BUYER PERSONAS by Adele revella.

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दो लफ्जों में

बायर्स पर्सीना (Buyer Personas) में हम देखेंगे कि किसी नाए मार्केट में अपना प्रोडकट लॉच करने से पहले आपको अपने ग्राहकों के बारे में जानना क्यों जरूरी है। यह किताय हमें बायर्स पर्सोना तैयार करने के फायदे और तरीके बताती है जिसका इस्तेमाल कर जमना सिर्फ अपने प्रोडक्ट को बेहतर तरीके से डिजाइन कर सकते हैं, बल्कि उसे आसानी से बचकर ज्यादा फायदे भी फगा

सकते हैं।

यह किसके लिए है?

कंपनी के सीईओ।

-मार्केटस।

मार्केटिंग के स्टूडेंट्स।

लेखक के बारे में

एडिली रेवेल्ला (Adele Revella) बावसं पाना इंस्टिट्यूट को सीईओ हैं। पिछले 25 सालों से वे गार्केटर और सीईओ को यह सिखा रही हैं कि वे किस तरह से आपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग कर सकते है। वे एक ललिका भी हैं जो अपनी किताब ‘बावर्स परोंना के लिए जानी जाती हैं।

किसी भी प्रोडक्ट को बनाने से पहले आपको अपने ग्राहकों की जरुरतों को समझना होगा।

बहुत से नए आत्रग्निन्योर है जो हर वक्त खुद से यह सवाल पूछते रहते हैं कि वे कौन सा नया प्रोडयर बना। वे खुद से यह सवाल करते रहते हैं कि वो कौन सा आइडिया है जो उन्हें करोड़ों रुपये कमा कर दे सकता है। वे खुद से पूछते है कि किस तरह से वे गूगल या एप्पल जैसी कंपनियां खड़ी कर सकते हैं। लेकिन खुद से यह सवाल पूछना व्यर्थ है। दुनिया की हर कंपनी मार्केट की एक जरूरत को पूरा करने की कोशिश करती है। जो कपनी जितनी बड़ी समस्या सुलझाने या जितनी बड़ी जरूरत पूरी करने का काम करती है, वो उतना कामयाब होती है। इसका मतलब अगला गूगल या एप्पल बनाने के लिए आपको सबसे पहले मार्केट की एक बहुत बड़ी जरुरत को खोजकर निकालना होगा, जिसे अब तक किसी ने पूरा नहीं किया है।

आसान शब्दों में अपनी कंपनी को कामयाब बनाने के लिए आपको सबसे पहले मार्केट की जरुरतों को समझाना होगा।

आप कभी गजे इंसान को कधी नहीं बेच सकते। अगर आपको नहीं पता है कि आपके ग्राहकों को क्या वाहिए, तो आप नए मार्केट में कभी भी कामयाब नहीं होंगे। हर मार्केट की अपनी एक जरूरत होती है और आपको अपने प्रोडक्ट को वहाँ की जरूरतों के हिसाब से बनाना और मार्केट करना होगा।

एक्साम्पल के लिए काम्प्लान और हार्लिक्स को ले लीजिए। यह कुछ न्यूटिशन हिक्स हैं जो आपके शरीर को पोषण देते हैं। जब इन कंपनियों ने भारत में आकर यहाँ की नई माँ को टार्गेट किया, तो इनके प्रोडक्ट बहुत कम बिक रहे थे। उन्हें यह नहीं पता था कि भारत के मिडल क्लास परिवार की माँ अपनी सेहत से पहले अपने बच्चों की सेहत की चिंता करती है।यह जानने के बाद उन्होंने नई माँओं को टार्गेट करना छोड़कर बच्चों को टार्गेट करना शुरू किया। उन्होंने अपने ऐड्स में बताया कि किस तरह से उनके प्रोडयर बच्चों की बढ़ने में मदद करते हैं। अपने मार्केट की जरुरतों को समझाने के बाद जब उन्होंने अपने प्रोडक्ट को लाँव किया, तो उनका प्रोडक्ट कामयाब हो गया।

अपने ग्राहकों की जरूरतों को जानने के लिए आप सर्वे का सहारा ले सकते हैं। किसी भी नए मार्केट में अपने प्रोडक्ट को लाँच करने से पहले अगर आप एक बार सर्वे कर लेंगे, तो आपको यह पता लग जाएगा कि वहां के लोग कैसे रहते हैं और उनकी क्या आदते हैं। इनका इस्तेमाल कर के आप अपने प्रोडक्ट को अच्छे से बना भी पाएंगे और उसकी अच्छे से मार्केटिंग भी कर पाएंगे।

अपने ग्राहकों का बायर्स पर्सोना तैयार कर के आप उनके बारे में ज्यादा जानकारी पा सकते हैं।

क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों कुछ लोग एप्पल के आईफोन इस्तेमाल करते हैं और कुछ लोग अब भी अपने 15 साल पुराने नोकिया के कीपैड फोन इस्तेमाल करते हैं? क्या आप ने कभी सोचा है कि आपके ग्राहक आपका प्रोटक्ट खरीदने के लिए किस क्राइटेरिया का इस्तेमाल करते हैं? क्या वे प्रोडक्ट के रंग, उसकी बनावट और उसका वजन देखते हैं? या वे उसकी कीमत देखते हैं?

यह पता करना बहुत जरुरी है। इसकी मदद से ही आप यह जान पाएंगे कि आपका ग्राहक किस चीज़ को ज्यादा अहमियत देता है। एक बार आपको यह पता लग जाए कि

लोग किस आधार पर आपके प्रोडवट को खरीदते हैं, तो आप उसका इस्तेमाल अपनी मार्केटिंग में कर के उन्हें वो प्रोडक्ट बेच सकते हैं।

एक्साम्पल के लिए कुछ लोग सब्जियां खरीदते वक्त बिना खाद के उगाई गई सब्जियां खरीदना पसंद करते हैं। इस तरह के लोग अपनी सेहत का ज्यादा खयाल रखते हैं और वे इसके लिए ज्यादा पैसे देने को तैयार भी हैं। जबकि दूसरी तरफ कुछ लोग सिर्फ सस्ती सब्जिया खरीदने के बारे में सोवते हैं। यह लोग किफायत से घर वलाने की कोशिश कर रहे हैं। एक बार आपको यह पता लग गया, तो आप अलग अलग तरह के ग्राहकों को अलग अलग मार्केटिंग के तरीकों से आकर्षित कर सकते हैं।

एक्साम्पल के लिए रेगिस मैकेना को ले लीजिए जो कि एक बहुत मशहूर मार्केटर हैं। एक बार उनके एक क्लाइंट ने उनसे कहा कि वे यह पता करें कि लोग केल्कुलेटर खरीदते वक्त किन बातों का स्वयाल रखते हैं। रेगिस ने अपनी रिसर्च में यह पाया कि लोग भारी और बड़े कैल्कुलेटर खरीदना पसंद करते हैं क्योंकि वे भार को क्वालिटी के साथ जोड़ते हैं।

जब उनके क्लाईट ने अपने केल्कुलेटर को अपने काम्पटीशन के केल्कुलेटर से ज्यादा बड़ा और भारी बनाया, तो उनके केल्कुलेटर ज्यादा बिकने लगे। इस तरह से ग्राहकों के

खरीदने की आदतों के बारे में जानकर आप उसके हिसाब से अपने प्रोडक्ट को बना सकते हैं।

अपनी कंपनी के लोगों को बायर पर्सीना तैयार करने के लिए मनाना इतना भी मुश्किल काम नहीं है। अब आपको यह पता लग गया है कि किसी नाए मार्केट में प्रोडक्ट लॉच करने से पहले मार्केट रिसर्च करना कितना जरूरी है। इसके लिए आपको कुछ सर्वे करने पड़ सकते हैं और कुछ पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। लेकिन अपनी कंपनी में लोगों को यह काम करने के लिए मनाना कुछ मुश्किल काम हो सकता है।

लोग अपने आराम के घोसले से बाहर नहीं निकलना वाहते। वे वही काम करते रहना चाहते हैं जो वो इस समय कर रहे हैं। नए काम में गलतिया हो सकती है और गलतिया करना किसी को पसंद नहीं है। इसलिए वे इस काम को नहीं करना चाहेंगे। कुछ लोग यह तक कह सकते हैं कि वे पहले से जानते हैं कि उनके ग्राहकों को क्या चाहिए और इसलिए उन्हें बायर्स सोना तैयार करने की जरूरत ही नहीं है।

इस समस्या से निकलने के लिए माप एक मीटिंग का सहारा ले सकते हैं। इस मीटिंग में अपनी मार्केटिंग टीम, अपने प्रोडक्ट डेवेलप्मेंट टीम और अपने इवेस्टर्स को ले माहार और उन्हें समझाइए कि बायर्स पर्सोना तैयार करना क्यों जरूरी है। अगर उनमें से कोई यह कहता है कि उन्हें यह करने की जरुरत नहीं है, तो आप उनसे कुछ सवाल पूछकर उन्हें मना सकते हैं।

एक्साम्पल के लिए आप उनसे कहिए कि वे ग्राहक बनने का नाटक करें। इसके बाद आप उनसे कुछ सवाल पूछ सकते हैं। एक्साम्पल के लिए आप उनसे पूछिए आपने

काम्पटीशन के प्रोडक्ट को छोड़कर हमारे प्रोडक्ट को खरीदने का फैसला क्यों किया आप हमारा प्रोडक्ट खरीदते वक्त क्या देखते हैं?

जब वे इन सवालों के जवाब दें, तो उनके जवाब में कमियां निकालना शुरु कीजिए। अगर उन्होंने कहा कि उन्होंने काम्पटीशन के प्रोडक्ट को छोड़कर हमारे प्रोडक्ट को खरीदने का फैसला इसलिए लिया क्योंकि आपका प्रोडक्ट उनसे बेहतर है और सस्ता है, तो आप उनसे कह सकते हैं अगर हमारा प्रोडक्ट वाकई ग्राहकों को सबसे अच्छा और सस्ता लगता है, तो हम मार्केट में सबसे आगे क्यों नहीं हैं?

इस मीटिंग के बाद सभी को यह समझ आ जाएगा कि उन्हें ग्राहकों को समझने के लिए कुछ पैसे क्यों खर्च करने चाहिए।

अपनी कंपनी का बायर्स पर्सोना तैयार करने के लिए सेल्स डिपार्टमेंट के डाटाबेस का सहारा लीजिए।

अब हम यह देखेंगे कि किस तरह से आप बायर्स पसौना तैयार कर सकते हैं। इसके लिए आपको सबसे पहले अपनी कंपनी के सेल्स और मार्केटिंग डिपार्टमेंट से बात करनी

हौगी।

अगर कोई है जो ग्राहकों से सबसे ज्यादा मिलता और बात करता है, तो वो आपकी कंपनी के सेल्स डिपार्टमेंट के लोग हैं। सेल्समैन अक्सर अलग अलग ग्राहकों से मिलते रहते हैं और उन्हें अपनी कंपनी के प्रोडक्ट के बारे में बताते रहते हैं। उनके पास उन सभी लोगों की जानकारी है जिन्होंने अब तक आपका प्रोडक्ट खरीदा है। उनके पास उन लोगों की भी जानकारी है जिन्होंने भापकै प्रोडक्ट में दिलचस्पी दिखाई थी, लेकिन उसे खरीदा नहीं था। इन लोगों से बात कर के आप अपने ग्राहकों के बारे में काफी कुछ जान सकते हैं।

इन ग्राहकों की लिस्ट में से कुछ लोगों को चुनकर निकालिए और उनसे मिलकर उनसे बात करने की कोशिश कीजिए। उनका फीडबैक लेकर आप अपने ग्राहकों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।

यह जरूरी नहीं है कि सेल्स टीम के पास ग्राहकों से संबंधित सही जानकारी हो। हो सकता है समय के साथ ग्राहकों ने अपना ईमेल या फोन नंबर बदल दिया हो। ऐसे हालात में, आपको क्वालिटेटिव सर्च इंजन का सहारा लेना चाहिए इसकी मदद से आप उन लोगों तक भी पहुंच सकते हैं जो इस समय आपके ग्राहक नहीं है, लेकिन भविष्य मैं आपके ग्राहक बन सकते हैं।

अगर आप एक B2B बिजनेस चलाते है और कंपनियों को अपनी सर्विस बेचते हैं, तो आप उन लोगों से बात कीजिए जो रिसर्च करने का काम करते हैं और क्लाइट्स के साथ डील साइन करते हैं। रिसर्च करने वाले लोग यह जानते हैं कि किस तरह के लोगों को आपकी सविस की जरूरत होगी। इसके अलावा जो व्यक्ति क्लाइट्स के साथ डील साइन करता है, वो आपके क्लाइंट से सबसे पहले और सबसे ज्यादा बात करता है। इन दोनों टीमों के साथ मीटिंग कर के आप अपने क्लाइंट्स के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं और उनका वायर्स सोना तैयार कर सकते हैं।

सही सवाल पूछकर आप सही जवाब तक पहुंच सकते हैं। कहा जाता है कि एक समझदार ईसान वो नहीं होता जो सारे सवालों के सही जवाब जानता हो। बल्कि एक समझादार इसान वो होता है जो सही सवाल पूछकर किसी भी सवाल का जवाब खोजने की क्षमता रखता हो। अपने ग्राहकों का इंटरव्यू लेते वक्त आपको उनके जवाब को सुनने में ज्यादा समय बिताना चाहिए। उनसे एक सवाल पूछिए और फिर उनके जवाब को बहुत घ्यान से सुनिए। उनके जवाब में ही आपको एक दूसरा सवाल भी मिल जाएगा, जिसे पूछकर आप उनकी जरूरतों के बारे में और भी जानकारी पा सकते हैं।

एक्साम्पल के लिए आप अपने ग्राहक से पूछ सकते हैं – मुझे उस दिन के बारे में बताइए जब आपको हमारे प्रोडक्ट की जरूरत महसूस हुई थी। उस दिन आपका सामना किस

समस्या से हुआ था जिसने आपको हमारा प्रोडक्ट टाई करने के लिए प्रेरित किया?

जब ग्राहक इस सवाल का जवाब देगा, तो वो शायद आपके सीधे सवाल का सीधा जवाब ना दे। हो सकता है वो आपको उस दिन की कहानी बताने लगे जिस विन उसे आपके प्रोडक्ट की जरूरत महसूस हुई हो, लेकिन वो आपको यह ना बताए कि उस दिन उसे क्या परेशानी हुई थी। हो सकता है वो आपको यह ना बताए कि उसने काम्पटीशन को छोड़कर आपके प्रोडक्ट को खरीदने का फैसला क्यों किया।

इन सवालों के जवाब पाने के लिए आपको उसकी बात को बहुत ध्यान से सुनना होगा। अपने ग्राहकों को एक भूलभुलैया की तरह देखिए जिसमें कहीं पर एक खजाना छिपा हुआ है। इस खजाने को खोजना आपका काम है और इसका कोई भी नवशा आपके पास नहीं है। इस खजाने तक पहुंचने का सिर्फ एक तरीका है – यह पता कीजिए कि आपको किस तरह की जानकारी चाहिए और चो कौन से सवाल हैं जो आपको उस जानकारी तक पहुंचा सकते हैं।

कुछ खास सवालों की मदद से आप अपने ग्राहकों की जरुरतों को समझ सकते हैं।

अब हम यह देखेंगे कि किस तरह से आप अपने ग्राहकों के बर्ताव को समझा सकते हैं। इसके लिए आपको बायर्स इसाइट के पाँव रिग्स को समझना

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होगा।

सबसे पहला रिंग हे प्रायोरिटी इनिशिएटिया इसमें आपको यह पता करना होगा कि वो कौन सी समस्या है जो एक ग्राहक को आपका प्रोड़क्ट स्वोजने के लिए मजबूर करती है। इसमें आपको यह पता करना होगा कि क्यों कुछ लोग अपनी समस्याओं से समझौता कर लेते हैं और कुछ लोग उसे सुलझाने की कोशिश में लग जाते हैं।

दूसरा रिंग है सक्सेस फैवटर। इसमें आप यह पता करने की कोशिश करते हैं कि ग्राहक आपके प्रडक्ट को इस्तेमाल करने के बाद किस तरह के नतीजों तक पहुंचने की उम्मीद करता है। यह पता करने की कोशिश कीजिए कि आपके प्रोडयट को इस्तेमाल कर लेने के बाद ग्राहक किस तरह की जिन्दगी पाने की उम्मीद रखता है।

तीसरा रिंग है रुकावटें। इसमें आप यह पता करते हैं कि वो कौन सी चीजें हैं जो आपके ग्राहक को आपका प्रोडक्ट खरीदने से रोकती है। हो सकता है आपका प्रोडक्ट बहुत

महंगा हो या ग्राहक आपकी कंपनी पर भरोसा नहीं करता हो। इसी तरह की दूसरी रुकावटों को खोजने की कोशिश कीजिए।

इसके बाद चौथे पर आता है ग्राहक के सफर का रिंगा यह पता कीजिए किं वो कौन है जो आपके ग्राहक को आपका प्रोडक्ट खरीदने से रोकता है। एक्साम्पल के लिए अगर आप खिलौने बेच रहे हैं, तो उसे इस्तेमाल बच्चे करेंगे, लेकिन उसके माता-पिता उस खिलौने को खरीदने से उसे रोक सकते हैं। एक कंपनी में किसी सर्विस को खरीदने का फैसला मैनेजर लेता होगा, लेकिन एक सीईओ है जो उसके फैसले को बदलने की ताकत रखता है।

आखिरी रिंग है फैसले लेने की क्राइटेरिया। इसमें आप यह देखते है कि एक ग्राहक आपके जैसे किसी भी प्रोडक्ट को खरीदने से पहले उस प्रोडक्ट में क्या देखता है। आपको

यह पता करना होगा कि वो किस आधार पर आपके या काम्पटीशन के प्रोडक्ट को चुनेगा।इन सचालों के जवाब मिल जाने के बाद आपका बायर्स पसीना तैयार हो जाएया। सारी जानकारी को अच्छे से आर्गनाइज़ कर के आप अपनी कंपनी में बदलाव लाने के कुछ तरीके खोज सकते हैं। अब जब आपके पास सारी जानकारी मा गई है, तो वक्त आ गया है उसे समझकर सही फैसले लेने का। आपको उस जानकारी को कुछ इस तरह से देखना होगा जिससे आपको यह पता लगे कि आपको कौन से बदलाव करने हैं। अगर

आपने 20 ग्राहकों का इंटरव्यू लिया और 20 लोगों ने आप से 20 अलग बातें कही, तो आपको बातों की मदद से कुछ ऐसा बदलाव करना होगा जिससे उन सभी की

जरूरतें पूरी हो जाए।

इसके लिए आप 5 रिंग्स की जानकारी को अलग अलग कागज़ पर लिखिए। हर रिंग में 20 ग्राहकों ने आपको जो बातें बताई, उसे उस कागज़ पर लिख लीजिए। इसके बाद उन 20 लोगों में से उस ग्राहक की समस्या को निकालिए जो ज्यादातर लोगों की समस्या हो सकती है। उस एक बड़ी समस्या को उस कागज के ऊपर एक कोट की तरह लिख दीजिए।

इसके साथ ही कागज के ऊपर यह भी लिखिए कि इस समस्या को सुलझाने के लिए आपको अपने प्रोडक्ट में क्या बदलाव करना होगा। इससे उस एक कागज़ को देखकर आपको यह पता लग जाएगा कि आपको किस रिंग में कौन सी समस्या सुलझाने पर काम करना है और उसे आप किस तरह से सुलझा सकते हैं।

इस एक्सरसाइज़ को पूरा कर लेने के बाद आपको अपने ग्राहकों से मिली जानकारी का इस्तेमाल करने के तरीकों के बारे में पता लग जाएगा।

अपने ग्राहकों से मिली जानकारी का इस्तेमाल कर एक कहानी बनाइए जो आपके ग्राहकों को आकर्षित कर सके।

अब तक हमने देखा कि किस तरह से आप अपने ग्राहकों से मिली जानकारी का इस्तेमाल कर अपने प्रोडक्ट को बेहतर बना सकते हैं। अब हम यह देखेंगे कि किस तरह से आप अपने ग्राहकों से मिली जानकारी का इस्तेमाल कर अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करेंगे।बहुत सी कंपनिया हैं जो अपने प्रोडक्ट को सबसे सस्ता या सबसे अच्छा बताकर उसकी मार्केटिंग करने की कोशिश करती है। लेकिन इन चीजों को सुनने के बाद ग्राहक आकर्षित नहीं होता, क्योंकि उसे यह नहीं लगता है कि वो कपनी उससे बात कर रही है। उसे लगता है कि आप भीड़ से बात कर रहे हैं और वो भीड़ का एक हिस्सा | आसान शब्दों में, आपका ग्राहक स्वास गहसूस नहीं करता।

आपको एक ऐसी कहानी बनानी होगी जिसका इस्तेमाल करने से हर एक ग्राहक को यह महसूस हो कि आप सिर्फ और सिर्फ उससे बात कर रहे हैं। इससे उसे यह लगना

चाहिए कि आप उसकी परेशानियों और जरूरतों को अच्छे से समझते भी हैं और उन जरुरतों को पूरा करने के तरीके भी जानते हैं।

आपको यह पहले से पता है कि आपका ग्राहक किस आधार पर आपके प्रोडक्ट का चुनाव करता है। आपको यह भी पता है कि वो कौन सी चीजें या लोग है जो उसे आपका प्रोडक्ट खरीदने से रोकते हैं। और आपको यह भी पता है वे आपके प्रोडक्ट को इस्तेमाल कर के किन नतीजों तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है। उन सभी चीजों का इस्तेमाल कर एक कहानी बनाइए।

अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग मच्चो से करने के लिए भाप इस एक्सरसाइज़ का सहारा भी ले सकते हैं। सबसे पहले अपने प्रोडक्ट की सारी खास बातों की एक लिस्ट तैयार कीजिए। इसके बाद अपने ग्राहकों के सारी जरूरतों की एक लिस्ट तैयार कीजिए। फिर यह देखिए कि आपके प्रोडक्ट की वो कौन सी खास बात है जो आपके ग्राहकों की जरूरतों को पूरा कर रही है।इन जरूरतों का इस्तेमाल कर के आप अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग अच्छे से कर सकते हैं। अपने ऐडस में लोगों को बताइए कि आप उनकी इन सब जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। इस तरह से बायर्स पसॉना तैयार करने से आपको अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करने में मदद मिल सकती है।

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