिन यह जीत उन्हें द्वार लग रही थी। उन्हें लगता ही नहीं था कि वे एक टेनिस के खिलाड़ी हैं। इसके बाद वे वैन लेंडल से बुरी तरह हार गए।

अगासी को आने वाले वक्त में कुछ बहुत अच्छे दोस्त मिले।

1987 में अगासी ने अपना पहला टूनामेंट जीता जिसके लिए उन्हें 90 हजार डालर दिए गए। इस समय वे सिर्फ 17 साल के थे। 1988 में भी उन्होंने बहुत सी जीतें हासिल की, लेकिन इसके बाद वे मेट्स विलेंडर से 5 सेट में हार गए। विलेंडर दुनिया का तीसरा सबसे बेहतर खिलाड़ी था और उसने अगासी को फ्रेंच ओपन के सेमी फाइनल में हराया था। इस हार के बाद अगासी के स्टेमिना को ट्रेनिंग की जरुरत थी। अगासी को यूनिवर्सिटी ऑफ वेगस में गिल रईस मिले जो कि उनके ट्रेनर और उनके एक बहुत अच्छे दोस्त भी बने। अगासी अक्सर उनके घर पर खाना खाने जाते थे।

रईस की पर्सनैलिटी बहुत बड़ी थी और साथ ही साथ अगासी के लिए उनका दिल भी बहुत बड़ा था। उन्होंने अगासी को बेहतर बनाने के लिए अलग अलग तरह के वर्कआउट तैयार किए और उन्हें हर तरह से बेहतर बनाने की कोशिश की।

उनके अलावा अगासी जान पेरेंटी से मिले जो कि लास वेगस चर्च के पादरी थे। इनके साथ रहकर अगासी ने जिन्दगी को एक अलग नज़र से देखना शुरू किया। पेरेंटी ने उन्हें बताया कि उनका असल वजूद क्या है। उन्होंने अगासी को उनकी समस्याओं से लड़ने में मदद की। उनकी मदद से अगासी खुद को समझने लगे।

जब रईस और पैरेंटी जैसे लोग अगासी की जिंदगी में भा गए तो अगासी के खेल में काफी हद तक सुधार हुआ। वे पैरेंटी को खेल के मैदान में ले जाया करते थे ताकि उन्हें खेलने का हौसला मिल सके। फिर 1989 के यूएस ओपन में अगासी ने जिम्मी कानर्स को फाइव सेट मैच में हराया।

1992 में विम्बलडन की जीत के बाद लोगों को लगने लगा कि अगासी वाकई एक होनहार खिलाड़ी हैं।

अगासी स्पोनडाइलोलिस्थेसिस नाम की एक बीमारी के साथ पैदा हुए थे जिसमें उनके रीढ़ की एक हुड्ी अपनी जगह से हट गई थी। इसका दर्द कभी कभी उन्हें बहुत परेशान करता था। रईस ने खास तरह की एक्सरसाइज बनाई जिसे कर के अगासी को काफी हद तक राहत मिली। रईस उनका हर तरह से खयाल रखते थे। वे उनके लिए एक कोच से ज्यादा थे। ये उनके लिए गिल बाटर नाम का एक डिक बनाया करते थे जिसे पीने के बाद अगासी को बहुत ताकत मिलती थी। अगासी ने अब तक ग्रैंड स्लैम नहीं जीता था। लेकिन जब 1992 में विम्बलडन टाइटल में उतरे। यहाँ पर उन्होंने जीत हासिल की जिससे मीडिया उनकी तरफ खींचा चला आया। हस जीत के बाद लोगों ने यह महसूस किया कि अगासी के अंदर वाकई टेनिस खेलने का हुनर है। यह चो वक्त था जब उनके पिता की आँखों में भी आँस आ गए थे।

लेकिन बोलेटीरी को अभी अगासी को ट्रेन करता नहीं आया था। वे उन्हें हार से उभार नहीं पाते थे और ना ही टेनिस के लिए उनकी मानसिकता पर अच्छे से काम कर पाते थे। इसलिए उन्होंने बोलेटीरी की हटा कर ब्रेड गिल्बर्ट को अपना कोच चुना।

गिल्बर्ट के पास अगासी को सिखाने के लिए बहुत कुछ था। उन्होंने अगासी को सिखाया कि किस तरह से वे अपने सामने वाले का थका कर उसे गलती करने पर मजबूर कर सकते हैं। उन्होंने अगासी को प्रेरित किया ताकि वे अच्छे से टेनिस पर ध्यान दे पाएँ।

अगासी की पहली शादी ब्रूक शील्ड्ल के साथ हुई।

अगासी को काफी समय से थूक शील्डल अच्छी लगती थी। वे उस समय की एक्ट्रेस थी। जब अगासी विम्बलडन में कामयाब हुए तो उन्हें वाइट हाउस में जाने का मौका मिला और साथ ही ब्रूक शील्डल से भी मिलने का मौका मिला था। जब वे ब्रूक शील्डल से मिले तो वे उन्हें डेट करने लगे, लेकिन वे उनसे कुछ भी कहने से बहुत घबराते थे।

अगासी के घबराने की एक वजह यह थी कि वे गंजे हो रहे थे। उनके बार झर रहे थे और वे विंग लगाकर चला करते थे। यह विग एक दिन उनके एक मैच से पहले खराब हो गया फिर उन्होंने पिन लगाकर इसे जोड़ा। इससे मैच के वक्त उनका ध्यान भटकने लगा और वे हार गए।

जब वे शील्डल को तीसरी बार डेट पर ले गए तो उन्होंने उनसे यह बात बताई। शील्डल ने कहा कि उन्हें इससे कोई परेशानी नहीं है। इसके बाद शील्डल ने उन्हें एक दूसरा हेयर स्टाइल दिया जिससे अगासी का आत्मविश्वास बढ़ा। उन्होंने इस नए हेयर स्टाइल के साथ 1995 के आस्ट्रेलिया ओपन में पीट सेम्प्रस को हराया।

शील्डल और अगासी एक दूसरे को पसंद तो करते थे, लेकिन दोनों को एक दूसरे को लेकर कुछ समस्याएं थी। शील्डल को यह समझ में नहीं आता था कि अगासी हारने के बाद इतना डिप्रेशन में क्यों चले जाते हैं। क्योंकि खेल में हार जीत तो होती रहती है और हर बार हारने पर अगासी का मूड खराब हो जाया करता था, यह बात शील्डल को अच्छी नहीं लगती थी।

हुत परेशानियों के बाद भी अगासी और शील्डल ने 1997 में शादी कर ली। लेकिन इसके बाद अगासी और परेशान रहते लगे। वे हर बार अपने मैच हार जा रहे थे और क्योंकि शील्डल उन्हें इस मामले में सहारा नहीं दे पाती थी, इसलिए वे अपने पर्सनल असिस्टेंट के साथ समय बिताने लगे।

जब अगासी ने एक स्कूल खोला तब उन्हें अपनी जिन्दगी में एक मकसद मिला।

अगासी की शादी के बाद उनके शरीर में से एक ग निकला और उन्हें टेनिस से बैन कर दिया गया। इसके बाद अगासी की किंग 147 पर आ गई। अगासी ने फैसला किया कि वे फिर से नम्बर वन पर पहुंच कर दिखाएगे। ये इसके लिए मेहनत करने लगे।

अगासी ने दो साल तक जमकर मेहनत की ताकि वे उस इग के असर को अपने शरीर से बाहर निकाल सके। इसके साथ ही उन्होंने 1998 में एक स्कूल खोला जिसका नाम आन्दे अगासी कालेज प्रिपेरेटरी स्कूल था। इस स्कूल का मकसद था लास वेगस के उन बच्चों को पड़ाना जो किसी वजह से स्कूल नहीं जा पा रहे थे। अगासी को अपना स्कूल न जाना हमेशा तकलीफ देता था और वे नहीं चाहते थे कि यह और किसी के साथ हो।

जब उस स्कूल का उद्घाटन हो रहा था तो शील्ड्स वहाँ नहीं थी। इसके कुछ समय के बाद उनका अगासौ तलाक हो गया। उनके कोच गिल्बर्ट ने उन्हें काफी सभाला।

गिल्बर्ट जानते थे कि 1999 में अगर अगासी फोकस कर पाएगे तो वे अपने टेनिस के केरियर पर फिर से महारत हासिल कर पाएंगे। गिल्बर्ट के अलावा उस स्कूल से भी अगासी को काफी हौसला मिला। उस स्कूल की मदद से वे खुद को कोसना बंद कर पाए। उस स्कूल ने उन्हें खेलते रहने की एक वजह दी। अगासी के पास अब फिर से सबसे ऊपर पहुंचने की बहुत अच्छी वजह थी।

अगासी की दूसरी शादी स्टेफी ग्राफ के साथ हुई जो कि उनके लिए एक अच्छी पार्टनर साबित हुई।

अगासी की मुलाकात स्टेफी ग्राफ से उनके कोच गिल्बर्ट की वजह से हुई। गिल्बर्ट जानते थे कि अगर वे किसी तरह से उन दोनों को पहली बार मिलवा सकें तो वे एक दूसरे को पसंद करने लगेंगे। ग्राफ के हालात भी काफी हद तक अगासी से मिलते थे। गिल्बर्ट ने अगासी के प्रैक्टिस कोर्ट को ग्राफ के बगल में बुक किया। जब वे पहली बार मिले तो उनमें कुछ खास बात नहीं हुई। प्राफ का एक बायप्रेंड था और वे काफी समय से साथ थे। लेकिन ग्राफ के पिता ने भी अगासी के पिता की तरह उसे जबरदस्ती इस खेल में उतारा था। वो अगासी की तकलीफ को समझ पाती थीं। उन्हें पता था कि जब कोई यह खोजने की कोशिश करता है कि यहाँ पर आने का उसका मकसद क्या है तो उसे कैसा लगता है।

जैसा गिल्बर्ट ने सोचा था, वे असल में एक दूसरे को पसंद करने लगे। उनके कैरियर और उनके हालात एक दूसरे से बहुत मिलते थे और इसलिए वे एक दूसरे को अच्छे से समझ पाते थे। विम्बलडन में वे दोनों ही जीत गाए और फ्रेंच ओपन में दोनों ही हार गए और इसके बाद वे डेट पर गए।

विम्बलडन में जीत हासिल करने के बाद ग्राफ ने कहा कि वे अब रिटायर हो रही हैं। लेकिन अगासी को फिर से सबसे ऊपर पहुँचना था। 1999 के यूएस ओपन में ग्राफ ने अगासी को टोड मार्टिन के साथ फाइव सेट में जीतते हुए देखा। उन्हें हराकर वे पोट सैम्प्रस से आगे निकल गए।

लेकिन अगासी अब 30 साल के हो गए थे। उनकी शरीर अब जवाब दे रही थी। साथ ही उनके कमर की समस्या भी अब कुछ ज्यादा गंभीर हो रही थी। लेकिन 2000 के आस्ट्रेलिया ओपन में अगासी फाइनल्स तक पहुंच गए।

अगासी ने 2006 में अपना आखिरी मैच खेला।

2001 में ग्राफ और अगासी की एक बेटी हुई जिसका नाम जेडन रखा गया। उस साल अगासी पूरे जोश के साथ खेलने के लिए उतरे थे। लेकिन अपनी ढलती उम्र की वजह से वे पीट सेम्प्रस से हार गए।

लेकिन 2003 में जब अगासी की दूसरी बेटी जैस ईल हुई तो अगासी को फिर से खेलने का हौसला मिला। उन्हें दर्द तो हो रहा था लेकिन वे फिर भी खेले जा रहे थे। उसी साल अगासी ने अपना आखिरी ग्रैंड स्लैम – आस्ट्रेलिया ओपन जीता। इतनी ज्यादा उम्र में इस जीत को हासिल करने वाले कुछ खिलाड़ियों में से वे एक थे।

उनके कमर की हालत खराब हुई जा रही थी और उन्हें कुछ ज्यादा भाराम की जरूरत पड़ती थी। लेकिन फिर भी वे 2004 में सिल्सिनाटी और 2005 में मर्सिडीज़ बेंज कप जीत गए।

2006 का यूएस ओपन अगासी का आखिरी टूर्नामेंट था। यह यो वक्त था जब रेफेल नाइल और रोजर फेडरर का वक्त आ रहा था। उन्हें हरा पाना अगासी के लिए नामुमकिन था। उनकी कोई भी कमजोरी अगासी को समझ में नहीं आ रही थी। इसके बाद वे रिटायर हो गए।

अगासी को जीने की बहुत सी वजह मिल चुकी थी। उनका स्कूल , उनकी बेटियां और उनकी पत्नी ने उन्हें मागे जीने का हौसला दिया। वे अब भी यह् खोज रहे हैं कि उन्हें आखिर इस जिन्दगी से और क्या चाहिए। वे अब इस बात को समझ गए हैं कि इस तलाश का कोई अत नहीं है। यह उनकी मौत के साथ ही खत्म होगा। जिन्दगी खुद एक सफर है और इसमें चलते रहना ही हर किसी का मकसद है।

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