SHATRANJ KE KHILADI by Munshi premchand.

About Book वाजिदअली शाह का समय था। लखनऊ ऐयाशी के रंग में डूबा हुआ था। छोटे-बड़े, गरीब-अमीर सभी भोग विलास में डूबे थे। कोई नाच गाने की महफ़िल सजाता था, तो …

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