THE 5 AM CLUB by Robin Sharma.

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About Book

5 एएम क्लब में आप एक ऐसा रूटीन सीखेंगे जो आपकी पूरी लाइफ चेंज कर देगा. आप कोई भी न्यू हैबिट फॉर्म करना सीखेंगे. आप ये भी सीखेंगे कि लाइफ में एक चैंपियन परफॉर्मर और वर्ल्ड चेंजर कैसे बना जाये. इस बुक्स में आपको कई सारी टेक्नीक्स मिलेंगी जिससे आपका फोकस बढेगा और एनेर्जी, विलपॉवर, टेलेंट और टाइम भी इनक्रीज होगा. 5 एएम से स्टार्ट करके आप अपनी पूरी लाइफ ट्रांसफॉर्म कर सकते है.

ये समरी किसको पढनी चाहिए?

स्टूडेंट्स, प्रोफेशनल्स, रेगुलर एम्प्लोईज, मैनेजर्स, एंटप्रेन्योर्स और किसी भी फील्ड में काम करने वाले लोगो को ये समरी पढनी चाहिए.

ऑथर के बारे में

रोबिन शर्मा एक बेस्ट सेलिंग ऑथर, की नोट स्पीकर और फिलांथ्रोपिस्ट है. उन्होंने 10 से भी ज्यादा बुक्स लिखी है. वो इंडीविजुल्स, मैनेजर्स और टीम्स को लीडरशिप, प्रोडक्टीविटी और सेल्फ मास्टरी के बारे में कोच करते है. वो अपनी वेबसाईट के थ्रू ऑनलाइन कोर्सेस और ट्रेनिंग प्रोग्राम्स भी प्रोवाइड कराते है. रोबिन शर्मा एक नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन फॉर चाइल्ड वेलफेयर के फाउन्डर भी है.

परिचय (Introduction)

आप सुबह किस टाइम उठते हो? और उठने के बाद सबसे पहले क्या करते हो? क्या आपको सुबह जल्दी उठना मुश्किल लगता है? क्या लेट सोना आपकी हैबिट है? इस बुक में हम आपको एक ऐसा मोर्निंग रूटीन बताएँगे जो आपकी लाइफ में एक बड़ा चेंज ला सकता है. क्योंकि सुबह जल्दी उठने के कितने फायदे हैं ये बात सब जानते है. जो लोग अपनी लाइफ में और ज्यादा क्रिएटिव, प्रोडक्टिव और हैप्पी और स्कसेसफुल होना चाहते है उन्हें इस बुक में दी गयी टेक्नीक्स जरूर फोलो करनी चाहिए. रोबिन शर्मा के दुनिया भर में कई मिलियन रीडर्स है जिन्होंने उनका 5 एएम क्लब ज्वाइन किया है. इन लोगों ने अपने मोर्निंग टाइम को कण्ट्रोल किया और अपनी लाइफ में काफी कुछ अचीव किया है, ये सब इन्होने इस बुक से सीखा जिसे पढ़कर आप भी इसका बेनिफिट ले सकते है. तो अगर आप भी अपनी लाइफ से लेज़ीनेस, मीडियोक्रिटी और अनहेल्दी हैबिट्स दूर करना चाहते है तो आज ही 5

एएम क्लब ज्वाइन करे.

मोनिंग रूटीन ऑफ़ वर्ल्ड बिल्डर्स (The Morning Routine of World Builders) उठो. ये पहली चीज़ है जो आपको करनी है. इसे अपनी हैबिट बना लो. वैसे अगर सोचा जाए तो हमारी लाइफ हैबिट्स की एक सिरीज़ ही

सुबह तो है. जो भी करते है हैबिट्स की वजह से ही करते है. जैसे हम सुबह उठते है फिर ब्रेकफास्ट करते हैं, नहाते है, ब्रश करते है, तैयार होते है और काम में जाते है. इसी तरह लेट उठाना भी एक हैबिट है जिसे चेंज करना थोड़ा मुश्किल है. क्योंकि आपके ब्रेन को अब इसकी आदत हो चुकी है. आपके न्यूरोस इस तरह से है कि सुबह 7 बजे से पहले आपकी नींद खुलेगी नहीं.

क्योंकि आप रोज़ देर से उठते है इसलिए जल्दी उठाना आपके लिए बड़ा मुश्किल है. साइंटिस्ट ने न्यूरोप्लास्टीसिटी के बारे में भी पता लगाया है. जिसका मतलब है कि हर इन्सान में अपने ब्रेन को वायर और रीवायर करने की एबिलिटी होती है. अगर आप रोज़ सुबह 5 बजे उठने की प्रेक्टिस करोगे तो आपके न्यूरॉन्स रीवायर हो जायेंगे और फिर रोज़ 5 बजे आपकी नींद ऑटोमेटिकली खुल जाएगी. और ये आपकी एक न्यू हैबिट हो जाएगी. स्टोन रिले एक बिजनेस मैग्नेट और बिलेनियर है. उन्होंने जब फर्स्ट टाइम सुबह 5 बजे उठने की कोशिश की तो स्टार्टिंग में उन्हें ये काफी मुश्किल लगा. कई बार तो उन्हें नींद पूरी ना होने की वजह से हेडएक हों जाता है. या क उन्हें उठने के बाद फिर से सोने का मन करता था, मगर रिले ने हार नहीं मानी, वो जल्दी उठने की हैबिट बनाना चाहते थे और पूरी तरह कमिटेड थे. फिर हुआ यूं कि कुछ ही टाइम बाद उन्हें अपने एफ्ट्स का फायदा होने लगा. अब रोज़ सुबह 5 बजे उनकी आँख खुल जाती थी, और उन्हें इसकी आदत हो गयी थी तो अब सर दर्द भी नहीं होता था, रिले ने अपने आप में काफी चेंज फील किये. उन्हें अब पहले से बैटर फील होता था, एक तरह से उनकी लाइफ में एक बड़ा पोजिटिव चेंज आया था. जैसे कि पहले चो

शेड्यूल की वजह से टेंशन में रहते थे. लेकिन अब जल्दी उठने की वजह से उनके पास टाइम ही टाइम था. अब ज्यादा भाग-दौड़ नहीं करनी पड़ती थी. उनके सारे काम टाइम से कम्प्लीट होने लगे थे. यही नहीं वो अपने काम को लेकर और ज्यादा फोकस रहने 1 थे. जब आप सुबह 5 बजे उठते है उस वक्त आपके आस-पास कितनी शान्ति होती है, कोई आपकी डिस्टर्ब नहीं करता, यानी आप ऐसे स्टेज में होते जहाँ कोई इंटरफेयर करने वाला नहीं है, आप उन चीजो पर कंसन्ट्रेट कर सकते हो जो आपके लिए मोस्ट इम्पोर्टेट हैं. आजकल लोग ज्यादर साइबर जोम्बीज बनते जा रहे है. हम लोग हर वक्त अपने गेजेट्स से घिरे रहते है.

अपने बिजी

जब भी हम कोई इम्पोर्टेट काम कर रहे होते है उसी वक्त अगर मोबाइल पे कोई मैसेज आ जाये तो हम एकदम से डिस्ट्रेक्ट हो जाते है. क्या आपको

मालूम है हर चैम्पियन या वर्ल्ड क्लास वायोलिनिस्ट या कोई फेमस पेंटर जैसे जो भी ग्रेट लोग है, उनकी सक्सेस का सीक्रेट है कई घंटो तक बिना डिस्ट्रिक्ट हुए लगातार प्रेक्टिस करना. और इसी वजह से ये लोग अपने स्किल्स के मास्टर थे और मैक्सीमम रिजल्ट्स देते थे, न्यूरोसाइंस इसे “फ्लो” कहते है. ये हमारे मेंटल स्टेट का पीक होता है. ये पीरियड फूल फोकस का होता है जिसमे किसी भी तरह की डिस्टर्बनेस नहीं होती. इसी स्टेट में हमारे माइंड में ओरिजिनल आईडियाज आले है और ब्रेन अपनी फुल पोर्सेंसिंग पर होता है. और यही स्टोन रिले के साथ भी हुआ था, उन्होंने जब से सुबह 5 बजे उठाना शुरू किया, तब से उनकी

क्रिएटिविटी, एनेर्जी और प्रोडक्टीविटी कई गुना बढ़ गयी थी.

हैबिट इंस्टालेशन प्रोटोकाल (Habit Installation Protocol)

कमिटमेंट, डिसप्लीन और प्रीजेस, इन्हें अपनी हैबिट बना लो ताकि आप भी एक हाई अचीवर बन सको. आपका गोल है हर रोज़ हाई परफोर्मेस देना यानी अपना बेस्ट देना. यही आपका नार्मल रूटीन होगा. क्या आपको सक्सेस का कॉमन डेनोमिनेटर जानना है? क्योंकि यही वो चीज़ है जो एवस्ट्राओर्डीनेरी लोगो को नार्मल लोगो से अलग करती है. सक्सेसफुल लोग वो चीज़े करते है जो नार्मल लोग नहीं करना चाहते. जैसे कि सुबह जल्दी उठना, हार्ड ट्रेनिंग करना, एक्स्ट्रा एफर्ट लगाना. ये सब हाई परफॉर्मर्स लोगों की निशानी है, ये लोग अपनी गुड हैबिट्स कभी नहीं छोड़ते फिर चाहे करने का मन हो या ना हो. इनकी सेल्फ मास्टरी ऑटोमेटिकली इनके बिहेवियर में शामिल हो

जाती है. और देखने वालो को इनकी हाई परफोमस बड़ी एफोर्टलेंस लगती है. मगर लोगो को ये नहीं पता कि इसके पीछे रोज़ ना जाने कितने घंटो की प्रेक्टिस है. इतनी मेहनत के बाद जाकर ही ये लोग अचीवर बनते है. तो कोई नई हैबिट कैसे सीखी जा सकती है? जैसे कि सुबह रोज़ 5 बजे उठना और बिना डिस्टरबेंस के अपने सारे काम पूरे करना? इसे हम लाइफटाइम हैबिट आर्क बोलते है. फर्स्ट, आपको कोई ट्रिगर चाहिए, एक सिग्नल कि अब हमे स्टार्ट करना है. सेकंड, जो भी एक्टिविटी आप करो उसे रिचुअल की तरह करो. और थर्ड, रीवार्ड को एन्जॉय करो, और फिर प्रोसेस को रीपीट करते जैसे एक्जाम्पल के लिए आप अपना अलार्म 5 बजे का सेट कर दो, ये आपका ट्रिगर है. उसके बाद आप रिचुअल के लिए परोसीड करो, 5 एएम क्लब वालो के लिए ये टाइम एक्सरसाइज़, रीफ्लेक्शन और स्टडी का होता है. और इसका रीवार्ड है कि आप पहले से ज्यादा एक्टिव, रीफ्रेश और प्रोडक्टिव

रहो.

फील करेंगे, फिर नेवस्ट डे भी आपको ये सेम एक्टिविटी फोलो करनी है. ट्रिगर, रिचुअल और रीपीट- खुद को और अपने बच्चे को ट्रेन करने के लिए ये टेक्नीक यूज़ करो. यही सेम टेकनीक एनिमल ट्रेनर्स भी यूज करते है. ये काफी सिंपल और इफेक्टिव है. एक बार जब आप ट्रिगर प्रेस करेंगे तो रीवार्ड की पूरी उम्मीद कर सकते हो. अब, अपने ब्रेन को रीवायर करने और ओल्ड हैबिट को रीमूव करने के लिए आपको कम से कम 66 मिनिमम दिन चाहिए. जिसका मतलब है कि आपको हैबिट आर्क पूरे 66 डेज लगातार परफोर्म करना है. जब आपके 66 डेज़ पूरे होंगे तब तक वो एक्टिविटी आलरेडी आपकी हैबिट बन चुकी होगी. हेबिट आर्क को मिनिमम 66 डेज़ के लिए फोलो करने से सुबह 5 बजे उठना आपके लिए एकदम ईजी हो जायेगा. आपको लगेगा जैसे ये आपके रूटीन का एक पार्ट है, ऐसे बाकी 5 एएम् कल्ब वाली हैबिट्स के बारे में हम नेक्स्ट चैप्टर्स में सीखेंगे. सेम रीजल्ट पाने के लिए बस आपको हैबिट इंस्टालेशन का प्रोटोकाल याद रखना पड़ेगा. और हैबिट आर्क फोलो करते रहो चाहे आपका मूड हो या ना हो. कई बार हम उतने मोटीवेटेड भी फील नहीं करते, लेकिन आपको बस फोलो करते रहना है.66 दिनों के बाद न्यू हैबिट आपके ब्रेन में वायर्ड हो जायेगी, फिर आप इसे नैचुरली करोगे. आप देखना फिर आपकी परफोर्मेस कितनी वर्ल्ड क्लास होगी. आपकी ओडीनेरी स्किल भी जल्दी ही एक्स्ट्राओर्डीनेरी बन जाएगी.

द 20/20/20 फ़ॉर्मूला (The 20/20/20 Formula)

सुबह 5 बजे उठकर आप क्या-क्या कर सकते हो? अब अगर आप टीवी खोल के बैठ जाओ या नेट सर्फ करने लगोगे तो कोई फायदा नहीं, आपकी सारी मेहनत वेस्ट जायेगी. 5 से 6 बजे के बीच का टाइम आपका विक्ट्री टाइम होना चाहिए. यही पर 20/20/20 फ़ॉर्मूला काम आता है. यानि 20 मिनट्स की एक्सरसाइज, 20 मिनट रिफ्लेक्शन के लिए और 20 मिनट स्टडी में

5 से 5:20 तक आप अपनी सिंपल एक्सरसाइज कर सकते हो, इसके लिए जिम जाने की जरूरत नहीं है, जो भी वर्क आउट करना है अपने लिविंग म में कर लो, लेकिन एक्सरसाइज़ के साथ-साथ खूब सारा पानी पीना ना भूले. सुबह के वक्त एक्सरसाइज़ करने से डोपेमाइन और सेरोटोनिन लेवल शूट करते है जिससे आप दिन भर एक्टिव और एनेर्जी से भरपूर रहोगे. इससे आपका मेटाबोलिज्म भी फ़ास्ट होता है,

न्यूरोलोजिस्ट बीडीएनएफ ब्रेन डीराइब्ड न्यूरोट्रोफ़िक फैक्टर पता लगाया है जोकि एक हार्मोन है जो हमारे ब्रेन सेल्स को रीपेयर करता है और तेज़ी से न्यूरल कनेक्शंस फॉर्म करता है. और ये बीडीएनएफ हार्मोन तभी रीलीज़ होता ही जब हम वर्क आउट करते है. यही बजह है कि रेगुलर एक्सरसाइज़ करने वाले शार्प माइंडेड और हेल्दी होते है. अब सुबह कैसे उठा जाए? तो आप इसके लिए अपना ओल्ड स्कूल अलार्म क्लोक सुबह 5 लेकिन ये श्योर कर ले कि इस टाइम आपके आस-पास कोई डिजिटल गेजेट्स वगैरह ना हो, ये चीज़ नोट कर ले कि अगर आप लगातार 66 दिनों तक

ने

यानी

का

बजे का कर ले.

कोई एक्टिविटी करोगे तो वो आपकी हैबिट बन जायेगी. ये आपकी आदत में ऑटोमेटिकली शामिल हो जाएगा. 5:20 से लेकर 5:40 तक का टाइम

करने का है. ये टाइम है साइलेंस और शान्ति का. इस में आप प्रे कर सकते हो, मेडिटेशन कर सकते हो या अपनी डायरी लिख सकते हो, अगर

रिफ्लेक्ट

इम्प्रूवमेंट लानी है. वैसे मॉडर्न लाइफ में कम्पीट साइलेंस मिलना एकदम रेयर है. पूरे दिन-भर में इतना शोर शराबा होता है कि हमे शांति के कुछ पल मुश्किल से ही मिल पाते है. ऐसे में अर्ली मोरिंग उठकर हमे जो भी टाइम मिलता है वो काफी इम्पोटेंट होता है. इसलिए इन मोमेंट्स को ऐसे ही वेस्ट ना जाने दे. रोज़ सुबह मिनट प्रे करो, ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करो कि आपको इतनी खुबसूरत जिंदगी मिली है. एक कहावत है” काउट योर ब्लेसिंग्स” यानी उठकर 20 हमारी लाइफ में जो भी अच्छा है उसके लिए हमें थैंकफुल होना चाहिए और ये कोशिश करनी चाहिए कि एक अच्छे इसान, अच्छे पेरेंट, बैटर कलीग या बैटर बोस बन सके. अगर आपको डायरी लिखनी की हैबिट नहीं है तो डाल ले, लिखना काफी अच्छा होता है खासकर जब आपके दिल में बहुत कुछ होता है जिसे आप दूसरो से शेयर नहीं कर पाते तो उन सब बातो को अपनी डायरी में लिख ले. आपको काफी रिलेक्स फील होगा. एक डायरी के भ्रू आप अपने हैप्पी मोमेंट्स तो याद रखेंगे ही साथ ही आपको अपने गोल्स भी याद रहेंगे, डायरी सिर्फ अपोइन्टमेंट्स के लिए नहीं होती. इसमें हम अपने अच्छे-बुरे पलो को शेयर कर सकते है. 5:40 से लेकर 6 एएम तक स्टडी करो. लर्निंग सिर्फ स्कूल तक ही लिमिट नहीं होती. आप बुक्स पढ़ सकते हो, कोई पोडकास्ट सुन सकते हो या किसी ऑनलाइन कोर्स की स्टडी कर सकते हो. अगर आपकी नॉलेज इनक्रीज होगी तो आप कोई भी कॉम्पटीशन जीत सकते हो और आपको ज्यादा अपौरच्यूनिटी भी मिल सकती है, स्टडीज हमे स्मार्ट बनाती है. जो चीज़ हमे नहीं आती हम सीख

कोई फ्यूचर प्लान्स आपको बनाने हे तो वो भी इस टाइम आप बना लो और सोचो कि आपको कहाँ और क्या

सकते है. जैसे आप अपने फेवरेट मोटिवेशनल स्पीकर को सुन सकते हो या सक्सेसफुल लोगों की बायोग्राफीज पडो. ज़रा सोचो इन ग्रेट आईडियाज से आप कितना कुछ अचीव करोगे और कितना ग्रो कर सकते हो. जब सीखने को इतना कुछ है तो क्यों बेकार के एंटरटेनमेंट में टाइम वेस्ट किया जाये? आप खुद अपना बेस्ट एसेट हो, इसलिए अपने टाइम को लर्निंग में इन्वेस्ट करो जो आपको सक्सेसफुल इंसान बना सकती है. तो आज से ही अपना अलार्म क्लोक सेट कर लो और कल सुबह ठीक 5 बजे उठो. एक बार विक्टी आवर की प्रेक्टिंस करके देखो-20 मिनट की एक्सरसाइज़, 20 का रिफ्लेक्शन और 20 स्टडी में, फिर आप देखना ये हैबिट आपकी लाइफ में कितना पोजिटिव चेंज लेकर आती है.

दएशेनशियल्स ऑफ़ स्लीप (he Essentialness of Steep)

ऑफ़ कोर्स, आपको सुबह 5 बजे उठने के लिए पूरी नींद लेनी पड़ेगी. लेकिन प्रोब्लम ये है कि आज पूरी दुनिया में लोग प्रॉपर और पूरी नींद नहीं ले पाते. लोग गेजेट्स और इंटरनेट की वजह से टाइम नही निकाल पाते. मॉडर्न टाइम में कम सोना हमारी हैबिट बन चुकी है. स्टडीज से पूत हो चूका है कि इलेक्ट्रोनिक डिवाइसेस जैसे मोबाइल, लैपटॉप से निकलने वाली आर्टिफीशियल लाईट हमारे बॉडी क्लोक को डिस्टर्ब करती है. तो जब आप रात को सोशल मिडिया में बिजी होते है, या वीडियो गेम खेलते है, उसकी वजह से इंसोमेनिया की प्रोब्लम डेवलप होती है. जैसे मान लो आप रात को 12 बजे सोये और सुबह 8 बजे उठे तो आप बोलोगे कि मैंने 8 घंटे की नींद पूरी कर ली. लेकिन ये बात समझना ज़रूरी है कि क्वांटिटी से ज्यादा क्वालिटी ऑफ़

स्लीप मैटर करता है.

आइडियली आपको 10 बजे तक सौना चाहिए क्योंकि उस टाइम आपकी बॉडी से ज्यादातर बांडी होरमोस रिलीज़ होते है. जिनमें से एक है ग्रोथ होरमान यानी एचजीएच. ये स्ट्रोंग मेटाबोलिज्म और हेल्थी टिश्यूज, हाई एनेर्जी लेवल और लॉन्ग लाइफ स्पान इन सब चीजों को बूस्ट करता और हमारा 75% एचजीएच सोने के दौरान ही रीलीज़ होता है. एचजीएच के अलावा सेरिब्रल स्पाइनल फ्लूइड भी होता है जो ब्रेन से सोते वक्त रीलीज़ होता है. नेचर ने हमारी बॉडी को कुछ इस तरह से प्रोग्राम किया है कि ये रात में रीजेनरेट होती है.

इसलिए जब सनलाईट नहीं होती तो उस टाइम हमारी बॉडी फुल रेस्ट मोड में चली जाती है. नैचर ने हमे कुछ इस तरह ही डिजाईन किया है. इसके अलावा और भी कई सारे बॉडी फक्शन्स वक्त ही । होते है जिससे हमे एक हेल्दी और लॉन्ग लाइफ मिलती है. क्या आपको स्लीप साइकिल मालूम है? एकच अल में स्लीप के तीन स्टेज होते है. डीप स्लीप, नॉन-रेम या अलर्ट स्टेज और फिर रेम या ड्रीमिंग स्टेज. इनमे से हर स्टेज 90 मिनट्स तक चलती है. और बेस्ट स्लीप वही मानी जाती है जब आप ये स्लीप साइकिल बिना किसी डिस्टर्ब के दो बार रिपीट करते हैं. तो आईडियली आपका क्वालिटी स्लीपिंग टाइम है रात 9:30 से लेकर सुबह 5 बजे तक.

यहाँ हम गुड़ स्लीप के लिए एक शेड्यूल बता रहे है जो आप फोलो कर सकते हो, 66 डेज़ मिनिमम याद रखो, आपको ये 66 डेज़ लगातार करना

होगा ताकि ये हेबिट बन जाए, रात 7 से 8 के बीच अपना डिनर कर लो. यानि एक हेल्दी डिनर लो और उसके बाद कोई मिडनाईट स्नैक्स नहीं लेना है. बजे तक अपने सारे इलेक्ट्रोनिक डिवाइसेस यानी मोबाइल, टीवी, लैपटॉप सब टर्न ऑफ़ कर दो. अगर को काम फिनिश करना है या ईमेल चेक करनी है तो 7 बजे से पहले कर लो. और 8 से 9 के बीच आप अपनी कोई हॉबी कर सकते हो या चाहे तो अपने फेमिली मेम्बर से बात करो. अपने पेरेंट्स और किड्स के साथ कुछ बढ़िया टाइम स्पैड करो. आपको काफी फुलफिलमेंट का एहसास होगा बजाये सोशल मिडिया या ऑनलाइन में टाइम वेस्ट करने के.

अगर मन करे तो एक वार्म बाथ ले सकते हो जिससे बढ़िया नींद भी आएगी, लास्ट में, 9 से 10 तक बेड में चले जाओ, ये श्योर कर लो कि बेडरूम में अँधेरा हो, कोई गेजेट्स ना हो ताकि आपका माइंड सोने के लिए एकदम रेडी हो जाए, इस टाइम आप मोनिंग में अपने विक्ट्री आवर्स की तैयारी भी कर सकते हो, अपने एक्सरसाइज गियर और डायरी रेडी रखो. अगर आप ये सारे स्टेप्स फोलो करते हो तो यकीनन सुबह एकदम फ्रेश और एनेरजेटिक फील करोगे, अब क्योंकि आपकी बॉडी को पूरा रेस्ट मिला है और ज़रूरी होरमोंस भी मिल गए तो आपका एनेर्जी लेवल भी एकदम हाई रहेगा. आप उठोगे तो बड़ा एक्टिव और अलर्ट फील करोगे.

टैक्टिस ऑफ़ लाइफ लॉन्ग जीनियस (Tactics of Lifelong Genlus)

थोमस एडिसन ने अपनी लाइफ में कुल ,099 पेटेंट्स किये जिसमे लाईट बल्ब, मोशन पिक्चर कैमरा और इलेक्ट्रिक कार की बैटरी भी शामिल है. एडिसन ना सिर्फ इन्वेंटर थे बल्कि वो एक एटप्रेन्योर भी थे. एडिसन ने एक बार कहा था” ज़्यादातर लोग रात को 1 बजे सोकर सुबह 7 बजे उठते है और ये 16 घंटे के काम के बराबर है. इस टाइम में लोग कई सारे डिफरेंट काम करते है. लेकिन एडिसन 16 घंटे में सिर्फ एक ही काम करते थे. वो किसी एक प्रोजेक्ट में अपना पूरा फोकस लगा देते थे. उनकी तरह बाकि लोग भी अगर किसी एक टास्क में पूरा फोकस और टाइम लगाये तो हर कोई

H RE सक्सेसफुल हो सकता है,

एडिसन अपने मेनलो पार्क लैब में घंटो काम करते थे. कई-कई दिनों तक वो और उनकी टीम किसी एक इन्वेंशन पर तब तक जुटी रहती जब तक कि वो इन्वेंशन परफेक्टली नहीं बन जाता, अगर आप भी सेम चीज़ करोगे तो सोचो कितना बडिया रिजल्ट दे सकते हो. आप भी थोमस एडिसन के जैसे एक श्री लाइफलॉन्ग जीनियस बन सकते हो, यहाँ हम 10 टेक्टिस बता रहे है जो आपके टेलेंट और स्किल्स को काफी हाई लेकर जा सकती है, फर्स्ट टेक्टिक टाईट बबल ऑफ़ टोटल फोकस यानी टीबीटीऍफ़, अपना खुद का एक बबल बना लो जिसके अंदर आप अपनी चॉइस का आईडिया रख सकते हो. सिली वीडियोज, फेक न्यूज़ या फालतू की ऑनलाइन गासिप अवॉयड करो.

ये टाईट बबल आपका शेड्यूल टाइम है, हर रोज़ जहाँ आप अपना मोस्ट प्रोडक्टिव टास्क करोगे. यहाँ पर आपका पूरा फोकस, विल पॉवर, एनेर्जी,

देलेंट और टाइम इन्वेस्ट होगा. सेकंड लैक्टिक है 90/90/1 रूल, यानी अगले १० दिनों तक अपने वर्क टाइम के फस्ट 90 मिनट्स अपने उस प्रोजेक्ट में दो जो आपका ट्रेडमार्क होगा. ये आपका बेस्ट आउट पूट है, बेस्ट स्किल जिसे आप वर्ल्ड क्लास लेवल तक ले जा सकते हो. सोचो अगर आपने अपने स्पेशल टैलेंट पर मास्टरी हासिल कर ली तो ये आपको कितनी सक्सेस और फुलफिलमेंट देगा. धर्ड टैक्टिक है 50/10 मेथड, यानी 60 मिनटस का फोकस वर्क करने के बाद 10 मिनटस का रेस्ट, जो भी आपका बेस्ट आउटपुट है, तभी बेनिफिट देगा जब आप 10 मिनट का रेस्ट लोगे. इससे आपको रिलेक्स मिलेगा और फेश आईडियाज भी आएंगे. खासकर जब आप स्ट्रेस होते है तो उस वक्त रेस्ट काफी ज़रूरी होता है. आप चाहो तो चाक ले लो, कोई ब्रीथिंग एक्सरसाइज कर सकते हो, अपनी बॉडी को स्ट्रेच करो और ऐसा म्यूजिक सुनो जो आपको सुकून से भर दे. इससे आपकी बॉडी और माइंड फिर से तरो-ताज़ा हो जायेंगे. जब आप अपना 60 मिनट का वर्क शुरू करोगे तो आपके पास पहले से ज्यादा एनेज्जी और

आईडियाज होंगे.

फोर्थ टेक्निक है डेली 5 कांसेप्ट, हम बताते है ये आपको कैसे करना है. रोज़ सुबह 20 मिनट्स के रीफ्लेक्शन टाइम में उस दिन के लिए कोई 5 स्माल टारगेट चूज़ करो जो आपको पूरे करने है. अगर आपने ये टारगेट पूरे कर लिए तो आप ये मान सकते हो कि आपने 24 घंटे वाकई कुछ प्रोडक्टिव किया है. ये टैक्टिक्स एक मन्थ तक फोलो करोगे तो आपके करीब 150 टारगेट्स पूरे हो जायेंगे, और एक साल में आपके 1825 टारगेट हो जायेंगे. तो इस हिसाब से हर साल आप इतनी प्रोडक्टिवीटी डिलीवर कर सकते हो.

फिफ्थ टैक्टिक है 2 विंड चर्क आउट या 2ww.ये आप 5 बजे से 6 बजे के बीच करो या जब आप काम से लौट कर आते हो. स्पेशली अगर आप एक 3 दू 5 वाले एम्प्लोई है तो 2WW आपको रेफ्रिश और रीजेनरेट होने में काफी हेल्प करता है. आप 60 मिनट की वाक ले सकते हो, बाइकिंग कर सकते हो या योगा और स्विमिंग सेशन अटेंड कर सकते हो, इससे आपकी कैलोरीज भी बर्न होंगी और मेटाबोलिज्म भी फ़ास्ट होगा.

ट्विन्स साइकिल ऑफ़ एलीट परफोर्मेस (Twins Cycle of Elite Performance) हम लोग अक्सर ये सोचते है कि अगर ज्यादा काम करना है तो एक्स्ट्रा टाइम होना चाहिए. यानी ज्यादा प्रोडक्टिव बनने के लिए आपको और ज्यादा

एफोर्टस करने होंगे. लेकिन रीसर्च से पूव हुआ है कि वर्क मेंटेलिटी पलाव्ड होती है. धंटो बिना रुके काम करने से आप स्ट्रेस्ड फील कर सकते हो, और अवसर एम्प्लोईज, एक्जीक्यूटिवव्स और प्रोफेशनल्स के साथ यही होता है और हम क्वालिटी वर्क प्रोड्यूस नहीं कर पाते. अपने पिछले चैप्टर्स में हमने वर्ल्ड क्लास परफोर्मेंस अचीव करने के बारे में डिस्कस किया था, लेकिन अगर लगातार बिना रेस्ट किये काम करते रहोगे तो आप ज्यादा टाइम तक सस्टेन नहीं कर पाओगे.

क्योंकि आपको सिर्फ एक महीने नहीं बल्कि पूरे करियर के दौरान वर्ल्ड क्लास परफोर्मेस मेंटेन करनी है. और इसलिए आपको हाई एक्सीलेंस पीरियड के साथ डीप फ्यूलिंग पीरियड्स भी फोलो करना होगा. यही एलीट पफ्रोमेंस का टूविन साइकिल है. आपका वर्क जीनियस एक मसल की तरह है. जब आप एक्सरसाइज़ करते है तो उस टाइम आप असल में अपनी मसल्स टियर कर रहे होते हैं. बॉडी बिल्डर्स अक्सर खुद को चेलेंज करते रहते हैं. जैसे एक्जाम्पल के लिए अगर आप आज 100 सिट अप्स करते हो तो नेक्स्ट डे 200 करो. फिर उसके अगले दिन 300 करो,

लेकिन जब आप लगातार हमारे मसल्स ग्रो करने ३द की पुश करते हो और कोई रेस्ट नहीं लेते तो आप पक्के इंजर्ड हो सकते हो या बीमार पड़ सकते हो. रेस्ट पीरियड में है. और इसी टाइम में एक्चुअल बॉडी बिल्डिंग होती है. जैसे मान लो आपके पास 5 एसेट ऑफ़ जीनियस के तौर पे वन वीक का एक्सरसाइज प्रोग्राम है. इसमें मेंटल फोकस, फिजिकल एनर्जी, पर्सनल विलपॉवर, ओरिजिनल टेलेट और डेली टाइम है. आपको डेली एक वीक के लिए अपने टाईट बबल ऑफ़ फोकस में जाना है. वीकेंड में आप मिनी वेकेशन ले सकते हो. ये टाइम अपनी फेमिली के साथ स्पेंड करो. आउटडोर जाओ, नेचर की ब्यूटी एक्सप्लोर करो. वीकेंड्स में ऑफिस जाना एक ओल्ड पैराडीगम है.

असल में आपको खुद को लेकिन अपने मिनी वेकेशन में जब आपकी मसल्स रेस्ट करती है तो आपकी क्रिएटिविटी और प्रोडक्टीविटी भी रेस्ट मोड में होती है. जब आप एक नया वीक स्टार्ट करोगे, तो आप देख सकते हो कि आपकी परफोर्मेस कितनी इम्प्रुव हुई है. आप बैटर रीजल्ट दोगे. इसलिए हम बोलते है अगर आपको वर्ल्ड क्लास जीनियस पूरी लाइफ मेंटेन करनी है तो पीरियड ऑफ़ रेस्ट काफी इम्पोट्ंट है. आपको साइबर जोम्बी नहीं बनना है. अलाइव रहो और लाइफ को फूली एन्जॉय करो. तितलीयों, रेनबों, फुल मून, शूटिंग स्टार्ट और खूबसूरत सनराईज और सनसेट के नज़ारे दिल को बड़ा सुकून देते है. आप भी नैचर की इस ब्यूटी को एन्जॉय करो. अपने फेमिली और फ्रेंड्स के प्यार की वैल्यू करो.

उनके साथ टाइम बिताओ, अपने रिलेशनशिप को टाइम दो. इस तरह आप लाइफ को पूरी तरह एन्जॉय करते हुए भी अपना काम कर पाएंगे और बैटर

रिजल्ट्स दे पाओगे.

ही

बिकम्स हीरोज ऑफ़ देयर लाइन्स (Becomes Heroes of Their Lives) नेल्सन मंडेला पूरे 18 साल तक साऊथ अफ्रीका के रोबेन आईलैंड में कैद रहे. वो पहले इंसान थे जिन्होंने काले लोगो यानी अफ्रीकन्स के ईक्वल राईट्स

को लेकर स्ट्रगल किया था और इसी वजह से उन्हें सजा दी गयी. उनके टाइम में पुरे साऊथ अफ्रीका में रेसिज्म फैला हुआ था. गोर लोग कालो को एक्स्प्लोइट करते थे. मंडेला को भी जेल में कई तरह से टोर्चर किया गया था. हर रोज़ उन्हें एक लाइमस्टोन क्वेरी में कई घंटो तक फोर्ड लेबर करना पड़ता था, जहाँ उन्हें ह्यूमिलेट किया जाता था, उनकी पिटाई भी होती थी. एक दिन तो उन्हें एक कब्र खोदकर उसमे लेटने को बोला गया और फिर गार्ड्स ने उन पर पेशाब किया,

जब वो जेल में थे तो उनके बड़े बेटे की एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गयी थी लेकिन मंडेला को अपने बेटे का लास्ट राइट्स भी अटैंड नहीं करने दिया गया, उनकी जेल कोठरी शू बॉक्स जितनी छोटी थी, उन्हें सोने के लिए बेड तक नहीं दिया गया था, सिर्फ एक टेबल और एक कबल मिला था. चेयर नहीं थी तो मंडेला घुटनो पर बैठकर लिखते थे. उन्हें विटर में भी शॉर्टुस और टीशर्ट में रहना पड़ता था. जेल के गार्ड उन्हें नहाते टाइम भी वाच करते और उनका मजाक उड़ाते थे. मंडेला को ऐसा खाना मिलता था जो शायद जानवर भी ना खाए. और ये सब किया गया उनकी स्पिरिट और उनका हौसला तोड़ने के लिए मगर मंडेला ने हार नहीं मानी.

उनकी विल पॉवर बड़ी स्ट्रोंग थी. जब वो जेल में आये थे तो एक हॉट हैडेड मिलिटेंट यंग मेन थे. मगर जेल से निकलने के टाइम तक वो एक वाइज और इस्पायरिंग लीडर में भीडर में ट्रांसफॉर्म हो चुके थे. मंडेला ने इतना सब कुछ सिर्फ अपने लोगों के लिए सहा और इस सफरिंग ने उनके करेक्टर को और भी स्ट्रोंग कर दिया था. जब मंडेला जेल से निकले तो एक नेशन को लीड करने के लिए पूरी रेडी थे जो अब फ्री तो हो चुका था मगर डिवाइडेड था. मंडेला तरह ।

साऊथ अफ्रीका में डेमोक्रेसी और ईक्वलिटी लेकर आये. यानी अब ब्लैक और व्हाईट सब बराबर थे. मंडेला का सपना था कि पूरी दुनिया लोग हार्मोनी में रहे और सबको बराबर के हक मिले. मंडेला ने कहा था ” में अपनी सारी कडवाहट और नफरत जेल के अंदर ही छोड़ के | जल के अंदर ही छाड़े के आया हूँ” मंडेला ने उन लोगों को माफ़ कर दिया था जिन्होंने उन पर इतना जुल्म ढाया था. एक प्रासीक्यूटर था जो उनके लिए डेथ पेनल्टी की डिमांड कर रहा था. बाद में मंडेला ने उस आदमी को डिनर पर इनवाईट किया था. अपने एक प्रिजन गार्ड को भी उन्होंने अपनी प्रेजीडेंशियल सेरेमनी में इनवाईट किया था. उनके ये एक्स्ट्रा ओर्डीनेरी ट्रेट्स उन्हें साउथ अफ्रीका ही नहीं बल्कि दुनिया के ग्रेट लीडर्स में से एक बनाते है. उनकी कंटी उन्हें बहुत प्यार करती थी. मंडेला का मानना था कि जब हम पैदा होते है तो उस वक्त हम रेस या रिलिजन के बेस पर किसी से नफरत नहीं करते तो बड़े होकर क्यों करे. अगर हम नफरत करना सीखते है तो प्यार करना क्यों नहीं सीख सकते. नेल्सन मंडेला और उनके जैसे बाकि और वर्ल्ड चेंजर्स के ये वो 7 बच्चूज है। जिनसे आप भी काफी कुछ सीख सकते है, और ये है ब्रेवरी, फोरगिचनेस, इंटेग्रीटी, अंडरस्टैंडिंग, सिंसियेरिटी, पोलाईटनेस और ह्यूमिलिटी. अब आप कोशिश करे कि इनमे से वन एक्ट ऑफ़ बच्चू डेली अप्लाई करे. फिर जल्दी ही गुड एक्ट आपकी हैबिट बन जाएगी. और इस तरह आप भी इस दुनिया को चेंज करने में अपना कोंट्रीब्यूशन दे सकते हो.

कनक्ल्यू जन (Conclusion)

इस बुक के धू हमने आपको सुबह 5 बजे उठने के कई सारे बेनेफिट्स बताये. आपने न्यू हैबिट फॉर्म करना भी सीखा. आपने इस बुक से ट्रिगर, रूटीन, रीपीट आर्क और 66 डेज़ के बारे में जाना. आपने विक्ट्री आवर और 20/20/20 फॉर्मूला, एक्सरसाइज़, रिफलेक्ट और स्टडी के बारे में भी जाना. तो अगर आप भी रूटीन के साथ चलोगे तो आप और भी ज्यादा क्रिएटिव, प्रोडक्टिव, हैप्पी और सक्सेसफुल बन सकते हो, आपने यहाँ एक लाइफलॉन्ग जीनियस और टविन साइकल्स ऑफ़ इलीट परफोर्मेंस के टैक्टिस सीखे हमारी लाइफ में रेस्ट काफी इम्पोटेंट है. की भाग दौड़ से कुछ टाइम निकाल कर हमें नेचर के साथ थोड़ा वक्त स्पेंड करना चाहिए, आप अपने फ्री टाइम में कोई हॉबी कल्टीवेट कर सकते हो या अपने क्लोज्ड लोगों के साथ क्वालिटी टाइम गुज़ार सकते हो, यही तरीका है जीने का और खुद को अलाइव फील करने का. याद रखो आप कम काम करते हुए भी काफी कुछ कर सकते हो. लास्ट, आपने इस बुक में 7 वल्ल्ड चेंजर्स वच्च्यूज के बारे में भी जाना. अपने बारे में यही सोचो कि आपका एक फुलफिलिंग करियर है, एक बेहद प्यार करने वाली फेमिली है और आप पास एक हेल्दी माइंड और बॉडी है. और ये सब कुछ पॉसिबल है अगर आप भी एक बार 5 एएम क्लब ज्वाइन कर लो,

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