EVERYTHING I KNOW by Paul Jarvis.

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अपनी इनर वैल्यू को पहचानिए

बहुत पुरानी कहावत है और काफी हद तक सही भी है कि इस दुनिया में जन्म लेने वाला हर इंसान अलग है. हर इंसान के अंदर कुछ ना कुछ यूनिक तो है ही, बस फर्क आ

जाता है तो नज़रिए का, आप अपने युनिकनेस को पहचानते कैसे हैं? बाज़ार में कई सारी किताबें मौजूद है. जो आपको आपका ही सामना करवाएगी उन किताबों में काफी ज्यादा टिप्स भी मिल जायेंगी लेकिन अगर आप गौर करेंगे तो आपको पता चलेगा कि ज्यादातर किताबों में एक तरफा नॉलेज ही दिया गया है. अब बात करते हैं इस किताब की, इस किताब में आपको दोनों पक्ष की बातें पढ़ने को मिलेगी. अगर आपने इन अध्यायों को ध्यान से पढ़ लिया तो आपको खुद के अंदर

काफी कुछ बदलने का मौका मिल जायेगा.

इसी के साथ आपको ये भी सीखने को मिलेगा कि कैसे आप खुद की क्रिएटिविटी को पहचाने? अगर आपको टीवी देखने का शौक है तो किताब पढ़ने के बाद आपको पता चलेगा कि टीवी बद करके आप खुद करेंट भी बना सकते हैं.

अगर हम लाइफ में लॉन्ग टर्म की बात करें तो खुद के लिए सही रास्ते की तलाश करना मुश्किल हो सकता है. लेकिन अगर आप आगे जाकर खुद की जर्ती को देखेंगे तो

आपको एहसास होगा कि खुद तलाश किया हुआ रास्ता ही सही होता है,

वैसे तो सही रास्ते की तलाश आप कई तरीके से कर सकते हैं लेकिन इसके भी कुछ मूल मंत्र हैं जिनका आपको ख्याल रखना बहुत ज़रूरी है.

सबसे पहले जरूरी ये है कि आप खुद की तय की गई वैल्यूज को फॉलो करें, अगर आप ऐसा करते हैं तो इससे आपके अंदर एक अलग ही कॉन्फिडेंस का जन्म होगा. आपको पता होना चाहिए कि आप आखिर क्या चाहते हैं? मतलब साफ़ है कि आपको आपकी प्रायोरिटी पता होनी चाहिए. अगर आपको आपकी प्रायोरिटी पता है तो आप लाइफ में कभी भी गलत नहीं जा सकते हैं.

इसी के साथ आपको ये भी ध्यान रखना पड़ेगा कि आप जो भी काम कर रहे हैं उसकी आपके लिए अहमियत कितनी है? इन दोनों बातों के अलावा आप खुद की कद्र करना

सीखिए आपको पता होनी चाहिए कि आपकी नज़रों में आपकी वैल्यू कितनी है? इस वैल्यू को पैसों से तौलने की गलती कभी मत करियेगा,

एक और तरीका है अपना सही रास्ता जानने का, वो ये है कि आप काम को अपने तरीके से करने की कोशिश करिए अगर आप ऐसा करने में कामयाब होते हैं तो आप देखेंगे कि आपने दुनिया से अलग अपनी एक पहचान बनाई है,

अगर आप से अभी ये कहा जाए कि एक ऐसा बिजनेस मॉडल बताइए जिससे आप जल्दी से अमीर हो जाएँ, तो हसका कोई खास जवाब नहीं है. इसका जवाब बस ये है कि आप अपने काम को अपने तरीके से करते रहिये, इससे कम से कम आप दुनिया की भीड़ से तो अलग खड़े हो जाएंगे,

दूसरों की नकल करने की कभी भी कोशिश ना करिए

हमें हमारी पूरी जिंदगी में ये सीख दी जाती है कि अगर आपको सोसाइटी का हिस्सा बनना है. तो आपको समाज के साथ चलना पड़ेगा, हम लोगों में से ज्यादातर लोग इस बात को फॉलो भी करते हैं. लेकिन इन सबके बीच हम ये भूल जाते हैं कि हर इसान दूसरे से अलग है. तो फिर अगर आप दूसरों से अलग हो तो फिर आपको वो चीज़ दिखानी भी पड़ेगी.

आप वर्क प्लेस में भी इस चीज़ को गौर करते होंगे कि ज्यादातर लोग अपनी असली छवि को छुपाकर रखते हैं अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि लोग किस मुखोटे

के पीछे अपने असली करेक्टर को छुपाते हैं। इसके जवाब के लिए आपको बता दें कि लोग प्रोफेशनलिज्म के पीछे अपने असली चरित्र को छुपाकर रखते हैं, अगर आपको

कोई ऐसा दिखे तो उसे बता दीजियेगा कि ये उसकी सबसे बड़ी गलती है, इसी गलती के कारण वो अपने आपको एवरेज बना रहा है,

इसके बजाए आपको ये ध्यान रखना चाहिए कि प्रोफेशनल फील्ड में आप एक ब्राड की तरह है, आपका कम्पटीशन भी दूसरे ब्राइस से है. आप जितना अलग दिखेंगे. उत्तने ही आप यूनिक बनेंगे.

एक बात और अगर आप लोगों के सामने अपनी असली पर्सनालिटी दिखाते हैं, तो इसका मतलब ये नहीं है कि आप वीयर्ड हैं बल्कि इसका मतलब ये है कि आप इंसान हैं यहां पर हम एजाम्पल के तौर पर एक योगा टीचर की कहानी को समझते हैं. कैरेन नाम के एक योगा टीचर थे. आम तौर पर आपने देखा होगा कि योगा टीचर अपने आपको बड़ा शांत और खुश दिखाते हैं. लेकिन केरेन अपने स्टूडेंट्स को अपने स्ट्रगल और डिप्रेशन के बारे में भी बताते थे. इसका रिजल्ट ये था कि उनकी सच्चाई को देखते हुए बहुत

ज्यादा लोगों ने उन्हें ऑनलाइन भी फॉलो किया था.

अपने आपके प्रति ईमानदार रहने का एक और फायदा ये भी है कि आप अपनी वैल्यूज से जुड़े हुए रहते हैं.

ये भी लाज़मी सी बात है कि शुरुआत में हम सबको इर सा लगता है जब भी हम किसी नई जगह जाते हैं तो थोड़ा सा संकोच हम सबके दिल में रहता है. अब हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम उस डर का सामना कैसे करते हैं? क्या हमारे अदर इतनी ताकत है कि हम खुद से लड़ सके? ये सवाल हमको खुद से ही पूछना चाहिए

यहां पर आप रिचर्ड ब्रेनसन का भी एजाम्पल ले सकते हैं. रिचर्ड को स्कूल के दिनों से ही डिसलेक्सिया नाम की बीमारी थी. लेकिन उन्होंने अपनी इस बीमारी के आगे कभी भी घुटने नहीं टेके बल्कि उसका डटकर सामना किया रिजल्ट ये रहा कि रिचर्ड ने कई बिलियन डॉलर कम्पनीज़ को खड़ा किया है.

अपने गोल्स को आसानी से जाने मत दीजिये, जी तोड़ मेहनत करिए, आम तौर के जीवन में ये देखा जाता है कि जब कोई नया बिजनेस शुरू कर रहा होता है. तो उसका एक टार्गेट होता है, ज्यादातर उसका टार्गेट पैसों को लेकर होता है. वो सोचता है कि जब मैं इतना पैसा कमा लूँगा तब जाकर अपने आपको सक्सेसफुल समझंगा. क्या आपको पता है कि अगर हम सही गोल्स ना रखें तो हम कभी भी सही रास्ते को नहीं पहचान सकते हैं.

एक बात और हमें ध्यान में रखना चाहिए कि कभी भी अधो की तरह गोल्स के पीछे नहीं भागना है. हां, आप गोल्स बनाइए, लेकिन उन्हें फॉलो करते समय अपनी आँखों को

खुला रखिये.

ये भी याद रखियेगा कि गोल्स आपको गलत दिशा में भी लेकर जा सकते हैं. अगर आपका गोल कोई वस्तु होगी तो भाप जीवन को कैसे समझेंगे? इसलिए ज़रूरी ये है कि हम समझों कि हमे अपना लक्ष्य क्या बनाना है?

इसलिए सिर्फ और सिर्फ गोल्स का पीछा करने के बजाए ये ध्यान रखिये कि आपकी वेल्यूज आपको कहा लेकर जा रही हैं. अगर आप अपनी वैल्यूज़ का ध्यान रखेंगे तो आप कभी भी अपनी राह भटक नहीं सकते हैं. आपकी वैल्यूज़ अगले कदम के बारे में आपको जानकारी देशी. इसलिए सबसे पहले कोशिश करिए कि अपनी एथिक्स को सही रखिये, जीवन में सम्मान का रास्ता एथिक्स से होकर ही गुजरता है.

जैसा कि हमने शुरुआत में ही बात की थी कि ज्यादातर लोग पैसों को अपना गोल बना लेते हैं. ये बिल्कुल गलत है. हां, पैसे ज़रूरी हैं लेकित ये अल्टीमेट गोल नहीं हो

सकता है. अगर पैसा ही आपका अल्टीमेट गोल बन जाएगा तो जीवन कहीं ना कहीं पिछड़ जाएगा.

पैसे कमाना अच्छी बात है. लेकिन उसके साथ ही साथ आपके अदर सोसाइटी के प्रति अपने एथिक्स भी जिंदा रहने वाहिए. अगर आपके पास ज्यादा पैसे हैं तो आप कोशिश करिए कि ज़रूरतमंद की मदद कर सके.

सोसाइटी में आपको ऐसे कई बिजनेस मैन दिख जाएंगे जिन्होंने अपने पैसों से लोगों की काफी ज्यादा मदद की है. दूसरों की मदद करने से आपको अंदरुनी खुशी महसूस होगी. ये एक ऐसा रिवॉर्ड है जिसके आगे कोई भी इन्क्रीमेंट बीना है. इसलिए अपनी पहुंच और पैसों का सही इस्तेमाल करना सौरव जाहार

कुछ ग्रेट करने के लिए अपने समय को सही से मैनेज करना सीखिए

अपने वैल्यूज़ की कद्र करना खुद को जानना, एक बिजनेस का स्टार्टिंग पॉईट हो सकता है. अगर आप इतना जानते हो तो भापकी शुरुमात मच्छी है. लेकिन शुरुआत अच्छी होने का ये मतलब नहीं होता है कि आप सक्सेसफुल हो जाओगे. उस तरफ बढ़ने के लिए सबसे पहले आपको क्या और क्यों का साथ छोड़ना पड़ेगा, मतलब साफ़ है कि टेंशन को छोड़ कर और काम की शुरुआत करनी पड़ेगी.

एक बात याद रखिये कि चिंता करके की किसी का भला नहीं हुआ है. इसलिए लेखक बोलते हैं कि चिंता को खता करिए और काम की शुरुआत करिए,

इसके पीछे का एक कारण ये भी है कि इस दुनिया में कोई भी नहीं बता सकता है कि कल क्या होने वाला है. इसलिए कल की फ़िक्र करना बंद करिए और आज के बारे में सोचकर काम की शुरुआत कर दीजिये.आपके पास ये शक्ति नहीं है कि आप रिजल्ट को देख सकें. लेकिन आप आज मेहनत करके अपने रिजल्ट को मन माफिक बता जरूर सकते हैं. इसलिए खुद के ऊपर भरोसा रखिये और जीवन के सफर में आगे बढ़ते रहिये

अगर आप कोई नया व्यापार शुरू करने वाले हैं. आपको उसके फेल होने का इर है तो सबसे पहले आप उसे छोटे-छोटे चरणों में शुरू करिए. एक बार जब आपको पता चल

जाए कि आपका बिजनेस सक्सेस हो सकता है. तब आप अपने बिजनेस को फुल स्विंग में शुरू करिए इससे आपके अंदर काफिडेंस भी बढ़ेगा और आप खुश भी रहेंगे,

एक बार अगर आपने अपने वर्तमान के ऊपर फोकस कर लिया तो फिर भापको भविष्य की चिंता सताना भी बंद कर देगी. इसलिए अपने आज को सफल बनाइए आपका कल अपने आप ही उज्जवल हो जाएगा.

एक बात को और गांठ बांध लीजिये कि कोई भी वौज़ का क्रिएशन काफी कठिन होता है. इसमें समय भी लगता है और सेक्रिफाइस भी, इसलिए समय और शक्ति दोनों देने के लिए तैयार रहिये एजाम्पल के लिए अगर आप टीवी के शौकीन हैं. तो आपको पता होगा कि टीवी देखना तो बहुत आसान है. लेकिन उसके लिए कंटेंट जनरेट करना उतना ही मुश्किल. इसलिए अगर आप कुछ भी क्रिएटिव करना चाहते हैं तो उसके लिए लगने चाले समय के लिए मेंटली तेयार रहिये, अच्छे चौज़ के क्रीएशन में हमेशा ही समय लगा है, मेहनत कितनी लगेगी ये तो आपकी काबिलियत पर भी निर्भर करता है,

अगर आप समय निकालकर आज ही शुरुआत कर सकते हो तो आप एक दिन सक्सेस को ज़रूर एजॉय भी करोगे. इसलिए खुद से आज ही सवाल करिए कि ऐसा कौन सा काम है जो आपको लोगों से अलग खड़ा कर देगा? क्या आपके अंदर इतनी काबिलियत है कि आप कुछ नया इस समाज को दे सको? अगर जवाब हां में आता है तो आज ही अपने काम से समय निकालकर कुछ नया करने में ध्यान लगा दीजिये. जीवन में असली खुशी कुछ नया और अलग करने में ही मिलती है. उस खुशी की पहचान आपको आज ही करनी पड़ेगी.

ओर से कभी मत इरो बल्कि उसका सामना करो, कई लोग नई चीज़ की शुरुआत करने से काफी ज्यादा डरते हैं. उन्हें इस बात का डर होता है कि वो फेल हो जाएंगे, लेकिन क्या ये सही है कि भाप फेल होने के डर से शुरुआत ही ना करें?

अगर ये सवाल आप अपने आपसे से पूष्ठ लेंगे तो जवाब भी आपको मिल ही जाएगा ग्रेट बर्क करना तो सभी चाहते हैं. लेकिन उसके लिए कुर्बानी कोई नहीं देना चाहता है. एक बात ध्यान रखिये कि ग्रेट वर्क आपसे प्रेट स्पिरिट भी मांगता है. आपकी काबिलियत भले ही थोड़ी कम हो लेकिन आपके अंदर जज्या ज्यादा होना चाहिए फेल होने के इर को हराना पड़ेगा. अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि इस इर को कैसे भगाया जाए तो सबसे पहले आप अपने आईडिया के साथ थोड़ा एक्सपेरिमेंट करिए दिलेरी के साथ एक्सपेरिमेंट करना, कई बार ऐसा देखा गया है कि दिलेरी से ही ग्रेट चीज़ों का जन्म हुआ है,

एक बात और आपको याद रखनी चाहिए वो ये हैं कि आज नहीं तो कल आपको आपके द्र का सामना करना ही पड़ेगा. इसलिए उस सिचुएशन को टालने के बजाए उसका सामना करिए, जब आप उस डर का सामना करने की शुरुआत कर देंगे तो आपको खुट के बारे में भी बहुत सी बातों का पता चलेगा. इसके साथ ही आपको कई सारी खूबियों को भी सीखने का मौका मिलेगा.

उदाहरण के तौर पर अगर आपको बोलने में इर लगता है तो सबसे पहले आप पब्लिक स्पीकिंग ट्राई करिए, मन ना भी हो, इर लगे. फिर भी आप ट्राई करिए. एक बार नहीं कई बार स्टेज में चढ़कर लोगों का संबोधन करिए. क्या पता आपके अंदर से एक अच्छा बाक्ता निकलकर सामने आ जाए इसलिए कभी भी किसी भी सिचुएशन से इरना नहीं है. अगर आपको किसी भी चीज़ से डर लग भी रहा है तो आगे आकर उसका सामना करिए, इर अपने आप ही भाग जाएगा.

कई बार हमारा डर इतना हावी इसलिए भी हो जाता है. क्योंकि हमें कुछ खोने का डर होता है. हमें ऐसा लगता है कि अगर ऐसा हो गया तो ये इन्सान मुझे छोड़कर चला जाएगा. इस इर को आप इस तरह भी पता कर सकते हैं कि आप अपने मन में सोच लीजिये कि भगवान का शुक्रिया कम से कम मेरे पास ऐसी कोई चीज़ तो है. जिसे स्वोने का डर मुझे सता रहा है, अब अगर इसको जाना भी है तो जाए,

आपके डर का एक और कारण ये भी है कि आप कभी भी खुद की लिमिट्स को चैलेंज नहीं करते हैं.

अगर आप कभी ये कोशिश नहीं करोगे कि आप अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आ जाओ तो आप सिर्फ और सिर्फ खुद को पीछे खींचने का काम करोगे. इसलिए अपनी लिमिट्स को चेलेंज करते रहा करिए, जब-जब आप खुद की काबिलियत को चैलेंज करेंगे, तब-तब आप खुद को नया और इम्प्रुव पायेंगे इसलिए हमेशा खुद को संघर्ष के लिए चैलेंज करते रहिये,

क्रिटिक्स को अपने इम्प्रूवमेंट के लिए उपयोग में लेकर आइये

जब कभी आप अपने आईडिया को पब्लिक के सामने शेयर करेंगे तो आपको इस बात का डर रहेगा कि लोग आपको जज करेंगे, करेंगे लेकिन आपको लोगों की सोच से डरना नहीं है बल्कि खुद को और मज़बूती से उनके सामने पेश करना है. बात सच भी है कि लोग आपको जज

याद रखियेगा कि किसी आईडिया को समीक्षा के दौर से गुजरना ही पड़ता है. सभी को खुश कर पाना मुमकिन नहीं है. इसालिए क्रिटिसिंजा से कभी घबराईयेगा नहीं बल्कि उसका सामना करियेगा.

कई बार ऐसा मौका भी आएगा जब आपको काफी ज्यादा आलोचना का सामना करना पड़ सकता है. कई बार आपको खराब मेल्स भी भायेंगे. लेकिन सबसे आपको बस सीखते जाना है.

आलोचक कई बार काफी ज्यादा बोल देते हैं. आपको ये भी सुनने को मिल सकता है कि आपके काम से किसी को भी कोई फायदा नहीं हो रहा है. इन सब बातों को

आपको अपने दिल में नहीं लेना है.

एक बात और कभी भी अपने काम से ज्यादा इमोशनली अटैच मत हो जाएगा. क्योंकि अगर आपने ऐता किया तो फिर भाप नेगेटिव कमेंट्स को ले नहीं पायेंगे और आप काम करना ही बंद कर देंगे.याद रखिये कि आपको काम करते रहना है.

फीडबैक को ध्यान से पड़ना चाहिए क्योंकि इन्ही फीडबैक से आपको इम्प्रुवमेंट करने का तरीका भी मिलेगा आपको पता वलेगा कि आपसे गलती कहा हो रही है? विश्वास

करिए कई क्रिटिक्स आपको काफी कुष्ठ सिखाकर जाएंगे.

अगर आप अभी अपने काम को पब्लिक के सामने शेयर करने से इर रहे हैं तो एक सवाल खुद से करिये कि आपके साथ सबसे बुरा क्या हो सकता है? कोई क्या ही आपको बोल देगा? इस सवाल का जवाब आप खुद ही दीजिये. फिर आपको पता चलेगा कि अपने काम को सुधारने के लिए उसे पब्लिक के सामने ले जाना कितना ज़रूरी है?

अपनी स्किल को इंटरेस्ट से मैच करिए, आप देखेंगे कि आपका काम और अच्छा हो रहा है. अगर आप अच्छे सक्सेसफुल लोगों के बारे में पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा कि ज्यादातर लोगों ने अपने पैशन को फॉलो किया था. लेकिन बस पेशन को फॉलो करने से ही कोई सक्सेसफुल नहीं बन जाता है. बल्कि उसके लिए आपको मेहनत के साथ अपने वैल्यूज को भी फॉलो करना पड़ता है.

इसलिए आपको पता होना चाहिए कि हॉबी और बिजनेस के बीच में क्या अंतर होता है? मान लीजिये कि आप गेम में ग्रेट हैं और प्रोग्रामिंग में बेस्ट तो फिर आप गेम रिलेटेड एप भी बना सकते हैं. ऐसा करने से आप अपने पैशन को भी फॉलो करेंगे और बिजनेस को भी आगे बढ़ाएंगे,

लेकिन फिर कई लोगों के सामने ये सवाल खड़ा हो जाता है कि लोग आपका बनाया समान ही क्यों खरीदेंगे: इसका जवाब ये है कि आपको अपनी कला में माहिर तो होना ही पड़ेगा इसलिए अगर आपको जूवा भी सिलना आता है. तो वो वैसा आना चाहिए जैसा पूरे शहर में किसी को ना आता हो

इस बाज़ारयुग में अगर आपको सबसे अलग खड़ा होना है तो आपको पता होना चाहिए कि आप सबसे बेस्ट किस चीज में हैं।

सबसे पहले अपनी काबिलियत को पहचानिए फिर उसके ऊपर काम करिए

ऐसे लोगों से कनेक्ट हो जाइए जिन्हें आपके काम की ज़रुरत हो

नये बिजनेसमैन जो सामान्य गलती करते हैं. वो ये है कि वो ज्यादा लोगों से कनेक्ट नहीं होते हैं. वो सोचते हैं कि कुछ ही लोग हैं जिनसे उन्हें मतलब रखना है. लेकिन ऐसा

नहीं है, मार्केट बहुत बड़ा है. हमेशा बड़े के पीछे मत भागिए क्योंकि सभी उसके पीछे लगे हुए है. आप सबसे कनेक्ट होने की कोशिश करिए, क्या पता छोटी कुंजी आपका बड़ा काम करके चली जाए आसान शब्दों में कहें तो आपको खुद ऐसे लोगों की तलाश करती है जिन लोगों को आपके काम की कट और ज़रुरत हो, जो लोग आपके काम का प्रमोशन भी करें, ऐसे लोगों

की तलाश करिए. उनके साथ जुड़ जाइए.

जब आप ऐसे लोगों की तलाश करने के लिए निकलेंगे तो आपको खुद से एक सवाल कर लेना चाहिए कि आपकी मदद कौन कर सकता है?

छोटे-छोटे ग्रुप से मिलना शुरू करिए उनसे अपने आईडिया और बिजनेस के बारे बातें शेयर करिए, आपके लिए ये बिल्कुल भी मेटर नहीं करता है कि आप कितने लोगों से मिल रहे हैं? आपको बस ये ध्यान रखना है कि कितने लोग आपके काम में इंटरेस्ट दिखा रहे हैं.

माप ऐसे लोगों का एक ग्रुप भी बना सकते हैं उनके फीड बैक्स को नोट डाउन करते रहिये वो फीडबैक आपके काफी मददगार साबित होंगे,

अगर आपको लोगों को अपनी ओर अट्रैक्शन करना है तो फिर आपको कुछ अलग भी करना पड़ेगा जैसे कि आप अच्छी सी टैग लाइन भी रख सकते है. या फिर कुछ ऐसा कैम्पेन डिजाईन करिए कि लोग आपकी तरफ आकर्षित हों. जब एक बार लोग आपके पास आने लगेंगे तो फिर आप उनसे अपने बिजनेस को लेकर बातें भी कर सकते

अपने आईडिया पर फोकस करिए, कभी भी दूसरे की सोच की चोरी मत करियेगा. कई लोग ऐसा सोचते हैं कि इनोवेटिव आईडिया का जन्म नहीं होता है. उन्हें हमें कहीं ना कहीं से उठाना ही पड़ता है. फिर उसे अपना ब्रांड का लोगो लगाकर चिपका देना चाहिए, लेकिन आपको बता दें कि ये तरीका बिल्कुल भी सही नहीं है. इसे ही क्रिएटिव चोरी भी कहा जाता है. इसलिए अगर आप लोगों से अलग खड़ा होना चाहते हैं तो आपको उनसे अलग सोचना भी पड़ेगा. आपको खुद के आईडिया का निर्माण करना ही पड़ेगा. चोरी का रास्ता आपको कुछ दिनों की तो खुशी दे सकता है. लेकिन अगर आपको लाइफ टाइम का सुकून चाहिए तो फिर आपको थोड़ी मेहनत भी करनी ही पड़ेगी.

इसलिए अगर आप खुद के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं तो सबसे पहले अपना सारा फोकस उसी के ऊपर लगा दीजिये. आपको पूरा ध्यान आपके प्रोक्ट के ऊपर ही होना चाहिए.

कई बार ऐसा भी होगा जब आपको पहली बार में सफलता नहीं मिलेगी, तब आपको एक बात का ध्यान रखना है कि आपको विचलित नहीं होना है, इसी के साथ आपको

निराश भी नहीं होना है, बस, अपने क्राफ्ट पर भरोसा रखिये, अगर आप अपनी काबिलियत के अनुसार मेहनत करते रहेंगे तो सफलता भी आपको जरूर मिलेगी. कभी भी रिजल्ट को याद करते हुए अपने आईडिया के ऊपर काम करना बद मत करियेगा, जब तक आप अपनी क्रिएटिविटी पर काम करते रहेंगे तब तक आप आगे बढ़ते

रहेगे. इसलिए जीवन के सफर को एक फिल्म की तरह एन्जॉय करते रहिये और आगे बढ़ते रहिये.

दुनिया में सबसे अलग चीजों का आविष्कार खड़ी कठिनाइयों के बाद ही हुआ है. इसलिए अगर आप किसी आईडिया के ऊपर काम कर रहे हैं, तो सबसे पहले पेशंस रखिये,. पेशन्स ही आपको सफलता तक लेकर जाएंगे,

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