About Book
मरी कोंडो क्लीनिंग के आर्ट की एक्सपर्ट हैं. आपको लगता होगा कि सफ़ाई करने के बारे में आपको कुछ सीखने की या जानने की ज़रुरत नहीं है लेकिन आप इस बुक से बहुत कुछ सीख सकते हैं. आप सीखेंगे कि सफ़ाई को एक टूल के रूप में कैसे इस्तेमाल किया जाए ताकि आप अपनी लाइफ को रिसेट कर ज़्यादा ख़ुशहाल जिंदगी जी सकें. ये बुक आपको अपने क्लीनिंग प्रोसेस में टाइम और एफर्ट बचाने में मदद करेगी.
यह समरी किसे पढ़नी चाहिए?
जो लोग ज़्यादातर सामान बिखराकर रखते हैं
जो लोग अपने रूम या घर को साफ़ रखना चाहते हैं
ऑथर के बारे में
मरी कोंडो नेटफ्लिक्स सीरीज “Tidying Up” की जानी मानी होस्ट हैं. इसके लिए उन्हें आउटस्टैंडिंग रियलिटी प्रोग्राम होस्ट की केटेगरी में Emmy अवार्ड्स के लिए नोमिनेट किया गया था. उनकी बेस्ट सेलिंग बुक “The Life-Changing Magic Of Tidying Up” t दुनिया भर में लाखों कॉपी बिक चुकी हैं. मरी एक एक्सपर्ट organizing कंसलटेंट हैं. 2015 में Time Magazine के 100 Most influential People” की लिस्ट में उनका नाम शामिल किया गया था.
इंट्रोडक्शन
क्या आप अपने घर में फैले हुए सामान से परेशान हो गए हैं? क्या आप हर दिन सफ़ाई करते हैं और अगले दिन फ़िर अपने धर को गंदा पाते हैं? क्या आप सालों से कोई क्लीनिंग सिस्टम फॉलो कर रहे हैं लेकिन आपको उसका रिजल्ट नहीं मिल रहा?
अगर आपका जवाब हाँ है तो आप एक बिलकुल नार्मल इंसान हैं. आपको लगता होगा कि सफ़ाई का आर्ट सीखने के लिए आपको किसी बुक या कोर्स
की ज़रूरत नहीं है. लेकिन अगर आपके घर में सामान हमेशा फैला हुआ रहता है तो आपको एक परमानेंट solution की सख्त ज़रुरत है. इस बुक की ऑथर मरी कोंडो ने कई सालों के रिसर्च के बाद एक ऐसा क्लीनिंग solution निकाला है जिसमें टाइम भी कम लगता है और वो बहुत इफेक्टिव भी है.अगर आप सफाई के बारे में अपने सोचने के तरीके को अपडेट करने के लिए और अपने घर को हमेशा साफ़ रखने के लिए कुछ कमाल के ट्रिक्स सीखने के लिए तैयार हैं तो ये बुक आज से आपकी बेस्ट फ्रेंड है.
इस बुक में आप जानेंगे कि एक साफ़ घर मेन्टेन करने के लिए हर दिन सफ़ाई करना सही solution नहीं है. अपने घर की सफ़ाई करने से पहले आपको अपने सोचने के तरीके को बदलने की ज़रुरत है. आप जगह यानी लोकेशन के हिसाब से नहीं बल्कि केटेगरी
के हिसाब से सफ़ाई करने के इम्पोर्टस के बारे में भी जानेंगे.एक बार जब आप इस नए नज़रिए को अप्लाई करना सीख जाएँगे तोआपकी मेंटालिटी और
स्पेस में आपको फ़र्क नज़र आने लगेगा
एक और स्किल है जो ये और कौन सी चीज़ें फ़ेंक दे की सिखाएगी वो है सामान से छुटकारा पाने की कला. आप जानेंगे कि आपको किस तरह की चीज़ें रखनी चाहिए। बुक चाहिए.
इस बुक के खत्म होते-होते आपको लगेगा जैसे आपकी लाइफ की एक नई शुरुआत हो गई है. आप खुद को बदलने और बेहतर लाइफ जीने के लिए क्लीनिंग को एक टूल के रूप में देखना शुरू कर देंगे.
सफ़ाई आपको शांति महसूस कराने और ज़रूरी चीजों पर फोकस करने में मदद कर सकती है. तो सक्सेस अचीव करने के लिए क्या आप अपनी लाइफ को रिसेट करने के लिए रेडी हैं?
Why Can’t I Keep My House In Order?
लोगों का मानना है कि कुकिंग और क्लीनिंग दोनों ही स्किल हैं लेकिन कुकिंग की तरह सफ़ाई करने की कला सीखी नहीं जा सकती.लोग एक्सपीरियंस और बार-बार क्लीनिंग करने की रूटीन से क्लीनिंग हैबिट डेवलप करते हैं.
आपने अक्सर देखा होगा एक माँ अपनी बेटी को कुकिंग करना सिखाती है लेकिन हम कभी नहीं सुनते कि किसी ने अपनी बेटी को क्लीनिंग करना सिखाया हो. लेकिन ऐसा है क्यों? क्योंकि सफ़ाई करने की हैबिट हम खुद सीखते हैं. क्लीनिंग की कला एक्सपीरियंस पर बेस्ड होती है.आप कभी किसी 50 की उग्र के इंसान को सफाई करना सीखते हुए नहीं देखेंगे, अगर लोग सिर्फ़
एक्सपीरियंस के बेसिस पर साफ़ करना जानते तो आपको हर में हर जगह सामान बिखरा हुआ नहीं मिलता.
हर इंसान को अपना घर पूरी तरह साफ़-सुथरा बनाए रखने का गोल रखना चाहिए. उन्हें सीखना चाहिए कि सही तरीके से सफ़ाई कैसे की जाती है. लेकिन ज्यादातर औरतें अपने घर को ठीक ठाक करने के से उसके गंदा होने की शिकायत करती रहती हैं,
। दूर हो जाएगी.लेकिन ये सही solution नहीं है.आइए इमेजिन करते हैं कि आप सोच रहे होंगे कि हर दिन थोड़ी-थोड़ी सफ़ाई करने से आपकी प्रॉब्लम आपने पूरा १ साफ़ कर दिया और सब चीज़ सही जगह पर रख दी. उसके बाद आपने हर रोज़ थोड़ी-थोड़ी सफ़ाई करने की सलाह को फॉलो किया. आपने प्लान को अच्छे से दो हफ्ते फॉलो किया. उसके बाद आप ऊबने लगे और इसे फॉलो करना बँद कर दिया. ज्यादातर लोग एक ही चीज़ को बार-बार नहीं कर
कर सकते इससे हम थक जाते हैं और आलस महसूस करते हैं.
कुछ हफ़्तों बाद इस रूटीन को छोड़ने का एक और कारण ये है कि आप अपने सोचने के तरीके को बदले बिना ही सफाई करने की आदत बनाने की
कोशिश कर रहे हैं. ऑथर मरी कांड हाई स्कूल में धी जब उन्होंने एक बुक पढ़ी थी जिसने हमेशा के लिए उनका जीवन बदल दिया धा. इस बुक का
नाम था “The Art of Discarding”, इसमें उन सभी चीज़ों से छुटकारा पाने की बात कही गई थी जो आप अपने घर में इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. मरी बड़े चाव से इसे पढ़ती रही क्योंकि इस बुक के प्रिंसिप्ल एकदम नए और काफी दिलचस्प थे. वो हमेशा सोचती थीं कि साफ़ाई का मतलब है घर साफ़-सुथरा रहना लेकिन उन्हें उस दिन एहसास हुआ कि वो गलत थीं.उन्होंने ढेर सारे garbage बैंग लिए और अपने घर को साफ करने का फ़ैसला – किया.
वो घंटों तक अपने रूम में बंद रही और हर उस चीज़ से छुटकारा पाने की कोशिश करती रही जो वो इस्तेमाल नहीं कर रही थी या पहन नहीं रही थी. अपने बचपन की कई चीजें देख कर मरी को बहुत आश्चर्य हुआ. उसमें कपड़े, खिलौने, किताबें ऐसी ढेरों चीजें थी जो वो यूज़ नहीं करती थीं.
सब सामान इकट्ठा करने के बाद वो उस ढेर को देख कर सोचने लगी “मैंने इसे अब तक क्यों रखा हुआ था? अगले दिन, मरी को अपना रूम ख़ाली और बड़ा सा लग रहा था. आपको भी इसी फीलिंग को एक्सपीरियंस करने की ज़रुरत है : ये है फ्रीडम की फीलिंग, एक बार जब इस फीलिंग का आप आनंद ले लेते हैं तो आप कभी दोबारा वो सामान इकट्ठा नहीं करेंगे जिसकी आपको ज़रुरत नहीं है जिसने भी इस क्लीनिंग के मिशन में शामिल होने की कोशिश की है वो जानता है कि हर रोज़ थोड़ी-थोड़ी सफाई कोई सही solution नहीं है. ऐसा
इसलिए है क्योंकि हर दिन कूड़े का एक नया ढेर तैयार हो जाता है. आपको पूरे घर की सफ़ाई करने की ज़रुरत है. उन सभी चीज़ों से छुटकारा पाएं जिनकी आपको ज़रुरत नहीं है. आपको हैरानी होगी कि ऐसा करने के बाद आप कितना फ्री महसूस करेंगे,
The Moment You Start You Reset Your Life
क्या आपको याद है कि एक एग्जाम के लिए आपको स्टडी करना था और अचानक आपको अपने रूम की सफाई करने की इच्छा हुई? मेरे साथ तो हमेशा ऐसा हुआ है. मैं पढ़ाई छोड़कर अपनी अलमारी साफ़ करने बैठ जाती थी.
इसके पीछे एक साइंटिफिक रीज़न है. जब आप पढ़ाई करने के लिए अपने रूम में जाते हैं तो आपका ब्रेन चीजें याद करने के लिए तैयार होता है. लेकिन जब आप अपने आस-पास गंदगी नोटिस करते हैं तो आपके ब्ैन का कोकस बदल जाता है.
अब आपका subconscious माइंड कहने लगता है कि जब तक आप रूम को साफ़ नहीं करेंगे तब तक आप पढ़ नहीं सकते. अगर आप इस फीलिंग को अनदेखा करेंगे तो आपका पढ़ने में पूरा मन नहीं लमेगा और अगर आप इसे फॉलो करेंगे तो आप बिलकुल नहीं पढ़ पाएँगे क्योंकि आप सफ़ाई करने में लग जाएँगे. अब इमेजिन कीजिए एक आदमी है जो एक मंदे से रूम में रहता है. पहले हमें उस आदमी के बारे में सोचने की ज़रुरत है जो ये सामान फैलाने के
लिए जिम्मेदार है. चीजें यूही नहीं बिखर जाती, वो लोग ही होते हैं जो चीज़ों को यहाँ वहाँ फ़ेंक देते हैं. कई बार तो ऐसी हालत हो जाती है कि ज़मीन
इतना भरा होता है कि ना वो दिखता है और ना कहीं पैर रखने की जगह होती है. अब अगर आप किसी इंसान को अपना रूम साफ़ करने के लिए कहेंगे तो उसे गुस्सा आ जाएगा. वो आपसे कह सकता है कि उसे बहुत आलस महसूस हो रहा है या उसे अपना रूम वैसे ही पसद है.कुछ लोगों का तो ये हाल है कि वो कहते हैं कि जब तक उनका रूम बिखरा हुआ ना हो तो वो ना वो पढ़ सकते हैं और ना ही कोई काम सकते हैं. है। काई काम कर सक
हमारे आस-पास का बिखरा हुआ सामान हमारा ही reflection होता है. अगर हमारे थॉट्स आर्गनाइज्ड हैं और मन शांति से भरा है तो हम एक साफ़ रूम में रहना पसंद करेंगे. अगर हमारे मन में हलचल मची हुई है और हम चिंतित हैं तो हम पूरे घर में चीजें बिखरा कर रखेंगे.
इसलिए घर की सफ़ाई से पहले आपको अपने अंदर गहराई तक झांकना होगा. आपको गहरी सांस लेकर आराम से अपनी प्रोब्लम्स के बारे में सोचने की ज़रुरत है,अपने आप से से पूछे, ऐसी ऐसी कौन सी मुश्किले हैं जिनसे में बचने की कोशिश कर रहा हूँ?” जब आपके आस पास सामान बिखरा हो तो आप ने मियन
clearly सोच नहीं सकते क्योंकि वो बिखरा हुआ सामान आपका ध्यान भटका देता है. लेकिन एक बार जब आप अपना रूम साफ़ कर देते हैं तो आपका ब्रेन इधर उधर भटकना बंद कर देता है. आप देखेंगे कि आप ज्यादा शांत महसूस कर
रहे हैं, आप अपनी लाइफ के बारे में क्लियर तरीके से सोचना शुरू कर देते हैं, अपने रूम को साफ़ करने के बाद की वो फीलिंग आपकी बदलने के लिए मोटीवेट करेगी,आपको लगेगा जैसे आपने लाइफ की बुक में एक नया पेज
खोला है और आप रिसेट बटन दबाकर एक नई शुरुआत करना चाहते हैं, इसलिए, क्लीनिंग आपका फाइनल गोल नहीं है. अपने घर की सफाई एक टूल होना चाहिए जिसका इस्तेमाल आप अपने लाइफ में रियल प्रोब्लम्स का सामना करने के लिए करते हैं और उन्हें बदलने की कोशिश करते हैं,आप जितना ज्यादा वलीन करेंगे उतना ही ज्यादा आपचेंज और इम्मूवमेंट की फीलिंग को पसंद करने लगेंगे.
Sort By Category, Not By Location
हर इंसान का सफ़ाईकरने का एक सिस्टम होता है.आपको जान कर हैरानी होगी कि ज़्यादातर लोग एक ही सिस्टम फॉलो करते हैं. हर महीने की शुरुआत में वो पूरे घर की सफ़ाई करने के लिए पहला हफ्ता चुनते हैं. सेटरडे किचन के लिए, संडे बाथरूम के लिए, मंडे लिविंग रूम के लिए इस तरह वो पूरा टाइम टेबल बना लेते हैं.
अगर आप भी इसी सिस्टम को फॉलो कर रहे हैं और अगर मैं कहूं कि आप बिलकुल गलत technique यूज़ कर रहे हैं तो मेरी बात सुनकर निराश ना हो. जब आप एक एक जगह यानी लोकेशन चुन कर साफ करते हैं तो आप इस बात को नोटिस नहीं करते कि आपके पास कितना सारा सामान है. हो सकता है कि आज आपने अपने रूम के मकेप drawer को क्लीन किया और कल आप बाथरूम के मकेअप drawer को क्लीन करेंगे, इस तरह की सफ़ाई प्रैक्टिकल नहीं है क्योंकि जब आप दो अलग-अलग मकेअप drawer को साफ़ करते हैं तो आप ध्यान नहीं देते कि आपके पास कितना सारा मकेअप का सामान है.आप ये भी नोटिस करने में फेल हो जाते हैं कि एक ही काम को दो बार करने में आप कितना टाइम waste कर रहे
हैं. इसका solution है कि लोकेशन के नहीं बल्कि सामान की केटेगरी के हिसाब से क्लीनिंग करें. इस तरह आप देख सकते हैं कि आपके पास असल में
कितना सामान है और उन चीज़ों से छुटकारा पा सकते हैं जिनकी आपको ज़रुरत नहीं है. आइए लिली का एग्जाम्पल देखते हैं, लिली तीन सालों से सफ़ाई का एक सिस्टम फॉलो कर रही थी. हर महीने के पहले हफ्ते में वो पूरे घर की सफ़ाई करती, उसने घर के हर रूम के लिए एक-एक दिन फिक्स किया था. इस सिस्टम ने उसके लिए काम तो किया लेकिन उसने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि वो एक ही चीज़ को दो बार साफ़ करने में कितना टाइम और एफर्ट बर्बाद कर रही थी.
एक दिन, लिली अपने रूम में मकेअप का drawer साफ़ करने लगी. वो ऑफिस से घर आई और सीधे साफ़ाई करने में लग गई. उसने drawer खोला और सब कुछ ज़मीन पर गिरा दिया. उसके बाद वो चीज़ों को जगह पर रखने लगी. वो हर तरह के प्रोडक्ट के लिए एक बॉक्स का इस्तेमाल करती
अगले दिन, बाथरूम की सफ़ाई का दिन था, लिली ने जब drawer खोला तो देखा कि वो मकेअप के सामान से भरा हुआ था. फ़िर उसने सामान जमीन पर गिराया और चीज़ों को सही जगह रखने लगी.अचानक लिली को लगा कि उसने यही काम तो कल भी किया था.उसे लगा कि वो उसी
drawer को साफ़ कर रही थी बस आज उसकी लोकेशन अलग थी, तब लिली को एहसास हुआ कि ये सिस्टम कितना गलत था. हर लोकेशन की साफ़ करना उसकी मदद नहीं कर रहा था, उसे मालूम ही नहीं धा कि
उसके पास मकेमप का कितना सामान था,बहुत से लोग अपने घर की सफ़ाई के लिए स्ट्रगल करते हैं क्योंकि वो कहते हैं कि चाहे जितनी भी सफ़ाई कर
लो, अगले दिन सब कुछ उतना ही गंदा हो जाता है. इस प्रॉब्लम का एक कारण है घर में बहुत ज़्यादा सामान का होना, जब हम लोकेशन के हिसाब से सफ़ाई करते हैं तो हम उसे देख नहीं पाते.लेकिन जब
हम केटेगरी के हिसाब से साफ़ करते हैं तब हमें पता होता है कि क्या रखना है और क्या हटाना है. इसलिए अगली बार जब आप सफाई करें तो केटेगरी के हिसाब से करें.जब आपको कपड़े साफ करना हो तो अपने घर के सभी कपड़ों पर अटेंशन फोकस करें. डिसाइड करें कि उनमें से आपको कौन सा रखना है. जिन्हें आप यूज़ नहीं करते उन्हें हटा दें. केटेगरी पर फोकस करने से आपको कल
दोबारा वही काम नहीं करना पड़ेगा.
Start By Discarding All At Once Intensely and Completely
जब भी सफाई की बात होती है तो ज्यादातर लोग एक ही प्रॉब्लम की शिकायत करते हैं. वो कहते हैं कि चाहे जितनी भी सफ़ाई कर लो, अगले दिन घर उतना ही गंदा हो जाता है. इस प्रॉब्लम को सोल्व करने के लिए लोग रोज़मर्रा के काम में सफ़ाई करने की कोशिश करते हैं. ये एक गलती है क्योंकि
सफ़ाई एक अलग काम के रूप में किया जाना चाहिए.
सके लिए आपक आपको दो डिसिशन लेने की ज़रुरत है :
सामान हटाना है और उन चीज़ों को कहाँ रखना है जिन्हें आप रखना चाहते करते हुए आपको बस एक बार अपने घर को साफ़ करना है और आप फ़िर कभी सामान बिखरा हुआ नहीं देखेंगे. फॉलो अब हम सारा का एग्जाम्पल देखेंगे जो एक छोटे से गंदें रूम में रह रही थी. वो अकेली रहती थी और एक अकेले इंसान को बहुत ज्यादा सामान की
क्या
हैं. इस एप्रोच को
र में एक अलमारी और कुछ शेल्फ बने हुए थे जिसमें उसका सारा सामान अच्छे से आ जाना चाहिए था. जरुरत नहीं पड़ती है. उसके रूम में आश्चर्य की बात तो ये थी कि उसके रूम में जहां देखो वहीं सामान बिखरा हुआ था. अलमारी को इतना ठूस कर भरा हुआ था कि दरवाज़ा बंद होने का नाम नहीं ले रहा था. यहाँ तक कि पदों की रेल पर भी कपड़े लटके हुए थे, खिड़की तो दिखना बिलकुल बंद हो गई धी. रूम में अँधेरा रहने लगा धा, उस रम में चलने तक की जगह नहीं थी, जमीन पर पेपर से भरे बारकेट फरेले थे.
यहाँ तक कि सारा का बेड भी खाली नहीं था. उस पर भी दुनिया भर का सामान रखा हुआ था. सोने के वक्त उसे सामान नीचे ज़मीन पर रखना पड़ता
और सुबह दोबारा सारा सामान बेड पर रखना पड़ता था.अगर वो ऐसा नहीं करेगी तो रूम के दरवाज़े तक भी पहुंचना नामुमकिन था. सारा का एक सपना था कि उसका रूम एक फाइव स्टार होटल के रूम जैसा दिखे जहां हर चीज़ साफ़ और चमकदार हो. वो काम से एक ऐसे घर में आना चाहती जहा थी जहा चैन से बैठकर सांस लेने की जगह हो.वो अपने ख्यालों में खुद को ऑफिस से धर आकर इत्मीनान से फ्रेश होने के बाद
पियानो सुनते हुए देखा करती थी.
सारा के मन में एक इमेज थी कि वो अपना रूम कैसा देखना चाहती है और वो उसे कैसा महसूस कराएगी.एक दिन उसने ठान ली कि बस बहुत हुआ,
अब उसे एकशन लेकर चीज़ों को बदलना होगा. वो सफ़ाई करने के मिशन में जुट गई. इसमें उसे कुछ समय लगा लेकिन आखिर में अपने रूम को सही
तरीके से साफ़ करने के बाद वह अपने सपने को सच करने में कामयाब रही.उसके बाद वो घर आकर चैन से पियानो पर म्यूजिक सुनकर रिलेक्स करती
थी. आप भी इस चीज़ को एन्जॉय कर सकते हैं. आपको बस अपने मन में एक क्लियर पिक्चर बनाने की ज़रुरत है कि आप अपना घर कैसा देखना चाहते हैं, उसके बाद अपने गोल को अचीव करने के लिए बैकार चीज़ों को हटाकर इसकी शुरुआत करें.
Selection Criterion: Does it Spark Joy?
अब जब आप जानते हैं कि बेकार सामान हटाना कितना ज़रूरी है तो आप सोच रहे होंगे कि किस तरह का सामान हटाना चाहिए. ज़्यादातर लोग आपको ऐसी सलाह देंगे जो अब कोई काम के नहीं हैं जैसे ऐसी चीज़ें फेंक दो जो टूटी हुई हैं,उन कपड़ों को हटा दो जो अब आप पहनते नहीं है या जो
कपड़े फैशन में नहीं हैं. कई लोग जो
खुद को क्लीनिंग एक्सपर्ट मानते हैं वो कहेंगे कि उन चीज़ों को हटा दो जो आपने पिछलेएक साल से यूज़ नहीं की है.लेकिन ये सोच भी
पूरी तरह सही नहीं
सबसे पहले धीज़ों को अलग अलग करें कि क्या जरुरत का सामान है और क्या नहीं. अगर आप किसी सामानके बारे में डिसाइड नहीं कर पाते तो उसे एक बॉक्स में डालकर 6 महीनों के लिए छोड़ दें. 6 महीने के बाद भी अगर आपने उस बॉक्स की चीज़ों को यूज़ नहीं किया है तो उन्हें फ़ेंक दें.
क्याफेंकना है इस पर ध्यान फोकस करना कुछ समय के लिए काम कर सकता है लेकिन ये आपके फाइनल गोल को अचीव करने के लिए काम नहीं करता. सफ़ाई का फाइनल गोल है खुशी महसूस करना क्योंकि तब आप सिर्फ उन चीज़ों से घिरे होते हैं जो आपको पसंद हैं. जब आप उन चीजों पर ध्यान फोकस करते हैं जिन्हें आप फेंकना चाहते हैं तब आप उन चीज़ों पर अटेंशन नहीं देते जिन्हें आप रखना चाहते हैं.इन सब
के बजाय उन चीजों पर फोकस करें जो आपको पसंद हैं, उन चीज़ों को रखें जो आपको खुशी देते हैं. ऐसा करने से, आपका एक साफ़ सुथरे घर में रहनेका गोल जो आपको खुशी भी देता है, उसे अचीव करना आसान हो जाएगा. आइए इसे मरी की कहानी से समझते हैं. मरी को बचपन से ही सफ़ाई करना बहुत पसंद था, क्लीनिंग के बारे में कई बुक्स और मैगज़ीन पढ़ने के बाद वो एक एक्सपर्ट बन गई थीं. एक बार जब उसने चीज़ों को हटाने का आर्ट समझ लिया तो वो उसमें भी माहिर हो गई. मरी हर दिन जितना हो सके उतना सामान निकालने के गोल से सफ़ाई
करती. अब जहां भी वो जाती, उसकी ये आदत उसके साथ जाने लगी. यहाँ तक कि अपने दोस्त के घर में भी वो उन चीज़ों को कचरे के बैग में भरने लगती जो
उसे लगता था कि उसकी दोस्त के काम के नहीं है.
निराशा की बात तो ये थी वो जितना अपने घर को साफ़ करती, उसका घर उतना ही बिखरा हुआ मिलता. मरी अब स्ट्रेस महसूस करने लगीऔर उसने देखा कि सिर्फ अपने स्ट्रेस को दूर करने के लिए उसे शोपिंग करने की लत हो गई थी.
एक दिन, अपनी अलमारी की सफ़ाई करते हुए मरी ने फ़ैसला किया कि वो फ़िर कभी सफ़ाई नहीं करेगी.वो चीज़ों से छुटकारा पाने के लिए
कर रही थी फिर रिजल्ट नहीं मिल रहा था.
आपको क्या लगता है ऐसा क्यों है हुआ?
कड़ी मेहनत
मरी दुखी थी क्योंकि उसने उन चीज़ों पर फोकस नहीं किया जो उसे खुशी देती हैं. याद है, सफ़ाई करने का गोल है खुश महसूस करना. इसलिए आप जोचीजें हटाना चाहते हैं उस पर फोकस ना करें, उन चीज़ों पर अटेशन दें जिनसे आपको खुशी मिलती है.इस तरह, आप बाहर से लौटकर एक ऐसे घर में आएँगे जो साफ़ भी होगा और ख़ुशी से भी भरा होगा.
उन चीज़ों को रखने के लिए जो आपको खुश करते हैं, अपनी अलमारी से शुरूआत करें, हर सामान, कपड़े को अपने हाथ में पकड़े. अगर उस आइटम को पकड़ने के बाद आप मुस्कुराए या आपको अच्छा महसूस हुआ तो उसे अलमारी में रख दें नहीं तो उसे हटा दें.
Starting with Mementos Spells Certain Failure
तो अभी हमने सफ़ाई को केटेगरी के हिसाब से करने के इम्पोर्टेंस के बारे में जाना. सिर्फ़ हमने कहा इसलिए इसका ये मतलब नहीं है कि आप किसी भी केटेगरी से शुरू हो जाएं. एक सिस्टम है जिसे आपको फॉलो करना होगा नहीं तो आप आधे रास्ते में अटक जाएँगे. जब हम चीज़ों को फेंकने का डिसिशन लेते हैं तो हम उसकी वैल्यू के बारे में सोचते हैं. अगर आप अपने क्लीनिंग सिस्टम के लिए सही प्लान नहीं बनाएंगे तो आप एक ऐसी केटेगरी से शुरुआत कर सकते हैं जिससे आपको बहुत इमोशनल अटैचमेंट है.
उन चीजों से छुटकारा पाना जिनसे आप कनेक्टेड होते है, बहुत मुश्किल हो सकता है और इसे क्लीनिंग प्रोसेस के अंत तक लिए छोड़ दिया जाना चाहिए. ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर आप इनसे शुरुआत करेंगे तो आप डिसाइड नहीं कर पाएँगे कि क्या फेंकना है. हो सकता है कि तब आप इस को हटाना बहुत मुश्किल लगता है जो शायद वो कभी यूज़ कर सकते हैं या जिनसे वो सीख सकते हैं या जिनके साथ कोई इमोशन जुड़ा हुआ हो. इसलिए अगर आप इस प्रोसेस को बीच में छोड़ना नहीं चाहते तो आपको स्मार्ट होने की ज़रुरत है, कपड़े और मकेअप जैसी इजी केटेगरी
क्लीनिंग प्रोसेस पर भी सवाल उठाने लगें, लोगों के को उन चीज़ों नवा
शुरुआत करें. उसके बाद फोटो और लैटर जैसी मुश्किल केटेगरी की ओर बढ़े.
एक बार जब आप चीज़ों को निकाल दें तो किसी को उस ढेर को देखने ना दें. आप उसे दान करना चाहते हैं या फेंकना चाहते हैं उसे प्राइवेट में करें. इसका कारण ये हैं कि अगर कोई आपके निकाले हुए सामान को देखता है तो वो उनमें से कुछ चीज़ों को वापस रखने के लिए आपको मना सकता है. इससे आपको उन चीज़ों को हटाने के लिए बुरा फील होने त लगेगा और आप सफ़ाई करने सेखुद को रोकने लगेंगे. तो आइए अब एमी के घर चलते हैं जो एक ऐसी लड़की है जिसे अपना घर साफ़ रखना बेहद मुश्किल काम लगता है.
एमी ने इस इस बुक की औधर मरी से मदद मांगने का फ़ैसला किया. एमी जब अपने पेरेंट्स के घर गई तो घर पहले से ही काफ़ी सामान से भरा हुआ था. एमी को नए कपड़े खरीदना और शॉपिंग करना बहुत पसंद था. वो ऐसे कपड़े भी अपने पास रखना पसंद करती थी जिसके साथ कोई ना कोई भावना कपड़ भी अधन
जुड़ी हुई हो जैसे स्कूल की यूनिफार्म पर लिखे दोस्तों के मैसेज या कोई खास टी-शर्ट, एमी ने अपने कपड़ों को एक बॉक्स में डालकर अपने रूम में ज़मीन पर रख दिया. कुछ समय बाद उसका रूम गंदा लगने लगा और ज़मीन इतने सारे बॉक्स से भर गया था कि रूम में चलना भी मुश्किल ही गया. मरी और एमी ने पूरा दिन रूम को साफ़ करने में लगा दिया.दिन के अंत तक उन्होंने कपड़े
के आठ बॉक्स, 200 किताबें और वो खिलौने और सामान जो एमी के स्कूल के दिनों से पड़े थे, उन सब को हटाने में कामयाब रहे.
जैसे ही मरी एमी को आखरी एडवाइस देने वाली थीं, एमी की मम्मी रूम में चाय लेकर आ गई. मरी ने सोचा, “हो गई छुट्टी” एमी की मम्मी ने सामान के ढेर को देखा और दंग रह गई.वो एमी को उसमें से कई चीज़ें वापस रखने के लिए समझाने और मनाने लगी. बस एक और, एक और कहकर उन्होंने कई
चीज़ें निकाल ली थीं. एमी ने उनसे कहा कि उसे उन चीज़ों की ज़रूरत नहीं थी लेकिन मम्मी कहाँ मानने वाली थीं. इसलिए अपने सामान के ढेर को सबसे छुपाकर रखना इतना ज़रूरी होता है. अगर आपके किसी फेमिली मेंबर ने उसे देख लिया तो वो आपको उन चीज़ों को रखने के लिए मनाएंगे जिनकी आपको ज़रुरत नहीं है.
कन्क्लू जन
एक साफ़ घर में रहना सिर्फ हमारी हेल्थ के लिए ही नहीं बल्कि मन के लिए भी बहुत अच्छा होता है, जब आप एक बिखरे हुए गदे घर में रहते हैं तब आपके ब्रेन में भी confusion और हलचल मची हुई रहती है. क्लीनिंगकरने से आपको चीज़ों को क्लियर रूप से देखने और अपनी लाइफ को ज़्यादा एन्जॉय करने में मदद मिलेगी,
अगर आपको लगता है कि आप सफ़ाई करने में मास्टर हैं तब भी कुछ चीज़ें हैं जो इस बुक से आपने ज़रूर सीखी होंगी जो आपको कहीं और नहीं मिलेगी. आपने सीखा कि बलीनिंग का मतलब है चेंज यानी बदलाव, जब आपका घर साफ और आर्गनाइज्ड होगा तब आप खुद को एक नए इंसान के
रूप में देखने लगेंगे. इस फीलिंग का इस्तेमाल अपनी लाइफ में कई महान चीजों को अचीव करने के लिए किया सकता है.
आपने सफ़ाई को केटेगरी के हिसाब से करने के बारे में भी सीखा. आपने समझा कि आपको किस तरह की चीज़ों को घर में रखना चाहिए और किन
चीज़ों को हटा देना चाहिए. आपको खुश करने वाली चीज़ों पर ध्यान फोकस कर के आप एक ऐसे घर में रहेंगे जो आपको इंस्पायर करता है, आपको दुनिया को जीतने के लिए मोटीवेट करता है और आपको विश्वास दिलाता है कि आप स्ट्रॉग हैं और लाइफ में कुछ भी अपने दम पर हासिल कर सकते हैं क्योंकि अगर आपने अपना घर organize कर लिया तो अपनी लाइफ भी organize कर लेंगे.
अब जब आपकी सोच बदल गई है तो आप एक healthy माहौल बनाने के गोल के साथ अपने घर की सफ़ाई शुरू कर सकते हैं जो आपको लाइफ में आगे बढ़ाता रहेगा.इसलिए आज ही सफाई करना शुरू करें, सही तरीके से शुरुआत करें और सुख और शांति से भरे लाइफ को एन्जॉय करें.