
BRAHM KA SWAANG by Munshi premchand.
About औरत मैं असल में अभागिन हूँ, नहीं तो क्या मुझे रोज ऐसे बुरे नजारे देखने पड़ते दुख की बात यह है कि वे मुझे सिर्फ देखने ही नहीं पड़ते, बल्कि …
BRAHM KA SWAANG by Munshi premchand. Read MoreDiscover Insightful Book reviews here
Books hold unparalleled importance in our lives.
About औरत मैं असल में अभागिन हूँ, नहीं तो क्या मुझे रोज ऐसे बुरे नजारे देखने पड़ते दुख की बात यह है कि वे मुझे सिर्फ देखने ही नहीं पड़ते, बल्कि …
BRAHM KA SWAANG by Munshi premchand. Read Moreपंडित चंद्रधर ने अपर प्राइमरी में पढ़ाने का काम तो कर लिया था, लेकिन हमेशा पछताया करते थे, कि कहाँ से इस मुसीबत में आ फैसे। अगर किसी दूसरे दफ्तर में …
BODH by Munshi premchand. Read MoreAbout Book कहते हैं कि बुढ़ापा एक बार फ़िर से बचपन का दौर लेकर आता है। बूढ़ी काकी के साथ भी ऐसा ही कुछ था, वो अपने जीभ के स्वाद से …
BOODHI KHAKI by Munshi premchand. Read Moreबेतवा नदी दो ऊँचे किनारों के बीच इस तरह मुँह छिपाये हुए थी जैसे साफ दिलों में हिम्मत और उत्साह की धीमी रोशनी छिपी रहती है। इसके एक किनारे पर एक …
BETI KA DHAN by MUnshi premchand. Read MoreAbout शाम को जब दीनानाथ ने घर आकर गौरी से कहा, कि “मुझे एक ऑफिस में पचास रुपये की नौकरी मिल गई है”, तो गौरी खिल उठी। देवताओं में उसका विश्वास …
BASSI BHAAT ME KHUDA KA SAJHA by Rabindranath Tagore. Read MoreAbout Book मेरे भाई साहब मुझसे पाँच साल बड़े थे, लेकिन मुझसे सिर्फ़ तीन क्लास आगे थे । उन्होंने भी उसी उम्र में पढ़ना शुरू किया था जब मैने शुरू किया …
BADE BHAI SAHAB by Munshi premchand. Read MoreAbout नामों को बिगाड़ने की रीत न जाने कब चली और कहाँ से शुरू हुई। अगर आप हर जगह फैली इस बीमारी का प्रता लगा पाए, तो आप मशहूर हो जाएँगे। …
AANSUO KI HOLI by Munshi premchand. Read MoreAbout महाशय दयाकृष्ण मेहता के पाँव जमीन पर न पड़ते थे। उनकी वह इच्छा पूरी हो गयी थी जो उनके जीवन का सुंदर सपना था। उन्हें वह राज्याधिकार मिल गया था …
AADARSH VIRODH by Munshi premchand. Read MoreAbout पिछले आठ सालों में मैंने अपने दोस्त शरलॉक होम्स के तौर-तरीकों को स्टडी किया हैं, उनमें से कुछ 70 अजीब केसेस में मैंने जो नोट्स लिखे थे, उन्हें देखकर मैंने …
THE ADVENTURE OF SPECKEL BAND by Arthur Conan Doyle. Read MoreAbout साधारण इंसान की तरह शाहजहाँपुर के डिस्ट्रिक्ट इंजीनियर सरदार शिवसिंह में भी भलाइयाँ और बुराइयाँ दोनों ही थीं। भलाई यह थी कि उनके यहाँ इंसाफ और दया में कोई न …
SAJJANTA KA DANG by Munshi premchand. Read More