HOW TO TALK TO ANYONE by Leil Lowndes.

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About Book

आप मानो या ना मानो पर आपके और उस इन्सान के बीच जिसे आप अपना आइडल समझते हो, बस एक छोटा सा फासला है. इस बुक में आपको कुछ ऐसी टेक्नीक्स सीखने को मिलेगी जो आपकी पर्सनेलिटी में काफी पोजिटिव चेंजेस ला सकती है जैसे कि आप खुद को कैसे कैरी करते हो या दुसरे आपको किस तरह देखते है. कभी-कभी बात करते टाइम सिर्फ वर्ड्स ही इम्पोर्टेंट नही होते बल्कि हमारी बॉडी लेंगुएज जैसे बॉडी पोस्चर, आई कांटेक्ट, स्माइल या बाकि नॉन-वर्बल चीज़े भी काफी मैटर करती है और आपको डिजायर्ड गोल अचीव करने में हेल्प करती है.इन टेक्नीक्स की हेल्प से आप भी एक वी.आई.पी बन सकते है. इन टेक्नीक्स की बेस्ट बात ये है कि ये काफी अच्छा और इफेक्टिव रिजल्ट देती है, तो इसलिए आज से ही बल्कि अभी से इन टेक्नीक्स को अपनी लाइफ का हिस्सा बना लो. ये समरी किस किसको पढ़नी चाहिए ? Who will

learn from this summary?

सेल्स एजेंट्स

एम्प्लोईज़

मैनेजर्स

सिंगल लोगो को जो किसी पार्टनर की तलाश में है

ऑथर के बारे में

लील लोव्न्देस (Leil Lowndes) एक प्रोफेशनल कम्यूनिकेशन एक्सपर्ट है जो लोगो की प्रोफेशनल और पर्सनल दोनों टाइप की प्रोब्लम्स दूर करने में उनकी हेल्प करती है. इस मामले में उन्हें काफी एक्सपीरिएंस है क्योंकि डिफरेंट बैकग्राउंड और उम्र के अलग- अलग लोगों से बात करने के बाद लील ने डिसाइड किया कि वो कम्यूनिकेशन के बारे में एक बुक लिखेंगी. उन्होंने 10 बुक्स लिखी है और उनकी बुक्स 26 से भी ज्यादा लेंगुएज में ट्रांसलेट हुई है.

इंट्रोडक्शन (Introduction)

क्या आप किसी को जानते हो जिसके आते ही सबकी निगाहें उसकी तरफ उठ जाए? जो एक शब्द बोले या घूर कर देखे तो सब चुप हो जाए? क्या ऐसे इंसान को देखकर आपका मन नहीं करता कि काश! आपमें भी वो पॉवर होती. शायद आप भी इस तरह की कमांडिंग पर्सनेलिटी चाहते हो? वैसे भी कौन नहीं चाहेगा कि लोग उसे हाई रिस्पेक्ट दे. लेकिन आप शायद ये नही जानते कि आपके अंदर भी वो क्वालिटी है बस आपको इसका अंदाजा नहीं

है. अब आप शायद बोलोगे” नहीं, मुझमे वो बात कहाँ? या ऐसे लोग अलग होते है पर यकीन मानो आपके जैसे और भी लोग है जिन्होंने ये आर्ट सीखा है. हालाँकि ये बात सच है कि कुछ लोग बचपन से ही चार्मिंग पर्सनेलिटी के होते है, उन्हें ये आर्ट पैदाएशी मिलता है जबकि कुछ लोगो को कॉर्पोरेट और सोशल लैडर के टॉप पर पहुँचने के लिए ये आर्ट सीखना पड़ता है, अगर इन लोगों के पास्ट देखे तो पता चलेगा कि पहले ये किसी से बात तक नहीं कर पाते थे. और आज यही लोग पब्लिक के सामने स्टेज पर खड़े होकर कॉन्फिडेंस से स्पीच दे सकते है. इस बुक में आप डिफरेंट इफेक्टिव कम्यूनिकेशन स्किल्स, केमिस्ट्री और बाकि फैक्टर्स के बारे में सीखोगे जो आपको अपने रिलेशनशिप बिल्ड करने में काफी हेल्प करेंगे. और लाइफ में प्रोग्रेस के लिए ये एक इम्पोर्टेट फाउंडेशन है. हमेशा याद रखो कि लोगों तक सिर्फ आपके वर्ड्स ही नहीं पहुँचते बल्कि आपकी बॉडी लेंगुएज भी काफी कुछ बयान करती है.

हाउ टू मेक योर स्माइल मैजिकली डिफरेंट ( अपनी स्माइल को मैजिकल कैसे बनाये )How to Make Your Smile Magically लोग कहते है कि नॉन वर्बल भी उतने ही इम्पोर्टेट होते हे जितने कि वर्बल हिंट्स. द इसी बजह से कहा जाता है कि फर्स्ट इम्प्रेशंस लास्ट Different यानी किसी से पहली मुलाकात में जो इम्प्रेशन पड़ता है वो हमेशा याद रहता है. और ये बात काफी हद तक सच भी है. आप खुद को जैसे भी कैरी करते है, सामने वाले की नज़र में आपकी वही पर्सनलिटी बन जाती है. रोबर्ट ग्रॉसमेन एक फेमस कैरीकेचर आर्टिस्ट है और इस बात को उनसे बैटर भला कौन समझ सकता है. वो अपने ड्राइग्स के धू लोगो की पर्सनेलिटी एकदम सही-सही कैप्वर कर लेते है. हालाँकि वो जिन लोगो के कैरीकेचर्स बनाते हैं, उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में में उन्हें कुछ भी मालूम नहीं होता.

रोबर्ट इसे कुछ इस तरह देखते है कि पर्सनेलिटी सिर्फ बातो से ही नहीं झलकती बल्कि किसी के हाव-भाव से, पोस्चर से, उसकी मूवमेंट्स से भी उस इंसान के बारे में काफी कुछ पता चलता है. केरीकेचर बनाते वक्त रोबर्ट इसी इम्पोरेंट फैक्टर को लेकर चलते है शायद इसीलिए बर्ट का आर्ट इतना रियल और पर्सनल है. किसी से कोई डील करते वक्त उसके मूवमेंट्स पर गौर करना बहुत जरूरी है तभी आपको पता चलेगा कि आपका काम बनेगा न लगता या नही. हर कम्युनिकेशन की शुरुवात स्माइल के साथ करे. ये हमारी गलतफहमी है कि स्माइल करना जरूरी नहीं है खासकर बात जब लीडरशिप, या करिज्मा की हो पर यकीन मानो आपकी एक स्माइल से काफी कुछ चेंज कर सकती है. लोगो को मुस्कुराते हुए चेहरे पसंद होते है इन्फ्लु एस या हालांकि ऑथर ने गौर किया कि है. कि जो बड़े लोग होते है जैसे कि सीईओ और लीडर्स, ये लोग बहुत कम स्माइल करते है पर जब स्माइल करते है तो बाकि भी इनके साथ मुस्कुराते है.

इन रिस्पेक्रेड लोगो के ऊपर इतनी रीस्पोंसेबिलिटीज़ होती है कि ये मुस्कुराना ही भूल जाते है. बात जब आपकी स्माइल की हो तो इसे फेस पर ईजिली जाहिर मत होने दो, यहाँ आपको “फ्लूडिंग स्माइल” टेक्नीक सीखनी पड़ेगी. इस टेक्नीक में किसी से बात करते वक्त उसे देखकर धीरे से एक हल्की स्माइल दो. फिर कुछ सेकंड सामने वाले के फेस को गौर से देखते रहो और फिर उसे एक अच्छी सी स्माइल दो. इससे सामने वाले की नजरो में आप और भी सिंसियर लगोगे लील लोव्न्देस।

(Leil Lowndes) ने एक बार अपनी फ्रेंड निस्सी को ज्वाइन किया जो अपने तीन पोटेंशियल क्लाइंट्स से डिनर पर मिल रही थी.

अपने फादर की डेथ के बाद मिस्सी ने अभी-अभी अपना फेमिली बिजनेस संभाला था. लील मिस्सी से मिलने के लिए काफी एक्साईटेड थी. मिस्सी की बड़ी सी स्माइल और दिल खोलकर हंसने की आदत लील को अभी तक याद थी. जब मिस्सी अपने पोटेंशियल क्लाइंट्स से बात कर रही थी तो लील को मिस्सी में कुछ चेंज लगा. हाँ वो पहले वाली उनकी फ्रेंड मिस्सी ही थी पर वो अब पहले से ज्यादा सिंसियर लग रही थी. डिनर खत्म हुआ और मिस्सी को अपने क्लाइंट्स की डील भी मिल गयी. लील ने मिस्सी को बोला कि तुम अभी भी वही मिस्सी हो पर तुम थोड़ी सी बदल गई हो. तो मिस्सी ने कहा कि हाँ अब तो पहले से कम मुस्कुराती है. मरने से पहले उसके डैड ने उसे बोला था कि कॉर्पोरेट वर्ल्ड में जो लेडी कम स्माइल करे उसे ज्यादा प्रोफेशनल समझा जाता है. बेशक स्माइल एक एस्सेट होती है पर मिस्सी को उसकी स्लो स्माइल ने ज्यादा क्रेडिबल बनाया है, और ये बात लील को काफी इफेक्टिव भी लगी क्योंकि मिस्सी अब ज्यादा सिंसियर और स्पेशल लग रही थी.

हाउ टू स्ट्राइक एवरीवन एज़ इंटेलीजेंट एंड इनसाईटफुल बाई यूजिंग योर आईज़ ( अपनी आँखों से कैसे सबको यकीन दिलाए कि आप एक इंटेलीजेंट और इनसाईटफुल पर्सन हो) How to strike Everyone as Intelligent and Insightful by Using Your Eyes हालकि आई कांटेक्ट यानी आँखों में आँखे डालकर बात करना एक अच्छी बात मानी जाती है पर काफी लोग इसके अलग-अलग मतलब निकालते है. कुछ कल्चर्स में इसे जादू-टोना समझा जाता है तो कुछ कल्चर्स में आई कांटेक्ट का मतलब है कि हम सामने वाले को डरा रहे है या फिर उसकी इंसल्ट कर रहे है, इसलिए आप जहाँ भी जाये वहां के कल्चर के हिसाब से बिहेच करे तो बैटर होगा. घुमने फिरने की बात अलग है, इसके अलावा कॉर्परिट वर्ल्ड में स्ट्रोंग आई कांटेक्ट काफी इम्पोर्टेट माना जाता है. और बात अगर रोमांस की हो तो आई कांटेक्ट के बिना बात बन ही नही सकती. जब आपकी आँखे किसी से मिलती है तो आपस में एक रिस्पेक्ट और अटेशन की फीलिंग आती है. लेकिन जब आप किसी को घूरते हो तो ये बायोलोजिकल बेस ट्रिगर कर सकता है यानी उस इंसान की हार्ट बीट तेज़ हो जाएगी और वो धोडा टेंशन में आ जायेगा. ये बिलकुल ऐसे ही फील होता है जब किसी को किसी से प्यार होता है. आप जब आई कांटेक्ट बनाते हो तो लोग भी आपकी तरफ अट्रेक्ट होते है. लील लोव्देस ने भी एक्सपीरियंस किया कि आई कांटेक्ट क्रूशियल होता है लेकिन उस तरह से नहीं जैसा उन्होंने एक्स्पेक्ट किया था. एक बार वो सेमिनार कर रही थी जहाँ बहुत से लोग थे. तभी लील की आँखे एक लेडी से टकराई. वो लेंडी उन्हें काफी देर से घूर रही थीं. एक मिनट के लिए भी उसकी नजर लील से नहीं हटी थी. लील को उस औरत की अटेंशन अच्छी लगी इसलिए सेमिनार खत्म होने के बाद वो उस लेडी के पास गयी, लील ने उससे पुछा” अपने सेमीनार से कुछ सीखा क्या ? तो उस लेडी ने कहा कि उसे ज्यादा कुछ समझ नहीं आया क्योंकि उसे ठीक से सुनाई नहीं देता इसलिए वो लील के लिप्स रीड कर रही थी. लेकिन इसमें भी उसे मुश्किल आ रही थी क्योंकि लील स्टेज पर चलते हुए लेकचर दे रही थी और बार-बार डायरेक्शन चेंज कर रही थी. उस लेडी की बातो से लील इतनी इम्प्रेस हुई कि उस लेडी को अपने पास बिठाकर पूरा लेक्चर दुबारा समझाया. और वो लेडी अच्छे से समझ गयी.

आई कांटेक्ट की एक और टेक्नीक है जिसे स्टिकी आईज” बोलते हैं. आपको इमेजिन करना है कि आपकी आँखों आपके पार्टनर की आँखों से चिपकी जैसे कोई चीज़ ग्लू से चिपक जाती है, जब उनकी बात खत्म हो तो तुरंत आई कांटेक्ट मत तोड़ो, बल्कि धीरे से अपनी आँखे हटाओ जैसे आप कोई ग्लू का धागा धीरे-धीरे खींच रहे है, वैसे “स्टिकी आईज़ टेक्नीक आदमी और औरत दोनों डिफरेंट वे में अप्लाई करते है. जब औरते आपस में बात करती है कि दोनों उस एक्सपीरिएंस को पोजिटिव रेट करती है, यानि नॉर्मली दो औरते आपस में बाते करते वक्त फीलिंग ऑफ इंटिमेसी यानी एक क्लोजनेस फील करती है. जबकि दो आदमी बाते करते वक्त एक दुसरे के उतने क्लोज नही फील करते, जितना लंबा उनका आई कांटेक्ट रहेगा उतना ही ज्यादा दोनों एक दुसरे से एक श्रेट या अलर्ट सिचुएशन में रहते है, तो आदमियों के लिए स्टिकी आईज़” टेक्नीक में थोड़ा चेंज लाने के लिए हम सैमी की स्टोरी पढेंगे.

औरतों के मुकाबले आदमियों की थोड़ी सी डिफरेंट “स्टिकी आईज़” टेक्नीक होती है, इसके बारे में और पता लगाने के लिए लील ने डिसाइड किया कि वो एक सेल्समेन सेमी को ये टेक्नीक करने को बोलेगी, सैमी की आदत थी कि वो अनइंटेंशनली लोगों को हर्ट करता था. उसका औरा कोल्ड था तो लील ने उसे ये टेक्नीक अप्लाई करने का सजेशन दिया. लील और सैमी साथ में एक रेस्टोरेंट में गए. वहां सैमी ने वेटर पर टेक्नीक यूज़ की. मेन्यू पर नज़र गढ़ाए सिर्फ ऑर्डर देने के बजाए इस बार उसने वेटर से आई कांटेक्ट किया. वो वेटर को स्माइल देते हुए गौर से उसकी आँखों में देखता रहा. उस वक्त सैमी एक कैयरिंग और सेंसटिव पर्सन लग रहा था. लील सैमी से काफी इम्प्रेस हुई, इस टेक्नीक ने सैमी का पूरा औरा ही चेंज कर दिया. तो अगर किसी आदमी को क्लाइंट से मिलना है, या किसी बॉस या कलीग से डिस्कस करना है तो एक बड़ी सी स्माइल के साथ स्टिकी आइज़ टेक्नीक यूज़ करो. इससे सामने वाले को बुरा भी नहीं लगेगा और आपको सिसियर भी समझेगा और आप भी उसे ईजिली कन्विंस कर पाओगे.

हाउ टू मेक योर आईज़ टू मेक समवन फाल इन लव विद यू (How to Use Your Eyes to Make Someone Fall in Love with You)

अगर हमारे पास “स्टिकी आईज़” टेक्नीक है तो “इपोक्सी आईज़” भी है. इपोक्सी एक तरफ का ग्लू होता है जिसे हम लकड़ी या कंक्रीट जैसे स्ट्रोंग मैटीरियल चिपकाने के लिए यूज़ करते है. “इपोक्सी आईज़” को आप स्टिकी आईज़ का अपग्रेड वर्जन समझ सकते हो. बहुत से प्रोफेशनल्स जैसेकि लॉयर्स, बॉस, पोलिस और साइकोलोजिस्ट जैसे लोग किसी इंसान की पर्सनेलिटी के बारे में जानने के लिए इसी टेक्नीक को यूज़ करते हैं. यहाँ तक कि ह्यूमन रीसोर्सेस डिपार्टमेंट के लोग भी किसी सर्टेन आईडिया या प्रिंसिपल पर एम्प्लोईज़ का रिएक्शन देखने के लिए ये टेक्नीक अप्लाई करते है. लेकिन इपोक्सी आई” आखिर है क्या? वेल, इस टेक्नीक को अप्लाई करने के लिए तीन लोग चाहिए. यानी आप, आपका टारगेट और एक और इन्सान. वैसे जब आप दो या ज्यादा लोगो से बात कर रहे होते हो तो आपका ध्यान इस बात पे ज्यादा नहीं जाता कि कौन बोल रहा है,

हालाँकि इपोक्सी आईज़ के साथ आप स्पीकर पर फोकस नहीं करते बल्कि दुसरे सुनने वाले पर करते हो जोकि आपका टारगेट है. तो ये टारगेट को कन्फ्यूज़ कर देगा. वो सोचेगा कि आप स्पीकर के बदले उसे इतने गौर से क्यों देख रहे हो. ये टेक्नीक स्पेशली ज्यादा इफेक्टिव होती है जब आप किसी पार्टी में होते हो या ग्रुप डिनर में या किसी बार में, आपका टारगेट आपकी आँखों में स्पेशल फील करेगा, और ये बात वो भीड़ में भी फील कर सकता है कि आपकी सारी अटेंशन सिर्फ उसके लिए है. और आपको भी उसी मोमेंट ये पता चल जायेगा कि सामने वाला आपमें इंटरेस्ट ले रहा है या नही.

वर्क सेटिंग में आप “इपोक्सी आईज़ यूज़ कर सकते हो, जैसे कि अगर आप अपने एम्प्लोईज़ का वर्क हावर्स चेंज करते है और उनका रिएक्शन देखना चाहते है. इमेजिन करो कि आप बिग बॉस है. आप ह्यूमन रीसोर्स मैंनेजर को बोल सकते हो कि सारे एम्प्लोईज़ को एक रूम में इकठ्ठा करे और उन्हें कंपनी की डिसीजन के बारे में बताये, और जब एच आर मैंनेजर बात कर रहा हो तो आप एम्प्लोईज़ के फेस की तरफ देखो. अगर वो ध्यान से बात सुन रहे होंगे तो उन्हें हैरानी होगी कि आप एच आर मैनेजर के बजाए उनकी तरफ देख रहे है. अगर आपको लगे कि एम्प्लोईज़ अनकम्फर्टबल लग रहे है तो एक बार बीच में अपनी नज़र एच आर मैनेजर पर डाले. अब जब एच आर मैनेजर उन्हें बेड न्यूज़ देगा कि कंपनी उन्हें डे शिफ्ट के बजाए नाईट शिफ्ट में काम करवा रही है. आप रूम में मौजूद सबके रिएक्शन देख सकते हो. इससे आपके एम्प्लोईज़ को पता लग जायेगा उनके रिएक्शन पर नज़र रखी जा रही है कि कंपनी के इस डिसीजन से वो लोग खुश नहीं है. अब बात करते है रोमांटिक सेटिंग की. “इपोक्सी आईज़” टेक्नीक किसी का भी दिल पिघला सकती है. ये एक मैसेज देती है कि आप सामने वाले से बहुत इम्प्रेस्ड है और उस पर से अपनी नज़र नहीं हटा पा रहे. आई काटेक्ट आपकी बॉडी के लिए भी काम करती है. जब आप किसी की आँखों में गहराई से डूब कर देखते हो तो आपकी बॉडी में एक ड्रग जैसा सब्स्टेंस रिलीज़ होता है जिसे फेनिलेथीलमाइन (pienylethylamine) कहते है. ईरोटीकली एक्साइटेमेंट की हालत में भी यही सन्स्टेंस रिलीज़ होता है, इसलिए आई काटेक्ट लवर्स को मूड ओन करने में हेल्प करता है. लेकिन याद रहे कि इपोक्सी आईज़”\ पोजिटिव वे ली जाए यानी आप इसे अपने लवर पर ही यूज़ करो. अगर किसी स्ट्रेंजर पर ट्राई करोगे तो प्रोब्लम हो सकती है.

ये सच है कि “इपोक्सी आईज़ आपका कांफिडेंस बढ़ा सकती है पर इसे ज्यादा अप्लाई करने पर आप एरोगेंट भी लग सकते हो. अगर आपको लगे कि इपोक्सी आईज़” ज्यादा स्ट्रोंग इफेक्ट डाल रहा है तो इसे थोड़ा कम करो, अपने टारगेट पर पूरा अटेंशन फोकस करने के बजाए बीच-बीच में स्पीकर की तरफ भी देखो, इस तरह आपके टारगेट को आपकी अटेंशन उतनी इंटेंस नहीं लगेगी.

हाउ टू लुक लाइफ अ बिग विनर व्हेयरएवर ५ गो जहाँ भी जाए एक बड़े विनर की तरह जाए )How to Look Like a Big Winner Wherever You Co

हम सब खुद को मिलियन डॉलर्स का मालिक समझना चाहते है, जब हम अच्छे मूड में होते हो या कुछ अजीब होता है तो हमारा बिहेव और पर्सनेलिटी बदल जाती है. बेशक हमे पता ना चले लेकिन बाकि लोग जरूर नोटिस करते है. जब आप एक विनर की तरह फील करते हो तो आपका सर थोड़ा ऊंचा ी हो जाता है और शोल्डर एकदम सीधे. आपके फेस पर एक स्माइल आ जाती है और आँखे खुशी से चमकने लगती है. लेकिन एक विनर की तरह फील करने के लिए आपको किसी मौके का वेट नहीं करना है. आप बिना कुछ जीते एक विनर का एटीट्यूड प्रेक्टिस कर सकते हो. दरअसल विनर्स के फेस पर कॉन्फिडेंस की चमक होती है और वो एक डिग्निटी के साथ खड़े होते है. उनका कांफिडेंस उनके पोस्चर में झलकता है. अगर आप किसी और के जैसा दिखना चाहते हो के साथ रतडे ने हो तो आपको म जब बच्ची था तो उन्हें एक सर्कस देखकर एस्पिरेशन मिली, वाल्लेंडस करना होगा, इस टेक्नीक को” हँग बाई योर टीथ” बोलते है. लील | तरह खुद क The Wallendas) फेमस सर्कस परफॉर्मेंस थे और उनका बेस्ट एक्ट ह्यूमन पिरामिड था, वाल्लेंडस जब जमीन के कई बार फीट ऊपर एक पतली तार पर ह्यूमन पिरामिड बनाते थे तो सबकी साँसे रुक जाती थी. और अगर पिरामिड टूट जाए तो नीचे उन्हें बचाने के लिए म लील ने नोट किया कि उनका पोस्चर एकदम परफेक्ट कोई नेट भी नहीं होता था. ये एक्ट देखने लायक होता था. था. “हैंग बाई योर टीथ” टेक्नीक भी ऐसी ही है, इसे आयरन जॉ से लिया गया है जो एक टूल होता है जिसे एक्रोबेट्स हवा में बिना किसी सेफ्टी हान्नेस के हवा में स्टंट करने के लिए यूज़ करते है. एक ए एक्रोबेट आयरन जॉ को दांतों से पकड़ लेता है जोकि छत की रस्सी से बंधा होता है. फिर वो इस टूल की हेल्प से हवा में बड़े ग्रेसफूली घूमता रहता है. आपको भी बिलकुल ऐसे ही सोचना है. इमेजिन करो कि आपके सर के ऊपर एक आयरन जॉ लटक रहा है. बस इस आयरन जॉ को दांतों से पकड़े रहो और एक बड़ी सी स्माइल करते रहो. ये आयरन जॉ आपका सर ऊँचा और आपके कंधे सीधे रखेगा. इस टेक्नीक की हेल्प से आपको अपने अंदर एक कांफिडेंस, प्राइड और सक्सेस की फीलिंग आएगी.

लील लोटन्देस (Leil Lowndes) एक्तोबेट्स की परफेक्ट परफोर्मेस से तो काफी इम्प्रेस्ड थी ही साथ ही वो इस बात से भी बड़ी हैरान थी कि परफोर्मर्स कैसे खुद को एकदम परफेक्ट तरीके से प्रजेंट करते थे, वाल्लेंडस (Wallendas} अपने एक्ट के बाद एक लाइन में खड़े हो जाते थे. और जब लोग तालियाँ बजाकर उन्हें प्रेज करते थे तो वो एक साथ सर झुकाकर शुक्रिया अदा करते थे. लील ने नोटिस किया कि उन सबकी बैंक एकदम स्ट्रेट रहती थी, सर ऊंचा और चिन ऊपर, चाल्लेंडस (The wallendas ऐसे सीधे खड़े रहते थे कि लगता था कि उनके पैर ग्राउंड पर है ही नहीं ! उनकी बॉडी के हर पार्ट से एक प्राइड और सक्सेस की फीलिंग झलकती थी. और सबकी एडमाईरिंग नज़र उन पर टिकी रहती थी, वाल्लेंडस जैसे आप भी बन सकते हो. नहीं, हम ये नहीं बोल रहे कि आपको एक्रोबेट बनना पड़ेगा बल्कि आप भी अपने अंदर उनके जैसा कांफिडेंस और ग्रेस ला सकते हो.

हाउ टू विन देयर हार्ट बाई रिस्पोंर्डिंग टू देयर “इनर इन्फैंट” (How to Win Their Heart by Responding to Their “Inner

Infant”)

अभी तक आपने वो टेक्नीक्स सीखी जिन्हें अप्लाई करके आप अपने लिए लोगों के नजरिये में एक इम्पूरूवमेंट ला सकते हो. तो अब टाइम है ये सीखने का कि लोग आपको किस तरफ जज़ करते है. रियल वर्ल्ड में ये कहना काफी मुश्किल हैं कि कौन आपको पसंद करता है और कौन नही. और ऐसा भी नहीं हो सकता कि आप सबसे ये सवाल पूछते फिरो कि “आप मुझे पसंद करते हो या नहीं” बल्कि आपको उनकी बॉडी लेगुयेज पढकर ये बात खुद समझनी पड़ेगी. अटॉनीज़ अक्सर लोगो की इंस्टिकटिव बॉडी रिएक्शन पर फोकस करते है. यानी लोगो के फेस और हाव-भाव पर ध्यान देते हैं. जैसे कि उनके सवाल पर क्या वो आगे की तरफ झुके? क्या आपके हथेलियाँ खुली है जो शो करती कि जिस बात पर डिस्कस हो रहा है उसे आप एक्स्पेट करते है, या फिर आपकी मुठी बंधी है यानी आप डिसएग्री है ? ट्रायल लॉयर्स अक्सर किसी को ओब्ज़ेर्द करने के लिए लेडिज़ की हेल्प लेते है क्योंकि औरते आदमियों के मुकाबले बॉडी लेंगुएज बैटर समझती है. लेकिन ये सब करने के लिए हमे लॉयर या अटॉर्नी होने की जरूरत नहीं है. जब भी आपकी लाइफ में कोई नया इन्सान आता है तो हम खुद से सदाल करते है कि हमे उस इन्सान पे ट्रस्ट करना चाहिए या नहीं. इसलिए किसी से मिलने के कुछ महीने का टाइम काफी कूशियल होता है क्योंकि आपका रिएक्शन ही आपके रिलेशनशिप की फाउंडेशन है,

जैसे मान लो कोई बच्चा अगर शर्मीला है तो हमे पता चल जाता है क्योंकि वो अपनी मदर के पीछे छुप जायेगा या अपना फेस कवर कर लेगा, लेकिन वो बच्चा अपने फादर को देखते ही भाग कर उनके गले लग जाता है. लील लोव्न्देस बच्चे की बॉडी को एक छोटे से फूल की तरह मानती है जो सुरज की रोशनी से खिलता है. हम बच्चो से यही टेक्नीक सीख सकते है जिसे” द बिग बेबी पाइवोट” बोलते है. जो भी आपसे मिले उसे आपसे मिलकर अच्छा लगना चाहिए, उन्हें देखकर स्माइल करो और अपना पूरा अटेंशन दो बिलकुल एक बच्चे की तरह जो आपसे प्यार-दुलार करता है, आपके गले से लिपट जाता है,

द बिग बेबी पाइचोट” टेक्निक सामने वाले को स्पेशल फील कराएगी और लोग आपकी तरफ खींचे चले आयेंगे. कुछ साल पहले लील एक कॉर्पोरेट पार्टी में गयी, उनके साथ उनकी फ्रेंड कार्ता भी थी जिसका अभी-अभी डिवोर्स हुआ था. कार्ला काफी अट्रेक्टिव लेडी थी. कॉर्पोरेट पार्टी में कई लोग उसे देख रहे थे. कुछ लोगों ने कार्ला को देखकर स्माइल किया तो बदले में कार्ला ने भी स्माइल किया. लेकिन उसने किसी को और कोई हिंट नही दिया. यो लील के साथ बाते करने में बीजी थी. हालाँकि कार्ला किसी से बात करने में इंट्रेस्टेड थी पर उसे डर था कि शायद कोई उसे अप्रोच नहीं करेगा.

फिर पार्टी के होस्ट का छोटा बेटा विली उनके पास आया तो कार्ला ने उसे एक बड़ी सी स्माइल दी. उसने जब विली से पुछा कि तुम्हे पार्टी में मजा आ रहा है? तो विली बड़ा खुश हुआ क्योंकि उसे अटेंशन मिल रही थी, बाद में वो किसी और के पास जाकर उससे बात करने लगा, काल्ला और लील फिर से अपनी बातो में मस्त हो गए तो लील ने देखा कि अब कुछ और लोग भी कार्ला की तरफ देख रहे थे, वो वेट कर रहे थे कि कब कार्ला भी पलट कर उनकी तरफ देखे, तो लील ने कार्ला को “द बिग बेबी पाइवोट” टेक्नीक यूज़ करने को बोला. उसने काला को बोला कि अब जो भी नेक्स्ट आदमी उसे देखकर स्माइल करे तो वो भी उसे बड़ी सी स्माइल दे और बातचीत की शुरुवात करे. बिलकुल ऐसे ही जैसा विली ने किया था. उसे भी लोगों को पूरा अटेशन देना चाहिए. लील की बाते सुनकर कार्ला को एकरेजमेंट मिली. कार्ला ने लील का प्लान ट्राई किया तो थोड़ी देर बाद ही एक हैण्डसम लड़के से उसकी दोस्ती हो गयी. पूरी पार्टी के दौरान दोनों बाते करते रहे और पार्टी खत्म होते ही कार्ला

अपने नए फ्रेंड का हाथ पकड़े पार्टी से निकल गयी. कनक्ल्यू जन (Conclusion)

बात अगर जॉब प्रोमोशन की हो या नए फ्रेंड्स बनाने की या फिर एक सक्सेसफुल डील क्लोज करने की हो तो सिर्फ टॉकिंग से बात नही बनती. ये बुक आपको सिखाती है कि हम अपने कम्यूनिकेशन में नॉन वर्बल इशारों को जैसे स्माइल, पोस्चर या आई कांटेक्ट जैसी इम्पोर्टेंट चीजों को अक्सर इग्नोर कर देते है, लेकिन ये छोटी-छोटी ट्रिक्स भी बड़े काम आती है जिससे हमे बेनिफिट तो होता ही है साथ ही हमारे सेल्फ एस्टीम लेवल भी इनक्रीज होता है.

आपने फ्लूडिंग स्माइल” के बारे में जाना जहाँ आप किसी को देखकर स्माइल करते हो और उन्हें रिएलाइज कराते कि आप सिर्फ उन्हें देखकर स्माइल कर रहे हो, स्टिकी आईज़ टेक्नीक में आपके और सामने वाले के बीच एक स्ट्रोंग सेंस ऑफ़ इंटिमेसी और कनेक्शन होता है. “स्टिकी आईज” का एक और डीप फॉर्म है “इपोक्सी आईज” जहाँ आप अपने सामने वाले की बातो से ज्यादा अपने टारगेट पर ज्यादा ध्यान देते हो. इससे आपके टारगेट को लगता है कि आपका सारा ध्यान उनके रिएक्शन पर है और आप रियली में उनकी बातो की केयर करते हो, लेकिन ये याद रहे कि आपको “इपोक्सी आईज” टेक्नीक बहुत ज्यादा यूज़ नहीं करनी है क्योंकि ये आपके किसी खास करीबी के उपर इंटैस भी हो सकती है. और जब बात पोस्चर की हो तो “हेग बाई योर टीथ” टेक्नीक आपको याद दिलाएगी कि आप जहाँ भी जाये, स्माइल करना ना भूले, अपने शोल्डर्स सीधे रखे और आपको अपना सर झुकाना नहीं है बल्कि ऊपर रखना है जैसे कि आप किसी सर्कस में परफॉर्म करने जा रहे है. और लास्ट में द बिग बेबी पाइवोट” हमें दूसरों के साथ डील करने में हेल्प करती है जैसे कोई छोटा बच्चा हमारी अटेशन चाहता हो, तो आपको उन्हें बड़ी सी स्माइल देनी है और कुछ मजेदार बाते करनी है.

ये सारी टेक्नीक्स अप्लाई करने में बेशक आपको थोडा टाइम लगेगा, पर धीरे-धीरे ये आपकी हैबिट बन जायेंगी. आप उन लोगो से भी इंस्पिरेशन ले सकते हो जो इन टेक्नीक्स को लाइफ में अप्लाई कर चुके है और उनको काफी फायदा भी हुआ है. लेकिन सबसे पहले आपको खुद पे बिलीव करना होगा. इन टेवनीक्स को यूज़ करके आप भी बहुत से लोगो को इंस्पायर कर सकते हो.

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