यह किसके लिए है
-वैजो ब्रिटिश नेताओं के बारे में जानना चाहते हैं।
-वे जो हत्या की साजिश से जुड़ी सच्ची घटनाओं के बारे में जानना चाहते हैं।
-वेजो सरकार में फैली भाचार के बारे में जानना चाहते हैं।
लेखक के बारे में
जॉन प्रेस्टन (Jorin Preston) एक लेखक और संडे टेलिग्राफ के वरिटिक थे। उन्होंने 2007 में प्रपना एक उपन्यास लिा जिसका नाम था-द डिगThe Dio), ज दानों पर लिखा गया थी। तो कि वे बहुत सारे न्यूज़ पेपर के एडिटर भी थे।
यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए? जानिये इंगलैंड के एक नेता के अपराध की कहानी।
आज पूरी दुनिया में लोकतंत्र का राज है। लोग अपने मन से सरकार बनाते हैं और अपने ऊपर राज करते हैं। लोकतंत्र की सबसे अच्छी बात यह है कि यहाँ हर कोई कानून के सामने बराबर होता है। अमीर से अमीर आदमी के लिए भी वहीं कानून हैं जो कि एक मजदूर के लिए बनाए गए हैं। लेकिन क्या ये नीयम सही से लागू हो पाते हैं? इस किताब में हम देखेंगे कि किस तरह इंग्लैंड के एक नेता के ऊपर रेप और हतया का आरोप लगा और किस तरह उसने अपनी शक्तियों और अपनी जान पहचान की मदद से अपने आप को आजाद करवा लिया। इसके अलावा हम कुछ और नेताओं के नाम देखेंगे जो अपराध करने के बाद भी कभी गुनहगार साबित नहीं हो पाए और आजाद कर दिए गए।
इसे पढ़कर आप जानेंगे
किस तरह से एक ब्रिटिश नेता ने अपना कैरियर बचाने के लिए किसी की जान लेने की कोशिश की।
नेता किस तरह अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल करते हैं।
इतिहास में किन किन नेताओं ने अपराध किए जिन्हें सजा नहीं मिली।
जेरेमी थ्रॉप इंगलैंड के एक समलैंगिक नेता थे जिनपर रेप का आरोप लगा था।
श्रॉप अपनी अच्छे व्यक्तित्व के लिए जाने जाते थे। वे 1967 से 1976 तक लिबरल पार्टी के लीडर थे और सभी लोगों में उनकी अच्छी इमेज थी। बाहर से देखने पर वे पर्फेवर लगते थे लेकिन अदर से वे समलैंगिक थे। उस समय में समलैंगिकता गैरकानूनी थी।
शॉप के बहुत सारे दोस्त थे और वे जानते थे कि उनकी गदद से वो हर मुश्किल हालात से निकल सकते हैं। इसलिए वे कभी कोई गलत काग करने से डरते नहीं थे। श्राप के एक दोस्त ने उन्हें नार्मन स्कॉट (Norman Scott) नाम के आदमी से मिलाया जो कि उसका कर्मचारी था। स्कॉट दिमागी रुप से ठीक नहीं था। ऑप ने स्कॉट से कहा कि अगर उसे कभी मदद की जरूरत हो तो वो उसके पास आ सकता है। स्कॉट को नौकरी पाने के लिए एक नेशनल इंश्योरेंस कार्ड (National Insurance Card) की
जरूरत थी। वो इसे पाने के लिए बेताब था। जब वे पहली बार मिले तो उसके कुछ समय बाद याप स्कॉट के साथ छेड़छाड़ करने लगा। स्कॉट के हिसाब से वो छेड़ छाड़ नहीं बल्कि रेप था। अब स्कॉट शॉप को अपने लिए इस्तेमाल करने लगा। वो घूम घूम कर लोगों को अपने और शॉप के संबंध के बारे गें बताता था। उसके श्रॉप की भेजी गई चिंछियों को पुलिस के हवाले कर दिया और शॉप की माँ से पैसे भी माँगे।
जब हालात बिगड़ने लगे तब शाप ने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर समस्या को सुलझाने का फैसला किया।
थरॉप ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर समस्या को सुलझाने का फैसला किया।
जब बात हाथ से फिसलने लगी तब धाप अपने दो दोस्तों के पास मदद के लिए गए। उनमें से एक का नाम डेविड होम्स (David Holmes) और दूसरे का नाम पीटर बेसेल
(Peter Bessell) emi
होम्स शॉप का बहुत अच्छा दोस्त था। उन दोनों की पहचान कालेज के दिनों से ही थी। होम्स भी समलैंगिक था लेकिन कॉप और होम्स के बीच किसी भी तरह के संबंध की चर्चा कभी नहीं हुई। एक अच्छा दोस्त होने के नाते होम्स थॉप की मदद करने के लिए तैयार हो गया। बेसेल शॉप की मदद करने के लिए इसलिए तैयार हो गया क्योंकि थॉप ने भी बुरे वक्त में पैसे देकर उसकी मदद की थी। वह भी लिबरल पार्टी और पार्लियामेंट का सदस्य था और उसे बातें करने का बहुत शौक था। बैसेल ने सुझाव दिया कि वे स्कॉट को नेशनल इंश्योरेंस कार्ड ना दें क्योंकि ऐसा करने से थॉप और स्कॉट के बीच गहरे सम्बन्ध बन जाएंगे। बेसुल हर हफ्ते स्कॉट को पैसे भेजने लगा ताकि वह अपना मुँह बंद रख सके। लेकिन फिर भी स्कॉट लोगों को अपने और शॉप के बारे में बताना बंद नहीं किया तो शॉप ने फैसला किया कि स्कॉट को मार दिया जाए।
दोनों दोस्त शॉप के इस आइडिया के खिलाफ थे और ये उम्मीद कर रहे थे कि वो अपना प्लान बदल देगा। लेकिन ना ही उसने अपना प्लान बदला, ना ही स्कॉट ने अपना मुँह बंद किया।
थ्रॉप ने पैसों का गलत इस्तेमाल कर के स्कॉट को मारने के लिए किसी हत्यारे को पैसे दिए।
थॉप अब लिबरल पार्टी का लीडर बन गया था। उसने वहाँ तक पहुंचने के लिए बहुत सी कुर्बानियां दी थी और अब वह अपना कैरियर बचाने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार था। शॉप ने अपने एक दोस्त जैक हेवर्ड (Jack Hayward) से 17 हजार पौंड का डोनेशन अपनी पार्टी के नाम पर मागा। उनके कहा कि उसमें से वो 10 हजार पौड एक दूसरे बैंक एकाउन्र में ट्रांस्फर कर दें। उसने जैक को भरोसा दिलाया कि वो इन पैसों का इस्तेमाल पार्टी की भलाई के लिए करेगा लेकिन असल में उसने इ का इस्तेमाल स्कॉट को मरवाने के लिए किया।
किसी पेशेवर हत्यारे को हूँढने का काम होम्स का था। होम्स के दोस्त उसे एक पाइलट के पास लेकर गए जिसका नाम एंड्रिउ न्येटन (Andrew Newton) या। न्युटन से कहा गया कि वो स्कॉट को अपनी सुविधा के हिसाब से मार सकता है और इसके लिए उसे 5 हज़ार से 10 हजार पौंड के बीच में पैसे दिए जाएंगे। न्यूटन ने स्कॉट को डूठा और उससे दोस्ती की। उसके स्कॉट को अगले दिन कही घूमने जाने के लिए मना लिया। स्कॉट को ये बात थोड़ी अजीब लगी कि अचानक से एक
अजनबी उसे घूमाने के लिए क्यों बोल रहा है। उसने अपने एक दोस्त से न्युटन की गाड़ी का नंबर लिख लेने के लिए कहा। अगले दिन स्कॉट न्युटन के हाथ घूमने गया और उसने अपने कुत्ते को भी साथ ले लिया। आगे जाने पर मौका देखते ही न्यूटन ने अपनी बंदूक से स्कॉट को गोली गारनी चाही लेकिन वो उसके कुत्ते को लग गई। स्कॉट गाड़ी से उतर कर भाग गया। उसने एक दूसरी गाड़ी से लिप्ट मांगी और फरार हो गया। गाड़ी के नंबर की मदद से पुलिस न्यूटन के जरिए होम्स और शॉप तक पहुंची। स्कॉट ने एन दोनों के खिलाफ खुली और सख्त कार्यवाही की मांग की।
थरॉप पहला और आखिरी ब्रिटिश पार्लियामेंट का सदस्य था जिसे कटघरे में खड़ा होना पड़ा था।
1979 में थॉप को कटघरे में लाकर खड़ा किया गया। जब कोर्ट में थाप पर केस चलने लगा तब बैसेल थांप के खिलाफ गवाही देने के लिए तैयार हो गया। उसे भरोसा दिलाया गया कि उसे पूरी तरह से सिक्युरिटी में रखा जाएगा। इसकी वजह से शाप का बवना मुश्किल हो गया था। होम्स ने कुछ भी नहीं कहा। वो धॉप का वफादार था। लेकिन इस वफादारी की उसे कीमत चुकानी पड़ी। शॉप का वकील जार्ज के मेन (GEorge Carman) था। उसने होम्स के ऊपर इल्जाम लगाया कि उसने बाकी लोगों के साथ मिलकर मईर प्लान किया था और शॉप का इसमें कोई हाथ नहीं था।
कैरमैन ने केस जीतने के लिए बहुत मेहनत की और अत में करमैन ने थ्ॉप के ऊपर से सभी केस को हटा दिया । उसने न्यूटन, स्कॉट और बैसुल पर सारा इल्जाम लगा दिया। हालांकि कि सभी को पता था कि असल मेहनत कैरमेन ने नहीं बल्कि ब्रिटिश सरकार ने की थी।
दूसरी तरफ औबेरान बौघ (Auberon Waugh) नाम के एक पत्रकार ने केस का पीछा शुरुआत से करना शुरु किया। उसने सारी असलीयत को जनता के सामने लाकर रख दिया जिससे पूरी जनता शॉप के खिलाफ हो गई। इसकी वजह से शॉप का कैरियर हमेशा के लिए खत्म हो गया। लेकिन फिर भी शॉप ने हार नहीं मानी। उसने 1999 तक अपनी हर कोशिश की जिससे वह वापस सत्ता में आ सके।
ब्रिटिश सरकार ने भी थ्रॉप को बचाने के लिए अपना योगदान दिया था।
टॉप को आजादी दिलाने के पीछे बहुत सारे हाथ थे।
जिस जा को धाप के केस की सुनवाई के लिए रखा गया था उस जज का चुनाव श्रॉप के एक दोस्त लाई एल्विन जोन्स (Lord Elwyn Jones) ने किया था। उस जज का नाम जोसेफ केंटली था। उसने इस बात को मानने से साफ इनकार कर दिया कि शॉप जैसा व्यक्ति ऐसी कोई हरकत कर सकता है। यो पूरी तरह से उसके साथ था।
इसके अलावा जज ने ज्यूरी से साफ तौर पर कह दिया था कि अगर वे ऑप के खिलाफ वोट तभी करें जब उन्हें पूरा विश्वास हो कि श्रॉप ने ये काम किया है। नतीजा यह निकला कि ज्यूरी ने थॉप के पक्ष में वोट दिया और यॉप बेगुनाह साबित हो गया।
इसके अलावा सडे टेलिग्राफ (Sunday Telegraph) ने बेसेल से डील की कि अगर वह उन्हें धाप के 6 अफेयर की कहानियाँ देगा तो वे उसे 50 हजार पोड देंगे। क्योंकि बेसेल शॉप के खिलाफ गवाही दे रहा था और ऐसे में अगर वो कोई ऐसी वैसी हरकत करता तो उससे ये जाहिर होता कि वह झूठा है और धॉप पर इल्जाम लगा रहा है। इसलिए बेसेल के वकील ने पब्लिक प्रॉसिक्यूशन के डाईरेक्टर – केनेथ डाउलिंग (Kenneth Dowling) से सलाह ली कि क्या ऐसा करना ठीक होगा। डाईरेक्टर ने इसका जवाब हाँ में दिया।
लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे कोर्ट में यह साबित हो गया कि बैसेल पहले से शॉप को पैसाना चाहता था और वह झूठ बोल रहा है। लोगों ने ये भनुमान लगाया कि केनेथ को हाँ बोलने के लिए मनाया गया था जिससे कोर्ट में उसे झूठा साबित किया जा सके। ऐसा एक बार नहीं हुआ है जब ब्रिटिश सरकार ने किसी नेता को बचाने के लिए इतने सारे काम किए हों।
ऐसा बहुत बार हुआ है जब ब्रिटिश सरकार ने नेताओं को बचाने के लिए कदम उठाए हैं।
अवसर ऐसा हुआ है कि जो लोग सत्ता में रहते हैं वह लोग अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल करते हैं और आसानी से बचकर निकल जाते हैं। आइए इन में से हम कुछ और नाम देखें।
-साइरिल स्मिथ (Cyril Smith) स्मिथ भी लिबरल पार्टी के सदस्य थे जिनपर बच्चों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा था। उनके ऊपर 114 बच्चों के साथ छेड़खानी के आरोप थे जिनमें 8 साल के बच्चे भी शामिल थे। लेकिन स्मिथ के ऊपर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई क्योंकि पुलिस वालों को धमकी दी गई थी कि अगर वे कोई भी एक्शन लेंगे तो उन्हें उनकी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।
-जिम्मी सैवाइल (Jimmy Savile)-जिम्मी स्मिथ के दोस्त थे जिनके ऊपर इलज़ाम तब लगने शुरू हुए जब वे मर गए। उनके ऊपर भी बच्चों से छेड़खानी के आरोप थे। – जॉन सेवाइल (John Savile)-जिम्मी के भाई पर इल्जाम था कि वो दिमागी रुप से बीमार लोगों को परेशान करता था। वह बैटरसी नार्थ (Battersea North) में एक लिबरल सदस्य के रूप में इलेक्शन में खड़ा हुआ था। उसके इल्जाम भी तब सागने आने लगे जब वह मर गया।
इन लोगों के अलावा बहुत से ऐसे लोग थे जिनपर हस तरह के इल्जाम लगे थे। लेकिन सरकार ने हमेशा उनकी करतूतों पर पर्दा डाला है। जनता को ऐसे मुद्दों को उठाना चाहिए। उन्हें ऐसे भ्रष्ट लोगों को खुले भाम नहीं धुमने देता चाहिए।