लेखक के बारे में
क्लाडिनो फैड्िस आराओज़ (CaudioFeranderaD2} अरजेटीना के एक लेखक और स्पौकर हैं। वे टेनेंट और लीडरशिप के एक्सपर्ट हैं और दुनिया भर में वे इसी के लिए जाने जाते हैं। बिजनेस चौक ने उन्हें दुनिया के सबसे प्रभावशाली सलाहकारों में से एक बताया है। इस समय च गान जेंटर के सौनियर एकॉंक्यूटिव हैं।
यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए?
एक बिजनेस को कामयाब बनाने के लिए बहुत सी बातें मायने रखती है। हर यह सोचता है कि किस तरह से चह इन अलग अलग बातों पर ध्यान देकर, इन्हें पहले से बेहतर बना कर अपनी कपनी को आगे लेकर जा सकता है। लेकिन क्या कोई ऐसी एक वीज है जिसे ठीक कर देने ज्यादातर चीजें अपने आप ठीक हो जाए? क्या कोई ऐसी चीज़ है जो बाकी सब से ज्यादा मायने रखती है?
इस सवाल का जवाब है अच्छी और काबिल टीमा अगर आप के पीछे काम करने के लिए काबिल लोगों की एक टीम है तो आपको ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन बहुत से लोडर लोगों को लेकर गलत फैसले ले लेते हैं। इन फैसलों को लेना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन वो क्या है जो इसे मुश्किल बनाता है? आप इसे कैसे
सीख सकते हैं? इस तरह के कई सवालों के जवाब यह किताब हमें देती है।
इसे पढ़कर आप सीखेंगे
-अच्छे लोगों को चुनने का फैसला इतना जरूरी क्यों है।
इस तरह के फैसले लेना इतना मुश्किल क्यों है।
-हमारा नजरिया किस तरह से हमें गलत फैसले लेने पर मजबूर करता है।
अच्छे लोगों के बिना आप कामयाब नहीं हो सकते।
अब तक आप ने बहुत सी किताबें पढ़ी होंगी। हर बिजनेस की किताब यह दावा करती है कि उनके बताए गए कदर्मों पर चलकर बहुत से लोगों ने कामयाबी हासिल की और आप भी कर सकते हैं। वे आपको बहुत से टिप्स देते हैं, आइडियाज़ देते हैं। लेकिन बहुत कम किताबे ऐसी है जो आपको लोगों का चुनाव करने के बारे में जानकारी देती है।
एक लीडर की सबसे खास बात यह होती है कि वो जानता है कि लोगों से बेहतर तरीके से काम कैसे करवाना है। वह अच्छे लोगों को परखना जानता है और उनकी काबिलियत के हिसाब से उन्हें काम देना जानता है। अगर आप वाकई एक लीडर अच्छे लोगों को चुनने की और उनसे संबंधित फैसलने लेने की खूबी बहुत जरूरी है।
एक बिजनेस में आप जैसे जैसे आगे बढ़ते जाते हैं, आपको अलग चले तरह के लोगों की जरुरत पड़ने लगती है। आपको यह बात समझ लेनी चाहिए कि आप अकेले सब कुछ नहीं कर सकते। अगर आप कर भी लें, तो आप उसे कम समय में अच्छे तरीके से बिल्कुल नहीं कर सकते। काबिल लोग आपका बहुत सारा समय और मेहनत बचा सकते हैं। आप इस समय और मेहनत को कहीं और लगाकर ज्यादा काम कर सकते हैं।
कुछ लोगों का मानना है कि अगर किसी व्यक्ति के बगल में बैठने पर आपको कुछ अच्छा नहीं लग रहा है, तो समझ जाइए कि वो व्यक्ति काबिल नहीं है या फिर वो आपकी टीम के लिए अच्छा साबित नहीं हो सकता यह बात बिल्कुल गलत है। लोगों को परखना एक कला है जिसे हम सीख सकते हैं।
एक कंपनी को कामयाब बनाने के पीछे एक टीम का हाथ होता है जिसमें काबिल लोग काम करते हैं।
जब लोगों से संबंधित फैसले लेने की बारी आती है तो हम में से ज्यादातर लोग तीन में से सिर्फ एक बार सही फैसला लेते हैं। सही लोगों को चुनना सीखना बहुत जरूरी है क्योंकि अगर आपके लोग अच्छे नहीं होंगे, तो आपकी कंपनी कभी अच्छी नहीं हो सकती। काबिल लोग एक खराब आइडिया को भी बेहतर बना देते हैं जबकि खराब लोग एक अच्छे आइडिया को भी खराब कर देते हैं। यह बात सच है कि एक बिजनेस को कामयाब बनाने के पीछे बहुत सी बातें होती हैं। एक्ज़ाम्पल के लिए आपको यह पता होना चाहिए कि अलग अलग तरह की
प्रतियोगिताओं से किस तरह से खुद को बचाना है, मार्केट की उठती माँगों को किस तरह से हैंडल करना है या कब अपनी कंपनी को दूसरी कंपनियों के साथ जोड़ना है।
यह सारे काम आप अकेले नहीं कर सकते। इनके लिए आपको अलग अलग तरह के लोगों की जरुरत होगी और साथ ही साथ आपको उन अलग अलग लोगों को उनकी सही जगह पर रखना भी होगा।
आज हम टेक्नोलॉजी की दुनिया में जी रहे हैं जो कि हर दिन तेजी से आगे बढ़ती जा रही है। अगर आप इसके साथ भागना नहीं सीखेंगे तो कुछ दिनों में आप बीते हुए जमाने कहे जाने लगेंगे। और इस वक्त में इतना सब करने के लिए आपको काबिल लोगों की जरुरत पड़ेगी।
काबिल लोगों की कमी की वजह से उन्हें ढूंढना और सही जगह पर रखना बहुत मुश्किल होता है।
अब आप सोच रहे होंगे कि जब काबिल लोगों को चुनने का फैसला लेना इतना जरूरी है तो बहुत से लोग क्यों इसे नहीं ले पाते? इसका सीधा सा जवाब यह है कि यह
फैसले लेना इतना आसान नहीं होता। आइए हम देखें वो क्या है जो इसे इतना ज्यादा मुश्किल बनाता है। सबसे पहली बजह यह हैं कि मार्केट में काबिल लोग बहुत कम हैं और इनके पीछे लगभग हर कोई पड़ा है। दुनिया बहुत से आम लोगों से भरी हुई है। काबिल लोगों को खोज पाना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए अक्सर कंपनियों काबिल लोगों को काम पर नहीं रख पाती।
इसके बाद अगर आपको काबिल लोग मिल भी जाए तो यह पता करना बहुत मुश्किल होता है कि उन्हें आपको कहाँ पर लगाता है। बहुत से काबिल लोगों के पास काम करने का तरीका तो होता है, लेकिन बात करने का तरीका नहीं होता। कुछ लोग ग्राहकों को अच्छे से संभाल लेते हैं लेकिन दूसरे जरूरी काम नहीं कर पाते। जब एक काम को करने के लिए दो या दो से ज्यादा खूबियों की जरुरत पड़ती है और वो सूबियाँ एक ही व्यक्ति में नहीं होती तो ऐसे में यह पता कर पाना बहुत मुश्किल हो जाता है कि किसे कहाँ पर काम दिया जाए।
इसके अलावा जैसा कि हमने पहले कहा, आज के वक्त में बदलाव बहुत तेजी से हो रहे हैं। आगर आप एक व्यक्ति को सही जगह पर रख भी देंगे तो कुछ वक्त के बाद जब काम को दूसरी तरह की खूबियों की जरूरत होगी तो वो व्यक्ति उस काम को नहीं कर पाया।
हमारी मानसिकता कभी कभी हमें सही फैसले नहीं लेने देती।
क्या आपको लगता है कि आप जो भी करते हैं वो अपने हिसाब से सोच समझ कर करते हैं? अगर ऐसा है तो आप गलत सोचते हैं। कभी कभी हमारी प्रकृति, हमारा स्वभाव हमें कुछ गलत फैसले लेने पर मजबूर कर देता है। आइए देखें वो कोन सी जगह है जहां पर हम इस तरह से अनजाने में काम करते हैं।
सबसे पहला गलत काम जो हम करते हैं वो है आज के काम को कल पर टालना। हमारे दिमाग को आराम पसंद है। वो चाहता है कि उसे काम ना करना पड़े। इसालिए इम में से लगभग हर कोई कभी ना कभी अपने आज के काम को कल पर टाल देता है। बहुत बार ऐसा होता है कि हमें किसी कर्मचारी को काम पर से निकालना होता है क्योंकि वो अच्छे से काम नहीं कर रहा है, लेकिन हम इस फैसले को किसी और दिन के लिए टाल देते हैं। इससे कंपनी का बहुत सारा पैसा और समय बरबाद होता है।
इसके बाद जो गलत काम हम अनजाने में करते हैं चो है लोगों को देखकर काम करना। भीड़ में चलना हम सभी को पसंद है। अगर सड़क पर कहीं बहुत ज्यादा भीड़ है तो हमारे अवर से आवाज आती है – चलो देखते हैं वहाँ क्या है। इसमें हम सुरक्षित महसूस करते हैं। इसका मतलब यह है कि आपको कही न कहीं लग रहा है कि यह फेसला लेना ठीक नहीं है, लेकिन सभी लोग कह रहे है कि आपको यह फेसला ले लेना चाहिए, तो आप वह गलत फेसला ले लेंगे। हमारा दिमाग इसी तरह से काम करता है।
इसके बाद जो चीज़ हमें सही फैसले नहीं लेने देती वो है कैंडिडेट्स का झूठ बोलना। कुछ लोगों को नौकरी की बहुत सख्त जरुरत होती है। ऐसे में वे यह दिखावा करने लगते हैं कि इस नौकरी के लिए उनसे अच्छा मादमी हो ही नहीं सकता। एक सर्वे में जब कालेज के स्टूडेंट्स से पूछा गया कि क्या वे एक नौकरी को पाने के लिए झूठ बोलेंगे, तो उन में से 95% लोगों ने हाँ कहा।
इसका अलावा कभी कभी हम अपने निजी फायदों के लिए भी किसी काम पर रख लेते हैं। यही वो वजह है जिससे हम सही फैसले नहीं ले पाते।
सही फैसले सही तभी होते हैं जब उन्हें सही वक्त पर लिया जाए।
हम में से बहुत से लोगों को यह बात पता नहीं लगती कि कब हमें कुछ बदलाव करने के फैसले लेने चाहिए। जब तक हमारा कुछ नुकसान नहीं हो जाता, तब तक हमें लगता है कि सब कुछ सही है। उसके साथ ही हम आज के काम को कल के लिए टालते रहते है जिसकी वजह से समय बीत जाता है और हम मौका खो देते हैं।
इस तरह के हालात से बचने के लिए आपको तुरंत फैसले लेने की आदत डालनी होती। जब आपको लगने लगे कि अब काम अच्छे से नहीं चल रहा है तो आप यह खोजना शुरू कर दीजिए कि आप उसे ठीक करने के लिए क्या कर सकते हैं। आपको वो फैसले लेने की हिम्मत दिखानी जो ज्यादा लोग नहीं ले पाते।
सबसे पहले आप अपनी टीम पर ध्यान दीजिए क्या आपकी टीम का कोई ऐसा व्यक्ति है जो इस हालात में सही से काम नहीं कर पा रहा है? अगर हाँ तो उसे उस काम से हटाने का फैसला आप जितनी देर से लेंगे आपको उतना ज्यादा नुकसान उठाना होगा। क्या आपकी टीम में वो लोग है जो आपको मार्केट के इस हालात से निकलने का काम कर सकते हैं? अगर नहीं तो सबसे पहले आपको अपनी टीम के कर्मचारी और मैनेजर को सही करता होगा, तभी आप आगे जा सकते है।
इसके बाद आप किसी चीज़ से चिपक कर मत बैठिए। हो सकता है कि आपकी टीम के लोगों ने किसी वक्त में डूबते मार्केट में आपकी कंपनी को संभाला था. लेकिन अगर हस वक्त के हालात में वो सही से काम नहीं कर पा रहे हैं, तो उन्हें जाना होगा। आप यह देखिए कि वो कौन सा फैसला है जो अभी के हालात को ठीक कर सकता है और साथ ही साथ आने वाले वक्त को भी झेल सकता है। इसके द्याद आप सही फैसला लौजिए।
एक व्यक्ति को काम पर रखने से पहले उसकी खूबियों को और काम की जरुरतों को समझिए।
जब आप अपनी कंपनी के लिए एक सही कर्मचारी खोजने के लिए निकलेंगे तो ऐसा बिल्कुल नहीं होगा कि आपको एक व्यक्ति मिल जाए जिसमें सभी खूबियाँ मौजूद हों। कोई भी व्यक्ति हर काम में माहिर नहीं हो सकता। इसलिए आपको उसकी सिर्फ गिनी चुनी खूबियों को ही जाँचना है। आपको बस यह देखना है कि क्या उस व्यक्ति में वो खुबिया है जिनकी मदद से वो अपने काम को अच्छे से कर सके।
सबसे पहले आपको एक व्यक्ति में यह देखना चाहिए कि वो अपनी भावनाओं को और दूसरों की भावनाओं को किस तरह से संभालता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि
आप कितने काबिल हैं। अगर आप खुद को मुश्किल वक्त में नहीं संभाल सकते तो आपका कामयाब होना असंभव है। इसलिए, उस व्यक्ति के ईमोशनल इंटेलिजेंस को सबसे
पहले जाँचिए। एक व्यक्ति का माईक्यु (IQ) कितना है यह भी मायने रखता है, लेकिन ईमोशनल इंटेलिजेंस ज्यादा नहीं।
इसके बाद आप यह देखिए कि आप जिस काम के लिए उसे चुन रहे हैं क्या उसके पास उस काम को सभालने भर की काबिलियत है। अगर आप उसे सिर्फ एक कर्मचारी की तरह रख रहे हैं, तो बस यह देखना काफी होगा कि उसकी काबलियत क्या है। लेकिन अगर आप उसे एक मेनेजर की तरह रख रहे हैं तो यह देखिए कि क्या वह वक्त के साथ खुद को बदल सकता है? क्या वह बुरे हालातों से सीख कर खुद को पहले से ज्यादा मज़बूत बना सकता है?
लेकिन मगर भाप किसी को एक्सेक्यूटिव की तरह रख रहे हैं तो आप यह देखिए कि उसके पास अनुभव कितना है। इस तरह के कामों के लिए सिर्फ काबिलियत या समय के साथ खुद को ज्यादा काबिल बनाना ही काफी नहीं होता। इस तरह के काम एक ऐसे व्यक्ति की मांग करते हैं जो पहले से हर तरह की समस्याओं से जुड़ा चुका हो।
सोर्सिंग का इस्तेमाल कर के आप अपने लिए सबसे बेहतर कर्मचारी को खोज सकते हैं।
जब बात आती है कि किस तरह से आप अपने काम के लिए एक सही कर्मचारी को खोज सकते हैं तो बहुत से लोग न्यूज़ पेपर में ऐड डाल देते हैं या फिर अलग अलग तरह की वेबसाइट पर ऐड डाल देते हैं कि वे एक व्यक्ति को काम देना चाहते हैं। लेकिन इस तरीके से नुकसान यह है कि आप सभी कैडिडेट्स तक नहीं पहुव सकते। सिर्फ कुछ लोग ही होते हैं जो इस तरह के वेबसाइट पर काम खोजते हैं और रही बात पेपर में ऐड़ डालने की, तो बहुत से लोग उन्हें अन्देखा कर देते हैं। क्या हो अगर एक काबिल व्यक्ति आप से छूट जाए?
इस तरह की समस्या से निपटने के लिए आप सोर्सिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि आप उन मैनेजरों से, या दूसरी कंपनी के एक्जिक्यूटिव्स से पूछिए कि क्या वे किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो उनके काम के लिए सही हो। हम में से हर कोई ज्यादा से ज्यादा 5 लोगों से दूर रहता है। इसका मतलब यह है कि आपके दोस्त का दोस्त का दोस्त उस व्यक्ति को जानता होगा जिसे आप नहीं जानते। अगर आप सही लोगों से पूछे तो आप सही व्यक्ति तक पहुँच सकते हैं।
इस तरह से आप एक लिस्ट बना सकते हैं। लेकिन आप सभी को इंटरव्यू के लिए मत बुलाइए। उन में से भी कुछ लोग आपके काम के नहीं हैं। इनके लिए आप सबसे पहले अपने काम को देखिए कि वो किस तरह की खूबियों की गाँग कर है। फिर अपनी लिस्ट के हर एक व्यक्ति को देखिए कि क्या उनगें वो खूबियाँ हैं। इस तरह से आप अपनी लिस्ट को छोटा कर सकते हैं और उन लोगों में से कोई ना कोई व्यक्ति आपके काम के लिए ठीक होगा।
इंटरव्यू लेते वक्त सही तरह के सवाल पूछें और एक कैंडिडेट को सही से परखना सीखें।
अगर आप ने अपनी जिन्दगी में ज्यादा इंटरव्यू नहीं लिए तो शायद आपको नहीं पता होगा कि किस तरह से आप एक व्यक्ति को सही से परख सकते हैं। हम सभी एक इंसान है और हमारी मानसिकता कभी कभी हम से गलत काम करवा देती है। एकाम्पल के लिए अगर कोई व्यक्ति आपके सामने बैठकर बहुत तेज और जोर से बोल रहा है तो आपके दिमाग में जो उसका पहला इमेज बनता है वो यह कि उस व्यक्ति में बहुत आत्मविश्वास है। इस बीच हम उसकी बातों से ज्यादा महत्व उसके बात करने के तरीके को देने लगते हैं और एक गलत फैसला कर बैठते हैं।
सबसे पहले आप अपने काम की जरूरतों को देखिए। आप यह देखिए कि उन व्यक्ति में क्या क्या खूबियाँ होनी चाहिए। इसके बाद आप कुछ खास तरह के सवाल तैयार
कीजिए और उनके जवाब भी तैयार कीजिए। फिर उसके हिसाब से एक व्यक्ति को परखिोए कि क्या उसके अन्दर वाकई काबिलियत है या नहीं।
एकााम्पल के लिए आप उससे पूछिए कि आखिरी बार उसने कौन सी बड़ी समस्या को किस तरह से सुलझाया था। इस सवाल के जवाब से यह पता लगता है कि वो किस तरह से सोचता और काम करता है। या फिर आप उससे पूछ सकते हैं आखिरी बार तुमने ऐसा कौन सा काम किया था जिससे तुम्हारी टीम का काम आसान हो गया था।
इससे यह पता चल सकता है कि वो लोगों के साथ कितने अच्छे से काम कर सकता है।
ठीक इसी तरह अगर आप एक व्यक्ति का ईमोशनल इंटेलिजेंस नापना चाहते हैं तो आप उससे पूछ सकते हैं कि – माखिरी बार किस काम को लेकर तुम तनाव में गए थे और उस काम को तुमने किस तरह से पूरा किया इस तरह के सवाल के जवाब से यह पता लग जाता है कि एक व्यक्ति किस तरह से अपनी भावनाओं को संभालता है।
अच्छे लोगों को काम देने के बाद उन्हें बताइए कि किस तरह से इस काम में उन्हें फायदा मिलेगा।
जैसा कि हम ने पहले ही कहा, काबिल लोगों के पीछे हर कोई रहता है। आप वो अकेले व्यक्ति नहीं हैं जो उन्हें काम पर रखना चाहेंगे। इसलिए आपको सबसे पहले उन्हें यह दिखाना होगा कि किस तरह से आपके साथ काम करना उनके लिए फायदे की, या गर्व की बात है।
सबसे पहले, आपको उन्हें एक अच्छी सैलरी देनी होगी। बिना अच्छे पैसों के कोई भी व्यक्ति आपके यहाँ काम नहीं करना चाहेगा। लेकिन अच्छे पैसे तो हर कोई दे सकता है। इसलिए इसके साथ आपको उन्हें यह भी बताना होगा कि आपकी कंपनी में ऐसी क्या खास बात है जो बाकी कंपनियों में नहीं है।
आप उन्हें बताइए कि किस तरह से आप हर साल अच्छे लोगों को प्रमोशन देते हैं, या फिर उन्हें बताहए कि किस तरह से आपकी कंपनी हजारों लोगों की जिन्दगी आसान बनाने का काम करती है। उन्हें यह एहसास दिलाइए कि आपके साथ काम कर के किस तरह के फायदे उन्हें मिल सकते हैं।
इसके बाद आप उन्हें दिखाइए कि आप उन्हें अपनी टीम में शामिल करने के लिए कितने उत्सुक हैं। इससे उन्हें यह लगेगा कि वे जहाँ पर काम करने जा रहे हैं वहाँ पर उनकी
इज्जत होने वाली है। जब वे आपकी कंपनी में काम करने आ जाएं तो आप उन्हें अच्छी ट्रेनिंग दीजिए ताकि वे अपने काम को अच्छे से समझ सकें। अगर वे अपने काम को
समझ नहीं पाएंगे तो वे कितने भी काबिल क्यों न हों, गलती कर बेठेंगे।
लेकिन इस बात का ध्यान हमेशा रखिए कि आप से गलतियां हो सकती है। हो सकता है कि आप एक गलत व्यक्ति को काम पर रख भाए हों जो बार बार एक ही गलती दोहरा रहा हो। अगर ऐसा है तो जैसा कि हमने पहले कहा, आज के फैसले को कल के लिए मत टालिए। अगर आपको लगता है कि आपको उसे निकाल देना चाहिए, तो इसमें देर मत लगाइए।