यह किसके लिए है?
-व्यस्त कामकाजी लोगों के लिए।
- काम के बोझ तले दबित व्यक्तियों के लिए।
- स्वय में सुधार लाने के इच्छुक लोगों के लिए।
लेखक के बारे में
जेफ़ सेंडर्स (eff 5anders) एक पब्लिक वक्ता और व्यक्तिगत कोच है जो जिन शिक्षाओं को सिखाते हैं उन्ही पर दृढ़ता से चलते मी हैं। सुबह जल्दी उठ्ने वाले सांइस्स एक सैरास्थन घायक और इृछ निश्चय- शाकाहारी व्यक्ति है जिन्हें माज सबसे प्रभावशाली स्य-सुधारक शिक्षकों में से एक माना जाता है। यह पुस्तक पर फ्री टाइम फार्मूला उनकी दूसरी किताब है। इससे पूर्व आई उनकी पहली किताब द फाइव एम मिरेकल सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबों की सूची में शामिल है।
यह किताब आप को क्यों पढनी चाहिए
चाहे बात जापानी भाषा सीखने की हो, पॉटरी लेने की हो या फिर ज्यादा से ज्यादा किताबें पढ़ने की हो, हम सभी उन कामों के साथ अधिक से अधिक वक्त बिताना चाहते हैं
जो हमारे लिए सबसे ज्यादा अहमियत रखती है। लेकिन इन लक्ष्यों के लिए थोड़ा-सा वक्त निकालना भी प्रायः एक असंभव कार्य के जैसे नज़र आता है। दफ्तर व पारिवारिक जिम्मेदारियाँ, घर के काम और सामाजिक जुड़ाव ये चीजें दिनभर के हमारे अधिकांश समय को निगल जाती है जिस कारण हमारे पास अपने खुद के वक्त नहीं रहता लेखक जेफ़ मानते हैं कि असली दिक्कत समय की कमी में नहीं है बल्कि इसके प्रति हमारे नज़रिए में है। कम शब्दों में कहें तो हम समय को गलत नज़रिए से देखते हैं। पूरी जिंदगी वक्त से भरी पड़ी है, प्रमुख बात तो यह है कि हम इस समय का उपयोग केसे करते हैं।
और यही वह चीज है जिसे इस्तेमाल करने के बारे में आप इन पाठों में जानने वाले हैं। काम और काम के बाहर की अपनी योग्यता में वृद्धि करके आप उन एक्टिविटीज के लिए वक्त निकाल सकते हैं जो कि आपके लिए अर्थपूर्ण है। अपती योग्यता में अधिकतम वृद्धि कीजिए और फिर आप यह जान पाएंगे कि आप एक औसत दिन में कितने सारे काम कर सकते हैं।
इसे पढ़ कर आप सीखेंगे कि
क्यों आपको अपनी प्राथमिकताओं के विषय में ध्यान से विचार करना चाहिए
ट्रैक्शन को कैसे दूर
ज्यादा सोचने के बजाय अभ्यास करना क्यों भापका प्राथमिक ध्यान होना चाहिए
अपने खाली समय को बर्बाद करने के बजाये, समय का सही उपयोग करने के लिए सोचना आवश्यक है।
लोग अक्सर समय को अलग-अलग श्रेणियों में बाँट लेते हैं। और कर्ण एवाले काम देखते हैं फिर इस तरह जब हमारा काम पूरा हो जाता है तो हम जो खाली समय बचता है उसमें आनंद लेते हैं। परेशानी यह नहीं है कि आपके पास पर्याप्त समय नहीं बचता है बल्कि असली परेशानी तो यह है कि खाली समय” की यह धारणा ही गलत है। असलियत तो यह है कि आप अपने समय के साथ जो भी करना चाहते हैं उसके लिए पहले से ही पूरी तरह आजाद हैं। मगर यह बात सही है कि एक बार जब आप इस धारणा के प्रति एक बार पूरी तरह समर्पित हो जाते हैं तो कोई भी चीज ऐसी नहीं है जो आपको अपनी नौकरी या फिर परिवार छोड़ने से रोकती हो; यह बही चीज है जिसे अधिकांश लोग नहीं करते हैं।
वास्तव में ‘खाली समय जैसी किसी चीज का इस दुनिया में कोई अस्तित्व ही नहीं है। आपके पास काम करने का जो समय होता है जिसमें कि आप सौ नहीं रहे होते हैं। इस तरह हम समय प्रबंधन के पहले बिन्दु पर आ जाते हैं ‘कामों का प्राथमिकीकरण करना और उन्हें लबे समय तक टालने से बचना।
मगर चीजों का प्राथमिकिकरण करना काफी जटिल तरीका है। कामों के प्राथमिकिकरण में कदम-कदम पर परेशानियों से सामना होता है। इस तरीके में आप जितना ज्यादा काम करने का सोचते हैं उतना ही कम काम असल में पूरा हो पाता है। इससे यह बात साबित होती है कि इंसानी दिमाग इस तरह नहीं बना है कि वह बहुत सारे कामों को एक-साथ एक ही वक्त पर संभाल पाए। बल्कि यह शानदार काम करता है जकि आप इसे केवल एक ही काम सौंपते हैं।
सबसे बड़ी चुनौती काम को टालना भी है। मान लीजिए कि आपको दफ्तर में एक महत्वपूर्ण काम दिया गया है जिसे आपको हफ्ते के अत तक किसी भी हाल में पूरा करना है। अब अगर आप अपने कामों का प्राथमिकिकरण नहीं करते हैं, छोटे-बड़े सभी कामों को बराबर प्राथमिकता देते हैं और अभी के अभी इस बेहद जरूरी काम को अपनी कामों की फेहरिस्त में सबसे ज्यादा वरीयता नहीं देते हैं तो शायद ही आप अपने इस काम को दी हुई समय सीमा में पुरा कर पाएगे। क्योंकि बिना अपने कामों की प्राथमिकता निर्धारित किये आप अपना आधे से ज्यादा समय सोकर, इंटरनेट चलाकर या फिर किसी अन्य फालतू के काम में खर्च कर देंगे। लेकिन हम कामों की प्राथमिकता निर्धारित करने की कला कैसे सीख सकते हैं कल के लिए मात्र एक प्राथमिकता निर्धारित करने से उस काम की तरफ ध्यान में इजाफा होता है।
लोग अक्सर अपने कामों की प्राथमिकता को बहुवचन’ रूप में बताते हैं यानि वे कई सारे कामों को अपने लिए महत्वपूर्ण बताते हैं और यही एक बड़ी गलती है जो चे बार-बार करते हैं। ‘एसेंसियल’ किताब के लेखक ग्रेग मेकॉवन बताते हैं कि 1900 के बाद से यानि बीसवी सदी के शुरू होते ही लोगों ने अपने महत्वपूर्ण कामों को एकवचन रूप में बताना बंद कर दिया। हमें प्राथमिकिकरण के उस पुराने लेकिन ज्यादा वास्तविक तरीके को फिर से अपनाना होगा। लेकिन पुराने तरीके को क्यों? हम जान चुके हैं कि हमारा जो दिमाग है वो एक वक्त पर एक से ज्यादा काम करने के लिए नहीं बना है। जब हम कई सारे कामों पर ध्यान लगाने की कोशिश करते हैं तो अंत में हम किसी भी काम पर पूरी तरह ध्यान नहीं लगा पाते हैं। दरअसल हमारा दिमाग जो काम सबसे बडिया तरीके से कर सकता है वह है- एक काम को करने के बाद तेजी से दूसरे काम को करना शुरु कर देना। यह तरीका हमें बहुत ही ज्यादा थका देता और साथ ही साथ हमारा ध्यान भी पूरी तरह से मटका देता है,
इसका मतलब है कि आप अपना भटकाव तभी बंद कर पाएंगे जबकि आप सिर्फ एक सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण काम पर अपना ध्यान टिकाएगे। चाहें आप एक रिपोर्ट लिख रहें हो या फिर एक चित्र बना रहे हैं जिस चीज की आपको सबसे अधिक जरुरत होती है वह है- ध्यान इसलिए अपना फोन बंद कर दीजिए और अपना जरूरी सागान लेकर एक शांत कमरे में चले जाइए।
इस बात की काफी संभावना है कि आपकी सूची में कुछ ऐसे काम जरूर होंगे जिन्हें आप आसानी से सूची से बाहर कर सकते हैं। इसके बाद ऐसे कामों को दिए जिन्हें आप अगले हफ्ते भी आसानी से कर सकते हैं। आपकी सूची में कुछ ऐसे काम भी होंगे जिन्हें कि आप आसानी से किसी दूसरे व्यक्ति को भी सौंप सकते हैं इन सभी कामों को अपनी सूची से बाहर करना ना सिर्फ आपके कामों की सूची को छोटा बनाता है बल्कि आपके पास उस काम का भी एक स्पष्ट उत्तर होगा जिस पर आपको अभी-के अभी ध्यान लगाना शुरू कर देना चाहिए।
एक छोटी लेकिन अत्यंत प्रभावी कसरत योजना बनाना काम और अभ्यास दोनों के समय बनाने का एक अच्छा तरीका है।
अपनी कामों की सूची में शारीरिक अभ्यास को शामिल करने के लिए आप खुद को यह एहसास दिला सकते हैं कि अभ्यास के लिए समय निकालने का मतलब अपने जरूरी कामों से भटकता नहीं है बल्कि अभ्यास तो आपको अपने कामों को और अधिक अच्छी तरह से करने की योग्यता प्रदान करता है। वास्तव में शारीरिक अभ्यास आपकी दिनचर्या में समय को बचाता है क्योंकि यह आपके वर्कआउट यानि कसरत करने के काम को आपकी सूची से हटा देता है। इसलिए आपकी सबसे पहली प्राथमिकता काम के बजाय अभ्यास होना चाहिए। इसलिए अपने कामों की सूची में सबसे ऊपर अपनी सुबह की दौड़ या फिर गध्यांतर की योग कक्षा को दीजिए और अपने अन्य कामों का ताना-बाना इन्ही चीजों के चारों भोर बुनिए।
शुरुआत में आपको धीमा और हल्का शारीरिक अभ्यास करना है लेकिन समय बढ़ने के साथ ही साथ आपको अपने अभ्यास की तीव्रता में धीमे धीमे इजाफा करते रहना चाहिए। आराम से शुरु कीजिए और आप हैरान हो जाएगे कि आप सिर्फ 15 मिनट में कितना ज्यादा अभ्यास कर लेते हैं। इसके परिणामस्वरूप आप टिनभर ऊर्जावान रहेंगे और अपने कामों को पूरे ध्यान व अच्छे से कर पाएंगे।
अपने जीवन को व्यवस्थित करना और पूर्णतावाद से ध्यान हटाना अपने सिर से फालतू का बोझ दूर करने के अच्छे तरीके हैं।
आज के समय में लगातार बढ़ती आध्यात्मिक शिक्षाओं का मुख्य केंद्र बिन्दु फालतू की चीजों को छोड़ देना है जिससे कि आपका घर व्यवस्थित हो सके और आपका समय बर्बाद न हो। इसे जोशुआ बेकर से सीखिए जो कि प्रसिद्ध पुस्तक मिनोमलिस्म’ की लेखिका है बेकार के अनुसार सामान जिसकी आपको कोई जरूरत नहीं है, उससे छुटकारा पाना एक बहुत ही स्वतंत्राविक अनुभव होता है। यह आपके लिए समय और संसाधन दोनों बचाता है और आपके जीवन से तनाव का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब कर देता है।
सबसे अच्छी जगह जहां से भाप इस काम को करना शुरु कर सकते हैं वह है- आपकी मलमारी। औसतन हमारे पास जितने कपड़े होते हैं उसका लगभग 30 प्रतिशत कपड़े ही हम नियमित तौर पर इस्तेमाल कर पाते हैं। बाकी के 70 प्रतिशत कपड़े आप गरीबों को दान करके ना सिर्फ अपने घर को व्यवस्थित कर सकते हैं बल्कि साथ ही साथ अपने दिन में समय को भी बचा सकते हैं क्योंकि यह हमारे दिनभर की “क्या पहने, क्या न पहन” की समस्याओं को दूर कर देता है और आपको अपने वीजों की असली अहमियत समझाता है।
हालांकि न्यूनताबाद केवल अपने फालतू के सामान को घर से बाहर फेंकने तक ही सीमित नहीं है बल्कि आपको इससे मानसिक फायदों का एक भरा हुआ थैला भी मिलता है। इसलिए इस बेकार के काम से ध्यान हटाकर लेखक ने निर्णय किया कि वह बागवानी के अपने इस प्रतिद्वंदी रवैये को त्याग देगा जिसने सबसे पहले उसे इस प्रतिद्वंदीता में खींचा था। यह एक अच्छा निर्णय था क्योंकि जितना समय उसने बागवानी की प्रतिस्पर्धा में बेकार गंवाया उतना समय तो वह आासानी से अपनी किताब लिखने को दे सकता था।
पूरे दिन किसी एक काम और उससे ही संबंधित अन्य कामों को करने का निर्णय लेकर आप अपने समय का सही मायनों में सदुपयोग कर सकते हैं।
लेखक सँडर्स जब कॉलेज में थे तो उन्हें पता चला कि उनके कॉलेज की कैटीन दिन में तीन बार “जितना मर्जी उतना खाओ” नाम से खाना परोसती थी। यह आर्थिक रुप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए एक अच्छा सौदा था। लेखक भी आर्थिक रुप बहुत अधिक सशक्त नहीं था इसलिए उसने भी वहाँ भोजन करना शुरू कर विया। लेखक के लिए हर दिन केटीन दिवस” था जिसके परिणामस्वरूप वह बहुत अधिक मोटा होने लगा। यह उसके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं था लेकिन इस अनुभव ने लेखक को यह बात सिखाई कि अपने दिन को एक सबसे महत्वपूर्ण काम को समर्पित करना अपने समय प्रबंधन को सुधारने के सबसे बेहतरीन तरीकों में से एक है।
जैसा कि हम जान चुके हैं कि अपने जरूरी कामों को करने का सबसे भच्छा तरीका उन्हें एकवचन में रखना है। थीम डे यानि एक दिन एक काम के लिए समर्पित करना ठीक ऐसा करता है। यह आपके पूरे दिन की ऊर्जा और ध्यान को एक विशेष काम में लगा देता है। लेखक सेंडर्स अपना हर दिन थीम दिवस बनाते हैं। आजकल वे कैटीन से दूर रहते हैं और अपना दिन व्यक्तिगत कामों जैसे- प्रेरणादायक वक्तव्यों और कोचिंग के लिए पॉडकास्ट चिकसित करने को समर्पित करते हैं।
हालांकि कई बार एक ही काग को पूरे दिन भर कर पाना संभव नहीं होता है इस समस्या के समाधान के लिए आप एकसमान कामों को एक बडल में बांध सकते हैं। तो मान लीजिए जैसे कि आपने अपना सोमवार का दिन मार्केटिंग यानि प्रचार के लिए निर्धारित किया है और आप जानते हैं कि आप दिन का ज्यादातर समय कंप्यूटर के सामने बैठकर बिताएंगे। कंप्यूटर के सामने बैठना आपके लिए बहुत सारे कामों को एक साथ निपटाने का शानदार भवसर है। ईमेल लिखना, पेशकश तैयार करना या फिर प्रचार के लिए कंटेन्ट लिखना, ये सभी काम एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
लेकिन याद रहे हमारा दिमाग एक समय पर सिर्फ एक काम को बेहतर तरीके से करने के लिए बना है थीम को ढूंठिए जो आपको आपके कामों को पूरा करने में मददगार साबित हो सकती हैं। एज़ाम्पल के लिए, आप सुबह के शुरुआती कुछ घटे ईमल द्वारा प्रचार के लिए निर्धारित कर सकते हैं इसके पश्चात दिन में आप सामाजिक मीडिया प्रचार ओर मुड़ सकते हैं। इसका मुख्य बिन्दु यह है कि जितना विशेष आपके के बंडल होंगे उतनी ही अच्छी से अपनी कामों की सूची को पूरा कर पाएंगे।
अचानक घटित होने वाली चीजों के लिए पहले से ही योजना बनाने से आपके समय का अच्छी तरह सदुपयोग होता है।
हममें से ज्यादातर लोग शाम होते ही अपना कीमती समय बेकार के टेलीविजन नाटकों और फिल्मों को देखने में खर्च कर देते हैं। यह इसलिए होता है क्योंकि हम अचानक घटित होने वाली परिस्थितियों के लिए योजना बनाने में असशक्त होते हैं और अपने भाग्य के फलस्वरूप मिलने वाले फल से चूक जाते हैं।
आपको कामों की एक ऐसी सूची तैयार करनी है जिन्हें आप तब करेंगे जबकि आपके पास करने को कुछ नहीं होगा। इस सूची को आपको इस तरह से बनाना है कि आपका काम उतने समय में ही खत्म हो जाए जितना समय बचा हो। अगर आपको में 15 मिनट का मध्यांतर मिलता है तो खुद से सवाल कीजिए कि आप इस एक चौथाई घंटे दपतर
मैं क्या काम कर सकते हैं? एज़ाम्पल के लिए, इतने वक्त में आप हल्का फुल्का योग या फिर कसरत कर सकते हैं। सोचिए अगर आपको अपने काम से 1 घंटे के लिए छुट्टी मिल जाती है? आप इस एक घंटे में अपनी पसंद की कोई अच्छी सी किताब पढ़ सकते हैं या फिर यदि अगर दिन का समय है तो आप आसानी से तैराकी के लिए या फिर मोटरसाइकिल सवारी के लिए जा सकते हैं। आप इस खाली समय में जो कुछ भी करें सबसे बड़ी बात यह है कि आपका खाली समय अच्छे से इस्तेमाल हो गया और वो भी एक ऐसे काम में जिसे आपने पूरे आनंद के साथ किया हो।
इससे आप आने वाले काम के दिनों में खुद को अधिक ऊर्जावान और तरोताजा महसूस कर पांगे भगर कि आपने कुछ आनंदमय और यादकार क्रियाकलाप किये है।
तो आपको वह कैसा महसूस होता है? आप गिटार या किसी अन्य वाद्य यंत्र का अभ्यास कर सकें। इसी तरह आप एक नई भाषा सीखने, पुरानी मोटरसाइकिलों को ठीक करने और पहाड़ चढ़ने के अपने अधूरे सपनों के साथ भी कर सकते हैं।
सोशल मीडिया और भटकाव पैदा करने वाले विचार आपके समय के पूर्ण सदुपयोग में सबसे बड़ी बाधाएं हैं
सोशल मीडिया की उपेक्षा नहीं की जा सकती है। सोशल मीडिया भी समय नष्ट करने का एक अच्छा तरीका है। हो सकता है कि यह कभी-कभी आपके लिए मनोरंजक हो लेकिन यह सबसे बड़ा कारण है कि आपके महत्वपूर्ण और कठिन काम समय पर पूरे नहीं हो पाते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो सामाजिक मीडिया के फायदे कम है और नुकसान ज्यादा है।
इसलिए आपको तकनीकी भटकावों से जितना हो सके उतना दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए ताकि सोशल मीडिया आपके लिए सहायक सिर्फ तभी तक है जब तक कि आप इसका उपयोग व्यक्तीगत तौर पर सिर्फ अपने करीबियों और साथियों से जुड़ने के लिए कर रहे हैं। अपना महत्वपूर्ण काम करने की जगह घंटों तक फेसबूक पर बेकार की तस्वीरें देख रहे हैं तो वक्त आ गया है कि आप अपने सोशल मीडिया के उपयोग के बारे में एक बार फिर से सोचे।
आप इस तरीके के भटकावों को कैसे दूर करेंगे इसके लिए सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि आप कितनी गहराई से इन भटकावों से प्रभावित हैं। अगर आप सामाजिक मीडिया से बहुत ही ज्यादा हद तक गलत ढंग से विपके हुए हैं तो सबसे अच्छा तरीका है अपना खाता ही बंद कर देना। तो आप आराम से अपना फोन थोड़ी देर के लिए बंद करके सोशल मीडिया से दूर हो सकते हैं। दूसरा विकल्प जो आप उपयोग कर सकते हैं वो है- सिर्फ काम के लिए अपना सोशल मीडिया खाता खोलना और उन वेबसाइटों को बंद कर देना जो आपमें मटकाव पैदा करती हैं।
लेकिन तकनीक, फोन और एप ही वे चीजें नहीं है जो कि आपको महत्वपूर्ण कामों से दूर करती हैं। आपके अपने स्वयं के ही भटकते हुए उलटे सीधे विचार भी आपको अपने कामों से भटकाते हैं। जब आपका दिमाग भटकते हुए विचारों को सोच रहा हो तो काम जो आप कर रहे हैं उस पर ध्यान लगाना लगभग नामुमकिन होता है। हमेशा आपके पास एक नोटपेड (जैसे कि कोई कॉपी या फिर कागज) हो जिसपर आप अपने विचारों को लिख सकें इससे पहले वे हवा में उड़ जाएँ। हस तरह से आप दोबारा से उन चीजों के बारे में सोच सकते हैं जिन्हें आप विचारों में भटकने से पहले सोच रहे थे। केवल अपनी सूची में सबसे आखिरी लिखे गाए वाक्य को देखने मात्र से आप जान पाएंगे कि आप किस चीज़ के बारे में विचार कर रहे थे।
नियमित तौर पर छुट्टियाँ लेना आपको तनाव से दूर रखने में मददगार साबित होती हैं
सोशल मीडिया ही केवल एकमात्र ऐसी आदत नहीं है जो कि हमें हमारे समय का सदुपयोग करने से रोकती है। अधिक काम करने की आदत भी हमारे समकालीन समाज में एक परेशानी के जैसी है। आज कई अधिशाषी और बड़े अधिकारी अपनी शासन व्यवस्था को चलाने के लिए दंड का सहारा लेते है और इस कारण कई बार उनसे लापरवाही भरे निर्णय हो जाते हैं जो संभवता काम के अधिक बोझ के कारण होने वाली थकान के कारण होते हैं।
लेखक जेफ़ के अनुसार जिंदगी का बुरा दौर कोई छोटी-मोटी चीज़ नहीं है बल्कि यह स्वयं के लिए खुशियां और सफलता हूंढने के लिए एक अहम चीज है।
तो आप यह कैसे निश्चित कर सकते हैं कि आप इसका पर्याप्त लाभ उठा पा रहे हैं या नहीं? खैर, इसके लिए आपको अपनी दिनच्या में छोटे-छोटे वाली समय के टुकड़े जोड़ने होंगे। इन समय के टुकड़ों को छुट्टियों के जैसे समुद्र जिनमें आप खुद को तरोताजा कर सकते है और अपना ध्यान फिर से अपने काम पर केंद्रित कर सकते हैं।
सबसे जरूरी यह है कि आप छोटे काम से शुरू करें और फिर वहाँ से दूसरे कामों के साथ आगे बढें। इसलिए अपनी डायरी पर एक नज़र डालिए और देखिए कि कल आपके
पास करने के लिए क्या-क्या काम है। इस बात की काफी संभावना है कि आप कम-से-कम आधे घंटे का खाली वक्त अपने लिए जरूर निकाल लेंगे।
मय आने वाले हपत्ते के बारे में सोचिए। क्या भाप उसमें होने वाले कामों में कुछ बदलाव करके दिन में अपने लिए कुछ खाली वक्त निकाल सकते हैं इसी तरह अगले महीने के बारे में भी सोचिए। सोचिए कि कैसे आप पत्ते के आखिरी दिनों के लिए अधिक समय निकाल सकते हैं?
ऐसा कीजिए और आप यह जानकर हैरान होंगे कि आप कितना अधिक समय आप दिनभर की भागदौड़ के बीच स्वयं के लिए निकाल सकते हैं। सब सोव पर निर्भर है अपनी दिनचर्या को इस किताब में बताए गए सबकों के आधार पर व्यवस्थित कीजिए और इस तरह आप पाएंगे कि आपकी शामें, छुट्टियाँ और वीकेंड (हफतो के आखिरी दिन) और भी अधिक मजेदार बन जाएंगे।