MAKE YOUR BED by William McRaven.

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About Book

ये बुक हर शख्स के लिए एक इंस्पायरिंग बुक है.ये कहानी नेवी के पूर्व SEAL ऑफिसर विलियम मैकरेवन के बारे में है.ये बुक उनके लाइफ के एक्सपीरियंस और ट्रेनिंग के दौरान सीखे गए अनगिनत लेसन से भरी हुई है. विलियम ने सही तरीके से जीने के लिए कई प्रिन्सिप्ल शेयर किये हैं जिन्हें अगर आप फॉलो करेंगे तो वो बेशक आपकी जिंदगी बदल देंगे.

ये समरी किसे पढ़नी चाहिए?

स्टूडेंट्स और सभी को जिन्हें मोटिवेशन और इंस्पिरेशन की विलियम मैकरेवन अमेरिकन नेवी के एक रिटायर्ड ऑफिसर

ज़रुरत है

ऑथर के बारे में

हैं. अमेरिकन स्पेशल ऑपरेशन कमांडर के रूप में उन्होंने कई टेररिस्ट ऑपरेशन को लीड किया है. विलियम यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्सास के वाईस चांसलर भी बने. वो एक महान मोटिवेटर हैं और उन्होंने बहुत साहस और वीरता के साथ अपने देश की सेवा की है.

इंट्रोडक्शन(Introduction)

क्या आप अपनी दुनिया बदलना चाहते हैं? क्या आप लाइफ में एक एचीवर बनना चाहते हैं? अगर हाँ, तो ये बुक आपको उस मंज़िल तक गाइड करेगी. इस बुक के ऑधर विलियम अमेरिका में एक रिटायर्ड नेवी SEAL ऑफिसर हैं.ये बुक टेक्सास यूनिवर्सिटी में उनके कमेंसमेंट स्पीच पर आधारित है. इस बुक में उन्होंने कुछ इम्पोर्टेन्ट लेसन की चर्चा की है जो आपको अपना गोल हासिल करने में मदद करेंगे.ये आपको माइंडसेट, वैल्यूज और beliefs

यानी विश्वास के बारे में सिखाएंगे,

इस बुक का हर चैप्टर उन challenges के बारे में बताता है जिसका सामना विलियम को अपने SEAL ट्रेनिंग के दौरान करनी पड़ी और वो कैसे हर बार उससे एक विनर बन कर उभरे. ये बुक नॉलेज और ज्ञान से भरी हुई है और इसके शब्दों में किसी को भी encourage करने की पॉवर है. ये आपको लाइफ से शुरू होता है. अपने पैशन को फॉलो करना सिखाएगी और आपमें “never quit” जैसे ज़ज्चे को पैदा करेगी. इसका पहला स्टेप अपना बेड बनाने

तो क्या आप बदलाव के लिए तैयार हैं? इस बुक को पढ़ने के बाद आपको समझ में आएगा कि लाइफ में छोटी-छोटी चीज़ों की क्या अहमियत होती और उनका भी कितना गहरा असर होता है.

स्टार्ट योर डे विथ अ टास्क कम्प्लीटेड(Start your day with a task completed) अपना बेड बनाना, ये सुन कर आपको बड़ा अजीब लग रहा हो लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे एक कमाल का साइंस है. जब आप सुबह

सोकर उठने के बाद अपनी चादर को फ़ोल्ड कर के अपने बेड को साफ़-सुथरा बना देते हैं तो आपके दिन की शुरुआत एक प्रोडक्टिव माइंड से होती .अपना बीएड बनाने के बाद आपको एहसास होता है कि आपने एक काम successfully कम्पलीट कर लिया है. ये आपमें कॉन्फिडेंस और

पाजिटिविटी भरता है.

जो इंसान सिर्फ़ अपना बेड बनाकर और एक होप के साथ अपने दिन की शुरुआत प्रोडक्टिव नज़रिए से करता है वो जिंदगी में भी बड़े से बड़े काम को अचीव करने में सक्सेसफुल हो जाता है. हर काम इम्पोर्टेन्ट होता है चाहे वो छोटा हो या बड़ा क्योंकि ये आपको हर दिन 1% ज़्यादा प्रोडक्टिव और बेहतर बनाने में मदद करता है.

नेवी की 5EAL ट्रेनिंग कैलिफ़ोर्निया, अमेरिका में पेसिफिक ओसियन के पास होती है. पहले चैप्टर में विलियम बताते हैं कि ट्रेनिंग के दौरान उनके दिन

SEAL A

की शुरुआत सभी इ होती थी.वहाँ सभी को सुबह सबसे पहले अपना बेड बनाना पड़ता था. खुद में डिसिप्लिन की क्वालिटी डेवलप करने के लिए को इसे फॉलो करना ज़रूरी था.एक इंस्पेक्र बिना चुके हर सुबह सबके बेड को चेक करता था, N बेड बनाने के लिए एक सिंपल स्टैण्डर्ड फॉर्मेट था जिसे हर ट्रेनी को फॉलो करना था. वहाँ के बेड स्टील फ्रेम के बने थे जिसमें एक सिंगल बेड होता था. हर सुबह ट्रेनी को नीचे वाली शीट को मैट्रेस के ऊपर रखना था और उसके बाद ऊपर में एक और शीट रखना होता था, इसके बाद ब्लैंकेट को पैरों की

किस तरह

तरफ रेक्टेंगल में अच्छे से मोड़ कर रखना था.

चेक करने के लिए कि बेटा ठीक से बनाया गया है या नहीं, इंस्ट्रक्टर हवा में एक सिक्का उछालता. अब अगर सिक्का बेड से उछल कर इंस्ट्रक्टर में हाथ में वापस आ गया तो मतलब है कि बेड ठीक से बनाया गया है. अगर सिक्का बेड से टकराकर वापस नहीं उछलता तो उस ट्रेनी को बीच पर जाकर

खुद को गीला करना होता था. रेत पर इस तरह अपनी बॉडी को रोल करना पड़ता जिससे वो पूरी तरह रेत में कवर हो जाए. इस पनिशमेंट को शुगर कुकी कहा जाता है. इसलिए विलियम काफ़ी अच्छे से अपना बेड बनाना सीख गए थे. इसने उन्हें ये फील कराया कि अपने दिन की शुरुआत पूरे मोटिवेशन के साथ करना अच्छा होता है. ट्रेनिंग खत्म होने के बाद भी ये हैबिट हमेशा उनसे साथ बनी रही. तो क्या आप समझे कि सुबह अपने बेड को बनाना इतना ज़रूरी क्यों है? क्योंकि ये आपको एहसास दिलाता है कि आप रेस्ट कर के फ्रेश हो चुके हैं। और अब आगे बढ़ने का समय है. ये आपको सोचने पर मजबूर करता है कि अगर आप एक इतने छोटे से काम को भी ठीक से नहीं कर सकते तो आप

लाइफ में बड़े बड़े काम और challenges से कैसे डील कर पाएँगे?

यूं कांट डू इट अलोन (You can’t do it alone)

एक इंसान लाइफ में जो भी करता है उसमें टीमवर्क एक बहुत इम्पोर्टेन्ट रोल निभाता है.इसलिए आपको भरोसा करने के लिए एक पार्टनर की जरुरत होती है, आपका पार्टनर आपको और अच्छा परफॉर्म करने के लिए पुश करता है, आपको मोटीवेट करता है, आप जब निराश हो जाते हैं तो आपका हाथ थाम लेता है और सबसे खास बात वो आपके पोटेंशियल में विश्वास करता है.

इस दुनिया में कोई भी सिर्फ अपने दम पर चीज़ों को हासिल नहीं कर सकता.जैसे कि एक कंपनी को अपना प्रोडक्ट बेचने के लिए हज़ारों एम्प्लोईज की जरुरत ओ है. कोई भी इंसान अकेला नहीं रह सकता, उसे अपने मन की बात शेयर करने और ग्रो करने के लिए एक दोस्त और परिवार की ज़रुरत होती है और इन्हीं लोगों की वजह से ही तो हमारी लाइफ आसान बन जाती है. सबको अपनी लड़ाई खुद लड़नी पड़ती है लेकिन सिर्फ अपनों का साथ हमें अंत तक हिम्मत बनाए रखने की ताकत देता है. हाँ, हम

अपनी ट्रेनिंग के फर्स्ट फेज़ में विलियम और उनके दोस्तों को दो के pair में एक बोट के ज़रिए अपने डेस्टिनेशन तक पहुंचना था.उस समय, विलियम

बीमार महसूस कर रहे थे और बोट paddie नहीं कर पा रहे थे.इसलिए उनके बजाय उनके दोस्त ने पूरे रास्ते बोट चलाई. इस टास्क में सभी को paddle करना ज़रूरी था वरना टाइम पर इसे खत्म कर पाना मुश्किल था. उस रबर बोट में बैठने के बाद उन सभी को टीम वर्क का इम्पोरटेंस समझ में

आया. एक बार विलियम ने 5500 की ऊँचाई से जम्प किया था और उनका एक्सीडेंट हो गया था. उन्हें कई जगह गंभीर चोट आई. उन्हें लग रहा था कि शायाद उन्हें ठीक होने में और SEAL की ट्रेनिंग के लिए फ़िट होने में सालों लग जाएँगे.उन्हें लग रहा था कि ये उनके करियर का अंत था. कुछ समय के

लिए उन्होंने उम्मीद खो दी थी क्योंकि उन्हें पता था कि SEAL का मेंबर बनने के लिए फिजिकली फ़िट होना ज़रूरी था. इस मुश्किल दौर में उनके दोस्त और उनकी वाइफ उनका मेंटल सपोर्ट बने रहे. वो बार-बार उन्हें याद दिला कर मोटीवेट करते कि वो कौन हैं और उनका

क्या गोल है.इस पॉजिटिव और अपनों के साथ ने उन्हें दोबारा खड़े होने में बहुत मदद की. दबारी खड़ होने क्या आप जानते हैं कि जिंदगी में दोस्त बनाना ज़रूरी क्यों है? क्योंकि हमें एहसास भी नहीं होता लेकिन असल में वो हमारे सपोर्ट सिस्टम होते हैं. जिंदगी की सच्चाई यही है कि हम सब को खुद अपनी लड़ाई लड़नी है लेकिन अगर कोई बस इतना कह दे कि घबराओ मत, मैं हूँ तुम्हारे साथ तो वो हमें psychologically हिम्मत देता है.शायाद हमें महसूस नहीं होता कि उनके बिना हमारी जिंदगी कितनी अधूरी है. सिर्फ उनका साथ ही हमारे रास्तों को आसान कर देता है. इसलिए उनकी अहमियत को समझे, कभी उनका दिल ना दुखाएं, कभी उनका साथ ना छोडे.

ओनली द साइज़ ऑफ़ योर हार्ट मैटर्स (Only the size of your heart matters)

हम अक्सर लोगों को कहते हुए सुनते हैं, यार मेरी हाइट कम है, यार मेरा वेट कुछ ज्यादा है”. ज्यादातर लोग अपनी बाडी और पर्सनालिटी से खुश नहीं हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी हाइट या बॉडी का साइज़ मायने नहीं रखता. आपका पक्का इरादा और हिम्मत आपको बड़ा बनाती है. सक्सेस पाने के लिए आपको निडर और दिल से जांबाज़ होना चाहिए. कोई भी और हर कोई सक्सेसफुल बन सकता है. बस हिम्मत से आगे कदम बढ़ाने का जज्बा होना चाहिए.

एक चार, विलियम और उनके दोस्त सुबह स्विमिंग करने के लिए तैयारी कर रहे थे. उस दिन, coronado बीच की लहरें आठ फ़ीट ऊँची उठ रही थीं, सभी लोग इतनी ऊँची लहरों को देखकर डरे हुए थे. तभी पीछे से पांच फूट चार इंच की हाइट का एक लड़का निडरता से सामने आया. वो बैच में नया SEAL के इंस्ट्रक्टर ने जब उसे देखा तो कहा, “अगर तुम चाहे तो वापस जा सकते हो, ये लहरें तुम्हारी हाइट से काफ़ी ऊँची हैं” लेकिन उस लड़के ने स्टूडेंट था.

बेखौफ होकर कहा, “मुझे पता है मैं ये कर सकता हूँ” ये सुनकर इंस्ट्रक्टर उसके पास गए और उसके कान में कुछ कहा, जाने उन्होंने ऐसा क्या कहा था कि वो लड़का फ़ौरन समुद्र की तरफ गया और पानी में कूद पड़ा.

जब विलियम वहाँ पहुंचे तो उस नए लड़के वो देखकर चौंक गए, जब वो लड़का बाहर आया तो विलियम ने उससे पूछा, “सर ने तुमसे क्या कहा?”. उस लड़के ने जवाब दिया, “उन्होंने कहा, मुझे गलत साबित करो”.

और वाकई में उसने इंस्ट्रक्टर को दिखा दिया था कि उसके हिम्मत की ऊँचाई आठ फुट ऊँची लहरों से काफ़ी ऊँचा था. इसी तरह का किस्सा एक बार और हुआ जब विलियम ने टॉम नोरिस नाम के लड़के को देखा, उसकी हाइट कम थी और उसने आम लोगों जैसे कपड़े पहन रखे थे. विलियम ने सोचा कि वो SEAL का कोई आर्डिनरी मेंबर होगा जो अभी नेवी के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हुआ है, लेकिन विलियम की हैरानी का ठिकाना ना रहा जब उनके इंस्ट्रक्टर ने टॉम को SEAL का बेस्ट मेंबर कह कर introduce कराया. टॉम ने कई दिलेरी के काम किए थे जैसे कैद किए गए लोगों को छुड़ाया था, वियतनाम की आर्मी को हराया था, सच तो ये था कि टॉम एक लेफ्टिनेंट था

और उसे SEAL केमैडल ऑफ़ ऑनर से सम्मानित किया गया था, विलियम को अपनी बेवकूफ़ी पर बड़ी हंसी आई. उन्होंने सोचा कि वो कैसे किसी को सिर्फ उसके अपीयरेंस के बिना पर जज कर सकते हैं. सिर्फ टॉम की हाइट देखकर उन्होंने उसे एक कमज़ोर नौसिखिया कैसे मान लिया.

तो ये कहानी साबित करती है कि आपकी हाइट या साइज़ मायने नहीं रखती, जो बात सबसे ज्यादा मायने रखती है वो थे है कि आपका दिल कितना बड़ा है, उसमें किसी भी चैलेंज या सिचुएशन से लड़ने की कितनी हिम्मत भरी हुई है.

लाइफ इज़ नोट फेयर-ड्राइव ओन! (Life is not fair drive onl) जिंदगी हमेशा फेयर नहीं होती. कई बार ये हमें पेशेंस सिखाने के लिए और गिरकर दोबारा खड़े होना जैसी qualities को सिखाने के लिए हमारे

सामने पहाड़ जैसी मुसीबतें लाकर खड़ा कर देती है. ऐसे समय में, ख़ुद पर तरस नहीं आना चाहिए. जैसी भी सिचुएशन हो, उसका डट कर सामना करें. ये ना कहें कि आप अनलकी हैं और सिर्फ़ आपके साध ही बुरी चीजें होती हैं. ख़ुद को पुश करें और एक बुरी से बुरी सिचुएशन को भी बेहतर बनाने की कोशिश करें. अगर चीज़ें आपकी पसंद से नहीं हो रही हैं तो ये विश्वास रखें कि भगवान् ने आपके लिए उससे भी कुछ अच्छा सोच कर रखा है. आइए इसे इस कहानी से समझते हैं, विलियम अपने इंस्ट्रक्टर मोकि मार्टिन के बारे में बताते हैं. वो एक टैलेंटेड और ब्रिलियंट आदमी थे. मार्टिन को 30 मील की स्पीड पर अपने बाइक पर

घूमना अच्छा लगता था, लेकिन एक दिन, मार्टिन सामने की बजाय नीचे देख कर बाइक चला रहे थे इसलिए वो सामने से आने वाली बाइक को देख नहीं पाए. दोनों बाइक की भयानक टक्कर हुई. नार्टिन बुरी तरह जख्मी हो गए थे. उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया. एक्सीडेंट की वजह से मार्टिन के पैरों में लकवा हो गया था लेकिन डॉक्टर ने कहा कि कुछ समय बाद सब पहले जैसा नार्मल हो जाएगा. लेकिन मार्टिन के पैर कभी ठीक नहीं हुए. वो जिंदगी भर के लिए व्हीलचेयर के मोहताज हो गए थे.

सालों बीत गए लेकिन मार्टिन ने कभी अपनी तकलीफ़ के लिए उफ़ तक नहीं की, ना उन्होंने कभी कोई शिकायत की.लेकिन सबसे बड़ी बात ये थी कि उन्होंने खुद पर कभी दया नहीं दिखाई. पैरालिसिस भी उन्हें हरा नहीं पाया बल्कि वो डट कर उसका सामना करते रहे. ना वो कभी रुके और ना कभी लड़ने का ज़ज्बा छोड़ा. अपने खाली समय में वो पेंटिंग करने लगे. एक समय ऐसा भी भी आया जब वो एक कमाल के पेंटर बन कर उभरे. उन्होंने इस बात को एक्सेप्ट किया कि कभी-कभी किसी बुरी घटना में भी कुछ ना कुछ अच्छा छुपा होता है.इस एक्सीडेंट के बाद उन्होंने महसूस किया था कि पेंटिंग उनका पैशन था. उस एक्सीडेंट ने उनके अंदर के आर्टिस्ट को जगा दिया था. ये कहानी कितनी inspiring है, है ना? आप अपनी लाइफ में कई चीज़ों को किसी बुरी सिचुएशन के लिए दोष दे सकते हैं लेकिन आपके पास उसे ठंडे दिमाग से एक्सेप्ट करने के अलावा कोई चॉइस नहीं है.ऐसी कई चीजें हैं जिन पर हमारा कोई कट्रोल नहीं होता.इसलिए खुद को कोसिए मत, जिंदगी के रास्ते में जो भी आपके सामने आए उसका ठंडे दिमाग से सामना करने की कोशिश कीजिए. भगवान् ने हम सबके लिए कुछ ना कुछ सोच कर रखा है और वो हमें वही देते हैं जो हमारे लिए बेस्ट होता है.

फेलियर कैन मेक यू स्ट्रोंगर (Falure can make you stronger)

सक्सेस की तरह फेलियर भी लाइफ का एक हिस्सा होता है. लेकिन लोग इसे गलत नज़रिए से देखते हैं, फैल हो जाने पर लोग सोचते हैं वो हार गए लेकिन फेलियर एक एक्सपीरियंस के सिवा और कुछ नहीं है. ये वो एक्सपीरियंस होते हैं जो हमें बहुत कुछ सीखने में मदद करते हैं. कई बिजनेसमैन का कहना है कि आप लाइफ में जितनी जल्दी फेल होंगे उतना आपके लिए अच्छा होगा.फेलियर आपको सिखाता है कि आपको क्या नहीं करना है.लेकिन अगर आप अपने फेलियर को लर्निंग T opportunity के रूप में नहीं लेते हैं तो आप उसी गलती को बार बार दोहराते रहते हैं

और अंत में वो आपकी हैबिट बन जाती है.इसलिए अपनी गलतियों से सीखें, उससे निराश ना हों, SEAL के ट्रेनिंग में स्टूडेंट्स को हर रोज़ समुद्र में कूदना पड़ता है. हर स्टूडेंट को एक पार्टनर दिया जाता है ताकि स्विमिंग के दौरान अगर कोई खतरा हो तो उसे किसी का साथ मिले, हर ट्रेनी को एक सेट टाइम लिमिट में इस टास्क को पूरा करना होता था. एक दिन, विलियम और उनके पार्टनर डीप dive स्विम के टास्क में सबसे आखिर में लौटे. उन्हें सज़ा के रूप में उठक बैठक और पुश अप्स करने पड़े.

रूल ये था कि अगर किसी ने दिए गए राउंड्स को पूरा नहीं किया तो वो अगले दिन की लिस्ट में add हो जाता था. जब तक उसे पूरा ना किया जाए तब तक उसमें राउंड add होते जाते थे. हर स्टूडेंट इस एक्स्ट्रा एक्सरसाइज से थक जाता था जिस वजह से कई स्टूडेंट्स ट्रेनिंग छोड़ कर वापस चले लेकिन हर फेलियर के साथ एक प्राइज भी जुड़ा होता है, प्रैक्टिस के साथ विलियम बहुत फ़ास्ट स्विम करने लगे थे, एक बार जहां उन्हें लास्ट आने के लिए सज़ा मिली थी तो अब उसी विलियम ने अपने पार्टनर के साथ फर्स आकर एक शानदार परफॉरमेंस दी थी. एक बार, विलियम के लाइफ में बड़ी मुश्किल घड़ी आई. एक नेवी SEAL ऑपरेशन के दौरान, उनका मिशन जिस तरह organize किया गया था उसे बदलने के आरोप में उन्हें निकाल दिया गया.अब उनके पास दो ही आप्शन थे, या तो वो सब कुछ छोड़ कर वापस चले जाएँ या ये साबित करें कि वो एक अच्छे SEAL ऑफिसर थे,

विलियम ने दूसरा आप्शन चुना, वो हर मिशन अपना 100% देने लगे, उन्होंने अपना सम्मान वापस जीत लिया था, आगे जाकर, उन्हें खुद की एक SEAL टीम को कमांड करने के लिए चुना गया,

ये इस बात को दिखाता है कि फेलियर हर अचीवमेंट का हिस्सा होता है. एक सच्चा लीडर वही होता है जो अपने फेलियर से सीख कर उसे एक लेसन के रूप में खुद को मोटीवेट करने के लिए इस्तेमाल करे.

यू मस्ट डेयर ग्रेटली (You must dare greatly)

हम से ऐसे कई लोग हैं जो लाइफ में रिस्क लेने से डरते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रिस्क लेने वाले ही असल में विनर होते हैं. आप कहेंगे कि कौन रिस्क ले, ऐसे ही हम कितने प्रोब्लम्स से जूझ रहे हैं. तो आपने चीज़ों को स्मूध करने के लिए क्या किया? जब तक आप रिस्क नहीं लेंगे आप कुछ[ नया कैसे सीखेगे?

हम सभी को लाइफ में कभी ना कभी रिस्क लेना पड़ता है.तों या तो आप बाद में रिस्क ना लेकर पछता सकते हैं या अभी रिस्क लेकर अपना बेस्ट दे सकते हैं.

SEAL की ट्रेनिंग में एक obstacle कोर्स भी होता है. विलियम ने इस कोर्स के दौरान हुए एक खत्तरनाक एक्सपीरियंस के बारे में बताया कि कैसे उन्होंने अपनी लाइफ का सबसे बड़ा रिस्क लेकर उस टास्क में बेहतरीन परफॉर्म किया था. विलियम को 30 फुट के टावर से बंधी एक रस्सी के दूसरे सिरे तक पहुंचना था . रस्सी का दूसरा सिरा 100 फीट दूर ज़मीन पर एक खबे से बंधा था. जब

उन्होंने इसे पहली बार किया तो गलत technique की वजह से धीरे-धीरे फिनिशिंग लाइन को पार किया. तभी विएतनाम का एक बूढ़ा आदमी आया और उनसे कहा कि उन्हें रिस्क लेने की ज़रुरत है. उन्हें एक रिस्की technique को यूज़ करना चाहिए जो उन्हें तेजी से फिनिशिंग लाइन तक पहुंचा देगा.एक हफ़्ते के बाद, विलियम ने अपने डर को साइड में रख कर फ़िर कोशिश की. विलियम ने रस्सी के ऊपर चढ़कर बेहतरीन टाइमिंग के साथ फिनिशिंग लाइन को पार किया.वयोंकि उन्होंने रिस्क लिया इसलिए उन्हें सक्सेस मिली. उनकी जिंदगी में और पल आया जब उन्हें रिस्क लेना पड़ा. इराक वॉर के दौरान, विलियम अपनी टीम के साथ उन तीन लोगों को बचाने गए थे जिन्हें बंधी बना लिया गया था. ये मिशन बहुत रिस्की था क्योंकि ये काम उन्हें रात के अँधेरै में नहीं बल्कि दिन के उजाले में करना था. तरीका था, হनिरान कया करने की एक ही तरीके थे, तीन हेलीकॉप्टर को हमला करने के लिए एक छोटे से कंपाउंड में ले जाना था. अब अगर बो तेजी से काम को एक।

को या तो किसी दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया जाता करत हतानातानमाला शायद उन्हें मार दिया जाता. विलियम और उनकी टीम ने हर आप्शन के बारे में सोचा और अंत में सबसे रिस्की आप्शन को चुना क्योंकि उसमें समय कम लगता. वो तीन हेलीकॉप्टर उस बिल्डिंग के पास उतारे गए जहां उन तीन लोगों को कैद किया गया था. फ़ोर्स बिल्डिंग में घुसी और उन्होंने अपना ऑपरेशन शुरू कर दिया.उन पर किसी भी वक्त किसी भी दिशा से गोलियों की बौछाड़ हो सकती थी.लेकिन कुछ मिनटों बाद दो उन तीनों को सही सलामत बाहर लाने में कामयाब हुए. इस मिशन में किसी की भी जान जा सकती थी लेकिन विलियम और उनकी टीम ने रिस्क लिया और बड़ी सावधानी से प्लान कर के ये कदम उठाया था. इस मिशन के सक्सेस से उनके बेहतरीन टीम वर्क का भी पता चलता है.

स्टैंड अप टू द बुलीज़ (Stand up to the bullies)

हम सब ने कभी ना कभी ऐसे लोगों का सामना तो जरूर किया होगा जो दूसरों पर धौंस जमारे फिरते हैं, दादागिरी करते हैं, ये लोग आपको हर जगह मिलेंगे स्कूल में, कॉलेज में, ऑफिस में. हम में से कुछ इनसे डर कर भाग जाते हैं. तो कहाँ तक भागेंगे आप इनसे और कब तक सहते रहेंगे? आपको इनसे डर कर भागना नहीं चाहिए क्योंकि वो सिर्फ आपको डरते हुए देखना चाहते हैं, उन्हें उसी में मज़ा आता है. आपको ऐसे लोगों के खिलाफ़ खड़े होने की जरुरत

अमेरिकन आर्मी ने सद्दाम हुसैन को पकड़ लिया था, जो कभी इराक का प्रेसिडेंट हुआ करता था. विलियम जब जेल का दौरा कर रहे थे तो उन्होंने देखा कि सद्दाम की आँखों में ना कोई शर्मिंदगी थी और ना उसे देखकर लगता था जैसे उसे किसी बात का अफ़सोस हो.वो बस सबको देखकर बड़े खरतनाक तरीके से मुस्कुराता जैसे डराने की कोशिश कर रहा हो. उसने हज़ारों शिया इराक़ियों और कु्दों को मारा था. यहाँ तक कि उसने अपने लोगों की भी हत्या कर दी थी जो उसके प्रति वफ़ादार नहीं थे.

इराक में किसी की भी इस निर्दयी शासक के खिलाफ खड़े रहने की हिम्मत नहीं थी. जब सद्दाम को गिरफ्तार किया गया तो वो पहले से भी कहीं ज्यादा कॉंफिडेंट लग रहा था. उसे एक छोटे से कमरे में सबसे अलग-थलग रखा गया था. वहाँ सिर्फ गार्डस पहरा देते थे. किसी को भी अंदर जाने की इजाज़त नहीं थी.

विलियम हर रोज़ उस कमरे में जाते लेकिन उन्होंने सद्दाम से कभी बात नहीं की. वो उसके सामने नार्मल व्यवहार कर उसके कॉन्फिडेंस को मारना चाहते थे, विलियम के लिए वो एक आम और साधारण कैदी था, उससे ज़्यादा कुछ नहीं. इसी तरह, धीरे-धीरे जेल के दूसरे कैदियों के मन से भी सद्दाम का खौफ खत्म होने लगा,

विलियम ने इससे ये सीखा कि अगर आप किसी धौंस जमाने वाले की दादागिरी खत्म करना चाहते हैं उसे इग्पोर्टेस देना बंद कर दीजिये.जब आप उन्हें सीरियसली लेते हैं तब उनका कॉन्फिडेंस बढ़ने लगता है.एक साल बाद, इराकियों ने सद्दाम को उसके अनगिनत अपराधों के लिए फांसी दे दी थी.

गिव पीपल होप(Give people hope)

यहाँ मैसेज बड़ा सिंपल सा है. जब भी आपको किसी सिचुएशन में होप यानी उम्मीद की किरण नज़र आए तो उससे इंस्पिरेशन लेकर अपने आस-पास के लोगों को भी इंस्पायर करें.कभी-कभी सिर्फ एक इंसान की जरुरत होती है जो अपने आस पास चीज़ों को बदल सके, लोगों के चेहरों पर मुस्कान ला सके, उन्हें एक साथ लाकर जोड़ सके और उम्मीद दे सके. अगर एक इंसान हिम्मत दिखा कर आगे बढ़ता है तो वो खुद के साथ साथ दूसरों को भी स्ट्रोंग बना देता है.

SEAL ट्रेनिंग के दौरान, कई ऐसे हफ्ते होते हैं जो आपको नर्क जैसा फील करवा देते हैं, उन्हें हेल वीक कहा जाता है. 6 दिनों तक ना कोई सो सकता, ना चैन ले सकता है और उसके ऊपर इंस्ट्रक्टर अपना अत्याचार चालू रखते हैं. उस हफ्ते में दौड़ना, स्विमिंग करना, obstacle कोर्स और कई फिजिकल एक्टिविटी शामिल होती हैं. इसका मकसद होता है SEAL की ट्रेनिंग से कमज़ोर लोगों को हटाना.

इस हफ्ते के दौरान एक खास एक्टिविटी होती है जिसे mudfiat कहते है. इसमें स्टूडेंट्स को कीचड़ भरे रास्ते पर रेस लगाना पड़ता है और उसी हालत में पूरी रात बैठना पड़ता है. अब इमेजिन कीजिये कि ठेड का मौसम है, आप पूरी तरह भीगे हुए हैं, कीचड़ में सने हुए हैं और उसकी परत इतनी मोटी है कि आप हिल भी नहीं सकते.उन्हें परखने के लिए रात के समय एक इस्ट्रक्टर आता और उनसे कहता कि जो भी उठ कर जाना चाहता है वो जा सकता है और उसे गरमा गरम कॉफ़ी या चिकन सूप भी मिलेगा. असल में ये सिर्फ एक जाल था जिसका मकसद ये देखना था कि कौन सा ट्रेनी जाना चाहता था.

सिचुएशन ऐसी थी कि अगर एक भी स्टूडेंट उठ जाता तो दूसरे भी उसे फॉलो करते.एक स्टूडेंट ने उठने का मन बना लिया था कि तभी अचानक एक स्टूडेंट ने गाना शुरू कर दिया. उसने ऐसा सबका ध्यान भटका कर वहाँ से जाने से रोकने के लिए किया था. एक एक कर सब साथ में गाने लगे और इस एक्सरसाइज के खत्म होने तक नहीं रुके. सब धीरज बाँध कर वहाँ बैठे रहे.ये देख कर इंस्ट्क्टर मुस्कुराने लगा. नहीं रुक, तो इससे क्या साबित होता है? यही कि इतनी मुश्किल सिचुएशन में भी अगर एक इंसान हिम्मत और होप दिखाकर आगे आ जाए तो वोकई लोगों को मोटीवेट कर सकता है, उनमें होप जगा सकता है. ये है होप की पॉवर, ऐसी ही एक सिचुएशन विलियम के जीवन में आई.स्पेशल अफ़ग़ान ऑपरेशन के दौरान, एयरक्राफ्ट में 38 लोग मारे गए थे. उन soldiers के परिवार और बच्चे उन्हें आखरी श्रधाजलि देने एयर फ़ोर्स बेस पर गए. सबकी आँखें नाम थी, उनके दुःख को शब्दों में बयान करना मुश्किल था.

वहाँ जॉन केली नाम के एक लेफ्टिनेंट थे, उन्होंने हर परिवार से बात की और उन्हें हिम्मत दी. वो सबका दर्द बखूबी समझते थे क्योंकि उन्होंने खुद एक ऑपरेशन में अपने बेटे को खोया था.

उस दिन विलियम ने महसूस किया कि किसी को होप देना, किसी को उम्मीद बंधाना यूनिवर्स की सबसे पावरफुल शक्ति है. इस होप के साथ, एक इंसान कई लोगों को महान बनने के लिए इंस्पायर कर सकता है और एक हारे हुए मन भी जान फूंक सकता है.

नेवर, एवर क्विट (Never, ever quit!)

जिंदगी आपको कभी-कभी ऐसे सिचुएशन में डाल देती है जिससे आप घबरा जाते हैं और आपको कुछ नहीं सूझता कि क्या करना चाहिए. कुछ करने के बारे में तो बाद में सोचेंगे लेकिन पहले वहाँ टिके रहने का तो जज्बा अपने अंदर पैदा कीजिये.हार मानकर उस सिचुएशन से भाग जाना कभी सही डिसिशन नहीं हो सकता.

कभी-कभी जो चीजें आपके खिलाफ़ होती हैं वो भी आपके फेवर में हो सकती हैं. इसलिए अपने ऊपर दया मत करो. चाहे कैसी भी सिचुएशन हो, कभी SEAL ट्रेनिंग के पहले दिन, विलियम के साथ 150 और स्टूडेंट्स थे. फ़िर वहाँ एक इंस्ट्रक्टर आए और बताने लगे कि उनके अगले 6 महीने कैसे गुजरने वाले थे र कैसे वो सभी अपनी लाइफ के सबसे मुश्किल और टफ समय का सामना करने वाले थे. उन्होंने कहा कि हर एक को टेस्ट किया भी खुद को या दूसरों को उसका दोष मत दो,

जाएगा और ये ट्रेनिंग उन्हें कुचल भी सकता है इसलिए अगर कोई वहाँ से जाना चाहता हो तो उसे एक घंटी बजानी होगी. लेकिन इसके बाद उन्होंने ये भी कहा किसी चीज़ को छोड़ देना, उससे हार मान लेना चीज़ों को कभी आसान नहीं बनाता और उनमें से जो भी इस ट्रेनिंग छोड़ कर जाएगा उसे बाद में जिंदगी भर पछतावा होता रहेगा.

6 महीने बाद सिर्फ 33 स्टूडेंट्स बचे थे जो ग्रेजुएशन लेवल तक पहुंचें थे और जो अब तक डट कर हर चैलेंज का सामना कर रहे थे. विलियम उनमें से एक थे. आइए विलियम के एक और एक्सपीरियंस को सुनते हैं. अफ़ग़ानिस्तान के हॉस्पिटल में विलियम की मुलाक़ात एक नौजवान आर्मी ऑफिसर से हुई. उसका नाम एडम बेट्स था और वो 19 साल का था. वो एक हफ्ते पहले ही अफ़ग़ानिस्तान आया बचने की संभावना थी.

था और वो उसका पहला मिशन था. उस मिशन में एडम बुरी तरह जख्मी हो गया था लेकिन अब भी उसके जिंदा

फ़िरएक नर्स उसे चेक करने के लिए रूम में आई. एडम बोल नहीं पा रहा था इसलिए नर्स ने विलियम को एक पैपर दिया जिस पर साइन लैंग्वेज में कुछ सिंबल बने हुए थे. एडम साइन लैंग्वेज अच्छे से समझता था क्योंकि उसकी माँ सुन नहीं सकती थी. उसने विलियम की तरफ़ देखा, उनके चेहरे पर एडम के लिए दया साफ़ दिखाई दे रही थी. एडम ने इशारे से कहा, “मेरी फिक्र मत करो, मैं ठीक हो जाऊंगा”, और फिर वो सो गया. एक साल बाद विलियम ने एडम को फ़िर से यूनिफार्म में देखा.

वो आर्टिफीसियल पैरों की मदद से खड़ा था. उस मिशन ने उसके पैर छीन लिए थे.उसकी जगह कोई और होता तो टूट गया होता लेकिन एडम ने इतने मुश्किल ऑपरेशन के बाद भी जिंदगी दोबारा जीने की उम्मीद नहीं खोई और सबसे बड़ी बात, उसने कभी हार नहीं मानी,

कन्क्लू ज़न (Conclusion)

इस बुक में आपने उन छोटी-छोटी चीज़ों के बारे में सीखा जो आपकी जिंदगी बदल सकते हैं. आपने सीखा कि सक्सेस तक पहुँचने के लिए हिम्मत, पक्का इरादा और जिंदगी के लिए एक पॉजिटिव नज़रियाहोना कितना ज़रूरी है,

आपने ये भी समझा कि अपने दिन की शुरुआत अपना बेड़ बनाने जैसे सिंपल काम को पूरा कर के शुरू करना चाहिए ये आपमें कॉन्फिडेंस और डिसिप्लिन जैसी। qualities को पैदा करता है.आपने अपनों और दोस्तों के साथ के बारे में जाना. ये वो लोग हैं जो हमारे कदम लड़खड़ाने पर हमें

थामने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. इसलिए इनकी अहमियत को समझे आपने टीम वर्क के इम्पोर्टेस के बारे में भी जाना. कोई भी इंसान अकेला कुछ ी कर सकता.एक टीम उसका काम आसान बनाती है.

को एक्सेप्ट करें कि लाइफ हमेशा फेयर नहीं होती.आपको हर चैलेंज खिलाफ़ जीतने के लिए रिस्क लेना होगा. अगर आपने इन चीज़ों को कर लिया तो आप अपनी लाइफ बदल सकते हैं,

जिंदगी उतार चड़ाव का नाम है. आप कई बार फेल होंगे जिससे आपको दुःख होगा, जिंदगी आपको बार-बार टेस्ट करेगी लेकिन इससे डरना मत. जो डट कर सामना करते हैं सिर्फ वहीं जीतते हैं.भागना कायरों का काम है, ये कभी आपकी कोई प्रॉब्लम सोल्व नहीं करेगा लेकिन आपको डरपोक जरूर बना देगा.हर दिन खुद को एक कदम आगे पुश करें, अपने दिल से डर को ख़त्म कर जिंदगी हर चैलेंज का सामना करने का जज्बा रखें नहीं तो वक़्त निकल जाएगा और आप बाद में सिर्फ पछताते रह जाएँगे.

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