FASTER THAN LIGHTNING by Matthew W.Allen and Usain Bolt.

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About Book

उसेन बोल्ट इस दुनिया के सबसे तेज़ दौड़ने वाले आदमी हैं. वो ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट और वर्ल्ड रिकॉर्ड ब्रेकर भी हैं. वो इसे कैसे हासिल कर पाए? उनकी शुरुआत कैसे हुई? कई बार ऐसा भी हुआ कि उसैन बोल्ट फेल भी हुए, उन्होंने जैसे हार मान ली थी. लेकिन फिर भी, वो दौड़ते रहे. इस बुक में, आपको पता चलेगा कि कैसे उसैन बोल्ट औरों से इतना आगे निकल गए. अगर आप एक सक्सेसफुल एथलीट बनना चाहते हैं, तो ये बुक आपके लिए है. यह बुक किसे पढनी चाहिये

जो एथलिट /स्पोर्टमैन बनना चाहते हैं, जिन्हें स्पोर्ट्स पसंद है, वो स्पोर्ट्समैन जो ट्रेनिंग ले रहे हैं.

आँथर के बारे में

उसैन बोल्ट अब तक के सबसे महान और तेज़ दौड़ने वाले इंसान हैं. वो वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर हैं और उन्होंने 8 बार ओलंपिक में गोल्ड मैडल जीता है. वो 17 बार वर्ल्ड चैंपियन भी रहे हैं. 2009 में, बोल्ट को ऑर्डर ऑफ जमैका से सम्मानित

किया गया था. वो इस अवार्ड को पाने वाले सबसे कम उम्र के आदमी हैं.

परिचय

हम उसका नाम सुनते हैं, टीवी पर उसका चेहरा देखते हैं और उसे बहुत अच्छी तरह से जानते हैं। वह अभी तक का सबसे तेज आदमी, जमैका का तेज दौड़ाक और ओलंपिक चैंपियन है- उसैन बोल्ट। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वो धरती का सबसे तेज आदमी कैसे बना? उसके जीवन के ऐसे क्या तजुरबे रहे होंगे जिन्होंने उसे वर्ल्ड चैंपियनशिप और ओलंपिक जीताया। हम उसके जीवन से वया सीख सकते हैं कि हम भी सफल और चैंपियन बनने के लिए इसे अपने जीवन में लाएं। फास्टर देन लाइटनिंग (बिजली से तेज) सबसे अच्छे रनिंग चैंपियन की आत्मकथा है जो ना केवल आपके दिल को छू लेगी बल्कि आपको तेज और पूरा जीवन जीने के लिए प्रेरित करेगी।

चैप्टर (अध्याय)

मुझे धरती पर दौड़ने के लिए भेजा गया है (आए वोज पुट ऑन दिस अर्थ टू रन)

ऐसा एक्सीडेंट जिसमें मौत हो सकती थी वह अक्सर लोगों को जरूरी बातों का अहसास करवाता है अप्रैल 2009 में, उसेन बोल्ट अपने दो दोस्तों के साथ जमैका के 2000 हाईवे पर बीएमडब्ल्यू M3 कूप (coupe) चला रहा था। जिंदा सबसे तेज आदमी के रूप में जाने जाते उसैन बोल्ट ने टीवी पर आने वाली चैंपियंस लीग की केक ऑफ गेम ( kick-off game) को पाने के लिए कुछ रिस्क(risk) लिए। अब अचानक से बारिश होने लगी तो उसने गलती से ट्रैक्टर का कंट्रोल बंद कर दिया और टायर सड़क पर फिसलने लगे। कार तेज हो गई और सड़क पर और तेजी से चलने लगी। फिर कार हवा में उछल गई और एक वाशिंग मशीन की तरह प्लिप होकर खाई में गिर गई।

सौभाग्य से, बोल्ट और उसके दोस्तों को एक्सीडेंट में ज्यादा चोट नहीं लगी। जो हुआ उससे बोल्ट हैरान था और भगवान का शुक्र कर रहा था कि वह जिंदा है लेकिन इस घटना के एक हफ्ते बाद तक, बोल्ट खबरों में अपनी बुरी तरह से नष्ट हो चुकी कार की तस्वीरें देखता रहा। तब उसे एहसास हुआ कि वह किस्मत से नहीं बचा था बल्कि सबसे शक्तिमान भगवान ने उसे बचाया धा।बोल्ट जान गया था कि इसके पीछे भगवान का उसके लिए कोई मकसद था। वह जान गया था कि भगवान ने उसे एक गिफ्ट दिया था जिसका उसे ध्यान रखना चाहिए और वह गिफ्ट था उसे धरती पर दौड़ने के लिए भेजना जो कि इस धरती का सबसे तेज आदमी बने।

चैप्टर (अध्याय)2 एक चैंपियन की तरह चलना

एक चैंपियन बनना मैडल्स, टैलेंट और शोहरत से ऊपर होता है। एक असली चैंपियन बनना कड़ी मेहनत, अनुशासन और सबसे पहले खुद की और दूसरों की रिस्पेक्ट करना है। बड़े होते हुए, बोल्ट के पिता उसे हर समय अच्छे मैनर्स (manners) सिखाया करते थे, जब वो पांच यां छह साल की उम्र मैं स्कूल जाया करता था तो उसके पिता ने उसे आर्डर (order) दिया कि वह जिस भी व्यक्ति से मिले उन सब को गुड़ मॉर्निंग (good morning) कहे। उसे यह बिल्कुल पसंद नहीं था। लेकिन फिर भी, उसने उनकी बात मानी। वहां ऐसे लोग थे जो वापस मुस्कुराए। लेकिन वहां एक बूढ़ी औरत थी जो उसे हमेशा गुस्से से देखा करती थी। इसने बोल्ट को बहुत परेशान किया।

एक बार उसने फैसला लिया कि वह उसको विश( wish) नहीं करेगा और जब वह बूढ़ी औरत उसके पास आई तो बह भाग गया। जब उस दिन वह

घर आया तो बोल्ट को यह देखकर अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा धा कि वह बूढी औरत उसकी पिता से बात कर रही थी। उसके पिता ने उसे

शर्ट(shirt) से पकड़ा और बताया कि आज जो हुआ, उसे वह कितने निराश थे।उसे याद है कि उस दिन उसे उस बुढ़िया पर कितना गुस्सा आया था

लेकिन तब, उसने गुड मैनर्स और दूसरों की रिस्पेक्ट respect) करने की वैल्यू! value) सीखी

चैप्टर (अध्याय) 3 मेरा अपना सबसे बड़ा दुश्मन

दुश्मन कई रूपों में आ सकते हैं लोग, पर्यावरण, emotions और यहां तक की आदतें और एटीट्यूड (दृष्टिकोण/attitude} जब भी यह दुश्मन अंदरूनी हमला करते हैं तो इसका इलाज भी अंदर से और व्यक्तिगत रूप से होना चाहिए। सभी चल रहे कंपटीशनस में बोल्ट हमेशा फर्स्ट आया करता था। उसके टीचर्स ने देखा कि उसमें बहुत टेलेन्ट है। इसीलिए वह इस मुद्दे पर आए कि उसे उचित ट्रेनिंग मिले। ताकि वह सुधार कर सके और इस से भी बढ़िया करे। लेकिन बोल्ट को ट्रेनिंग( training) से नफरत थी। इसीलिए वह इसे छोड़कर बाकी खेल खेलने चला गया। एक बार उसे स्थानीय चैन चैंपियनशिप के लिए चुना गया था और वह हैरान हो गया कि उसकी ही उम्र के एक बच्चे ने उसे हरा दिया केवल इसलिए क्योंकि बच्चे ने उससे ज्यादा प्रैक्टिस(practice) की थी।

बोल्ट को बहुत गुस्सा आया लेकिन उसने अपनी बहुत बड़ी समस्या का एहसास किया था-आलस। वह अभी भी ट्रेनिंग पर नहीं जाना चाहता था। वह इस बात को जान नहीं पा रहा था कि वह खुद को कैसे समझाए और इसमें दिलचस्पी कैसे ले फिर एक दिन, बोल्ट ने फेमस (famous) ओलंपियनौ की वीडियो (video) और फुटेज(footage} देखी। वह सच में प्रेरित हुआ। उसने ओलंपियनो की ट्रेनिंग के बारे में पढ़ा। बोल्ट ने तब तक कोशिश की जब तक वह ट्रेनिंग के सही तरीके तक नहीं पहुंच गया। Local चैंपियनशिप के दिन बोल्ट अपने practice कारण सफल रहा। उसने केवल उस बच्चे को हराया जिसने एक बार दौड़ में उसे हरा दिया था बल्कि उसने अपने अंदर के दुश्मन को भी हराया था।

चैप्टर अध्याय)4

Where Mere Mortals Quiver, the Superstar Becomes Excited by the Big Moment

तनाव और आशा उसके लिए बहुत कुछ कर सकते है जो मुकाबला करते हैं। लेकिन असली टैलेंट, दिल और पक्का इरादा एक सच्चे चैंपियन को जीत के लिए उत्साहित करते हैं। अपनी लगातार जीत के बाद, बोल्ट को वर्ल्ड Junior कंपटीशन(world junior competition) में भाग लेने के लिए चुना गया। पहले तो वह इससे बहुत उत्साहित था लेकिन तभी उसने अपने देश को रिप्रेजेंट(represent) करने का दबाव महसूस किया। बोल्ट घबरा

गया कि वह भीड़ को निराश कर सकता है। वह वापिस बाहर जाना चाहता था।

एक दिन बोल्ट अपने मन को शांत करने के लिए घर के बरामदे में बैठा था। उसकी मां और दादी उसके पास आईं। उन्होंने उसे सलाह दी कि उसे केवल रेस को ट्राई(try) करने की जरूरत है और जो भी हो उससे डरना नही है। उसकी मां ने इस बात पर जोर दिया कि चाहे कुछ भी हो, उन्हें हमेशा उस पर गर्व रहेगा। बोल्ट ने रोना शुरू कर दिया क्योंकि दबाव बहुत ज्यादा था। लेकिन उसकी मां के शब्दों ने उसे आराम और नई प्रेरणा दी।

रेस के दिन, बोल्ट उसके लिए चिल्ला रही भीड़ को सुनकर हिल गया। जब रेस स्टार्टrace start) हुई तो उसे शुरू होने में थोड़ी देर हो गई लेकिन इतनी देर भी नहीं। कुछ ऐसा हुआ।बोल्ट बहुत तेज भागा उसे ऐसा लगा जैसे कुछ/कोई उसे रास्ता दिखा रहा है और जोर से धक्का दे रहा है वह बहुत ज्यादा तेजी से भाग रहा था और वह दुनिया का जूनियर चेंप गया।बोल्ट ने एक सच्चे चैंपियन के एटीट्यूड (attitude] को विकसित किया जो रेस के बड़े पल’ दबाव और तनाव दोनों से उत्साहित था।

चैप्टर(अध्याय)6

एक चैंपियन का दिल, चट्टान का दिमाग

एक सच्चा चैंपियन हमेशा अपने दिल और दिमाग की वजह से भीड़ के बीच खड़ा रहता है जो जीत और हार से ऊपर उठने का पक्का इरादा बनाता है। हेलसिंकी(Helsinki) में विश्व चैंपियनशिप थी, ठंड और बारिश हो रही थी।बोल्ट दौड़ के लिए तैयार था और इसकी शुरुआत में, वह सबसे आगे जा रहा था। लेकिन तभी कुछ हुआ। जिससे उनकी हैमस्ट्रिंग (घुटने के पीछे वाली नस) मुड गई। यह दर्दनाक था, जिसे कम करना पड़ा।उस ने रेस(race) के खत्म होने तक सिर्फ जोगिंग (jogging) की और वह अंतिम स्थान पर रहा। बुरी परफॉर्मेस देना उसके लिए अच्छा नहीं था और इसीलिए उन्होंने हार नहीं मानी।

रेस के बाद बोल्ट अपने कोच के पास गया। वह अपने कोच का रिएकश्र (reaction) देखकर हैरान था।वह खुश और मुस्कुरा रहे थे। उन्होंने कहा कि

बोल्ट ने खेल में जो दिखाया, उस पर उन्हें गर्व है। पद छोड़ने और दौड़ खत्म करने के उनके पक्के इरादे ने एक चैंपियन का असली दिल दिखाया। कोच

को तब पता चला कि बोल्ट के पास बहुत सारी चीजों के साथ-साथ एक वर्ड क्लास पावर world class power) हे लेकिन फिर भी बोल्ट के लिए

लास्ट आना एक अच्छी बात नहीं थी।

चैप्टर(अध्याय)7 नो रिटर्न मोमेट की खोज

जीवन में कुछ ऐसे पल आते हैं जब हम असहनीय दर्द और पीड़ा का सामना करते है। कुछ लोगों के लिए, यह सिर्फ एक पल है। लेकिन और लोगों के लिए इसे नो रिटर्न मोमेंट’ कहा जाता है।

रेस में लास्ट आने के बाद बोल्ट को स्कोलियोसिस (scoliosis) का पता चला। बोल्ट ने अपने अगले टूर्नामेंट tournament) में शरीर सबधी कई प्रॉब्लम्स (problems) का अनुभव किया। इससे भी बड़ी यह बात थी कि हारना और फर्स्ट (first) ना आना उसके लिए निराशा का कारण बन गया। एक कंपटीशन (competition) में बोल्ट को फिर से हैमस्ट्रिंग (Hamstring) हो गया। जिस कारण उसे रेस(race) से हटा दिया गया। वह हैरान कि लोगों ने उस पर गुस्सा किया। बोल्ट ने निराश महसूस किया। उसे अपने अच्छे होने पर शक होने लगा। उसने अपने

कटेंडर्स(contenders/ दावेदारों) को देखा और सोचा कि वह उनके मुताबिक नहीं चल रहा है।

उस समय बोल्ट ने सोचा कि वह अपनी बॉडी फैलियर्स(body falures) के कारण अपने करियर में आगे नहीं बढ़ेगा। लेकिन उसे उसके कोच और परिवार ने समझाया। उसे उसके कोच ने सिखाया की दौड़ते समय सामने आ रहे सभी दर्दो को गले लगाए और कुछ भी हो हार ना माने। कोच ने इसे “नो रिटर्न मोमेंट कहा। उन्होंने बोल्ट को समझाया कि वह ट्रेनिंग के दौरान खुद को धक्का दे और दर्द को अपनाए। असली खेल में ऐसा ही है। अगर उसे अपने शरीर में कुछ गड़बड़ भी लगे, वह तब भी ना रुके। बोल्ट को तब एहसास हुआ कि उसे अपने शरीर में महारत हासिल करने की जरूरत है। उसने महसूस किया कि सभी दर्द और चोटों के बावजूद आगे बढ़ना, सम्मान पाने का सिर्फ एक ही तरीका है।

चैप्टर(अध्याय)8

दर्द यां सम्मान वो कहते हैं ना नो पेन, नो गेन कोई दर्द नहीं कोई लाभ नहीं)। सभी दर्दों के बाद ही सम्मान आता है। बोल्ट को एक तेज दौड़ने वाले का सामना करना पड़ा, जो उसकी नसों में बस गया था – टायसन गे। चाहे जो भी हो बोल्ट ने उस आदमी को हराने का पक्का इरादा बना लिया था। बोल्ट को हर रोज़ पीठ और मसल्स muscles) का दर्द सहना पड़ता, लेकिन फिर भी उसने इससे बाहर निकलने की कोशिश की। न्यूयार्क की एक रेस में, बोल्ट ने खुद को ऐसा बनाया कि वह पहले खत्म करे और टायसन को हरा दे। उसने समय और घड़ी की तरफ ध्यान ना देने का फैसला किया।

इसीलिए रेस में बोल्ट गर्म था और जीतने के लिए उत्साहित था। जब बंदूक चलाई गई, तो उसने तेजी से आगे बढ़ने के लिए अच्छी शुरुआत की।

बोल्ट ने ऐसे दौड़ना शुरू किया जैसे कि उसके पैर हवा जैसे हल्के हो। वह फिनिश लाइन (finish line) की तरफ तेजी से बढ़ा और फर्स्टfirst) आया।वह बहुत खुश था कि उसने टाइसन को हरा दिया। लेकिन हैरानी की बात तो यह थी, कि बोल्ट ने 100 मीटर रेस में एक नया रिकॉर्ड बनाया। यह एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड(world record) धा।बोल्ट ने सीखा कि जब हम अपने दर्द को सहन करते हैं और उससे बाहर निकलते हैं तो वहां हमेशा सम्मान मिलता है।

चैप्टर(अध्याय) 9

काम शुरू करने का समय(गो टाइम)

“दुनिया के सबसे तेज आदमी” के नाम से जाने जाने के बाद, बोल्ट ने दुनिया के सबसे अच्छे और बेहतर ओलंपिक में गोल्ड मेडल(gold medal जीतने के लिए खुद को तैयार किया। बीजिंग(Beijing) में पहली बार ओलंपिक रेस ने उन्हें itna motivate और कॉन्फिडेंस (confidence) दिया जो उन्हें गोल्ड जीता सकता था। उसने महसूस किया कि उसने बहुत कुछ सीखा है, अपने कंपीटीटर्स (cormpetitors) के बारे में पड़ा है और खुद में बढ़िया बनने के लिए उसने बहुत कड़ी मेहनत की है।

रेस के दिन, बोल्ट बहुत रीलैक्स(relax/आराम में) था और जानता था कि यह गेम(game) उसकी ही है।जैसे ही बंदूक की गोली चली, उसने और किसी भी चीज के बारे में नहीं सोचा और बस दौीड़ा, दौडा, दौड़ा और साथ ही वह शांत भी था। पहले ही मीटर में कोई उसे आगे निकल गया और उसने कुछ गलत कदम उठाए जिजसे हालात बिगड़े, लेकिन जल्दी ही ठीक भी हो गए। जैसी ही बोल्ट ने गति महसूस की तो वह जान गया था कि वह जीत जाएगा और वह जीता भी। उसने पहली बार 9,69 सेकेंड में 100 मीटर ओलंपिक गोल्ड मेडल जीता।

बोल्ट के रेस जीतने पर लोग खुशी से पागल हो गए। वह अपने कोच को देखने के लिए फिर से दौड़ना चाहता था, लेकिन एक आदमी उसे खींच रहा था और कह रहा था कि उसे घड़ी के साथ फोटो लेने की जरूरत है, क्योंकि उसने एक और वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। उस समय, बोल्ट को एहसास हुआ कि उसने खुद की एक्सीलेंस(excellence/उत्तमता) को पार कर लिया है और जीवन के सबसे बड़े समय तक पहुंच गया है।

चैप्टर(अध्याय)10

नाओ गेट यूस (अब जो तुम्हारा है उसे प्राप्त करो)

कुछ लोगों के लिए. उनके पास जीत की एक विशेष तस्वीर होती है। हालांकि, जीत हमेशा एक किस्म की होती है जो हमेशा आपके पास रहती है और पूरी तरह से आपकी होती है।बोल्ट अभी भी 100 मीटर की ओलंपिक रेस में गोल्ड मेडल(gold medal) जीतने की खुशी में थे। लेकिन एक और बात वो जानता था कि उसे 200 मीटर खत्म करने की जरूरत थी। 100 मीटर उनके कोच का आईडिया ideal था लेकिन बोल्ट सच में 200 मीटर से आगे बढ़ना चाहते थे।

कोई भी नहीं, यहां तक कि बोल्ट को भी खुद भी विश्वास नहीं होता था कि ऐसे अचानक यह सब कैसे हुआ। बंदूक की गोली चलने और उसके तेज कदम चलने के बाद, वह अपने कंटेंडर्सी contenders/ दावेदारों से बहुत aage nikal gaye। और उसने 200 मीटर रेस भी जीती। एक बार फिर उसने एक और वर्ल्ड रिकॉर्ड world record) बनाया। बोल्ट की जीत वहां खत्म नहीं हुई। दूसरे जमैका jamaican) सप्रिंटर्स (तेज दौड़ाक कि उनकी टीम ने 4×100 मीटर रिले (relay) भी जीता। उस बीजिंग (Beljing) ओलपिक सीज़न में बोल्ट ने 3 रेस में भाग लिया और तीनों में गोल्ड मेडल जीते और तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए।

चैप्टर(अध्याय)।

द इकॉनमी ऑफ़ विक्ट्री( जीत की अर्थव्यवस्था)

जीत के अपने कुछ बुरे प्रभाव हैं। आपको अपनी इज्जत बनाए रखने की जरूरत होती है, लोगों को खुश रखने की जरूरत होती है और अच्छा जीवन जीने की जरूरत होती है। तीन गोल्ड मेडल gold medals) जीतने के बाद इंटरनेशनल प्रेस कॉन्फ्रेंस (international press conference) में एक रिपोर्टर reporter) ने बोल्ट से एक प्रश्न पूछा जिससे वह नाराज हो गया। वह जानता था कि प्रशन तकनीकी और निजी जीवन दोनों के बारे में होंगे। लेकिन, उन्होंने यह उम्मीद नहीं की थी कि रिपोर्टर उनकी अनोखी परफॉर्मेंस (performance) पर शक करेंगे।

एक रिपोर्टर ने उनसे पूछा कि क्या वह किसी ड्रग्स या इनहांसर (enhancer) का प्रयोग कर रहे हैं जिससे वह अचानक तेज दौड़ने लगते हैं। उसने अपना सबर खो दिया और खुद का बचाव करने लगा। उसने कहा कि वे अपने जीवन के 7 सालों से दौड़ रहा है, ऐसा कुछ भी नहीं है जो उसके द्वारा की गई मेहनत की जगह ले सके। बोल्ट ने महसूस किया कि उस पर हमला किया गया है और उसे साबित करना था कि वह साफ है।

चैप्टर(अध्याय)13

शक का एक पल, जिंदगी भर का पछतावा ( ए फ्लैश ऑफ डाउट, ए लाइफटाइमरिग्रेट)

जिंदगी में हमेशा एक ऐसा पल आएगा जब हमें कुछ करने पर लिए पछतावा होता है। लेकिन ऐसे समय में हमें बड़ी सीख मिलती है और यह हमें और अच्छा बनाती है।

तीन गोल्ड मेडल (gold medal) जीतने के बाद और बीजिंग(Beijing) में वर्ल्ड चैंपियनशिप ( world championship) के दौरान, 200 मीटर रेस में 19.19 सेकंडका वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के बाद बोल्ट बहुत थका हुआ महसूस कर रहा था। उसने ऑफसीज़न ( offseason) हो जाने का फैसला लिया मतलब वह चीजों को आसान तरीके से लेगा और अच्छे से काम करेगा। बोल्ट ने जमकर पार्टी की और बहुत आराम किया। ट्रेनिंग की

कमी के कारण उनके शरीर में कुछ ईशु issue) और चोटें विकसित हो गई।

साउथ कोरिया(south korea) के डेगू स्टेडियम (Daegu stadium) में, 2017 वर्ल्ड चैंपियनशिप में 100 मीटर रेस के दौरान, सब कुछ बदल गया। बोल्ट जानता था कि वह पूरी तरह से फिट। fit) नहीं है जो कि उसे बहुत परेशान कर रहा था। इसके साथ ही एक नया नियम भी आ गया था कि अगर कोई खिलाड़ी गलत शुरुआत करेगा तो उसे दूसरा मौका नहीं दिया जाएगा। उसे उसी समय खेल से बाहर निकाल दिया जाएगा।जैसे ही बंदूक की गोली चलने वाली थी बोल्ट को बहुत चिंता होने लगी अगली बात जो हुई, बोल्ट ने गल्त शुरूआत की और अधिकारियों ने उसे खेल से निकाल दिया।जो हुआ उससे ज्यादा बोल्ट खुद पर गुस्सा था। उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने सीखा कि वह ऐसा दोबारा कभी नहीं करेगा। बोल्ट को कड़ी मेहनत करने के लिए एक नई प्रेरणा मिली। वह बोल्ट के करियर की अब तक की ना बोलने वाली निराशा थी।

चैप्टर अध्याय)14

दिस इज माय टाइम (यह मेरा समय है)

कम समय में कोई भी चैंपियन(champion) नहीं बन सकता। सच्चा चैंपियन समय की कदर करता है और इसमें तब तक कड़ी मेहनत करता है जब तक वह इसे अपना नहीं कह सकता। इतनी सारी health problems से लड़ना, ट्रेनिंग (training) पर कड़ी मेहनत करना और छोटी रेस (race) में एक बार फिर से हारना, बोल्ट फिर भी अपनी आत्मा को ऊंचा नहीं उठा सका। अपने खिताब को बचाने की उसकी भूख दिन-ब-दिन बढ़ती गई। एक दिन एक स्कूल का लड़का जो उनकी टीम का हिस्सा है, लेकिन अभी यंग था, लोगों से बातें करना शुरू हो गया कि वह कैसे बोल्ट के वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ेगा। वह बच्चा बोल्ट के आसपास होने पर भी यह बात विश्वास और गर्व के साथ कहता। बोल्ट ने उस बच्चे को सबक सिखाने का फैसला किया और उसे चुनौती दी कि वह पहले वर्ल्ड जूनियर world juniors) का रिकॉर्ड तोड़ कर दिखाएं। उसने कहा कि अगर वे ऐसा करके दिखाएगा तो वह दोबारा बात करेंगे।

कुछ महीनों बाद बच्चा वह जूनियर्स नहीं जीता और बहुत शर्मिंदा हुआ। इसीलिए एक ट्रेनिंग सेशन में, बोल्ट ने सभी को सुनाने के लिए यह मुद्दा बनाया कि उन्हें क्या बोलना चाहिए। उसने सभी नए दौड़ाकों से कहा कि ऐसा थोड़े समय में ही नहीं हो जाता। उसके अनुसार कोई भी बिना एक्सपीरीयन्स के सीधा ऊपर नहीं पहुंच सकता। बोल्ट ने यह भी कहा कि अगर कोई उसे हराना चाहता है और उसके रिकॉर्ड को तोड़ना चाहता है तो उसे सब को पार करना होगा और सब को हराना होगा जैसे कि उसने खुद किया है। बोल्ट समझता था कि एक चैंपियन का समय आने में समय लगता है। कड़ी मेहनत करने में समय लगता है।

चैप्टर अध्याय)15

मैं मिसाल हूँ( आई एम लेज़ंड़)

चैंपियंस खत्म करने वाले और जीतने वाले होते हैं। लेकिन जो सबसे बेहतर बनने के लिए खड़े रहते हैं उन्हें मिसाल कहते हैं। सच का पल आ गया। दर्दनाक टेनिंग trainingl और अपनी सीमा को आगे बढ़ाने के सैशन के बाद उसैन बोल्ट ने अपने पक्के इरादे से यह साबित किया कि 2008 ओलंपिक्स में तीन गोल्ड मेडल gold medal) जीतना और तीन रिकॉर्ड (record) बनाना किस्मत से नहीं हुआ है। वह दुनिया को दिखाना चाहता था कि वह एक असली डील( deal) है। 2012 लंदन ओलंपिक्स में उसके दावेदार contenders) उसे हराने के लिए बहुत उत्सुक थे। यूएसए (US) के जस्टिन गैटलिन(justin Catlin) और जमैका के योहान ब्लेक(Yohan Blake) ने बोल्ट को धमकी दी कि वह उस का खिताब छीन लेंगे। लेकिन बोल्ट जानता था कि उसे क्या करने की जरूरत थी। किस्मत उससे क्या करवाना चाहती थी।

100 मीटर रेस की शुरुआत में बोल्ट पर उसके कंपीटीटर्स competitors ) का बहुत दबाव था हालांकि, वे जीतना चाहता था और अच्छी लड़ाई लड़ना चाहता था इसीलिए उसने दूसरों को खुश करने की कोशिश की। हालांकि, बोल्ट कुछ ज्यादा नहीं कर सका।बंदूक की गोली चलने से मिनट पहले, गलत शुरुआत के डर से चिंतित जैसा उसने पहले किया । इसीलिए अपने में भगवान से मदद के लिए प्रार्थना की जैसे ही बंदूक की गोली चली, वह ना रुकने वाल बन गया। गेटलिन(Catlin) ने भी अच्छी शुरुआत की थी। लेकिन बोल्ट शांत रहा था और उसने जो करना था वह किया। वह अपने कंपीटीटर्स(competitors) को तब तक पार करता रहा जब तक वह पहले स्थान पर नहीं आ गया। उसने 9.63 सैकेंड का नया ओलंपिक रिकॉर्ड(olympic record) बनाया। यह अंत नहीं था उसने इसके बाद 200 मीटर को पहले स्थान से जीता और 400 रिले को भी। जीत के बाद एक इंटरव्यू में बोल्ट ने यह दावा किया कि वह एक जीती-जागती मिसाल है। कोई उसे चुनौती देने की कोशिश नहीं कर सकता। वह अभी तक का दुनिया का जिन्दा सबसे तेज इंसान है।

चैप्टर(अध्याय)16

रॉकी टू रूस… एंड बियोंड (रूस के लिए रॉकेट…और उससे भी परे)

जीत एक ऐसी खुशी है ki कुछ लोग जीत की यादों को वजुअल्स(visuals) और कहानियों के रूप में संभाल कर रखने की कोशिश करते हैं और अन्य लोग इसे महत्वपूर्ण वस्तु के रूप में। जब बोल्ट ने 2012 में लंदन ओलंपिक जीता तो वह बहुत खुश थे कि उसने दुनिया को साबित किया कि वह एक मिसाल है। वह जानता था कि कुछ ही सालों में इन पलों को भुला दिया जाएगा और उसके लिए शायद वह खुद भी इसे भूल जाएं। तो इसीलिए उसने कुछ ऐसा किया जिससे उसे याद रखने में मदद मिले।

जबकि गोल्ड मेडल्स {gold medals) राज्य की अमानत होते हैं लेकिन वह चाहता था कि वह खेलों में से कुछ घर ले जाएं। वह रीले में से बैटन को घर ले जाना चाहता था। इसीलिए बोल्ट ne स्टेडियम में एक आदमी को कहा कि वह बैटन घर ले जा रहा है। जवाब में आदमी ने कहा कि वहां कुछ नियम थे जिस कारण वह ऐसा नहीं कर सकता। बोल्ट ने शिकायत के रूप में कहा कि गेम्स( games) तो खत्म हो गई है तो फिर यह उसे क्यों नहीं दिए जाते।

जब बोल्ट उसे घर ले जाने की जिद करने लगा तो उस आदमी ने कहा कि वह अगली गेम के लिए डिसक्वालीफाई (disquality) kar diye jaayenge। इस बात ने बोल्ट को डरा दिया और उसने इसे वापिस देने का फेसला लिया। लेकिन जैसे ही वह आदमी उसके हाथों से बैटन लेने लगा तो स्टेडियम में से किसी ने कहा कि यह बोल्ट को दिया जाए क्योंकि वह इसका हकदार है तब बोल्ट को बैटन को घर ले जाने दिया गया जिस से बोल्ट बहुत खुश हुए।बोल्ट ने वर्ल्ड चैंपियनशिप्स के लिए दौड़ना जारी रखा और बार बार जीता उसने अपने करियर में बहुत सारी चीजें करी लेकिन उसे यह पता था कि वह अभी यहां है लेकिन आगे अभी बहुत रास्ता तय करना उसका समय अभी खत्म नहीं हुआ है।

निष्कर्ष (Conclusion/कन्क्लू शन)

हमने वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर world-record holder) और ओलंपिक चैंपियन, उसैन बोल्ट की जीवन कथा को sunal हमने देखा कि उनकी शांत शुरुआत और कड़ी मेहनत से वह खड़े रहे और पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बन गए।वह सच में इस पीढ़ी के लिए देखने वाले और याद रखने वाले एक एथलीट है। उसैन बोल्ट एक ऐसे व्यक्ति की अच्छी उदाहरण है जो अपनी शक्तियों को जानता है और जो वह कर सकता है, उस पर विश्वास करता है। उन्होंने अपनी योग्यताओं का पता लगाया और जीत के लिए गोल goal) बनाया। बोल्ट ने साबित किया कि गोल्स(goals) motivation dete hai जो हमें उस चीज तक ले जा सकते हैं, जो हम सच में पाना चाहते हैं।

बोल्ट दूसरों के लिए सिर्फ एक कंपीटीटर (competitor) नहीं थे बल्कि खुद के लिए एक चुनौती भी थे। वह अपनी आशाओं को पाने के लिए कड़ी से कड़ी मेहनत करते और बड़ी चीज को पाने के लिए इसे जारी भी रखते। जब हम ये सब कुछ करते हैं जो हमें बेहतर बना सकता है, तो हमारे विकास को कोई नहीं रोक सकता।बोल्ट की जीवन कथा यह साबित करती है कि सिर्फ टैलेंट ही किसी को सफल नहीं बनाता। यह उसका दिल, उसका दिमाग और जो वह करना चाहता है उसके लिए उसकी ट्रेनिंग है जो उसे उसके सपनों तक ले जाती है। इसीलिए अगर आप किसी चीज पर काम कर रहे हैं और उसे पाना चाहते हैं तो कड़ी मेहनत करें। बोल्ट की तरह आप भी अपने लिए और अपने आसपास के लोगों के लिए चैंपियन बन सकते हैं।

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