
About Book
हर औरत जो एक सपना देखती है, चाहे वो सपना मल्टीमिलेनियर बनने का हो या बस एक छोटा सा गार्डन उगाने का. लेकिन ऐसा क्या है जो औरतो को अपने सपने पूरा करने से रोकता है? इस समरी से आप कई ऐसे वैल्यूएबल स्किल्स और बिहेवियर्स सीखेंगे जो आपके गोल्स अचीव करने में आपके बहुत काम आयेंगे. सबसे इम्पोर्टेट चीज़ जो हम इस समरी से सीखते है वो ये कि सपने देखना कोई गुनाह नहीं है. अगर आपका भी कोई सपना है तो आपको शरमिंदा होने की ज़रूरत नहीं है. दूसरो की हर बात में हाँ मिलाना और लोगो को खुश रखना, हमारी लाइफ का गोल नहीं है. और ये बात हम जितनी जल्दी समझ जाए उतना ही अच्छा होगा.
ये समरी किस किसको पढनी चाहिए?
हर लडकी और हर औरत को जो अपनी लाइफ दूसरो की उम्मीद पर नहीं बल्कि अपनी शर्तों पर जीना चाहती है.
. उन माओं को जो अपने भूले बिसरे ड्रीम्स पूरा करने की ख्वाहिश रखती है. हर उस औरत को जो इस डबल स्टैंडर्ड समाज रहते हुए
ना सिर्फ सपने देखने की हिम्मत रखती है बल्कि उन्हें पूरा भी करना चाहती है.
ऑथर के बारे में
राचेल होलिस (Rachel Hollis) एक इंटरनेशनल बेस्ट सेलर ऑथर है. इसके साथ ही वो एक सक्सेसफुल लाइफस्टाइल इन्फ्लुएंसर भी है और वर्ल्ड के सबसे ज्यादा पसंदीदा मोटिवेशनल स्पीकर्स में से एक है. राचेल एक सोशल मिडिया टाईकून है जिनके कई मिलियंस फोलोवर्स है. एक टॉप बिजनेस पोडकास्टर्स होने के साथ-साथ वो 4 बच्चो की प्राउड मदर भी है.
इंट्रोडक्शन (Introduction)
क्या आपने कभी सोचा है कि अगर आपके माइंड में ये ख्याल आता कि” लोग मेरे बारे में क्या सोचेंगे?’ तो आप क्या कुछ नहीं कर लेते. क्या आप सारी जिंदगी सिर्फ दूसरो को खुश करते रहेंगे? क्या कभी सोचा है कि अगर आप दुसरो की खुशीयों के लिए अपने सपनों की कुर्बानी नहीं देते और सोसाईटी के रूल्स फोलो नहीं करते तो आप क्या नहीं अचीव कर सकते थे? हम सबकी लाइफ में इसी तरह के सवाल आते हैं. हालाँकि हम औरते ज्यादातर इस मेल डोमिनेटिंग सोसाईटी में मदों के बनाये नियम कानूनों पर चलने को मजबूर है. और हमसे यही उम्मीद की जाती है कि दूसरो के लिए अपने दे हे सपनों की बलि ये बुक समरी औरतो को मोटिवेट करने के लिए लिखी गयी है ताकि हम दुनिया की परदाह ना करते हुए अपना हर ड्रीम पूरा करने की हिम्मत कर सके. ये बुक समरी हर औरत को ये एहसास दिलाती है कि अगर वो ठान ले तो जो चाहे वो कर सकती है, उसे कोई रोक नहीं सकता. ये बुक रीडर्स के माइंड
के लिए किसी फ्यूल की तरह है. इसे पढ़कर उन्हें अपने ड्रीम को एक्शन में चेंज करने की मोटिवेशन मिलती है. तो क्या आप रेडी है, अपने उन सपनों को पूरा करने के लिए जो आपने कभी देखे थे? आप तैयार है इस सोसाईटी के साथ दो-दो हाथ करके जीतने के लिए ? क्या आप तैयार है उस चिंगारी को हवा देने के लिए जो आपके दिल की गहराईयों में दबी है? अगर आप का जवाब हाँ है तो यकीन मानो ये बुक सिर्फ आपके लिए है. अगर हम दूसरो की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पा रहे तो इसके लिए हमें सॉरी फील करने की बिलकुल भी ज़रूरत नहीं है. इस बुक में आपको यही
सिखाया जायेगा. आपको अपनी लाइफ अपने हिसाब से जीनी है नाकि दूसरो के, और ये बात आपको ये बुक बताएगी कि हर इन्सान को एक ही लाइफ मिली है जिसे वो अपनी मर्जी से जीना चाहता है. इसके अलावा इस बुक में आप पढेंगे कि वो कौन से रीजन्स है जो आपको आपके सपनों तक पहुँचने नी है से रोक रहे है.
एक्सक्यूजेस टू लेट गो ऑफ़
लाइफ में आगे ना बढ़ पाने के बहाने Excuses To Let Go Of
हम सब कोई ना कोई बहाना बनाने में माहिर होते है, लेकिन चाहे कुछ भी हो, हम सब खुद को अपने गोल्स के लिए हमेशा मोटिवेट रखते है, बिना कोई बहाना बनाये, इस आँधर राचेल के पास हमारे उन सब बहानो का जवाब है जो हम अक्सर ये बोलकर देते है कि” टाइम नहीं मिलता” या “यें काफी नहीं था वगैरह-वगैरह, और इसकी मिसाल वो खुद है.
अपने रीडर्स के लिए एक जीता-जागता एक्जाम्पल जिसके पास भी ये सारे बहाने मौजूद थे, राचेल ने पूव कर दिखाया है कि कैसे वो अपने हर एक्सक्यूज़, अपनी हर वीकनेस को दूर करके एक राइजिंग कम्पनी की ओनर, एक पोडकास्टर, एक ब्लॉगर और एक सोशल मिडिया इन्फ्लूएंसर के तौर पर उभरी है और वो भी चार-चार बच्चो की माँ होते हुए भी,
हम में से हर एक के पास कोई ना कोई सपना है लेकिन हम सबके पास उस सपने को पूरा ना कर पाने का कोई ना कोई बहाना भी है. राचेल ने कुछ ऐसे
ही मोस्ट कॉमन एक्सक्यूज को लेकर ये बुक लिखी है और हमे गाइड करती है कि इन बहानो से कैसे बचा जाए. नीचे दिए कुछ सेक्शन्स में हम कुछ ऐसे एक्सक्यूज़ेस के बारे में पढ़ेंगे जो हमे हर हाल में अवॉयड करने है.
देट्स नोट व्हाट अदर वुमेन डू
बाकि औरते ये नहीं करती है (That’s Not What Other Woman Do) जो चीज़ हमे नहीं आती उसे हम दूसरो की कॉपी करके सीखते हैं. जैसे मान लो, किसी को स्टाइल और फैशन के बारे में नहीं पता तो वो मूवी स्टार्स और मॉडल्स के स्टाइल को कॉपी करेगा. लेकिन सच ये है कि जब हम दूसरो की नकल करते हैं तो अपनी पहचान खो बैठते है. हम अपनी एक अलग ये। पहचान बनाने के बजाय भीड़ का हिस्सा बनकर रह जाते है. तो बात जब अपने सपनों की हो तो हम भला दूसरो की कॉपी क्यों करे? जो लोग दूसरो की कॉपी करते है वो अपना सेल्फ कांफिडेस खो देते है. अपने बचपन में राचेल को लगता था कि वो सुंदर नहीं है के वो देते। क्योंकि उसके शार्क जैसे टीथ थे और बाल हमेशा बिखरे रहते थे, राहुल सोचती थी कि एक ग्रेट सोशल लाइफ के लिए गुड लुकिंग होना बहुत जरूरी है. वो अपने ग्रुप वे लड़कियों को कॉपी करती थी, उसने उनकी तरह दिखना, बोलना और बिहेव करना शुरू कर दिया था. लेकिन उसने ये नही सोचा कि इस तरह वो खुद भी सेल्फ और की पहचान खो रही है। बोलना है, जब राचेल बड़ी हुई और उसके सपने पूरे करने का टाइम आया, उसका कांफिडेंस लेवल एक जीरो धा. उसने किसी को नहीं बताया थी कि उसकी मोम वर्किंग है क्योंकि उसके सारे फ्रेंड्स की थी. राचेल को अपने
था कि मदर हाउसवाइव्स ज़रा कांफिडेंस नहीं था कि वो अपने सपने पूरे कर सकती है. राचेल एक वर्कहोलिक है. और ये बात उसने आज तक किसी को नहीं बताई है. यहाँ तक कि अपने फेमिली मेम्बेर्स को भ ी नहीं. वो उसे ज्यादा काम करने से रोकते थे तो राचेल उनसे छुपकर अपना काम करने लगी. बाद में उसे पता चला कि उसके जैसी सेम प्रोब्लम्स कई और वर्किंग मदर्स की भी है. फिर धीरे-धीरे राचेल ने अपनी बात शेयर करना सीखा. शुरुवात में ऊपर उसे काफी बाते सुनने को मिली, लोग उसे क्रिटिसाइज़ कर रहे थे. पर राचेल ने सोचा मैं जो हूँ, जैसी भी हूँ, वैसे ही सबके र आउंगी.”
उसे खुद पे प्राउड था और वो अब दूसरो के लिए भी एक मिसाल बनना चाहती थी. और ये सब राचेल की लाइफ में तब हुआ जब उसने अपने बहाने बनाने की आदत छोड़ी. राचेल ने अपनी इस हैबिट से छुटकारा पाया और लाइफ में प्रोग्रेस की.
आई डोंट हेव टाइम (मुझे तो टाइम ही नहीं मिलता) (I Don’t Have Time)
पिछले चैप्टर्स में हमने सीखा कि अगर सक्सेस चाहिए तो दूसरो की नकल छोड़कर अपनी खूबियों को पहचानो, अपने शेड्यूल की बाकि चीजों के बीच हम अपने गोल्स कैसे अचीव करे, ये हम इस चैप्टर में सीखेंगे. क्योंकि गोल्स के पीछे भागने के टाइम किसी के पास नहीं होता, ये लाइफ की एक हार्श रियेलिटी है. लेकिन हमे टाइम निकालना पड़ता है. जैसा कि किसी ने कहा है” अगर आप कुछ पाना चाहते हो जो आपके पास पहले कभी था, तो उसे पाने के लिए आपको वो करना होगा जो आपने पहले कभी नहीं किया”.
हम में से कई लोग अपने सपने इसीलिए अधूरे छोड़ देते हैं क्योंकि हमें उन्हें पूरा करने का टाइम नही मिलता. लेकिन इस बुक की ऑथर राचेल का मानना है कि अगर अगर आपको अपने अचीद करने है तो “फाइद टू स्ट्राइव की स्ट्रेटेजी फोलो करो राचेल कहती है कि सबसे पहले तो आपको ये ने गोल्स समझना होगा कि आप अपने टाइम के कण्ट्रोल में है. आपकी लाइफ पर दूसरो का कण्ट्रोल नहीं हो सकता, आप खुद के लिए शेड्यूल बनाओ. अपने डेली रूटीन में क्या करना है. क्या नहीं करना है रो मकर की जॉब करती थी. उन्हें अपने काम और स्टेप खुद डिसाइड करो. राचेल जब सेवेंटीन की थी, तो सब-स्टेशन में पार्ट टाइम सैंडविच करना है, के बीच बेलेंस करके चलना पड़ता था, जैसे स्कूल में कोई प्रोजेक्ट होता तो वो काम से जल्दी आ जाती थी. राचेल जानती थी कि उसकी सोशल लाइफ अफेक्ट हो रही है फिर भी वो सेटरडे वाले दिन एक्स्ट्रा पे और टिप के लालच में काम पे जाती थी. सोशल लाइफ अफेक्ट फिर राहुल ने अपने एक्सपीरिएंस से एक बात सीखी कि हमे कम टाइम में भी ज्यादा प्रोड़क्टीविटी दे सकते है. रहती है लेकिन ी है लेकिन आपको टाइम निकालना होगा. जैसा कि हम अगर आपको कुछ पाना है तो कुछ तो कंफर्म करना होगा. टाइम की कमी तो हमेशा जानते है” जहाँ चाह है वहां राह है, अगर हमारे इरादे मजबूत होंगे तो ही हम अपने सपने पूरे कर पायेंगे. राचेल का भी काफी बिजी शेड्यूल रहता था. वही हैं, अगर तो उन्होंने “फाइव टू स्ट्राईव” रूल निकाला. इस रूल के हिसाब से आप अपनी डेली लाइफ एक वीक तक ओब्ज़ेर्व करो. अपने फोन पे के ऑनलाइन
केलेंडर पर नोट कर लो. फिर कोशिश करो कि आप पूरे हफ्ते डेली के पांच घंटे अपने टारगेट ड्रीम के लिए टाइम निकालो, हर हफ्ते के लिए शेड्यूल बनाओ और कभी स्किप मत करो. ये घंटे सिर्फ अपने गोल्स के लिए रखो. एक चीज़ का ध्यान रखो कि आप जो भी टाइम चूज़ करो, ये आपके सबसे ज्यादा प्रोडक्टिव आवर्स हो. चाहे सुबह का टाइम हो, जैसे 5 से 6 बजे. जो लोग सुबह उ जल्दी उठते है, ये टाइम उनके लिए काफी अच्छा रहेगा, इस वक्त कोई आपको डिस्टर्ब भी नहीं करेगा. एक बार जब आपका टाइम फिक्स हो जाये तो अपने शेड्यूल में टाइम बढ़ाते चलों, ये आपको श्योर करना है कि जिसना भी टाइम आप अपने गोल्स पर स्पेंड करोगे वो आपके बेस्ट आवर्स होंगे. इसलिए इस टाइम आपका पूरा फोकस सिर्फ और सिर्फ अपने गोल्स पर होना चाहिए. अगर आपके पास कोई गोल आलरेडी है तो आज से ही शुरू कर दो. बल्कि अभी इसी वक्त! किस और का इंतज़ार मत करो, कोई नहीं आएगा आपके लिए, टाइम का भी वेट मत करो, क्योंकि टाइम आता नहीं है उसे लाना पड़ता है,
(मुझमे वो बात नहीं है) (I’m Not Enough)
इससे पहले के सेक्शन में हमने सीखा कि हमे टाइम का इंतज़ार नहीं करना है. बल्कि हमे अपने गोल्स के लिए अपने बिजी शेड्यूल से टाइम निकालना है. इस चैप्टर में हम सीखेंगे कि हम अपनी लाइफ का कोई भी गोल, कोई भी ड्रीम पूरा सकते है, हमारे अंदर वो काबिलियत है. अपने तरीके से अगर हम खुद को प्रीजर्व करे तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है. हर कोई इन्सान पहाड़ जैसी उंचाईयों को छू सकता है. बस मोटिवेशन होना चाहिए. हम क्या है, कौन है, कहाँ से आये है, ये सब मैटर नही करता. और एक चीज़ भी उतनी ही सच है कि हम सबके अंदर किसी ना किसी चीज़ को लेकर इनसिक्योरिटी होती है. लेकिन ये इनसिक्योरिटी आती कहाँ से है? बच्चा जब पैदा होता है तो उसके अंदर कोई डर,
कोई इनसिक्योरिटी नहीं होती, पर जैसे-जैसे हम बड़े होते हे, हम सोचना शुरू करते है, फिर हमारे बुरे एक्स्पिरियेंश या लोगों के क्रिटिक्स सुनकर हम इनसिक्योर फील करने लगते हैं.
हम में से ज्यादातर लोग कुछ भी नया ट्राई करने से डरते है, इसकी दो ह है, एक तो हमे खुद पे बिलीव नहीं होता और दूसरा लोग हमे बोलते है कि ये काम तुमसे नहीं होगा. जैसे एक्जाम्पल के लिए, अगर आप फैटी हो तो आप हमेशा स्पोर्टस एक्टिविटीज़ से दूर भागोगे, यहाँ तक कि आप इसे एक बार ट्राई तक नहीं करना चाहोगे. लेकिन अगर आप पहले से ही नेगेटिव सोंचोगे या लोगो की बातो से डर जाओगे तो एक टेस्ट करके देखो, जैसे कि आप मोटे हो तो हाफ मैराथन रन करो, अगर आप टेस्ट में सक्सेस हुए तो इसका आपके ऊपर काफी पोजिटिव इफेक्ट पड़ेगा और आपका कांफिडेंस भी बड़ेगा. याद रखो, आप पढ़े-लिखे
पैदा नहीं हुए थे. आपने अपनी मेहनत और डेली प्रेक्टिस से पढ़ना-लिखना सीखा. स्टेप बाई स्टेप आपने प्रोग्रेस की. वो टाइम याद करो जब आपने कार चलाना सीखा. तब आप काफी डरे हुए और नर्वस थे. यरिंग व्हील को आपने कस कर पकड़ा होगा. और अब आप स्टीरियो पे लाउड म्यूजिक सुनते हुए स्मूध ड्राइव कर लेते हो. राचेल सजेस्ट करती है कि जब भी आपको लगे कि आपमें वो बात नहीं है तो एक खुद को एक लेटर लिखो, इस लेटर में कुछ ऐसा लिखो जो आपको जोश से भर दे और उन सब चीजों के बारे में लिखो जो आपने आज तक हासिल की है, अपनी छोटी से छोटी अचीवमेंट भी याद करो, आपको एक नयी एनर्जी मिलेगी, याद रखो कि जब आपको पहले सक्सेस मिली थी तब भी आपको लगता था कि आपके अंदर वो बात नहीं है. मगर इसके बावजूद आपने काफी कुछ करके दिखाया तो अब क्यों नहीं. आप जो पहले कर चुके है, वो फ्यूचर में भी कर सकते हो. जब तक आप मोटिवेटेड हो, 100% अपने गोल्स अचीव कर सकते हो. आपका प्रेजेंट आपके हाथ में है और आपके अंदर अपनी मंजिल तक लेकर जायेगी.
आई कांट पस्स्यू माई ड्रीम एंड स्टिल बी अ गुड मोम/डॉटर/एम्प्लोई Can’t Pursue My Dream and Still Be a Cood
Daughter/ Employee
Mom/
इस सेक्शन में हमे रियेलाईज़ होगा कि हम लोग अपने गोल्स पर फोकस करने के बजाए दूसरो को खुश करने में टाइम वेस्ट करते है, हमें ये बात समझनी कि हमे अपनी लाइफ अपनी शर्तों पर जीनी है. इस पर टूसरो का कण्ट्रोल नहीं होना चाहिए. मोम वर्ड को हम किसी भी रिश्ते से रीप्लेस की होगी कि कर सकते है जो आपके बहुत क्लोज है,जैसे कि आपकी वाइफ, सिस्टर, फ्रेंड या कोई और, इसलिए अपने सपनों को लेकर हमे सॉरी फील नहीं करना है.
हम में से ज्यादातर औरते कोशिश करती है कि वो एक अच्छी मदर बेटी/ और बहन बने. लेकिन उन सपनों का क्या जो हमने देखे है? हर औरत को बचपन से ही एक अच्छी मदर, बेटी और सिस्टर बनने की सीख दी जाती है. उनसे उम्मीद की जाती है कि वो दूसरो को खुश रखे, उनकी लाइफ का गोल सिर्फ दूसरों की खुशी है चाहे उनके खुद के सपनो की कुर्बानी देनी पड़े. उनसे कोई नहीं पूछता कि तुम्हारे सपने क्या है?
और नतीजा ये होता है कि बहुत से औरते अपनी पूरी लाइफ सिर्फ दूसरो के लिए जीती है जबकि उनके अपने ख्वाब और अरमान दिल में दबे रह जाते है. लेकिन एक बार हमे याद रखनी होगी कि हर एक रिश्ता बराबरी पर टिका होता है. अगर किसी को आपकी ज़रूरत है तो उसके काम आओ मगर जब आपको उनकी ज़रूरत पड़ेगी तो उन्हें भी आपको सपोर्ट करना चाहिए. जब आप अपने सपन्नों की पूरा करने की कोशिश में लगे हो तो उन्हें भी आपका साथ देना चाहिए. राचेल खुद इस पर्टीक्यूलर एक्सक्यूज़ से बाहर निकलने में कामयाब हुई है. एक वर्किंग वुमन और एक मदर के बीच का बेलेंस बनाना काफी मुश्किल होता है और ये बात राचेल अच्छे से जानती थी. उन्हें हमेशा गिल्ट रहता था
कि अपने काम की वजह से वो अपने बच्चो को टाइम नही दे पा रही. राचेल ने अपनी लाइफ के कई साल औरो को खुश करने में वेस्ट किये थे. और इस वजह से वो काफी स्ट्रेस भी लेती थी, उन्हें अपने काम से प्यार था जबकि बाकि मदर्स घर पे रहती राचेल एक वर्कहोलिक थी लेकिन वो डरती कि अगर लोगो को पता चलेगा तो लोग क्या सोचेंगे,
एक एक्सक्यूज़ है और इससे बचने के लिए आपको थोड़ा तो सेल्फिश होना पड़ेगा. आपको ये बात एक्सेप्ट करनी ही होगी कि अपने सपने पूरे करने है तो अपनी फेमिली लाइफ की कुर्बानी तो देनी ही पड़ेगी, आपको एक बात याद रखनी है” अगर अब नहीं तो फिर कब? और ठीक यही राचेल ने भी किया.
वो रोज़ खुद को ये बात याद दिलाती थी जिससे उनके दिल का डर और पछतावा निकल गया. आप एक बार जीते है और आपको एक ही लाइफ मिली है तो जो करना है इसी लाइफ में करो, आई एम् टेरीफाइड ऑफ़ फैलर (मुझे फेल होने से डर लगता है ‘m Terrified of Failure फेल होने से हम सब डरते है. मगर इस डर को कभी भी अपने गोल्स के बीच मत आने दो. फेलर लाइफ का एक पार्ट है और हमे इसके साथ डील करना सीखना होगा. जब तक आपको सक्सेस ना मिले, कोशिश करते रहो. हर फेलर से हमें कुछ सीख मिलती है, जो लोग अपनी गलतियों से सीखते है बो हर फेलर हमे सफलता की सीढी पर एक स्टेप और आगे ले जाता है, लेकिन हम फेल होने से इसलिए डरते है ताकि कोई हमे फेल होता ना देख ले. सेम गलती दुबारा नहीं करते.
लोगों की डिस अपोइन्टमेंट और उनसे आँख ना मिला पाने का डर हमे फेल होने से डराता है. क्योंकि कोई भी ये नहीं चाहेगा कि लोग उस पर हंसे या उसका मजाक बनाए, राचेल को याद है कि वो आठ सौ पचास हज़ार लोगों के सामने फेल हुई थी. इतने लोग काफी ज्यादा होते है. उन्होंने राचेल को न्यू यॉर्क टाइम्स का बेस्ट सेलिंग ऑथर का गोल सेट करते हुए देखा, लोग राचेल के बारे में बाते करते थे, फिर उन्ही लोगों ने उसे फेल होते भी देखा. लेकिन राचेल ने हार नहीं मानी बल्कि इसके कुछ ही टाइम बाद वो न्यू यॉर्क टाइम्स की बेस्ट सेलर ऑथर बनी, फेलर लाइफ का पार्ट है, बच्चा भी जब चलना शुरू करता है तो सौ बार गिरता है. तो क्या उसे हम चलने से रोकते है? नहीं, हम उसकी अंगुली पकड़ कर उसे चलना सिखाते है. इसलिए कोशिश करना कभी मत छोड़ो वर्ना आपके सपने कभी पूरे नहीं होंगे, ट्राई एंड ट्राई बट नेवर क्राई. हमारी हर हार में एक लेसन छुपा है इसलिए हार को एक्सेप्ट करना सीखो. एक चीज़ याद रखो, जब आप कुछ बड़ा सोचते हो और उसमे फेल हो जाते हो तो भी लोग क्या सोचेगे ये मत सोचो।
“लोग क्या बोलेंगे ये मत सोचो, ये आपका ड्रीम है इसलिए इसे पूरा करने की जिम्मेदारी भी आप की है लोगो की नहीं,
इट्स बीन डन बिफोर (ये काम कोई और कर चूका है) (It’s Been Done Before)
आप कुछ अचीव करना चाहते हो लेकिन थो काम किसी और ने पहले से कर रखा है. तो क्या आप गिव अप कर दोगे? बिलकुल भी नहीं. आपको किसी और से तुलना नहीं करनी है, आप एक दुसरे से अलग हो. आपकी सिचुएशन अलग है, अगर वो इन्सान सक्सेसफुल है तो आपको इससे डिसकरेज नहीं होना है बल्कि आपको तो उस इंसान के फुटस्टेप्स फोलो करने चाहिए. अपने गोल्स पर कभी कम्प्रोमाईज मत करो क्योंकि ये आप दूसरों के लिए अपने लिए कर रहे हो, तो क्या फर्क पड़ता है अगर किसी ने उस सपने को पहले ही पूरा कर लिया है, हो सकता है कि आप बही चीज़ अपने तरीके से कुछ अलग करो, लेकिन कम से कम कोशिश तो करके देखो. ऐसी कई चीजे बल्कि इसका मतलब तो ये है कि आप कुछ बड़ा और ग्रेट करने जा रहे हो. अगर आप रेस शुरू करने से पहले ही हार मान जाओगे तो जीतना तो दूर की है. हर कोई काम नहीं होता, हो सकता है कि दो लोगो का सेम ड्रीम हो लेकिन तरीका अलग हो सकता है. जैसे एकाज्म्पल के लिए कई सारे रेस्ट्रोरेन्ट सेम डिश बेचते है लेकिन हर एक का टेस्ट अलग होता है. अगर आप ये सोच कर अपना सपना पूरा नहीं कर रहे किसी और ने आप से पहले ये कर लिया है तो आप गलत सोच रहे हो. आप ये सोचो कि ये है जो हमें कूल और इंट्रेस्टिंग लगती है जो पहले कोई और कर चूका है. फिर भी हम उन चीजों को ट्राई करने में हिचकते है, जैसे एक्जाम्पल के लिए, सेलिब्रेटीज़ कोई ट्रेंड शुरू करते है तो हम सब फोलो करने लग जाते है. तो फिर उन सपनों को पूरा करने में क्या हर्ज़ है जो पहले कोई देख चूका है.
उस इन्सान की जर्नी का मिडल पार्ट है जो आप देख रहें हो. अगर आप उसकी शुरुवात देखोगे तो आपको पता चलेगा कि उसने भी स्टार्टिंग में काफी स्ट्रगल किया है. अक्सर लोग अपने सपनों को इम्पोसिबल चीज़ समझ कर भूल जाते है. लेकिन याद रखो कि अगर किसी और ने वही सपना आपसे पहले देखा और उसे पूरा किया तो आप भी ये ज़रूर कर सकते हो,
व्हाट विल दे थिंक ? (लोग क्या सोचेंगे) What WIll They Think?
लोग क्या कहते है इसकी परवाह मत करो, दूसरो को जज करना जजमेंटल लोगो की आदत होती है. इसलिए चो हर हाल में आपको जज करेंगे ही तो फिर उनकी टेंशन ही क्यों ले. आप खुद के लिए दू रहो और अपनी लाइफ अपने हिसाब से जियो., लोग क्या सोचेंगे, क्या नहीं ये सोचना आपका काम नहीं है. जब आपकी लाइफ, आपके सपने और उम्मीदों पर दूसरो की एक्सपेक्टेशन भारी पड़ने लगती है तो लाइफ में सब कुछ खो जाता है. क्या आप भी हेशन लेते हो कि लोग क्या सोचेंगे? लाग
अगर हाँ, लो ये बात पक्की है कि आप अपनी लाइपफ की कमांड उनके हाथो में दे रहे हो. किसी को भी अपने और अपने गोल्स के बीच मत आने दो, चाहे कोई आपका कितनी ही व्लोज क्यों ना हो, उनकी ओपिनियन तभी लो जब उसके कुछ लोजिक हो. आफ्टरआल सपने आपके है तो डिसीजन भी आपका ही होगा. जो लोग आप पर ऊँगली उठाते है या कमेंट्स करते है, उन्हें अपनी लाइफ से रीमूव कर दो. ऐसे लोग आपका साथ डिज़र्व नहीं करते.
ऐसे जजमेंटल लोगों का कोई स्टेंडर्ड नहीं होता.
आज वो आपकी बुराई करेंगे और कल जब आपको सक्सेस मिलेगी तो गुड में मखली की तरह चिपर्केंगे. ऐसे लोग अपने मतलब के लिए कुछ भी कर सकते है. इसलिए भलाई इसी में है कि इनसे दूर रहा जाये. क्रिटिसाइज़ करने वाले लोगो के करेट्स और दूसरों के ओपिनियंस से परेशान होने लगोगे तो इसी कि इनसिक्योर फील करोगे. और फिर जो आप कर रहे हो, उसे बीच में छोड़ दोगे. और अगर ऐसा हुआ तो आप कभी भी न्यू थिंग्स ट्राई नहीं कर पाओगे. कथा काल करेंगे इसलिए खुद को रोज़ याद दिलाना ज़रूरी है कि हम अपने गोल्स हर हाल में पूरे करेंगे. फेमस बॉक्सर मुहम्मद अली, खुद को हमेशा याद दिलाते थे कि आई ऍम द बेस्ट’ अपनी इस हैबिट के चलते ना सिर्फ वो बल्कि सामने वाला भी एक्सेप्ट कर लेता था कि वो ही बेस्ट है. आप वो करते हो जो आपको पंसद है. तो क्या अपने गोल्स अचीव करना इसमें शामिल नहीं है? अगर आप दूसरो के हिसाब से लाइफ जियोगे तो कभी अपने ड्रीम पूरे नहीं कर पाओगे और हर चीज़ से हाथ धो बैठोगे, अपने सपनों, अपने कांफिडेंस, अपनी सेल्फ एस्टीम, सब कुछ.
कनक्ल्यू जन (Conclusion)
अगर हमें अपने गोल्स पूरे करने है तो हमे ये टेंशन नहीं लेनी है कि लोग क्या बोलेंगे, तभी हम सक्सेसफुल हो सकते है और ये बात इस बुक में बैटर ढंग से समझाई गयी है. और हमें फालतू बातो में टाइम वेस्ट करने की हैबिट छोडनी होगी तभी हम और प्रोडक्टिव बन पाएंगे. जो लोग मेहनत से बचने के लिए बहाने ढूंढते है, उनके सपने कभी पूरे नहीं होते. हमने इस बुक में कुछ बड़े काम की हैबिट्स भी सीखी है जो हमे अपने शेडयूल में शामिल करनी फाइव टू स्ट्राइव”. अपने गोल्स अचीव करने के लिए बहुत इम्पोर्टेट है कि हम अपने दिन भर में कम से कम एक घंटा इसके लिए दे, ये चाहिए जैसे कि आपके पूरे दीक के के सबसे ज्यादा प्रोडक्टिव घंटे होंगे,
हमने इस बुक 5 में ये भी सीखा कि अपनी शर्तों में लाइफ जीना कोई गलत बात नहीं है. और हमे इसके लिए शर्मंदा नही होने की कोई जरूरत नहीं है. याद रखो ये आपकी लाइफ है और लाइफ एक ही बार मिलती है. इसलिए हमारे जो भी सपने है, हमे इसी लाइफ में पूरे करने है. “अब नहीं तो फिर कब? ये पॉवरफुल में मंत्र रट लो, जब भी आप किसी डाउट में हो,इसे रिपीट करो. एक बात और हमे याद रखनी है कि हमारी लाइफ के डिसीजन्स और गोल्स पर सिर्फ हमारा हक है किसी और का नहीं.
फेलर लाइफ का एक पार्ट है इसलिए इससे डरो मत. इस बुक से हम एक मोस्ट इम्पोर्टेट चीज़ सीखते है, खुद पे बिलीव करना. आप जो चाहे हासिल कर सकते हो. बस खुद पे भरोसा होना चाहिए. अपने सपनों को कभी छोटा मत समझो. आप अपनी लाइफ के खुद मालिक है, ये आपको क्या करना है. क्या नहीं करना है इसका फैसला आप लोगे, जब तक आपका खुद पे यकीन रहेगा, जीत आपकी होगी.