About Book
मिलेनियर लोग ओर्डीनेरी लोगो से सिर्फ एक ही चीज़ में अलग होते है. और वो है हैबिट्स यानी हमारी आदते. अगर आप भी मिलेनियर्स की हैबिट्स लर्न करोगे, उन्हें प्रेक्टिस और रीपीट करोगे तो आप भी मिलेनियर लोगो के क्लब में शामिल हो सकते हो. इस बुक में आपको हम वो सारी हैबिट्स बताने जा रहे है जो आपको स्कसेसफुल बना देगी.
ये समरी किस-किसको पढनी चाहिए?
उन सब लोगो को जो किसी कंपनी में एम्प्लोई है या जो स्माल बिजनेस ओनर है, और हर वो इंसान जो मिलेनियर बनना चाहता है.
ऑथर के बारे में
ब्रायन ट्रेसी एक मोटीवेशनल स्पीकर, एक सेल्फ हेल्प ऑथर और सीईओ है. इन्होने 1984 में ब्रायन ट्रेसी इंटरनेशनल की फाउंडेशन रखी थी. उनकी कंपनी ट्रेनिंग प्रोग्राम ऑफर करती है और इंडीविजुएल्स और कंपनीज को कोचिंग और सेमिनार्स प्रोवाइड कराती है.
इंट्रोडक्शन (Introduction)
क्या आप भी मिलेनियर बनने का ड्रीम देखते है? अगर जवाब है हा, तो ये बुक आपको ज़रूर पढ़नी चाहिए. क्योंकि बिलेनियर बनने का डीम कोई
बेकार का या होपलेस ड्रीम नहीं है. ये कोई ऐसा सपना नहीं है जो सच ना हो सके. आपसे पहले भी कई लोगो ने ऐसे सपने देखे थे और वो लोग भी आपकी तरह गरीब थे, या कम पढ़े लिखे थे, उनके पास कोई खास स्किल भी नहीं थी मगर बावजूद इसके वो सब चेलेंजेस को पार करके सक्सेसफुल बने है,
तो आप ऐसा क्यों नहीं कर सकते? बिलकुल कर सकते है. आप कौन हो? कहाँ से हो? क्या करते हो? इन सब बातो से कोई फर्क नहीं पड़ता. ज़रूरत तो बस इस बात की कि आप बिलेनियर्स लोगो की हैबिट्स सीख लो. आप भी वही करो जो इन सक्सेसफुल लोगों ने किया. दरअसल सक्सेसफुल लोगो की कुछ गुड हैबिट्स होती है जबकि अनसक्सेसफुल लोगो के पास बैड हैबिट्स होती है. ये बुक आपको उन अच्छी हैबिट्स के बारे में सिखाएगी जिन्हें प्रेक्टिस करके आप भी एक मिलेनियर बनकर अपना सपना पूरा कर सकते हो.
है
यू आर व्हट यू डू (You Are What You Do) ज़रा उन लोगों के बारे में सोचो जो आपको मोस्ट सक्सेसफुल लगते हैं. ऐसा क्या है उनमे जो उन्हें सक्सेसफुल बनाता है? उनकी कौन सी खास हैबिट्स
उन्हें आपसे ज्यादा सक्सेसफुल बनाती है? आप जहाँ पहले थे, आज भी वही है, और इसकी वजह आप खुद है. आपका प्रेजेंट टाइम यानी आज आपके एक्श्न्स, आपकी चॉइस और आपके डिवीजन की वजह से है जो आपने खुद चूज की है. और यही डिसीजंस आपका प्यूचर डिसाइड करेंगे. तो अब अगर आप भी बहुत ज्यादा सक्सेसफुल बनने का सपना देख रहे हो तो आपका ये सपना पूरा हो सकता है. सब कुछ आपके हाथ में है. यकीन मानो, आपके लिए कोई लिमिट नहीं है. ये और बात है कि अगर आप खुद के लिए लिमिट समझ लो तो फिर कोई आपकी हेल्प नहीं कर सकता. आप खुद अपनी सक्सेस पर कण्ट्रोल कर सकते हो. सब कुछ आपके थोट्स, आपके वर्स और आपके एकश्न्स पर डिपेंड करता है जो आज से आप लाइफ अप्लाई करने वाले हो. आपकी डेली लाइफ के 95% काम ऐसे है जो आपकी हैबिट्स हे.
और सक्सेसफुल लोग सक्सेस हैबिट्स की प्रेक्टिस करते है, रोज़ उन्हें रीपीट करते है, यही चीज़ तो उन्हें औरो से डिफरेंट बनाती है. आप को भी इन्ही स्कसेस हैबिट्स से स्टार्ट करना है. ये भी ध्यान रखो कि हम अपनी बेड हैबिट्स से छुटकारा पा सकते है और गुड़ हैबिट्स को प्रेक्टिस में ला सकते हैं. जॉर्ज वाशिंगटन यू.एस.ए के फर्स्ट प्रेजिडेंट थे, ज ब वो दीनएजर थे तो उन्होंने एक बुक पढ़ी थी द रूल्स ऑफ़ सिवीलिटी एंड डिसेंट बिहेवियर” उन्होंने इस बुक के सारे 110 रूल्स अपनी छोटी सी नोटबुक में लिख के रख लिए थे. हर रोज़ वो उन रूल्स को पढ़ते और एक-एक कर उनकी प्रेक्टिस करते थे. इस बुक की वजह से उनके अंदर गुड हैबिट्स डेवलप हुई. और इस तरह अपने टीनएज की उम्र से ही उन्होंने इस रूल्स की प्रेक्टिस शुरू कर दी थी. फिर जब बड़े होकर वो पोलिटिक्स में गए तब तक गुड़ बिहेवियर्स उनकी डेली लाइफ का पार्ट बन चुके थे. इन गुड हैबिट्स को अप्लाई करने में उन्हें जरा भी मुश्किल नहीं होती थी, तो इसलिए आप भी प्रेक्टिस करो और रीपीट करो, फिर आपके अंदर भी ऑटोमेटिकली गुड हैबिट्स आ जायेंगी.
व्हेयर योर हैबिट्स कम फ्रॉम (आपकी हैबिट्स आती कहाँ से है) Where Your Habits Come From इंसान के ब्रेन के अंदर 20 मिलियन के करीब न्यूरोंस होते है. और इनमे से हर एक न्यूरोन बाकि के 20,000 न्यूरोंस से कनेक्टेड रहते है. और हम
लोग अपनी डेली लाइफ में इन न्यूरोंस का एक छोटा फ्रैंक्शन ही यूज़ करते है. तो जरा इमेजिन करो कि आपके पास अभी इस वक्त ब्रेन की कितनी पोटेंशियल है जो आप यूज़ ही नहीं कर रहे है. लेकिन सक्सेसफुल लोग करते है बल्कि बहुत ज्यादा करते है, आप भी कर सकते हो. आलस छोड़ दो. मिडीयोकर और बिटरनेस की आदत छोड़ दो. अभी भी वक्त है आप लाइफ में मनचाहा चेज ला सकते हो.
आपका दिमाग में किस तरह के थौट्स आते है ? ज्यादातर आपके माइंड में क्या चलता रहता है? ये बात समझ लो कि आपके विचार ही आपकी
किस्मत बदल सकते है. आप उन्ही चीजों को अट्रेक्ट करते हो जिनके बारे में आप सौचते रहते हो. जैसे कि अगर आप हमेशा पैसे और सक्सेस के बारे में सोचोगे तो आपको ऐसे मौके मिलेंगे जो आपको पैसे कमाने का मौका देगें. इसके उलटे अगर कोई हेमशा एक्सिडेन्ट्स या बिमारी के बारे में सोचेगा या हमेशा परेशान रहेंगा तो वही उसकी लाइफ का पार्ट बन जाता है. इसलिए हमेशा पोजिटिव सोचो. अपने विचारो पर कण्ट्रोल रखो नेगेटिव धोट्स हमेशा हमेशा के लिए छोड़ दो. प्रेक्टिस और रीपीटेशन से आपका माइंड सिर्फ पोजिटिव बाते सोचेगा. और आप पहले से ज्यादा खुश और सक्सेसफुल फील करोंगे, इस बुक के ऑथर ब्रायन ट्रेसी ने अपनी इस बुक के थ्रू अपनी सक्सेस स्टोरी शेयर की है. उनकी फेमिली भी काफी गरीब थी. उनके फादर के पास कोई स्टेबल जॉब नहीं अपना थी इसलिए ब्रायन को 10 साल की उम्र से काम करना पड़ा. उन्होंने अपने नेबरहुड में कई टाइप की छोटी-मोटी जॉब्स की, उन्होने पड़ोसियों के लॉन की
घास काटी, सूखे पत्ते उठाये और न्यूज़ पेपर्स भी डिलीवर किये. उन्होंने अपने दो वक्त के खाने और कपड़े का खर्चा खुद उठाया. फिर जब वो टीनएजर थे तो उन्होंने एक छोटे होटल में बर्तन थोने का काम पकड़ा. वहां पर पॉट्स और पैन घिसते हुए ब्रायन खुद को बड़ा लकी मानते थे. ब्रायन को पैसे की इम्पोर्टेस छोटी उम्र में ही समझ आ गयी थी इसलिए उन्होंने हाई स्कूल की पडाई ड्राप करके पैसे कमाने का डिसीजन लिया. उन्होंने कई सारी फैक्ट्रीज और र कंस्ट्रक्शन साईट में काम किया. उन्होंने बड़े-बड़े फार्म्स में भी काम किया.
20 साल की उम्र में वो एक सेल्समेन बने. ब्रायन घरों और ऑफिसेस में जाकर डिफरेंट टाइप के प्रोडक्ट्स बेचते थे. उनकी हालत ये थी कि वो अपने दो वक्त के खाने के र भी सेल पर डिपेंड थे. एक रात, जब वो अपने बोर्डिंग हाउस में रेस्ट कर रहे थे तो उन्होंने सोचा” ऐसा क्यों होता है कि कुछ सेल्समेन ढेर सारी सेल्स कर लेते है और कुछ सेल्समेन बिलकुल भी सेल नहीं कर पाते?’ अगली सुबह ब्रायन ने एक ऐसी हैबिट स्टार्ट की जिसने उनकी लाइफ ही चेंज कर दी. ये हैबिट थी”सक्सेसफुल लोगों की हैबिट्स लर्न करना और उसे अपनी लाइफ में अप्लाई करना”, एक दिन उन्होंने हिम्मत करके अपनी कंपनी के एक सेल्स एजेंट का नंबर माँगा, आप कौन सी टेक्निक यूज़ करते हो जो लोग हमेशा आपसे कुछ ना कुछ खरीद लेते है?’ ब्रायन ने पुछा, तो उस एजेंट ने उन्हें अपना एक सीक्रेट बताया जिसे ब्रायन ने भी अपने कस्टमर्स के साथ ट्राई किया और फिर उसके कस्टमर्स भी उसके सारे प्रोडक्टस लेने लगे, ब्रायन सेलिंग से रिलेटेड कई सारी बुक्स भी पढ़नी स्टार्ट कर दी थी. इसके अलावा ब्रायन सेल्स सेमिनार में जाते थे और सेल्स के ऑडियो लेक्चर्स भी सुनते थे. उन्होंने जो कुछ भी सीखा था उसे वो तुरंत अप्लाई करते थे. और इस न्यू हैबिट की वजह ब्रायन काफी सेल्स करने लगे थे. उनको प्रोमोशन भी मिली. अब वो सेल्स मैंनेजर बन गए थे.
ब्रायन ने जो कुछ सीखा था, अपने टीम मेंबर्स के साथ शेयर किया और उन लोगो को भी इम्पूरव करने में हेल्प की.
द मास्टर प्रोग्राम ऑफ़ सक्सेस ( सक्सेस का मास्टर प्रोग्राम) The Master Program of Success ये बिलकुल सिंपल है. सक्सेसफुल लोग सोते जागते सिर्फ उसी के बारे में सोचते है जो उन्हें चाहिए होता है. हर रोज़, हर मिनट सक्सेसफुल लोग उस
चीज़ को हासिल करने के बारे में सोचते है जो वो चाहते है. और इसी वजह से वो हमेशा ऐसे डिसीजन लेते है जो उन्हें उनके गोल्स तक ले जाए. जबकि अनसक्सेसफुल लोग ठीक इसका उल्टा सोचते है. उन्हें हमेशा यही लगता है कि उन्हें जो चाहिए उन्हें मिल नहीं पाता.
शोर्ट में बोले तो, अनसक्सेसफुल सिर्फ कप्लॅट करते रहते हैं और दूसरो को ब्लेम करते हैं. तो आप क्या बनोगे? चॉइस आपकी है. यहाँ हम एक एक्जाम्पल है कि हमारे थौट्स कितने पॉवरफूल हो सकते है. मान लो आप हर साल $50000 कमाने का गोल रखते हो. आप सारा टाइम यही नंगा चोदते हो, सोचते हो कि ये अमाउंट आप कैसे कमाओगे. आप खुद को और ज्यादा प्रोडव्टिव बनाना चाहते हो. फिर चाहे आपकी ऑफिस में कुछ भी हो या इकोनॉमी कैसी भी चल रही हो आप जो $50000 पैसे कमा के रहोगे, अब अगर आप $O0,000 का गोल रखते हो तो कैसा रहेगा? 2000 आप किसी भी तरह से पैसे कमाना चाहेंगे. अब अगर मान लो आपकी जॉब छूट भी गयी हो तो आप कोई नई जॉब ढूंढ लोगे या कोई बिजनेस करोगे. क्योंकि आपको किसी भी तरह वो क1O0,000 अर्न करने है, तो इमेजिन करो कि आपकी लाइफ कितनी अमेजिंग हो सकती है, तो अपने सबसे बड़े ड्रीम के बारे में सोचो और उसी को अपना गोल बना लो, बस ये सोची कि आप अपना गोल कैसे अचीव करोगे, आपकी सक्सेस का यही मास्टर प्रोगाम है. सक्सेस की सबसे मोस्ट इम्पोटेंट हैबिट है सेल्फ-डिसप्लीन. ये वो हैबिट है जो आपसे वो करवाती है जो आपको करना चाहिए फिर चाहे आपका मन हो या ना हो. जैसे कोई मसल्स स से स्ट्रोंग बन जाती है वैसे ही प्रेक्टिस से सेल्फ डिसप्लीन की हैबिट भी स्ट्रोंग बनती है. और आपके अंदर जितना लाइफ बैटर बनेगी.
। आएगा उतनी ही ज्यादा सेल्फ डिसप्लीन आएगा द हैबिट्स ऑफ़ पीपल व्हू बिकम मिलेनियरीज़ आपकी
लोगों की वो हैबिट्स जो उन्हें मिलिनियर्स बनाती है (The Habits of People Who Become Millonaires) आप अपने करियर में खूब पैसा कमाने के लिए कर सकते हो करो, और अगर आप गुड हैबिट्स फोलो करते हो तो एक दिन आप मिलेनियर
ज़रूर बनोगे, जो लोग पो क के कने है उन्हें सक्सेसफुल होने के बेशुमार मौके मिलते है. 1990 में सिर्फ 5000 के करीब अमेरिकन लोग मिलेनियर्स हुआ करते थे. और 2000 में 5,000,000 अमेरिकन मिलेनियर्स हुए. इनमे कई सारे तो मल्टीमिलेनियर और बिलेनियर्स थे. सबसे इम्पोर्टेट बात तो ये थी कि सब के सब अपने दम पर अमीर बने थे. इनमे से भी खानदानी अमीर नहीं था. ये लोग डिफरेंट बैकग्राउंड से बिलोंग करते है. काफी गरीब थे जिनके पास मामूली एजुकेशन थी. इनमें ऐसे भी थे जो अडॉप्ट यानी गोद लिए गए थे. इन लोगो में काफी ऐसे माईग्रेंट भी शामिल थे जो खाली हाथ अमेरिका काम की तलाश में आये थे, बिना किसी हैल्प या किसी स्पेशल स्किल्स के इन लोगो । स्ट्रगल किया. इन्हें ठीक से इंग्लिश भी नहीं आती थी, बावजूद इसके इन्होने अपनी लाइफ में इतनी इम्पूवमेंट की, इतना कुछ अचीव किया. क्योंकि इन्होंने ने गुड हैबिट्स की प्रेक्टिस की, एक बार नहीं बल्कि बार-बार और फाइनली सक्सेसफुल होकर दिखाया. एक ऐसी ही गुड हैबिट जो
आप स्टार्ट कर सकते हो, वो है सेविंग, एक्सपर्ट्स का मानना है कि इंसान हैबिट्स बनाते है. इसका मतलब कि हमारे सामने जैसी भी कंडिशन हो हम लोग उसी हिसाब से ढल जाते है. जैसेकि आप अपनी हर महीने अपनी सेलरी का 1% बचाते हो तो आपको बाकि के 99% सेलरी से गुज़ारा करने की आदत हो जाएगी. आपको इसमें ज़रा भी मुश्किल नहीं होगी, तो मान लोग अगर आपकी सेलरी हर महीने $2000 है तो उसका 20% सेविंग करो,
इस पैसे को हाथ भी मत लगाओ. बाकि के $1980 से खर्चा चलाओ, एक सेविंग अकाउंट खोल लो या कोई पिगी बैंक बना लो और अपनी सेविंग के पैसे उसमे डालते रहो. जब आप सेविंग करते हो तो उस पैसे को एकदम भूल जाओ. इसे अपने बजट में शामिल ही मत करो, चाहे कुछ भी हो जाए पर इस पैसे को खर्च मत करो, कुछ महीनों बाद आप $1980 में गुजारा करना सीख जाओगे, आप चाहे तो और ज्यादा सेविंग करने की कोशिश कर सकते हो. खुद को चेलेंज करो कि आप $40 मन्थली सेव करोगे. और सेविंग का अमाउंट धीरे-धीरे बढ़ाकर मंथली 5200 कर लो, और फिर आप देखोगे कि दो साल बाद आपके अकाउंट में $2,400 पैसे की सेविंग होगी. अब आप खुद को फाईनेंशैयली इंडीपेंडेट बोल सकते हो,
द हैबिट्स देट गेट यू पेड मोर एंड प्रमोटेड फास्टर वो हैबिट्स जो आपको जल्दी प्रोमोशन और ज्यादा पैसे दीलाएगी (The Habits That Cet You Paid More and Promoted
Faster)
हेनरी फोर्ड ने एक बार कहा था” लाइफ में सक्सेसफुल होने के लिए आपको ये जानना बहुत ज़रूरी है कि आप वया करने के लिए पैदा हुए हो, और फिर वही काम करो जो करने के लिए आपने जन्म लिया है अगर आपको भी अपना काम प्यारा है तो आप ज्यादा अर्निंग भी करोगे और आपकी तरक्की भी होगी. ये काफी सिंपल सा फार्मूला है. इस तरीके से आपको पता चल जाएगा कि जो काम आप कर रहे हो या जो आपका करियर है, वो
आपके लिए राईट है या नहीं, विक्टर फ्रान्कल (VIktor Franki, ) मेन स सर्च फोर मीनिंग” बुक के राईटर है. विक्टर मानते है कि” चार टाइप की जॉब्स होती है. फर्स्ट जॉब जो सीखने में भी हार्ड होती है और करने में भी. हजर करने में अब जैसे कि बुक कीपिंग या अकाउंटिंग को ही ले लो, अगर आपको केलकुलेशन यानी हिसाब-किताब रखना या लिस्ट वगैरह बनाना ज़रा भी पंसद कापिग अकाउटिंग की ही ले ला. अगर नहीं है तो ये जॉब आपके लिए नहीं है, आप कितनी भी कोशिश कर लो आपको इस काम में मज़ा नहीं आएगा. सेकंड है वो जॉब जो सीखने में मुश्किल कर ला है पर करने में आसान, जैसे कि ऐरोप्लेन उड़ाना या सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग करना. सबको पता है कि ये काफी टेक्निकल नॉलेज वाला काम है और सीखने भी पर अगर आप इसकी प्रेक्टिस करते आ रहे हो तो ये आपको एकदम एफर्टलेस लगेगा. में मुश्किल भी गड्के खोदने का काम इसके लिए तो आपका फिजिकली फिट होना
थर्ड है वो जॉब जो सीखने में ईजी है पर करने में मुश्किल. जैसे कि लकड़ी काटना बड़ा ज़रूरी है व्ना आपसे ये काम नहीं होंगे फोर्थ जाँब है जो सीखने में भी ईजी और करने में भी. इस तरीके से आपको पता चलेगा कि कौन सा काम आपके लिए एकदम परफेक्ट है. बेशक जो काम आपके नैचुरल टेलेंट और स्किल्स से मैच करेगा वही जॉब आपको ईजी लगेगी और उसी काम में आप अपना बेस्ट रीजल्ट दे सकते हो. हर इंसान एक यूनिक टेलेंट लेकर पैदा होता है. हम सबके अंदर कोई ना कोई क्वालिटी होती है. बस हमे वही एक्टिविटी अच्छी लगती है जिसमे हम एन्जॉय भी करते है और उसके एक्सपर्ट भी बन जाते है. यही एक्टिविटी आपकी सोर्स ऑफ़ लिविंग बन जाये तो हमे सक्सेसफुल होने से नहीं रोक सकता. ब्रायन ट्रेसी ने एक स्पेशल हैबिट डेवलप की जिससे उनकी जल्दी प्रोमोशन हुई और ज्यादा या कमाई भी हुई, ये हैबिट थी” ज्यादा रिस्पॉसेबिलिटीज़ लेना”, ब्रायन एक बड़ी कंपनी में जॉब करते थे, उन्होंने छोटी पोजीशन से अपना करियर स्टार्ट] किया.
उनका छोटा सा क्यूबिकल ऑफिस था जहाँ से वो अपना काम करते थे, पर ब्रायन इस पोजीशन से खुश नहीं । उन्हें एक बैचेनी फील होती थी. वो अपने मैनेजर के पास गए और उनके कहा मुझे और बड़ी रिस्पोंसेबिलिटी वाले काम चाहिए” एक्चुअल वो सिंपल काम से बोर हो जाते थे इसलिए उन्हें कोई चेलेंज वाला काम चाहिए था, मैनेजर उनकी तरफ देखा और सर हिलाकर मुस्कुराया, उसने ब्रायन से बोला कि वो इस बारे में कुछ सोचेगा. अगले कुछ दिनों तक ब्रायन को जब भी मौका मिलता चो मैनजेर से वही त्यात बोलते. फिर एक दिन मैनेजर ने उन्हें बोला” मेरे पास १ पास तुम्हारे लिए एक काम उस काम में जुट गए. हालांकि मैनेजर ने उन्हें जो काम बोला था ो ब्रायन के जॉब प्रोफाइल का पार्ट नहीं था फिर भी ब्रायन तरंत
उन्होंने जरा भी टाइम वेस्ट नहीं किया. जितना उनसे हो सकता था उन्होंने किया और मैनेजर को टास्क सबमिट कर दिया. मैंनेजर काफी खुश हुआ. इसके बाद ब्रायन ने उनसे ऐसे और काम देने को बोला, फिर मैनेजर उन पर ट्रस्ट करके उन्हें और चेलेंजिंग टास्क देना लगा. और ब्रायन हमेशा बढ़िया से बढ़िया काम करके देने की कोशिश करते थे. एक दिन, मैनेजर के पास एक बड़ा प्रोजेक्ट आया. उसने ब्रायन से पुछा तुम इस काम का चार्ज लेना
चाहोगे?’ इससे पहले ब्रायन ने कभी इतना बड़ा टास्क हैण्डल नहीं किया था. लेकिन उन्होंने तुरत हाँ बोल दिया और अपनी बेस्ट परफोर्मस दी, उसके बाद तो उनके पास एक के बाद एक बड़े प्रोजेक्ट्स आते चले गए. सिर्फ एक साल के अंदर ब्रायन की प्रोमोशन हो गयी थी और ये सब हुआ उनकी एक गुड़ हैबिट की चजह से. अब ब्रायन के अंडर में तीन टीग्स काम करती थी. उन्हें एक बड़ा सा ऑफिस मिला जहाँ से बाहर का खूबसूरत व्यु दिखता था. उनकी इन्कम डबल और ट्रिपल हो गयी थी. ब्रायन अपनी कंपनी के गो टू गाय (go-to-guy in his company.) बन गए थे, और अब वो एक बडा घर और मनपसंद कार ले सकते थे, इस तरह ब्रायन की और रिस्पॉसीबल बनने की हैबिट ने उन्हें इतनी जल्दी इतनी बड़ी सक्सेस दिलाई थी.
हैबिट्स ऑफ़ टॉप बिजनेस पीपल
टॉप बिजनेस लोगो की हैबिट्स (Habits of Top Businesspeople)
क्लैरिटी बेस हैबिट है जो आपको अपने बिजनेस में अप्लाई करनी चाहिए. आपको अपने मिशन या पर्पज को लेकर एकदम क्लियर होना चाहिए. वो क्या चीज़ हैं जो आप अचीव करना चाहते हो? आप अपने कस्टमर्स को क्या देना चाहोगे? आप अपने बिजनेस से कितना प्रॉफिट कमाने की इच्छा रखते हो? अगर आपके गोल्स क्लियर है तभी आप राईट डिसीजन ले पाओगे, जैसे एक्जाम्पल के लिए, एटीएंडटी कंपनी का मिशन है” ब्रिंग टेलीफोन सर्विस टू एवरी अमेरिकन
इस कंपनी का 100 सालों से यही मिशन चला आ रहा है और यही कंपनी की सक्सेस का सीक्रेट है. आप अपने बिजनेस में भी कोई गोल सेट कर सकते हो, जैसे अपने कस्टमर्स को बेस्ट प्रोडक्ट्स और सर्विसेस प्रोवाइड कराना जिससे कि आपका प्रोफिट हर साल करीब 15% तक इनक्रीज हो. आपको कितना प्रॉफिट कमाना है और कब कमाना है इसे लेकर आपका माइंड क्लियर होना चाहिए. और इस तरह आप ऑफ ट्रेक भी नहीं होंगे.
हैबिट्स ऑफ़ पर्सनल इफेक्टिवनेस (Habits of Personal Effectiveness) हाई इनकम, एक फुलफिलिंग जॉब, अच्छी सेहत, एक प्यारा सा परिवार जिसके साथ आप फुर्सत के ढेर सारे पल बिताए, ये सब आपका सकता है,
आपको एक के लिए दुसरे की कुर्बानी नहीं देनी पड़ेगी. इपफेक्टिव लोगों कुछ ऐसीइफेक्टिव हैबिट्स अडॉप्ट करते है जो उन्हें लाइफ के हर फील्ड का आल राउंडर बनाती है. उनकी प्रोफेसनल लाइफ के साथ पर्सनल लाइफ भी शानदार होती है. जैसे एक्जाम्पल के लिए हम जोअनी को लेते है जो ब्रायन ट्रेसी के एडवांस्ड कोचिंग एंड मेंटरिंग प्रोग्राम में एक क्लाइंट है. ब्रायन ने जोअन्नी और अपने हर क्लाइंट से प्रोमिस किया है कि वो लोग लाइफ में डबल अर्निंग साथ डबल एंजोयमेंट भी करेंगे, जो अन्नी को पहले तो इस बात पे यकीन ही नहीं हुआ. उसे लगा ऐसा तो हो ही नहीं सकता है. आपकी इनकम डबल कैसे होगी अगर आप काम के बजाये घर में बैठ कर मजे करोगे? जो अपनी एक फाईनशियल कंपनी में जॉब करती है, मंडे से लेकर सेटरडे तक वो डेली 12 घंटे ऑफिस में काम करती है,
इस वजह से उसके पास अपने दो बच्चो और हसबैंड के लिए टाइम ही नहीं होता है. उसे हर वक्त स्ट्रेस फील होता था. और सबसे बड़ी मुसीबत तो ये थी कि उसे समझ नहीं रहा था कि आखिर इसका सोल्यूशन क्या है. जब उसने ब्रायन से ये सारी बाते डिस्कस की तो सबसे पहले ब्रायन ने उसे एक लिस्ट बनाने को बोला. ये उन कामों की लिस्ट थी जो जोअन्नी को एक महीने के अंदर करने थे. उसकी लिस्ट में टोटल 16 टास्क थे. ब्रायन ने उससे पुछा” इस लिस्ट में ऐसा कौन सा काम है जो तुम सारा दिन करो तो तुम्हारी कपनी को बड़ा फायदा देगा? ” जोअन्नी ने एक बड़े इम्पोर्टेट टास्क पर ऊँगली रखी उसके बाद ब्रायन ने उसे टास्क नंबर 2 और 3 बताने को बोला तो जोअन्नी ने लिस्ट में से 3 मोस्ट इम्पोर्टेट टास्क बता दिए. उस लिस्ट को देखे बगैर ही ब्रायन ने कहा ” ये तीनो टास्क तुम्हारी 90% रिस्पोंसेबिलिटी है. इसका मतलब था कि पाकि के 73 टास्क यानी 10% काम ऐसे थे जो इररिलेवेट यानी फ़िजूल के थे, लेकिन जोअन्नी उन्हें कुछ ज्यादा ही इम्पोटेंस दे रही थी और इस वजह से यो अपनी फेमिली लाइफ एन्जॉय नहीं कर पा रही थी. इन कामो को वो दूसरो से भी करवा सकती थी. जोअन्नी ने ब्रायन की बात पे गौर किया और उसे लगा कि वो सही बोल रहा फिर उसने अपने बॉस के पास जाकर उससे हेल्प करने को बोला, जोअन्नी ने उसे बोला कि अगर वो अपने जॉब से रिलेटेड उन 3 टास्क पे मैक्सिमम फोकस करे तो काफी इफेक्टिव रिजल्ट मिल सकता है. बॉस उसकी बात मान गया. और अब जोअन्नी अपने काम में पहले से बैटर रीजल्ट देती है. उसने अपने तीनों टास्क बहुत ही शानदार तरीके से पूरे किये. दो महीने बाद उसका ऑफिस टाइम भी चेंज हो गया, अब वो नॉरमल 8 घंटे काम करती है, वो भी बस मंडे से फ्राईडे. ब्रायन ने अपना प्रोमिस पूरा कर दिखाया. जोअन्नी की इनकम भी डबल हुई और उसके पास फेमिली के लिए अब ज्यादा टाइम भी है. वो अपने बच्चों और पति के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करती है जो उसे बड़ा सुकून देता है.
हैबिट्स फॉर गेटिंग अलोंग वेल विथ अदर्स (Habits for Getting Along Well With Others दूसरो के साथ बनाकर रखने की हैबिट)
तीन ऐसी ग्रेट हैबिट्स है जिनसे आपके सारे रिलेशनशिप इम्प्रूव हो सकते हैं. पहली हैबिट है एक्सेप्टेंस यानी दूसरो को स्वीकार करना. खासकर पेरेंट्स, स्पाउस और बच्चों के लिए ये काफी इम्पोरटैंट हैं. वो जैसे है वैसे ही एक्सेप्ट करना सीखो, उन्हें चेंज करने की कोशिश मत करो. उनकी वीकनेस को भी एक्सेप्ट कर लो. वो जैसे वैसे ही उन्हें प्यार करना सीखो, प्यार में कोई शर्त नहीं होती. आप जिसे चाहते हो उसे उसकी खुबियों और कमियों के साथ े कैसे प्यार करो. एक्सेप्टेंस शो कराने का एक सिंपल तरीका है आपकी स्माइल. जो लोग आपकी लाइफ में इम्पोर्टेट है, उन्हें जब भी देखो तो मुस्कुरा के देखो, उन्हें फील कराओ कि आप उन्हें देखकर खुश हो. एक अच्छे रिलेशनशिप में ग्रेटीट्यूड यानी एहसानमंद या शुक्रगुजार होना काफी ज़रूरी होता है. इसलिए अपनी फेमिली और फ्रेंड्स को धैंक यू बोलना मत भूलो. अपने हर दिन के लिए ऊपरवाले का का शुक्रिया अदा करो कि उसने आपको अच्छी सेहत दी है, आपके पास एक जॉब है, दो बक्त का खाना मिल रहा है और आपकी फेमिली सेफ है.
अपने पार्टनर को थैंक यू बोले जो वो आपका ध्यान रखते हैं. अपने बच्चो को भी बैंक यू बोले जब वो अपना होमवर्क करते है. हर उस इन्सान को थेंक यूं बोले जो आपको किसी ना किसी तरह से हेल्प करते है. थर्ड हैबिट है तारीफ करना. ग्रानी कॉग्लीमेंट देना, जब हम किसी को कोम्प्लिमेंट्स देते है तो उसे बड़ा अच्छा लगता है. तारीफ सुनकर लोग ना सिर्फ पोजिटिव फील करते है बल्कि और भी बैटर परफोर्मेस देते है. इसका कुछ बूमरेंग जैसा इफेक्ट आप पोजिटिव एनेर्जी सेंड करते हो तो आपके पास भी पोजिटिव एनेर्जी लौट के आती है. लोगो के काम की या उनकी खास क्वालिटी की तारीफ करो. अगर कोई हार्ड वर्किंग है या टाइम का पंक्चुअल है तो उसे कॉम्प्लीमेंट दो. किसी की कार आपको अच्छी लगी या उनके कपड़े आपको पंसद आये तो तारीफ कर दो. तारीफ करने से आप दूसरो को कम्फर्टबल फील कराते है और फिर रिलेशनशिप मेंटेन करना ईज़ी हो जाता है. लेकिन तारीफ हमेशा सलीके से करो. उन्हें ऐसा लगे कि आप सच में इम्प्रेस्ड है. एक बार इसे अपनी हैबिट बना के देखो फिर आप रोज़ पोजिटिव फील करोगे,
हैबिट्स फॉर हेल्थ एंड वेल बीइंग
हेल्थ और वेल बीइंग की हैबिट (The Habits for Health and Well-being)
क्या आप भी स्लिम होना चाहते हो? एक हेल्दी और फिट बॉडी किसे पसंद नहीं होती? हर कोई चाहेगा कि उसके पास एक हेल्दी बॉडी हो जो हर बीमारी से दूर हो. इसके लिए ब्रायन ट्रेसी एक सिम्पल एडवाइस देते है. उन्होंने तीन व्हाईट जहर के नाम बताये है जिनसे हमे दूर रहना है. ये है शुगर, साल्ट और व्हाईट फ्लोर यानी मैदा. जॉन फ्लोरिडा के एक ऑफिस में काम करता है. वो ब्रायन ट्रेसी का फैन है. एक दिन उसने ब्रायन को एक लैटर लिखा और बताया कि वो कई सालो से उनके ऑडियो लेक्चर्स सुनता आ रहा है. उसने ब्रायन की सारी एडवाइस अप्लाई की जिसकी वजह से आज यो गर से अमीर आदमी है, जॉन 10 सालो की मेहनत के बाद अपनी कंपनी में एक टॉप मैनेजर बना है. हालाँकि बो ब्रायन से अपनी एक प्रोब्लम उसकी लाइफ इतनी अच्छी है.
का सोल्यूशन चाहता है. दरअसल जॉन ओवरवेट है. उसने काफी तरफ की डाईट ट्राई करके देखी मगर कोई फर्क नहीं पड़ा, और फिर उसने ब्रायन के ऑडियो लेक्चर से तीन व्हाईट पोइजन के बारे में सुना. उसने इन्हें स्टडी किया और गाइडलाइन को स्ट्रिक्टली फोलो करना शुरू कर दिया. सिर्फ महीनों के अंदर उसने 20 पाउंड वेट लूज़ । किया, जॉन अब पहले से ज्यादा स्लिम ट्रिम और एक्टिव हो गया है. उसका सेल्फ एस्टीम भी हाई रहता है. वो इतना फिट हो गया है कि उसे अपना पूरा वार्डरॉब ही चेंज करना पड़ा. जब से उसने अपनी डाईट से शुगर, साल्ट और व्हाईट फ्लोर हटाया है तब से उसकी बॉडी और लाइफ में काफी पोजिटिव चेंजेस आ गए है. अगर फिट बॉडी चाहिए तो हमे हर तरह के प्रोसेस्ड फ़ूड या फ़रारस्ट फूड और जंक से दूर रहना चाहिए. प्रोसेस्ड और जंक फूड में शुगर और साल्ट काफी हाई लेवल में होते है जो हमारी बॉडी और माइंड के लिए हार्मफुल होते है, बॉडी पर उनका काफी नेगेटिव इफेक्ट पड़ता है. आपको सॉफ्ट डिंक और मीठे से भी जितना हो सके परहेज करना चाहिए. ब्रेड और र पैस्ट्रीज व्हाईट फ्लोर या मैदे से बनती है जिसमे न्यूटीशियेंट ना के बराबर होते हैं. जबकि द्होल गेन्स हेल्थ के लिए काफी अच्छे माने जाते है क्योंकि ये फाइबर, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते है. अपनी डाईट में खूब सारी चेजिटेबल्स और फ्ूट शामिल करो, बीन्स और दाले भी ज्यादा खाओ. आपकी आधी से ज्यादा बिमारियों का ईलाज एक अच्छी डाईट में छुपा है, हेल्दी डाईट लेने से आप हार्ट अटैक, मोटापे और कैंसर जैसी बीमारियों से बचे रहेंगे.
द हैबिट्स ऑफ़ केरेक्टर एंड लीडरशिप
केरेक्टर और लीडरशिप की हैबिट्स (The Habits Character and Leadership)
आप लोगो को किस रूप में याद आना चाहोगे? आपके जाने के बाद लोग आपको कैसे याद रखेंगे, ये डिपेंड करता है आपके आज के करेक्टर पर, जब आप इस दुनिया से जाओ तो लोग आपके बारे में अच्छा बोले और अच्छा सोचे इसके लिए ज़रूरी है कि आप अपने आज के बिहेवियर पर ध्यान दे. इसलिए जितनी आप दूसरो की हेल्प कर सकते हो, करो. जितना आप अच्छे रिश्ते बना सकते हो, बना लो, अल्फ्रेड नोबेल नोबेल प्राइज के फाउंडर थे. काफी टाइम पहले उनके साथ कुछ ऐसा कि उनकी पूरी लाइफ ही चेंज हो गयी. उनके ब्रदर की डेथ हो गयी थी. स्टॉकहोल्म न्यूज़पेपर ने एक हुआ . उन्होंने ओबिच्यूरी में अल्फ्रेड के भाई के बजाए अल्फ्रेड का नाम छाप दिया था. बहुत से लोगो ने सोचा कि अल्फ्रेड मर गए है. वो एक गलती कर दी. केमिस्ट और एक इन्वेंटर थे, उन्होंने डायनामाइट क्रिएट किया था, ओबेच्यूरी में लिखा था” अल्फ्रेड नोबेल एक इन्वेंटर थे जिन्होंने गनपाउडर बनाया था
और जिसकी वजह से पूरी दुनिया में वार और कई लोग मारे गए में वार हुई और न्यूज़ पेपर वालों की ये गलती अल्फ्रेड के लिए एक वेकअप पॉइंट बन गयी. तब उन्होंने अपने प्यूचर के बारे में सोचा, उन्हें लगा कि लोग हमेशा उन्हें एक ऐसे इन्सान के तौर पे याद करेंगे जिसकी वजह से लाखो लोगों की जाने गयी. लेकिन अल्फ्रेड नहीं चाहते थे कि लोग उन्हें एक विलेन के रूप में याद रखे. और उस दिन के बाद से उन्होंने अच्छे काम करने शुरू कर दिए ताकि जब उनकी डेथ हो तो लोग उनकी अच्छाईयाँ को याद करे. अपने सक्सेसफुल करियर में अल्फ्रेड ने क ने काफी पैसा कमाया. उनका कोई बच्चा नहीं था, इसलिए उन्होंने नोबेल प्राइज एस्टेबिलिश किया. हर साल नोबेल प्राइज के लिए किसी ऐसे इन्सान को लिया जाता है जिसने वल्ल्ड पीस, लिटरेचर या साइंस की फील्ड में कुछ बड़ा काम किया हो. नोबेल प्राइज विनर को प्राइज मनी के साथ काफी इज्जत और शोहरत भी मिलती है. एक न्यूजपेपर की गलती से अल्फ्रेड नोबेल को एक बैटर इन्सान बनने का मौका मिला. आज भी उनकी लेगेसी चली आ रही है जिसे पूरी दुनिया जानती . एक और गुड हैबिट है” सक्सेसफुल लोगो की बायोग्राफी पढ़ना” इनसे आप काफी कुछ सीख सकते हो. आपको पता चलेगा कि इन महान लोगों ने कैसे अपना कैरेक्टर इम्प्रूव किया और केसे अपनी-अपनी फील्ड के एक्सपर्ट बने, इनकी एक्स्ट्राओर्डीनरी लाइफ स्टोरीज़ आपको काफी मोटिवेट करेगी, रीडिंग की हैबिट हमारी लाइफ में बहुत से पोजिटिव चेंजेस लाती है, किताबों से हमे वो वैल्यूज़ सीखने को मिलती है जो सक्सेसफुल लोगो की लाइफ में होती है. इस बुक समरी में अब तक आपने जो कुछ पढ़ा और सीखा अगर इसकी प्रेक्टिस करते रहोगे तो एक दिन आएगा जब आप भी इन लोगों की तरह सक्सेसफुल बनोगे और अपना मिलेनियर ड्रीम पूरा करोगे.
कनक्ल्यू जन (Conclusion)
आपने इस बुक में पंचर ऑफ़ थॉट्स के बारे में पढ़ा, आपने इस बुक समरी से ये भी सीखा कि हैबिट्स हमारी लाइफ में कितनी इम्पोर्टेट होती है, आपको हमने उन हैबिट्स के बारे में भी बताया जो आपको मिलेनियर बनने में हेल्प कर सकती है. स्कसेसफुल लोग सिर्फ फाईनेंशियल यानी पैसे से ही अमीर नहीं होते. बल्कि उनके पास अच्छी हेल्थ होती है, एक प्यारी फेमिली लाइफ और मज़बूत दोस्ती के रिश्ते होते हैं और उनके पास एक फुलफिलिंग करियर होता है जो उन्हें सेटिसफेक्शन देता है.
इस बुक में आपने उन सब हैबिट्स के बारे में जाना है जो आपकी लाइफ के हर एस्पेक्ट यानी हर हिस्से को इम्पूरूव कर सकती है. तो अब, टाइम आ चुका लाइफ में उन चीजों को अप्लाई करने का जो आपने इस बुक में पढ़ी है. टाइम आ गया है इन मिलियन डॉलर हेबिट्स की प्रेक्टिस करने का और इन्हें रीपीट करने का. स्टार्टिंग में थोड़ी-बहुत परेशानी सबको होती है. पर एक बार हैबिट्स बन जाए तो फिर कोई मुश्किल नहीं होगी और ये हैबिट्स आपकी डेली रूटीन का पार्ट बन जायेंगी. एक बार हमेशा याद रखों, जब भी आप इन हैबिट्स की प्रेक्टिस करते हो तो आप अपने मिलेनियर ड्रीम के एक कदम और क्लोज आ जाते हो,