GET SMART by Brian Tracy.

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GET SMART by Brian Tracy.
Book Summary

About Book

20% लोगों को हर साल 10 करोड़ डॉलर मिलते है, जबकि 80% लोगों को अपने रोज़ के खर्चों को उठाने के लिए भी स्ट्रगल करना पड़ता है. अगर आपको जानना है कि इनमें फर्क क्या है और आप कैसे उन 20% लोगो जैसा बन सकते हैं, तो ये बुक पढ़ें. समझदार बनने से आप अपना माइंडसेट बदलना सीखेंगे, सही सोचना सीखेंगे, सही काम करना और अमीर लोगो की तरह कामयाब होना सीखेंगे.

ये समरी किस-किसको पढ़नी चाहिए?
एंटरप्रेन्योरस
एम्प्लॉइज
मैनेजर्स

ऑथर के बारे में

ब्रायन ट्रेसी एक पर्सनल डेवलपमेंट ऑथर और जाने माने मोटिवेशनल स्पीकर हैं. उन्होंने 80 से ज्यादा बुक्स लिखी और पब्लिश की हैं, और उनकी कुछ जानी मानी बुक्स हैं "Eat That Frog, Earn What You're Really Worth, and No Excuses! The Power of Self-Discipline and The Psychology of Achievement." इसके साथ-साथ वो "ब्रायन ट्रेसी इंटरनेशनल" के फाउंडर भी हैं. ये कंपनी लीडरशिप, मोटिवेशन, कॉन्फिडेंस, गोल सेटिंग और साइकोलॉजी पर सलाह देती है.

इंट्रोडक्शन

क्या आप किसी बड़ी कंपनी के सीईओ हैं, एक बिजनेसमैन जो इस दुनिया में अपना नाम बनना चाहता है या आप एक साधारण से एम्प्लॉइ है जो अपना प्रमोशन चाहता है? अगर आपको अपना बिज़नेस आगे बढ़ाने में और अपना गोल पाने में मुश्किलें हो रही है, तो बेफिक्र हो जाइये क्योंकि ये बुक आपकी बहुत सारे तरीकों से मदद करने वाली है।

ये बुक आपको बताएगी कि अपने करियर में आगे बढ़ने से पहले क्या ध्यान रखना चाहिए. यह आपको दिखाएगी कि आपको सही इनफार्मेशन कैसे इकट्ठा करनी है और अच्छी तरह से खोजी हुई नॉलेज के साथ रियल चैलेंजेज का सामना करने के लिए कैसे तेयार रहना है। ये आपको स्लो थिंकिंग और फ़ास्ट थिंकिंग के बारे में भी बताएगी, जब आपको दोनों तरह की थिकिंग के बीच का फर्क समझ आ जायेगा तो आप मौके के हिसाब से सही धिंकिग कर पाएंगे.

यूज़

और अगर आप अमीर होना चाहते है, तो ये बुक आपको सिखाएगी कि कैसे उन 20% लोगो में से एक बना जाये जो साल में 10 करोड़ डॉलर कमाते हैं. ये सब हासिल करने के लिए आपको सीखना होगा कि कैसे फ्लेक्सिबल (flexible) बनना चाहिए, एक बिजनेसमैन की तरह कैसे सोचना है और अमीर लोगों की सही आदतों को कैसे अपनाना है.

ये सारी स्ट्रेटेजी इस समरी में बताई जाएँगी. आपको कुछ इस्पायरिंग कहानियां सुनने को मिलेंगी और ऐसे स्टेप्स जिन्हें आप आज से ही शुरू कर सकते हैं. ये बुक आपके बिजनेस को बढ़ाने के लिए जरुरी है, आइये सीखना शुरू करते हैं की स्मार्ट कैसे बनें और ज्यादा से ज्यादा पैसे कैसे कमाए.

Informed Thinking Versus Uninformed Thinking

अगर आप नया बिज़नेस शुरू करने की सोच रहें हैं, तो पहले आप अपना होमवर्क कर सकते हैं, आपको शायद पता हो की आपके कस्टमर्स को क्या चाहिए, लेकिन हो सकता है कि आप गलत हो। आप सिर्फ मानी हुई बातों के आधार पर फैसले नहीं कर सकते हैं. आपको हमेशा रियल फैक्ट्स पढ़ने और इकटे करने चाहिए. ये फैक्ट्स आपको गूगल पर ढूंढ़ने से, बुक पढ़ने से, एक्सपर्ट या किसी से भी पूछने पर मिल सकते हैं.

अगर आप किसी इंडस्ट्री में काम करते हैं, आपका काम सिर्फ अच्छे रिजल्ट देना नहीं है। आपको ज्यादा से ज्यादा ambitious होना चाहिए और अपने काम में सबसे ज्यादा नॉलेज वाला इंसान बनने की कोशिश करनी चाहिए. अगर आपको सक्सेस हासिल करनी है, तो आपको ऐसा इंसान होगा जिसके पास हर कोई मदद मांगने आये.

जैसे की, आपके पास एक प्रोडक्ट बनाने एक बहुत अच्छा आईडिया है। ज्यादातर लोग बेर्ट प्रोडक्ट बनाने में जल्दबाजी करते हैं। वो सोचते हैं कि प्रोडक्ट इतना अच्छा है कि वो कस्टमर्स का ओपिनियन बदल देंगे। उनका का कस्टमर्स पर अपने प्रोडक्ट खरीदने के लिए दबाव डालने से अच्छा है कि आपको पहलें मार्केट के बारे में ज्यादा रिसर्च करनी चाहिए। example के लिए, आप मॉल में किसी कस्टमर के पास गए। फिर, आपने उससे पूछा कि क्या वो आपका प्रोडक्ट A लेना चाहेगा भले ही उसमें कुछ कमियाँ है. अगर कस्टमर कहता है कि वो नहीं लगा, तो आपका आइडिया सही नहीं है. अगर वो कहे की कमी होने के बाद भी वो प्रोडक्ट खरीदना चाहेगा, तो आप उसे बनाना शुरू कर सकते है.

Failure and Progress

किसी भी बिज़नेस में फेल होना आम बात है. हो सकता है कि आप ऐसा प्रोडक्ट बेचना शुरू कर दें, जो आपके कस्टमर के लिए काम का नहीं है, फेल आगे बढ़ने के लिए, आपको खुद से कुछ सवाल पूछने होंगे, क्या मेरे प्रोडक्ट के लिए मार्केट में डिमांड है? क्या ये मार्केट ज्यादा से ज्यादा सेल करने के लिए काफ़ी है? मैं अपने प्रोडक्ट को कैसे बदल सकता हूँ, जिससे वो ज्यादा से ज्यादा लोगों के काम आये। क्या कस्टमर्स अच्छे पैसे देने के लिए तैयार हैं? रोज इन सवालों के जवाब देने से, आप हमेशा जरूरी जानकारी पाएंगे।

अनजान या बेवकूफ होने से अच्छा है पूरी तरह से जानकारी रखना, ऐसे ही आप अपने competitors से आगे बढ़कर जीत पाएंगे, चिंता मत कीजिये, जैसे जैसे वक्त बीतता जायेगा, आपकी सक्सेस का रास्ता साफ़ होता जायेगा. अब, क्योंकि आपने अपनी रिसर्च की है, आप अपने बिज़नेस के बारे में सबसे ज्यादा जानते है. अब आपके बिज़नेस प्लान पर भरोसा और विश्वास किया जा सकता है और ये आपको कामयाबी की तरफ लेकर जायेगा

सिर्फ इसलिए की आपका बिज़नेस प्लान बन गया है, इसका मतलब यह नहीं कि आप ढीले पड़ जाएं, खुद पर हमेशा जोर डालते रहे, पढ़ते रहे और जो भी परेशानी आ सकती है उसका हल ढूंढ़ते रहे।

स्लो थिंकिंग versus फ़ास्ट थिंकिंग

शायद पहले किसी ने आपको कहा होगा कि अगर आप एक गोल की तरफ ध्यान देंगे तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं. ये बिलकुल सच है क्योंकि हम हर मिनट करीब 1500 वईस सोचने की काबिलियत रखते है. ये बहुत बड़ी बात है. इसलिए अमीर लोगों की तरह फोकस करने और सोचने के लिए हमारा दिमाग बहुत पावरफुल होता है.

काफी विल पावर और मेहनत की जरूरत पड़ती है. हम रोज जिस चीज की प्रैक्टिस करते है, वो हमारी आदत बन जाती है और सोच इससे अलग नहीं है. हम स्लो थिकिंग और फ़ास्ट थिंकिंग की प्रेक्टिस स्लो धिर्किग तब सही से इस्तेमाल की जा सकती है जब हम मुश्किल फैसला लेने वाले होते है, जब हम गुस्से में होते है और जब हमें फैसला लेने से पहले उसके नतीजे बारे में सोचना होता है. अपनी थिंकिंग को स्लो करने के लिए, आप एक कमरे में अकेले बैठ सकते है और अपने धॉट एक पेपर कर सकते है.

आसान शॉपिंग, फोन कॉल करने के लिए या गेम खेलने के लिए फ़ास्ट थिंकिंग यूज की जा सकती हैं. सक्सेसफुल होने के लिए, आपको दोनों तरह की थिंकिंग सीखनी होगी, और ये जानना जरूरी है कि कब कौन सी थिकिंग यूज करनी है. अपनी थिंकिंग स्तो करने का एक example है COSPA मॉडल यूज करना. इसका मतलब है गोल्स, ऑब्जेक्टिव्स, स्ट्ेटेजीस, प्राइऑरिटीस और एवशन्स.

आपको इस मॉडल की रोज प्रैक्टिस करनी चाहिए, शुरू में आदत डालना बहुत मुश्किल होगा, लेकिन फिर ये आपकी आदत बन जाएगी जिससे आपकी जिंदगी बदल सकती है.

COSPA Model Description
गोल्स (Goals) क्लियर और लम्बे समय तक चलने वाले गोल्स जिन्हें measure किया जा सके उन्हें सेट करना
ऑब्जेक्टिव्स (Objectives) ऐसा ऑब्जेक्टिव बनाने की जरूरत है जो आपको आपकी आखिरी मज़िल तक लेकर जाये
स्ट्रेटेजी (Strategies) हर ऑब्जेक्टिव को पाने में आपकी मदद करेंगी
प्राइऑरिटीस (Priorities) हर गोल के लिए प्राइऑरिटीस सेट करना
एवशन्स (Evasions) सही कामों को करने का फैसला लेना जिसकी जरुरत है
थिंकिंग और गोल्स

तो, इस COSPA मॉडल का मतलब क्या है? गोल्स का मतलब है, क्लियर और लम्बे समय तक चलने वाले गोल्स जिन्हें measure किया जा सके उन्हें सेट करना जिससे आपके बिज़नेस को बढ़ने में मदद मिले. एक बिज़नेस का मालिक होने के नाते, आपको हमेशा अपने गोल पर नजर रखनी चाहिए, चाहे उसे मिलने में सालों लग जाएं। एक गोल सोचने के बाद, आपको ऐसा ऑब्जेक्टिव बनाने की जरूरत है जो आपको आपकी आखिरी मज़िल तक लेकर जाये. ये ऑब्जेक्टिव शोर्ट टर्म के लिए और फोकस्ड होने चाहिए.

स्ट्रेटेजी बनाने का वक़्त है जो हर ऑब्जेक्टिय को पाने में आपकी मदद करेंगी. जैसे की, अभी आपके बिज़नेस का ऑब्जेक्टिव नए अब, सारी एम्पलॉईस को हायर करना है. आपकी स्ट्रेटेजी होंगी, उन स्टेप्स की लिस्ट, जिन्हें फॉलो करके आप जॉब के लिए सही इंसान ढूंढ सकते हैं. अगला स्टेप होगा हर गोल के लिए प्राइऑरिटीस सेट करना। अपनी प्राइऑरिटीस बनाने के लिए आपको खुद से पूछना होगा कि वो कौनसी 20% स्ट्रेटेजी हैं जिन्हें फॉलो करके आपको 80% रिजल्ट मिलेंगे। दूसरे शब्दों में कहे तो, आपको 80/20 का प्रिंसिपल फॉलो करना होगा। आखिरी स्टेप उन सही कामों को करने का फैसला लेना है जिसकी जरुरत है. ये काम आपके रोज के हो सकते है, या हफ्ते के या फिर महीने के.

हमेशा याद रखें की कभी भी रास्ते से नहीं हटना है. इसका मतलब है कि आपको हमेशा अपने गोल्स पाने में फोकस रहना है चाहे वो दूर क्यों ना हो. अगर आप अपने गोल्स, ऑब्जेक्टिव्स और स्ट्रेटेजी से अपना फोकस हटाते हैं, तो आप कामयाब ल नहीं हो पाएंगे. ट्रिक ये है कि ना तो हमेशा फ़ास्ट सोचे ना ही स्लो। ट्रिक ये डिसाइड करना है की हर सिचुएशन के हिसाब से कौन सी थिंकिंग की जरुरत है, फिर उसके हिसाब से काम करे. जब थिकिंग कंट्रोल करना आपकी आदत बन जाएगी, आप उन खास लोगो की गिनती में आ जाएंगे जो हर वो चीज़ हासिल कर सकते है जो वो करना चाहते है.

Result-Oriented Thinking Versus Activity-Oriented Thinking

क्या आपने कभी खुद से पूछा है कि क्यों कुछ वर्कर्स को बाकि वर्कर्स से ज्यादा पैसे मिलते हैं? एक रिसर्च ने साबित किया है कि 20% वर्कर्स साल में 10 करोड़ डॉलर कमाते हैं, जबकि 80% वर्कर्स सिर्फ इतना कमा पाते हैं कि अपना पेट भर सके. इस imbalance का कारण है कि सारे वर्कर्स अपनी जॉब पर सिर्फ काम करने नहीं जाते हैं. ज्यादातर एम्प्लॉईज़ अपने साथियों के साथ घूमते फिरते, अपना फ़ोन चलाते हुए, या फिर एक लम्बे लंच ब्रेक का आनंद लेते हुए दिखाई देते हैं। हालांकि, जो 20% वर्कर्स मिलियन कमा रहे है वो हमेशा अपने गोल के लिए फोकस्ड होते हैं.

जब भी उन्हें कोई काम दिया जाता है, वो तब तक नहीं रुकते जब तक वो बेस्ट काम करके ना दे दें. ऐसे लोगों की पैसे कमाने की एबिलिटी बहुत ज्यादा होती है, और हर कंपनी उनके साथ काम करना चाहती है. आप काम पर जाएं, तुरंत अपना काम शुरू कर दें. ऐसी बहुत सारी स्ट्रेटेजी हैं जो आपको हाई अरनिंग वाली कैटेगरी में जाने के लिए मदद कर ही सकती है.

इन स्ट्रेटेजी का एक example है "रूल ऑफ़ श्री" यूज करना. ये सबसे अच्छी टाइम मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी है, जो आप अपनी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए यूज कर सकते हो. अगर आप किसी कंपनी के साथ काम करते हैं या खुद का काम करते है, तब आपको अपने आप से एक सवाल पूछने की जरुरत है. ऐसे कौन से तीन टास्क है जो अगर मैं रोज कर तो मेरी कंपनी को सबसे ज्यादा फायदा होगा. अगर कभी आपके बॉस आपको बीस टास्क देते हैं, तो उनसे बात करने की कोशिश करें की कौन से काम ज़रूरी हैं. ऐसा नहीं होगा की आप सारे टास्क करें और सक्सेसफुल भी हो जाएँ, आप तीन से ज्यादा टास्क करके कामयाब नहीं हो सकते। जब आप अपनी पूरी एनर्जी सिर्फ तीन जरुरी काम करने लगाएंगे तो आप ज्यादा अच्छे से काम कर पाएंगे, जल्दी सीख पाएंगे और वो मास्टरी भी डेवेलप कर लेंगे, जिसे हर कंपनी अपने पास रखने के लिए मिलियन देने को भी तैयार रहती है।

आप शायद खुद से पूछ रहे होंगे, कि मैं कैसे डिसाइड कर सकता हूँ की कौन से तीन टास्कस पर फोकस करना है? इसका जवाब आसान है. अपने दिल

Success Strategies

Success Strategies for Your Company

की बात सुनें, अपनी उन स्किल्स को बाहर निकालें जो आप अपनी कंपनी को सफल बनाने में यूज कर सकते हैं और हमेशा उन स्किल्स को और बेहतर बनाने के रास्ते खोजते रहें। आप अपनी कंपनी में टास्क A, टास्क B और टास्क C को सबसे अच्छी तरह करने वाले इंसान होने चाहिए।

अब क्योंकि आपके पास अपनी जॉब पर करने के लिए कम काम है, आपकी अचीवमेंट आपके बॉस को साफ़ साफ़ नजर आएगी क्योंकि अब आपकी प्रोडक्टिविटी फोकस्ड है. आप इधर उधर घूमने में अपना वक्त बर्बाद नहीं करते और ना ही ऐसे काम करते हैं जो आपके बॉस को पसंद ना आएं. अब आप उन 20% लोगों की गिनती में आने लिए एक स्टेप और आगे बढ़ गए हैं, जो सबसे ज्यादा पैसे कमाते हैं.

Flexible Thinking vs. Rigid Thinking

क्या आप जानते हैं कि एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि सक्सेस की सबसे जरूरी क्वालिटी फ्लेक्सिबिलिटी है? फ्लेक्सिबिलिटी का मतलब है बदलाव को जल्दी से अपनाने की एबिलिटी. क्योंकि हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहाँ हर रोज़ जरूरतें, प्रोडक्ट्स और स्किल्स बदलती रहती हैं. सक्सेसफुल होने के लिए, इंसान को ऐसे बदलाव में खुद को ढालने के लिए तैयार रहना चाहिए।

अगर आप एक एम्प्लॉइ हैं, तो जॉब की नयी जरूरतों के हिसाब से फिट बैठने के लिए आपको अपनी स्किल्स अपडेट करते रहना चाहिए, अगर आप ऐसा नहीं कर पाते तो आप जॉब से हाथ धो बैठेंगे और कोई नया इंसान आपकी जगह ले लेगा जिसमें वो नयी स्किल्स होंगी।

अगर आप एक बिज़नेस के मालिक हैं, आपको हर उस चेंज और ट्रेंड के लिए अप-टू-डेट रहना होगा जो भी आपके कस्टमर की जरुरत हो. अगर आप ऐसा नहीं कर पाते तो आपके कस्टमर्स बहुत जल्द आपका प्रोडक्ट छोड़ कर दूसरे नए और बेहतर प्रोडक्ट के पास चले जायेंगे। जैसा आप देख सकते हैं कि फ्लेक्सिबल होना कितना जरुरी है.

Thinking Type Description
Flexible Thinking बदलाव को जल्दी से अपनाने की क्षमता।
Rigid Thinking बदलाव के प्रति अनम्यता।

Income Growth Study by Gary Becker

एक इकोनॉमिस्ट गैरी बेकर ने इनकम ग्रोथ पर स्टडी की। उन्होंने जाना कि 80% लोग अपनी इनकम हर साल सिर्फ 3% से ही बढ़ा पाते हैं. ये रेट काफी कम है। दूसरी तरफ देखें तो, 20% लोग अपनी इनकम हर साल 11% तक बढ़ाते हैं. अगर हिसाब लगाए तो, ये खुशनसीब लोग हर छ: से सात सालों में अपनी इनकम दुगुनी कर लेंगे. क्या ये कमाल की बात नहीं है?

तो, पहले ग्रुप वाले लोग जो सिर्फ 3% इनकम बढ़ा पाते है और दूसरे ग्रुप वाले लोग जो 11% इनकम बढ़ा पाते है, दोनों में क्या फ़र्क है? गैरी को ये पाया कि जो 20% लोग हर छः साल में अपनी इनकम डबल कर पाते हैं, वो वे लोग हैं जो हमेशा कुछ ना कुछ नया सीखते रहते हैं और अपनी स्किल्स इम्प्रूव करते रहते हैं।

How to Become a Top Earner

वो बुक्स पढ़ते हैं, अलग-अलग Courses ज्वाइन करते हैं और पॉडकास्ट भी सुनते हैं। वो नयी मुश्किलों का सामना करते हैं और आगे बढ़ते हैं। वो अपनी जिंदगी में हमेशा ये सोचते रहते हैं की कैसे वो अपने काम को और बेहतर तरीके से कर सकते हैं. दूसरी तरफ, 80% लोग कभी कुछ नया नहीं सीख पाते हैं. वो शायद ही कभी कोई नयी बुक पढ़ते हैं। ज्यादा मेहनत करते हैं।

वो सिर्फ काम पर जाते हैं, बोला जाता है वो करते हैं, और टीवी देखने बियर पीने के लिए घर चले जाते हैं। ज्यादातर, ऐसे लोगो को काम से निकाल दिया जाता है. ऐसा होने के बाद, वो अपने आप को स्किल्स और फ्लेक्सिबिलिटी से बहुत दूर पाते हैं. भले ही वो नयी जॉब के लिए अप्लाई कर दें, पर किसी को उनकी जरुरत नहीं होती। उन्हें आखिरकार, कुछ महीनों के लिए घर पर बैठना पड़ता है।

Becoming a Top 20% Earner

क्या आप उन 20% लोगो की केटेगरी में आना चाहते हो, जो अपनी इनकम हर छः साल में डबल कर लेते है? देखते हैं आप ऐसा कैसे कर सकते हैं। सबसे पहले, आपको अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आना होगा और वो चीजें करनी होंगी जिन्हें करने से आपको डर लगता है. दूसरा, आपको अपनी हार के डर से बाहर आना होगा. तीसरा, आपको ये सोचना और मानना होगा कि आप कुछ भी सीख सकते हैं और अपनी बुरी आदतें बदल सकते हैं.

ऐसे काम को ढूंढें जिससे आपको सबसे ज्यादा प्यार है, उस काम में खुद को माहिर बनाएं और नई चीजें सीखते जाएं. लम्बे समय तक सक्सेसफुल रहने का सही रास्ता फ्लेक्सिबल थिंकिंग ही है।

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Entrepreneurial Thinking Versus Corporate Thinking

आजकल बहुत सारे लोग अपनी कॉरिट जॉब छोड़ कर एक बिजनेसमैन बनने के बारे में सोचते हैं। एक एंटरप्रेन्योर बनने का मतलब है ऐसा बिज़नेस करना जो पूरी तरह से कस्टमर पर ध्यान देता हो. कॉर्पोरेट थिंकिंग में कस्टमर्स को एक बोझ समझा जाता है। उनको ऐसी प्रॉब्लम समझा जाता है जिन पर या तो ध्यान नहीं देना है या उनसे डील करना है।

जिसका असर ये होता है कि आप अपने एम्पलॉई को ऐसे काम करते हुए पाते है जिनमें ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है। उन्हें ऐसा नहीं लगता की कम्पनी को आगे बढ़ाने में उनकी कोई ज़िम्मेदारी है क्योंकि एम्पलॉईस को अपनी सैलरी मिल जाएगी चाहे वो अच्छा काम करे या बुरा।

दूसरी तरफ देखे तो, एंटरप्रेन्योरीअल थिकिंग, मैं हर एम्पलॉई को ऐसे सोच कर काम करना होता है जैसे कि वो उनकी खुद की कंपनी है. आप हमेशा इन लोगों को कुछ नया सीखते हुए और अपनी स्किल्स इम्प्रूव करते हुए पाएंगे।

Adopting an Entrepreneurial Mindset

वो इस बात को समझते है कि वो कंपनी के लिए कितने ज़रुरी है इसलिए वो हर काम अपने बेस्ट तरीके से करते हैं. वे कुछ example हैं, जो आपको बताएँगे कि एक एक एंटरप्रेन्योर माइंडसेट अपनाने के लिए आपको क्या क्या करना होगा।

सबसे पहले, आपको हमेशा अपने काम करने के ढंग को और रिजल्टस को रिव्यु करते रहना होगा। ऐसा करने के लिए आपको खुद से पूछते रहना होगा कि मार्केट में आपका प्रोडक्ट क्या वैल्यू ला सकता है?

क्या ये आपके कस्टमर्स की प्रॉब्लम को सोल्व कर सकता है? क्या ये उन्हें उनके मनचाहे गोल्स को पाने में मदद कर सकता है? और क्या इस प्रोडक्ट के कुछ अनोखे फायदे हैं?

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Understanding Your Customers

दूसरे तरह के सवाल कस्टमर्स के बारे में हो सकते हैं। आपको ये जानने की जरुरत है की आपके कस्टमर्स कौन है, उनकी ऐज क्या है, वो कहाँ रहते है, उनकी इनकम क्या है, उनकी पढ़ाई और काम कैसा है। जब आप अपने कस्टमर्स को बेहतर तरीके से जान जायेंगे, आप अपने प्रोडक्ट्स को उनकी जरूरतों के हिसाब से बना सकते हैं।

अगला स्टेप मार्केटिंग स्ट्रेटेजी के बारे में सोचना है। आपको अपने प्रोडक्ट को बनाने के लिए बेस्ट तरीकों के बारे में सोचना होगा, नए नए कस्टमर्स बनाने होंगे, उनसे डील करके, सामान डिस्ट्रीब्यूट (distribute) करके बेचना होगा।

Effective Marketing Strategy

आप अपनी मार्केटिंग स्ट्रेटेजी को सिर्फ उन लोगो के हिसाब से भी बना सकते हैं जो आपके प्रोडक्ट के लिए अच्छे पैसे देने को तैयार हैं। अगर आप सारे बताये गए सवालों पर ध्यान देंगे तो आप अपनी सक्सेस की तरफ एक कदम और बढ़ा सकते हैं।

आपको कभी ये नहीं सोचना चाहिए की आप हमेशा सही है. एक एंटरप्रेन्योर हमेशा अपने काम करने के तरीकों पर ध्यान देता है और अगर चीजें सही ना चल रही हो तो वो कुछ नया भी try करता है। अगर आपको लाइफ में कामयाब होना है तो कभी भी अपने घमंड को आगे नहीं लाना चाहिए क्योंकि फिर आप ये नहीं सोच पाएंगे की क्या सही है और क्या गलत।

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Rich Thinking vs. Poor Thinking

ग्रेविटी के लॉ की तरह, लॉ ऑफ़ करेस्पोंडेंस बताता है कि जो आप दुनिया में देखते हैं वो आपके अंदर की सोच का ही रेफ़्लेक्सशन या झलक होता है. अगर आपको अमीर बनना है, आपको अमीर लोगों की तरह सोचना शुरू करना होगा।

अगर आप मन में ये नहीं सोचते की आप कर सकते हैं, तो ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे आप कुछ हासिल कर पाएंगे। क्या आपको लगता है की आप अमीर हो सकते हैं? अगर आपका जवाब हाँ है, तो समझो आपका आधा काम हो गया है।

Adopting Rich Habits

अगर आपका जवाब ना है, तो आपको अभी अपनी थिंकिंग बदलने की जरुरत है। अगर आप अमीर लोगो जैसा सोचने और करने लग जाये तो आप भी उनकी तरह अमीर बन जायेंगे. वे सिर्फ आदत डालने और उन पर टिके रहने की बात है। शॉर्ट कट के पीछे ना भागें।

अमीर लोग हमेशा सुबह जल्दी उठते हैं ताकि वो बाकी लोगों से थोड़ा ज्यादा काम कर पाएँ। वो मानते हैं की अगर वो अपना काम नहीं करेंगे और दुनिया को अच्छे प्रोडक्ट्स नहीं देंगे तो वो कभी भी दौलत नहीं कमा पाएंगे। अमीर लोगो की प्रोडक्टिव आदर्ते होती है।

वो अपनी हेल्थ, फॅमिली और काम का पूरा ध्यान रखते हैं। आप ज्यादातर उन्हें हफ्ते में 60 से ज्यादा घंटे काम करते हुए देखेंगे और वो भी सिर्फ एक छुट्टी के साथ। अमीर लोगों की आदतें सीखने के लिए, आपको सात स्ट्रेटेजी फॉलो करनी होंगी।

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Strategies to Follow for Success

पहली, आपको एक टाइम पर सिर्फ एक आदत पर ध्यान देना है। आप एक से ज्यादा आदत पर ध्यान दे ही नहीं सकते एक आदत अपनाओ और एक महीने तक उसी पर टिके रहो।

दूसरी, ये आदत डालने के लिए जो भी जरुरी है सीखते रहना होगा. तीसरी, अपने दिमाग में नयी आदत के साथ एक पॉजिटिव इमेज बनाओ। सोचने से दिमाग काम प्रति सही काम करता है। जब आप रोज पॉजिटिव सोचोगे तो आप उस पर विश्वास करने लग जाओगे और विश्वास बाद, उसे करना आसान हो जायेगा।

Practicing Positive Thinking

पोस्टिव करने के चौथी, आप अपनी पोस्टिव सोच को अपनी इमेजिनेशन में भी डाल सकते हो। अपनी अमीर जिंदगी के बारे में इमेजिन करो और वो सच हो जाएगी। इसके लिए visualization technique यूज़ करें. पांचवी, काम करना शुरू करो।

छठी, एक नयी आदत डालने में सिर्फ एक दिन नहीं लो, बल्कि बिना रुके पूरे एक महीने तक अपनी नयी आदत की प्रैक्टिस करो।

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Overcoming Challenges

आखिरी, मान लो आपका दिन बहुत खराब गया जब आपने, अपनी नयी आदत की प्रैक्टिस नहीं की। इस मुश्किल का सबसे अच्छा हल ये है कि आप तुरंत वहां से प्रैक्टिस शुरु कर दो जहाँ से आपने छोड़ी थी।

उदास होकर मत घूमों और ना ही अपना दिल छोटा करो, बस फिर से शुरुआत करो। आओ हमारे ऑथर ब्रायन ट्रेसी की जिंदगी के बारे में बात करते हैं। वो तीस साल के थे तब उनके पास पैसे नहीं थे. वो एक लोकल यूनिवर्सिटी से एग्जीक्यूटिव MBA प्रोग्राम कर रहे थे।

The Journey of Brian Tracy

उनके शहर में एक दिन एक अमीर और जाने माने एंटरप्रेन्योर आये। उन्होंने अपनी कार ब्रायन से सामने ताकर खड़ी कर दी और उनकी कार सिल्वर कलर की 450 SEL मर्सडीस-बेंज़ थी।

ब्रायन एक पुरानी वॉल्वो चलाते थे, इसलिए वो अपने सामने खड़ी मर्सडीस को देखते रहे। मर्सडीस के ड्राइवर ने देखा की ब्रायन घूर रहे हैं, तो मुस्कुराये और उसके सामने हाथ हिलाये और क्लास की तरफ चले गए।

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Inspired by Success

ठीक उसी समय, ब्रायन ने सोचा की जरूर ये कोई बहुत अमीर आदमी होगा जो इतनी महंगी गाड़ी चलाता है। यहाँ तक की उन्हें ये भी याद है कि कार की सीट ब्लू कलर के लैदर की थी।

इसलिए, ब्रायन ने रोज दो से तीन घंटे पढ़ना शुरू किया कि अमीर लोग कैसे सोचते है, कैसे काम करते हैं और कैसे पैसे कमाते हैं। जिसके नतीजे थे कि उन्होंने ज्यादा से ज्यादा काम करना शुरू किया और वो भी लम्बे समय के लिए।

The Path to Success

फिर, वो के बाद एक तब तक प्रमोट होते गए जब तक उन्होंने अपने मालिक से ज्यादा पैसे कमाना शुरू नहीं कर दिया। सिर्फ तीन सालों में, आपने एक नयी कार खरीदने लायक हो गए थे. उन्होंने उसी मर्सडीस का मॉडल पसंद किया जिसे उन्होंने ब्लू कलर की लैदर सीट के साथ देखा था.

Conclusion

इस बुक ने आपको सिखाया की अपने करियर के लिए फैसला लेने से पहले आपको कैसे सोचना चाहिए और केसे रिसर्च करनी चाहिए। अगर आपका बिज़नेस नए प्रोडक्ट बनाने की तरफ जा रहा है, तो आपको पहले रिसर्च करनी चाहिए।

अगर नहीं करोगे तो, आपके कामयाब होने के मौके बहुत कम हो जाएंगे। आपने ये भी पढ़ा की स्लो थिंकिंग को मुश्किल फैसले लेने के टाइम पर यूज करते है. इसमें आपको थोड़ा आराम से, सब देख कर और ध्यान से सोचने समझने की जरुरत होती है।

दूसरी तरफ, फास्ट थिंकिंग को रोज के कामो के लिए यूज करते हैं, जैसे की नयी डेस खरीदना। सक्सेसफुल होने के लिए, आपको ये सोचना बहुत जरूरी है की कब कौन सी भिंकिंग पूज करनी है।

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Achieving Success

इसके अलावा, इस बुक ने आपको ये भी दिखाया कि कैसे आप अपने काम को दूसरों से बेहतर करके ज्यादा पैसे कमा सकते हैं। जब आप अपनी स्किल्स को बढ़ाते रहते हो, आपको प्रमोशन मिलता है या पैसे बढ़ते है।

स्ट्रेटेजी जो आप यूज कर सकते हो वो है फ्लेक्सिबल होना। जब आप मार्केट में होने वाले सारे बदलाव को देख कर उनसे आगे बढ़ते हो, आप एक सक्सेसफुल प्रोडक्ट बना सकते हो।

दूसरी स्ट्रेटेजी है अपने कस्टमर्स के बारे में हमेशा सोचते रहना। आपको हमेशा एक एंटरप्रेन्योर की तरह सोचना चाहिए। आखिरी स्ट्रेटेजी अपनी गलत आदतें बदलना है।

The Law of Correspondence

लॉ ऑफ़ करेस्पोंडेंस बताता है कि अगर आप अमीर लोगों की तरह सोचते हो, तो आप उनके जैसा बन जाओगे। ट्रिक बस ये है कि आपको उनके व्यवहार को स्टडी करना है और उनकी वो आदतें अपनानी है जिन्होंने उन्हें कामयाब बना दिया।

आदत बदलना आसान नहीं है, इसलिए आपको हर महीने में एक आदत बदलने से शुरू करना चाहिए! नया साल आ गया है, इसलिए न्यू ईयर में खुद से वादा करने के लिए बिलकुल सही समय है। सोचो आपने इस बुक से क्या सीखा और एक बार में एक नयी आदत डालना शुरू कर दो।

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