About Book
क्या आप लाइफ के challenge फेस करने के लिए स्ट्रांग है? अगर आपको लगता है कि आप resilient नहीं बन सकते, तो ये समरी आपको कुछ जरुरी टेक्निक्स सिखाएगी। आप सीखोगे कि, आप अपनी बुरी आदतें कैसे बदल सकते हो, पॉजिटिव और innovative कैसे बन सकते हो, और कैसे एक ऐसे दोस्तों का ग्रुप बनाया जाए जो आपको आपकी मंजिल तक लेकर जाने में मदद करेंगे।
ये समरी किस-किसको पढ़नी चाहिए?
जो लोग अपनी स्ट्रेंथ को फिर से बनाना चाहते है
जो लोग अपनी आदतें बदलना चाहते है, अपने गोल्स हासिल करना चाहते हैं
जो लोग मुश्किल वक़्त में क्रिएटिव हल नहीं निकाल पाते और जिन्हें सच्चे दोस्त बनाने हैं.
ऑथर के बारे में
डॉ. ज़िलाना मोनमिनी एक साइंटिस्ट है जिन्होंने लोगों के व्यवहार पर स्टडी की है। वे एक साइकोलॉजिस्ट और ऑथर भी हैं। उनका सारा काम सिर्फ इस बात पर फोकस करता है कि अपनी मेन्टल फिटनेस का ध्यान रखना कितना जरुरी है। वे एक जानी मानी स्पीकर हैं और Awesomeness TV चैनल के शो “Free Healthcare” की होस्ट भी हैं। Zelana Montminy, लीडरशिप सेमिनार, प्राइवेट रिट्रीट और मेन्टल फिटनेस के बूट कैम्प भी organize करती हैं.
इंट्रोडक्शन
Resilience का मतलब है जिंदगी में मुश्किल वक्त को संभालने की एबिलिटी यानी गिरकर दोबारा उठने की काबिलियत। जब चुनौतियों आती है, resilient लोग जानते है कि उससे निकलने का सही तरीका क्या है, वो अपनी गलतियों से सीखते हैं और आगे बढ़ते हैं. सवसेसफुल होने के लिए Resilience बेहद जरूरी है। ये बुक आपको ऐसी जर्नी पर लेकर जाएगी जिससे आपकी जिंदगी बदल जाएगी। ये आपको अपनी जिंदगी के बारे में सोचने का नया तरीका बताएगी।
बुक आपको सिखाएगी कि आप अपनी बुरी आदतें छोड़कर कैसे नयी और अच्छी आदतें डाल सकते हो। आपकी आदतें आपकी कामयाबी की चाबी होती हैं, और सही आदतें होने से आपकी सफलता का रास्ता आसान हो जाता है। Resilient होने का दूसरा तरीका है हमेशा realistic होप रखना। इसका मतलब है की आप अपनी उम्मीदें realistic रखकर resilient हो सकते है। आप यहाँ सीखोगे कि कैसे आप अपनी जिंदगी को देखने का नज़रिया पॉजिटिव, लेकिन realistic रख सकते हो। यह कोई बनावटी खुशी
वाली जिंदगी जीने की ट्रिक नहीं है। ये बस मुश्किल वक्त में पॉजिटिव रहने की बात है। इसके अलावा आप सीखोगे कि इनोवेशन आपकी क्रिएटिविटी
का ही परिणाम है। आप कुछ ऐसी ट्रिक्स सीखोगे, जिनका रोज इस्तेमाल करके आप अपनी क्रिएटिविटी बढ़ा सकते हो, और कैसे आप अपनी
innovative सोच को अलग लेवल पर लेकर जा सकते हो आखिर में इस बुक में आप दो प्रिंसिपल्स के बारे में पढ़ोगे, कि कैसे आप अपने इमोशंस को अच्छी तरह कंट्रोल कर सकते हो और कैसे आप अपने दोस्तों के साथ एक भरोसेमंद रिश्ता बना सकते हो। ये दोनों ही प्रिंसिपल्स आपको अपनी फीलिंग्स का ध्यान रखना सिखाएंगे और आपको सफल होने में
मदद करेंगे.ये बुक आपको थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों के बारे में सिखाएगी, तो चलो आपको resilient बनाना शुरू करते हैं।
Habit
अगर मैं आपको उन आदतों को लिखने को कहू जो आप रोज करते हो, आप ये जानकर हेरान हो जाओगे कि आपके पूरे दिन का 40%, आपकी आदतों से भरा है। इसका मतलब है कि इंसान लगभग हर दिन ऑटो-पाइलट मोड चलता है। आपको क्या लगता है, ऐसा क्यों होता होगा? इसका जवाब है कि जब हम अनजाने में काम कर रहे होते हैं, हम सेफ महसूस करते हैं। जब हम एक ऐसा काम कर रहे होते है जो अपने आप होता जाता है, हमे ज्यादा सोचने और मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ती। सोचो जरा, अगर आपको अपने हर काम को करने से पहले सोचना पड़ता तो कितना मुश्किल होता, जैसे की अपने दांत साफ़ करना। इसलिए अपनी आदतों को बदलना मुश्किल होता है। बुरी आदते हमे सेफ होने का एहसास करवाती है, , इसलिए इनसे छुटकारा पाने में कड़ी मेहनत लगती है अपनी बुरी आदतों को बदलने के लिए, आपको कुछ दिन तक अपनी रोज की आदलों का लिखकर रखना होगा। फिर आपके पास आपकी सारी आदतों का हिसाब होगा, जिसमे से अच्छी आदतें आप अपने साथ रखना चाहेंगे और बुरी
आदतों को बदलना चाहोगे.
हर बुरी आदत के लिए, आपको वो सब ट्रिगर्स लिखने है जो आपको बुरी आदतें करने के लिए उकसाती है, और आपको उन्हें अपनी जिंदगी से निकालने की कोशिश करनी है। ये आपको नए ट्रिगर्स लाने में भी मदद करेगी जो आपको नई अच्छी आदतें बनाने में हेल्प करेंगे। Sarah को लंच ब्रेक में भी अपना काम करने की बुरी आदत थी। वह अपनी ये आदत बदलना चाहती थी क्योंकि उसे लगता था कि अपने colleagues के साथ लंच करने में
मजा आएगा। अपने ऑफिस में अच्छे रिश्ते बनाना, एक अच्छा employee होना साबित करता है. Sarah समझ गयी कि ये इसलिए हो रहा है क्योंकि वह बहुत बिजी रहने लगी है। उसके पास करने के लिए हमेशा ज्यादा काम होता है, और उसने अपने काम को खत्म करने के लिए लंच के टाइम को यूज करने का सोचा.फिर, उसने हर दो चीज लिखी जी उसकी इस आदत को बढ़ाती थी। WR उसने नोटिस किया कि लंच करने का टाइम आता था, Sarah के पसीने छूट जाते और वो बेचैन होने लगती। वह अपने colleagues से
आँख बचाने के लिए कुछ भी करती रहती थी. जिसका असर ये हुआ कि, उसे पता चला कि उसकी दिक्कत यह नहीं है कि उसके पास बहुत काम है बल्कि ये है कि वह बाकि सबके साथ लंच
करने में हिचकिचाती है। उसे लोगो से मिलना जुलना पसंद नहीं है.हाँ जरूर, वह फेसबुक और इंस्टाग्राम पर एक्टिव थी लेकिन, वो एक अलग बात थी। Sarah को असल जिंदगी में connection बनाने थे, क्योंकि वह हर वक्त अपने डेस्क पर छिपी रहती थी। इसलिए, Saran ने अपना environment बदलने की कोशिश की। ज्यादातर, लंच के टाइम पर, लोगों को इधर उधर घूमते देख, उसकी बेचैनी बढ़ जाती थी, इसलिए उसने
सिर्फ एक दोस्त बनाने का सोचा।
वो दोनों इस बात पर मान गए कि उसकी दोस्त आएगी और सबके इकट्ठा होने से पहले वो दोनों लंच कर लेंगे। इस तरह, Sarah को भीड़ से डरने की जरूरत नहीं होगी। इस आदत को बदलना आसान नहीं था, लेकिन पॉसिबल था.Sarah की ही तरह, अगर कोई भी आदत आपको आपकी सफलता तक पहुंचने में रोक रही है तो आपको उसे बदलने की जरूरत है। सबसे पहले अपनी आदतों को समझो और उन टिगर्स को जो आपकी बुरी आदत को बढ़ावा दे रहें है, फिर उन सब ट्रिगर्स को अपनी लाइफ से हटाने का काम करो. Resilient बनो, कंसिस्टेंट रहो और हमेशा पॉजिटिव सोचो.
Control
सक्सेस सिर्फ सही मंशा रखने से मिलती है। आप बिना किसी मकसद के जिंदगी जीते हुए यह उम्मीद कर सकते कि आप अपने मुताबिक रिजल्ट पाएंगे। अगर आप कुछ हासिल करना चाहते है, आपको उन सभी फैसले पर कंट्रोल करना सीखना होगा जो आपके गोल से रिलेटेड है.आपके हर फैसले का असर आपकी जिंदगी पर पड़ता है। आपका व्यवहार और आपकी आदतें ही आपको सफलता या असफलता की ओर लेकर जाती हैं। इसलिए आप अपने फैसलों को कंट्रोल करके ही अपनी जिंदगी को कंट्रोल कर सकते हो।
लेकिन ये याद रखो की आपको बहुत ज्यादा भी कंट्रोल नहीं करना है। आपको अपने आप हर उस काम को करने की आजादी देनी होगी जो आप करना चाहते है और दुसरो को भी ऐसा करने के लिए कहना चाहिए। किसी को भी बहुत कंट्रोल करने वाला सनकी इंसान नहीं पसंद,जिन चीजों पर आपकी पकड़ कमजोर है, उन्हें अलग लिखकर आप अपने लाइफ पर वापस कंट्रोल पा सकते हो। फिर, उन बदलाव को लिखो जो आप लाना चाहते हो। अब, उन तीन स्टेप्स को लिखने की कोशिश करो, जिसे करने से आप अपनी इन आदतों को बदल सकते हो, 1979 में हुई एक स्टडी का example लेते हैं। Dr. Elen Langer, Harvard यूनिवर्सिटी की एक साइकोलॉजी के प्रोफेसर थी। उन्होंने एक
नर्सिंग होम के कुछ ऐसे लोग लिए जिनकी उस 70-80 के बीच होगी और उन्हें एक रिट्रीट के लिए ले गयी.ये रिट्रीट अलग थी। इस एक्सपेरिमेंट का
पर्पस था कि उन लोगों को बीस साल पीछे लेकर जाना।
Dr.Langer ने उन्हें वो जिंदगी दी, जो दो 1959 में जीते थे। वो लोग पुराना रेडियो सुनते थे, पुरानी मूवीज देखते थे, और बल्कि उन दिनों के अखबार भी पढ़ते थे वो सभी बूढे लोग अपने पुराने दिनों में चले गए थे। वे लोग अपने बीते दिनों की बातें किया करते थे, कि उन्होंने उस समय क्या क्या किया और उनके समय में कौन कौन से इवेंट्स हुए थे.सभी बूढ़े लोगों को लगने लगा की वे सच में 1959 में हैं और इससे वे लोग बहुत खुश हुए। जब यो हफ्ता खत्म हुआ, रिजल्ट से पता चला कि ये लोग किसी तरह जवान हो गए हैं। वो और ज्यादा अलर्ट और एक्टिव हो गए हैं और उनका
posture भी बदल गया है.
र वाले इंसान के लिए, ये बूढ़े लोग उस दिन से भी ज्यादा जवान लग रहे थे जिस दिन उन्होंने नर्सिंग होम छोड़ा था.
एक बार सवाल ये है कि ऐसा हुआ क्यों?
साफ़ बात है, उम्र कम होना तो मुमकिन नहीं है, लेकिन जब हम उसके लक्षण कंट्रोल कर लेते हैं, हम और जवान और लम्बा जी सकते हैं। इससे साबित होता है कि हमारी जिंदगी पर हमारा कितना कंट्रोल है। यहाँ तक की हम अपनी उम्र बढ़ने के प्रोसेस को भी कंट्रोल कर सकते हैं। अगर हम जवान इंसान की तरह बर्ताव करेंगे तो हम जवान रह भी सकते हैं। ये स्टडी हमे बताती है कि अगर हम अपना बर्ताव कंट्रोल करले तो सब कुछ कंट्रोल कर सकता हैं,
इसलिए आदत्ते और मान्यतायें बदलने से हम अपनी जिंदगी पूरी तरह बदल सकते हैं। अपने उन बेहेवियर को पहचानने से शुरुआत करो जहाँ आपका कंट्रोल कम है, फिर उन्हें सुधारने की कोशिश करो।
Realistic Optimism
हमेशा पॉजिटिव होप रखना जरुरी है क्योंकि ये आपकी मुश्किल वक्त से निकलने में मदद करेगा और आपके फ्यूचर से पॉजिटिव उम्मीदें रखने को भी कहेगा। अगर आप नहीं मानते की आपका फ्यूचर कभी बेहतर हो सकता है, तो आपके पास कभी भी वो विलपॉवर या ऐटिटूड नहीं आएगा जो आपको
ज्यादा से ज्यादा सफलता हासिल करने के लिए चैलेंज करे, स्टडीज बताती है कि जो लोग हमेशा पोस्टिव सोच रखते है, वो ज्यादातर और ज्यादा प्रोडक्टिव और हैल्थी होते हैं। हमारे दिमाग पर हमारा पूरा कंट्रोल
और हम उस दिशा में सोच सकते है, जिस भी दिशा में हम चाहते है। अगर आपको optimistic बनना है तो आपको पॉजिटिव सोच रखनी होगी. ये जानना जरुरी है कि आपको अपने पॉजिटिव बर्ताव के बारे में realistic होना चाहिए। आप हमेशा खुश नहीं रह सकते। बल्कि, आपको हर उस चीज के लिए तैयार रहना चाहिए जो लाइफ आपको देती है। हमेशा मुश्किल वक्त का हंसकर सामना करना चाहिए, और आप दुखी है तो आपको ये
समझना होगा की इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
जैसे की, Etty Hilesum एक बहादुर ज्यूइश औरत है, जो प्रलय के वक़्त मौजूद थी।
भले ही वह इतने डरावने वक़्त से गुजर रही थी, Etty ने अपनी डायरी में लिखा कि उन्हें जिंदगी से उमीदें है और वह अपनी जिंदगी से प्यार करती हैं. एक दिन, एक Gestapo के एजेंट ने उन्हें गाली दी। उस दिन उन्होंने अपनी डायरी में लिखा कि उन्हें डर नहीं लगा। Etty खुद को बहादुर नहीं कहती है, लेकिन वह अपने मन में जानती थी कि वे इंसानों का सामना कर रही है। इंसान को आसानी से जाना नहीं जा सकता, और उन्हें इंसानों को समझने के लिए पूरी कोशिश करनी होगी। उस एजेंट पर गुस्सा होने के बजाये जिसने उनके साथ गलत बर्ताव किया था,
Etty को उनके लिए बुरा लगा। वो उनसे पूछना चाहती थी कि बचपन में उनके साथ ऐसा क्या हुआ था जिस वजह से वे ऐसे बन गए दिन पर दिन होने वाले डरावने इवेंट्स के बारे में वो लिखतीं रही, लेकिन उन्होंने हर चीज की तरफ एक पॉजिटिव बर्ताव रखा। वो हमेशा optimistic और resilient
रही।
Etty ने लिखा कि उन्होंने ऐसी डरावनी घटनाओं पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। उन्होंने इन सभी घटनाओं को ऐसे ही जाने दिया ताकि लाइफ की तरफ उनकी पॉजिटिव सोच को ना बदल पाएँ। वे मानती थी की उन्हें अपने मन में इतनी शांति रखनी है जिससे वे दूसरे लोगों को optimistic रहने में मदद कर सके और वे लोग अपनी किस्मत पर भरोसा रखें। Etty ये भी मानती थी कि जितनी ज्यादा शांति लोगों के मन में होंगी उतनी ही वो दुनिया के
सामने दिखा सकते है। जंग के दौरान, दुनिया को सबसे ज्यादा peace की जरूरत होती हैं. Etty ने अपनी optimistic सोच आखिर तक रखी। वे एक शांत और पॉजिटिव लाइफ के लिए लड़ती रही, भले ही उनकी जिंदगी कितनी खराब हो क्यों ना हो गयी हो। Etty ने साबित कर दिया कि optimismistic सोच रख कर केसे जिया जा सकता है। वो अपने बुरे और डरावने इवेंट्स से ना। भागी नहीं, बल्कि उन्हें हंस कर अपनाया। अगर आपका मुश्किल वक्त चल रहा है, तो याद रखें कि आपको लाइफ में पॉजिटिव रहकर उनका सामना करना चाहिए। अपने मुश्किल वक्त को
कभी भी अपनी विल पॉवर और जोश पर हावी मत्त होने दो। आपको अपने गोल्स हासिल करने है और उसमे positive सोच ही आपकी मदद करेगी,
Innovation
जब भी मुश्किल challenge सामने आते है, ज्यादातर लोग टेंशन में आ जाते है और डर जाते है क्योंकि उन्हें नहीं पता होता कि नयी बाधाओं को कैसे हैंडल करना है। दूसरी तरफ resident लोग नए challenge को एक नए अवसर की तरह देखते है जिससे अनोखे तरीके से सोच पाए.वे क्रिएटिव सोच रखना जरूरी है, और innovative होना उस क्रिएटिव सोच को अप्लाई करना है। Innovative होने का मतलब है कि अपनी क्रिएटिव सोच को नए नए तरीको से इस्तेमाल में लाना। इनोवेशन से आप ऐसा प्रोडक्ट बना सकते हो, जो पहले किसी ने भी ना बनाया हो और उससे
मा हैं कि challenge उन्हें grow करने और आगे बढ़ने में मदद करते है। अगर आपकी जिंदगी बिलकुल भी challenging नहीं है, तो आप भी उस क्रिएटिविटी को अपने अंदर नहीं ला पाओगे जो आपको सफल होने के लिए चाहिए। कभी
आप बहुत पैसा कमा सकते हो। सुंदर- सुंदर आर्ट पीस बनाकर आप अपने तनाव से मुक्त भी हो सकते हो।
Innvoation आपको कही से मिलता नहीं है बल्कि ये ऐसा टैलेंट है जिसे आप सीखते हो। आप अपनी क्रिएटिविटी का रोज इस्तेमाल करके अपने
innovation के लेचल को बढ़ा सकते हो। आप अलग अलग जॉनर और idea के बारे में सीखने की कोशिश कर सकते हो। इस तरह, आप अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकल पाओगे। नेचर की इस कहानी का एक example लेते हैं। डिस्कवरी चैनल के एक शो ने कौवों पर एक एक्सपेरिमेंट किया। उन्होंने एक पानी से भरे गिलास में कई सारे कीड़े डाल दिए। गिलास पूरा ऊपर तक नहीं भरा हुआ था. कौवों ने कीड़ो को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन उनकी चौंच कीड़ो तक नहीं पहुंच मायी। कौवे उस गिलास को गिराना नहीं चाहते थे क्योंकि तब सारे
कीड़े भाग जाते। कौवों ने उस गिलास में पत्थर डालने की कोशिश की जिससे पानी ऊपर तक आ जाये। कुछ पत्थर डालने के बाद, पानी ऊपर आ गया
और कौवों कीड़ों तक पहुंच गए और उन्हें खा गए। डिस्कवरी चैनल के इस एक्सपेरिमेंट को देखकर सभी लोग सरप्राइज हो गए। किसको पता था कि कौवें इतने Innovative हो सकते हैं?
आपको क्या लगता है? क्या आप इतने Innovative हो कि challenge को हल करने के लिए शानदार जवाबों को सोच पाओ? हो सकता है कि आप सोच रहे हो कि आप क्रिएटिव नहीं बन सकते या फिर बहुत देर हो चुकी है, लेकिन जैसा हमने पहले बताया, innovation को
सीखा जा सकता है.
बस अपने सोचने की शक्ति को बढ़ाओ। अगर आप सिर्फ बिज़नेस के बारे में जानकारी रखते हो, तो आपको फैशन के बारे में भी पढ़ने की कोशिश करनी चाहिए। रोज जो भी आप पढ़ते हो, देखते हो या खाते हो, आपको उसमें वैरायटी लाने की कोशिश करनी चाहिए। आपको नहीं पता की कब कोई
इंस्पिरेशन आपके दरवाजे पर दस्तक दे दे. Emotional Intelligence
इमोशनल इंटेलिजेंस का मतलब है अपने और दूसरों के इमोशंस को समझना और उसके हिसाब से बात करना। कुछ लोग जल्दी गुस्सा हो जाते है। चो आसान सी चीजों से ट्रिगर हो जाते हैं और जहाँ भी जाते है परेशानियां खड़ी कर देते है। ऐसे लोगों में इमोशनल इंटेलिजेंस की कमी होती है। इमोशनल इंटेलिजेंस आपकी अपने इमोशंस को कंट्रोल करने में मदद करती है। ये आपको जिंदगी में मुश्किल वक्त से जूझने ओर उससे काफी कुछ
सीखने में में भी मदद करती
एमोशनली इंटेलीजेंट बनने के लिए, आपको अलग अलग तरह के इमोशंस के बीच का अंतर समझना होगा। जब आपको पता होगा कि आप क्या महसूस कर रहे हो या फिर सामने वाला इंसान कैसा महसूस कर रहा है, आप एकदम से रियेक्ट नहीं करोगे। बल्कि, आप पहले समझने की कोशिश करोगे और इसी तरह आप ज्यादा बेहतर और जिम्मेदार फैसले ले पाओगे और ज्यादा rasient बन पाओगे। जब आप बुरा महसूस कर रहे हो, आपको खुद से पूछना चाहिए की असल में आप कैसा महसूस कर रहे हो। फिर, अपनी फीलिंग्स को एक्सेप्ट करने
की कोशिश करो और समझदारी से उनके साथ डील करो। जैसे की, शादी को एक बहुत मुश्किल फैसला माना जाता है। ज्यादातर लोगो मन में शादी की नेगेटि होती है इयोंकि को | इमेज इस परेशानी कपल्स ना ज्यादा लड़ते हुए देखा जाता है. से उभर जाते है, जबकि कुछ लोग तलाक लेकर अलग हो
जाते हैं। क्यो? क्योंकि कपल्स जो बहस को, लाइफ में आगे बढ़ने और एक दूसरे को समझने की नजर से देखते हैं, वो लोग ज्यादा इमोशनली इंटेलीजेंट होते हैं,आप ऐसे स्मार्ट कपल्स को पहले बहस करते हुए या लड़ते हुए पाओगे, फिर ये शांति से एक एडल्ट की तरह उसके बारे में बात भी करेंगे। हर बार वो एक दूसरे की बात को समझने की कोशिश करेंगे और इसी तरह वे लाइफ में आगे बढ़ेंगे। ये लोग ये भी समझेंगे की जब कोई इंसान इमोशनल होता है, तो वो ऐसा कुछ भी कर और बोल सकता है जो वो असल में करना या बोलना नहीं
कुछ कपल्स इस
चाहता। स्मार्ट कपल्स कपल्स गुस्से में कहे शब्दों के बारे में ज्यादा नहीं सोचते है। बल्कि, वो, दोनों के शांत होने का इंतज़ार करते है, फिर पुरे होश और इमोशंस के साथ एक दूसरे से उस इशू पर बात करते हैं।
दूसरी तरफ, उन कपल्स में इमोशनल इंटेलिजेंस की कमी होती है, जो बहस को सही से हैंडल नहीं कर पाते। वो गुस्से में कहे शब्द और असल में उनके मतलब के बीच के अंतर को नहीं समझ पाते। ज्यादातर मामलो में, जब पति कुछ बुरे या दिल दुखा देने चाले शब्द कहता है, यो असल में वो सब कहना नहीं चाहता है। अगर पत्नी बिना किसी जजमेंट के अपने पति की भावनाओं को समझ जाये, तो वो सारी मुश्किलें हल कर सकते हैं, और ऐसा दोनों के
लिए लागू होता है. अब आप देख सकते हो कि इमोशनल इंटेलीजेंट होना कितना जरूरी है। ये आपकी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा है। आप सही फैसले नहीं ले सकते, अगर आप अपने इमोशंस संभाल नहीं सकते तो। आप resilient भी नहीं बन सकते अगर आप दूसरों की फीलिंग्स समझने में नाकाम हो.हमेशा याद रखो कि हर इंसान के बर्ताव के पीछे एक कारण छुपा हुआ होता है। जब आप दो कारण समझ जाओगे, आप और ज्यादा इमोशनली इंटेलिजेंट बन जाओगे, और ये आपकी कई सारे फ़ालतू के दर्द से भी बचाएगा।
Social Connectivity मुश्किल के वक्त आप क्या करोगे?
शायद आपका जवाब होगा कि: मैं तुरंत उस परेशानी को हल करने की कोशिश करूंगा, मैं अपनी फैमिली की मदद लूगा या फिर मैं अपनी टीम को मदद के लिए कहूंगा.एक रिसर्च ने ये साबित किया है कि अगर आपके पास दोस्तों का ऐसा गुप है जो आपको सपोर्ट करते है तो आप अपने मुश्किल वक्त में भी खुश रह सकते हो। हो सकता है कि वो आपकी परिस्थिति को ना बदल पाएं, लेकिन उनकी Supportive बातें और काम से आपको टेंशन कम होगी और आप अपने फ्यूचर के लिए कम : आपको ज्यादा दोस्त बनाने की जरूरत नहीं है। बहुत सारे दोस्त, जिन पर भरोसा नहीं किया जा सकता होने से बेहतर है सिर्फ कुछ ही लॉयल दोस्त
बनाना.अपने दोस्तों की लिस्ट बनाने से शुरुवात करो और फिर उनको छाटो। ऐसे दोस्तों को चुनने की कोशिश करो, जो आपका मुश्किल वक़्त में पूरी
तरह साथ दें, फिर उनके साथ अपने रिश्ते को मजबूत करने की कोशिश करो।
जैसे की मान लो कि, अगर आप देखो की आपका अपने दोस्तों के साथ मजबूत रिश्ता नहीं है, तो खुद से पूछो की ऐसा क्यों है। क्या ये इस वजह से है कि आप अपने दोस्तों के साथ क्लोज होने की कोशिश नहीं करते हो या फिर इसलिए क्योंकि आपके दोस्त आपके लिए सही नहीं है?
आप अपने उन पुराने दोस्तों की भी लिस्ट बनाओ जिन पर आप पूरा भरोसा किया करते थे, लेकिन कुछ कारणों की वजह से आप अलग हो गए। आप उनसे फिर से मिलने जुलने की कोशिश कर सकते हो और अपना पुराना रिश्ता मजबूत कर सकते हो नए दोस्त बनाने का एक तरीका ये भी है कि आप उन लोगो से मिलो जिनकी सोच आपसे मिलती है। अगर आपको लिखना पसंद है तो, राइटिंग की क्लास ज्वाइन करने से आपको कई ऐसे दोस्त मिलेंगे
जिन्हें आपकी तरह लिखना पसंद है।
अपना सपोर्ट ग्रुप बनाने का दूसरा तरीका है, लोगो से मदद माँगना। मदद माँगना आसान नहीं होता, लेकिन जब आप लोगों के पास मदद के लिए जाते हो, उन्हें फील होता है कि वो आपकी लाइफ में जरूरी हैं। ये सारे स्टेप्स फॉलो करके, आप अपने supportive दोस्तों को लिस्ट में अलग कर सकते हो, अपने पुराने दोस्तों से फिर से बात कर सकते हो और ऐसे दोस्तों का ग्रुप बना सकते हो जो किसी भी कीमत पर आपका साथ देंगे। अगर आप ऐसा सोचते हो कि आपको लोगों की जरूरत नहीं है, तो आपको फिर से सोचने की जरूरत है। सफलता आसानी से नहीं मिलती क्योंकि लाइफ challange से भरी होती है और कभी कभी अकेले रहने से काम नहीं चलता। आपको लोगों की जरूरत है क्योंकि आपको उनका सपोर्ट
चाहिए. इसलिए, आज से ही शुरू करते हुए, उन लोगों की लिस्ट बनाओ जो गोल्स हासिल करने में आपको सपोर्ट करें।
कन्क्लू जन
लाइफ मुश्किलों से भरी हुई है। आप इन मुश्किलों से दो तरह से डील कर सकते हो: या तो उन्हें नज़रंदाज़ कर दो और जिंदगी में जो हो रहा उसे होने दो, या फिर एक resilient attitude रखो जिससे आप हर मुश्किल से निकलने की हिम्मत जुटा सको।
इस बुक में आपने पढ़ा कि हर सफल इंसान की quality है resilient बनना। अगर आप लाइफ का प्रेशर नहीं हैंडल कर सकते, तो आप ना कभी भी अपने challenge को हरा पाओगे और ना ही अपनी ग़लतियों से सीख पाओगे,
ने आपको सिखाया कि कैसे अपने ट्रिगर्स बदलने से आप अपनी आदतें बदल सकते हैं। आपने ये भी सीखा कि आप कैसे अपने व्यवहार और फैसलों को कंट्रोल कर सकते हो। क्योंकि सही सोच रखना बहुत जरुरी है, ये बुक आपको सिखाती है कि आप realistic optimism कैसे रख सकते हो। झूठे और सच्चे
optimistic इंसान के बीच का अंतर ही मुश्किल वक्त से लड़ने के लिए तैयार बनाता है। अगर आप सिर्फ optimistic बनकर चाहोंगे कि आपकी
लाइफ हमेशा खुश हाल रहे, तो ऐसा कभी नहीं होगा।
हालांकि, जब आप अपनी पॉजिटिव सोच को अपनी असल जिंदगी में लाओगे, आप हर मुश्किल से लड़ने के लिए तैयार हो जाओगे। अगला प्रिंसिपल जो आपने इस बुक में पढ़ा वो है कैसे innovative बना जाये। आपने उन रोजमर्रा की एक्टिविटीज के बारे में सीखा जो आपको क्रिएटिव होने में मदद करती हैं, जिससे आप अपनी इमेजिनेशन के घोड़े दौड़ा सकते हो।
आपने ये भी सीखा कि अपने दर्द को कम करने के लिए और अपने एक्सपीरियंस से सीखने के लिए इमोशनली इंटेलीजेंट होना जरुरी है। दूसरी ट्रिक जो आपकी मुश्किल वक्त में मदद करेगी, वो है एक अच्छा supportive सोशल नेटवर्क बनाना। अब जब आप जानते हो कि resilient होना कितना जरुरी है, तब आप एक बार में एक प्रिंसिपल अपनाना शुरू कर सकते हो। उन बुरी आदतों को बदलो और अपने मन की शांति को, अपनी लाइफ को कंट्रोल करने दो।