THE AUDACITY OF HOPE by Barack Obama.

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About Book

बराक ओबामा जब सीनेटर थे तब उन्होंने ऑडेसिटी ऑफ होप लिखा था. इस बुक में आप उनके लाइफ और उनके विचारों के बारे में और भी ज़्यादा जान पाएंगे. ओबामा ने एक बेहतर अमेरिका की उम्मीद की थी. अपने देश और लोगों के लिए उनका प्यार वाकई तारीफ के काबिल है. उनके इसी पैशन ने उन्हें अमेरिका के सबसे बेस्ट लीडर्स में से एक बना दिया. अगर आप सिविल सर्वेट बनना चाहते हैं, तो आपको इस बुक को पढ़ना चाहिए.

यह बुक किसे पढनी चाहिये

लॉयर्स, जो पॉलिटिशियन बनना चाहते हैं, गवर्नमेंट वर्कर्स, जो लीडर बनना चाहते हैं

आँथर के बारे में

बराक ओबामा USA के 44 वें प्रेसिडेंट हैं. प्रेसिडेंट बनने से पहले, ओबामा सिविल राइट्स के लॉयर थे और उन्होंने इलिनोइस के सीनेटर के रूप में काम

किया है. वो डेमोक्रैट पार्टी से हैं। 2009 ओबामा को नोबेल पीस प्राइज मिला. उन्होंने 2014 में ओबामा फाउंडेशन शुरू किया था.

इंट्रोडक्शन (Introduction)

क्या आपको पता है यू.एस. के प्रेजिडेंट बनने से पहले बराक ओबामा दो बार सीनेटर रह चुके थे? अबोर्शन और बॉर्डर कण्ट्रोल जैसे इश्यूज पर उन्होंने क्या स्टेंड लिया, क्या ये आप जानते है? क्या वो रिलिजियस है? कंज़र्वेटिव थिकिंग वाले हे या लिबरल? आपके माइंड में उठने वाले ऐसे तमाम सवालों के जवाब आपको इस बुक में मिलेंगे. इलएनोंय (linois) से जब वो सीनेटर थे उन्ही दिनों बराक ओबामा ने ओडासिटी ऑफ़ होप लिखी थी, जिन लोगो से दो मिले उनके बारे में और अपनी फेमिली, एक बैटर अमेरिका बनाने का उनका ड्रीम ये सब कुछ उन्होंने इस बुक में लिखा है. कुछ लोगों को लगता है कि वो अमेरिका के अब तक सबसे बेस्ट प्रेजिडेंट थे. बराक ओबामा यू.एस. के पहले बलैक प्रेजिडेंट थे ये लो सब जानते है लेकिन उनके बारे में और भी काफी कुछ आपको इस बुक से पता चलेगा.

रीपब्लिकेशन और डेमोक्रेट्स (Republicans and Democrats )

बेशक ये कैपिटल का मोस्ट ब्यूटीफुल पार्ट ना हो लेकिन फिर भी सीनेट चैम्बर की खूबसूरती देखने लायक है. इसकी लम्बी-चौड़ी वाल्स और टाल कॉलम्स (tall columns} मार्बल के बने है. सीलिंग का कलर क्रीमी व्हाईट ओवेल है जिसमे आप सेंटर में रेकन इगल देख सकते है. 100 महोगनी डेस्क सेमी-सर्कल में लगी है, जिनमें से कुछ तो 1819 से यहाँ रखी है. अगर आप ड्राअस्स खोलोगे तो उसमें आपको उन होनरेबल मेंबर्स के नाम दिखेंगे जो यहाँ बैठ चुके है. केनेडी, लॉन्ग, टाफ्ट और बाकी दूसरों के भी सिग्नेचर आप देख सकते हो. कभी-कभी मैं अपने उन ग्रेट सीनेटर्स को यहाँ पर इसपायरिंग स्पीच देते हुए इमेजिन करता हूँ जिन्होंने इस कंट्री को बनाने में अपना कंट्रीव्यूरन दिया था. लेकिन आपको सुनके अजीब लगेगा कि मै और मेरे कलीग्स इस सीनेटर चैम्बर में मुश्किल से ही बैठते हैं और वो भी तब जब हमे अपना वोट डालना होता है.

उससे पहले हम बिल स्टडी करते है कि उन्हें कब पास करना है. हम अपने कमिटी चेयरमेन, स्टाफ और मेजोरिटी लीडर्स के साथ अमेंडमेंट्स डिस्कस कर लेते है. वोट के टाइम पर हमारी पोजीशन आलरेडी सॉलिड होती है क्योंकि हमारा स्टाफ, लॉबीइस्ट और इंटरेस्ट ग्रुप हमारे साथ होता है. वैसे हम लोग ज्यादा टाइम अपने ऑफिस में ही स्पेंड करते है. जहाँ पर हम लॉ की स्टडी करते है, अपने कॉल्स वगैरह अटेंड करते है और अपने कोंस्टीट्यूएन्ट्स (constituents) के साथ मीटिंग करते है. कभी-कभी हम लाइद इंटरव्यूज़ करने टेलीविजन स्टूडियो भी जाते हैं. हमारा वर्किंग डे नॉर्मली 12 से 13 घटो का होता है. मुझे आज भी वो दिन याद है जब मैंने 109 कांग्रेस के लिए ओथ लिया था. काफी प्लीजेंट सनी डे था वो, मेरे फ्रेंड्स और फेनिली

मेंबर्स मुझे सपोर्ट करने आये थे. मेरी दो बेटियाँ मालिया और साशा अपने खूबसूरत ड्रेसेस पहने हॉल के चक्कर काट रही थी.

मै और मेरी वाइफ मिशेल एक दुसरे का हाथ पकडे वाक् कर रहे थे. कांग्रेस की लाइब्रेरी में हमने अपने सपोर्टर्स के साथ कुछ क्वालिटी टाइम स्पेंट किया था, हम साथ में हसे, आपस में हग किया, हैण्ड शेक किया और खुब सारी पिक्स खिचवाई, सबने हमें गुडलक विश किया, लेकिन सेरेमनी के बाद मैं और मेरे कलीग्स अपने काम में लग गए. और हमे ये भी पता चला कि सीनेट डिवाइडेड है. रीपब्लिकस और डेमोक्रेट्स के बीच हर इश्यू पर हमेशा ही डिसएग्रीमेंट रहता है. चाहे वो ईराक का इश्यू हो या फिर गे मैरिज. टेक्स से लेकर इमीग्रेशन, ट्रेड, अबोर्शन और एजुकेशन वगैरह जितने भी मैटर है, दोनों हमेशा एक दुसरे के अपोजिट रहते है. हम अपने डिसएग्रीमेंट के लिए डिसएग्री होते है. हम अपने डिसएग्रीमेंट के नेचर को लेकर डिसएग्री होते है और हम अपने डिसएग्रीमेंट के स्कोप को लेकर डिसएग्री होते है.

अब जैसे क्लाइमेट चेंज का इश्यू ले लो. क्लाइमेट चेंज के जो भी फेक्ट्स, कॉजेस, कलप्रिट्स है उस पर रीपब्लिकस के अपने व्यूज़ है और डेमोक्रेट्स के अपने, बेशक ये भी एक फैक्ट है कि कंट्री में जो पोलिटिक्स आज है और जैसी पोलिटिक्स की कंट्री को वाकई में ज़रूरत है उसके बीच काफी डिफ़रेंस है. और इस सबके बीच लाखो अमेरिकन्स अपने काम पर जाते है, बिल्स पे कर रहे हैं, अपने में पाल रहे है और अपने हेल्थ इंश्योरेंस भी करवा रहे है. उन्होंने फालतु की बाते छोडकर सब कुछ अपने ऊपर लेना सीख लिया है. मुझे लगता है कि सीनेट को इस बात पर गौर करने की जरूरत है कि लोगो को बैटर सर्व कैसे किया जाए. हमे अपनी आइड़ियोलोजी के डिफरेंसेस छोडकर थोड़े कम्प्रोमाइजेस करने ही पड़ेंगे. सबसे बढकर रीप्लिकंस और डेमोक्रेट्स को ये सीखने की ज़रूरत है कि कभी-कभी सामने वाले का पॉइंट भी राईट हो सकता है. अमेरिकन्स एक ऐसी सीनेट का वेट कर रहे है जो और ज्यादा मैच्योरिटी, कॉमन सेन्स और रीस्पोंसेबिलिटी के साथ अपना काम करे.

हमारा कांस्टीट्यूशन (Our Constitution)

सीनेटर रोबर्ट सी. बर्ड (Robert C. Byrd) से ज्यादा सीनेट को कोई नहीं जान सकता.मैं उनसे तब मिला था जब यो 87 के थे. वो 47 सालो से सीनेट में रहे है जहाँ उन्होंने हर एक पोजीशन हैण्डल की थी. वो पहले सिक्स इयर्स तक मेजोरिटी लीडर और नेवस्ट सिक्स इयर्स माइनोरिटी लीडर रहे थे. सीनेटर व्यर्ड वेस्ट वर्जिनिया से थे. एक कोल माईनिंग टाउन में अपने अंकल और आंटी के घर में वो पले बढ़े थे. उनकी मेमोरी इतनी अच्छी थी काफी छोटी एज में ही उन्हें लॉन्ग पोयम्स (long poems} भी जबानी याद रहती थीं. और वो फिडल भी काफी बढ़िया खेल लेते थे, यंग एज में उनके पास जब कॉलेज जाने के पैसे नहीं थे तो उन्हें सेल्समेन से लेकर मीट कटर और वेल्डर जैसी जॉब्स करनी पड़ी., वर्ल्ड वार के बाद उन्होंने पोलिटिक्स ज्वाइन किया. 1952 में वो कोंग्रेसमेन बने, और 1958 में सीनेट ज्वाइन किया. सीनेटर ब्यर्ड ने हमेशा ही वर्किंग क्लास लोगो की वेलफेयर को प्रायोरिटी दी,

माइनर्स के यूनियन प्रोटेक्शन और हेल्थ बेनेफिट्स के लिए उन्होंने कई लॉ पास करवाए. इसके अलावा पूअर कम्यूनिटी के लोगों के इन्फ्रास्ट्रक्चर और इलेक्ट्रिक सोर्स के लिए भी उन्होंने बहुत काम किया, अपने सीनेट बनने के 10 सालो बाद उन्होंने नाईट कोर्स करने के बाद लॉ की डिग्री ली. अगर सीनेटर व्यई को अपनी वाइफ के बाद किसी चीज़ से प्यार था तो वो थी कांस्टीट्यूशंन और हिस्ट्री ऑफ़ द सीनेट, उन्होंने सीनेट हिस्ट्री में 4 वोल्यूम्स लिखी है. सीनेटर ब्यर्ड जहाँ भी जाते है, अपने साथ हमेंशा कांस्टीट्यूशन की एक पॉकेट साइज़ कॉपी रखते है. मुझे मेरे सीनियर कलीग्स ने एडवाइस किया कि मुझे सीनेटर वर्ड के साथ एक मीटिंग रखनी चाहिए. क्योंकि मैंने अभी अपने टर्म की शुरुवात की है इसलिए मुझे उनकी काउंसिल की ज़रूरत पड़ सकती है. सीनेटर ब्यर्ड के प्राइवेट ऑफिस में कई सारी किताबे और ओल्ड फोटोग्राफ्स रखे थे. मैंने भी उनके साथ कुछ फ़ोटोज़ खिचवाने की रिक्वेस्ट की हमने मुस्कुरा कर कैमरे की तरफ देखते हुए हैण्ड शेक किया. मैंने सीनेटर ब्यर्ड से उनकी वाइफ का हाल-चाल पुछा जो कुछ टाइम से बीमार थी. मैं उनके ऑफिस में टंगी उन फ़ोटोज़ को देख रहा था और सीनेटर ब्यर्ड हर एक फोटो के पीछे की स्टोरी मुझे सुनाने लगे. इस सबके बाद मैंने इस रेस्पैक्टेबल आदमी से पुछा मेरे नए सीनेटर बनने पर वो मुझे क्या एडवाइसदेना चाहेंगे.”

रूल्स सीखो” उन्होंने कहा” सिर्फ रूल्स ही नहीं बल्किएक्जाम्पल्स भी सेट करो” फिर उन्होंने मुझे थिक बाइंडर्स का कलेक्शन दिखाया. उनमे से हर एक को उन्होंने मार्क और लेबल करके लिखा हुआ था, ” ‘आजकल लोग इन्हें पढ़ना पसंद नहीं करते क्योंकि इसके लिए टाइम चाहिये. और आज के सीनेटर के पास फुर्सत ही नहीं है ये सब लर्न करने की” हमने सीनेट की हिस्ट्री की. जिन प्रेजिडेंट्स के व्यर्ड काम कर चुके थे और जो बिल्स उन्होंने अपने टाइम में पास किये, उस पर भी हमने डिस्कसन किया. सीनेटर ब्यर्ड ने मुझे बोला” फ़िक मत करो, तुम सब कुछ सीख जाओगे’.

इम्पोर्टेट चीज़ ये है कि किसी भी काम में जल्दी मत करो प्रेजीडेंसी पर कई सिनेटर्स नजर गाढे बैठे है. लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि कांस्टीट्यूशन ऑफ़ सीनेट असल में गवर्नमेंट का हार्ट और सोल है. “आज बहुत कम लोग है जो कास्टीट्यूशन को पढते हैं”. सिनेटर व्यर्ड ने अपने ब्रेस पॉकेट से खुद के कॉपी निकाली और बोले” “मै हमेशा से यही बोलता आया हूँ कि ये डोन्यूमेंट और होली बाईबल, दो चीज़े ऐसी है जिनकी गाइडेंस मैंने हमेशा ली है” जाने से पहले उन्होंने मुझे सीनेट हिस्ट्री की अपनी चारों दोल्यूम्स गिफ्ट की. मैंने उनसे कहा कि ये अच्छी बात है आपको लिखने का टाइम मिल जाता है, “ओह, मै इस मामले में काफी लकी रहा हूँ सिनेटर व्यर्ड बोले.”बल्कि मै बड़ा शुक्रगुज़ार हूँ कि मुझे इतना कुछ मिला बस एक रिग्रेट रहेगा. और जानते हो वो क्या है? जवानी की कुछ बेवकूफियां…”

हम सबको किसी ना किसी चीज़ का रीग्रेट रहता है, सिनेटर, लेकिन हम यही दुआ करते है कि एंड में गॉड हम पर दया करे” मैंने जवाब दिया. उन्होंने मेरी आँखों में देखा और धीरे से मुस्काए. “हाँ तुमने सही कहा, गॉड ग्रेट है. चलो मैं इन वोल्यूम्स पर अपने साइन कर देता हूँ,

अपोरच्यूनिटी (Opportunity)

अमेरिकन इकोनोमी को समझने के लिए मैंने वेस्टर्न इलिनॉय (western linois) गेल्सबर्ग (Calesburg] टाउन को विजिट किया. टाउन अपने रबर, स्टील और इंडस्ट्रीयल पार्ट्स मेनूफेवचरिंग के लिए जाना जाता है. लेकिन अब यहाँ के सारे प्लाट्स बंद पड़े थे. मैं स्पेशली मेटेग प्लांट (Maytag plant गया क्योंकि कंपनी अपना ओपरेशन प्लांट मेक्सिको मूव करके अपने 1600 एम्लोयीज को निकालने के बारे में प्लान कर रही धी. में यूनियन लीडर डेव बेवर्ड से मिला. उसने बताया कि उन लोगो ने ओनर का माइंड चेंज करने के लिए हर स्ट्रेटेजी ट्राई की लेकिन बात नहीं बनी. यूनियन ने प्रेस से बात की, इन्वेस्टर्स से कांटेक्ट किया, लोकल पोलिटिशियंस से भी सपोर्ट माँग के देखा फिर भी मैटर सोल्व नहीं हुआ. “ऐसा नहीं है कि कंपनी प्रॉफिट नहीं कमा रही”, हमने तो सेलरी में भी कट किया, अपने बेनेफिट्स भी कम कर लिए, तब भी सीईओ सारा बिजनेस मेक्सिको लेकर जाना चाहता है और वहां के वर्कर्स को यहाँ से छह गुना ज्यादा पैसा दे रहा है”. डेव बोला.

मैंने डेव को अपनी तरफ से कुछ सोल्यूशंस ऑफर किये कि जैसे हम फ्यूचर में एम्प्लोयीज़ के लिए रीट्रेनिंग प्रोग्राम इम्प्रूव करेंगे और उन कंपनीज का

टैक्स ब्रेक रीमूव करेंगे जो अपने ऑपरेशंस आउटसोर्स करती है.” जब मै वहां से निकल रहा था तो बेसबाल केप लगाए एक बड़ा सा आदमी मेरे सामने आये. वो टिम व्हीलर था, पास के स्टील प्लांट का यूनियन लीडर, प्लांट क्लोज होने की वजह से उसे अनएम्प्लोएमेंट इंश्योरेंस तो मिल रहा था लेकिन उसे अपने हेल्थ केयर बेनेफिट्स की फ़िक्र थी. “मेरे बेटे मार्क का लीवर ट्रांसप्लांट होना है”. टिम बोला, हम अभी डोनर की वेटिंग लिस्ट में है लेकिन मेरे हेल्थ केयर बेनेफिट्स खत्म हो चुके है. हमें नहीं पता कि मेडीकैड ये सारा खर्चा कवर करेगा या नहीं और कोई भी हमें क्लियर नहीं बता रहा. मैंने मार्क के इलाज में अपना सब कुछ बेच दिया है, मैंने उधार लिया है लेकिन अभी भी पैसा कम पड़ रहा है, टिम की आँखों में आंसू थे, मैंने उसे भरोसा दिया कि मै मेडीकैड चेक करके पता करूँगा कि क्या कवर हो सकता है. मै अकेला ही शिकागो के लिए निकला पड़ा. मुझे बार-बार टिम व्हीलर का ख्याल आ रहा था जिसके पास जॉब नहीं थी और अपने बीमार बेटे को बचाने के लिए कोई सेविंग भी नहीं थी..

ग्लोबलाइजेशन से अमेरिकन्स को एडवांटेज मिला. फ्लैट स्क्रीन टीवी और विंटर में पीचेज़ प्राइस कम हो गया था इसके अलावा परचेजिंग पॉवर

इनक्रीज हुई और इनफ्लेशन रेट भी कम हुआ था. हालाँकि ग्लोबलाइजेशन के अपने डिसएडवाटेजेस भी थे, कॉम्पटीशन में बने रहने और ग्लोबल

इन्वेस्टर्स को अट्रेक्ट करने के लिए अमेरिकन कंपनीज ऑफ शोर चली गयी थी या अपने ऑपरेशंस ऑटोमेटेड कर रही थी. सेलरी इनक्रीज, हेल्थ

बेनेफिट्स और रिटायरमेट प्लान्स को लेकर कंपनीज अब काफी स्ट्रिक्ट हो गयी थी. और इसका रिजल्ट ये हुआ कि इकोनोमी की हालत विनर टेक आल” वाली हो गयी थी, जो लोग सोसाइटी में टॉप पर थे, उनको फायदा ही फायदा हो रहा था और नीचे लेचल के लोग सफर कर रहे थे. कोर्पोरेंट लीडर्स ग्रोथ, प्रोदक्टीविटी और प्रॉफिट की बात कर रहे थे जबकि ओडीनेरी दर्कर्स को इसमें से कुछ भी नहीं मिल रहा था. एक्जाम्पल के लिए गूगल जैसी टेक कंपनीज को ले लो जो टॉप मार्किटर्स, लॉयर्स, कंसल्टेंट्स और इंजीनयर्स को हायर करती है.

और इन नॉलेज वर्कर्स को मॉडर्न टेक्नोलोजी का पूरा बेनिफिट मिलता है लेकिन मेंटैग(Maytag) के स्किल्ड वर्कर्स का क्या ? उन्हें तो मशीन्स या किसी और कंट्री के वर्कर्स भी ईजीली रीप्लेस कर लेंगे. तो सवाल ये उठता है कि गवर्नमेंट इस बारे में क्या कर सकती है. अमेरिकिंस ग्लोबल मार्किट में ज्यादा कॉम्पटीटिव कैसे बन सकते है, इसके मुझे तीन सोल्यूशन दिख रहे थे. फर्स्ट ये कि एजुकेशन में इन्वेस्ट करो, बच्चो को स्पेशली ब्लैक और लैटिनो कम्यूनीटीज को बैटर लाइफ की अपोरच्यूनिटीज मिलनी चाहिए. सेकंड ये कि साइंस और टेकनोलोजी में इन्वेस्टमेंट किया जाए. रीसर्च के लिए और ज्यादा फेडरल सपोर्ट मिले साथ ही साइंटिस्ट और इंजीनियर्स के लिए भी ज्यादा ट्रेनिंग अपोरच्यूनिटी प्रोवाइड की जाए. थर्ड, एनेर्जी में इन्वेस्टमेंट किया जाये. जो लोग पॉवर में है उन्हें इस बात का पता होना चाहिए कि कंट्री की एनेर्जी सोर्सेस पर बढ़ती हुई डिपेंडेस इसके लिए एक खतरा बन सकती है. इसलिए आल्टरनेटिव फ्यूल्स और हाईब्रिड कार प्रोडक्शन को एक बड़ी अपोच्चयूनिटी मिल सकती है जैसा कि कई दूसरी कंट्रीज ने प्रूव किया है.

फेथ (Faith) विश्वास

मै हमेशा से ही रो वी. वेड (Roe v. Wade) को प्रोटेक्ट करना चाहता था, इस लॉ की वजह से अमेरिका में अबोर्शन लीगलाइज है. मेडिकल प्रोसीजर की एक्सेसीबिलिटी और कंडिशन में हर स्टेट के अपने स्पेशिफिक रूल्स होते है फिर भी अमेरका में अबोर्शन एक कंट्रोवर्शिय्ल इश्यू रहा है. यहाँ के एंटी-एबॉर्शन एक्टिविट्स, औरतो को बुली करते है जो एबॉर्शन क्लिनिक में जाती है. ये लोग जोर-जोर से चिल्लाकर नारेबाज़ी करते है और औरतों को मरे हुए फोएटस (impaired foetuses) की फोटो दिखाते है, इनमे से कुछ ऐसे भी है जिनसे में अपनी कैपेन रेली में मिल चूका हूँ. ये लोग वेन्यू के बाहर नज़र रखते है और हेण्डमेड बैनर लेके चुपचाप खड़े रहते हैं.

वैसे तो ये एक्टिविस्ट हमारे किसी भी इवेंट्स को डिस्टर्ब नहीं करते लेकिन मेरा स्टाफ फिर भी अलर्ट रहता है. अगर इवेंट में प्रोटेस्टर दिखे तो मेरा स्टाफ मुझे पीछे वाले डोर से जाने को बोलता है. मगर मै अपने ड्राईवर को बोलता हूँ “मुझे पीछे से नहीं जाना, उन्हें बोलो कि मैं आगे से आ रहा हूँ मैंने एक ग्रुप देखा और उनके पास गया. मैंने अपना इंट्रोडक्शन देते हुए उनसे हाथ मिलाया “तुम लोग अंदर आना चाहते हो?” मैंने पुछा. “नो, थैंक यू उनमें से एक बोला. उस आदमी ने मुझे एक पैम्फलेट दिया. “मिस्टर ओबामा, मै आपको बता दूं कि आपके मोस्ट ऑफ़ पॉइंट्स के साथ मैं एग्री करता हूँ

मुझे खुशी है” मैंने कहा. और मुझे पता है कि आप बाल-बच्चो वाले एक क्रिश्चियन आदमी है. उसने कहा,

“बिलकुल सही” मैने जवाब दिया, “तो आप बेबीज़ को पेट में मार देने का सपोर्ट कैसे कर सकते है?

मैंने उसे बोला कि मैं उसकी फीलिंग्स समझ सकता हूँ लेकिन मै उसकी बात से डिसएग्री हूँ, फिर मैंने उसे एक्सप्लेन किया कि ज्यादातर प्रेग्नेंट औरते ऐसा नहीं करना चाहती और एबॉर्शन के पीछे उनकी कोई मजबूरी हो सकती है जैसे कि गरीबी, बीमारी, डिसएबिलिटी या फिर रेप. अगर एबॉर्शन को बैन किया गया तो मुझे डर है कि ये औरते अनसेफ परोसीजर यूज़ कर सकती है या फिर अनक्वालीफाइड के डॉक्टर की हेल्प लेंगी, और सबसे बढ़कर तो ये कि मे कुछ ऐसा सोल्यूशन निकालना चाहता हूँ जिससे कोई भी औरत एबॉर्शन के बारे में ना सोचे. उस आदमी ने पोलाइटली मेरी बात सुनी और बोला मै आपके लिए प्रे करूँगा, मे दुआ करूँगा कि आपका दिल बदल जाए

मेरा फेमिली बैकग्राउंड बिलकुल भी रिलीजियस नहीं है. जब मेरी माँ यंग थी, उसने कुछ प्रीचर्स को ऐसा बोलते सुना था कि बल्ल्ड की श्री फोर्थ पोपुलेशन इन्नोरेंट है और उन्हें स्वर्ग में पनिशमेंट मिलेगी. और वो लोग ये भी बोलते थे कि अर्थ और स्काई सेवन डेज़ में क्रिएट किये गए थे. माँ को याद धा कि कैसे कुछ रिलीजियस लेडीज उन लोगो की बुराई करती थी जो उनके जैसे नहीं होते थे, और कुछ रिलीजिवस मेन ऐसे भी थे जो इमीग्रेट वर्कर्स को वर्बली अब्यूज करते थे और उन्हें कम सैलरी देते थे. ऐसा नहीं है कि मेरी माँ ने मुझे फैथ के बारे में कुछ नहीं बताया बल्कि उसने मुझे काफी कुछ सिखाया था. हमारे घर की बुक सेल्फ में बाइबल, कुरान, भगवद गीता, द नॉर्स और ग्रीक और अफ्रीकन माईथोलोजी रखी हुई है, क्रिसमस और ईस्टर वाले दिन माँ मुझे चर्च लेकर जाती थी. अक्सर वो मुझे चाईनीज न्यू इयर सेलीब्रेशन, बुधिइस्ट टेम्पल, शिन्तो श्राइन और एनशिएंट हवाइयन ब्यूरियल साइट्स पर भी ले जाती थी. मेरी माँ रिलीजियस से ज्यादा स्प्रीचुअल है. उनकी सेन्स ऑफ़ मोरेलिटी काफी ग्रेट है. चेरिटी, काइंडनेस और लव, ये सब उनके नेचर में है

माँ ने ही मुझे एमपेथी, होनेस्टी, डिसप्लीन और हार्ड वर्क का पाठ सिखाया था. और वो अनजस्टिस और गरीबी को लेकर काफी कंसर्न रहती है. कई बार उन्होंने मुझे आधी रात को चाँद की ब्यूटी देखने के लिए उठाया था. वो मेरी आँखे बंद करके मुझे हवा की आवाज़ और पत्तियों की सरसराहट सुनने को बोलती थी. उन्हें बच्चे पसंद धे, उन्हें गोद में लेना, उन्हें टिकल करना और उनके साथ गेम्स खेलना उन्हें काफी अच्छा लगता था. मेरी माँ ने इस दुनिया की खूबसूरती को देखा और एडमायर किया है. मुझे एक शाम याद है, मै अपनी दोनों बेटियों को डिनर टेबल पे बैठे हसते हुए देख रहा था और मिशेल इस बात से नाराज़ थी कि उन दोनों ने सब्जियों को छुआ तक नहीं था.

मेरी छोटी बेटी साशा ने एक बार मुझसे पुछा कि मरने के बाद क्या होता है? उसने मुझे कहा मरना नहीं चाहती डैडी?” मैंने उसे कसकर बांहों में लिया और बोला “अभी तुम्हे इस बारे में सोचने की ज़रूरत नहीं है, तुम्हारे आगे बड़ी लंबी लाइफ है”, वैसे मुझे खुद नहीं पता कि मरने के बाद क्या होता है, मुझे तो ये भी नहीं पता कि बिग बैंग से पहले क्या हुआ था, लेकिन मुझे इतना ज़रूर पता है कि जब मैं उस रात अपनी बेटियों को बिस्तर पर सुला रहा था तो मुझे बिलकुल हेवन जैसी फीलिंग हो रही थी,

रेस (Race)

यहाँ ब्लैक अमेरिका और व्हाईट अमेरिका, लैटिन अमेरिका और एशियन अमेरिका जैसा कुछ नहीं है-यहाँ सिर्फ एक अमेरिका है और वो है यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका”. ये लाइन्स मेरी उस स्पीच का पार्ट है जो मैंने 2004 में डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन के दौरान दिया था. जो लोग मुझे फर्स्ट टाइम मिलते है, यही लाइन्स मुझे बोलते है. मुझे ये वर्ड्स मार्टिन लूथर किंग की याद दिलाते है जब उन्होंने बोला था कि लोगो को उनकी स्किन कलर से जज मत करो बल्कि उन्हें केरेक्टर से करो, मैं बचपन से ही एक ऐसे अमेरिका का सपना देखता आया हूँ जो डाइवर्स कल्चर का है, मेरे बायोलोजिकल फादर व्हाईट थे और मेरी माँ ब्लैक. मेरी हाफ सिस्टर ब्लैक और इंडोनेशियन मिक्स है. कोई भी उसे देखकर धोखा खा सकता है कि वो प्यूरटो रिकन या मैक्सीकन होगी.

मेरे कुछ ब्लड रिलेटिव्स मार्गरेट थैचर जैसे दीखते हैं तो कुछ विल स्मिथ जैसे. हमारी क्रिसमस रीयूनियन यू.एन. जर्नल असेंबली जैसी लगती है. और यही वजह है कि रेस और ट्राइब्स को लेकर में काफी ओपन माइंडेड हूँ, मुझे लगता है कि अमेरिका ने हमेशा ही बाहर से आने वालो का खुले दिल से वेलकम किया है और यही इसकी स्ट्रेंग्थ है. हमारी कंट्री हमारे कांस्टीट्यूशन से गाइडेंस लेती है जिसका बेसिक कांसेप्ट है इक्वल सिटीजनशिप और अपोरच्यूनिटी फॉर आल. कैलीफोर्निया, टैक्सास, हवाई, न्यू मैक्सिको और कोलंबिया में ज्यादातर माइनोरिटीज़ रहती है. बाकि के 12 दुसरे स्टेट्स में 30% नेशन ललैक्स, लैटिनोज एशियस की है. एक्सपर्ट का है कि 2050 आते-आते अमेरिका सिर्फ व्हाइट्स नहीं रह जायेगी. वैसे अमेरिकन सोसाइटी पूरी तरह कलर ब्लाइंड भी नहीं है, अभी यहाँ काफी काम करने की जरूरत है.

लैटिनोज़ और ब्लेक लोग में एम्प्लोयीमेंट, लाइफ एक्स्पेक्टेन्सी और होम ओनरशिप में अभी भी व्हाईट लोगों से काफी पीछे है, वाल स्ट्रीट्स को अभी और लैटिनों सीईओ या ब्लैक सीओओ चाहिए. अभी प्रेजेंट में इस सीनेट में बस मै ही अकेला अफ्रीकन अमेरिकन हूँ. यहाँ सिर्फ 3 लैटिनो और 2 एशियन लेजिस्लेटर्स है. पर्सनली मैंने मॉल में सिक्योरिटी गार्ड को अपने पीछे आते हुए देखा है. एक बार मै एक रेस्ट्रोरेन्ट के बाहर वेलेट का वेट कर रहा था. तो कुछ व्हाईट कपल्स ने अपनी कार की चाबियां मेरी तरफ फेंकी. ऐसा भी कई बार हुआ कि पोलिस वालों ने बिना वजह मुझे कार रोकने के लिए बोला था. मेरे कहने का मतलब है कि आज भी अमेरिकन सोसाइटी में रेशियल डिसक्रीमेशन आज भी उतना ही है, जितना कि मार्टिन लूथर किंग के टाइम में था, उनके हार्ड वर्क और सैक्रिफाइस के बावजूद ये अभी पूरी तरह खत्म नहीं हो पाया है. अभी हमारा काम पूरा नहीं हुआ है. रेशियल इश्यूज अमेरिका में पहले से बैटर हुए है लेकिन बैटर काफी नहीं है. अभी हमे मार्टिन लूथर किंग और बाकियों का ड्रीम पुरा करना है.

इमीग्रेशन डिबेट के दौरान एक्टिविस्ट का एक गुप मेरे ऑफिस में मिलने आया. वो मुझसे एक प्राइवेट रिलीफ बिल को स्पोंसर करने के लिए बोल रहे थे, जो उन 30 मैक्सीकन को सिटीजनशिप दे सकता था जिन्हें डिपोर्ट किया गया था. ये लोग अपने स्पाउस और बच्चो को लीगल रेजिडेंसी के साथ छोडकर आये थे., मेरे स्टाफ डैनी सेपुलदेडा, जो हाफ चिलियन है, उसने इस एक्टिविस्ट इश्यू को हैण्डल किया था. उसने ग्रुप को समझाया कि मेरी सिम्पैथी पूरी तरह से उनके साथ है. इमिग्रेशन बिल के स्पोंसर्स में मै भी एक था, लेकिन मै लाखो लोगों से सिर्फ उन 30 को सेलेक्ट नहीं कर सकता था जो सेम सिचुएशन में फंसे हुए थे और स्ट्रगल कर रहे थे. उन एक्टिविस्ट ने मुझे एक्यूज़ किया कि मुझे इमिग्रेंटस और उनके बच्चो की कोई केयर नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि मै जस्टिस करने से ज्यादा बॉर्डर्स को गार्ड करने में ज्यादा कांसई हूँ. उन्होंने डैनी को भी बोला कि वो अपने रूट और कल्चर के लोगों को धोखा दे रहा है. इन सारी बातो से मुझे बड़ी फ्रस्ट्रेशन हो रही थी.

मै गुप को फेस करना चाहता था और उन्हें बताना चाहता था कि अमेरिकन सिटीजन शिप कोई राईट नहीं बल्कि एक प्रिविलेज है. अगर तुम्हे बॉर्डर या लॉ की रिस्पेक्ट नहीं है तो जो अपोच््यूनिटी और सिक्योरिटी आपको मिलती है, वो हमेशा खतरे में रहेगी. सबसे इम्पोटेंट बात तो ये कि मैं ऐसे लोगो को टोलरेट नहीं कर सकता जो मेरे स्टाफ को अब्यूज करे स्पेशली जो उनके कॉज को सपोर्ट कर रहा हो, वो डेनी ही था जिसने मुझसे इस बारे में बात की. उसने मुझे बोला कि इस गुप से मिलना काउंटर प्रोडक्टिव होगा, कुछ हफ्तों बाद मैंने विस्कॉन्सिन में नैचुरलाइजेशन पर एक वर्कशॉप अटेंड किया जहाँ मैंने वर्कशॉप अटेंड करने आये लोगो से हाथ मिलाया. वहां मुझे एक मैक्सीकन लेडी मिली जिसका बेटा ईराक में ड्यूटी पर था. एक यंग कोलम्बियन से भी में मिला जो पास के किसी रेस्टोरेंट में वालेट था. उसने बताया कि बो लोकल कम्यूनिटी कॉलेज में अकाउंटिंग स्टूडेंट है. एक छोटी लड़की भी मुझे वहां मिली जिसका नाम था क्रिस्टीना, वो मेरे पास आई और ऑटोग्राफ माँगा. क्रिस्टीना ने मुझे बोला कि वो एक गवर्नमेंट स्कूल में पढ़ती है और वो अपनी क्लास को मेरा ऑटोग्राफ दिखाएगी. वो थर्ड ग्रेड में थी, मैंने उसके पेरेंट्स से बोला कि आपको तो अपनी छोटी सी प्यारी लड़की पर बड़ा प्राउड होगा.

इस छोटी सी बच्ची को देखकर मुझे लगा कि अमेरिका को न्यू कमर्स से डरने की ज़रूरत नहीं है. ये लोग भी यूरोपियन फैमिलीज़ की तरह है जो यहाँ 150साल पहले आये थे. ये लोग वॉर और भुखमरी से बचने के लिए अपना होमलैंड छोडकर आये है. बेशक इनके पास कोई लीगल डोक्यूमेंट्स या कोई स्पेशल स्किल नहीं है जो उन्हें एक बेटर लाइफ जीने की होप दे सके. अमेरिका को ऐसे लोगो से बिलकुल भी डरने की ज़रूरत नहीं जो डिफरेंट दिखते और डिफरेंट बोलते है. लेकिन कंट्री को इस बात का ज़रूर ख्याल रखना चाहिए कि न्यू कमर्स को भी इक्वल राइट्स और इक्वल अपोच्ूनिटी मिले. हमारी डेमोक्रेसी को इमिग्रेट्स से उतना थ्रेट नहीं है जितना कि इनइक्वलिटी और रेशियल डिसक्रीमीनेशन से है. मै चाहता हूँ कि क्रिस्टीना और मेरी दोनों बेटियाँ एक ऐसे अमेरिका में रहे जहाँ सबके सपने पुरे हो सकते है.

फेमिली (Family)

मेरी वाइफ मिशेल से मेरी मुलाकत एक लॉ फर्म में हुई थी जहाँ पर हम दोनों काम करते थे. उस टाइम वो आलरेडी एक प्रेक्टीसिंग लॉयर थी जबकि मे एक समर एशोसिएट था, मिशेल कॉलेज के बाद सीधे हार्वर्ड लॉ कॉलेज चली गयी थी. और मैने 3 साल तक कम्यूनिटी ओर्गेनाइज़र का काम किया था. मेरे पास उस टाइम तीन सूट धे जिन्हें मै थोता और पहनता था, और वन पेअर लेदर शूज भी थे जो हाफ साइज़ शोर्ट थे. एक दिन सुबह बारिश हो रही थी जब में अपने समर एडवाइजर के ऑफिस पहुंचा, मिशेल फ्रेंडली तो थी लेकिन एक प्रोफेशनल यंग अटोर्नी थी. काफी टाइम तक साथ काम करते हुए हम एक दुसरे को जानने लगे थे. हम कैफेटेरिया में मिलते थे और लाइब्रेरी में भी या कभी-कभी आउटिंग पर भी जाते थे जो हमारी फर्म ऑर्गेनाइज करती थी. सब बढ़िया चल रहा था लेकिन वो अभी भी एक प्रॉपर डेट के लिए रेडी नहीं थी, वो बोलती थी कि ये अच्छा नहीं है क्योंकि वो मेरी एडवाईजर है. “ये तो बेकार का बहाना है मैं उसे बोलता था.”कम ऑन, तुम मुझे क्या एडवाईज दे रही हो? तुम बस ये बताती हो कि कॉपी मशीन कैसे काम करती है. तुम मुझे बता रही हो कि कौन सा रेस्ट्रोरेन्ट ट्राई करना चाहिए और मुझे नहीं लगता कि सिर्फ एक डेट फर्म की पालिसी के अगेस्ट है.

लेकिन में भी इतनी आसानी से गिव अप करने वाला नहीं था, मै ट्राई करता गया और फाइनली उसने हाँ बोल ही दिया. एक दिन आफ्टरनून में हम मेरे अपार्टमेंट के पास बास्किन-रॉबिन्स में आइसक्रीम्स खा रहे थे. हम एक कर्ब में बैठे हुए बाते कर रहे थे, मैंने मिशेल को बोला कि अपने टीनएज के दिनों में मैंने बास्किन रॉबिन्स में काम किया है. उसने मुझे बताया कि जब वो छोटी थी तो दो साल तक उसने सिर्फ पीनट बटर और जैली खाई और कुछ नहीं. मैंने पुछा क्या मैं तुम्हारी फेमिली से मिल सकता हूँ तो उसने कहा ओके, फिर मैंने उसे पुछा क्या मै तुम्हे किस कर सकता हूँ तो उसने फिर कहा ओके, मैंने उसे किस किया, उसका टेस्ट आइस क्रीम जैसा था. मिशेल एक अच्छी फेमिली में पली बढ़ी थी. उसके मोम और डैड रीस्पोंसीबल पेरेंट्स थे. और उसका ब्रदर एक टेलेंटेड बास्केटबॉल प्लेयर है.

जब मिशेल छोटी थी उसके फादर को मल्टीपल स्कलोरोसिस (multiple sclerosis) हो गया था लेकिन इसके बावजूद वो अपनी फेमिली के लिए कमाते रहे. और उसकी मोम ने भी सबकुछ नार्मल रखने के लिए काफी एफर्ट किया था. कई क्रिटिक्स बोलते है कि अमेरिका में अब फेमिली कल्चर नहीं रहा, कुछ को लगता है कि ये सब गे परेडस और होलीवुड मूवीज की वजह से हो रहा है. कुछ बोलते है कि कम इनकम और अनरिलाएबल डे केयर की वजह से लोग फेमिली लाइफ से दूर भाग रहे है. सोशल कंजरवेटीविव्स के हिसाब से कट्री को ट्रेडिशनल फेमिली सिस्टम से बड़ा फायदा होता है जहाँ फादर सोल ब्रेड अर्नर होता है और माँ एक होममेकर, ये लोग हर बात के लिए गवर्नमेंट को ब्लेम करते है कि हम यूथ के लिए कोंट्रासेप्टीव, सिंगल मदर्स को वेलफेयर सपोर्ट और सेम सेक्स कपल्स को लीगेलाइज कर रहे है, लेकिन मेरा मानना है कि मैरिज, सेक्स, बच्चे पैदा करना और डिवोर्स ये सब काफी पर्सनल इश्यूज है, ये गवर्नमेंट की ड्यूटी है कि वो हर अमेरिकन फेमिली को बिगेमी, इन्सेस्ट, चाइल्ड अव्यूज, डोमेस्टिक वायोलेंस

और फेल्ड चाइल्ड सपोर्ट जैसी चीजों से प्रोटेक्ट करे. हालांकि कांग्रेस और प्रेजिडेंट लोगो को फ़ोर्स नहीं कर सकते कि वो ऐसी लाइफ जिए जो गवर्नमेंट को उनके लिए सही लगती है.

हमें कोई हक नहीं है कि हम लोगो को उनकी चॉइस ऑफ़ सेक्सुएलिटी के लिए पनिश करे. मै खुद एक ब्रोकन फेमिली से हूँ. जब मै दो साल का था, मेरे पेरेंट्स का डिवोर्स हो चूका था. मेरे ग्रोइंग अप इयर्स में मेरे डैड मेरा साथ नहीं थे. मेरे ग्रैंडफादर काफी ओल्ड थे और मेरे स्टेपफादर दूर रहते थे. सिर्फ मेरी माँ और ग्रांडमदर ही थी जिन्होंने मुझे खूब प्यार दिया और हमेशा सपोर्ट करते रहे. एक बार फादर डे वाले दिन मुझे शिकागो में एक स्पीच के लिए इनवाईट किया गया था. मैंने कहा कि “अब टाइम आ गया है कि फादर्स को कोई एक्सक्यूज़ देने की ज़रूरत नहीं है अगर वो अपनी फेमिली के साथ नहीं है. फादर होने का मतलब सिर्फ बच्चे पैदा करना नहीं है” कुछ फादर्स ऐसे भी होते है जो फिजिकली घर में रहते है लेकिन अपने बच्चो से इमोशनली नहीं जुड़ पाते. इससे पहले कि हम अपने बच्चों से हाई एक्सपेक्टेशन सेट करे, हमे एक पेरेट के रूप में खुद के लिए हाई एक्सपेक्टेशन सेट करना होगा.

जब हमारा वीकली सेशन जल्दी खत्म हुआ तो मुझे मालिया के सोकर गेम अटेंड करने का चांस मिला. बड़ा सुहाना दिन धा. व्हाईट, ब्लेक, एशिया ,लेटिनो फेमिलीज से स्टेडियम हुआ था जो अपने बच्चो को सपोर्ट करने आये थे और उन्हें चीयर कर रहे थे.

मै मिशेल के बगल में बैठा और साशा को अपनी गोद में बिठा लिया. मालिया फील्ड में पूरे जोश के साथ खेल रही थी, उसे देखकर मै इतना प्राउड फील र रहा था कि बता नहीं सकता. जब हाफ टाइम हुआ तो वो हमारे पास आई.

“कैसा लग रहा है?” मैंने मालिया से पुछा “ग्रेट! डैडी, मैं एक बात पूछ?”

“शूट मैंने कहा

“क्या हम एक डॉग रख सकते है?” “हम इस बारे में गेम के बाद डिस्कस करे तो कैसा रहेगा?” मैंने कहा.

“ओके”, मालिया ने पानी पिया और मुझे गाल पे एक किस किया. मुझे बहुत खुशी है कि आप हमारे साथ रहते हो डैडी”. इससे पहले कि मै कुछ बोलता वो दौडकर वापस फील्ड की तरफ चली गयी.

कनक्ल्यू जन (Conclusion)

आपने इस बुक में पोलिटिक्स, लों, अपौरच्यूनिटीज़, फेथ, रेस और फेमिली मेटर्स पर बराक ओबामा के आईडियाज पढ़े. 2005 से 2008 तक वो सीनेटर रहे थे. और 2009 से 2017 तक वो यूनाइटेड स्टेट्स के प्रेजिडेंट रहे. 2006 में बराक ओबामा ने ओडासिटी ऑफ़ लिखी में जो एक क्वालिटी याद रखने लायक है वो ये कि वो एक बहुत ओपन माईडेड इसान है खासकर रेस और रिलिजन के मामले में, ओबामा एक ऐसे अमेरिका का ड्रीम देखते है जो सबके लिए इक्वल हो, और यहाँ रहने वाले सारे लोगो को बराबर अपोच्यूनिटी मिले. जब एक प्रेजिडेंट के तौर पर उनका टाइम पूरा हुआ तो ये उनकी फेयरवेल स्पीच थी” “मैं आपसे कहता हूँ कि अपने उस फेथ को कभी मत छोड़ो जो हमारे फाउन्डिंग डोक्यूमेंट्स में लिखी

है.:: हम वो है जिन्होंने फॉरेन बैटलफील्ड्स से लेकर मून में अपने झडे गाड़के खुद को पूव किया है. और हर अमेरिकन के अंदर एक स्टोरी छुपी है जो उसे अभी लिखनी है”: येस, वी केन, येस, वी डीड, येस वी केन,”

ओडासिटी ऑफ़ होप में उनके लास्ट वईस है माई हार्ट इज फिल्ड विद लव फॉर दिस कंट्री”

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