WHEN THINGS FALL APART by Pema chodron.

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About Book

क्या आप अपने जीवन को ज़्यादा ख़ुशहाल, संतुष्टि और ख़ुशी से भरा हुआ बनाने के तरीके तलाश रहे हैं? तो spirituality की दुनिया में कदम रखने की कोशिश करें और देखें कि बुद्ध की बातें हमें क्या समझाने की कोशिश कर रही हैं. अगर आप सच में अपनी insecurities को पॉवर में और फेलियर को सक्सेस में बदलना चाहते हैं तो ये बुक आपके लिए है.

यह समरी किसे पढ़नी चाहिए?

जो लोग जिंदगी में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं

जो लोग मन की शांति की तलाश में हैं

ऑथर के बारे में

पेमा शॉड्रन एक ऑथर, टीचर और बुद्धिस्ट नन हैं. वह कनाडा में गैम्पो एबे की पहली डायरेक्टर हैं. यह पूरे कॉन्टिनेंट में पहला टिबेटन बुद्धिस्ट मठ था. पेमा ने 40 से ज़्यादा किताबें और ऑडियोबुक्स लिखीं हैं. अब वो 84 साल की हैं और अभी भी ज्ञान और सहानुभूति के बारे में लोगों के साथ अपनी नॉलेज शेयर करती हैं.

इंट्रोडक्शन

आज हम बहुत ही फ़ास्ट और मॉडर्न दुनिया में जी रहे हैं और ऐसा कभी कभार ही होता है जब हमें एक ऐसी बुक पढ़ने का मौका मिलता है जो हमें अपने आप से कनेक्ट करने में मदद करती है. इस बुक में मैडिटेशन, Spirituality, बुद्ध की सिखाई हुई बातें और टिबेटन कल्चर जैसे थीम शामिल हैं.

ये आपको खुद को और बेहतर तरीके से जानने में मदद करेगा. बुक आपको अपने डर का सामना करने और उनका मुकाबला करने में मदद करेगी, इसके अलावा, जब चारों ओर हलचल मची हो तो खुद को शांत

कैसे बनाए रखना है वो भी सिखाएगी. शायद समय के शुरुआत से ही हमें ये बताया गया है कि इंसान को दूसरों से सहानुभूति रखने वाला और एक शांत इंसान बनना चाहिए. आज लोग सच्चाई से दूर हो रहे हैं या उससे भाग रहे हैं. बुक इस बात की ओर आपका ध्यान खींचेगी कि आप बिना जल्दबाज़ी किए या हडबडाए बिना कैसे progress कर सकते हैं.

तो क्या आप इसे आज़माने के लिए तैयार हैं? क्या आप अपने लाइफ में चल रहे ड्रामा को समझने के लिए तैयार हैं? क्या आप अपने हर दिन के छोटे-छोटे इवेंट्स के बारे में सोचने के लिए तैयार हैं? अगर हाँ तो आपको इससे बेहतर बुक नहीं मिलेगी. तो आइए बिना देर किए शुरू करते हैं.

Intimacy with Fear

डर वो भावना है जो हर जीव महसूस करता है. इसका कारण है कि हमें अपने आस पास की चीज़ों के बारे में बहुत कम या लिमिटेड जानकारी होती है.

अगर आप डर से भागने के बजाय उसका सामना करेंगे तो आप उसे हरा सकते हैं. अपने डर के करीब जाना हमें स्ट्रोंग बनाता है. आप जितना ज़्यादा डर से भागेंगे ये उतनी ही तेज़ी से आपकी ओर बढ़ता जाएगा. अगर आप डरकर पीछे ही रुक तो जिंदगी के सफ़र में आपकी खोज अधूरी रह जाएगी. बिना डर का सामना किए आप एक समझदार और बेहतर इंसान नहीं बन सकते. 1960 के समय में भारत में एक आदमी था जो अपने हर डर और नेगेटिव भावना से पीछा छुड़ाना चाहता था. वो घमंड, गुस्सा, लालच जैसे इमोशन पर काबू पाना चाहता था. इसके लिए वो एक गुरु के पास गया. गुरूजी ने उससे कहा कि वो इन भावनाओ से छुटकारा पाने के लिए जितना स्ट्रगल कर रहा

था उसे वो बदकर रिलैक्स करना चाहिए. लेकिन वो आदमी किसी भी कीमत पर अपने डर को दूर करना चाहता था. गुरूजी ने उसे पहाड़ों के नीचे एक ये उस आदमी के लिए बड़ा ही यूनिक एक्सपीरियंस था, वो झोपड़ी में गया वहाँ दिया जलाया, दरवाजा लॉक किया और मैडिटेशन करने में लीन हो

झोपड़ी में मेडिटेशन करने के लिए कहा.

गया. कुछ पलों बाद उसे शोर सुनाई दिया और वो सावधान हो गया. जब उसने आँखें खोली तो वो हक्का बक्का रह गया. उसके सामने एक बड़ा कोबरा था जो अपना फन फैलाए बैठा था.

एक पल के लिए तो उसकी सांस ही रुक गई, लेकिन फ़िर उसने हिम्मत जुटाकर खुद को संभाला और कोने में जाकर बैठ गया, वो इसी तरह पूरी रात जागता रहा, उसकी नज़र कोबरा पर टिकी हुई थी. उस अँधेरी झोपड़ी में वो आदमी रोने लगा. बाद में उसे एहसास हुआ कि वो निराशा या डर के कारण नहीं रोया था बल्कि उसके आंसू इसलिए निकले क्योंकि उसका दिल पिपल गया था. वो रोया क्योंकि उसे एहसास हुआ कि कोबरा और वो दोनों

ही इस दुनिया में जिंदा रहने के लिए संघर्ष कर रहे थे. पहले उसे लगता था कि वो इस दुनिया के लिए इम्पोर्टेन्ट था लेकिन अब उसे लगने लगा था कि किसी ना किसी वजह से वो कोबरा भी दुनिया के लिए इम्पोर्टेन्ट था. अगर दुनिया को उसकी ज़रुरत थी तो शायद दुनिया को उस सांप की भी ज़रूरत थी.

सोच ने उसके दिल में दया भर दी, उसका मन नरम हो गया. यो उठा और बिना किसी डर के सांप के पास गया, उसने झुककर उसे प्रणाम किया और सोने चला गया. सुबह उठकर जब उसने अपने चारों ओर देखा तो कोबरा जा चुका था. अब वो आदमी ये समझ नहीं पा रहा था कि क्या सच में कोई सांप उसके सामने आया था या वो सिर्फ एक सपना था. वो जो कुछ भी था, उसने उसके मन से सांप का डर हमेशा के लिए खत्म कर दिया था.

शायद हमें भी डर को एक अलग नज़रिए से देखने की जरुरत है. शायद हमें डर को एक आशीर्वाद समझने की ज़रुरत है क्योंकि अपने डर का सामना

करना ही हमें निडर और मजबूत बनाता है. हम उस एक्सपीरियंस से बहुत से सीखते हैं. कहते हैं कि जब हम सबसे ज़्यादा डरे हुए होते हैं तभी हम सबसे ज्यादा स्ट्रोंग भी होते हैं. ये डर हमें जिंदगी में एक नया सबक सिखाता है. हमें कभी अपनी खोज बंद नहीं करनी चाहिए क्योंकि हम जितने ज़्यादा सिचुएशन का सामना करेंगे वो हमें उतना ही स्ट्रोंग बनाएगा. आप जितना ज़्यादा दुनिया को एक्सप्लोर करेंगे ये आपकी पर्सनालिटी को उतना ही

ज़्यादा निखारता जाएगा.

When Things Fall Apart

जब चीजें आपके हिसाब से नहीं चलती तो आप सोचते हैं कि आपका समय खराब है. आपके सपने टूटने लगते हैं और आप सोचते हैं कि बस आपकी दुनिया अब खत्म हो गई. लेकिन एक बात बताऊँ, ये सच नहीं है. unexpected घटनाए और सपनों का टूटना ये सब बस एक टेस्ट है, जो वक्त लेता मे आपके पेशेंस और गिरकर दोबारा खड़े होने की हिम्मत को टेस्ट करता है. जिंदगी हमें सुख और दुःख दोनों देती है. ये सिक्के के वो दो पहलू हैं जिन्हें अलग नहीं किया जा सकता. इसलिए कभी ना खत्म होने वाली खुशी की

चाहत रखना ही हमारे दुःख का कारण बनती है. दुःख और तकलीफ के प्रति एक प्रैक्टिकल नज़रिया डेवलप करना बेहद ज़रूरी है. आप दूसरों के दर्द और मुश्किलों को समझने के लिए मैडिटेशन कर ऐसा कर सकते हैं. ऐसे प्रैक्टिस आपको बुरे वक्त के दौरान पेशेंट और शांत बनना सिखाते हैं. आइए

एक कहानी से इसे समझते हैं,

एक छोटे गाँव में एक गरीब परिवार रहता था. बुजुर्ग पति पत्नी का एक ही बेटा था जिसकी कमाई से घर चलता था. उसके माता पिता ने उसे बड़े लाड प्यार से पाला था. वो उनके लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक था.

एक दिन, बड़ी दुखद दुर्घटना हुई. वो लड़का घोड़े से गिरा और उसके पैर टूट गए. ये उस परिवार के लिए किसी सदमे से कम नहीं था. उन्हें लगा जैसे उनकी दुनिया ही उजड़ गई हो. उनकी जिंदगी में सब कुछ अस्त व्यस्त हो गया. उसके माता पिता ने उसके अच्छे जीवन के लिए सारी उम्मीदें खो दी और

उस लड़के की बुरी किस्मत पर रोने व जो अब अपाहिज हो गया था.

कुछ दिनों बाद, उस गाँव में राज्य की सेना आई और चहाँ के सभी जवान और हड्टे कटटे लड़कों को जंग में लड़ने के लिए सेना में भर्ती करने लगी. जब वो उस लड़के के घर पहुंचे तो उसकी हालत देखकर उसे अपने माता पिता के पास ही छोड़ दिया, जंग से जिंदा लौटकर कौन वापस आता है और कौन नाहीं ये तो कोई नहीं जानता तो इससे ये साबित होता है कि वो दूर्घटना भी उस परिवार के लिए किसी आशीर्वाद से कम नहीं थी क्योंकि कम से कम अब दो लड़का अपने परिवार के साथ रह तो सकता था. उस लड़के को एहसास हुआ कि अपाहिज होने के बावजूद भी वो अपने माता पिता के लिए बहुत कुछ कर सकता था. जो चीज़ पहले उन्हें तकलीफ़ दे रही थी वही अब उन्हें सुकून देने का कारण बन गई थी.

तो जब भी आपको लगे कि आपके साथ कुछ बहुत दुरा हुआ है तो थोड़ा इंतज़ार करें क्योंकि शायद आपको उसका वो पहलू दिख जाए जो उससे कुछ अच्छा आपके जीवन में लेकर आए. ये सिर्फ आकी बेचैनी और पेशेंस की कमी है जो आपके लाइफ को इतना complicated बना देती है, हर चीज़

हमारी मर्जी से नहीं हो सकती, इसे एक्सेप्ट कीजिए. जिंदगी अपने तरीके से हमें टेस्ट करती है.

It’s Never Too Late

हम में से ज़्यादातर लोग खुद में सिर्फ कमियाँ ही ढूंढते हैं लेकिन जब आप कमियों पर फोकस करेंगे तो अपनी ताकत को कैसे पहचान पाएंगे? इस दुनिया में परफेक्ट तो कोई भी नहीं तो आप जैसे हैं पहले खुद को वैसे ही एक्सेप्ट करना सीखें. आपको जानकार हैरानी होगी कि आप अपने साथ जितने कठोर हैं वही आपकी कामयाबी में सबसे बड़ी रुकावट है. अपने बारे में ये सोचना कि आप किसी काम के नहीं और आप लाइफ में कुछ नहीं कर सकते, सच में आपको बेकार बना देगा. इसलिए अपनी नज़रों में खुद का एक पॉजिटिव इमेज बनाएं. पहले खुद की नज़रों में अपनी अहमियत समझे उसके बाद ही आप दूसरों का विश्वास जीत सकते

हर दिन कुछ समय अपने साथ अकेले ज़रूर बिताएं. अपने आत्मा और दिल की आवाज़ सुनें. ख़ुद के साथ प्यार और काइंडनेस जताना भी बेहद ज़रूरी इस तरह आप अपने एक नए version से मिलेंगे. आइए एक कहानी से समझते हैं. एक बार एक लड़की थी जो अपने बुरे सपनों से तंग आ चुकी थी, उसे अक्सर ये सपने आते थे जहाँ वो ख़ुद को राक्षसों से भागते हुए देखती थी. एक बार उसने देखा कि जैसे ही उसने दरवाजा बंद कर ख़ुद को बचाने की कोशिश की तो राक्षस दोबारा उसके सामने आ गए. ऐसे थे उसके सपने, डरावने और

परेशान करने वाले.

एक दिन उसकी दोस्त ने उससे पूछा कि वो राक्षस दिखने में कैसे थे, क्या उनके हाथों में कोई हथियार था या उनकी आँखें उभरी हुई थी और लंबे-लंबे नाखून और पूंछ थे. वो लड़की इसका जवाब नहीं दे पाई. उसे कोई आईडिया नहीं था क्योंकि उसने कभी राक्षसों को देखने की हिग्मल ही नहीं की. वो सिर्फ तेज दौड़ना जानती थी, उनसे बहुत दूर.

उस रात उस लड़की ने अपनी पूरी हिम्मत जुटाकर एक बार राक्षसों को देखने का फैसला किया. उसके सपने में जब उसने घमकर राक्षसों को देखा तो

उन्होंने उसके पीछे भागना बंद कर दिया और उसके सामने उछल उछलकर डांस करने लगे. लड़की ने जब गौर से देखा तो पाया कि असल में दो राक्षस

तो थे ही नहीं बल्कि सर्कस में परफॉर्म करने वाले जानवर थे. उसे ऐसा लगा कि जब उसने हिम्मत कर उनकी आँखों में देखा तो राक्षसों ने समझ लिया कि अब उनके डराने की पॉवर ख़त्म हो गई है. आपको सिर्फ ये याद रखना है कि अपने थॉट्स और फीलिंग्स के आप खुद मास्टर हैं. इसलिए आपको उनके नहीं बल्कि उन्हें अपने कंट्रोल में रखना है. आपके मन के अंदर भी कई शैतान हैं जिन्हें वश में करना आपकी ज़िम्मेदारी है.

Eight Worldly Dharmas

Spirituality के साथ जीवन जीने के लिए आपको संसार के आठ धर्म को मास्टर करना होगा. ये वो भावनाएं हैं जो एक साथ आती हैं जैसे सुख-दुःख, मान-अपमान, प्रॉफिट-loss और तारीफ़-दोष. हर किसी की तरह आप भी खुद के लिए सिर्फ पॉजिटिव चीज़ें ही चुनना पसंद करेंगे. लेकिन

असली जिंदगी है जहां सुख अपने साथ दुःख भी लेकर आती है.

तो आपके लिए प्रैक्टिकल एडवाइस यही है कि आप इन्हें जाने और समझे. आप खुद देख पाएँगे कि कैसे ये भानाएं हमें हकीकत से दूर ले जाकर दुःख देती है. संसार की कहानी से समझने हैं विधाएं और कम्फर्ट की इच्छा हमें रियलिटी को देखने से रोकती है, सच को एक्सपीरियंस करने से रोकती है. आइए इसे एक जब गुरु रिनपोच (Rinpoche) का जन्म हुआ तो उनके हंसमुख स्वभाव के कारण घर-घर में उनकी चर्चा होने लगी. वो बहुत बुद्धिमान और सुंदर थे.

सब उनकी बड़ी तारीफ़ करते. गुरु रिनपोच जितने बाहर से सुंदर थे, उससे भी ज्यादा सुंदर उनका मन था इसलिए सभी उनसे बहुत प्यार करते थे.

यहाँ तक कि वहाँ के राजा भी उस नन्हे से बच्चे के मोह में पड़ गए, राजा को उन पर इतना प्रेम आने लगा कि वो उसे अपने साथ महल में अपने बेटे की

तरह पालने लगे. गुरु रिनपोच ने बड़े सुख में वहाँ अपने दिन बिताए. एक दिन, वो छत पर बड़ी मस्ती में खेल रहे थे कि अनजाने में ही एक दुर्घटना हो गई. छत पर से कोई भारी सामान नीचे गिरा जिसकी वजह से दो लोगों को गहरी चोट आई और उनकी जान चली गई. अब उस जगह के लोगों ने इस दुर्घटना के बारे में तरह-तरह की बातें करना शुरू कर दिया और राजा से कहा कि उस बच्चे को जंगल में बिना खाना या पानी के भेज दिया जाए. राजा ने भी ये आदेश दे दिया और गुरु रिनपोच को जगल में अकेला छोड़ दिया गया.

इस तरह, गुरु रिनपोच ने अपने जीवन का सबसे मुश्किल सबक सीखा. उन्होंने सीखा कि प्यार और तारीफ़ के साथ घृणा और दोष भी आते हैं. एक समय था जब वो सभी के प्रिय थे और आज वही लोग उनसे नफ़रत कर रहे थे. यही जिंदगी है. जितनी ऊँची उड़ान हम भरते हैं उतने ही नीचे गिरने का खतरा भी बढ़ जाता है. जीवन आसान नहीं है और वो अलग-अलग रंग में

रंगकर आपको एक अच्छा और सच्चा इंसान बनाने की कोशिश करती है. उस घटना के बाद गुरु रिनपोच ने किसी से भी उम्मीद करना छोड़ दिया क्योंकि वो समझ गए थे कि ये आठ भावनाएं हमेशा एक दूसरे के साथ

हैं. जिंदगी है तो उतार चढ़ाव भी होंगे. जिस दिन आपने इस बात को समझ लिया, उस दिन आपको मन की शांति का अनुभव होगा.

Opinions

जब भी हम कुछ सोचते हैं तो उसका एक अच्छा और बुरा पहलू होता है. अक्सर हम सिर्फ उन आइडियाज के बारे में सोचते हैं जो हमारा मकसद पूरा करे लेकिन हम औरों के लिए कुछ करने के बारे में नहीं सोचते. हम कम्पटीशन में इतने मगन हो जाते हैं कि किसी को नुक्सान पहुंचाने से भी बाज़ नहीं आते. शायद अब हमें ऐसे सोचने की ज़रुरत है जिससे किसी का बुरा ना हो बल्कि वो humanity के लिए भी फ़ायदेमंद साबित हो. दुनिया में पहले से ही । त फैली हुई है. कहीं हथियारों से जंग लड़ी जा रही है, कहीं भूखमरी से लोग जंग लड़ रहे हैं, कहीं अन्याय के खिलाफ़ बहुत नफ़रत जंग छिड़ी है. दुनिया को तो बदलना थोड़ा मुश्किल है लेकिन अगर इसकी शुरुआत हम खुद से करें तो भी बहुत फ़र्क पड़ेगा. इसके लिए आपको अपने स्वभाव में बदलाव करने होंगे. अपने गुस्से को कंट्रोल में रखना सीखें. आजकल तो हम अपना ओपिनियन देते वक्त भी बहुत गुस्सा एक्सप्रेस करते हैं

और कभी-कभी इससे झगड़े शुरुआत भी हो जाती है. दूसरों की बात समझने की कोशिश करें. हो सकता है कि उनका नज़रिया आपसे अलग हो लेकिन वो हमेशा ही गलत हो ये तो नहीं हो सकता. भले ही आप उनकी बात से सहमत ना हों लेकिन आप उनका सम्मान तो कर ही सकते हैं. हो सकता है कि इससे शुरुआत में कोई हल ना निकले लेकिन ये बात

बिगड़ने से तो रोक ही देगा. आइए एक example से समझते हैं, हम सभी जानते हैं कि ozone लेयर धीरे-धीरे डैमेज होती जा रही है. इसमें कोई डाउट की बात नहीं है क्योंकि ये किसी का ओपिनियन नहीं बल्कि एक साइंटिफिक फैक्ट है, ये फैक्ट्स और सॉलिड रिसर्च पर बेस्ड है. लेकिन ओपिनियन उसे कहते हैं कि आप इस फैक्ट के बारे में क्या सोचते हैं, किस तरह सोचते हैं.

बात करते हैं जिसकी वजह से ozone लेयर को नुक्सान पहुँच रहा है ओपिनियन की शुरूआत होती है और हम एक दूसरे को दोष देने लगते हैं. हम सिर्फ एक दूसरे से नेगेटिव इमोशन एक्सचेंज करते हैं लेकिन दुनिया का इससे कोई भला नहीं होने वाला. इसलिए लड़ने के बजाय हमें एक दूसरे के पॉइंट ऑफ़ व्यू को समझना होगा, शायद उससे कोई हल निकल आए. आइए एक और example लेते हैं. इमेजिन कीजिए कि आप आने वाले सालों में बारिश की फोरकास्ट पर रिसर्च कर रहे हैं. फैक्ट्स और figures देखकर आपको लगता है कि अगर इसके लिए सोच समझकर तैयारी नहीं की गई तो कई इलाके पूरी तरह से तबाह हो जाएंगे. अब इस पॉइंट पर अगर आप अपने ईगो को या अपनी बात को गुस्से से आगे रखेंगे तो बात बिगड़ जाएगी क्योंकि आप मिशन की जगह बस खुद को सही प्रुव करने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए फैक्ट्स के साथ अपने पर्सनल ओपिनियन को कभी मिक्स ना करें. हमें अपने ईगो को साइड में रखना होगा ताकि एक इफेक्टिव solution निकाला जा सके,

The Trick of Choicelessness

हर इंसान किसी ना किसी पर्पस के साथ पैदा होता है. हमें अपने जीवन जीने के तरीके को चुनने का अधिकार दिया गया है. बुद्धिस्ट टीचिंग में इस चॉइस का मकसद ज़्यादा से ज़्यादा या बेहतर चीज़ों की उम्मीद रखना नहीं है बल्कि एक पॉइंट पर आकर उससे संतुष्ट होने में है. हमारा एक टिकट का

था और इका किया. उसने गुरु नरोपा का सबसे बुद्धिमान स्टूडेंट था. एक बार मारपा tibet से भारत आया और अपने गुरु को देने के लिए थोड़ा सोना उसमें कुछ सोना अपने लिए रख लिया. उसने सोचा कि वापस जाने के सफ़र में उसे खर्चे के लिए इसकी ज़रुरत पड़ेगी. tibet पहुंचकर जब उसने अपने गुरु को सोना गिफ्ट किया तो दो निराश हो गए क्योंकि वो जानते थे कि मारपा ने थोड़ा सोना खुद के लिए रख लिया था. इस एक्शन से पता चलता है कि मारपा ने खुद को अपने गुरु के प्रति पूरी तरह समर्पित किया ही नहीं था. यहाँ तक कि जब मारपा ने अपने पास रखा सोना भी अपने गुरु को दिया तो उन्होंने उसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया और सोने को हवा में उड़ा

दिया. नरौपा ने कहा कि इस सोने के सामने पूरी दुनिया उनके लिए कहीं ज्यादा कीमती थी. मीडिया को तब एहसास हुआ कि उसका समर्पण अधूरा था. समर्पण में ज़रूरी होता है कि आप अपनी सबसे प्यारी या कीमती चीज़ से भी मोह ना रखें और उसका बलिदान करने के लिए तैयार रहे.

Samaya या समर्पण का मतलब होता है कि दुनिया को एक्सपीरियंस करने के लिए आपको अपना सब कुछ छोड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए. अगर आप मोह में बंधे रहेंगे तो आपको कभी भी वो स्पिरिचुअल एक्सपीरियस नहीं होगा,

समय के साथ मारप गुरु बने. उनके आश्रम में एक स्टूडेंट था मिलारेपा जिसने मारपा के प्रति पूरा समर्पण दिखाया था. मिलारेपा एक हत्यारा और क्रिमिनल था और उसके मन पर अपने अतीत के पाप का बहुत बोझ था. उसने अनगिनत लोगों को बहुत दुःख दिए थे, अब वो इस अन्धकार से निकलकर रोशनी की ओर जाना चाहता था इसलिए उसने पूरे दिल से अपने गुरु के प्रति खुद को समर्पित कर दिया ताकि वो उसे सही रास्ता दिखा सकें. अब मिलारेपा के स्पिरिचुअल यात्रा का सफ़र शुरू हुआ. उसे एक के बाद एक टावर बनाने के लिए कहा गया. टावर पूरा बन जाने पर मारपा उस पर चिल्लाते और अपने हाथों से उसे तोड़ने के लिए कहते. मिलारेपा को बहुत दुःख होता. अब वो एक ऐसी सिचुएशन में था जहां उसके पास कोई चॉइस नहीं थी क्योंकि वो वापस नहीं जा सकता था. लेकिन उसने अपने गुरु पर कभी अपना विश्वास नहीं खोया और चुपचाप हर डॉट और अपमान सहता

गया. टावर बनाने और तोड़ने की वजह से उसके हाथों और पीठ पर छाले पर गए थे. लेकिन अंत में उसके पेशेंस का उसे इनाम मिला जो था कामयाबी और माफ़ी. हर एक टावर को बनाने और तोड़ने के साथ मिलारेपा के पाप का बोझ कम होता जा रहा था. फ़िर वो एक ऐसे पॉइंट पर पहुंचा जहां उसके पास खोने के लिए कुछ नहीं बचा था, उसके बाद ही मारपा ने उसे दिल से स्वीकार किया और उसे ज्ञान देने लगे.

Three Methods of Working with Chaos जब हमारी लाइफ में कुछ गड़बड़ चल रहा हो तो हम घबरा क्यों जाते हैं? अब तो जैसे ये एक सोचने का तरीका सा बन गया है. तो क्या कोई बैलेंस्ड

नजरिया है जो जिंदगी के बोझ को कम कर सकता है?

तो इसका जवाब है कि आपको अपनी अनगिनत इच्छाओं के chain से खुद को आज़ाद करना होगा. यहाँ तीन मेथड दिए गए हैं जो इसमें आपकी

मदद करेंगे.

तो पहला रूल है स्ट्रगल करना बंद करें यानी डिफिकल्ट सिचुएशन में धबराएं नहीं. ये मेथड “सोचने पर ज़ोर देती है. ऐसा करने से आप मुश्किल वक़्त में बेहतर तरीके से रियेक्ट करने लगेंगे. स जैसे मिलारेपा गाकर अपने मन के राक्षसों को बुलाता था. वो रोज़ उन्हें उसके सामने आने के लिए कहता ताकि वो उसका सामना कर सके. इस मेथड

ने असल में मिलारेपा को हकीकत का सामना करने में मदद की. रियलिटी का सामना करना आपके मन के डर को दूर करता है. डर आपको कमज़ोर

बनाने हैं. ये प्रेक्टिस आपको एक निडर इंसान बनना सिखाएगी.

दूसरा मेथड है कि जिंदगी में अनचाहे सिचुएशन से बचने की कोशिश ना करें. इसका मतलब है कि आपको उन सिचुएशन का सामना करना चाहिए जो मुश्किल हैं और जिनसे आप बचने की कोशिश करते हैं, भागने के बजाय उन भावनाओं को महसूस कीजिए. ये आपको हिम्मत के साथ मुसीबत का इमेजिन करें कि आप बीमार हैं और बिस्तर पर पड़े हैं. आपमें हिलने इलने तक की एनर्जी नहीं है. अब क्या आप अपनी लाचारी के बारे में सोचते हुए

सामना करना सिखाएगा,

चिल्लाएँगे? क्या आप भगवान् को इसके लिए दोष देंगे ? इससे डील करने का सबसे अच्छा तरीका है उसका सामना करना. इसे ऐसे देखिए कि आपकी बीमारी आपको सोचने और meditate करने का समय दे रही है.

तीसरा मेथड है आपके रास्ते में आने वाली हर सिचुएशन का फ़ायदा उठाना, पहले टिबेटन कल्चर में आज की तरह एक मरे हुए इंसान के शरीर को कब्रिस्तान में दफनाया नहीं जाता बल्कि आदिवासियों के पास charnel ground नाम की एक जगह थी जहां लाशों को छोड़ दिया जाता था ताकि गिद्ध उन्हें खा सकें, बाद में वहाँ उस शरीर के ऑर्गन, बाल, नाखून बचते थे. इस भ्रम में ना रहे कि अगर आपने सब कुछ ठीक से किया तो ज़िन्दगी में सब कुछ आराम से होता चला जाएगा, स्ट्रगल से बचना हमें कमज़ोर करता है.

भाग जाने का attitude हमें उस एक्सपीरियंस से कुछ भी सीखने नहीं देता. हर सिचुएशन का बहादुरी से सामना करें क्योंकि एक्सपीरियंस से बड़ा कोई टीचर नहीं होता, ये हमें एक समझदार इंसान बनाता है – एक ऐसा इंसान जो दूसरों के दर्द को महसूस कर सकता है.

कन्क्लू जन

तो इस बुक ने आपको सिखाया कि अपने डर का सामना कैसे करें, चुनौतियों को स्वीकार करें और इस बात को समझें कि जीवन उतार-चढ़ाव से भरा हुआ है. कभी किसी सिचुएशन से भागने की कोशिश ना करें. हमारे जीवन के दुख और मुश्किले हमें समझदार और मजबूत बनाने के लिए आती हैं. बस ये विश्वास रखें कि बुरा वक्त जल्द ही खत्म हो जाएगा. दूसरों के प्रति हमदर्दी रखना और उन्हें समझने की कोशिश करना ही आपको सच्ची खुशी और

सुकून देगा.

मोटिवेशनल स्पीकर गौर गोपाल दास जी ने बहुत ही खूबसूरत लाइन कही है कि जब चीजें आपके हिसाब से हों तो “be grateful” और अगर ना हों तो “be graceful”: चीजों का पॉजिटिव साइड देखने की कोशिश करें, यकीन मानिए जिंदगी बहुत सुंदर हो जाएगी.

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