VIDHWANS by Munshi premchand.
About जिला बनारस में बीरा नाम का एक गाँव है। वहाँ एक विधवा बुढ़िया, बीन बच्चों की, गोंड़िन रहती थी, जिसका भुनगी नाम था। उसके पास एक फुट भी जमीन न …
VIDHWANS by Munshi premchand. Read MoreDiscover Insightful Book reviews here
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About जिला बनारस में बीरा नाम का एक गाँव है। वहाँ एक विधवा बुढ़िया, बीन बच्चों की, गोंड़िन रहती थी, जिसका भुनगी नाम था। उसके पास एक फुट भी जमीन न …
VIDHWANS by Munshi premchand. Read MoreAbout फटे कपड़ो वाली मुनिया ने रानी वसुधा के सुन्दर चेहरे की ओर सम्मान भरी आँखो से देखकर राजकुमार को गोद में उठाते हुए कहा, “हम गरीबों का इस तरह कैसे …
SHIKAAR by Munshi premchand. Read MoreAbout भानु चौधरी अपने गाँव के मुखिया थे। गाँव में उनका बड़ा मान था। दारोगा जी उन्हें जमीन पर दरी बिछाए बिना बैठने नहीं देते थे मुखिया साहब का गाँव में …
SHANKHNAAD by Munshi premchand. Read MoreAbout जब रजिया के दो-तीन बच्चे होकर मर गये और उम्र ढल चली, तो रामू का प्रेम उससे कुछ कम होने लगा और दूसरी शादी की धुन सवार हुई। आये दिन …
SAUT by Rabindranath Tagore. Read MoreAbout तहसीली स्कूल बरॉव के टीचर मुंशी भवानीसहाय को बागवानी का बहुत शौक था। गमलों में तरह-तरह के फुल और पत्तियाँ लगा रखी थीं। दरवाजों पर लताएँ चढ़ा दी थीं। इससे …
SACHAI KA UPHAR by Munshi premchand. Read MoreAbout अच्छे लोगों के हिस्से में भौतिक उन्नति कभी भूल कर ही आती है। रामटहल विलासी, बुरी आदतों वाला, बुरे चाल चलन के आदमी थे, पर लोगों के साथ कैसा व्यवहार …
PURV SANSKAAR by Munshi premchand. Read MoreAbout Book कादिर और मैकू शराब खाने के सामने पहुँचे, तो वहाँ कांग्रेस के वालंटियर झंडा लिये खड़े नजर आये। दरवाजे के इधर-उधर हजारों दर्शक खड़े थे। शाम का समय था। …
MAIKU by Munshi premchand. Read MoreAbout: जोखू भगत और बेचन चौधरी में तीन पीढ़ियों से लड़ाई और दुश्मनी चली आ रही थी। कुछ खेत-जमीन का झगड़ा था। उनके परदादाओं में कई बार खून-खराबा हुआ। बाप-दादाओं के …
LAAG DAANT by Munshi premchand. Read MoreAbout Book मुझे देवीपुर गये पाँच दिन हो चुके थे, पर ऐसा एक दिन भी न होगा कि बौड़म की बात न हुई हो। मेरे पास सुबह से शाम तक गाँव …
BAUDAM by Munshi premchand. Read MoreAbout Book तारा ने बारह साल दुर्गा की तपस्या की। न पलंग पर सोयी, न बाल को सँवारा और न आँखों में काजल लगाया। ज़मीन पर सोती, गेरुआ कपड़े पहनती और …
SEVA MARG by Munshi premchand. Read More