ELON MUSK by Ashlee Vance.

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ELON MUSK by Ashlee Vance
एलन मस्क की बायोग्राफी

एलन मस्क की बायोग्राफी

स्पेस एक्स और टेस्ला के को-फाउंडर एलन मस्क का नाम भला किसने नहीं सुना होगा. उनकी एक्स्ट्राओर्डीनेरी पर्सनेलिटी ने करोडो लोगो को इंस्पायर किया है और आज भी कर रहे है. उनकी बायोग्राफिकल बुक है एलन जो हमे उनकी लार्जेर देन लाइफ पर्सनेलिटी की झलक दिखाती है. इस बुक के थ्रू हमे उनकी लाइफ के स्ट्रगल, अचीवमेंट्स और गोल्स के बारे में जानने का मौका मिलता है. ये बुक काफी इंस्पिरेशनल है खास उन लोगो के लिए जो कभी हार नहीं मानते.

1. इस बुक से हम क्या सीखेंगे?

एक जीनियस बच्चा जिसका बचपन बड़े स्ट्रगल में गुज़रा, जो बचपन से ही राकेट बनाने का सपना देखता था और इसी सपने को पूरा करने के वो साऊथ अफ्रीका से यूनाइटेड स्टेट्स आया. एलन मस्क वो जीनियस था जो ना सिर्फ टेक्नोलोजिकल इन्वोवेशन्स का एक्सपर्ट था बल्कि उसे इस दुनिया को बचाने की भी उतनी ही परवाह थी इसीलिए तो उसके माइंड में इलेक्ट्रिकल कार और स्पेसशिप बनाने का आईडिया आया. एलन मस्क की ये बुक उनके चाहने वालों के लिए एक गिफ्ट की तरह है जिसके श्रू उन्हें इस महान इन्वोवेटर की लाइफ के कई अनजाने पहलुओ को जानने का मौका मिलेगा.

2. ये बुक किस किसको पढनी चाहिए?

हर वो इंसान जो एलन मस्क की मैजिकल और इंस्पायरिंग स्टोरी जानने में इंट्रेस्टेड है, स्पेशली एंटरप्रेन्योर्स इस बुक से काफी कुछ लर्न कर सकते है, एलन मस्क ने कभी गिव अप नहीं किया और हर ग्रेट एंटरप्रेन्योर में यही क्वालिटी होती है.

3. इस बुक के ऑथर कौन है?

राइटर एश्ली वांस ने एलन मस्क की बायोग्राफी 'एलन मस्क, टेस्ला, स्पेस एक्स एंड क्वेस्ट फॉर अ फेंटास्टिक फ्यूचर' लिखी है. एश्ली वांस एक अमेरिकन बिजनेस कॉलमनिस्ट और ऑथर है जिन्होंने कई सारी बुक्स लिखी है लेकिन एलन मस्क पर लिखी उनकी बायोग्राफी सबसे ज्यादा पोपुलर बुक्स में से एक है. 2015 में उन्होंने ब्लूम बर्ग के लिए एक वीडियो सीरीज 'हेल्लो वर्ल्ड' राइट और होस्ट करनी शुरू की थी.

चैप्टर

एलन की दुनिया

साल 2000 में सिलिकोन वैली और सेन फ्रेंसिस्को डीप्रेशन में डूबे हुए थे क्योंकि इन्टरनेट का नशा उतरने लगा था। अब जमाना डॉट कॉम का था जिसके चलते वेंचर केपिटलिस्ट किसी भी इन्वेस्ट में पैसा लगाने से कतरा रहे थे। इस दौर में सिलिकोन वैली के पास सिर्फ एक क्लीक एड्स का काम ही बचा था। ट्विटर और फेसबुक ने अभी-अभी पैर पसारने शुरू किये थे। कुछ लोगो का मानना था कि टेक्नोलोजी इंडस्ट्री अब ठंडी पड़ चुकी है।

एलन मस्क भी इसी डॉट कॉम मेनिया का एक हिस्सा थे। अपनी कॉलेज की पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने ज़िप 2 बनाया और 522 मिलियन कमाए। ज़िप 2 गूगल मैप्स की ही तरह का एक सॉफ्टवेयर था। कॉमपेक ने ज़िप 2 को 1999 में खरीदा था। मस्क ने इस कमाई को एक और स्टार्ट-अप X.com खोलने के लिए इन्वेस्ट किया जो बाद में पे-पाल बना। और फिर जब 2002 में ई-बे ने पे-पाल (Pay Pal) खरीदा तो मस्क पहले से ज्यादा अमीर हो गए।

मस्क सिलिकोन वैली के बजाए लॉस एंजेल्स में रहने चले गए थे, जहाँ पर उन्होंने टेस्ला, स्पेस एक्स और सोलर सिटी बनाई। उनकी कंपनीज़ ELECTRIC CARS, एरोस्पेस और सोलर इंडस्ट्रीज में लीड करती है। राकेट, इलेक्ट्रिक कार और सोलर पैनल बनाकर मस्क ने फ्यूचर को बदल कर रख दिया। एलन की दुनिया में रियलिटी और साइंस फिक्शन मिलकर एक हो गए है।

अध्याय 2: अफ्रीका

मस्क के नाना जोशुआ हेल्डीमेन केनेडा से साउथ अफ्रीका तक खुद का जहाज उड़ाया करते थे। वे माइग्रेट होने के बाद अपने पूरे परिवार सहित हमेशा के लिए प्रेटोरिया में सेटल हो गए थे मगर कभी-कभी वे लोग नोर्वे, स्कॉट और आस्ट्रेलिया जाया करते थे। मेये हेल्डीमेन (Maye Haldeman) और एरोल मस्क बचपन से ही एक दुसरे को चाहते थे। जब वे बड़े हुए तो दोनों ने शादी कर ली और उसके बाद जल्द ही एलन का जन्म हुआ। मस्क 28 जून, 1971 को पैदा हुए थे। उनके पिता एरोल मस्क एक सक्सेसफुल इंजीनियर थे वहीं माँ मेये (Maye) एक डाइटीशियन थी। एलन के अलावा उनके दो बच्चे और धे, किम्बल और टोस्का थे।

एलन का बचपन काफी अकेलापन भरा था क्योंकि वे एक हाइपर-सेंसिटिव और सेल्फ-डिफेक्टिव लड़का था। अपने बच्चों के लिए और खुद के लिए भी, एरोल मस्क ने बहुत मेहनत की। और उसके बाद उसने अपने पूरे परिवार को अमेरिका की तरफ जाने के लिए तैयार किया ताकि उनकी लाइफ में एक नया मोड़ आए। एलन का पहले से ही एक बड सपना था – वॉर ऑफ द वर्ल्ड्स राइटर की कहानी को सच करना और टेस्ला नाम की इलेक्ट्रिक कार बनाना।

Elon Musk's Journey

मार्च 2000 में एक्स।कॉम का मर्जर

मार्च 2000 में एक्स।कॉम अपने कॉम्पीटीटर कोनफिनिटी के साथ मर्ज हो गयी। मस्क के पास अभी भी कंपनी के ज़्यादातर शेयर थे और कंपनी का नाम भी नहीं बदला गया। मगर फिर एक्स।कॉम और कोनफ़रिनिटी की अनबन होने लगी जिसकी वजह थी दोनों का अलग कल्चर और डीसीजन मेकिंग

Employees के एक ग्रुप ने मस्क को कंपनी से बाहर करने की प्लानिंग की। मस्क के बदले वे कोनफ़रिनिटी के पीटर थियेल को सीईओ बनाना चाहते थे। इस दौरान मस्क अपनी पत्नी जस्टिन के साथ हनीमून मना रहे थे। उन्हें जब इस बात का पता लगा उन्होंने कम्पनी को अपने फैसले पर दुबारा सोच-विचार करने की गुजारिश की। मगर तब तक बात हाथों से निकल चुकी थी। उन्हें पता चला कि कंपनी ने अपना फैसला ले चुकी थी। मस्क उस कंपनी में अपनी पॉवर खो बैठे थे जिसे उन्होंने ही शुरू किया था।

जून 2001 में री-ब्रांड

जून 2001 में एक्स।कॉम पे-पाल के नाम से री-ब्रांड की गई। कंपनी एडवाइज़र के तौर पर मस्क की नौकरी सीक्योर थी। उन्होंने और पैसा इन्वेस्ट अपना बनाकर वे पे-पाल सबसे बड़े स्टेक होल्डर बन गए। इस वक्त तक उनका डॉट कॉम का बुखार अब उतरने लगा था। बाकी टेक कंपनीज बेचने की जल्दबाजी में लगी थी।

मस्क ने बोर्ड को offers ठुकराने के लिए मना लिया था पे-पाल का एनुवल रेवेन्यू बड़कर $240 मिलियन हो चुका था। अब ये अपने पैरो पर मजबूती से खड़ी कंपनी बन चुकी थी जो अब पब्लिक हो सकती थी। और तभी 2002 में पे-पाल को ई-वे से $115 बिलियन का ऑफर मिला। ये एक बहुत बड़ा और शानदार ऑफर था। टैक्स काटने के बाद भी मस्क पूरे $180 मिलियन अपने पास रख सकते थे। पे-पाल डॉट कॉम बबल से बच मिकला था। ये सब मस्क की बिजनेस इंस्टिंक्ट और टेक्नोलोजी ट्रेंड में उनकी कुशलता का नतीजा था। 9/11 के हमले के बावजूद कंपनी ने एक सक्सेसफुल आईपीओ (IPO) बनाया। भले ही टेक्नोलोजी इंडस्ट्री डाउन हो गयी मगर पे-पाल एक विनर बनकर उभरा।

स्पेस में चूहा

जून 2001 में एलन मस्क जब अपने तीसवे साल में थे, वे और उनकी पत्नी सिलिकोन वैली छोड़कर लोस एंजेल्स शिफ्ट हो गए। उनका बनाया पे-पाल एक सफल प्रोजेक्ट रहा था। अब वे अपने सपने स्पेस ट्रेवल और राकेट शिप्स पर ध्यान दे सकते थे, और इसके लिए लोस एंजेल्स से बढ़कर कोई और बढ़िया जगह नहीं थी क्योंकि वहां का मौसम एरोनोटिक्स के लिहाज़ से अच्छा था।

मस्क ने अपने जैसे ही कुछ लोग ढूंढ़ लिए। उन्होंने मार्स सोसाइटी नाम का एक ग्रुप भी ज्वाइन कर लिया था जो मार्स पर जीवन की संभावना तलाश रहा था। ट्रांसलाइफ नाम से इस ग्रुप का एक प्रोजेक्ट भी था। ये एक कैप्सूल के आकार का बनने वाला था जो अर्थ के चक्कर लगाये। और इसके क्यू मेम्बर चूहे बनने वाले थे। मस्क ने $500,000 मार्स सोसाइटी और इसके प्रोजेक्ट के लिए दिए। उन्होंने सुझाव रखा कि ट्रांसलाइफ मिशन को मार्स तक ही एक्सटेंड करना चाहिए।

एक दिन मस्क नासा की वेबसाइट ब्राउज़ कर रहे थे। उन्हें गहरी निराशा हुई क्योंकि मार्स एक्सप्लोरशन का कहीं पर भी कोई एक्जेक्ट शेड्यूल या पुख्ता प्लान नहीं दिया गया था। मस्क ने एरोस्पेस पर कई किताबें पढ़ी। उन्होंने राकेटशिप को प्लान करने के लिए टेलेंटेड इंजीनियर्स को अपने साथ काम पर रखा। उन्होंने कम बजट वाले रॉकेट्स का परफॉर्मेंस स्टडी किया। उस वक्त के रॉकेट्स सिर्फ रसियन बनाते थे। बोईंग और लॉक हील बहुत ज्यादा महंगे थे और बड़े से बड़े सेटेलाइट्स उठा सकते थे। मस्क इनसे कुछ सस्ते रॉकेट्स बनाना चाहते थे जो रिसर्च और कमर्शियल इस्तेमाल के लायक हो। जब ई-बे ने पे-पाल खरीदा था तो मस्क ने इस डील से सौ मिलियन डॉलर की कमाई की थी। उन्होंने ये पैसा मार्स के लिए राकेट शिप बनाने में लगा दिया।

स्पेस एक्स का निर्माण

जून 2002 में स्पेस एक्सप्लोरेशन टेक्नोलॉजी बनाई गई। इसमें मस्क के साथ मार्स सोसाइटी के मेम्बर और लोस एंजेल्स के वे लोग भी जुड़े जो स्पेस एन्थ्युयास्टिक थे। स्पेस एक्स (Space-X) को लेकर मस्क बहुत एक्साइटेड थे। हालांकि इस दौरान उनके परिवार में एक दुखद घटना घट गई। उनकी पत्नी जस्टिन ने एक बेटे को जन्म दिया था जिसका नाम नेवेडा एलेक्जेंडर मस्क रखा गया था। लेकिन 10 दिन के अंदर ही वो बच्चा चल बसा।

हुआ यूँ कि एक रात एलन और जस्टिन ने बच्चे को बिस्तर पर सुलाया। नेवेडा गहरी नींद में पीठ के बल सो गया था। जब कुछ देर बाद उसके पेरेन्ट्स उसे देखने गए तो उन्होंने पाया कि उसकी सांसें नहीं चल रही थी। डॉक्टर्स इसे सडन इनफेंट डेथ सिंड्रोम (sudden infant death syndrome) कहते हैं। मस्क की पत्नी जस्टिन और वो उस समय बहुत परेशान थे। मगर जब उन्होंने खुद को संभाला तो उन्होंने बच्चे की मृत्यु को एक सिख के तौर पर लिया और इसी दुख को अपनी मोटिवेशन बना लिया।

स्पेस एक्स का आरंभिक प्रोजेक्ट्स

स्पेस एक्स के फर्स्ट प्रोजेक्ट्स में फाल्कन 1 और फाल्कन 5 शामिल थे। मस्क ने बहुत सी राकेट्स के डिज़ाइन को स्टडी किया और अपने इंजीनियर्स को अपना डिजाइन बनाने के लिए कहा। इसके लिए उनका ऑब्जेक्टिव था कि कम बजट में ज्यादा से ज्यादा पैलोड स्पेस प्रदान किया जाए। इस मिशन के अंतर्गत उन्होंने दो प्रोजेक्ट्स की योजना बनाई - फाल्कन 1 और फाल्कन 5

इन प्रोजेक्ट्स में फाल्कन 1 पहला सफल प्रोजेक्ट रहा। मगर जब फाल्कन 5 बनाया गया तो वो अपनी फ्लाइट टेस्टिंग के दौरान खराब हो गया। स्पेस एक्स ने इस प्रोजेक्ट को तब तक बंद कर दिया जब तक वो सफल रॉकेट्स की निर्मित नहीं कर पाते। इसके बाद स्पेस एक्स ने अपने प्रोजेक्ट्स को दुसरी ओर मोड़ दिया।

स्पेस एक्स ने अपने तरीके से अपने सपनों को अंजाम दिया। इसके लिए उन्होंने बहुत मेहनत की और अपने मिशन को लेकर बहुत सतर्क रहे। हालांकि कई चुनौतियों का सामना किया लेकिन अंततः उन्होंने स्पेस टेक्नोलॉजी में अपनी जगह बनाई।

आने वाले दशक में स्पेस एक्स

आने वाले दशक में स्पेस एक्स ने कई महत्वपूर्ण माइलस्टोन अचीव किए। फाल्कन 9 और फाल्कन हैवी जैसे रॉकेट्स की लॉन्चिंग ने उन्हें एक नई पहचान दिलाई। मस्क का सपनों का रॉकेट स्टारशिप भी विकसित हुआ। इसके अलावा, स्पेस एक्स ने मंगल ग्रह पर इंसानी बसावट की दिशा में कई प्रयास किए।

स्पेस एक्स की रोकेट टेक्नोलॉजी के कारण उन्होंने अंतरिक्ष यात्रा को सस्ता और सुलभ बनाया। इसके साथ ही, उन्होंने प्राइवेट सेक्टर को भी अंतरिक्ष में अपनी पहचान बनाने का मौका दिया।

इस प्रकार, एलन मस्क ने अपने बिजनेस के ड्रीम्स को साकार करने के लिए काफी मेहनत की और आज वे स्पेस के लिए अपनी क्रांति की दिशा में अग्रसर हैं।

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Electric Car Overview and Elon Musk's Unified Theory

Electric Car Overview

टेस्ला मोटर्स ने 2012 से ही एस सीडेन (sedan) का मॉडल बाज़ार में उतार दिया था। यह लक्ज़री कार पूरी तरह से इलेक्ट्रिसिटी पर चलती है और सिंगल बैटरी रीचार्ज पर 300 मील की दूरी तय कर सकती है। इसकी रफ्तार 4.2 सेकंड्स में 60 miles per hour है। इसमें दो टूंक हैं और इसकी सीट कैपेसिटी 7 लोगों की है।

आयल कारों में इस्तेमाल होने वाले इंजन और मशीनरी के बगैर, मॉडल एस (Model-S) लगभग बिना किसी शोर के चलती है। इसमें सिर्फ एक ही बैटरी पैक है और इसके पीछे के हिस्से में एक इलेक्ट्रिक मोटर लगी है। मॉडल एस बाकी लक्ज़री सीडेन गाड़ियों से हर मामले में आगे है। इस कार के अंदर एक 17 इंच की टच स्क्रीन है जहाँ से ड्राइवर कार के सभी कंट्रोल्स जैसे स्टीरियो वॉल्यूम एडजस्टिंग या एयर कंडिशन वगैरह कण्ट्रोल कर सकता है। इसमें नेविगेशन और म्यूजिक स्ट्रीमिंग के लिए एक इंटरनेट कनेक्शन भी मौजूद है। इसलिए तो मॉडल एस को जगह घेरने वाली भारी-भरकम डेशबोर्ड की ज़रूरत नहीं पड़ती।

इसे चलाने वाले को किसी चाबी या इग्निशन बटन की ज़रूरत नहीं है। इसमें बैठते ही इसका सेंसर ड्राइवर का वजन डिटेक्ट कर लेता है और कार खुद ही स्टार्ट हो जाती है। इसके अलावा मॉडल एस को हाइवे के किनारे बने किसी भी सोलर पॉवर स्टेशन पर फ्री रीचार्ज किया जा सकता है।

खरीद और मेंटेनेंस

ड्राइवर सीधा जाकर मॉडल एस के स्टोर्स में जाकर इसे खरीद सकता है या ऑनलाइन भी आर्डर कर सकता है। किसी भी सूरत में इलेक्ट्रिक कार सीधे आपके घर या ऑफिस या जहाँ आप चाहें वहां डिलीवर कर दी जाएगी। क्योंकि इसे कून अप या आयल चेंज की ज़रूरत नहीं पड़ती, तो मॉडल एस की मेंटेनेंस भी बहुत कम है। अगर कभी रिपेयर की ज़रूरत पड़े तो टेस्ला के इंजीनियर आकर इसे खुद लेकर जाएंगे।

टेस्ला ने एक स्मार्टफोन ऐप भी बनाया है जो मॉडल एस के साथ मिलता है। इससे आप अपनी गाड़ी की लोकेशन का पता लगा सकते हैं। इसमें सॉफ्टवेयर अपडेट करके जैसे कि फास्टर रीचार्ज, टेस्ला ने इलेक्ट्रिक कार को लगभग एक गैजेट ही बना दिया है। जैसा कि इसके पहले खरीददारों में से एक का कहना है, "इसने ट्रांसपोर्टेशन को पूरी तरह बदल दिया, ये पहियों पर रखा एक कंप्यूटर है।"

एलन मस्क की यूनीफाइड थ्योरी

राइव ब्रदर्स अपने कजिन एलन मस्क के साथ साउथ अफ्रीका में पले-बढ़े थे। डॉट कॉम बबल के आने से पहले उन्होंने एवरड़ीम नाम से एक सॉफ्टवेयर कंपनी खोली थी। ये भाई अब कोई नया वेंचर ढूंढ रहे थे। मस्क ने सलाह दी कि उन्हें सोलर एनर्जी के फील्ड में कुछ करना चाहिए।

उस वक्त तक सोलर पैनेल खरीदकर इंस्टाल करना ग्राहकों के लिए काफी मुश्किल काम था। और इस बात की भी कोई गारंटी नहीं थी कि घर की छतों पर लगे सोलर पैनेल को पर्याप्त सूरज की रौशनी मिलेगी। राइव भाइयों ने 2006 में सोलर सिटी की शुरुआत की। कंपनी के पास ऐसा सॉफ्टवेयर था जिससे पता चल सकता था कि सोलर एनर्जी सोर्स किसी भी जगह के लिए कमपेटीबल है कि नहीं।

सोलर सिटी और टेस्ला का विकास

साल 2012 में सोलर सिटी एक पब्लिक कंपनी बन गई और 2014 में इसकी नेट वर्थ $7 बिलियन तक पहुँच चुकी थी। मस्क ने देखा कि सिर्फ घंटे भर की सोलर एनर्जी से दुनिया की पूरी एनर्जी डिमांड एक साल तक पूरी की जा सकती है। इसका तरीका यह था कि बैटरी पैक्स को चार्ज रखा जाए जिन्हें रात के समय और बिजली जाने पर इस्तेमाल किया जा सके।

साल 2025 में टेस्ला की बनाई 6 गाड़ियाँ मार्केट में आ जाएंगी। आने वाले समय में सोलर सिटी एक बहुत बड़ी यूटिलिटी कंपनी बन जाएगी। स्पेस एक्स वीकली फ्लाइट्स से हर हफ्ते कार्गो और इंसानों को स्पेस में भेज सकता है। इसके रियूज़ेबल रॉकेट्स मून का चक्कर काटकर धरती पर वापस ठीक उसी लोकेशन पर लौट आएंगे जहाँ से लॉन्च हुए थे।

एलन मस्क का दृष्टिकोण

एलन मस्क की यूनिफाइड फील्ड थ्योरी यह है कि उनकी सभी कंपनियाँ एक दुसरे से रिलेटेड हैं। उनकी कंपनी सोलर सिटी इलेक्ट्रिक कार को रीचार्ज करने के लिए सोलर पैनेल प्रोवाइड करती है। टेस्ला बैटरी पैक्स प्रोड्यूस करती है जिन्हें सोलर सिटी बेचती है। स्पेस एक्स और टेस्ला अपने प्रोडक्ट्स के डिज़ाइन और मैन्यूफैक्चर पर नॉलेज शेयर करती है। तीनों ही कंपनियाँ मस्क के भविष्य के सपने को रिप्रेजेंट करती हैं।

मस्क की चुनौतियाँ और सफलता

एलन मस्क के जीवन में कई मुश्किल घड़ियाँ आईं। बचपन में उन्हें स्कूल में बहुत परेशान किया गया। उनके पिता के साथ उनका रिश्ता खटास भरा रहा। अपने पहले बच्चे की मौत का सदमा उन्हें झेलना पड़ा और उनकी पहली शादी भी टिक नहीं पाई।

उन्होंने कई बार संघर्ष किया, लेकिन हार कभी नहीं मानी। मस्क वीकेंड्स पर भी काम करते थे और यही वे अपने एम्प्लोयीज़ से भी चाहते थे। एक ऐसा वक्त भी आया जब वे तलाक के बाद जस्टिन के साथ साउथ अफ्रीका घूमने गए। वहां उन्हें मलेरिया हो गया और उन्हें 10 दिन तक आईसीयू में रहना पड़ा। मस्क ने कहा, "मैं मरते-मरते बचा हूँ, छुट्टियों के बारे में मेरा यही विचार है कि छुट्टियां जानलेवा हो सकती हैं।"

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