GETTING THINGS DONE by David allen and David kelvin allen.

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Book Summary

About Book

अगर आपने जन्म लिया है तो आप जितना संभाल सकते हैं आपको उससे ज़्यादा ज़िम्मेदारियाँ संभालनी होंगी. आप अपने दिन की शुरुआत एक लंबी "To-Do-List" से करते हैं जिसे पूरा करने के लिए आप स्ट्रगल करते रहते हैं और इस वजह स्ट्रेस महसूस करते हैं कि आपने अपनी लाइफ का कंट्रोल ही खो दिया है. तो चिंता मत कीजिए क्योंकि हम आपके लिए एक बेहतरीन solution लेकर आए हैं. ये बुक आपको सिखाएगी कि अपनी लाइफ का कंट्रोल वापस कैसे हासिल करना है और कम समय में ज़्यादा काम कैसे पूरा करना है.

यह समरी किसे पढ़नी चाहिए?

  • यंग प्रोफेशनल्स
  • हार्ड वर्क करने वाले लोग जो कम समय में ज़्यादा काम करना चाहते हैं
  • जो भी ज़्यादा आर्गनाइज्ड होना चाहते हैं

ऑथर के बारे में

डेविड ऐलन टाइम मैनेजमेंट कंसलटेंट हैं. उन्होंने "Getting Things Done" नाम की टाइम मैनेजमेंट मेथड बनाई थी जिसने उन्हें प्रसिद्धि दिलाई. इस मेथड ने दुनिया भर में लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया है. डेविड अपने कोचिंग फर्म के सीईओ हैं, जो कंपनियों को अपने एम्प्लाइज के बीच प्रोडक्टिविटी और फोकस करने के माइंडसेट को बढ़ावा देने में मदद करती है.

इंट्रोडक्शन

क्या आपके पास करने के लिए बहुत सारा काम है लेकिन उसे पूरा करने के लिए टाइम ही कम पड़ जाता है? क्या आप काम से ब्रेक लेना चाहते हैं लेकिन ज़िम्मेदारियों के कारण आप काम में एक भी दिन मिस नहीं कर सकते? क्या आप फंसा हुआ महसूस करते हैं और एक लंबा ब्रेक लेना चाहते हैं? अगर हाँ, तो आपने इस प्रॉब्लम को सोल्व करने के लिए बिलकुल परफेक्ट बुक चुना है.

इस बुक ने लाखों लोगों की जिंदगी को बदल दिया है, आज हम इतने ज्यादा स्ट्रेस में जी रहे हैं कि हर कोई कम से कम समय में अपना काम पूरा करने के रास्ते खोजने में लगा हुआ है. इस बुक में ऐसा मेथड बताया गया है जो इन सभी problems को सोल्व करने की ताकत रखता है.

A New Practice for a New Reality

क्या आपको लगता है कि काम की एक लंबी लिस्ट को कंट्रोल में रखते हुए भी दिन के अंत तक कोई आदमी रिलैक्स्ड फील कर सकता है? हाँ, ऐसा बिलकुल हो सकता है और ये बुक आपको दिखाएगी कैसे. आज हमें एक ऐसे सिस्टम की ज़रूरत है जो हमें अपना काम भी करने दे और रिलैक्स्ड भी बनाए रखे, आज के इस भागते हुए दौर में जॉब शब्द को ठीक से समझा पाना मुश्किल हो गया है. आए दिन हमारी जॉब बदलती रहती है और हर रोज़ हम पर नई ज़िम्मेदारियाँ बढ़ती ही जा रही हैं.

पुराने समय में, एक एम्प्लोई को उसके गोल और ज़िम्मेदारियों के बारे में ठीक से बता दिया जाता था. लेकिन आज हमें खुद सोचना समझना पड़ता है कि दिन के खत्म होते-होते हमें काम कैसे पूरा करना है. इस वजह से हर आदमी पर प्रेशर बढ़ने लगा है. इस बदलाव के लिए पहले आपको अपनी कुछ आदतों को बदलना होगा. सबसे पहले, आपको इस बारे में क्लियर होना होगा कि आप क्या करना चाहते हैं.

अगर आपके पास कोई आईडिया है तो उसे क्लियर तरीके से लिखें और उसे शुरू करने के लिए एक डेट सेट करें. अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आपका मन बेचैन रहेगा, भटकता रहेगा. आप हर वक्त अपने हर काम के बारे में सोचते रहेंगे और जो काम आप अभी कर रहे हैं उस पर फोकस नहीं कर पाएँगे, दूसरा, आप जो भी काम कर रहे हैं उस पर 100% फोकस करने की कोशिश करें.

Focus Strategies Benefits
Clear Planning Reduces Stress
Organized Environment Increases Productivity
Getting Started: Setting Up the Time, Space, and Tools

कभी-कभी लाइफ में कुछ सिंपल ट्रिक्स अपना लेने से लाइफ हमेशा के लिए बदल जाती है, ज्यादातर सक्सेसफुल लोगों ने एक्स्ट्राऑर्डिनरी सक्सेस पाने के लिए कोई ना कोई तरकीब अपनाई है. अपने माइंड को क्लियर कर बेहतर परफॉरमेंस के लिए, आपको अपने लाइफ पर कंट्रोल रखना होगा और इसके लिए आपको सही समय, जगह और टूल्स की ज़रुरत होगी.

टाइम से हमारा मतलब है कि आपको कम से कम दो दिन अलग रखने होंगे. इस प्रोसेस को शुरू करने के लिए आप वीकेंड या छुट्टी का दिन चुन सकते हैं. ये प्रोसेस सुनने में आपको लंबा लग सकता है लेकिन इसका रिजल्ट आपको तुरंत मिलगा. का मतलब है कि आपके पास आपकी एक पर्सनल डेस्क होनी चाहिए जहां आप अपने काम को लिख कर उसे organize कर सकें.

यहाँ तक कि अगर आपके ऑफिस में आपका केबिन है तब भी घर पर आपको अपना डेस्क सेट करना होगा. टूल्स का मतलब है वो सामान जिनका यूज़ आप अपने आईडिया और विचारों को प्रोसेस करने में और उन्हें सही फ़ोल्डर में organize करने के लिए करते हैं. कंप्यूटर, पेपर ट्रे, स्टेपलर, कैलेंडर, पेंसिल ये सब टूल्स हैं जिनकी आपको ज़रुरत पड़ेगी.

Organizing System

कैलेंडर का काम और ऑर्गनाइजिंग सिस्टम

कैलेंडर का काम होता है किसी खास काम के बारे में याद दिलाना, कोई ऐसा काम जिसे किसी खास तारीख को करना बहुत ज़रूरी है जैसे कि डॉक्टर का अपॉइंटमेंट या कोई सेमीनार अटेंड करना।

हो सकता है कि आप खुद को आर्गनाइज्ड रखने के लिए किसी सॉफ्टवेर या फ़ाइल की हार्ड कॉपी रखना पसंद करते हों, तो इसमें कोई हर्ज नहीं है, सिर्फ इतना ध्यान रखें कि कोई भी टूल अकेला काम नहीं कर सकता। एक स्ट्रोंग organizing सिस्टम बनाने के लिए जो सच में काम करता हो, आपको कई टूल्स को मिलाकर अलग-अलग ट्रिक्स को यूज़ करना होगा।

Collection: Corralling Your "Stuff"

अब आपके पास अपना डेस्क है जिस पर वो सभी टूल्स मौजूद हैं जिनकी आपको organizing प्रोसेस में ज़रुरत पड़ सकती है। अब आप अपना काम शुरू कर सकते हैं। सबसे पहले आपको वो सारा सामान इकट्ठा करना होगा जिसे organize करने की ज़रुरत है। आपको कितनी चीज़ों को छांटना है उसके हिसाब से इस प्रोसेस में 2 से 6 घंटे लग सकते हैं।

आपको अपने घर के हर रूम और drawer में चेक करना होगा। पहले, आपको फिजिकली सारा सामान इकट्ठा करना है। कोई भी ऐसी चीज़ जिसकी कोई परमानेंट जगह नहीं है और वो इधर उधर बिखरी हुई है, उसे आपको ठीक से देखना और प्रोसेस करना होगा इसलिए इसे अपने "in-basket" में डालें।

दूसरा, आपको मेंटली सारी चीजें इकट्ठा करनी हैं। आपको पेपर पर अपने सारे आईडिया और थॉट लिखने होंगे, अपने हर आईडिया को लिखकर in-basket में रखना सबसे अच्छा तरीका होता है।

Category Task
घर का काम लिविंग रूम की सफाई, अलमारी की सफाई
ऑनलाइन कार्य ईमेल का आयोजन, प्रेजेंटेशन तैयार करना

आपको ऐसे कई आईडिया और प्रोजेक्ट मिलेंगे जिन्हें आप करना तो चाहते थे लेकिन उन्हें करने का कभी समय ही नहीं मिला।

हम सभी अक्सर अपने drawer में कई चीजें छोड़ देते हैं और फिर उन्हें कभी नहीं उठाते। अक्सर drawer में फाइल, बिज़नेस कार्ड, पेन वगैरह होते हैं इसलिए आपको हर आइटम को ठीक से चेक करना होगा, हर बिज़नस कार्ड और नोट को चेक करें। जब आपको लगे कि कोई चीज़ काम की है तो उसे in-basket में रख दें।

मेंटली चीज़ों को इकट्ठा करना कोई पर्सनल या प्रोफेशनल आईडिया हो सकता है, हो सकता है कि आपको अपना garage साफ़ करना हो, किसी को फोन करना हो या अपने ईमेल में बेकार की चीजें डिलीट करनी हो, सब कुछ इकट्ठा करने के बाद, सामान का एक बड़ा ढेर लगा होगा।

Processing: Getting "In" to Empty

पिछले चैप्टर में आपने सीखा कि कैसे अपने सभी अधूरे काम को कैसे इकट्ठा किया जाए जो आपका ध्यान भटकाते हैं। सामान इकट्ठा करते समय आपको उन चीज़ों को हटा देना चाहिए जिनकी आपको जरुरत नहीं है। अब उस काम को करने का समय है जिसे करने में आपको सिर्फ दो मिनट लगेंगे, अगर आपके सामने कोई ऐसा काम आता है जिसे आप नहीं कर सकते या किसी ऐसे शख्स से करवाना है जो आपसे बेहतर उसे कर सके तो वो काम उन्हें सौंप दें।

इसे करने के बाद, अब आपके पास तो काम बचेंगे जिन्हें करने में आपको दो मिनट से ज़्यादा समय लगेगा।

ऐसे काम को आप सिंपल टास्क और बड़े प्रोजेक्ट जैसी केटेगरी में डिवाइड कर सकते हैं। आमतौर पर प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए ज्यादा प्लानिंग की जरूरत होती है।

काम को डिवाइड करना

जब आप अपने काम को डिवाइड कर रहे हो तो आपको उस काम को सबसे पहले करना चाहिए जो सबसे ज़्यादा इम्पोर्टेन्ट है, उसके बाद आप बाकी के काम कर सकते हैं। याद रखें कि आपको एक समय में एक ही काम को पूरा करना है और किसी भी काम को अधूरा नहीं छोड़ना है। अगर आप कल पर अपने काम को टालेंगे तो आपके माइंड में फिर वहीं चीजें चलने लगेंगी जो आपका ध्यान भटकाती हैं और आपको अपने गोल से दूर ले जाती है।

ये टास्क अभी आपको आसान और क्लियर लग रहे होंगे लेकिन अगर आपने उन्हें प्रोसेस नहीं किया तो रूम से बाहर जाते ही आप उनके बारे में भूल एँगे।

इसलिए अपने गोल को हासिल करने के लिए, आपको कौन सा काम करना है उसके बारे में ठीक से लिखें, आइए कुछ एग्ज़ाम्पल से समझते हैं,

उदाहरण के तौर पर

मान लीजिए कि आपको अपने लिविंग रूम की सफाई करनी है। तो इस टास्क के लिए आपको लिखना चाहिए "मुझे कापेट साफ़ करना है, सोफ़े से धूल झाड़नी है और टेबल को थोड़ा लेफ्ट में सरकाकर वहाँ भी सफाई करनी है..

ईमेल लिस्ट को organize करना है इसके लिए आप लिख सकते हैं "मुझे इम्पोर्टेन्ट ईमेल के जवाब देने हैं, जिसकी मुझे ज़रुरत नहीं वो सभी चीजें डिलीट करनी हैं और ईमेल की अलग-अलग केटेगरी भी बनानी है..."

अलमारी की सफ़ाई एक ऐसा काम है जिसे कोई भी करना पसंद नहीं करता. लेकिन जब आप एक क्लियर गोल सेट करते हैं तो वो काम करने के लिए आप सच में मोटीवेट हो जाते हैं, यहाँ आप लिख सकते हैं "मुझे उन कपड़ों को हटाना है जिनकी मुझे ज़रुरत नहीं है...."

प्रेजेंटेशन की तैयारी

अगर आपको लगता है कि किसी काम को पूरा करने के लिए एक से ज्यादा स्टेप्स की ज़रुरत है तो उसे प्रोजेक्ट की केटेगरी में डाल दें. इसके लिए बाद में और प्लानिंग की ज़रुरत होगी.

एग्ज़ाम्पल के लिए, प्रेजेंटेशन की तैयारी करना भी किसी प्रोजेक्ट पर काम करने से कम नहीं है. प्रेजेंटेशन की प्लानिंग करते समय आपको एक टॉपिक चुनना होगा, फिर उसके बारे में कोई बुक या जर्नल पढ़नी होगी, उसके बाद आपको अपना ड्राफ्ट लिखना होगा, फिर बारी आती है स्लाइडशो तैयार करने की और अंत में लोगों के सामने बोलने की प्रैक्टिस करनी होगी.

Doing: Making the Best Action Choices

अपने टास्क को organize करना बहुत इम्पोर्टेन्ट होता है. ये आपको अपने अधूरे काम के बारे में चिंता किए बिना शांति से बैठकर काम पर फोकस करने में मदद करती है. अधूरे काम हमेशा चिंता और ध्यान भटकाने का कारण बनते हैं और ये तब तक आपको परेशान करते रहेंगे जब तक आपके पास एक ऐसा सिस्टम नहीं होता जहां आप उसे पूरा करने के बारे में प्लान नहीं करते.

जब आप अपना सारा काम एक जगह इकट्ठा कर लेते हैं तो आपको उन्हें अलग-अलग केटेगरी में डिवाइड करना है. इस केटेगरी में आपके प्रोजेक्ट, कैलेंडर इवेंट, अगले एक्शन की लिस्ट, वेटिंग लिस्ट और someday लिस्ट यानी किसी और दिन करने वाली लिस्ट शामिल हैं.

आपके प्रोजेक्ट लिस्ट में वो सभी टास्क शामिल होते हैं जिन्हें पूरा करने के लिए एक से ज़्यादा स्टेप्स की ज़रूरत होती है, आपके कैलेंडर में वो सभी टास्क लिखे जाने चाहिए जिन्हें आपको एक खास तारीख को ही पूरा करना है. आपकी एक्शन लिस्ट में उस काम को लिखा जाएगा जिसके लिए आपको एक्शन लेने की ज़रुरत है, बाकी सभी लिस्ट के लिए आप एक फ़ोल्डर, planner या कंप्यूटर का इस्तेमाल कर सकते हैं.

आप जो भी इस्तेमाल करने का फैसला करते हैं, आपको बस इतना ध्यान रखना होगा कि आपको हर केटेगरी को एक दूसरे से अलग रखना है. इसका मतलब है कि आप एक ही टास्क दो केटेगरी में नहीं लिख सकते. अगर आपने ऐसा किया तो ये सिर्फ आपको कंपयूज करेगा और आपको लगेगा कि इस सिस्टम में ही कोई गड़बड़ी है. एग्जाम्पल के लिए, एक्शन लिस्ट को लेते हैं. इस लिस्ट में वो सभी काम शामिल होने चाहिए जिन्हें एक बार में ही पूरा करने की ज़रुरत है जैसे घर के काम, फोन कॉल करना, कंप्यूटर पर किए जाने वाले काम वगैरह,

हर काम को केटेगरी में बाँट कर आप समय और मेहनत दोनों को बचाते हैं. एग्ज़ाम्पल के लिए, जब आप उन सभी टास्क को एक फ़ोल्डर में डालते हैं जिनके लिए कंप्यूटर की ज़रुरत है, तो जब भी आपको कंप्यूटर पर काम करने का समय मिले तो आप उस फ़ोल्डर को खोलकर अपना काम तुरंत शुरू कर सकते हैं. आपको अपना सारा काम एक बार में ही मिल जाएगा. इस तरह आप कभी भी किसी भी काम के बारे में भूलेंगे नहीं,

केटेगरी बनाने के बाद भी आप टास्क को छोटे छोटे केटेगरी, जिन्हें sub category कहा जाता है, उसमें बाँट सकते हैं. जैसे अपने कंप्यूटर टास्क के लिए आप ऑनलाइन और ऑफलाइन टास्क के दो छोटे केटेगरी बना सकते हैं. ये केटेगरी काम करना बहुत आसान बना देते हैं.

इमेजिन कीजिए कि आप travel कर रहे हैं और उस वक़्त आपके पास इंटरनेट की सुविधा मौजूद नहीं है, तो फ्लाइट में बैठे-बैठे आप अपने ऑफलाइन टास्क को पूरा कर सकते हैं. हर चीज़ को केटेगरी में बांटने से आपको आर्गनाइज्ड होने में मदद मिलेगी, आप कभी भी कोई इम्पोर्टेन्ट काम भूलेंगे नहीं. तब आप स्ट्रेस महसूस नहीं करेंगे क्योंकि तब आपकी बिजी लाइफ आपके कंट्रोल में होगी.

कॉन्क्लूज़न

क्योंकि समय तेज़ी से बदल रहा है इसलिए हमारे जॉब के बारे में भी ठीक से कुछ कहा नहीं जा सकता, आज भी दिन में 24 घंटे का वक़त ही मिलता है। लेकिन का काम का लोड इतना बढ़ गया है कि ये वक़्त भी कम पड़ने लगा है, देखिए हम समय को तो नहीं बढ़ा सकते लेकिन स्मार्टली काम कर कम समय में ज्यादा काम पूरा जरूर कर सकते हैं, आजकल जब आप कोई जॉब ज्वाइन करते हैं तो आपसे ये उम्मीद की जाती है कि आपको अपना टारगेट पूरा करना है लेकिन अक्सर ये समझ ही नहीं आता कि आखिर आपकी ज़िम्मेदारियाँ हैं क्या. हर नया दिन पहले दिन से ज़्यादा मुश्किल लगने लगता है. दिन-ब-दिन हमारे काम की लिस्ट लंबी होती जा रही है और हमारा दिन इसी उलझन में बीत जाता है कि काम को पूरा करें तो कैसे करें.

ये बुक इन सभी प्रोअलम्स के solution के रूप में सामने आई है. अपने organizing मेथड से इसने कई सक्सेसफुल लोगों की जिंदगी को बदला है. इस बुक में आपने सीखा कि जिंदगी में नई ज़िम्मेदारियों का सामना कैसे करें. आपने समझा कि अपने लाइफ में सब कुछ organize कर के आप कम समय में अच्छे से फोकस कर ज्यादा काम कर सकते हैं. आपने फिजिकल और मेंटल तरीके से चीजों को इकट्ठा करने के बारे में जाना, एक बार जब आपके पास एक ऐसा organizing सिस्टम होता है जिस पर आप भरोसा कर सकते हैं, तो बाकी सब कुछ आसान हो जाता है, तब आप बेफ़िक होकर अपने काम पर फोकस कर सकते हैं क्योंकि आप जानते हैं कि आपने हर चीज़ को ठीक से मैनेज कर लिया है.

इसलिए चिल करें और अपने हार्ड वर्क से आप जो कुछ अचीव करते हैं उसे खुलकर एन्जॉय करें और याद रखें आपको ज्यादा देर तक काम नहीं करना है बल्कि स्मार्ट तरीके से कम समय में ज़्यादा काम करना है।

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