THROUGH THE LOOKING GLASS by Anton Chekhov.

Readreviewtalk.com

About

नए साल के एक दिन पहले वाली शाम थी. नेली, एक लैंडलोर्ड और जर्नल की बेटी, एक यंग और खूबसूरत लड़की जो दिन-रात शादी के सपनों में खोई रहती थी, इस वक्त अपने रूम में बैठी थी. वो थरकी हुई अधखुली आँखों से लूकिंग ग्लास में देख रही थी. उसके चेहरे की रंगत एकदम पीली सी है. लड़की काफी टेंशन में लग रही थी और लगातार बिना पलके झपकाए लूकिंग ग्लास की तरफ देखे जा रही थी. एक लंबा सा पतला कॉरिडोर जिसमे जलती हुई मोमबत्तियों की एक लंबी कतार लगी थी, उस लड़की के चेहरे का रिफ्लेक्शन, उसके हाथ, उसका बॉडी फ्रेम – सबकुछ एक मिस्ट में छुपा हुआ और जैसे एक शांत समुद्र में खोया सा.

नेली की गहरी शांत आँखों और खुले हुए लिप्स को देखकर ये अंदाजा लगाना मुश्किल था कि वो सोई है या जगी हुई है, पर जो भी हो वो लूकिंग ग्लास में देख रही थी. पहले तो उसने अपनी स्माइल देखी, सॉफ्ट चार्मिंग एक्सप्रेशन जैसे कोई और उसे देख रहा है.

फिर ने बैकग्राउंड के पीछे से किसी की परछाई उभरी एक सर, एक चेहरा, आईब्रोज़, दाढ़ी. हाँ वही धा. जो उसे किस्मत से मिला था, उसके सपनों का राजकुमार. वो सिर्फ नेली का था, उसकी लाइफ, उसकी खुशियाँ, करियर, लक सब उसी से था. उसके पीछे जैसे लूकिंग ग्लास का ग्रे बैकगाउंड सबकुछ डार्क, खाली-खाली, बेमतलब, और इसलिए कोई हैरानी की बात नहीं थी कि उसके सामने एक बेहद हैण्डसम, सॉफ्ट स्माइलिंग फेस, वो उस खुशी को जानती है जो उससे मिलकर उसे होती थी.

उसका ये सपना इतना हसीन था कि ना तो वो बता सकती थी और ना ही लिख कर बता सकती थी. तभी उसके कानो में उसकी आवाज़ गूंजती है, दोनों एक ही त के नीचे साथ रहते हुए जैसे दोनों की जिंदगी एक हो गयी थी. इसी ग्रे बैकग्राउंड के सामने ना जाने कितने ही महीने, साल गुजर चुके थे. ये नेली का सपना था और और सपनों में ही नेली अपना पूरा पयूचर देख चुकी थी.

ग्रे बैकग्राउंड के दूसरी तरफ एक के बाद एक कई पिक्चर्स नजरों के सामने तैरती रही. अब नेली ने खुद को देखा. सर्दी के मौसम की एक रात, उसने डिस्ट्रिक्ट डॉक्टर स्टेपन लुकित्च के दरवाजे पर नॉक किया, गेट के पीछे से एक बूढ़े से कुत्ते के गुर्राने और भौकने की आवाज़ सुनाई घर की खिड़कियाँ अँधेरे में डूबी हुई थी. चारो तरफ एक खामोशी छाई थी.

“खुदा के वास्ते, खुदा वास्ते नेली फूसफुसाई, आखिर में गार्डन का गेट खुल गया और नेली को डॉक्टर का कुक नजर आया.

“क्या डॉक्टर साहब घर पे है? उसने पुछा

“साहब सो रहे हैं” कुक ने धीरे से नेली के कानो में कहा., उसे डर था कि कहीं उसके मालिक उठ ना जाए. “वो अभी-अभी पेशेंट्स देखकर घर आए है और ऑर्डर दिया है कि अभी उन्हें कोई डिस्टर्ब ना करे,

पर नेली ने कुक की बातो पर ध्यान नही दिया. उसने कुक को एक तरफ धकेला और दौड़ती हुई डॉक्टर के घर के अंदर पुस गयी. अंधरे में डूबे कमरों वाले उस घर में वो भागती हुई कुर्सियों से टकराती हुई डॉक्टर के बेडरूम में पुसी. स्टेपन लुकित्च स्लीपिंग ड्रेस पहने अपने बेड पर लेटा हुआ था. अपनी खुली हथेलियों में अपना मुंह रखे वो गहरी सांसे भर रहा था. एक छोटी सी नाईट लाईट उसके बेड के साइड में जल रही थी. बिना एक वर्ड बोले नेली बेड पर बैठकर रोने लगी, रोने की वजह से उसकी पूरी बॉडी हिल रही थी. मेरे हसबैंड बीमार है?” उसने रोते हुए कहा. स्टेपन लुकित्व चुप था. अपने सर पे हाथ रखते हुए धीरे से उठा, और नींद में डूबी आँखों से नेली की तरफ देखा.

मेरे पति बीमार है नेली अपनी रुलाई रोकते हुए दुबारा बोली, “भगवान् के लिए मेरे साथ चलिए, जल्दी. जल्दी कीजिए.

“एह, डॉक्टर ने एक गहरी साँस छोड़ी,

“अभी इसी वक्त चलिए! वर्ना… पता नहीं क्या होगा. मुझे सोचते हुए भी डर लगता है. भगवान् के लिए प्लीज़ चलिए. और पीली, थकी हुई नेली, अपने आंसू पीती हुई डॉक्टर को अपने पति की बिमारी के बारे में बताने लगी. उस वक्त उसके आंसू किसी पत्थर को भी पिघला सकते थे पर डॉक्टर उसे चुपचाप देखता रहा. अपने खुले हाथ पे साँस छोड़ते हुए बिना एक शब्द बोले चुपचाप सुन रहा था.

कल आऊंगा” उसने धीरे से कहा.

“ये नहीं हो सकता! नेली चिल्लाकर बोली. मुझे पता है, मेरे पति को टाईफायड है! अभी चलो…इसी वक्त आपकी जरूरत है. मै. मं…अर… मै तो अभी-अभी घर आया हूँ. डॉक्टर बोला.

तीन दिनों से मैं घर से बाहर हूँ, टाईफस के पेशेंट्स देख रहा था. और अब मै इतना थक गया हूँ कि खुद बीमार पड़ गया हूँ” इसलिए मैं इस वक्त आपके साथ नहीं चल सकता.. बिलकुल भी नहीं. ये देखो, मुझे खुद बुखार चढ़ गया है. उसने नेली को एक क्लिनिक थर्मोमीटर दिखाते हुए कहा. मेरा टेम्प्रेचर 10 है… मै कैसे आ सकता हूँ. मुझसे खड़ा नहीं हुआ जा रहा. मुझे माफ़ करो, मै अब लेटता हूँ.

और ये बोलते हुए डॉक्टर वापस अपने बेड पर लेट गया.

पर मै आपसे रिक्वेस्ट कर रही हूँ डॉक्टर आपके हाथ जोड़ती हूँ. मुझ पर थोड़ी सी दया करो और मेरे साथ चलो, आप जितना पैसा मांगोगे, में नेली दर्दभरी आवाज़ में डॉक्टर से बोली,

टूंगी

“ओह डियर…. मैंने कहा ना तुमसे कि मैं नहीं आा सकता…आह” डॉक्टर कराहते हुए बोला. नैली बेड से उठी और बैचेनी से बेडरूम के चक्कर काटने लगी, उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो डॉक्टर को कैसे कन्विस करे… काश उसे पता होता कि वो अपने पति से कितना प्यार करती है और उसके बगैर उसकी लाइफ अधूरी है तो वो अपनी बीमारी और थकान भूलकर उसके साथ चल पड़ता.

लेकिन सब कैसे समझाए?

तुम ज़ेम्स्त्वो डॉक्टर के पास चली जाओ” डॉक्टर स्टेपन ने उससे कहा, ये इम्पॉसिबल है! वो यहाँ से 20 मील दूर रहते है और मेरे पास इतना टाइम नही है और ना ही मेरे घोड़े इतनी दूर ट्रेवल कर सकते है. आपके पास

पहुँचने में ही हमे 30 मील लगे है और ये डॉक्टर ज़ेम्सत्यो यहाँ से इतनी ही दूर रहता है. नहीं, ऐसा नहीं हो सकता! आपको ही चलना पड़ेगा, स्टेपन लुकित्व. किसी की जान बचाना आपकी ड्यूटी है और आप अपनी ड्यूटी से पीछे नहीं हट सकते. हम पर कुछ तो रहम कीजिए, डॉक्टर! मेरे हाथ में नहीं है….मे बुखार से तप रहा हूँ….. मेरा सर घूम रहा है… मुझे चक्कर आ रहे है. पर आप समझ नहीं रही…चली जाओ और मुझे

अकेला छोड़ दो” “लेकिन मरीज़ का ईलाज करना आपका फ़र्ज़ है! और आप अपने फ़र्ज़ से मुंह नही मोड़ सकते. ऐसी हालत में कोई पड़ोसी भी मना नहीं करता और आप तो एक डॉक्टर हो, मैं आपको कोर्ट में घसीट सकती हूँ”.

नेली जानती थी कि वो जो कुछ बोल रही है, सब झूठ है पर वो अपने हजबैंड के लिए कुछ भी करने को तैयार थी.इस वक्त उसे लोजिक, कानून या किसी भी चीज़ की परवाह नहीं थी. नेली की धमकी सुनकर डॉक्टर ne एक ही साँस में ठंडे पानी का गिलास पी लिया, नेली उसके सामने बिलकुल एक भिखारी की तरह गिडगिडा रही थी. आखिर में डॉक्टर ने हार मान ही ली. चो बेड से उठा और बुरी तरह हाँफते हुए अपना डॉक्टर का कोट ढंढने

“ये रहा आपका कोट! नेली ने उसकी हेल्प की. लाओ मै आपको पहना दूँ…अब चलो! मै आपका बदला जरूर चूका दूँगी. मैं पूरी जिंदगी आपकी एहसानमंद रहूंगी”

लेकिन अफ़सोस! डॉक्टर ने कोट पहना और दुबारा बिस्तर पर लेट गया. नेली ने उसे उठाया और अपना सहारा देकर हॉल तक तो ले आई पर उसे बूट, ओवरकोट, और कैप पहनाने में नेली के पसीने छूट गए. बड़ी मुश्किल से नेली उसे अपने घोड़ा गाडी तक लेकर आई. अब बस तीस मील वापस जाना था और उसके पति को मेडिकल हेल्प मिल जायेगी. पर अँधेरे में कुछ भी साफ़ नजर नहीं आ रहा था… बर्फ सी ठंडी हवा चल रही थी. हॉर्सकार्ट के पहियों पर बर्फ के गोले जम गए थे. धोडा गाडी को चलाने वाला इंसान बार-बार ये सोच के रुक जाता था कि कौन सा रास्ता लिया जाए. पूरे रास्ते नेली और डॉक्टर चुपचाप बैठे रहे. रास्ता उबड़-खाबड था, उन्हें बार-बार झटके लग रहे थे पर ना तो उन्हें ठंड लग रही थी और ना ही झटके महसूस हो रहे थे,

“चलते रहो, चलते रहो, नेली ड्राईवर को बोल रही थी.

सुबह के करीब पांच बजे घोड़ा गाड़ी यार्ड के सामने आकर रुकी. नेली को अपना जाना-पहचाना गेट दिखा, उनके आंगन का कुआं, घोड़ो के अस्तबल और पालतू जानवर, आखिरकार वो घर पहुँच गयी थी. एक मिनट रुको मै अभी आती हूँ” उसने स्टेपन लुकित्व को डाइनिंग रूम के सोफे पर बिठाया और बोली” थोड़ा वेट करो, मैं देखकर आती हूँ उनकी तबियत अब कैसी है? “

नेली जब वापस आई तो उसने देखा कि डॉक्टर लेटा हुआ था. वो सोफे पर लेटा कुछ बडबड़ा रहा था.

“डॉक्टर, डॉक्टर प्लीज़!”

“एह! डोना से पूछो” बुखार में डॉक्टर बडबडा रहा था क्या? “नेली ने समझने की कोशिश की, उन्होंने मीटिंग में कहा था…व्लास्सोव ने कहा,., कौन…क्या ?” डाक्टर कुछ अजीब बोलता रहा डॉक्टर की ऐसी हालत देखकर नेली के होश उड़ गए, उसके पति और डॉक्टर की हालत एक जेसी थी, दोनों बुखार में बड़बड़ा रहे थे, अब क्या किया जाए?

“मुझे अब जेम्स्त्वो डॉक्टर के पास जाना ही पड़ेगा. नेली ने डिसाइड किया,

और एक बार फिर से अँधेरे छा गया, बर्फ सी ठंडी हवा, बर्फ से जमी हुई जमीन, उसकी बॉडी और आत्मा दोनों तड़प रहे थे, और ऐसी कोई चीज़ नहीं थी जो उसके दर्द को दूर कर सके, और फिर उसने देखा ग्रे बैकग्राउंड के दूसरी तरफ. कैसे उसका हजैंड हर स्प्रिंग पैसो के लिए स्ट्रगल करता था ताकि बैंक लॉन का इंटरेस्ट पे कर सके, ठीक से सो नहीं पाता था, दोनों कोर्ट के चक्करों से बचने की तरकीबे ढूंढते रहते थे. उसने अपने बच्चो को देखा, कभी सर्दी की मार, कभी स्कारलेट फीवर, डिप्थीरिया, स्कूल में खराब माकर्स, पांच या छे बच्चों में से एक ना एक मरता ही

था, पर ग्रे बैकग्राउंड पर मौत का साया भी नहीं पड़ा था, शायद ही कभी कोई हजबैंड और वाइफ साथ में मरे हो, चाहे कुछ हो जाए, एक को दफनाने के लिए दूसरा जिंदा रहता ही है. और नेली ने अपने पति को मरते हुए देखा था. वो दर्दनाक हादसा वो कभी नहीं भूल सकती थी. उसने कॉफिन देखा,

कैंडल्स देखी, चर्च के पादरी को देखा, यहाँ तक कि पैरों के निशान भी देखें. “ये क्यों है? किसलिए है? बेहद उदास नजरो से अपने पति का चेहरा देखते हुए नेली बोली. है। अपने पति के साथ गुजारी हुई लाइफ उसे एक सपने की तरह लग रही थी.

नेली के हाथो से कुछ नीचे गिरा और फर्श से टकराया. वो अचानक चौक कर उठी, उसकी आँखे हैरानी से फैल गयी थी, एक पड़ा था. एक दूसरा टेबल पर रखा था.

उसने शीशे में खुद को देखा, एक पीला, आँसुओ से भरा कमजोर चेहरा. कहीं कोई ग्रे बैकग्राउंड नहीं था. “शायद मेरी आँख लग गयी थी” उसने एक गहरी साँस लेते हुए सोचा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *