लेखक के बारे में।
ट्रेन ग्रिफ्फिन जोकि इस किताब के लेखक है इस समय माइक्रोसॉफ्ट जैसी विख्यात कसानों में सीनियर डायरेक्टर है और साथ ही साथ द ग्लोबल निगोशिएरर के ऑथर भी हैं। ग्रिफ्फिन ईगल रिवर नामक कम्पनी में भी पार्टनर रह चुके हैं। ईगल रिवर एक इक्विटी फाहे जोकि सॉफ्टवेयर और टेलीकायूनिकेशन से सम्बन्ध रखती है।
यह किताब हमें क्यों पढ़नी चाहिए
इस किताब के जरिये आपके पास एक शानदार मौका है कि आप दुनिया के सबसे सफल इन्वेस्टर के दिमाग को पढ़ सकें। इस किताब को पढ़कर आप चाली मंगेर की रणनीति के बारे में जानेंगे और यह भी समझेंगे की आखिर किस तरह सफल इन्वेस्टमेंट करवा कर उन्होंने वारेन बफेट को सफल बिजनेसमैन बनाया।
आप क्या सीखेंगे।
इन्वेस्टमेंट करना बस का इतजार करने के समान क्यों है?
क्यों आपको मार्किट के उतार और चढ़ावों को जानना चाहिए?
आखिर क्यों बैठे रहना और इन्वेस्ट करने एक गलत रणनीति है?
वारेन बफेट और चार्ली मुंगेर जैसे बड़े इन्वेस्टर ज्यादतर समय नई चीजें सीखने में व्यतीत करते हैं।
चाली मुंगेर के बारे में तो आप सभी ने सुना होगा। चाली दुनिया के सबसे अच्छे इन्वेस्टर हैं। एक सफल इन्वेस्टर होने के साथ साथ चाली मंगर बर्कशायर हैथवे नामक कम्पनी
के वाईस प्रेसीडेंट भी है। यह वही कम्पनी है जिसके सीईओ वारेन बफेट हैं। दोनों ने मिलकर बर्कशायर को असीम सफलता दिलाई है। बर्कशायर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी कम्पनी है। यह कम्पनी बहुत सारे अलग अलग तरह के बिजनेस में भागीदार है। एनर्जी, यूटिलिटी, इन्शुरन्स. ट्रांसपोर्ट, मैनुफेक्चारिंग उनमें से कुछ मुख्य बिजनेस हैं। बर्कशायर वही कम्पनी है जोकि फूड चैन डेरी क्वीन को चलाती है। वित्तीय सेवाओं वाले फर्म जैसे की अमेरिकन एक्सप्रेस और आई बी एम में
भी बर्कशायर हेथवे ने काफी स्टेक्स लिए हुए हैं। साल 2015 में बर्कशायर का वार्षिक रेवेन्यु 200 बिलियन डॉलर्स का था।
तो अब हमारे सामने यह प्रश्न आता है कि आखिर किस तरह से यह कम्पनी इतनी सक्सेसफुल हो गई?
बर्कशायर हैथवे को सक्सेस बनाने के लिए चालीं मुंगेर और वारेन बफेट की शानदार हंचेस्टिंग स्किल काम में आई। चालीं का अभी भी मानना है कि चो इतने बड़े इन्चेस्टमेंट सलाहकार इसलिए बने क्योंकि उनकी रीडिंग स्किल काफी अच्छी है। वो हर समय कुछ नया सीखने की खोज में लगे रहते हैं। बात की जाए वारेन बफ़ेट की तो उनको भी रीडिंग का काफी शौक है। चाली मुंगेर और वारेन बफेट दोनों ही व्यक्ति रोजाना अपना 80 प्रतिशत समय सिर्फ पढ़ने में व्यतीत करते हैं। मुगर का मानना है कि अगर किसी को सफल इन्वेस्टर बनना है तो सबसे पहले उसको रीडिंग मशीन बनना पड़ेगा। मुंगेर कहते हैं कि वो जन्म से बिजनेसमैन नहीं थे बल्कि उनकी पढ़ने की लगन और रीडिंग स्किल में आज उनको इतना बड़ा बिजनेसमैन बताया है।
मुंगेर उस इंवेस्टिंग सिस्टम का अनुसरण करते हैं जोकि सिंपल और उनको जिसके बारे में पता है।
अमेरिका के सभी बड़े इन्चेस्टर यानी कि निवेशकर्ता बेंजामिन नेहम के द्वारा बनाई गई इन्वेस्टमेंट प्रणाली का अनुसरण करते हैं। बेंजामिन हम अमेरिका का एक बहुत बड़े इकोनॉमिस्ट होने के साथ साथ प्रोफेशनल इन्चेस्टर भी थे। उनकी इवेस्टिंग सिस्टम को ग्रेहम वैल्यू इंवेस्टिंग सिस्टम कहा जाता है।
आखिर क्यों ग्रैहम वैल्यू हवेस्टिंग सिस्टम इतना पॉपुलर है?
ये सिस्टम इतना पॉपुलर इसलिए है क्योंकि ये सिस्टम सिंपल तरीके से इवेस्टमेंट करना बताता है जोकि हर व्यक्ति की समड़ा में आ जाता है। इस सिस्टम का काम यह है कि यह हर व्यक्ति को उसकी क्षमता के अनुसार इन्चेस्टमेंट का मार्ग दिखाए। वारेन बफेट का कहना है कि इन्वेस्टमेंट इज सिंपल बट नॉट इजी।
इस सिस्टम के तहत आप उस जगह इन्वेस्ट कर सकते है जहां पर आप शत प्रतिशत उम्मीद हो कि आप सफल होंगे। ये सिस्टम आपको वहां इन्वेस्टमेंट की सलाह नहीं देता जहाँ आप अपनी इन्वेस्टमेंट को लेकर अनिश्चित हो।
ग्रेहम सिस्टम के अनुसार बर्कशायर हैथवे अपने इन्वेस्टमेंट को तीन तरह की बास्केट में क्रमबद्ध करता है इन, आउट और टूटफ।
इन बास्केट सबसे छोटी बास्केट होती है और इसमें चो पोटेंशियल इन्वेस्टगेट होती है जोकि शत प्रतिशत प्रॉफिट देगी। आउट बास्केट में वो सारी चीजें होती है जिनमें की बर्कशायर को कोई खास दिलचस्पी नहीं होती। और अंत में टू टफ बास्केट में वो होता है जोकि उस समय पर चर्कशायर के इंवेस्टिंग रेंज से बाहर होता है।
अगर आप ग्राहम वैल्यू इंवेस्टिंग सिस्टम का पालन करते हैं, तो आप भविष्य की कमाई क्षमता से कम के लिए शेयर स्वरीदने पर भी ध्यान केंद्रित करते हैं। लेकिन ऐसा करने
के लिए, आपको धैर्य की आवश्यकता है जो उनकी सराहना करते हैं।
क्ला्गन का कहना है कि इन्वेस्टमेंट करना बस का इतजार करने के समान है, आपको पता नहीं होता कि बस कब आएगी परन्तु भरोसा होता है कि आएगी जरूर।
इन्वेस्टमेंट करने के लिए आपको सही समय का इंतजार करना आवश्यक है। जैसा कि हम देखते हैं कि बेसबाल में खिलाड़ी हर बाल पर तेजी से बल्ला घूमता है हमें
इन्वेस्टमेंट उस प्रकार नहीं करना है। हमें सही बाल का इंतजार करना है और उस सही बाल पर जोर का शॉट खेलने की होड़ में रहना है। दूसरे शब्दों में, महान इन्वेस्टमेंट को एक यथार्थवादी दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है, धैर्य और साहस का रहना भी अत्यंत आचश्यक है।
4 सिंपल आईडिया जोकि एक अच्छे इन्वेस्टर को शांत रहने में मदद करते है और लांग टर्म प्रॉफिट पर नजर रखते हैं।
चाली मुंगेर का मानना था कि कोई भी व्यक्ति ग्रैहम सिस्टम को फॉलो करके इन्वेस्टमेंट करना सीख सकता है क्योंकि ये सिस्टम समझाने में बहुत ही आसान है।
मुगेर खुद इन्वेस्टमेंट के दौरान 4 जरूरी प्रिंसिपल को फॉलो करते थे जिन्हें कोई भी व्यक्ति कर सकता है।
पहला प्रिंसिपल-अगर आप शेयर खरीदते हैं तो उसको एक बड़े बिजनेस की तरह ही समझें। आप अपने शेयर की वैल्यू तब तक नहीं समझ सकेंगे जबतक आप उस कम्पनी को पूरी तरह नहीं जान सकते जिसमे की आप इनवेस्ट कर ने जा रहे हैं। किसी भी शेयर का मूल्यांकन, मुख्य बिजनेस के मूल्यांकन से शुरू होना चाहिए।
दूसरा प्रिंसिपल शेयर को कुछ न कुछ डिस्काउंट पर ही खरीदें इससे आपको सेफ्टी का एक मार्जिन मिलता है जोकि अत्यंत आवश्यक है। सेफ्टी मार्जिन शेयर की वर्तमान वैल्यू और उसकी आतरिक वैल्यू में डिफरेंस दिखता है। और यही डिफरेंस भविष्य में उपयोगी साबित होगा।
एक उदाहरण के तौर पर मान लीजिये आप हाइवे पर कार चला रहे हैं, अगर आप अपने से आगे वाली से कार से पर्याप्त दूरी बनाए रखेंगे तो आप आसानी से अपनी कार को नियंत्रित कर पाएंगे परन्तु अगर दूरी कम होगी तो आपको अपनी कार नियंत्रण में समस्या का सामना करना पड़ेगा।
तीसरा प्रिंसिपल- हमेशा बाजार के राइट साइड पर है रहे। एक ग्रैहम वैल्यु इन्वेस्टर यह जानता है कि गलत सम्पत्ति और अजीब चीजों को कैसे पहचाना जाये। कभी कभी बाजार के डोलने से आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। कभी कभी ऐसा भी होता है कि बाजार गिरने की वजह से इन्चैस्टर गलत दामों पर शेयर बेच देता है और उसको नुकसान उठाना पड़ता है।
तो अगर आप बाजार के उतार चढ़ाव को पहचान सकते है तो आप निश्चय ही एक अच्छे इन्चेस्टर हैं।
चौथा प्रिंसिपल- हमेशा तर्कसंगत रहें। ये सुनने में जितना आसान लगता है असल में उतना ही मुश्किल है। इन्वेस्टमेंट के दौरान कभी भी इमोशनल नहीं होना चाहिए। भगर आप अपने मूड के हिसाब से इन्वेस्टमेंट करते है तो यह आपके लिए घातक सिद्ध होगा यह तय है।
जैसा कि मुंगेर कहते हैं, तर्कसंगतता कुछ ऐसा है जो आपको पालना है। यदि आप कुल रहके इन्वेस्टमेंट करेंगे तो जरूर सफल होंगे।
इन सबसे ऊपर, एक मूल्य इन्वेस्टर को पैक के खिलाफ बहादुरी से चलने के लिए धैर्य और साहस की आवश्यकता है।
सिर्फ इन्वेस्टमेंट का तरीका जानने से आप सफल इचेस्टर नहीं बन सकते। इसके लिए आपको अपने अदर कुछ और लक्षणों का भी उत्पाद करना होगा।
मुंगेर का मानना है कि धैर्य और साहस ऐसे दो लक्षण हैं जिनका की एक सफल इन्वेस्टर के पास होता अति आवश्यक है।
मुंगेर के हिसाब से सबसे अच्छा इन्वेस्टमेंट का मौका तब होता है जबकि मार्किट में थोड़ा डर का माहोल हो।
मार्किट में इन का अनुमान लगाना नामुमकिन है इसलिए आपको उस समय का इंतजार करना होगा जब मार्किट में बार्गेन की स्थिति भा जाये। इतजार करने के साथ साथ आप इन्वेस्टमेंट करने के लिए नई नीतियां सीखने में समय व्यतीत करें। इंतजार करना काफी कठिन हो जाता है अगर आप उस समय का अच्छी तरीके से इस्तेमाल नहीं करते।
लेकिन अक्सर शेयरों के इर्द-गिर्द घूमने का मतलब ज्यादा टैक्स, शुल्क और खर्च भी होता है, इसलिए अपनी मुश्किल वाली ट्रेडिंग उगली को आप सबसे बेहतर न होने दें। अनुशासित रहें और इंतजार करते रहें।
अगर आप एक अहम वैल्यू इन्वेस्टर है तो आपका साहसी होना अत्यंत आवश्यक है। कभी कभी ऐसा होता है कि लोग डरे हुए होने के कारण बोल्ड अंदाज दिस्वाने में असफल
होते है लेकिन अगर आपको सफल बनना है तो आपको ऐसे लोगों से अलग बनना पड़ेगा। यह स्ट्रेटजी पोकर के गेम की तरह है. सभी लोग विजेता नहीं बन सकते। इंवेस्टमेंट
में भी यहीं होता है, हर व्यक्ति मार्किट को आउट परफॉर्म नहीं कर सकता।
आपके समय होगा। अलग पड़ेगा। ऐसा करते हैं तो समय इन्वेस्टर के खराब समय होगा वही समय प्रेहम वैल्यू इन्वेस्टर के सबसे सही
अंत में यह ध्यान रखिये की कोई परफेक्ट नहीं है, न ही चाला मुंगेर और न ही बफेटा इसलिए कभी आशा न खोए और लगातार नई नई चीजें सीखने की कोशिश करते रहें।
बेहतर इंवेस्टिंग निर्णय लेने में आपकी सहायता के लिए अलग अलग विषयों की एक सीमा से ज्ञान को लागू करें।
मुंगेर केवल अहम वैल्यू इवेस्टिंग सिस्टम को फॉलो नहीं करते थे। वो अलग अलग तरह के विषयों को पढ़कर और समझकर उनमें से सबसे उत्तम चुनते का प्रयास करते थे।
सांसारिक ज्ञान बहुत ही यूनिक चीज़ है, ये आपको हर प्रकार से सम्पूर्ण बनाती है तथा बेस्ट चुनने में भी सहायता करती है।
मनोविज्ञान, इतिहास, गणित, भौतिकी, दर्शन और जीव विज्ञान- मुंगेर का मानना था कि इन सब विषयों के पास वो छमता है कि वो आपको अथाह ज्ञान देकर आपको इस संसार में सबसे अलग और सबसे सफल बना सकें। इन अलग अलग विषयों को पढ़कर एक सफल इन्वेस्टर इन्वेस्टमेंट की तकनीकों के बारे में समानता जुटा सकता है जोकि एक आम इंवेस्टर के लिए बहुत मुश्किल है।
तो आप सब तरह के विषयों का ज्ञान कैसे प्राप्त करेंगे?
इसके लिए आवश्यक है कि आप नई नई चीजे सीखें। नई चीजें सीखने का मतलब यह नहीं है कि आप बस फैक्ट्स और इन्फॉर्मेशन का रट्टा मार लें।
आपको बस हर विषय की मेन आईडिया को अपनाना है और समझना है। आपको समझना है कि जो व्यक्ति उस विषय को पढ़ रहा है वो क्यों पढ़ रहा है और उस विषय के द्वारा मिलने वाले ज्ञान का वो किस प्रकार इस्तेमाल कर रहा है और कहां पर इस्तेमाल रहा है।
ऐसा कर लेने के बाद आप समझ जाएंगे कि उस विषय के द्वारा मिला ज्ञान इन्चेस्टमेंट में कैसे इस्तेमाल होगा।
उदाहरण के लिए, मान लें कि किसी वस्तु की कीमत हाल ही में बढ़ी है, फिर भी कंपनी अभी भी उस वस्तु को ज्यादा नम्बर में बेचने में सक्षम नहीं हो पा रही है।
क्या यह घटना सप्लाई और और डिलीवरी के रूल को नहीं तोड़ती है? ज़रूर, लेकिन यह भी एक मॉडल में फिट बैठता है जो मनोविज्ञान में पाया जाता है। इसे गिफेन वस्तु कहा गया है – एक ऐसी वस्तु जो एक ग्राहक अधिक चाहता है जब कीमतें बढ़ती हैं, क्योंकि यह बढ़ा दुआ प्राइस वस्तु को लकारी आइटम बनाता है।
सांसारिक ज्ञान होने से प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिल सकता है। अगर एक संकीर्ण सोव रखने वाले इन्वेस्टर ने इस बढ़ते प्राइस को देखा, तो उसने वस्तु से बधे हुए संपत्तियों को छोड़ने का फैसला किया होगा। एक सांसारिक, बुद्धिमान इन्चेस्टर वस्तु को गिफेन के रूप में पहचानता है, भीड़ से अलग जाता है और अपने इन्वेस्टमेंट पर इटा रहता है।