
PURV SANSKAAR by Munshi premchand.
About अच्छे लोगों के हिस्से में भौतिक उन्नति कभी भूल कर ही आती है। रामटहल विलासी, बुरी आदतों वाला, बुरे चाल चलन के आदमी थे, पर लोगों के साथ कैसा व्यवहार …
PURV SANSKAAR by Munshi premchand. Read MoreDiscover Insightful Book reviews here
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HINDI BOOK SUMMARY
About अच्छे लोगों के हिस्से में भौतिक उन्नति कभी भूल कर ही आती है। रामटहल विलासी, बुरी आदतों वाला, बुरे चाल चलन के आदमी थे, पर लोगों के साथ कैसा व्यवहार …
PURV SANSKAAR by Munshi premchand. Read MoreAbout सर्दियों के दिन थे। ठिठुराने वाली ठंड के कारण पौधों पर से फूल झड़ गए थे। बगीचे जगलों में उदासी छाई हुई थी। फूलों की कमी में पौधे मुरझाए और …
PHOOL KA MULYA by Rabindranath Tagore. Read Moreमिस्टर सेठ को सभी हिन्दुस्तानी चीजों से नफरत थी और उनकी सुन्दर पत्नी गोदावरी को सभी विदेशी चीजों से चिढ़! मगर धीरज और विनम्रता भारत की औरतों का गहना है। गोदावरी …
PATNI SE PATI by Munshi premchand. Read MoreABOUT जब रियासत देवगढ़ के दीवान सरदार सुजानसिंह बूढ़े हुए तो उन्हें भगवान् की याद आयी। उन्होंने जाकर महाराज से विनती की कि दीनबंधु! दास ने महाराज की सेवा चालीस साल …
PAREEKSHA by Munshi premchand. Read MoreAbout Book किसी शहर में एक बनिया रहता था। वह ज़मींदार का कारिंदा यानी एजेंट था और उसका काम था किराएदारों और ठेकेदारों से रुपया वसूल करना। एक दिन वह किराएदारों …
PAALTU BHALU by Munshi premchand. Read MoreIntroduction एक सुंदर औरत सुबह , गाँधी पार्क में बिल्लौर के बैंच पर गहरी नींद में सोयी पायी जाय, तो यह चौंका देने वाली बात है। खूबसूरत लड़कियां पार्क में हवा …
MANOVRITI by Munshi premchand. Read Moreशाम का वक्त था। डॉक्टर चड्डा गोल्फ खेलने के लिए तैयार हो रहे थे। उनकी गाड़ी दरवाजे के सामने खड़ी थी कि तभी दो लोग एक पालकी उठाकार लाते हुए दिखे। …
MANTRA by Munshi premchand. Read MoreAbout Book कादिर और मैकू शराब खाने के सामने पहुँचे, तो वहाँ कांग्रेस के वालंटियर झंडा लिये खड़े नजर आये। दरवाजे के इधर-उधर हजारों दर्शक खड़े थे। शाम का समय था। …
MAIKU by Munshi premchand. Read MoreAbout: जोखू भगत और बेचन चौधरी में तीन पीढ़ियों से लड़ाई और दुश्मनी चली आ रही थी। कुछ खेत-जमीन का झगड़ा था। उनके परदादाओं में कई बार खून-खराबा हुआ। बाप-दादाओं के …
LAAG DAANT by Munshi premchand. Read MoreAbout Book मुझे देवीपुर गये पाँच दिन हो चुके थे, पर ऐसा एक दिन भी न होगा कि बौड़म की बात न हुई हो। मेरे पास सुबह से शाम तक गाँव …
BAUDAM by Munshi premchand. Read More