EVERYTHING CONNECTS by Faisal Hoque and Drake Baer.

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यह किसके लिए है-:

ये जो कुछ अलग करने के बारे में सोच रहे हैं।

-वे जो अपने कर्वारियों में अच्छे संबंध बनाना चाहते हैं।

-वे जो एक बेहतर प्रोडक्ट बनाना चाहते हैं।

लेखक के बारे में -:

फैसल हक (Faisal Hogue) बांग्लादेश में पैदा हुए थे। 14 साल में उम्र में एटरग्रीन्यूटर बने और 17 साल की उप्र में बांग्लादेश छोड़कर अमेरिका चले गए। अब ये अमेरिका में रहते हैं और एक कामयाब एंटरप्रगैन्यूएर और एक श्रेस्ट सेलिंग लेखक है। वे MInd 2 MInd, फोरसाइट सुफोद्ा और दूसरी कंपनियों के फाउंडर हैं।

रेफर (Drake Baer) एक लेखक है जिन्होंने स्ट्रैटेजी, बिज़नेस और लीडरशिप पर बहुत से लेस्प लिये हैं।

आपको यह किताब क्यों पढ़नी चाहिए?

इस किताब को पढ़कर आप बहुत सी बातें जानेंगे। आप सीखेंगे कि कैसे आप आज के इस बदलते वक्त में सफलता पा सकते हैं। आप जानेंगे कि कैसे आप कम्पटीशन के बजाय एक दूसरे के साथ मिलकर काम कर के खुद को और अपनी कंपनी को नयी ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।

आज के इस बदलते वक्त में आपको कुछ अलग सोचने और करने की ज़रूरत है। आपको समय वक्त के साथ बदलना सीखाता होगा। साथ चलने की आदत डालनी होगी और साथ ही अपने लोगों को बदलते अगर आप एक कामयाब कंपनी खोलना चाहते है तो आपको लोगों को मैनेज करना सीखना होगा। आपको ये जानना होगा कि कैसे आप अपने कर्मचारियों और अपने ग्राहकों को एक साथ बाँध कर रख सकते हैं। ये किताब आपको इन सभी बातों के बारे में बताएगी।

इसे पढ़कर आप सीखेंगे-:

बदलते वक्त में सफल रहने के लिए खुद को कैसे बदलें।

  • आप अपने सोचने की क्षमता को कैसे बढ़ा सकते हैं।
  • आपको एक ही जैसे कर्मचारियों को काम पर क्यों नहीं रखना चाहिए।

आज आपको कुछ ऐसा करने की ज़रूरत है जो दूसरों से अलग है।

इससे पहले कि हम ये सबक शुरू करें आइए कुछ ऐसी कंपनियों पर नज़र डालें जो एक वक्त में बहुत कामयाब थी लेकिन बाद में इन्हें किसी की नज़र लग गयी।

इस लिस्ट में पहला नाम है-ब्लॉकबस्टर्स। नेटफ्लिक्स के आने से पहले ब्लॉकबस्टर एक बहुत बड़ी मूवी कपनी हुआ करती थी। लेकिन नेटफ्लिक्स ने ऑनलाइन सर्विस देकर मार्केट को बदल कर रख दिया। ब्लॉकबस्टर्स में अब भी पुराने तरीके आजमाए जा रहे थे जिससे इसका अंत हो गया।

दूसरा नाम है- जेरॉक्स (Xerox) बीतते वक्त के साथ लोग लेज़र प्रंटर्स और विंडोज आइकॉन बैस्ड प्रिन्टिंग सिस्टम इस्तेमाल करने लगे। ज़ेरॉक्स अब भी अपनी पुरानी फोटोकोपियर मशीन बेच रहा था जो उसके हार की वजह बनी। इन दोनों ही उदहारण में हमने देखा कि अगर आप बदलते वक्त के साथ बदलेंगे नहीं तो आपका अत नजदीक है। आने वाले वक्त में बहुत सी कपनिया नए नए प्रोडक्ट्स और इन्श स ले कर आएंगी। आपको भी उनसे कम्पटीशन में रहने के लिए उनसे अच्छा और सस्ता काम करना होगा। कामयाब होने के लिए सिर्फ खुद को बदलना काफी नहीं है।

आपको मार्केट बदलना होगा। आप कुछ ऐसे आइडियाज लेकर आहए जिससे पूरा मार्केट फैशन बदल जाए।

अगर आप हमेशा कामयाब रहना चाहते है तो आपको पुराने बिज़नेस आइडियाज को छोड़कर नए तरीके, नए लोग और नए प्रोडक्ट्स पर काम करना होगा।

एक बिज़नेस के सभी हिस्सों में ताल मेल होना बहुत ज़रूरी है।

आइए देखें कि ताल मेल का बिजनेस पर क्या असर पड़ता है। एक गाड़ी को बनाने के लिए जिन मेटल्स की जरूरत होती है वो गरीब देशों से इम्पोर्ट किये जाते हैं क्योंकि इनकी कीमत वहाँ कम होती है। चाइना में मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट बहुत कम है इसलिए सभी गाड़ियों के पास चाइना में बनते हैं। मेक्सिको एक बहुत अच्छा बाज़ार है जहाँ गाड़ियों को बेचा जाता है।

इस उदहारण से एक बात साफ़ है कि अगर आप एक कामयाब कंपनी बनाना चाहते हैं तो आपको अलग अलग जगहों से ताल मेल बनाना होगा।

माज बड़ी बड़ी कम्पनियों कनेक्शन बना रही है। इसका एक उदहारण है- फेसबुका फेसबुक ने लोगों को कनेक्ट करने के लिए एक बहुत अच्छा सिस्टम बनाया है जिससे आज हम वो कर पा रहे हैं जो 20 साल पहले असभव समझा। जाता था।

इसके साथ ही आपको अपने कर्मचारियों में भी ताल मेल बनाना होगा। अगर आप एक अच्छा प्रोडक्ट बनाना चाहते हैं तो आपके कर्मचारियों में अच्छे सम्बन्ध होने चाहिये।

अगर आपके कर्मचारी आपस में बात चीत नहीं कर पा रहे हैं या ताल मेल नहीं बैठा पा रहे हैं तो इसका असर आपके प्रोडक्ट पर पड़ेगा।

अगर आप चाहते हैं कि आपका प्रोडक्ट इस्तेमाल करने में आसन हो तो आपको एक बात का Eयान रखना होगा कि उस प्रोडक्ट को कम से कम लोग बनाएँ। अंगर उसे बनाने मैं ज़्यादा लोग लगते हैं तो उस प्रोडक्ट में ज़्यादा दिमाग लगेगा और उसे इस्तेमाल करने में भी उतना ही दिमाग लगाना होगा।

जेक मा चाइना के बहुत ही कामयाब बिजनेसमैन है जिन्होंने कहा- मुझे बेवकूफों के साथ काम करना पसंद है क्योंकि समझदार लोग एक साथ मिलकर काम नहीं कर पाते। इसलिए ये बहुत ज़रूरी है कि आपके कर्मचारी एक साथ मिलकर काम करें।

आप ध्यान की मदद से अच्छा फोकस पा सकते हैं और एक अच्छे लीडर बन सकते हैं।

ज्यादातर लोगों की प्रॉब्लम ये है कि वो अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर पाते। वे प्रेजेंट में फोकस करके पास्ट और फ्यूचर के बारे में सोचते रहते हैं। वे अपनी मंजिल को पाना तो चाहते है पर उसपर फोकस नहीं कर पाते।

इन सभी समस्याओं का हल है- ध्यान (Mindfulness)। आप इसकी मदद से अपना फोकस पा कर एक अच्छे लीडर बन सकते हैं और अपनी भावनाओं पर काबू पा सकते हैं।

ध्यान पर की गयी बहुत सारी स्टडीज़ में ये बात सामने आयी कि ध्यान के बहुत से फायदे हैं। इन में से कुछ फायदे हैं

ध्यान की मदद में आप अपने दिमाग को भटकने से रोक सकते हैं।

  • इसकी मदद से आप अपनी सोचने की क्षमता बढ़ा सकते हैं।

-इसकी मदद से आप ये पता कर सकते हैं कि क्या आपका काम आपको आपकी मंजिल की तरफ ले जा रहा है या नहीं।

ध्यान की मदद से आप अपनी क्रिएटिविटी बढ़ा सकते हैं और नए आइडियाज के लिए जगह बना सकते हैं।

जैसा कि कहा गया कि ध्यान से आपके सोचने की क्षमता बढ़ाता है। इससे आप तुरंत कोई काम न करके पहले उसके बारे में सोचेंगे और बेहतर रिजल्ट पा सकेगे।

ध्यान की मदद से बहुत से लोगों ने अपने अन्दर के लीडर को जगाया है। इससे उनमें अच्छे फैसले लेने की क्षमता बड़ी और समय के साथ वे बहुत ही सफल हुए। आप भी इसकी मदद से एक अच्छी और कामयाब जिन्दगी पा सकते हैं।

अगर आप चाहते हैं कि आपके कर्मचारी अच्छा काम करें तो आपको उन्हें सुरक्षित महसूस कराना होगा।

सोचिये अगर आपको ऐसी जगह पर काम करता हो जहाँ पर बहुत शोर होता हो। जहाँ पर साफ़ सफाई न हो और हर वक्त बदबू आती हो। जहाँ आपके पास जॉब सेक्युरिटी न हो और आपका मैनेजर बहुत सख्त हो। जहाँ न आप किसी से बात कर पाते हो ना आपसे कोई बात करना चाहता हो। क्या आप ऐसी जगह पर काम कर पाएँगे?

कोई भी ऐसी जगह पर काम नहीं करना चाहेगा। आइये देखे ऐसा क्यों होता है।

इंसानों के अंदर दो तरह की मानसिकताएँ पायी जाती हैं।

पहली मानसिकता जानवरों की मानसिकता होती है। जंगल में रहने वाला हर जानवर अपने आसपास की जगहों को देखकर ये जानने की कोशिश करता है कि क्या वो सुरक्षित है? इसी तरह इसान भी अपने आस पास की जगहों को देखकर ये जानने की कोशिश करता है कि क्या वो वहाँ पर सुरक्षित है।

दूसरी मानसिकता मैमल्स की मानसिकता होती है। इसी मानसिकता की वजह से इंसान में सोचने समझने की और साथ काम करने की क्षमता होती है।

अगर आपके कर्मचारियों के आस पास का माहौल अच्छा नहीं है तो आपके कर्मचारी सुरक्षित नहीं महसूस करेंगे और उनकी पहली मानसिकता उनपर हावी हो जाएगी। ऐसे में उनके सोचने समझने की क्षमता कम हो जाएगी और वे अच्छे से काम नहीं कर पाएगे।

इसलिए ये बहुत जरूरी है कि आप अपने कर्मचारियों को सुविधा दें। इसके साथ ही आप उनमें एक अच्छा सम्बन्ध बनाने की कोशिश करें जिससे वे एक दूसरे से ताल मेल बैठा कर मिल जुलकर काम कर सकें। ऐसे में उनकी दूसरी मानसिकता उनपर हावी रहेगी और यो अच्छे से सोच सकेंगे और अच्छा काम कर सकेंगे।

अपने कर्मचारियों पर दबाव बना कर उन्हें क्रिएटिव नहीं बना सकते।

बदलाव एक ऐसा दरवाज़ा है जो अंदर से खुलता है बाहर से नहीं। इसी तरह अगर आपको अपने कर्मचारियों को क्रिएटिव बनाना है तो आपको उन्हें अंदर से उकसाना होगा। बाहर से दबाव डालने से कोई फायदा नहीं है।

अपने कर्मचारियों को क्रिएटिव बनाने के लिए आप बहुत से कदग उठा सकते हैं।

  • आप अपने कर्मचारियों को एक दूसरे से कनेक्टेड रखिए जिससे वो आपस में आइडियाज शेयर कर सकें।

आप उन्हें एक अच्छा माहौल दीजिए जिससे वो सेफ महसूस कर अपनी क्रिएटिविटी को बाहर ला सकें।

  • आप एक कंसल्टेंसी बुलाइये जहां से आपके कर्मचारी सलाह ले सकें।
  • आप अपने कर्मचारियों को प्रेरित करिये और उनसे अच्छा व्यवहार कीजिये।

अगर कर्मचारी अपने बॉस और अपनी कंपनी को पसंद करेंगे तो वे वफादार होंगे और अच्छा काम करने की कोशिश करेंगे।

अपने कर्मचारियों से ज्यादा सख्ती बरतने से आपका ही नुक्सान होगा। आप उन्हें हैंडल करना सीखिए और उनसे अच्छा व्यवहार कीजिये। इससे आप अपने कर्मचारियों का विश्वास जीत सकते हैं और उनकी मदद से आप अपनी कंपनी को नयी ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।

क्रिएटिविटी बढ़ाने के लिए आप अपने कर्मचारियों को छोटे ग्रुप्स में काम करने का मौका दीजीए।

आप जितने ज्यादा सोशल होंगे आपको उतनी तरह के लोग मिलेंगे। अलग अलग लोगों को अलग अलग विषयों के बारे में जानकारी होती है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलने पर आप के अदर ज्यादा आइडियाज आएंगे। लेकिन हमेशा एक ही डिपार्टमेंट में काम करते रहने से आपको कोई नए आइडियाज नहीं आएगे।

इसलिए ये ज़रुरी है कि आप अपने कर्मचारियों को हमेशा एक ही डिपार्टमेंट में न रख कर उन्हें किसी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए ग्रुप्स में बांटते रहिए। अलग अलग ग्रुप्स में काम करने से उनका टैलेंट बहार निकल कर आता है और साथ ही उनके अंदर नए आइडियाज़ भी आते हैं। इन छोटे ग्रुप्स को टैलेंट क्लस्टर्स कहते हैं। इन टैलेंट क्लस्टर्स में हर कोई अपनी सुविधा के हिसाब से अपना काम चुन लेता है और उसे सबके साथ मिलकर पूरा करता है।

इन क्लस्टस का ये है कि अलग अलग प्रोजेक्ट्स में एक ही आदमी अलग अलग काम कर सकता है।

जैसे कि आप एक सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट पर काम करवाना चाहते हैं। इस प्रोजेक्ट में एक कर्मचारी अच्छा प्रोग्रामर है जो प्रोग्रामिंग का काम चुनता है। इस क्लस्टर में वो कर्मचारी एक एक्सपर्ट का काम चुनता है। अब अगर आपको नए कर्मचारी रखने हैं और उन्हें काम करने के तरीके सिखाने हैं तो आपका वही कर्मचारी इस काम के लिए एक इनोवेटर का काम कर सकता है। इस तरह से उस कर्मचारी ने दो काम किये जिससे उसका दिमाग सिर्फ प्रोग्रामिंग तक ही सीमित नहीं रहा।

एक ही डिपार्टमेंट में कर्मचारी को हमेशा रखने से उनका दिमाग उस एक ही डिपार्टमेंट तक सीमित हो जाता है। अगर आप चाहते हैं कि आपके करमचारियों को ज्यादा से ज्यादा चीजों के बारे में मालूम हो तो आपको उन्हें ज्यादा से ज्यादा क्लस्टर्स में बाँटना होगा।

करमचारियों को हायर करते वक्त आप इस बात का ख्याल रखिये कि वे लोग एक जैसे न हों।

जैसा कि पहले ही बताया गया कि एक ही तरह के लोगों के साथ काम करने से आपके आइडियाज सीमित हो जाएंगे। इसलिए आप नए कर्मचारियों को हायर करते वक्त इस बात का ध्यान रखिये कि वे लोग एक दूसरे से बिलकुल अलग हों।

शायद आप सोच रहे होंगे कि अगर अलग अलग सोच के लोग एक ही प्रोजेक्ट पर काम करेंगे तो उनमें झगड़ा हो सकता है। लेकिन ऐसा नहीं है। आज के इस वक्त में अलग अलग लोग पाये जाते हैं जिनकी अलग अलग ज़रूरतें होती हैं। अगर आपके प्रोजेक्ट में अलग सोच वाले लोग काम करेंगे तो वे एक ऐसा प्रोडक्ट बनाएँगे जिंससे सबकी जरूरतें पूरी हों।

उदहारण के लिए एक सॉफ्टवेयर को ले लीजिए। सॉफ्टवेयर बनाते वक्त कुछ लोगों का मानना हो सकता है कि वो सॉफ्टवेयर ज्यादा फीचर्स रखे और कुछ का मानना हो सकता है कि वो इस्तेमाल करने में आसान हो। ऐसे में आपके कर्मचारी एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाएंगे जिसमे ज्यादा फीचर्स होंगे और वो इस्तेमाल करने में आसान भी होगा।

आप इस बात का ध्यान रखिए की कंपनी में हर एक नए कर्मचारी के साथ एक नयी सोच आनी चाहिये। अगर ऐसा नहीं होता तो इससे अच्छा आप रोबोट्स को काम पर लगा दीजिए क्योंकि तब आपके कर्मचारियों और रोबोट्स में कोई अंतर नहीं होगा। अलग अलग लोग एक ही गुत्थी को सुलझाने के अलग अलग उपाय देंगे। वे सभी एक ही काम को अलग अलग तरीके से करेंगे जिससे आपके कस्टमर्स के पास चॉइस के आप्शन्स बढ़ जाएगे।

कर्मचारियों को क्रिएटिव बनाने के साथ ही आपको भी क्रिएटिव बनना होगा। इसलिए आप हर रोज किसी नए आदमी से मिलिये, किताबे पड़िये, सेमिनार में जाइए और अपने नॉलेज को एक्सपैंड कीजिये।

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