What I Learned Losing a Million Dollars by – Jim Paul, Brendan Moynihan.

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लेखक के बारे में

जिम पाउल (Jm Paul) केंट्रकी के एक गरीब परिवार में पैदा हुए थे। वे एक फ्यूचर्स ट्रेडर बन गाए लेकिन अपनी एक गलती की वजह से उन्होंने अपने बहुत से पैसे खो दिया लेकिन वे फिर से एक बाद उठ खड़े हुए और बाद में मॉर्गन स्टेली के वहस प्रेसिडेंट बने।

बरेडन मोयनिहन (Brendan Moynihan) मार्केटफी्ड एसेट मैनेजमेंट का हारेक्टर हैं और बैंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी में फाइनेंस के प्रोफेसर भी हैं।

यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए

स्टाक मार्केट दुनिया की उन जगहों में से एक है जहाँ पर हर रोज कोई अमीर बनता है तो कोई रोड पर आ जाता है। यह वो जगह है जहां से हो कर बड़े बड़े लोगों ने अपनी किस्मत चमकाई और अमीर बन गए। लेकिन साथ ही कुछ लोग ऐसे भी है जिन्होंने बहुत कुछ खोया और इसके बाद उन्हें समझा आया कि स्टाक मार्केट में कामयाब होने के लिए क्या जरूरी है।

इसी तरह के लोगों की लिस्ट में एक नाम आता है जिम पाउल का जो कि इस किताब के लेखक हैं। इस किताब में उन्होंने बताया है कि इतने सारे पैसे हारने के बाद उन्होंने क्या सीखा। इस किताब में हम जानेंगे कि किस तरह असफलता एक बहुत अच्छी टीचर साबित हो सकती है।

इसे पढ़कर आप सीखेंगे

-खुद पर ज्यादा भरोसा करना क्यों घातक साबित हो सकता है।

भावना जरूरी होने के बावजूद भी खतरनाक कैसे साबित हो सकती हैं।

भीड़ के पीछे भागने से क्या नुकसान है।

खुद पर ज्यादा भरोसा करना कभी कभी खतरनाक साबित हो सकता है।

जिम पाउल हमेशा से ही अपनी जिन्दगी में पैसे कमाना चाहते थे। उन्होंने बहुत से पैसे कमाए लेकिन उसके साथ ही उससे ज्यादा पैसे गवा। उन्होंने एक ही दिन में $248000 कमा लिए थे। इससे उनका आत्मविश्वास बहुत बढ़ गया।

अपनी रातों रात की कामयाबी की वजह से वे शिकागो मसेंटाइल एक्सचेंज में बहुत फेमस हो गए। इसके साथ ही वे दूसरों को हुकुम भी देने लगे और किसी की सुनना बंद करना दिया।

उस समय सोयाबीन की माँग मार्केट ज्यादा थी लेकिन उसकी सप्लाई कम हो रही थी जिसकी वजह से उसकी कीमत बढ़ने वाली थी। पाउल को जैसे ही यह बात पता लगी, उन्हें अपना सारा पैसा और साथ ही अपने दोस्तों से बहुत सारा पैसा उधार लेकर मार्केट में लगा दिया। उन्हें पूरा भरोसा था कि उनका फैसला सही है।

क्योंकि पाउल पहले से ही कामयाब हो चुके थे और अब जब वे इतने आत्मविश्वास के साथ अपना सब कुछ लगा रहे थे तो उन पर भरोसा कर के उनके बहुत से साथियों ने भी

अपना पैसा लगा दिया। यहीं से किस्मत ने अपना रुख गोड़ लिया।

मौसम खराब होने की वजह से सोयाबीन की फसल खराब हो गई जिसकी वजह से उसकी कीमत में भारी गिरावट माई जिसकी वजह पाउल का नुकसान होना शुरू हो गया। कई महीनों तक वे $20000 हर दिन स्वीते रहे। हालात बिगड़ता हुआ देखकर बाकी लोगों ने अपना पैसा मार्केट से निकाल लिया लेकिन पाउल को अब भी खुद पर बहुत भरोसा था। पाउल को लग रहा था कि मार्केट का रुख फिर से बदलेगा और हालात वे एक बार फिर से आसमान पर होंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

आखिरकार उनके मैनेजर ने उन्हें काम से निकाल दिया। पाउल ने 8 लाख डॉलर खो दिए जिसमें से बहुत सारा पैसा उनके दोस्तों का था।

अमीर बनने का एक ही नियम है – अपने पैसे को कभी मत हारो।

अगर आप अमीर बनना चाहते हैं तो यह संभव होगा कि आप ने पहले से ही बहुत सी किताबें पढ़ रखी होंगी। अगर आप ने नहीं पड़ी तो आप अगर फ्लिपकार्ट पर जा कर किताबें खोजें तो आपको बहुत सी ऐसी किताबें मिलेंगी जो आपको अमीर बनाने का दावा करती हॉगी। किताबें पढ़ना अच्छी आदत है लेकिन इतनी सारी किताबों में दिए गाए इतने सारे एडवाइस में से किसकी बात सुने और किसे ना कहें इसका फेसला करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।

अगर आपने स्टाक मार्केट पर किताबें पड़ी हो तो आप ने देखा होगा कि बहुत से लोग यह सलाह देते हैं कि आपको अपने पोर्टफोलियों को डाइवस्स रखना चाहिए। इसका

मतलब यह है कि आपको अलग अलग कंपनियों में इंवेस्ट करना चाहिए। लेकिन अगर हम वैरेन बफ्फेट की सुने तो वे इसका उल्टा बताते हैं। उनका कहना है कि आप एक

जगह पर अपना फोकस करें।

अब अगर हम इन दोनों तरफ की बातों को मिक्सर में डाल कर इन में से एक मतलब निकालने की कोशिश करें तो हमें कुछ इस तरह का एक नियम मिलेगा अपने पैसे कभी मत हारिए।

वैरेन बफेट ने खुद कहा है पहला नियम, अपने पैसे कभी मत हारिए और दूसरा नियम, पहला नियम कभी मत भूलिए। बेनाई बैरुच और जिम रोजर्स ने भी कहा कि अपने पैसे कभी मत हारिए।

इसका मतलब यह हुआ कि चाहे आप अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्स कीजिए या फिर एक जगह पर अपना फोकस कीजिए, आप बस अपने आप को नुकसान से बचाइए।

अमीर होने के अनगिनत तरीके हो सकते हैं लेकिन उन सभी तरीकों में एक तरीके का होना बहुत जरूरी है – अपने नुकसान को कम करना।

अपनी गलतियों को मानना बहुत मुश्किल होता है लेकिन यही वो रास्ता है जो तरक्की की तरफ जाता है।

उस वक्त के बारे में सोचिए जब आप हार गए थे। यह थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन फिर भी आप अपने हारने की वजह का पता लगाने की कोशिश कीजिए। क्या आप

हारने के बाद खुद से कहते हैं कि हालात खराब थे या फिर आप मानते है कि गलती आपकी धीं बहुत सारे लोगों ने इसके जवाब में खुद पर इल्जाम ना लगा कर अपने हालात को दोष दिया होगा। आपको यह बात माननी होगी कि हालात को अमीर नहीं बनना है इसलिए वे कभी नहीं सुधरेंगे। अमीर आपको बनना है इसलिए सुधार भी आपको हो करना होगा।

हारना बुरी बात नहीं है। गलतियाँ हम सभी से होती है। लेकिन कुछ लोगों को लगता है कि एक गलती करने के बाद उनकी जिन्दगी खत्म हो जाएगी। अगर आपको हारने से इतनी नफरत है तो आप कभी जीत नहीं पाएंगे। इसलिए आपको इस नफरत को काबू करना होगा। आपको अपने दिमाग का इस्तेमाल करना होगा ना कि हारने के गम में डूबना।

भावनाए कभी कभी हमारी सोच को कमजोर बना देती हैं। पाउल ने अपनी गलती नहीं गानी क्योंकि उन्हें यह मंजूर नहीं था कि वे गलत साबित हो जाएं। इसका नतीजा हमने

पहले सबक में देख लिया।

गलतियों को मानना जितना मुश्किल है इतना ही जरूरी भी। बहुत से लोग स्टाक मार्केट में अपना नुकसान होता हुआ देखते रहते हैं लेकिन फिर भी इतजार करते हैं कि मार्केट जल्द ही अपना रुख बदलेगा। उनकी यही गलती उन्हें कहीं का नहीं छोड़ती।

हम से गलतियाँ तब होती हैं जब हम लॉजिक से काम नहीं करते।

हमारे दिमाग की एक बहुत अच्छी खासियत है कि यह हर जगह एक पैटर्न खोज लेता है भले ही वहाँ कोई पैटर्न ना हो। बचपन में हम सभी को बादलों में एक घोड़ा या एक हाथी दिखाई देता था। हालांकि बादल और हाथी घोड़े का आपस में कोई सबंध नहीं है लेकिन फिर भी इमारा दिमाग उस में से एक पैटर्न खोज लेता है।

बचपन में इस तरह के काम करने से खुशी मिलती थी, लेकिन स्टाक मार्केट में इस तरह के काम करने से आप रोड पर आ सकते हैं। मार्केट किसी फार्मूले के हिसाब से काम नहीं करती। अगर आप यहाँ पर एक पैटर्न के हिसाब काम कर रहे हैं और आपका नुकसान नहीं हुआ तो इसे सिर्फ इत्तेफाक या अच्छी किस्मत कहा जा सकता है।

जरूरी नहीं है कि हर बार मार्केट नीचे गिरने के बाद फिर से उठ ही जाए। इसलिए अगर आपके स्टाक की कीमत कम हुई जा रही है तो आप इस उम्मीद में मत रहिए कि मार्केट फिर से उठ जाएगा, आप अपने फैसले पर फिर से एक नज़र डालिए। अगर आप ऐसा नहीं करते तो यह किसी जुए से कम नहीं है।

मार्केट में बहुत से स्टाक ऐसे होते हैं जहाँ आप एक बार पैसे लगाते हैं और उसी में आपका नुकसान या फायदा होता है। इसकी एक शुरुआत और एक अत होता है। लेकिन

बहुत से स्टाक ऐसे होते जहाँ आप बार बार अपना पैसा लगा सकते हैं। यहाँ शुरुआत का तो पता होता है लेकिन अंत का कुछ पता नहीं होता। दोनों तरह के स्टाक में एक

बात आपस में मिलती है- पैटर्न के हिसाब से काम करना नुकसानदायक है।

बहुत से ट्रेडर मार्केट में एक के बाद एक अपने पैसे इसमें लगाते रहते हैं और लगातार हारते हैं। वे तब तक पैटर्न के पीछे भागते रहते हैं जब तक उनके सारे पैसे खत्म ना हो

जाएं।

भीड़ के साथ चलना समझदारी नहीं है।

दूसरों की नकल करना हमारी आदत है। इसी तरह हम बहुत सी चीजें सीखते हैं। एक रीसर्च में एक छोटे बच्चे को चिपैजी के बच्चे के साथ रखा गया यह देखने के लिए कि क्या वह विपैजी बच्चे की तरह हरकतें करता है या नहीं। लेकिन यह देखा गया कि बच्चा समय के साथ विपेजी की तरह हरकतें करने लगा। मतलब इंसान नकल करने में सबसे एक्सपर्ट है।

लेकिन कभी कभी नकल करना भारी पड़ सकता है। 2008 में जब अमेरिका का रीयल एस्टेट मार्केट कैश हुआ था तो उसके बाद यह बात लोगों को बहुत अच्छे से समझ में

आ गई कि बिना सोचे समझे दूसरों का पीछा करना किस हद तक नुकसानदायक हो सकता है।

अगर आप किसी लाइव काँसर्ट जाणे तो आप भी सबके साथ रह कर शोर करने लगेंगे। हम खुद को दूसरों की नकल करने से रोक नहीं सकते। जब डर की वजह से हम दूसरों की नकल करने लगते हैं तब यह और नुकसानदायक हो सकता है। हमें लगने लगता है कि अगर हम दूसरों की तरह नही चलेंगे तो हम अपना पैसा खो देंगे क्योंकि इतने सारे लोग एक साथ गलत नहीं हो सकते। इसलिए हम बिना सोचे उनके पीछे निकल लेते हैं। भावनाएँ हम पर हावी होने लगती हैं और हमारे सोचने की क्षमता को कम कर देती है।

जरूरी नहीं है कि जब हम भीड़ के साथ हो तभी हम उनकी तरह बर्ताव करें। जय हम किसी आर्टिकल में यह पढ़ते हैं कि बहुत से लोग एक स्टाक के पीछे पागल हुए जा रहे हैं तो हम भी बिना सोचे समझे उस पर पैसे लगाने लगते हैं। या फिर जब हम इटरनेट पर कोई वाइरल वीडियो से हो कर गुज़रते हैं तो हम खुद को उसे देखने से नहीं रोक पाते। किसी की भी बात मानने से पहले एक बार अपनी रीसर्च जरूर कर लीजिए ताकि बाद में आपको इसका अफसोस ना हो।

प्लान बना कर काम करना हमेशा अच्छा होता है।

1980 के दशक में मॉर्गन स्टैनली के इंवेस्टमेंट बैंकिग ने बहुत कामयाबी हासिल की। वे एक के बाद एक कामयाबी हासिल किए जा रहे थे और इसकी वजह थी उनकी प्लानिंग। वे लोग हर हालात के लिए अपने पास एक प्लान रखते थे। उन्हें पता होता था कि अगर कोई बिन बुलाई मुसीबत सामने आ जाए तो उससे कैसे निपटना है। कुछ लोगों का मानना था कि प्लान करना समय की बरबादी है लेकिन उनके इसी प्लानिंग का नतीजा था कि वे इतने कामयाब हो सके। जब हम प्लान के हिसाब से काम करते हैं तो हम हर एक फेसला यह देखते हुए करते हैं कि उस फैसले के लेने से हम अपनी मंजिल के करीब पहुंच रहे हैं या नहीं। अगर

हमारे पास प्लान नहीं होता हम बिना सोचे समझे ऐसे फैसले ले लेते हैं जिनसे लम्बे समय में कोई फायदा नहीं होने वाला।

प्लान करने से पहले खुद से कुछ सवाल करना बहुत जरूरी होता है। आप लम्बे समय के लिए द्वेस्टमेंट कर रहे हैं या कम समय के लिए आप कौन कौन से नियमों के हिसाब से काम करेंगे? आपको 5 साल के बाद कहाँ तक पहुचना है? इस तरह के सवाल के जवाबों को आप एक डायरी में लिख लीजिए ताकि इसे बार बार पढ़ते रहने से आप इसे याद रख सकें।

इसके अलावा स्टाक मार्केट में जाने से पहले आपको एक जानकारी का जरिया भी खोजना होगा जिससे आप समय समय पर पक्की जानकारी हासिल कर सके। जैसा कि पहले ही कहा गया,भीड़ के साथ भागना नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए आपको एक ऐसा व्यक्ति चाहिए होगा जो भापको सही रास्ता दिखा सके और सही जानकारी दे सके।

उस जानकरी का इस्तेमाल आप खुद को गलत फैसले लेने से बवा सकते हैं। पाउल की सबसे बड़ी गलती यह थी कि सारी जानकारी होते हुए भी उन्होंने उसका इस्तेमाल नहीं किया। भावनाएँ कभी कभी नुकसानदायक हो सकती है इसलिए आप डाटा को देखकर काम कीजिए।

अंदर जाने से पहले बाहर निकलने का सोचिए।

शायद आप ने महाभारत में अभिमन्यू का नाम सुना होगा। उन्हें चक्रव्यूह के 6 फाटकों को तोड़ना आता था लेकिन वें और आखिरी फाटक को तोड़ने की जानकारी उन्हें नहीं थी। उन्हें अदर जाना और लड़ना आता था लेकिन बाहर निकलना नहीं आता था। यही उनके मौत की वजह बनी।

स्टाक मार्केट में भी कुछ ऐसा ही होता है। अगर आप ने पहले से यह तय नहीं किया है कि कितना पैसा हारने के बाद आप अपने पैसे निकाल लेंगे तो समझ जाइए कि आप ने गलती की है। आहए इसे अच्छे से समझने की कोशिश करते हैं।

मान लीजिए कि आप ने ताँबे के स्टाक को यह सोच कर 160 में स्वरीदा कि उसके स्टाक महीने के अंत में 270 तक पहुंच जाएंगे। लेकिन 15 दिन के बाद आपने देखा कि उसकी कीमत कम होकर 50 पर आ गई। आप अब भी खुद को दिलासा दे रहे हैं कि कीमत फिर से उठ जाएगी। लेकिन महीने के अंत में उसकी कीमत 40 तक आ गई। अब आपको एहसास होता है कि आपने गलती कर दी।

ऐसे हालात से बचने के लिए आप यह तय कर के रखिए कि कितना नुकसान आप सह सकते हैं। गान लीजिए कि आपको कैल्कुलेशन के हिसाब से अगर कीमते र55 पर आ गई तो उससे नीचे आने के बाद आपको कुछ ज्यादा नुकसान होगा। तो आप अपनी एक सीमा तयकर दीजिए कि कीमत जैसे ही र55 के नीचे आएगी आप अपना पैसा मार्केट में से निकाल लेंगे।

या फिर आप खुद के लिए एक डेट तय कर सकते हैं कि अगर कीमतें इस तारीख तक नहीं बढ़ी तो आप अपना पैसा निकाल कर किसी और जगह लगा देंगे।

इसलिए अगर आप वाकई चाहते हैं कि भीड़ से आप बचे रहें और साथ ही अपनी भावनाओं को भी काबू में रखे रहे तो आप एक नंबर तय कीजिए। आप तय कीजिए कि कब आप अपना पैसा मार्केट के निकाल लेंगे। ऐसा कर के आप खुद को भारी नुकसान से बचा सकते हैं।

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