Book Summary
क्या होगा अगर हम आपको बताएं कि दुनिया के सबसे सफल इंसान ने अपने पैशन को फॉलो नहीं किया? क्या आप इस पर भरोसा करेंगे? इस बुक में, आप सीखेंगे कि पैशन के बजाय अपनी स्किल्स को अपग्रेड करना ज़्यादा जरूरी होता है। एक्सीलेंट स्किल्स से ज्यादा सेटिस्फेक्शन वाली जॉब और ज्यादा सक्सेस मिलती है। आपने अपने जॉब को अपने लाइफ के कॉलिंग में कैसे बदलना है यह सीखा।
इस समरी से कौन सीखेगा?
- कॉलेज के स्टूडेंट्स
- एंट्री लेवल एम्पलॉइज
- जो लोग अपने पैशन को फॉलो करना चाहते हैं
- जिस किसी के पास काम में मोटिवेशन की कमी है।
ऑथर के बारे में
कैल न्यूपोर्ट एक प्रोफेसर, ब्लॉगर और ऑथर हैं। उन्होंने MIT से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की डिग्री ली है। वह अभी जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहे हैं। कैल ने बेस्ट-सेलर्स Deep Work और Digital Minimalism के साथ 6 और बुक्स लिखी हैं। वह स्टडी हैक्स नाम का एक पॉप्युलर ब्लॉग भी चलाते हैं जो एकेडमिक और प्रोफेशनल सक्सेस कैसे पाया जाए इस बात पर फोकस करता है।
इंट्रोडक्शन
आपने कितनी बार लोगों को यह कहते हुए सुना है की, "अपने पैशन को फॉलो करें"? यह एक पॉप्यूलर ऐडवाइज़ है कि अगर आप ऐसी जॉब करते हैं जो आपकी पसंद से मैच होती है, तो आपके पास एक शानदार करियर होगा और आप खुश रहेंगे। पर, क्या यह सच है? क्या आपमें पहले से कोई पैशन होने की ज़रूरत है? क्या आपके लिए कहीं कोई ड्रीम जॉब इंतजार कर रहा है जो आपको सबसे ज्यादा सैटीस्फैकशन दे सके?
यह पैशन की एक थ्योरी है। इसमें कहा गया है कि आप पहले यह पता लगाएं कि आप क्या चाहते हैं और फिर उस करियर पाथ को फॉलो करें। यह पता लगाने के लिए कि क्या यह थ्योरी सच में काम करती है या नहीं, आइए दुनिया के सबसे सफल इंसान की कहानी पर बातचीत करें। वह इंसान और कोई नहीं बल्कि स्टीव जॉब्स हैं।
अपने पैशन को फॉलो न करें
आप ये एक्सपेक्ट कर रहे होंगे कि जब स्टीव जॉब्स ने अपना करियर शुरू किया तब वो कंप्यूटर में दिलचस्पी रखने वाले या एक बिजनेसमैन बनने की इच्छा रखने वाले इंसान होंगे। उन्होंने रीड कॉलेज में लिबरल आर्टस कि पढ़ाई की। जॉब्स ने नंगे पैर चलने पर जोर देते थे, उन्होंने अपने बाल लंबे कर रखे थे।
उन्होंने वेस्टर्न हिस्ट्री और ईस्टर्न रिलिजन पर क्लासेस लीं। एक साल के बाद जॉब्स ने कॉलेज छोड़ दिया, लेकिन वह कुछ समय के लिए केंपस में रहे। वह फर्श पर सोते थे और वही पास के हरे कृष्ण मंदिर से जो फ़ी खाना मिलता था उसका इंतज़ार करते थे। जॉब्स के अजीब तरीकों की वजह से, वह एक कैंपस सेलिब्रिटी बन गए।
कई स्टूडेंट्स ने तो उन्हें सनकी इंसान तक कहना शुरू कर दिया था। फिर, जॉब्स अपनी रूटीन से थक गए। वह कैलिफोर्निया, अपने घर वापस चले गए और अपने माता-पिता के साथ रहने लगे। उन्होंने स्पिरिचुअल जनी के लिए भारत में कई महीने बिताए।
फिर, जॉब्स ने लॉस अल्टोस ज़ेन सेंटर में फॉर्मल ट्रेनिंग शुरू किया। इस बीच, स्टीव वोज़्निएक को एक टर्मिनल डिवाइस डिजाइन करने के लिए काम पर रखा गया था, जिसे लोग कंप्यूटर टाइम-शेयरिंग के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। वोज्निएक इलेक्ट्रॉनिक जीनियस है। टेक्नोलॉजी ही उनका पैशन है। उन्होंने कॉलेज में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की थी।
वोज्निएक बेशक एक टर्मिनल डिवाइस बना सकते हैं लेकिन, वह बिज़नेस निगोसियेशन में अच्छे नहीं हैं। इसिलिए उन्होंने अपने बहुत पुराने दोस्त, स्टीव जॉब्स की मदद मांगी। जब स्टीव अपने स्पिरिचुअल ग्रुप के साथ समय बिताने के लिए कुछ कहे बिना ही चले गए, तब उन्होंने अपना काम खो दिया था। इसलिए एप्पल शुरू करने के महीनों पहले, स्टीव जॉब्स एक सनकी आदमी थे, जो कभी-कभी पैसो के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स का काम भी आज़मा लिया करते थे।
उस समय मॉडल किट पॉप्युलर थे। ये सर्किट बोर्ड होते हैं जो कंप्यूटर में दिलचस्पी रखने वाले अपने घर पर असेम्बल कर सकते हैं। जॉब्स ने वोज़्निएक को प्रपोजल दिया कि वे अपना सर्किट बोर्ड डिजाइन कर सकते हैं। वे $25 में एक यूनिट बनाकर इसे $50 के लिए बेच सकते हैं। जॉब्स ने कहा कि इस तरह वे प्रॉफिट में 51000 कमा सकते हैं।
बिजनेस आइडिया | प्राइस प्रति यूनिट | प्रॉफिट |
---|---|---|
सर्किट बोर्ड डिजाइन | $25 | $50 |
उन्हें बड़ा ब्रेक तब मिला जब जॉब्स नंगे पैर बाइट शॉप गए। वह एक कंप्यूटर स्टोर था जिसके मालिक पॉल टेरल थे। जॉब्स ने सर्किट बोर्डस को टेरेल को दिखाकर उसे खरीदने का प्रपोजल दिया। लेकिन टेरेल ने कहा कि उन्हे पूरी तरह से असेंबल किये हुए कंप्यूटर्स चाहिए और वह हर कंप्यूटर के लिये $500 देने के लिये तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह जल्द से जल्द पचास यूनिट बनाना चाहते थे।
इस तरह से एप्पल की शुरुआत हुई थी। क्या उस समय स्टीव जॉब्स ने उनके अपने पैशन को फॉलो किया था? अगर जॉब्स वही करते जो उन्हें अच्छा लगता है, तो वह लॉस अल्टोस जेन सेंट्र में एक स्पिरिचुअल गुरु होते। उनका सपना दुनिया को बदलना नहीं था। यह सब एक अच्छी बिज़नेस opportunity के साथ शुरू हुआ।
पैशन रेअर है
स्टूडेंट्स के एक ग्रुप ने अपने पैशन को फॉलो करने के बारे में अलग-अलग फील्ड के सबसे सफल लोगों का इंटरव्यू लिया। लेकिन, उन्हें जो जवाब मिले, उसकी उन्होंने उम्मीद नहीं की थी। स्टूडेंट्स ने पूछा, "आपने यह कैसे पता लगाया कि आप क्या चाहते हैं?" आपको कैसे पता चला कि आप किसमें अच्छे होंगे?
इरा ग्लास एक फेमस रेडियो होस्ट है। उन्होंने कहा कि फिल्मों में, कैरेक्टर बस अपने सपने की और आगे बढ़ता है, और सब चीजे अपने-आप उसके हिसाब से हो जाती है। ऐसा रियल लाईफ में नहीं होता है। ग्लास का मानना है कि चीजें एक-एक कर के होती हैं। किसी भी चीज में अच्छा होने के लिए समय की जरुरत होती है।
ग्लास को रेडियो में मास्टरी हासिल करने में कई साल मेहनत करनी पड़ी और बड़ी बड़ी ओप्पोर्चुनिटी मिलने से पहले उन्होंने कई सालो तक काम किया। उन्होंने कहा कि ऐसा कर पाने के लिये हमे, काम करने के लिये और अपने आप को ज़्यादा स्किल्कुल बनाने के लिये खुद को पुश करना होगा।
स्टूडेंट्स ने एंड्रयू स्टील नामके एक एस्ट्रोनॉमर का भी इंटरव्यू लिया। स्टील ने कहा कि उन्हें कोई आइडिया नहीं था कि वह क्या करना चाहते थे। वह उन लोगों से बिल्कुल भी सहमत नहीं है जो कहते हैं कि बच्चो को यह पता होना चाहिए कि वे किस फील्ड में कैरियर बनाना चाहते हैं।
स्टील ने पीएचडी नहीं की क्योंकि उन्हें किसी दिन दुनिया बदलने की उम्मीद थी। वह सिर्फ और ज्यादा ऑपशन ढूंढना चाहते थे। कई सफल लोगों ने इस तरह जवाब दिया। वे सभी सहमत हैं कि महान करियर की शुरुआत अचानक हो सकती है। यह केवल एक पैशन होने और फॉलो करने के बारे में नहीं है।
पैशन और मोटिवेशन
दुनिया भर के साइकोलॉजिस्ट ने इस टॉपिक पर कई रिसर्च किए हैं कि "लोगों को काम पर क्या मोटीवेटेड रखता है?" कुछ कॉमन वजह हैं कि लोग अपने जॉब में सैटीसफाईड हैं। हैरानी की बात है की, अपने पैशन को फॉलो करना उनमें से एक नहीं है।
पहली बात, पैशन समय लेता है। Amy Wrzeshiewski येल यूनिवर्सिटी की एक साइकोलोजीस्ट है। उसने एक जॉब, कैरियर और एक कॉलिंग के बीच के फर्क पर स्टडी की है। जॉब कुछ ऐसी चीज़ है जो आप अपने बिल्स को भरने के लिए करते हैं। एक कैरियर का मतलब ज्यादा सैटीस्फेक्शन देने वाला काम। एक कॉलिंग आपकी आयडेंटिटी का एक बड़ा हिस्सा है, जो आपके जीवन का एक इम्पोर्टेन्ट पार्ट है।
Amy ने अलग-अलग प्रोफेशन जैसे डॉक्टर, टीचर, सेक्रेटरी, प्रोग्रामर, इन लोगों का सर्वे किया। आपको लग रहा होगा कि ज्यादातर टीचर और डॉक्टर ने कहा होगा कि उन्होंने अपने कालिंग या दिल की सुनी लेकिन ऐसा नहीं है। पैशन एक सैटीसफाईंग करियर का फैक्टर नहीं है।
Amy ने कॉलेज के एडमिनिस्ट्रेटिव असिस्टेंट्स का भी इंटरव्यू लिया। आपको लग रहा होगा कि इस तरह का काम बोरिंग और एक जैसा ही काम है। लेकिन कुछ असिस्टेंट्स ने जवाब दिया कि यह उनकी कॉलिंग है।
फैक्टर | विवरण |
---|---|
ऑटोनॉमी | एक एग्प्लोई की फीलिंग है कि उसके दिन की रूटीन पर उसका कंट्रोल है और ऑर्गेनाइजेशन पर उसके काम का असर पड़ता है। |
योग्यता | एक कॉन्फिडेन्स की फीलिंग है जो हमें हम जो करते हैं उसमे अच्छा होने से मिलती है। |
रिलेटेड़नेस | अपने कोलिग्स के साथ दोस्ती का रिश्ता बनाना है। |
असिस्टेंट्स के सबसे मजबूत फैक्टर जो अपने काम को कॉलिंग मानते हैं वो है कि वे कितने सालों से वह काम करते आ रहे हैं। उनके पास जितना ज्यादा एक्सपीरियंस होता है, उतना ही ज्यादा वे काम से प्यार करते हैं।
तीन बेसिक साइकोलॉजिकल फैक्टर हैं जो हमारे काम के लिये मोटीवेशन डिसाइड करते हैं। उनमे से पहले ऑटोनॉमी है। यह एक एग्प्लोई की फीलिंग है कि उसके दिन की रूटीन पर उसका कंट्रोल है और ऑर्गेनाइजेशन पर उसके काम का असर पड़ता है।
दूसरा है योग्यता। यह एक कॉन्फिडेन्स की फीलिंग है जो हमें हम जो करते हैं उसमे अच्छा होने से मिलती है। तीसरा है रिलेटेड़नेस। इसका मतलब अपने कोलिग्स के साथ दोस्ती का रिश्ता बनाना है।
एग्जाम्पल के लिए, कॉलेज एडमिनिस्ट्रेटिव असिस्टेंट को लें। जिनके पास ज्यादा साल का एक्सपीरियंस है ये कहते हैं कि उन्होंने अपनी कॉलिंग को पाया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्होंने अपने स्किल्स में मास्टरी हासिल कर ली है, वे ज्यादा कॉन्फिडेंट फील करते हैं और उन्होंने अपने डेली रूटीन पर और ज्यादा कंट्रोल हासिल किया है।
यह एक chain रिएक्शन है। अगर आप लंबे समय तक बने रहते हैं, अगर आप और ज्यादा स्किल्स सीखते हैं, तो आप एक्सपर्ट बन जाएंगे। आपके स्किल्स के ऊंची लेवल की वजह से आप जो करना चाहते हैं उसके लिए आपको और फ्रीडम मिलेगा।
लेकिन अगर आप जल्दी हार मान लेते हैं, और कहते हैं कि यह आपका पैशन नहीं है, तो आप हमेशा दूसरा काम ढूंढने में लगे रहेंगे। आप हारा हुआ फील करेंगे और अपनी एबिलिटीज पर डाउट करेंगे। बेहतर होने के कॉम्पिटस और ऑटोनॉमी पाने के बजाय, आप एक जॉब से दूसरी जॉब बदलते रहेंगे। इसलिए अपने पैशन को फॉलो करना खतरनाक है।
इतने अच्छे बनो कि वे तुम्हें इग्नोर न कर सकें
जॉर्डन टाइस एक फेमस गिटार प्लेयर है। वह एक घर में रहते है जिसे वह दूसरे म्यूजिशियंस के साथ शेयर करते है। जॉर्डन का एक छोटा बेडरूम जो ऐसा दिखता है कि मानो वह किसी साधु का कमरा है। कमरा सिर्फ इतना ही बड़ा है कि उसमें एक बड़ा बेड, एक टेबल और एक कुर्सी रखी जा सके।
जॉर्डन के पास एक एम्पलीफायर, एक लगेज बैग और उसका गिटार है। उनके पास बस इतना ही सामान है। जॉर्डन 24 साल के है। लेकिन उन्हें संगीत के फील्ड में बहुत एक्सपीरियंस था। उन्होंने जब अपना पहला रिकॉर्ड साइन किया तब वह एक हाई स्कूल के स्टूडेंट थे।
गैरी फर्ग्युसन, एक एक्सपीरियंस्ड वेटरन गिटारिस्ट, ने जॉर्डन को अपने साथ टूर करने के लिए चुना था और तब जॉर्डन केवल सोलह साल के थे। गिटार के कई और भी अच्छे प्लेयर्स थे लेकिन गैरी ने उनके ऊपर जॉर्डन को चुना।
वह कभी घमंडी नहीं हुआ। जॉर्डन अपने स्किल्स में सुधार करने पर ज्यादा फोकस्ड है। जब ऑथर न्यूपोर्ट ने उनसे मुलाकात की, तब जॉर्डन अपनी नई कम्पोजीशन की प्रैक्टिस कर रहे थे, जो डेबसी की एक मास्टर पीस से इंस्पायर्ड थी।
वो कंपोजीशन काफ़ी कॉम्प्लेक्स था। जॉर्डन कोशिश करता रहा क्योंकि वह उस स्पीड से नहीं जा पा रहा था जिस स्पीड से वह चाहता था। जब वह गलती करता तो जॉर्डन रुक जाता है और फिर से शुरुआत करता। वह हर रोज तीन घंटे प्रैक्टिस करते हैं। एक कम्पोजीशन में मास्टरी पाने में उन्हें एक महीने का समय लगता है।
स्टीव मार्टिन, सफल स्टैंड-अप कॉमेडियन को नए एंटरटेनर्स के लिए कुछ सुझाव देने के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा कि यंगस्टर उनकी सलाह नहीं सुनते क्योंकि ये वो नहीं है जो वे सुनना चाहते थे। यंग कॉमेडियन सीखना चाहते हैं के एजेंट कैसे पाया जाता है या एक अच्छी स्क्रिप्ट कैसे लिखी जाती है लेकिन मार्टिन बस कहते हैं कि आपको इतना अच्छा होने की जरूरत है कि वे आपको इग्नोर नहीं कर पाएं।
ये ना पूछे कि क्या यह आपका फैशन है, या आपको ऑडियंस कैसे मिल सकती है, आप कैसे पैसे कमाएंगे। पहले अपने स्किल में सुधार करने पर एक्सीलेंट बनो। अगर आपके पास एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी स्किल्स है, तो opportunity अपने आप ही आपके पास आएगी। ध्यान दें।
मार्क कैसस्टेवन्स एक स्टेवन्स स्टूडियो म्यूजिशियन हैं। उन्होंने नाइन्टी नाईन गाने बनाए हैं जो बिलबोर्ड चार्ट पर नंबर वन पर रहे हैं। मार्क ने कहा कि आपको अपने काम की कॉलिटी में सुधार करने के लिए पैशनेट होने की जरुरत है। आपकी अपीयरन्स पर्सनालिटी equipment और कनेक्शन की तुलना में स्किल्स का लेवल उंचा होना कहीं ज्यादा जरूरी है। गाने में आपकी सारी मास्टरी दिखाई देगी।
इसे कैल न्यूपोर्ट ने क्राफ्ट्समैन माइंडसेट कहा है। पूरी तरह से अपने स्किल्स की कॉलिटी में सुधार लाने पर फोकस करना है। उन्होंने क्राफ्ट्समैन माइंडसेट का मतलब बताया कि हमें अपने काम को इतनी अच्छी तरह से करना चाहिए कि कोई हमें इग्नोर न कर सके।
माइंडसेट और पैशन
क्राफ्ट्समैन माइंडसेट
क्राफ्ट्समैन माइंडसेट में, इस बात पर फोकस करते हैं कि आप दुनिया को क्या दे सकते हैं। इसके ठीक उलटा, पैशन माइंडसेट में, आप इस बात पर फोकस करते हैं कि दुनिया आपको क्या दे सकती है। अगर आपके पास पैशन वाला माइंडसेट है, तो आप देख पाते हैं कि आपके काम में क्या कमी है। खासकर एंटी लेवल पर, आपके पास ऑटोनॉमी या competence नहीं होता है।
आपके पास अभी भी अपने काम पर कंट्रोल नहीं होगा, और आपको कोई चैलेंजिंग काम नहीं दिया जाएगा। इनको ज्यादा समय और एक्सपीरियंस की जरूरत होती है। तो, रिजल्ट ये होता है कि आप जॉब से खुश नहीं हैं और परेशान हैं। पैशन माइंडसेट में आप खुद पर डाउट भी करने लगते हैं। आप पूछते हैं "मैं अपने जीवन के साथ क्या करना चाहता हूं?" या "क्या मुझे इतना ही ज्यादा मिल सकता है?"
आप कन्फ्यूज्ड फील करते हैं और सोचते हैं कि आप कुछ इंपॉर्टेंट मिस कर रहे हैं। अभी इन सभी काम ना आने वाले विचारों को छोड़े और क्राफ्ट्समैन माइंडसेट को अपनाएँ। आपको दुखी करने वाली और सेल्फ डाउट फील कराने वाली इन सभी भावनाओं को दूर करें। आप जो करते हैं उसमें बेहतर होने पर फोकस करें।
द पावर ऑफ कैरियर कैपिटल
इसमें कोई दो राय नहीं है कि ज्यादातर जॉब्स एंट्री लेवल के एम्प्लॉयज को क्रिएटिविटी, इंपैक्ट या कंट्रोल की अपॉर्चुनिटी नहीं देती हैं। इस बात का चांस ज्यादा है कि आपके बॉस आपको "दुनिया को बदलने के बजाय" वाटर कुलर बदलने के लिए कहेंगे। एक जॉब में क्रिएटिविटी इंपैक्ट और कंट्रोल रेअर और वैल्युएबल चीज़ें हैं।
लेकिन हम इन्हें पा सकते हैं। कैसे? यह सप्लाई और डिमांड जैसा है। अगर आप अपनी जॉब में कुछ कमाल का और वैल्युएबल देते हैं, तो आपको बदले में एक्स्ट्राऑर्डिनरी वैल्यू भी मिलेगा। इस बात में दम है, है ना? अपनी जॉब से यह एक्सपेक्ट न करें कि वहां आपको कुछ रेअर और वैल्युएबल दिया जाए, खासकर जब आप सिर्फ शुरुआत कर रहे हों। आप खुद रेअर और वैल्युएबल स्किल दिखाइए, और फिर आपको रिवॉर्ड दिया जाएगा।
उदाहरण के लिए सर्फबोर्ड बिजनेसमैन, अल मलिक को लें। सर्फबोर्ड बनाने से पहले वह बोट बनाया करते थे। नेचरली, पहले, मैरिक काम में इतने अच्छे नहीं थे। उनके सर्फबोर्ड हाई क्वालिटी के नहीं थे और वे प्रोफेशनल सर्फर के इस्तेमाल करने लायक नहीं थे। लेकिन मैरिक कड़ी मेहनत करते रहे।
सफलता की कहानी
उन्होंने बेहतर होने और अपने स्किल्स में सुधार करने पर फोकस किया। वह फेल होने से डरते थे। मेरिक को एक बार एक वर्ल्ड चैंपियन के लिए सर्फबोर्ड डिजाइन करने का मौका मिला। वह जानते थे कि यह कितनी बड़ी जिम्मेदारी है। लेकिन उन्होंने पहले से कहीं ज्यादा मेहनत की और बेहतर परफॉर्म किया।
अब, मेरिक एक सफल बिजनेसमैन हैं। उनका खूबसूरत ऑफिस समुद्र के किनारे पर बना हुआ है। वह कभी भी तैर सकते हैं और सर्फ कर सकते हैं। मेरिक का सर्फबोर्ड ब्रांड popular है क्योंकि यह वर्ल्ड चैंपियन्स का ब्रांड है।
मेरिक ने इस महान पोजीशन पर आने से पहले, अपने काम में कुछ रेअर और वैल्युएबल दिया। कितने सर्फबोर्ड बनाने वाले वर्ल्ड क्लास सर्फबोर्ड बना सकते हैं? इसके लिए इंटेंस स्किल और मेहनत की जरूरत होती है। क्योंकि उन्होंने सबसे अच्छा होने पर फोकस किया, अब मेरिक के पास क्रिएटिविटी इंपैक्ट और कंट्रोल तीनों हैं। यह अपने काम से बहुत प्यार करते हैं।
कॅरियर की नई दिशा
अब, आप सोच सकते हैं कि आपकी कंपनी में, ज्यादा क्रिएटिविटी, इंपेक्ट और कंट्रोल ला पाना सच में पॉसिबल नहीं है। आपके पास जॉन जो कि एक टैक्स कंसलटेंट है, उसकी तरह जॉब हो सकता है। जॉन कल न्यूपोर्ट के ब्लॉग के शोकीन रीडर हैं। जॉन ने कैल को लिखा कि उनके जॉब में प्रोजेक्ट को पहले से ही चुनकर लोगों को दिया जाता हैं, इसलिए कुछ अलग कर के दिखाना डिफिकल्ट है।
लंबे समय तक काम करना पड़ता है, और काम का कोई ऊंचा परपज़ नहीं है। जॉन को चिंता है कि टैक्स बिज़नेस गरीब लोगों पर बोझ डालता है। इस केस में, कैल ने जॉन को अपनी जॉब छोड़ने की सलाह दी। तीन निशानियां हैं जो क्राफ्ट्समैन माइंडसेट की असर को कम कर देती हैं। इसका मतलब है कि वो कभी आपका परफेक्ट जॉब नहीं हो सकता।
क्राफ्ट्समैन माइंडसेट का महत्व
पहला, वजह यह हो सकती है कि उस जॉब में आपके पास रेयर और वैल्यूएबल्स स्किल्स दिखाने के लिए बहुत कम अपॉर्चुनिटी हो। अगर आपको भी जॉन की तरह पहले से डिसाइड किए हुए काम या प्रोजेक्ट दिए जाते हैं तो उम्मीदों पर खरा उतरने की बात सोचना भी एक गलती ही होगी। दूसरा, वो जॉब बेकार हो सकती है या दुनिया के लिए कुछ अच्छा करने की बजाय उसे नुक्सान पहुंचा सकती है। तीसरा, वो जॉब आपको उन लोगों के साथ काम करने के लिए मजबूर करती है जिन्हें आप नफरत करते हैं।
इन निशानियों में से कोई भी आपको अपने पसंद का काम करने से रोक देगी।
बिकम अ क्राफ्ट्समैन
क्या आप 10000 घंटे के रूल के बारे में जानते हैं? 1970 से, कई साइकैटरिस्ट ने पाया है कि किसी भी चीज़ में मास्टर बनने के लिए, आपको 10000 घंटे प्रैक्टिस करने की जरूरत है। वो कम से कम दस साल का समय होता है। बिल गेट्स को कंप्यूटर इंस्टॉल करने के लिए अमेरिका के पहले हाई स्कूलों में से एक में एनरोल किया गया था।
जब तक उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट शुरू किया, तब तक गेट्स के पास पहले से ही प्रोग्रामिंग में 10000 घंटों का एक्सपीरियंस था। मोजार्ट एक कमाल के यूनिक बच्चे थे। उनके पिता ने उन्हें यूरोप में कई सालों तक टूर कराया। मोजार्ट बचपन से ही लाइव आँडीयन्स के सामने पियानो बजाने लगे थे।
साथ ही, फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी के एक साइकोलोजिस्ट, नील चार्नेस ने कहा कि सिर्फ घंटों की प्रैक्टिस से कुछ नहीं होता, बल्कि प्रैक्टिस की क्वालिटी मायने रखती है जो मास्टरी पाने में आपकी मदद करती है। चानेस ने पूरी दुनिया में चेस प्लेयर्स के करियर को स्टडी किया कुछ ने 10000 घंटे प्रैक्टिस की थी, फिर भी वे ग्रैंडमास्टर नहीं बने। डिफरेंस यह है कि ग्रैंड मास्टर ने अपने समय को कैसे यूज किया।
डेलिबरेट प्रेक्टिस का महत्व
कुछ चेस प्लेयर्स का कहना है कि स्किल्स में सुधार करने के लिए टूर्नामेंट खेलना बेटर है। दूसरों का कहना है कि यह सीरियस स्टडी है। टूर्नामेंट खेलने में, एक चेस प्लेयर जितनी बार चाहे उतनी बार अपने अपोनंट को चैलेंज दे सकता है। प्रोब्लम तब है जब आपका अपोनंट आपके ही लेवल का स्किलफुल हो या आपसे लोअर लेवल पर हो।
सिरियस स्टडीज में, चेस प्लेयर्स एक अच्छे कोच के अंडर ट्रेनिंग लेता है और किताबें पढ़ता है। वह और ज्यादा स्किलफुल हो जाता है और वक्त फीड बैक मिलता है। कोच उसे उसकी कमजोरियों की पहचान करने और उन पर बेहतर परफॉर्म करने में मदद करता है।
आप इस ब्रांड को म्यूजिशियन, एथलीट, साइंटिस्ट या अपने फील्ड के किसी भी एक्सपर्ट के करियर में देख सकते हैं। इस कंसेप्ट को डेलिबरेट प्रेक्टिस कहा जाता है यह एक कोच की डायरेक्ट देखरेख में सीरियस प्रैक्टिस की स्टाइल है जिसका मेन परपज प्लेयर के परफॉरमेंस में सुधार करना है।
कॅरियर कैपिटल और ग्रोथ
कुछ प्रोफेशनल्स कैरियर plateau को एक्सपीरियंस करते हैं। इसका मतलब है कि वे एक लेवल पर आने के बाद अपने स्किल्स में सुधार करना बंद कर देते हैं। वे वर्ल्ड क्लास नहीं बनते। वे अपने कम्फर्ट जोन में रहते हैं और खुद को आगे चैलेंज नहीं करते।
यह एक महत्वपूर्ण फैक्ट है जिसे आपको जानना चाहिए। जानबूझकर प्रैक्टिस करना हमें अवसर अच्छा नहीं लगता है। आप स्ट्रेच और डिस्ट्रक्शन के कॉन्स्टंट सायकिल में रहेंगे। इसका क्या मतलब है? स्ट्रेच का मतलब है अपने आप को और आगे पुश करना। जब एक ओलंपिक एथलीट एक स्किल में मास्टरी हासिल कर लेता है, तो वह एक हाई लेवल के साथ शुरू करता है जो उसके कंफर्ट जोन से बाहर है।
आगे चलकर वह खुद के ही रिकॉर्ड को तोड़ता है। इमेजिन करें कि ऐसा करने के लिए कितनी फिजिकल और मेंटल ताकत की ज़रुरत होती है लेकिन अपने आप को स्ट्रेच करने के बाद, आप एक कोच की जांच के दायरे में होंगे जो आपको ऑनेस्ट फीडबैक के साथ और मेहनत करने के लिए कहता है।
ठीक उस समय जब आप सोचते हैं कि आपने बहुत अच्छा काम किया है, तो आपका कोच आपसे कहता कि यह उतना अच्छा नहीं है। लेकिन तुरंत फीडबैक मिलना डेलिबरेट प्रैक्टिस का एक इम्पोर्टेन्ट हिस्सा है। अगर आपको पता नहीं है कि आपमें कहाँ कमी है तो आप कभी भी बेहतर नहीं होंगे। ऑनेस्ट फीडबैक आपके लिए पेनफुल हो सकती है, लेकिन आपको इसे सहने की ज़रूरत है ताकि आप सच में बेस्ट बन पाएं।
द करियर कैपिटैलिस्ट
माइक जैक्सन सिलिकॉन वैली में स्थित एक रिनिवेबल एनर्जी वेंचर कैपिटल फर्म, वेस्टली ग्रुप में एक डायरेक्टर हैं। यह एक शानदार करियर है माइक दुनिया को बचाते हुए बहुत पैसा कमाते हैं। माइक ने कई देशों में ट्रैवल किया था। उन्होंने बड़े शहरों के कई सीनेटर और मेयर से मुलाकात की थी।
लेकिन उन्होंने अपने पैशन को फॉलो करते हुए इस शानदार करियर की शुरुआत नहीं की। ये जानने से पहले कि वह आखिर में क्या करना चाहते थे, माइक ने कैरियर केपिटल बनाई थी। माइक ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में बायोलॉजी और अर्थ सिस्टम की पढ़ाई की। बैचलर्स डिग्री पूरी करने के बाद, उन्होंने मास्टर की पढ़ाई जारी रखी।
प्रोजेक्ट और एक्सपीरियंस
जो प्रोफेसर उनके गुरु थे, वह नेचरल गैस सेक्टर को लेकर भारत में एक मेजर रिसर्च प्रोजेक्ट के बारे में सोच रहे थे। उन्होंने माइक को अपनी थीसिस के लिए टॉपिक पर खोज करने के लिये कहा। प्रोफेसर को माइक के रिजल्ट पसंद आए। उसी के चलते उन्होंने भारत में बड़े रिसर्च लॉन्च किए। उन्होंने इस प्रोजेक्ट को लीड करने के लिए माइक की मदद मांगी।
माइक ने इसका काफी अच्छा फायदा उठाया। वह जानते थे कि अगर वह इस प्रोजेक्ट में अपना बेस्ट परफॉर्मेंस देते हैं तो उनके करियर में और ज्यादा अपॉर्चुनिटीज मिलेंगी। माइक ने दस बार भारत की यात्रा की, चीन की पांच बार और यूरोप की एक दो बार। उन्होंने मेजर यूटिलिटी कंपनीज के लीडर्स के साथ मिटिंग की और समझा कि ग्लोबल एनर्जी मार्केट कैसे काम करता है।
रिसर्च दो साल बाद खत्म हो गया। माइक और उनके मेंटॉर ने अपने रिजल्ट को सबको दिखने के लिए एक बड़ी इंटरनैशनल कॉन्फ्रेंस रखी। इस कॉन्फ्रेंस में दुनिया भर के गवर्नमेंट ऑफिसर और प्रोफेसर्स ने भाग लिया। उसके बाद, माइक अपने करियर के अगले लेवल पर जाने के लिए तैयार थे।
विलेज ग्रीन और स्टार्टअप
उन्होंने विलेज ग्रीन नाम का एक बिज़नेस शुरू किया। अपने एक्सपीरियंस की वजह से, माइक ने समझा कि इंटरनेशनल रिनिवेबल एनर्जी मार्केट कैसे काम करता है। उन्होंने सर्टीफिकेट के रूप में कंपनियों को एक सर्विस ऑफर की, जो यह प्रूव करती है कि वे वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड नहीं छोड़ते हैं।
माइक ने इस बिज़नेस को दो साल तक चलाया। फिर 2009 में मंदी आ गई तब उन्होंने बिज़नेस बंद करने का फैसला किया। माइक के करियर में आगे क्या हुआ, यह बहुत इंटरेस्टिंग है। उनका एक दोस्त था जो एक स्टैंड-अप कॉमेडियन है। उस आदमी की एक गर्लफ्रेंड है जिसका एक वेंचर कैपिटल फर्म में नौकरी के लिए इंटरव्यू था।
कैपिटल फर्म में सफर
उसने ऑफर ठुकरा दिया, लेकिन उसने फर्म को सजेस्ट किया कि वे माइक को यह ऑफर दें। उसने सोचा कि स्टार्ट-अप में अच्छा एक्सपीरियंस होने के वजह से माइक एक अच्छा कैंडिडेट थे। डाउट होने पर भी माइक वहाँ गए। उन्हें टेक्नोलॉजी के बारे में ज्यादा आईडिया नहीं था, लेकिन वह यह जरूर बता सकते हैं कि किस क्लीन एनर्जी फर्म में सबसे ज्यादा पोटेंशिअल है।
माइक ने अपने जीवन में कभी जॉब के लिए इंटरव्यू नहीं दिया था। उन्हें और इंटरव्यूअर को एक बार लगा कि माइक को जॉब नहीं मिलेगा। यही वजह है कि उन्होंने दोस्तों की तरह बात की। इंटरव्यूअर ने माइक के एक्सपीरियंस के बारे में जाना और कहा कि वह किसी एक आदमी को जानता है जो एक क्लीनटेक वेंचर कैपिटल फर्म शुरू कर रहा है।
2009 में, माइक वेस्टली ग्रुप में इंटर्न बन गए। महीनों बाद, उन्हें फुल टाइम एनालिस्ट के रूप में हायर किया गया और फिर एक एसोसिएट के रूप में प्रमोट किया गया। उसके दो साल बाद, माइक को डायरेक्टर की पोजीशन ऑफर की गई। इस तरह माइक ने अपना ग्रेट वर्क अचीव किया।
कॅरियर कैपिटल और अपॉर्चुनिटी
हर स्टेज के साथ, उन्होंने जितना पॉसिबल हुआ उतना कैरियर कैपिटल जमा किया। यह उनका सबसे इंपॉर्टेंट ऐसेट है। एक रिसर्चर से एक बिजनेसमैन तक, और एक बिजनेसमैन से एक टॉप कंपनी के डायरेक्टर तक, माइक ने हर अच्छे अपॉर्चुनिटी को चुना जिसे वह अपने नए बेहतर स्किल्स के साथ पा सकते थे।
कन्क्लूजन
आपने अपने पैशन को फॉलो करने के फैक्ट के बारे में जाना। ज्यादातर सफल लोगों को अपने करियर की शुरुआत करने से पहले से अपने पैशन के बारे में पता नहीं था। स्टीव जॉब्स की तरह, उनमें से बहुत लोगों को पता नहीं था कि वे आखिर में करना क्या चाहते थे।
आपने सीखा कि पैशन रेअर और डेंजरस है। एक ग्रेट करियर की रोड लंबी है और आसान नहीं है। यह अलग-अलग स्टेज में आता है। आपको काम में ऑटोनॉमी और कॉमपिटन्स पाने के लिए समय और एक्सपीरियंस की जरूरत होती है। यदि आपने जल्दी छोड़ दिया, तो आप सेटिस्फेक्शन के लेवल तक नहीं पहुंचेंगे।
क्राफ्ट्समेन माइंडसेट का महत्व
आपने क्राफ्ट्समेन माइंडसेट और पैशन माइंडसेट के बारे में सीखा। इस बात पर ध्यान न दें कि जॉब आपको क्या दे सकती है। उस पर फोकस करें जो आप जॉब को दे सकते हैं। अपने सभी डाउट्स और इनसिक्योरिटीज को दूर करें। सिर्फ एक इंपॉर्ेंट चीज पर टारगेट करें जो है काम की क्वालिटी में सुधार करना।
आपने 10000 घंटे के रूल डेलीबरेट प्रैक्टिस और ऑनेस्ट फीडबैक के बारे में सीखा। खुद को और आगे बढ़ाओ। अपने बॉस या मेंटॉर द्वारा की गई कस्ट्रक्टिव क्रिटिसिजम को एक्सेप्ट करें। यह सबसे बेस्ट बनने का तरीका है।
आपने कैरियर कैपिटल के बारे में सीखा। आपके स्किल्स ही आपका सबसे ईपॉटेट ऐसेट है। हर स्टेज पर इस बात का खयाल रखे कि आपने अपना कैरियर कैपिटल बढ़ा दिया है ताकि आप अगले ग्रेट अपॉर्चुनिटी की ओर बढ़ सके।
आप अपने फील्ड में बेस्ट लोगों में से एक बन सकते हैं। पहले ये पूछना बंद कर दें कि क्या यह आपके लिए सही जॉब है या यह सच में आपके लाईफ का पैशन है। इसके बजाय, अपनी जॉब में कुछ रेअर और वैल्युएबल करके दिखाएं। अपने स्किल में सुधार करना सक्सेस पाने का सही तरीका है।
रिफरेन्स
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