
ह किसके लिए है
-युवा वयस्क जो अपनी मध्य उम्र और सेवानिवृत्ति के बारे में विचार कर रहे है
- खुन को सफल बनाने की सोच रखने वाले व्यक्ति जो उद्यमिता करना चाहते हैं या फिर कोई पारंपरिक करियर अपना रहे हैं
- परिवारमुखी लोग जो अपनी घरेलू और पेशेवर जिंदगी में संतुलन बनाना चाहते हैं
लेखक के बारे में
स्कॉट गॉलवेन्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनस में मार्केटिंग के प्रोपसर हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के द्वारा उन्हें उनकी किताब द फीर: दिं हिन डीएनए ऑफ ऐमज़ान, एण्पल, फैसबुक एण्ड गुगला १2017) के लिए बेस्टसलिंग लेखक घोषित किया गया है। लेखक के अलावा वे एक सफल आत्रप्रिनयोर भी हैं और 9 कंपनियों की स्थापना कर चुके हैं जिनमें बिजनस इन्टेलिजन्स फा एलाइक कन्सल्टिंग फर्मा प्रोफेट और ई-कॉमर्स वेबसाइट रेड एन्वलय प्रमुख हैं।
यह किताब आपको क्यूँ पढ़नी चाहिए
अपने स्कूल के पुराने दिनों को याद कीजिए। जब आपने पहली बार अपनी गणित की कक्षा में ऐलजेब्रा यानि बीजगणित पढना शुरू किया था। उस समय निश्चित तौर पर आपका सामना कुछ इस तरह के समीकरणों से हुआ होगा- ४+Y=7 इस समीकरण में x और Y अक्षरों को वैरिएबल कहा जाता है। ये वैरीबल उन राशियों को दर्शाते हैं जो अज्ञात होते हैं और बीजगणित में हमें इन्ही राशियों का मान ज्ञात करना होता है। एाम्पल के लिए वह जो 7 के साथ एक जोड़ता है।
इसी तरह खुशी के ऐलजेब्रा में हमे उन वैरीएबल का पता लगाना होता है जो हमारी जिंदगी में खुशी को बढ़ाने का काम करते हैं मतलब हमारी ज़िंदगी को अर्थपूर्ण, सफल और प्रेमपूर्ण बनाते हैं। यह स्कूल में पढ़ाए गए किसी पाठ के जैसा नहीं है जिसे कि हमे बस किसी भी तरह अपनी कॉपी पर उतारना होता है बल्कि यह जीवन के अस्तित्व की एक मूल चुनौती है जिसे हमें जिंदगी के मंच पर खेलना होता है। और इस वक्त दांव पर सिर्फ कुछ नंबर नहीं हैं बल्कि धरती पर हमारी सारी इज्जत, रुतबा और आनंद है।
इसके अलावा हम जानेंगे
- अनिवार्य ट्रेड-ऑफ (लेन-देन) जो आपको अपनी वर्तमान और भावी खुशी के बीच करने होंगे
कुछ कम-के गाए गुण जो हमे एक अच्छा एम्प्लोयी और ऑंत्रप्रियोर बनाते हैं
- “अमीर शब्द का असली मतलब
अपनी प्रारम्भिक युवावस्था और बाद की युवावस्था के मध्य वर्क-लाइफ संतुलन बनाने के लिए हमे एक अनिवार्य लेन-देन करना होता है।
चलिए सच में अपने स्कूल के दिनों में वापस चलते हैं और एक पॉप क्विज़ के साथ इसकी शुरुआत करते हैं। यदि x+Y=7; तो x का मान क्या होगा? दरअसल यह निर्भर करता है कि Y का मान कितना है। अब क्योंकि सगीकरण का योग 7 है इसलिए अगर Y बड़ा होगा तो x निश्चित रूप से छोटा होगा और अगर X बड़ा होगा तो Y को उससे छोटा होना पड़ेगा। ऐलजेब्रा की खास बात यह है कि जब हम इसे कर रहे होते हैं तो हम न सिर्फ व्यक्तिगत चरों (वेरीअबलों) के बारे में विचार करते हैं
बल्कि इसके साथ ही हम उनके बीच के संबंध के बारे में मनन करते हैं। उपरोक्त समीरकरन में x और Y एक-दूसरे के साथ विपरीत संबंध में हैं।
ठीक इसी तरह का सिद्धांत खुशी के बीजगणित पर भी लागू होता है। यहाँ पर भी एक विपरीत सबंध है- मान लीजिए x आपकी युवा भवस्था का वर्क लाइफ बैलन्स है जबकि Y आपकी बाद की जिंदगी का वर्क-लाइफ संतुलन दर्शाता है। यहाँ भी अगर एक चीज ज्यादा तो दूसरी चीज कम वाला नियम लागू होता है।
मगर ऐसा क्यों? ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप जीवन में पेशेवर सफलता और फाइनेंशियल सुरक्षा प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको जवानी में अपने उन प्रतिद्वदीयों को मात देनी होगी जो आपके ही जैसे इन चीजों को पाने की चाह रखते हैं। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो शायद वे आपको इतना पीछे छोड़ दें कि आप जिंदगी भर उनकी बराबरी न कर पाएँ।
लेकिन इसका मतलब है जिंदगी के दूसरे पहलुओं की तुलना में अपना अधिकांश समय अपने करियर को देना, जिसका परिणाम दुखदायी साबित होगा। मिसाल के तौर पर, लेखक स्काट को एक इनचेस्टमेंट बैंकर और आत्रप्रिंयोर के रूप में शुरुआती कामयाबी पाने के लिए बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। इसके लिए उन्हें अपने बाल स्वोने पड़े, उनका अपनी पत्नी के साथ तलाक हो गया और जिंदगी भर के लिए यह पछतावा साथ ले आए कि उन्होंने अपनी जवानी खो दी।
कहने का मतलब यह नहीं है कि आपको अपनों बाद की ज़िंदगी के लिए अपनी जवानी की बली दे देनी है। बल्कि इसका मतलब तो है कि आपको इन दोनों के बीच में ट्रेड-ऑफ यानि लेन-देन करना होगा। अब यह आपकी मर्जी है कि आप किसका मोल करना चाहते हैं और कितनी मात्रा में करना चाहते हैं।
मसलन आप अपनी जवानी में एक आरामदायक और सतुलित जीवनशैली जीने का फेसला कर सकते हैं। आपका यह फैसला आपको अपने उन प्रतिद्वदीयों की तुलना में वर्तमान के प्रति अधिक सजग बना सकता है जो कि हफ्ते में 80 घंटे काम करते हैं। मगर इससे पहले कि आप यह रास्ता चुनने का फेसला करें आपको पता होना चाहिए कि आपका यह निर्णय बाद के आपके जीवन में आपको वित्तीय परेशानियों की तरफ ले जा सकता इसका मतलब है कि आपकी बाद की जिंदगी उन लोगों की तुलना में अधिक तनावपूर्ण और असंतुलित होगी जिन्होंने अपनी जवानी करियर के लिए समर्पित की है।
इन लोगों ने अपनी बहुत सारी खुशियों का गला खुद अपने हाथों से घोंटा होता है। दोबारा कहूँगा जिंदगी में हमेशा लेन-देन होता है- मर्जी आपकी होती है कि आप क्या चुनें और किस दाम पर अपनी पेशेवर सफलता के लिए अपने व्यक्तिगत जीवन की बली देने की आपको एक बड़ी कीमत चुकानी पड सकती है।
इससे पहले कि आप अपनी पेशेवर कामयाबी के लिए अपनी निजी जिंदगी कुर्बान करने का फैसला लें आपको थोड़ी देर ठहरकर इस पर विचार कर लेना चाहिए कि आप अपने परिवार और दोस्तों के अलावा आखिर कौन-कौन-सी चीजों की बली दे रहे हैं। अगर आप हफो में 80 घंटे काम कर रहे हैं तो आपके पास अपने रिश्तों नावों की खातिर कोई समय और ऊर्जा नहीं बचती है जिससे वे धीरे-धीरे बिगड़ने लगते हैं।
मगर क्या हम अभी उनपे ना ध्यान देकर रिटायरमेंट के बाद उनको वक्त दे सकते हैं? वैसे ये उतना आसान नहीं है जितना कहने में लगता है क्योंकि खुशी के बीजगणित में बलिदान का लॉजिक रिश्तों पर भी ठीक उसी तरह लागू होता है जिस तरह यह कामयाबी पर लागू होता है। और सफलता की ही भाति जितना ज्यादा या कम वक्त आप जवानी में अपने दोस्तों और परिवार को देते हैं उतना ही कम या ज्यादा वक्त बाद की अपनी जिंदगी में आप अपने रिश्तों को दे पाएंगे।
एक तरफ आप चाहें तो अपनी कामकाजी जिंदगी के लिए सिर्फ और सिर्फ सफलता पर फोकस करके अपने दोस्तों और परिवार की पूरी तरह उपेक्षा कर सकते हैं। लेकिन कल्पना कीजिए कि आप रेटायरमेंट के बाद अपनी उन के 6ठवें दशक में जानलेवा बीमारी के शिकार हो जाते हैं तो आपकी देखभाल करने वाला कौन होगा? डॉक्टर और नर्स के अलावा शायद कोई नहीं और इस बात की भी काफी संभावना है कि आप अकेले ही मर जाएँ। इसके विपरीत कल्पना कीजिए कि आप जवानीभर एक अच्छे जीवनसाथी, पेरेंट और दोस्त रहे। आपने अपने करीबियों की जिंदगी में बहुत सारी खुशियां लाई हैं और आपने उन्हें इस बात का एहसास दिलाया है कि वे आपके लिए कितनी अहमियत रखते हैं। आप अपने परिवार के लिए बस पैसों का एक स्त्रोत बनकर नही रहे बल्कि आप उनके लिए मजेदार बातचीतों, यादगार रोमावों, रोमांचक खेलों और पूरे परिवार को एक कर देने वाली कहानियों के स्त्रोत भी रहें। इसलिए अगर आप अपने परिवार और दोस्तों के लिए आनंद और जिंदादिली का स्त्रोत रहे हों तो निश्चित रूप से आपके जीयन के आखिरी क्षणों में वे आपके साथ रहने वाले हैं।
अगर आप अपनी पूरी ज़िंदगी मौजूदा रास्ते पर ही चलते रहते हैं तो आपके आखिरी क्षणों में आपके साथ कौन रहेगा खुद से ये सवाल करना आपको काफी आगे की जिंदगी की सोच लग सकती है मगर यह अपनी वर्तमान जिंदगी जीने की गुणवत्ता का मूल्यांकन करने के लिए एक अच्छी एकससाहज़ है। भगर आपको लगता है कि ऐसा कोई नहीं है जो कि आपके आखिरी क्षणों में पक्के तौर पर आपका साथ देने वाला है तो इसका मतलब है कि आपकी जिंदगी में प्रेम और दोस्ती की काफी कमी है।
इससे इस बात का अंदाजा लगाना ज्यादा कठिन नहीं है कि आपके जीवन में प्रसत्रता की भी उतनी ही कमी है जितनी कि प्रेम और दोस्ती की है क्योंकि हमारी खुशी का सबसे बड़ा स्त्रोत ये दो ही चीजें होती हैं। अगले अध्याय में हग इन्हीं बातों को करीब से देखने की कोशिश करेंगे।
मजेदार क्रियाकलाप, अनुभव और परिवार तथा दोस्तों के साथ बिताया गया गुणवत्तापूर्ण समय खुशी की चाबियाँ हैं।
अक्सर कहा जाता है कि पेसे से खुशी खरीदी नहीं जा सकती है और यहीं वजह है कि जिंदगी में बेस्ट चीजें मुफ़्त होती है। दरअसल जीवन का यह सूत्र जरा-सा अतिशयोक्तिपूर्ण है। पैसा गरीबी और मध्यवर्गीय आय से उत्पन्न होने वाली अस्थिरता, असुरक्षा और भौतिक चीजों के अभाव को दूर करने का काम करता है जो कि कुछ हद तक हमारी खुशी में वृद्धि कर सकता है। इसके अलावा बहुत से अच्छे अनुभवों और शौक-गोजों को पूरा करने के लिए इमे पैसे की जरूरत होती है। मसलन, विदेश में छुट्टियाँ बिताने हवाई जहाज का टिकट बनवाने और अपने लिए संगीत का कोई वाद्य यंत्र खरीदने के लिए पैसे आवश्यक होते हैं।
इन अपवादों को छोड़ दें तो इस कहावत में बहुत बड़ा सच छुपा हुआ है। यहाँ तक कि इन दोनों अपवादों में भी पैसा सिर्फ अंत तक ले जाने का साधन है; यह स्वयं में कोई अत नहीं है। चलिए अनुभवों और शौकों पर फिर से वापस लौटते हैं। पैसा आपको वो साधन दिला सकता है जिनका उपयोग करके आपको खुशी मिलती है। मगर केवल साधन मात्र आपको खुश नहीं कर सकते। सुशी तो उनका इस्तेमाल करने से मिलती है।
ठीक इसी तरह वित्तीय सुरक्षा, स्थिरता और धन की पर्यापता आपको प्रसन्न नहीं बनाती है बल्कि इन चीजों को प्राप्त कर लेने से आप पैसा कमाने पर कम ध्यान देने लगते हैं और जिंदगी को मजे से जीने पर ज्यादा। यहीं पर खास तजुर्वे और शौक काम आते हैं।
यद्यपि ये ऐविटेविटीस हमें खुशी देने में काफी सहयोग कर सकती है मगर अपने प्रियजनों, खासकर अपने परिवार, के साथ वक्त बिताने से ज्यादा मज़ा हमें कोई भी ऐव्टविटी नहीं दे सकती है। हालांकि लेखक कहता है कि खुशी को हम कई अन्य तरीकों से भी प्राप्त कर सकते हैं लेकिन चह जिस तरीके में सबसे ज्यादा विश्वास करता है वह तरीका काफी पारंपरिक और बहुत सरल है- एक जीवनसाथी और बच्चे। उसके लिए सिर्फ एक ही वीज है जिसने उसके अंतर्मन में उठने वाले सवाल में यहाँ क्यों हूँ?”का जवाब दिया है। यह दो खास उपलब्धियों का काम्बिनेशन है।
उसकी पहली उपलब्धि है अपने बच्चे के लिए एक समर्पित पिता होने की जो अपना कीमती समय और ऊर्जा अपने बच्चे की खुशी के लिए खर्च करता है। अंत में वह निश्चित करता है कि वह अपने बच्चों के साथ फिल्म देखे, उन्हें थीम पार्क घुमाने ले जाए और उनकी फुटबॉल प्रैक्टिस को देखने जाए। लेखक अपनी दूसरी उपलब्धि अपनी ग्रहस्थी को मानता है जिसमें वह और उसकी पत्नी एक दूसरे का सहयोग करके अपने बच्चों का साथ में पालन पोषण कर रहे हैं।
लेख के मुताबिक पेशेवर सफलता हमे वह नीव प्रदान करती है जिसके ऊपर हम अपने परिवार और दोस्तों के साथ अपनी पर्सनल लाइफ का आनंद ले सकते हैं। परिवार के वक्त बिताए का मजा ही कुछ और होता है मगर जब आपके साथ चीयर करने के लिए आपका पार्टनर भी मौजूद हो तो यह मज़ा दुगुना हो जाता है।
वित्तीय सुरक्षा प्राप्त करने के लिए आपको एक अच्छी डिग्री के साथ अच्छी लोकैशन और उबाऊ क्षेत्रों में काम करने की इच्छाशक्ति की जरुरत होती है।
कल्पना कीजिए कि आपके पास मौजूद वित्तीय सुरक्षा के कारण आप अपनी जिंदगी के सुनहरे सालों को अपने पसंद के कामों को करते हुए उन लोगों के साथ बिताने के लिए स्वतंत्र है जिन्हें कि आप सबसे ज्यादा चाहते हैं। अच्छा लगता है ना? लेकिन क्या आप अपनी जवानी के सालों को अपनी बाद की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए कु्बान करने के लिए तैयार हैं?
हम यहाँ पर मान लेते हैं कि आपकी तरफ से इस सवाल का जवाब हाँ है। अगर आपका उत्तर यह नहीं है फिर भी आप आगे जरूर पढिए क्योंकि इसमे आप जान पाएंगे कि जिंदगी में यह कठिन-मगर-कामयाबी का रास्ता चुनने में क्या-क्या शामिल है।
जवानी की शुरुआत में वित्तीय स्वतंत्रता को प्राप्त करने से इस रास्ते की शुरुआत होती है। वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए आपको सही क्रडेशियल्स के साथ-साथ सही लोकेशन की अहमियत को पहचानना भी जरुरी होता है।
तो चलिए कडेन्शल यानि परिचय-पत्र के साथ शुरु करते हैं। एक अच्छे फील्ड में एक अच्छी डिग्री आपको सफल होने में मदद करती है। यह तथ्य निश्चित रुप से कई लोगों के लिए चिंता का विषय है क्योंकि कई लोगों के लिए किसी फील्ड में डिग्री प्राप्त करना और उस क्षेत्र में अपने जुनून को मारना दोनों एक ही बात होती है।
यह एक कड़वा सच है कि जिन क्षेत्रों में आप अपना नाम और अच्छा पैसा दोनों बना सकते है वे ज्यादातर बार आपके बचपन के सपने नहीं होते हैं। लेखक के तजुर्बे के हिसाब से सबसे ज्यादा कामयाब लोग नीरस उद्योगों वाले क्षेत्रों में काम करते हैं. मसलन कीटनाशक उत्पादन, लौह-उत्स्वनन, कर कानून और बीमा।
अधि गली डिग्री होने के अलावा यह हमें बड़े जैसे- लंदन न्यूयॉर्क में रहने का मौका देता है। और आज की अर्थव्यवस्था में महानगर ही वे जगह हैं जहाँ अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा वृद्धि होने की संभावना होती है। परिणामस्वरूप ये ही वे स्थान है जहाँ पर सही डिग्री वाले लोगों के लिए सबसे ज्यादा अवसर मौजूद होते हैं।
इसलिए आपको जवानी में ही स्वयं को एक सही डिग्री से लैस करके किसी महानगर में सेटल कर लेना चाहिए। ध्यान रहे वक्त लगातार बीतता जा रहा है। याद रखिए जिस वक्त आप अपना समय और हुतर किसी अनजाने या मध्यम आकार वाले शहर में बिता रहे होंगे. ठीक उसी वक्त आपके प्रतिहंदी महानगरों में सफलता की सीढ़ियां चढ़ने में व्यस्त होंगे, जहां पर सारी अच्छी नौकरियां मौजूद होती हैं।
ये सब तो था नौकरी के बारे में यानि जब आप किसी दूसरे व्यक्ति के लिए काम करना चाहते हैं। लेकिन यदि आप एक सफलता-ऑरिएन्टेड व्यक्ति हैं तो शायद आप स्वयं को “भांत्रप्रियोरशिप यानि उद्यमिता की ओर स्वींचा हुआ महसूस करें- या हो सकता है कि यह आपको अपने खुद के बिजनेस में घुटनों तक भिंगा चुका है। अगले पाठ में हम कुछ बातों के बारे में जानने वाले हैं जो आपको यह निर्णय लेने में मदद करेंगी कि आपको औत्रप्रियोर बनना चाहिए या फिर एक ट्रेडिशनल काम को अपनाने का फैसला लेना चाहिए।
एक अच्छे एम्प्लोयी और आंत्रप्रिंयोर के गुणों पर विचार करने के बाद फैसला कीजिए कि आपको किस रास्ते पर चलना है।
आजकल की दुनिया में आत्रप्रियोर उन लोगों को माना जाता है जो एक खास तरह के गुणों जैसे विजन, जिद्दीपन और साहस से लैस होते हैं। आत्रप्रियोर के उन गुणों पर कम ध्यान दिया जाता है जो कि एक अच्छे एम्प्लोयों में होते हैं। ये गुण तीन प्रकार के होते हैं।
पहला गुण है निर्भरता। अगर आप अपनी जॉब सुरक्षित रखना चाहते हैं और अकेले-अकेले प्रमोशन लेना चाहते हैं तो आपको रास्ते में भयानक ट्रैफिक होने और बेकार के लोगों के मिलने के बावजूद भी वक्त पर दपत्तर पहुंचना पड़ेगा और वहाँ होने वाली मीटिंगों पर ध्यान देना होगा।
दूसरा गुण है शिष्टाचार साथियों से बात करते हुए एक गरममिजाज आात्रप्रियोर कुछ ईमानदार लेकिन कडे फीडबैक दे सकता है और हो सकता है कि उसकी ईमानदारी के लिए उसे प्रशंसा भी मिले। मगर एक एम्प्लोयी के रूप में आपको थोड़ा-सा कूटनीतिक होना पड़ता है। आपको फीडबेक देते वक्त ईमानदारी और समर्थन के बीच संतुलन बनाना आना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि आप टीम एक सदस्य है कप्तान नहीं एक एम्प्लोयी के रूप में तीसरा गुण जो आपमें होना चाहिए वह है- भावनात्मक सुरक्षा आपको अनजानी मुसीबतों के आगे किसी भी शर्त पर खुद को शांत रखना आना चाहिए। आपके मैनेजर भापका परफॉरमेंस रिव्यू देते वक्त आप पर कमेन्ट क्यों मारा: आपके साथी आपकी पीठ पीछे आपके बारे में क्या बोलते हैं? आपकी कम्पनी के लीडर कौन-से प्लान आपसे छुपा रहे हैं. और ये चीज किस तरह से आपकी आय को प्रभावित कर सकती है? एक अच्छा एम्प्लोयी बनने के लिए इन सवालों का जवाब जानने की आपको कोई खास जरूरत नही है।
एक अच्छा आत्रप्रियोर बनने के लिए दृड़ता और विज़न के अलावा भी दो ऐसे गुण हैं जिनकी चर्चा कम ही की जाती है।
सबसे पहले एक आत्रप्रियोर के रुप मे आपको अपने काम को देने का सोचना चाहिए न कि उससे कुछ लेने का। जबतक आपके पास सीड कैपिटल मौजूद न हो तब तक आपको अपने व्यक्तिगत पैसे से अपने उद्यम को चलाना होगा।
दूसरा, आपको भी अपना ज्यादातर समय और ऊर्जा सेल्स यानि बिक्री पर लगाती होगी। एक अच्छा आत्रप्रियोर होता मतलब एक अच्छा सेल्समैन होना। आपको सेल करनी होगी ताकि अच्छे एम्प्लोयी आपकी कम्पनी को जोड़न करें, निवेशक आपकी कंपनी में पैसा लगाए और ग्राहक आपका उत्पाद या सेवा खरीद पाए।
क्या आपके पास वो बेसिक कौशल हैं जो एक अच्छे एप्लोयी में होने चाहिए? क्या आप एक अच्छा सेल्समैन तनख्वाह पर रखने या एक अच्छा सेल्समेन होने के आइडिया को पसंद नहीं करते हैं? अगर ऐसा है तो आपको आंत्रप्रियोरशिप को चुनने से पहले दोबारा विचार करना चाहिए- विशेषकर इसलिए क्योंकि यह इन दोनों विकल्पों में सबसे अधिक जोखिम भरा है।
वित्तीय सुरक्षा प्राप्त करने का अर्थ ‘अमीरहोने के मतलब को पुर्नपरिभाषित करना और उसके मुताबिक काम करने से है।
चलिए मान लेते हैं कि आपने एक अच्छी डिग्री पा ली है; आप एक बड़े शहर में भी सेटल हो गए हैं और तो और आपने इस बात का फैसला भी कर लिया है कि आपको एक एम्प्लोयौ बनना है या फिर आत्रप्रियोर? अब वया? व्या ऐसा कोई दूसरा रास्ता जिसके द्वारा आप यह निश्चित कर सकते हैं कि आप अपनी बाद की जिंदगी में वित्तीय तौर पर स्वतंत्र रहेंगे
इस सवाल का संक्षिप्त जवाब है- अमीर बनना। मगर अमीर बनने के लिए पहले आपको यह पता होना चाहिए कि अमीर बनने का असली मतलब आखिर होता क्या है? अमीर होने का मतलब बस बहुत ज्यादा पैसा होना ही नहीं है बल्कि इसका असली मतलब है- भापके खर्चों की तुलना में भापकी निसक्रिय कमाई यानि पेसिव इनकम का भधिक होना।
लेकिन पैसिव इनकम वयों? पेसिव इनकम वह कमाई होती है जो आप प्रॉपर्टी या फिर किसी स्टॉक में निवेश करके स्वतः ही प्राप्त करते हैं। यह कमाई का एक स्थिर स्त्रोत होती है जिससे आप सदैव निर्भर रह सकते हैं।
आप अपनी तनख्वाह पर पैसिव इनकम के जितना भरोसा नहीं कर सकते हैं। ऐसा केवल इसलिए नहीं है क्योंकि आप अपनी नौकरी खो सकते हैं बल्कि ऐसा इसलिए भी है क्योंकि ज्यादातर लोग अपने ्व्चों को अपनी तनख्वाह के हिसाब से अजस्ट करना जातते हैं अगर आपकी सैलरी में इजाफा होता है तो इस बात की काफी संभावना है कि आप एक अमीर जीवनशैली जीने लग जाएँ जिससे निश्चित रूप से आपके खर्चे बढ़ेंगे। आखिरकार जितना अतिरिक्त पेसा आपको अपनी सेलरी हाइक से मिला आप उसे अपने बढ़े हुए खर्चों पर लूटा देते हैं।
इस प्रवृति पाने के लिए जितना जल्दी हो सके या फिर स्टॉक में निवेश कर लेना चाहिए। यह और भी बेह होगा कि आप ऐसी जॉब ढूंढें जो आपकी कमाई का कुछ हिस्सा भविष्य के लिए भी सहेजकर रखती हो। यह हिस्सा या तो रेटायरमेंट प्लान के रुप में मौजूद हो सकता या फिर कंपनी की इक्विटी में स्टॉक विकल्प के रुप में।
अपनी पैसिव इनकम की अतिरिक्त सुरक्षा के लिए आपको अपनी सपती को विविध रूपों में विभाजित करना होगा। आपने शायद इस कहावत को पहले भी कई बार सुना होगा मगर यह पूरी तरह सच है। एक और भी पुरानी कहावत है कि आपको अपने सारे अडों को एक ही टोकरी में नहीं रखना चाहिए क्योंकि अगर वह टोकरी गिर जाती है तो आपके सारे अंडे फूट जाएंगे। पैसिव इनकम के मामले में “टोकरी”हग उस चीज को कह सकते हैं जो एकदम से रंग बदल सकती है जैसे कि शेयर मार्केट। इसलिए अच्छा होगा कि आप अपनी सारी उम्मीदें और सपने इस पर न टिंकाए रखें।
एक छोटा-सा सूत्र यह है कि अगर आप 40 साल से कम उम्र के हैं तो अपनी कुल संपती का एक तिहाई से ज्यादा हिस्सा किसी एक ही जगह, जैसे- रियल स्टेट या फिर शेयर बाजार, मैं निवेश न करें। अगर आप 40 साल से अधिक उम्र के हैं तो इस दहलीज़ को 15 प्रतिशत से भी कम रखने का प्रयास करें। कुल मिलाकर कहें तो उम्र बढ़ने के साथ साथ आपको अपनी संपती के जोखिमों को कम करने की कोशिश करनी चाहिए।
अगर सब कुछ सही रहा तो बुढ़ापे में निश्चित रूप से अपने प्रियजनों के साथ जिंदगी बिताने के लिए आपके पास काफी अच्छी मात्रा में पैसा मौजूद होगा।
अपनी वित्तीय स्वतंत्रता का आनंद लेने के लिए आखिरकार आपको अपना ध्यान अपनी पेशेवर जिंदगी से दूर ले जानना पड़ेगा।
मान लीजिए कि आप अपने जीवन के सुनहरे समय में प्रवेश करने जा रहे हैं और अब तक आप कामयाबी के अपने सारे सपने पूरे कर चुके है। आप एक महानगर में सेटल हो गए। आपने एक ऐसौ कंपनी के लिए जी-तोड़ काम किया जो कवरा-टीटमेंट की सुविधा बनाने का काम करती है। निश्चित तौर पर यह वो काम नहीं था जिसका आपने एक बच्चे के रूप में सपना देखा था लेकिन फिर भी इस काम से आपने खूब सारा पैसा कमाया और आपने उसे समझदारी से सही जगह निवेश भी किया। अब आप सच्ये अर्थों में अमीर हो। आपके काम ने आपको जो देता था वो दे दिया है।
लेकिन पॉइंट यह है कि आप अपने पैसे को तब तक इजॉय करने वाले नहीं है जब तक आप खुद को इसकी इजाजत नहीं दे देते। याद रखें हमारा लक्ष्य सिर्फ बहुत ज्यादा पैसा कमाना नहीं है बल्कि इसलिए बहुत ज्यादा पैसा कमाना है ताकि बाद में हमे पेसा कमाने की जरूरत न महसूस हो। इस तरह से आप अपने सुनहरे दिनों में पैसे कमाने पर कम ध्यान देंगे और अपने दोस्तों और परिवार के साथ उन कामों को करने में ज्यादा ध्यान लगा पाएंगे जिन्हें आप हमेशा से करना चाहते थे। यही हमारा अतिम उद्देश्य है।
इसका मतलब है कि अगर आपको जीवन के किसी गोड पर काम से पीछे हटने की जरूरत पड़े तो आप वास्तव में इससे पीछे इट पाएँ- और यह करना, कहने से ज्यादा कठिन हो सकता है। कुल मिलाकर, इस समय तक आप अपने पेशेवर खेल में काफी अच्छी स्थिति में होंगे। अब आप एकदम से खुद से कहते हैं कि अपने बच्चों को वक्त देने और अच्छे कामों (जो कई बार हमारी पसंद के नहीं होते) को समय देने के लिए में अपनी मेहनत की कमाई और सोने के सिंहासन को छोड़ रहा हूँ। इस त्यात को हजम कर पाना किसी ऐसे व्यक्ति के लिए कठिन होगा जिसने अपनी पूरी जिंदगी में सैकड़ों उपलब्धियां प्राप्त की है।
इस समस्या का समाधान है- फल पर नज़रे टिकाए रखना। अपने उस अतिम उद्देश्य को याद कीजिए जिसके लिए आपने अपनी पूरी जवानी दफ्तर में बिता दी- अपने पसंदीदा कामों को करने के लिए अपने परिवार की खुशियां साझा करना जो आपने दिन-रात मेहनत करके उन्हें दी हैं। लेकिन ये सब कैसे हो पाएगा अगर आप हमेशा ऑफिस में ही काम करते रहेंगे।
खुद को दफ्तर के काम से दूर करने का मौका जब आपकी जिंदगी में आएगा तो लेखक के दोस्त डेविड कैरी को जरूर याद कर लेना। साल 2018 में डेविड जब प्रकाशन उद्योग मैं अपने शानदार करियर के चरम पर था तो हस्ट मैगजीस में उसने अपने प्रेसीडेंट के पद से इस्तीफा देने का फैसला किया। उसकी उम्र अभी ज्यादा नहीं तही इसलिए लेखक को उसके इस फैसले से काफी ज्यादा हैरानी हुई।
जब लेखक ने उससे पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया तो कैरी का जवाब सीधा और सरल था- “मैं जवान लोगों की मदद करना चाहता हूँ और मैं अपने दोस्तों से दूर रहते-रहते तंग आ चुका हूँ”
अपनी पारिवारिक जिंदगी को खुशहाल बनाने के लिए अपने लिए एक अनुकूल पार्टनर ढूंढिए और हिसाब-किताब रखकर उसे न खोएँ।
बीते पाठों में हमने यह जाना है कि हमारा अंतिम लक्ष्य वित्तीय सुरक्षा प्राप्त करना होना चाहिए ताकि हम अपनी जिंदगी के सुनहरे वर्षों को अपने प्रियजनों के साथ बिता सकें खासकर अपने जीवनसाथी और परिवार के साथ। सबसे पहले तो हम यह मान लेते हैं कि आपके पास एक जीवनसाथी और आपका परिवार है। इस अतिम सबक में हम जाने वाले हैं कि एक अच्छा जीवनसाथी कैसे ढूंढें और उसके साथ अपना रिश्ता केसे बरकरार रखें। अच्छे लाइफ पार्टनर से हमारा मतलब उस व्यक्ति से है जिसके साथ आप पेरेंटिंग के दौरान अच्छी पार्टनरशिप कर सकते हो।
पार्टनर ढूंढने के लिए सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि आप अपने पार्टनर में कौन-कौन से गुण देखना चाहते हैं। अब कुछ ऐसे गुण है जो बेहद जरूरी होते हैं। मसलन, आपका पार्टनर एक ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जो भावनात्मक रुप से एक मज़बूत इसान हो और आपको पसंद करता हो, क्योंकि यह काफी बेवकूफाना होगा कि आप अपनी जिंदगी और बच्चों को किसी ऐसे इंसान के साथ साझा करें जो ईमोशनली अस्टेबल हो और आपसे नफरत करता हो।
लेकिन कुछ गुण या कहें जरूरतें आपके व्यक्तिगत प्राथमिकताओं के आधार पर बनाई जानी चाहिए। यहाँ पर हमारा सारा काम खुद में और अपने पार्टनर में एकरुपता हूडना है। एक अच्छे जीवनसाथी का मूल्यांकन करते समय खुद से कुछ बेसिक सवाल पृछिए- क्या आपके धार्मिक विश्वास समान हैं (या फिर आपमें उनका अभाव है)? क्या बच्चों की संख्या को लेकर भाप एकमत हैं। क्या बच्चों को पालने से संबंधित बातों पर आप एकमत है? क्या पैसा, करियर और वर्क-लाइफ बैलेंस पर आपके विचार एक जैसे हैं?
अगर इनमें से किसी भी सवाल का जवाब “ना है तो बेहतर होगा कि आप अपने पार्टनर के विकल्पों पर दोबारा विचार करें क्योंकि अगर आप बदलाव नहीं करते, तो आप अपने भविष्य को सतरे में डाल रहे हैं। लेकिन इसके विपरीत अगर सारे सवालों के जवाब हाँ में हैं तो अपने रिश्ते को बेझिझक आगे बढ़ाइए। याद रखिए अपने लिए एक अच्छे जीवनसाथी की तलाश करना सिर्फ आधा काम है आपको अपने रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए उसे खुश रखना भी जरूरी होता है।
अपने रिश्ते को लगातार मजबूत बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका है- हिसाब-किताब से दूरी बनाए रखना। आप और आपका पार्टनर जिंदगी जी रहे हैं किसी खेल में प्रतिद्वंदीता नहीं कर रहे हैं। इसलिए जानने की कोशिश मत कीजिए कि किसने क्या किया, किसके साथ किया, भच्या किया या बुरा किया। अपने जीवनसाथी को उसकी गलतियों के लिए माफ कीजिए और उदार बनिए मगर सिर्फ उदारता की खातिर! न कि खुद को बेहतर साबित करने के लिए।
अगर आप अपनी इस उदारता को अपने पूरे जीवन पर लागू कर देते हैं तो आपका जीवन धन्य हो जाएगा। अपने दोस्तों, परिवार और साथियों की हर संभव मौके पर प्रशंसा और मदद करने का प्रयास कीजिए: मगर साथ ही साथ स्वयं को बहुत बड़ा दानी या जिंदादिल समझने की भूल ना करें। उदारता केवल स्व-समर्पण को ही नहीं दर्शांती है बल्कि यह दर्शाती है कि कोई व्यक्ति दूसरों को देने में कितना समर्थ है।