About Book
एक ओल्ड कहावत है कि सुबह उठके सबसे पहले एक जिंदा फ्रॉग खाना चाहिए. बेशक ये सुनने में थोडा अजीब लगे लेकिन इसका मीनिंग बहुत डीप है यानी कि अपने मोस्ट चेलेंजिंग टास्क के लिए हर रोज़ रेडी रहे. अपने हर दिन को इस तरह ओर्गेनाइज़ करना सीखे कि आप मुश्किल से मुश्किल टास्क भी एफिशिएंट और इफेक्टिव तरीके से पूरा कर पाए और यही इस बुक का गोल है. ये बुक आपको सिखाती है कि अपने मोस्ट इम्पोर्टेंट और लीस्ट इम्पोर्टेंट के बीच बेलेंस कैसे क्रिएट किया जाए.
1. इस बुक से हम क्या सीखेंगे?
ईट देट फ्रॉग एक लाइफ चेंजिंग बुक है. हर वो इंसान जिसे आज का काम टालने की हैबिट है, ये बुक उसके बड़े काम की है. ये बुक आपको टालमटोल की आदत को दूर करके सेल्फ- डिसप्लीन सिखाती है. अगर आपके पास कई सारे टास्क है तो सबसे चलेंजिंग और मोस्ट डिफिकल्ट टास्क से शुरवात करे. आपके आईडिया जब तक एक्शन नहीं बन जाते, किसी काम के नहीं है इसलिए जो भी करना है अभी करे.
2. किस किसको ये बुक पढनी चाहिए?
अगर आपको किसी स्किल में मास्टरिंग करनी है लेकिन आपको आज का काम कल पर टालने की आदत है तो ये बुक ज़रूर पढ़िए. इस बुक आपको एंकरेज करती है. इस बुक को पढकर आप अपने करियर में ग्रो कर सकते है, अपना बिजनेस इनक्रीज कर सकते है और खुद के साथ-साथ दूसरो की लाइफ में भी इम्प्रूवमेंट ला सकते है.
3. इस बुक केऑथर कौन है?
5 जनवरी, 1944 में पैदा हुए ब्राइन ट्रेसी एक केनेडीयन अमेरिकन मोटिवेशन स्पीकर और सेल्फ डेवलपमेंट ऑथर है. वो अब 70 से भी ज्यादा बुक्स लिख चुके है जिन्हें एक डोजन से भी ज्यादा लेंगुवेजेस में ट्रांसलेट किया जा चूका है. ईट देट फ्रॉग के अलावा उनकी मोस्ट पोपुलर बुक्स है “अर्न व्हट यू आर रियली वर्थ” और “साइकोलोजी ऑफ़ अचीवमेंट”. ब्राइन ट्रेसी अपनी खुद की कंपनी ब्राइन इंटरनेशल के सीईओ और चेयरमेन भी है.
ईट देट फ्रोंग (Eat that frog)
सक्सेसफुल बनने का बस यही सीक्रेट है कि जो करना है उसे आज और अभी करो।इस बुक में 21 स्ट्रेटेजीज़ (Strategies) हे जिनपर चलकर आप सक्सेसफुल बन सकते है, ऐसा ऑधर (author) का मानना है। ऐसी बहुत सी स्टडीज़ (5tudies) की गयी जिनसे पता चला है सक्सेसफुल लोगों की इमिडियेट (immediate) एक्शन लेने की आदत ही उन्हें सक्सेस दिलाती है। बहुत सारे लोग ऐसे भी मीटिंग्स पे मीटिंग्स करते है, ब्रिलिएंट (brilliant) बड़े बड़े प्लान्स (plans) बनाते है फिर भी उनका टाक्स पूरा नहीं हो पाता है। इसलिए अगर आपको प्रोडक्टिव (productive) बनना है तो आपको प्रोडक्टिव बनने की हैबिट भी डालनी होगी। काम को डिले (delay) ना करने की आदत, प्रायोरिटीज (priorities) सेट करना और अपने मोस्ट इम्पोर्टेट टास्क टैकल (tackle) करने के लिए आपको एक्सपरटीज़ (expertise) की ज़रूरत है।
जब आप मल्टीपल टाइम (multiple time) ये चीज़ करेंगे तो ये ऑटोमेटिक (automatic) ही आपकी हैबिट बन जायेगी। जब आप कोई इम्पोर्टेट टास्क कम्प्लीट (Complete) करते है तो आपकी बॉडी में एंडरोफिन(endorphin) रिलीज़ होता है जो आपके अंदर काम का नशा पैदा करता है! अब भला इससे बैटर क्या होगा कि आपके अंदर एक एडिक्शन पैदा हो जाए जो आपको अपने अनफिनिश्ड (unfinished) टास्क पूरा करने पर मजबूर कर दे। फिर ये आपके लिए एक ईजी हेबिट बन जायेगी। और सबसे बड़ी बात, सक्सेस के ये जो थ्री डी है ना, वो है डिसीज़न(decision) काम को करने का, दूसरा है डिसिप्लीन(discipine) जिससे काम को अंजाम दिया जा सके, डेटरमिनेशन (determination) कि जब तक काम पूरा ना हो जाये उसे छोड़ना नहीं है। और फाइनली(Finally) अगर आपको सच में एक सक्सेसफुल इंसान बनना है तो खुद को ऐसे ही विजुयेलाइज(visualize करे। जब आप टालमटोल की आदत से छुटकारा पा लेंगे और अपने टास्क जल्दी-जल्दी पूरा करने की हैबिट बना लेंगे तो समझ जाओ कि अब आप सक्सेस की रोड पर भागने लगे हो!
सेट द टेबल (Set the Table)
एक लायन (lion) शिकार करने से पहले क्या स्टेप लेता है? जी हाँ सही (guess) किया। वो सबसे पहले अपना प्रे {prey) यानी शिकार चूज करता है। इसी तरह आपको भी आपका टारगेट भी पहले से क्लियर होना चाहिए, और फिर बिना रुके अपना काम स्टार्ट कर दे। गोल की क्लियेरिटी(clarity) ही नहीं इसे कैसे करना है इस बात की भी क्लियेरिटी रखे। अगर आपको शोर्ट टाइम में अपनी प्रोडक्टीविटी(productivity ) इनक्रीज करनी है तो हम आपको 7 क्रूशियल स्टेप बताते है।
फर्स्ट स्टेप, डिसाइड कर लो कि तुम्हें क्या चाहिए। ज़रा सोचों एक लायन के लिए इससे बुरा क्या होगा कि वो एक गलत शिकार के पीछे भागे। सेकंड स्टेप, जो करने का सोचा है उसे लिख लो। अपने गोल को पेपर पर लिखने से आप मोटिवेट होते हो, आपको उसे क्लीयरली और परफेव्टली पूरा करने की एनर्जी मिलती है। थर्ड स्टेप, एक डेडलाइन(deadline} सेट कर लो। लायन अपना शिकार हंट करने में इतना सक्सेसफुल कैसे हो जाता है? क्योंकि वो इसमें देर नहीं करता है। वो अपने प्र को उसी बक्त हंट करेगा! फोर्थ स्टेप है, एक लिस्ट बना लो कि अपना गोल अचीव करने के लिए आपको कोन-कोन से स्टेप्स लेने पड़ेंगे।
फिफ्च स्टेय है, इस लिस्ट को ओर्नाइज़ (organize करो ताकि ये सिर्फ एक लिस्ट रहकर एक प्लान बन जाये। प्रायोरिटी(pricrity) और सिक्वेस(sequence) के हिसाब से ओर्गेनाइज़ करे। और ये करना ज़रूरी इसीलिए है ताकि आपका टास्क छोटे-छोटे इंडिविजुअल असाइनमेंट्स(individual assignments) में डिवाइड किया जा सके जो ईजिली अक्म्प्लिश (accomplish) हो सके। सिक्स्थ स्टेप है, जो भी एक्शन लेना है अभी इमिडीएटली(immediately) ले लो, कल का वेट मत करो, जो करना है अभी इसी वक्त करो! और सेवंथ स्टेप है, हर रोज़ ऐसा कुछ ना कुछ करो जो आपको अपने गोल की तरफ ले जाता है। फिर चाहे आप किसी न्यू लेंगुयेज (language) के कुछ वईसwords) लर्न करे या फिर रोज़ कुछ ना कुछ पढे। मैटर बस ये करता है कि एक बार अगर आप स्टार्ट हो गए तो फिर रुकना नहीं है। आपकी प्रोग्रेस छोटी ही सही पर है तो सही।
प्लान एवरी डे इन एडवांस (Plan Every Day in Advance)
अच्छा, किसी को एलिफेंट/elephant) को खाने का सबसे ईजी तरीका क्या है ? ज़ाहिर है इसको छोटे-छोटे पीस में काट के। सेम यही चीज़ गोल्स के साथ भी है। ये टालमटोल से बचने का एक बड़ा एफिशिएंट(efficient) तरीका है, क्योंकि जब आपका गोल छोटे-छोटे टास्क में डिवाइड हो जाता है तो इन्हें पूरा करना ज्यादा ईजी रहता है। और इसके साथ ही आपको एक बढ़िया प्लान बनाकर चलना होगा। कोई भी ऐसा वैसा प्लान नहीं चलेगा। अब यहाँ पर हम आपको सिक्स पी फार्मूला (six P formula) बताते हैं जो सारी कन्प्यूज़न (confusion} दूर कर देगा।
ये कुछ ऐसे है, प्रॉपर प्रायर प्लानिंग प्रिवेंट्स पूअर परफोर्मेस(proper prior planning prevents poor perforance) अपने नेक्स्ट डे के टास्क लिख ले, इससे आपकी प्रोडक्टीविटी 25% बढ़ जाती है। आपकी लिस्ट सब लेव्ल्ड(subleveled) होनी चाहिए, मंथली, वीकली और डेली के हिसाब से। इस लिस्ट में से आइटम ट्रांसफर(transfer) करके आप अपना मोस्ट प्रोडक्टिव डे क्रियेट कर सकते है। अगर आपको कोई प्रोजेक्ट[project) पूरा करना है तो फर्स्ट स्टेप ये लो कि वो सारे स्टेप्स लिख लो जो आपको अपना गोल अचीच करने में चाहिए। और जब आप इन स्टेप्स पर काम करो तो जो हो गए हैं उन्हें टिक ऑफ कर दो जिससे आपको फील हो कि टास्क पर आपका पूरा कंट्रोल है।
हर चीज़ के लिए 80/20 का रुल अप्लाई करे Apply the 80/20 Rule to Everything)
इमेजिन करो कि आपको कुछ इम्पोर्टेट इमेल्स पढने है और ग्रोसरीज़(groceries) की शौपिंग के लिए सुपर मार्किट भी जाना है, तो आप क्या पहले करेंगे? ज़ाहिर सी बात है, इमेल्स पढ़ना ज्यादा इम्पोर्टेट और वैल्यूएबल(valuable) है। और यही 80/20 रुल है, जो भी आप करते उसका 80% टास्क 20% वैल्यू रखता है। इसलिए हमेशा इम्पोर्टेट टास्क से स्टार्ट करे जिनकी वैल्यू बाकि सारे टास्क के मुकाबले कहीं ज्यादा है। अक्सर लोगो की आदत होती है कि वे इम्पोटेंट टास्क टालते रहते हैं और फालतू कामो में बिजी रहते है। और इसीलिए कई बार उन्हें लगता है कि वो बिजी है, कुछ काम कर रहे है जबकि असल उस काम की रियल वैल्यू कुछ नहीं होती है। इसलिए याद रखो कि हमेशा इम्पोर्टंट टास्क पहले करो, खुद को मोटिवेट करने के लिए इमेजिन करो कि आप उन्हें फिनिश कर रहे है।
कंसीडर द कोनसिक्वेंश(Consider the Consequences) सक्सेसफुल लोग अपने डिसीज़न्स में टाइम फैक्टर(time factor) को काफी इम्पोर्टेट देते है। आफ्टरआल एक ऐसी कंपनी जो 20 सालो तक अपनी
सक्सेस मेंटेन(maintain) कर सके, उस कंपनी से कहीं बैटर है जो आज की डेट में प्रॉफिट कमा रही है लेकिन नेक्स्ट 5 सालो में गायब हो जायेगी। एक क्रूशियल{crucial) टास्क के ऑटोमेटिकली लॉन्ग टर्म पोटेंशियल कोनसिक्वेंस(potential consequences) हो सकते है अगर कुछ शोर्ट टर्म सेक्रीफाइस(sacrifices} किये जाए। तो क्या आप ये डील करने को तैयार है? आपको हमेशा ऐसे टास्क से स्टार्टिंग करनी चाहिए जिसके लार्जेस्ट पोटेंशियल(largest potential) पोजिटिव या नेगेटिव कोनसिक्वेंस हो। खुद को मोटिवेट रखने के लिए रिमाइंड(remind) कराते रहे कि
इस टास्क का पोजिटिव इम्पैवर (positive impact) आपकी लाइफ में क्या होगा।
खुद को अपने माइंड के हाथो फूल ना बनने दे कि आपके पास टाइम नहीं है, क्योंकि जैसा कि फोस्र्ड एफिशियेंशी(forced efficiency]का लॉ है उसके हिसाब से आपके पास इम्पोर्टेट काम करने के लिए हमेशा टाइम है। ये स्टडीज और रिसर्च से पूरूव हुआ है कि अगर आप लास्ट मिनट में जल्दी-जल्दी काम समेटते है तो बेशक आप इसे फिनिश कर लेंगे लेकिन ये भी पक्का है कि इसमें मिस्टेक भी बहुत होंगी जो आप री(redo) नहीं कर पायेंगे। इससे तो बैटर है कि पहले से ही अपना सारा काम ओगेनाइज़(organizing) ताकि फिर डिले(delays) के लिए टाइम बच सके।
क्रिएटिव प्रोक्रासटीनेशन की प्रेक्टिस करे (Practice Creative Procrastination
अगर आपको एक ही दिन में ढेर सारे फ्रोग्स (f rogs) खाने पड़े तो आप क्या करोंगे? आप बोलोगे कि सबसे पहले फर्स्ट वाला फ्रॉग खायेंगे। यही डिफ़रेंस है सक्सेसफुल लोगों और फेलियर्स के बीच में हर कोई टालमटोल करता है, किस बात पर टालमटोल करनी है आप वो चूज़ करे। ना बोलना भी एक आर्ट है और आपको ये सीखना ही होगा! हर वो चीज़ जो आपके काम की नहीं है, जो आपको अपने गोल की तरफ नहीं ले जाती, उसे ना बोल दे। अपनी से टाइम कन्ज्यूमिंग एक्टिविटीज़ को कट डाउन कर दे जैसे कि टेलिविज़न देखने के बजाये कोई काम की बु
एबीसीडी मेथड कोंटीन्यूअली यूज़ करे(Use the ABCDE Method Continually)
क्या आपके पास खाने को ढेर सारे फ्रों्स है? एबीसीडी मेथड! जैसा कि नाम से ही पता चलता है ए (A) आपका सबसे इम्पोटेंट फ्रॉग है बी(E) वो टास्क है जो आपको करना चाहिए लेकिन अगर आप नहीं भी करते है तो लाइफ में ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा दुसरे वईस में ये आपके लिए मस्ट(must) नहीं है। सी(C) ऐसा टास्क है जिसे करना ठीक रहेगा लेकिन इसे ना करना आपकी लाइफ को बिलकुल भी अफेक्ट नहीं करने वाला। डी(D) एक ऐसा टास्क है जो आप किसी दुसरे को असाइन(assign) कर सकते है। ई।E) वो टास्क है जो आप अबोलिश(abolish) कर सकते है और ये आपकी लाइफ में कोई इम्पैक्ट नहीं डालेगा। आपको काफी स्ट्रीकनेसाstrictness) दिखानी पड़ेगी जिससे कि आप अपना टास्क इमीडीएटली(immediately) स्टार्ट कर दे और जब तक पूरा ना हो तब तक ना रुके।
की रिजल्ट एरियाज़ पर फोकस करे (Focus on Key Result Areas) जब कोई लायन(lion) किसी हिरन का शिकार करता है तो वो तुरंत उसे किल नहीं करता बल्कि अपने काम को सिंपलर और ईजी टास्क में
डिवाइड कर लेता है। जैसे एक्जाम्पल के लिए लायन पहले उसके पैरो को धायल करके उसे ज़मीन पर गिरा देगा। फिर उसकी नेक(neck) पर अपने टीथ माड़ेगा। इसी तरह से आपको भी हर जॉब को फाइव या सेवन की रिजल्ट एरियाज में बॉट ले। आपको अपने की रिजल्ट एरियाज(key result area) को पिनपॉइंट करना है यही आपके जॉब का मोस्ट इम्पोर्टेट आउटपुट है।जैसे कि किसी सेल्सपर्सन के लिए न्यू अकाउंटसnew accounts) बनाना। अपने की रिजल्ट एरिया{Key result areas) को मास्टर करना ही सक्सेसफुल आउटपुट की गारंटी है।
स्टार्ट करने से पहले प्लान कर ले(Prepare Thoroughly Before You Begin) जैसे आप किसी मील (meal) को प्रीपेयर करने से पहले सारी चीज़े अरेंज करके रख लेते है ताकि टाइम और एफोर्ट बच सके। यही सेम चीज़ वरकिंग
के साथ भी है। अपने काम की स्टार्टिंग से पहले हर चीज़ अरेंज कर ले। यहाँ तक कि कुछ देर के लिए हर चीज़ फ्लोर पर रखके अपनी डेस्क क्लीन
करो। आपका वर्क प्लेस एन्जोयेल(enjoyable) होना चाहिए। इसे जितना हो सके उतना कम्फ्रटेबल बनाये ताकि जब आप स्टार्ट करे कोई भी चीज़
आपको रोक ना सके! टास्क फिनिशिंग में बॉडी लंगुयेज[Body language) का भी अपना रोल है हमेशा स्ट्रेटाstraight) बैठे, फ्लोर पर पैर
फ्लेट रखे, आपकी बैक चेयर से दूर फॉरवर्ड होनी चाहिए बेशक अभी आप तैयार नहीं है फिर भी स्टार्ट हो जाओ। अपना 80% जॉब पूरा करो फिर
करेक्शन बाद में कर लेना। अपने माइंड में फियर को आने ही ना दो।
एक बार में एक ही आयल बैरेल उठाये (Take It One Oll Barrelat a Time)
एक पुरानी कहावत है”अ जर्नी ऑफ़ अ थाऊर्जेड लीग्स बिर्गेस विथ अ सिंगल स्टेप”। काम को टालने से बचने के लिए उसे आप छोटे छोटे स्टेप्स में डिवाइड कर दे, यकीन मानो गारंटी के साथ आपको सक्सेस निलेगी। कुल मिलाकर सक्सेस को ऐसे समराइज(surmmarize) कर सकते है ।। टेकिंग द फर्स्ट स्टेप 2। टेकिंग वन स्टेप एट अ टाइम।
अपनी की स्किल अपग्रेड करे (Upgrade Your Key Skills) अगर आप सक्सेस चाहते है तो लर्निंगearning) करना कभी ना छोड़े कुछ ना कुछ हमेशा लर्न करते रहे क्योंकि आप अगर टाइम के साथ बैटर
नहीं होंगे तो जाहिर है कि आप आगे प्रोग्रेस ही नहीं कर रहे। जो भी आपके वीक पॉइंट्स है इन्हें दूर करे और खुद को बैटर से बैटर बनाने की कोशिश करे और लर्निग तो कभी ना छोड़े। जिस टास्क में आप अच्छे है उसे आज ही स्टार्ट कर दे, इससे बढ़िया मोटिवेशन और कुछ नहीं है। अगर आप प्रॉपर एफर्ट (proper effort) और टाइम लगाए तो दुनिया में हर चीज़ सीखी जा सकती है तीन की स्टेप्स है जिन्हें फोलो करके आप अपने फील्ड के मास्टर बन सकते है। फर्स्ट, जो भी आपकी फील्ड है उसके बारे में एटलीस्ट 60 मिनट डेली पढे। उसके बाद उससे रिलेटेड जितने भी कोर्स या सेमिनास(seminars) अवलेबल है अटेंड करो ताकि आप उस फील्ड में और भी बैटर हो जाओ। और फाइनली अपनी कार में ट्रेवल करते हुए एजुकेशनल ऑडियो प्रोग्राम(educational audio programs) सुने जिससे आप ट्रेफिक जाम में भी कुछ ना कुछ लर्न कर सके।
लेवरेज योर स्पेशल टैलेंट (Leverage Your Special Talents)
किसी सेलर या फार्मर की तरह हर किसी को अपना बेस्ट स्किल पता होता है और वो उसे ट्रेनिंग और नॉलेज से नरिश(nourish) करता रहता है। अपनी यूनीक वैल्यूज़(unique values) को जानो और फिर उन्हें नरिश करो। जिस चीज़ के लिए आपको सबसे ज्यादा कोम्प्लिमेंट्स(compliments ) शुरुवात हमेशा उसी से करो। जो आपको करने में एन्जोयेब्ल लगते है और सबसे इम्पोर्ेंट बात, जिस टास्क का आपकी लाइफ पर मोस्ट पोजिटिव इम्पैक्ट पड़ता है।
अपने की कॉनस्ट्रेंट्स आइडेंटीफाई कर लो (Identify Your Key Constraints)
हर किसी का एक लिमिटिंग फैक्टर(limiting factor) होता है जो उसे अपने गोल तक पहुँचने से रोकता है। जैसे कोई लायन किसी शिकार के पीछे पड़ा हो। इसलिए पहले अपनी लिमिटिंग फैक्टर कंसीडर करके उसे दूर करो। जैसे एक लायन पूरी तरह अपने शिकार पर नज़र गडाए खता है आप भी अपने लिमिटिंग फैक्टर से छुटकारा पाने के लिए अपनी सारी मेंटल एबिलिटी(abilities) लगा दो। आपके लिमिटिंग फैक्टर्स 80% तो इंटरनल(internal) होते है जैसे कि क्वालिटीज और एबिलिटीज और 20%(external) होते है जैसे कि आपके कॉम्पटीटर्स(Competitors) इसलिए ध्यान से अपने राइट चोकपॉइट/chokepoint) आइडेंटीफाई कर लो, कहीं ऐसा ना हो कि आप किसी गलत चीज़ को अपना लिमिटिंग फैक्टर समझ कर उसे करेक्ट करने के चक्कर में टाइम और मनी देस्ट करे।
खुद पर प्रेशर बनाये (Put the Pressure on Yourself)
किसी मोटिवेशन का वेट करना जो कभी मिलने वाली नहीं है ठीक ऐसा ही है जैसे किसी बस का वेट करना जो कभी आएगी ही नहीं। लीडर बनना है तो खुद पर ही प्रेशर डालना सीखो। आपकी सेल्फ एस्टीम आपकी रेपुटेशन है। देर तक काम करने की हैबिट बनाओ। खुद को ग्रो करने का चांस दो। इमेजिन करो कि कल ही आप ये टाउन छोड़कर जा रहे हो, तो ऐसा क्या है जो आपको जाने से पहले फिनिश करना है ?
अपनी पर्सनल पॉवर मैक्समाईज करे (Maximize Your Personal Powers) मशीन को पयूल(fuel) चाहिए काम करने के लिए, ऐसे ही आपको खाना, पानी और रेस्ट चाहिए। काम के खत्म होते होते
प्रोटीविटी(Productivity) खत्म होने लगती है। लॉन्ग आवर्स(long hours) तक काम करने का मतलब है कि आप ज्यादा टाइम में थोडा ही अविम्प्लिश(accomplish) कर पायेंगे। पूरे दिन में मोस्ट प्रोडक्टिव आदर्स (most productive hours) चूज़ कर लो और अगर आप कुछ प्रोडक्टिव नहीं कर रहे है सारी रात जागना बेकार है। प्रोडक्टिव लाइफस्टाइल के लिए रात में जल्दी सो जाओ और रेगुलर वेकेशन लेते रहो। हेल्दी खाओ और अपने डेली रूटीन में फिटनेस सेशन के लिए भी जगह रखो। ये बड़ा सिंपल और ईजी लगेगा लेकिन यही चीज़ है जो आपके और आपकी लाइफ गोल्स के बीच है।
खुद को एक्शन लेने के लिए मोटिवेट करो (Motivate Yourself into Action) खुद के बारे में पोजिटिव सोचे, बोले, जो कुछ आपके साथ होता है उसका पोजिटिव मीनिंग निकाले। ऑपटिमिस्ट(OPTIMIST) बनो। किसी भी
एक्सटर्नल सरकमस्टान्स (external circumstances) को अपना इनर मूड अफेकट(affect) ना करने दे। “आई फील टैरीफिक और आई कैन डू इट जैसे सेंटेंस रिपीट (Repeat) करते रहो जब तक कि आपको इस बात का पूरा यकीन ना हो जाए। ऑपटिमिस्ट(optimist ) बनना सीखा जा सकता है जोकि आपकी लाइफ के हर एस्पेक्ट(aspect) को अफेक्ट करेगा। इसके लिए आपको हर सिचुएशन(situation) में अच्छाईदेखो, हर फेलियर में कोई लेसन देखो और हर परेशानी का सोल्यूशन देखो। ऑॉपटिमिस्ट(Optimists) लोग हमेशा अपने गोल के बारे में सोचते और बाते करते है। उन्हें माइंड में यही चलता है कि अब नेक्स्ट स्टेप क्या होगा और उन्हें अपना गोल अचीव करने के लिए अब क्या करना चाहिए।
गेट आउट ऑफ़ द टेक्नोलिजिकल टाइम सिंक्स (Cet out of the Technological Time Sinks) डबल धारी तलवार की तरह टेक्नोलोजी आपकी दोस्त भी है और दुश्मन भी। वर्ल्ड (world) के जितने भी ग्रेट बिजनेसमैन है वे सब अपने दिनभर के टाइम में से कुछ वक्त सोशल मिडिया और इन्टरनेट से दूर रहते है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते है जो हर टाइम इन्टरनेट पे लगे होते है। अपनी लाइफ को कंट्रोल करना आपके हाथ में है। खुद को वर्चुअल लाइफ (virtual life) में डूबने ना दे, लाइफ में लर्निग भी ज़रूरी है और सबसे पहले तो आप करंट मोमेंट(current moment) को एन्जॉय करना सीखे, बाकी सब उसके बाद। अनइम्पोर्टेंट टास्करunimportant tasks) दूसरो को करने दे।
हर रोज़ कुछ टाइम अपने लिए निकालना बहुत ज़रूरी है ताकि आपके परफोर्मेंड टास्क(performed tasks) की वैल्यू इनक्रीज की जा सके। खुद को टेक्नोलोजी का गुलाम ना बनने दे। कोई आपसे अभी कम्यूनिकेट(communicate) करना चाहता है तो इसका मतलब ये नहीं कि आप उसे अपना टाइम वेस्ट करने दे। मीन्स ऑफ कम्यूनिकेशन(Means of communication) के मास्टर बने स्लेव(slave) नहीं। टेक्नोलोजी हमारी लाइफ को बैटर और ईजियर बनाने के लिए है, हमे ट्वेंटी फॉर इन्टू सेवन 24/7 बिज़ी और रेस्टलेस बनाने के लिए नहीं। ये चीज़ माइंड में रखे, अगर इम्पोर्टेट है तो कोई ना कोई आपको इन्फॉर्म कर ही देगा और अगर नहीं तो इसके पीछे अपना टाइम वेस्ट ना करे
स्लाइस एंड डाइस द टास्क (Slice and Dice the Task) एक बड़ा टास्क है और आपको पता नहीं कि शुरू कैसे करे? सलामी मेथड! (Salami method! अपने बड़े से टास्क को सलामी की तरह छोटे-छोटे पीसेस में बाँट लो। फिर एक एक करके हर पीस पर अपना पुरा एफर्ट डाल दो। जैसे जैसे आप हर पीस को फिनिश करते रहेंगे आप अपने टास्क को उतनी ही जल्दी फिनिश करना चाहेंगे। बिग टाक्स कम्प्लीट करने का एक और मेथड है जिसे स्विस चीज़ मेथड(Swiss cheese method) बोलते है। जैसे आप चीज़ में पंच मारकर एक होल(hole) करते है वैसे ही अपने टास्क पर भी एक जोर का पंच मारे। ये आपको पता चल जाएगा कि टास्क को टैकल करने के लिए क्या करना चाहिए। क्योंकि इसमें एन्डरोफिन्स(endorphins) रिलीज होती है इसलिए टास्क फिनिश करना आपको एक तरह से “हाई”(“high’) वाली फीलिंग दे सकता है।
क्रियेट लार्ज चंक ऑफ़ टाइम(Create Large Chunks of Time)
डॉग्स कैसे जल्दी से अपना खाना फिनिश कर लेते है? क्योंकि पहले ये खाने के लार्ज चंक्स(large chunks ) काटते है और फिर उसे चलाने में और निगलने में टाइम लगाते है। अपने टाइम का बढ़िया यूज़ करने के लिए सबसे पहले एफिशिएंटली(efficienty) आप अपना पूरे दिन का शेड्यूल बना ले और दिन का एक स्पेशिफिक टाइम पूरी तरह से सिर्फ अपने बड़े टास्क के उपर फोकस करे। ध्यान रहे कि आपको चलते जाना है. एक भी मिनट वेस्ट नहीं करना है। जब आप मोर्निंग में काम पे जाए उसी टाइम दिन भर की प्रीपेयरेशन(preparationjकर ले। रोज़ के टाइम से थोड़ा पहले उठो, घर की थोड़ी ड्यूटीज़ दूसरों को भी दो। अपनी लाइफ स्टाइल ऐसी रखो जो एक सक्सेसफुल इन्सान की होती है।
डेवलप अ सेन्स ऑफ़ इमरजेंसी (Develop a Sense of Urgency) एक सक्सेसफुल एथलीट दिन रात हार्ड वर्क करता है जैसे किसी चैम्पियनशिप में जाना हो, वो एक दिन भी रेस्ट नहीं करता है। खुद भी एक प्रो एथलीट
मान कर चलो, अपने अंदर वो सेन्स ऑफ़ अजेंसी (sense of urgency)क्रियेट करो। अपने माइंड को ज्यादा से ज्यादा स्टेट ऑफ़ फ्लो (state of flow’) में जाने के लिए ट्रेन करे।इसके लिए सबसे बढ़िया तरीका है कि आप एक सेंस ऑफ़ अरजेंसी(sense of urgency) डेवलप करे। यानी एक तरह से अपने लिए इमेजनरी डेड लाइन्स (imaginary deadlines )सेट कर ले। एक बार जब आप टास्क स्टार्ट कर देंगे तो आप खुद ब खुद आगे बड़ते जायेंगे। और इस तरह सेम चीज़ करने में आपको कम एफर्ट फील होगा। किसी भी तरह की इंटरप्शन(interruptions) से बचे, खुद को बार-बार रीमाइंड (remind) कराते रहे कि आपको काम करना है।
सिंगल हैंडल एवेरी टास्क (SIngle Handle Every Task)
एक लायन तब तक रेस्ट नहीं करता जब तक कि वो अपना शिकार कर ना ले। अपना टास्क बीच में छोड़ देना और फिर से उसे स्टार्ट करना, ये सब बस टाइम वेस्ट है और कुछ नहीं। एक बार जब टास्क मे लग जाओ तो रुको मत जब तक कि तो 100% पूरा ना हो जाए। खुद को डिस्प्लीन(Discipline) करे ताकि आप जॉब कम्प्लीट(complete) होने तक नॉन-स्टॉप काम करते रहे। Conclusion:
तो इस समरी में हमने अपनी प्रोडक्टविटी बढ़ाने के लिये कई इमपोरटेन्ट कोन्सेपट देखें और सीखे जैसे की हर दिन को पहले से ही प्लान करे, 80/20 रुल हर चीज में एप्लाई करे, कोन्सीक्यवेन्स को ध्यान में रखें, हर काम में ABCD मेथड को यूज करें, हर काम को अरजेन्ट में लें, खुद को मोटिवेट करें ताकि खुद से काम करवा सके और एट द टाईम एक ही टास्क करें।