BLINK by Malcolm

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BLINK by Malcolm
Book Summary

About the Book

ये बुक ब्लिंक हमे सिखाती है कि हम अपने अनकांशस माइंड का यूज़ करके कैसे अपनी लाइफ ईजी बना सकते है. ये हमे सिखाती है कि हम कैसे अपनी वे ऑफ़ थिंकिंग चेंज कर सकते है, कैसे चीजों को एक्सेप्ट करना है और अपना रिएक्शन देना है. ये बुक अपने रीडर्स को एक डिफरेंट पर्सपेक्टिव से इस दुनिया को देखना सीखाती है. ये बुक आपके अनकांशस माइंड की अनलिमिटेड पोसीबिलीटीज को अनलोक करने में हेल्प करेगी.

ये बुक समरी किस किसको पढनी चाहिए? वो लोग जो डिसीजन मेकर्स और बिजनेस लीडर्स है या मिलिट्री और पोलिटिक्स में है, फेमिली मेंबर्स, ऑर्गेनाइजेशंस मेंबर्स को भी ये बुक समरी ज़रूर पढनी चाहिए. ये बुक हर उस इन्सान को इंस्पायर करती है जो अपनी डिसीजन मेकिंग स्किल्स इम्प्रूव करना चाहते है.

About the Author

मल्कोल्म ग्लैडवेल, एक ट्रस्टेड जर्नलिस्ट और बेस्ट सेलिंग ऑथर है. वो 1996 से न्यू यॉर्कर के लिए लिख रहे है. ग्लैडवेल की अब तक टोटल 6 बुक्स पब्लिश्ड हो चुकी है. और उनमे से ज्यादातर न्यू यॉर्क टाइम्स बेस्ट सेलर लिस्ट में भी रही है.

Introduction

आप अपनी इंस्टिंक्ट सुनते हो? क्या कभी सोच के देखा है कि अगर आप अपनी इंस्टिंक्ट सुनने लगोगे तो क्या होगा? अगर हम हर चीज़ को साइंटिफिक डेटा और स्टेटिसस्टिक के बेस पर मेजर करना छोड़ दे तो क्या होगा? शायद आप रोज़मर्रा की लाइफ में डिसीजन लेते वक्त अपने इंस्टिंक्ट की सुनते होंगे. लेकिन बात जब पैसे, रिलेशनशिप, बिजनेस या आपकी लाइफ के किसी कोम्पलिकेटेड और इम्पोर्टेंट टॉपिक पर हो, तो हम सिर्फ अपने इंस्टिंक्ट के भरोसे नहीं बैठ जाते, तब हमे स्ट्रेट फॉरवर्ड इन्फोर्मेशन चाहिए होती है ताकि हम कोई सोलिड डिसीजन ले सके.

और उस वक्त अक्सर हम अपने इंस्टिंक्ट को इग्नोर करना ही ठीक समझते. आप ये सीखेंगे कि अपने इसिक्ट के बेस पर लिए गए डिसीजन उतने ही राईट होते है जितने कि कलेक्टिव डेटा और इन्फोर्मेशन पर बेरड डिसीजन माने जाते है. ऐसा नहीं है कि जल्दबाज़ी में लिए गए डिसीजन हमेशा गलत हो, कई बार तुरत किये गए फैसले भी उन फैसलों के मुकाबले काफी बेहतर साबित होते है जो हम काफी रीसर्च और सोच विचार के बाद लेते है. मगर ये भी एक सच है कि कई बार हमारे इंस्टिंक्ट ही हमे धोखा दे देते.

The Theory of Thin Slices

थिन स्लाइसेस थ्योरी: कैसे थोड़ी बहुत नॉलेज हमारी लाइफ में काफी काम आती हैं. असल में हमारे अनकांशस माइंड की जो काबिलियत होती है कि वो पैटर्न बना सके और कनक्ल्यूजन यानी निष्कर्ष पर पहुँच सके, उसे थिन स्लाईसिंग बोलते है. ये आपकी नैचुरल पावर है. जब लोगों को ऑब्जर्व करते है, उनके बिहेवियर पैटर्न को करीब से देखने के बाद ही किसी सोल्यूशन में पहुँचते है.

हमारा माइंड इन्फोर्नेशन कलेक्ट कर सकता है जो वही इन्फोर्मेशन प्रोवाइड करता है जिसकी हमे ज़रूरत होती है. थिन स्लाईसिंग की थ्योरी को अच्छे से समझना हो तो साइकोलोजिस्ट सैमुएल के एक्सपेरिमेंट से समझ सकते है. उन्होंने 80 कॉलेज स्टूडेंट्स के साथ एक एक्सपेरिमेंट किया. गोसलिंग ने इसके लिए "बिग फाइव इन्वेंटरी" यूज़ की.

Big Five Parameters
Parameter Description
Extraversion सामाजिक और आउटगोइंग स्वभाव
Agreeableness सहयोगी और दोस्ताना स्वभाव
Conscientiousness सजग और जिम्मेदार व्यवहार
Emotional Stability भावनात्मक स्थिरता
Openness नई चीजों को लेकर ओपननेस

इसमें कुछ सवाल होते है जो लोगों को 5 पैरामीटर्स पर मापते है. और ये 5 पैरामीटर्स है एक्स्ट्रावर्शन, एग्रीएबलनेस, कॉँसेशिय्सनस, इमोशनल स्टेबिलिटी और ओपननेस. गोसलिंग ने सबसे पहले उन 80 स्टूडेंट्स के क्लोज फ्रेंड्स को चूज़ किया कि वो इन सवालों के जवाब दे.

उसके बाद उन्होंने एकदम अजनबी लोगो से उन सवालों के जवाब पूछे. ये अजनबी लोग उन 80 स्टूडेंट्स से कभी नहीं मिले थे. फिर इन्हें बोला गया कि वो सिर्फ 15 मिनट के लिए इन स्टूडेंट्स के रूम एक्सप्लोर कर सकते हैं. उसके बाद रिजल्ट्स को कम्प्यर किया गया. अब, कोई ये सोचेगा कि उन 80 स्टूडेंट्स के जो क्लोज फ्रेंड्स थे, वो उनके बारे में अजनबी लोगो से पहले बैटर जानते होगे. लेकिन रिजल्ट इसके एकदम उल्टा था.

The Locked Door

अब जब आप थिन स्लाईसिंग के बारे जान ही चुके है तो अब ज़रा इसकी इम्पोर्टेंस के बारे में बात कर लेते हैं. दो मिनट के अंदर लिए गए फैसले या स्नैप जजमेंट थिन स्लाईसिंग पर बेस्ड होते है. हमारा अनकांशस माइंड स्नैप डिसीजंस लेता है. और कई बार तो आप सोचते रह जाते है कि आपने ये डिसीजन ले कैसे लिया था.

क्योंकि स्नैप डिसीजन एक लोक्ड डोर के पीछे डिसाइड किये जाते है जिनका कोई रीजन समझ नहीं आता. आमतौर पर लोग स्नैप डिसीजंस इग्नोर कर देते है. क्योंकि ये यकीन करना मुश्किल है कि हमारे माइंड में कोई लोक्ड डोर भी हो सकता है. और ये डोर हमारे काशस माइंड को अनकांशस माइंड से अलग करता.

The Warren Harding Error

इस चैप्टर में हमे स्नैप जजमेंट के डार्क साइड को जानने का मौका मिलता है. थिन स्लाईसिंग कई सालो की ओब्ज़ेविंग के बाद आती है. पर स्नैप जजमेंट सिर्फ फर्स्ट इमोशन्स पर बेस्ड होते है. स्नैप जजमेंट अक्सर बिना ज्यादा खोजबीन के लिए जाते है और इसीलिए कई बार इसका गलत रिजल्ट भी मिलता है. फर्स्ट इम्प्रेशन हमारे पहले के एक्सपीरियंस पर बेस्ड होते है.

अगर किसी चीज़ को लेकर आपका पास्ट में अच्छा अनुभव रहा है तो आपका अनकांशस माइंड उसी तरफ जाएगा. फर्स्ट इम्प्रेशंस अनकांशस माइंड में बनते है और आपको पता भी नहीं चलता, लेकिन फर्स्ट इम्प्रेशंस को जो एक्सपीरियेंस फर्स्ट इम्प्रेशन्स के लिए रिस्पोसिबल होते है उन्हें चेंज करके हम इन्हें कण्ट्रोल कर सकते है.

इस चैप्टर में हम दो एक्जाम्पल देखेंगे, वारेन हार्डिंग एक छोटे से टाउन में एक न्यूजपेपर के एडिटर थे, उनकी एज 35 साल थी, देखने वो एक टाल डार्क और हैण्डसम मैन थे. लेकिन वो इतने इंटेलिजेंट नही थे. उनकी मुलाकात दौघेर्टी से हुई जो एक लॉयर और लोबीईस्ट थे, वो वारेन के गुड लुक्स से बड़े इम्प्रेस्ड हुए.

Text with Formatting

Implicit Association Tool and Thin Slicing

देखा था बल्कि उन्होंने सिर्फ उनके गुड लुक्स sherty पर धयान दिया था. एक टेस्ट है आईएटी (IAT) या इम्पलिसिट एसोशिएशन टूल (Implicit Association Tool) जो इंसान के बिलीफ और बिहेवियर के बीच कनेक्शन चेक करने के लिए डिजाइन किया गया है. ये टेस्ट कॉलेज स्टूडेंट्स पर किया गया. उन्हें नामों की एक लिस्ट देकर पुछा गया कि इनमें कौन मेल है और कौन फीमेल, ये टेस्ट काफी सिम्पल और क्विक था.

फिर टेस्ट को रीपीट किया गया लेकिन इस बार नाम और कैटेगरीज चेज़ कर दी गयी. इस टाइम स्टूडेंट्स को बोला नामो को दो कैटेगरीज में में डिवाइड करे: मेल या फेमिली और फिमेल या करियर, ये टेस्ट पहले वाले से थोड़ा मुश्किल था इसलिए रिएक्शन टाइम भी बढ़ा दिया गया. क्योंकि कुछ लोगो के लिए मेल को फेमिली के साथ और फिमेल को करियर के साथ रिलेट करना मुश्किल था. दरअसल ये लोग अपने एक्सपीरिएस की वजह से एकतरफा सोच रखते थे. फिर सेम यहीं टेस्ट दो डिफरेंट कैटेगरीज़ के साथ रीपीट किया गया.

Categories and Results

ये कैटेगरीज़ थी: योरोपियम या बुरे लोग और अफ्रीकन अमेरिकन या ग्लोरियस और वंडरफुल, ये वाला टस्ट स्टूडेट्स के लिए कुछ ज्यादा लोग. इस लिस्ट में कुछ ऑब्जेक्टिव भी रखे गए थे जैसे कि हर्ट, ईविल, ही मुश्किल था और इसलिए उनसे ये टेस्ट हो नहीं पाया.

एक बार फिर टेस्ट रीपीट किया गया. इस बार लिस्ट ऑफ़ आइटम्स सेम थे मगर चेंजड कैटेगरीज़ के साथ, जैसे अफ्रीकन अमेरिकन या बुरे लोग और योरोपियन अमेरिकन या अच्छे लोग. इस बार टेस्ट सिम्पल था. वो इसलिए एक्योंकि स्टूडेंट्स को अफ्रीकन अमेरिकंस को अच्छी चीजों से रिलेट करना मुरश्किल लग रहा था.

Test Version Difficulty Categories
Version 1 Simple Male-Female
Version 2 Medium Male-Family, Female-Career
Version 3 Hard European-Bad, African American-Glorious
Version 4 Simple African American-Bad, European-Good

Influence of Reading on Bias

क्योंकि उनके माईंड में अफ्रीकंस को लेकर एक नेगेटिव इमेज थी, वो में रकस की जच्छी काजा एक स्टूडेंट को बोला गया कि वो अपने माइंड से बाएस्ड सोच हटाने के लिए रोज़ ये टेस्ट करे, लेकिन उस स्टूडेंट की सोच नहीं बदली. फिर एक दिन उसे बोला गया कि वो मार्टिन लूधर किंग, कोलिन पोवेल या नेल्सन मंडेला जैसे लीडर्स की बुक्स पढ़े, फाइनली इस स्टूडेंट की सोच चेंज हुई और उसका आईएटी स्कोर भी चेंज हुआ.

क्योंकि अब उस स्टूडेंट का आईएटी स्कोर (IAT score) इम्प्रूव हो गया था तो उसने ब्लैक लोगो को पोजिटिव लाईट में देखना शुरू कर दिया था, ग्रेट ब्लैक लीडर्स की बुक्स पढ़ने से उसकी ट्रेडिशनल थिंकिंग अब चेंज हो गयी थी. तो इसका मतलब है कि हम अपने एन्वायर्नमेंट और एक्सपीरिएसचेंज करके किसी भी चीज़ को लेकर अपने फस्स्ट इम्प्रेशन को चेंज कर सकते है.

Paul Van Riper's Big Victory

पॉल वैन रिपरस बिग विक्ट्री: क्रिएटिंग स्ट्रक्चर फॉर स्पोंटेनिटी (पॉल वैन रिपर की बिग विक्ट्री: स्पोटेनिटी के लिए स्ट्रक्चर क्रिएट करना. Paul Van Riper's Big Victory: Creating Structure for Spontaneity)

पहले के चैप्टर्स में हमने थिन स्लाईसिंग के डार्क साइड के बारे में पड़ा. लेकिन ऐसा नहीं है कि स्नैप जजमेंट हमेशा गलत होते हैं. कई बार तो ये रेशनल डिसीजस से बैटर निकलते है. ज्यादा इन्फोर्मेशन हमेशा सही होगी ऐसा नहीं है. कई बार ये हमारे डिसीजन मेकिंग प्रोसेस को हार्म भी करती है. और हम डिसीजन लेने में टाइम लगाते है. टाइम बड़ा कीमती है और लाइफ थ्रेटनिंग सिचुएशंस में आप टाइम वैस्ट बिलकुल नहीं कर सकते, बेस्ट डिसीजन मेकिंग प्रोसेस में दो की एलिमेंट्स होते है, और ये है रेश्न्लिज्म और इंट्युशन.

War Games Example

यहाँ हम इसे समझने के लिए एक एक्जाम्पल लेते है. पॉल वैन रिपर एक ओल्ड आर्मी मेन था. वियतनाम की लड़ाई में उसे मरीन कमांडर लीडर की ड्यूटी मिली थी. रिपर एक रिस्पोंसिबल लीडर था जो हमेशा अपने सोल्जर्स की हेल्प के लिए रेडी रहता था.

2000 में एक बड़ा कॉस्टली "वॉर गेम" या मिलेनियम चेलेंज" क्रिएट किया गया था जिसका मकसद था अमेरिकन एप्स को वॉर सिस्टम के लिय रेडी करना और वार के न्यू स्पेक्यूलेश्स को टेस्ट करना. वार गेम में दो टीम्स थी, ब्ल्यू टीम और रेड टीम. ब्ल्यू टीम ने ये चेलेज जीतने के लिए" ऑपरेशन नेट एस्सेस्मेंट" नाम से एक टूल क्रिएट किया. ये एक बेसिक लीडरशिप सिस्टम था जिसमे हर मिलिट्री चॉइस को डिफरेंट कंपोनेंट्स जैसे मोनेटरी, पोलिटिकल और सोशल कंपोनेंट्स में बांटा गया था.

Red Team's Strategy

दूसरी तरफ रेड टीम ने इस चेलेंज में कुछ अलग टाइप की स्ट्रैटेजीज़ यूज़ की. वैन रिपर रेड टीम के कमांडर थे. वो अपनी टीम को स्नैप डिसीजन्स के बेस पर लीड कर रहे थे. उनके हिसाब से बेसिक लीडरशिप टेक्नीक्स बेकार में ही ढीली-ढाली होती है और वॉर में इतना सोचने का टाइम नही मिलता.

जब वार गेम स्टार्ट हुई तो बल्यू टीम ने रेड टीम को सरेंडर करने बोला. रेड टीम ने मना किया तो दुश्मन टीम ने उन पर बोम्ब गिराने शूरू कर दिए. ब्ल्यू टीम को लगा कि ये रेड टीम के खिलाफ हैंड्स डाउन जीत होगी क्योंकि उनके पास ज्यादा इन्फोर्मेशन है. लेकिन ब्ल्यू टीम तब हैरान रह गयी कि जब रेड टीम आपस में बात करने के लिए कॉम्प्लीकेटेड कोड्स यूज़ कर रहे थे., और ब्ल्यू टीम ये कोड्स समझ नहीं पा रही थी, ये लोग अपनी जीत को लेकर कॉफिडेंट थे मगर जल्दी ही उन्हें अपनी गलती समझ आ गयी थी.

वैन रिपर ने सिचुएशन का भरपूर फायदा उठाया और ब्ल्यू टीम पर अटैक कर दिया. सब हैरान रह गए थे कि रेड टीम मिलेनियम चैलेंज जीत गयी थी बावजूद इसके यो संख्या में कम दरअसल कल्यू टीम अपने डेटा में ज्यादा डिपेंड थे, वो हर बात पे काफी लंबी डिस्कस करते थे और काफी कोम्प्लीकेटेड डिसीजंस लेते थे.

Kenna's Dilemma: The Right and Wrong Way to Ask People What They Want

कंपनीज आमतौर पर टेस्ट ओर पोल्स पर डिपेंड रहती है, ये जानने के लिए कि उनका कोई लोग ई प्रोडक्ट सक्सेसफुल है या नहीं, लेकिन इस प्रोसेस रेटिंग में जो इन्वोल्व होते है, वो कॉमन लोग होते है ना कि एक्सपर्ट, ये अपने व्यूज साफ़ तरीके से नहीं बता पाते हैं जिससे सही रिजल्ट का पता नहीं चलते, इसलिए मार्केटिंग टेस्ट और पोल्स कभी-कभी उतने काम के निकलते.

केन्या एक म्यूजिशियन धा. वी टाल और हैण्डसम था और वेल एजुकेटेड फेमिली से था. नहीं लुक्स के बावजूद वो काफी वेल बिहेब्ड था. केन्रा ने छोटी उम्र से गाने लिखने स्टार्ट कर दिए थे. रिकॉर्ड कंपनी के एक हेड उनमे से बेस्ट हटर ने केन्ना को जिस्कवर किया था और कैग कालमेन को उसका रेफरेंस दिया था, कालमेन (Kalirnan) एटलांटिक रिकार्डस का को-प्रेजिडेंट था. उसका काम था हज़ारो म्यूजिक सीडीज़ सुनकर उनमें चूज करना. उसे केन्ना के सोंग्स पंसद आये, और वो केन्ता को अपने साथ न्यू यॉर्क लेकर आ गए और इस तरह केन्ना की जर्नी स्टार्ट हुई, केन्ना कई प्रोड्यूसर्स से मिला और सबको उसके गाने पंसद आये.

डैनी विम्मेर, लिम्पबिज़किट बैंड के लीड सिंगर केन्ना से एक रिकार्डिग स्टूडियो में भिले और उसे साइन करने का फैसला किया. फिर पॉल मैकगिनीज़ (Paul MeGuinness.] यू2 (U2) के मैनेजर ने केना के सोंग्स सुने और उसे अपने साथ आयरलैंड ले आये, केन्ना ने फिर मोस्ट पोपुलर म्यूजिक चैनल एमटीवी के साथ एक म्यूजिक विडियो बनाया. ये वीडियो 475 बार प्ले किया गया. र वो इंसान जिसे म्यूजिक की समझ थी, उसे केन्ना के गाने बड़े पंसद आते थे. लेकिन जब उसके म्यजिक को मार्किट शीस्ज काी में स के कंपनी में भेजा गया उन्होंने उसके म्यूजिक को फेल कर दिया.

च कंपनी वेबसाइट पर सोंग्स का एक सैम्पल प्ले करती थी और सुनने वाले ऑडियो क्लिप को रेटिंग देते थे, ये काफी ओल्ड सिस्टम है ये बत्ाने हिट होगा या फ्लॉप होगा. हालाँकि म्यूजिक लवर्स को केन्ना के गाने हद से ज्यादा पसंद थे लेकिन रेटिंग एजेंसीज़ ने उसे एवरेज रेटिंग तक नहीं दी थी. पॉल मैकगिनीज़ को यकीन था कि केन्ना म्यूजिक की दुनिया बदल कर रख देगा. ये उसका स्नैप जजमेंट था. अटलांटिक रीकोर्ड्स के को-प्रेजिडेंट को भी केना के सांग बड़े पसंद आये थे. बावजूद इसके केन्ना का करियर चल नहीं पाया, क्योंकि मार्किट रीसर्च कपनी ने उसकी रेटिंग काफी डाउन कर दी थी.

म्यूजिक इंडस्ट्री में हिट होने के लिए वो कभी रेडियो तक पहुँच ही नहीं पाया जोकि काफी ज़रूरी था. फाइनली कोलंबिया रीकोर्डस ने केना को साइन किया. लाइव परफॉर्मेंस और कंसर्टस में केन्ना ने धूम मचा दी थी. लेकिन उसका करियर उस उंचाई तक कभी नहीं पहुंच पाया जो केन्ना डिज़र्व करता था, क्योंकि वो मार्किट फोकस ग्रुप को इम्प्रेस करने में फेल रहा. एक्चुअल में ये सब इसलिए हुआ क्योंकि प्रोफेशनल्स को तो अपने व्यूज़ वर्ड्स में एक्सप्रेस करना आता था मगर एवरेज ऑडियंस को नहीं. प्रोफेशनल्स ने केन्ना को अपने सामने परफॉर्म करते हुए देखा था, वो उसे पर्सन में भी देख चुके थे इसलिए उन्होंने थिन स्लाईस कर लिया कि केन्ना एक हिट सिंगर बनेगा. वही दूसरी तरफ फोकस ग्रुप ने सोंग का सिर्फ शोर्ट ऑडियो क्लिप सुना था. और उन्होंने भी बिना सोचे समझे थिन स्लाईस किया कि केन्ना के सोंग्स कोई खास अच्छे नहीं है.

Seven Seconds in the Bronx: The Delicate Art of Mind Reading

कोई क्रिटिकल डिसीजन लेना हो तो स्नैप जजमेंट इम्पोर्टेट है. प्रॉपर ट्रेनिंग और एक्स्पिरियेश के साथ हम अपने थिन स्लाईस ऑफ़ एक्स्पिरियेंश से काफी बड़े अमाउट में काम की इन्फोर्मेशन निकाल सकते है. किसी इन्सान के चेहरे को पढ़ने के लिए उसके फेशियल एक्सप्रेशन या बिहेवियर पर ध्यान देना चाहिए. आपकी ट्रेनिंग और एक्सपीरिएंस जितना ज्यादा होगा उतना ही आप अच्छा जज कर पाएंगे.

अमर्दोऊ दिअल्लो (Amadou Diallo) लोअर मैनहट्टन में एक पेडलर था. एक रात काम के बाद दिअल्लो (Diallo) अपनी बिल्डिंग के बाहर रुक गया. कुछ देर बार कुछ पोलिसवाले वहां से गुज़र रहे थे, वो लोग प्लेन ड्रेस में थे, उन्होंने जब दिअल्लो (Diallo) के बाहर खड़ा देखा तो सौचा कि शायद वो कोई चोर है जो चोरी के लिए मौका ढूंढ रहा है. उन्हें ये भी लगा कि शायद वो कोई रेपिस्ट होगा जो एक साल पहले उसी एरिया में एक्टिव था, और दिअल्लो (Diallo) के फेशियल फीचर्स भी रेपिस्ट से काफी मिलते थे.

Misunderstandings and Consequences

दिअल्लो (Diallo) इतना अजीब था कि वो लगातार मिल्डिंग को धूरे जा रहा था. फिर क्या था. पोलिस वालो ने गाडी रोकी और दिअल्लो से पूछताछ करने लगे, घबराहट में दिअल्लो कोई सही जवाब नहीं दे पाया. बोलते मे वक्त जबान लड़खड़ा रही थी. उसकी जवान और उसे इंग्लिश भी ठीक से नहीं आती थी. उसे पोलिस वालो की बात ठीक से समझ नहीं आ रही थी. डर के मारे वो भागकर अपने फ़्लैट में चला गया. ऑफिस उसके पीछे से चिल्लाया मगर वो रुका नहीं, दिअल्लो ने अपनी पॉकेट से कुछ निकालने के लिए हाथ डाला.

तो दो पोलिसवालो को लगा कि वो शायद गन निकाल रहा है. उन्होंने फिर से उसे वार्निग दी कि तुम्हारे पास जो भी है, हमें दे दो. मगर दिअल्लो काफी नर्वस हो चूका था. और सिर्फ कुछ सेकंड्स बाद ही पोलिस वालो ने उस पर फायरिंग कर दी, दिअल्लो मारा गया. ट्रायल्स के दौरान ऑफिसर्स ने इस बात को माना कि दिअल्लों की बॉडी से कोई गन नहीं मिली थी. उन्होंने ये भी माना कि उन्हें शक था कि उसके पास गन होगी.

Reading Facial Expressions

इसमें एक पॉसिबल ध्योरी ये थी कि पोलिसवाले दिअल्लो के फेशियल एक्सप्रेशन नही पढ़ पाए थे. उन्हें एक बार भी ये नहीं लगा कि दिअल्लो डरा हुआ नाकि वो कोई डेंजरस क्रिमिनल है. और इसी गलतफहमी के चलते उन्होंने दिअल्लो पर गोली चला दी जिसमें वो मारा गया. एक और सिचुएशन लेते है. एक यंग लड़के के पीछे एक पोलिसवाला भाग रहा था. उस लड़के के हाथ में गन थी. ऑफिसर को गन दिख रही थी लेकिन उसने फिर भी उस पर गोली नहीं चलाई. हालाँकि वो गोली चला सकता था मगर वो उस लड़के के रिएक्शन का वेट कर रहा था.

फाइनली लड़के ने अपनी गन ड्राप कर दी और ऑफिसर ने उसे अरेस्ट कर लिया, तो इन दोनों स्टोरीज़ में क्या डिफरेंस है? दिअल्लो के केस में ऑफिसर्स अनाड़ी थे. उन्हें इस तरह के एनकाउंटर का उन्हें पहले कोई एक्स्पिरियेंश नहीं था. क्योंकि उन्हें फेशियल रीडिंग नही आती थी, मगर उस लड़के के केस में ऑफिसर को इस तरह के हालात का आईडिया था. उसने देख लिया था कि लड़का डरा हुआ है इसलिए उसने वेट किया. अगर उसे ज़रा भी शक होता तो वो गोली चला देता. और इस तरह उस पोलिस वाले की गुड स्नैप जजमेंट की वजह से उस लड़के की जान बच गयी.

Conclusion

इस बुक में आपने अपने अनकांशस माइंड की इम्पोर्टस के बारे में जाना, आपने सीखा कि कैसे अपने इंस्टिक्ट पे भरोसा करके आप लाइफ चेंजिंग डिसीजन्स ले सकते है. आप वो देख सकते हैं जो बाकियों को नजर नहीं आया है. आप अपनी लाइफ को बैटर ढंग से मैनेज कर सकते है और अपने आस-पास की चीजों को ज्यादा ईज़ी बना कसते है.

आपने इस बुक में थिन स्लाईसिंग की इम्पोटेंस सीखी जोकि हमे हमारे अनुभवो से मिलती है. आप अपने एक्स्पिरियेंश चेंज करके लाइफ में चीजों को थिन स्लाइस करने के तरीको को भी चेंज कर सकते हो. आप दुनिया को लेकर अपना पर्सपेक्टिव चेंज कर सकते हो. इस बुक ने आपको डेली लाइफ में शित स्लाईसिंग का यूज़ करना सिखाया थिन इस तरह आप अपनी एनर्जी और टाइम भी सेव कर सकते हो जो अब तक आप कन्वेंशनल मेथड्स पर वेस्ट करते आये थे और जो हमेशा रिलाएबल भी नहीं होते थे.

आपने सीखा कि कैसे थिन स्लाईसिंग आपको लोगों को, या किसी कोम्प्लीकेटेड सिचुएशन को और चीजों को जज करने में हेल्प करती है. फिर चाहे ऐसे लोग या सिचुएशन आपको किसी बार में मिले, पोलिस एनकाउंटर हो या आपको अपने देश का प्रेजिडेंट चूज़ करना हो. एक्चुअल में थिन स्लाईसिंग कभी भी और कहीं भी यूज हो सकती है.

अब जब अपने लॉक्ड होर्स के पीछे का सीक्रेट जान लिया है तो अपने अनकांशस माइंड का मैक्सीमम यूज़ करने की कोशिश करो, थिन स्लाईसिंग के इस न्यू वर्ल्ड को एक्सप्लोर करके देखो और फिर इसका मेजिक खुद ब खुद आपके सामने आ जाएगा.

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