About Book
क्या आप उदास, आलसी या डिमोटिवटेड फील करते हैं? अगर हाँ, तो ये बुक आपके लिए हैं. इस बुक से आप अलग-अलग तरीके सीखेंगे जिससे आप खुद को मोटीवेट कर सकेंगे. यहां, खुद को आगे बढ़ाने के टिप्स भी जानेंगे. कैसे पॉजिटिव मूड में रहना हैं और आप कैसे प्रोडक्टिव बने रह सकते हैं, ये सब भी सीखेंगे.
इस समरी से कौन सीख सकता हैं?
- स्टूडेंट्स
- यंग एडल्ट्स, और वे एडल्ट्स जो यंग नहीं रहे.
ऑथर के बारे में
स्टीव चैंडलर एक बेस्ट सेलिंग ऑथर और मोटिवेशनल स्पीकर हैं. वे प्रोफेशनल्स के लिए वर्कशॉप्स और सेमिनार्स organize करते हैं. स्टीव को कोचिंग का गॉडफादर भी कहा जाता है. उन्होंने "कोचिंग प्रोस्पेरिटी स्कूल" की भी शुरुवात की हैं जो लाइफ कोच बनने वालों के लिए एक ट्रेनिंग ग्राउंड हैं.
इंट्रोडक्शन
आप इस विशाल खाली यूनिवर्स के एक अनोखे प्लेनेट में रहने वाले एक बहुत कॉम्प्लिकेटेड जीव है. आपके पास ज्यादा से ज्यादा सौ साल है जीने के लिए. आप अपने लाइफ में क्या करना चाहेंगे? क्या आप अपनी पूरी ज़िन्दगी आराम से काटकर एक एवरेज लाइफ जीना चाहते है? या आप अपने लाइफ को कामयाबी से जीना चाहते हैं और कुछ खास करना चाहते हैं?
ये बुक आपके लाइफ को बदल कर रख देगी. और, ये बदलाव सिर्फ अच्छे के लिए होगा.
अपने भूख को बरकरार रखिए (Stay Hungry)
ऑथर स्टीव चैंडलर पहली बार आर्नोल्ड श्वाट्जनेगर से 1996 में मिले थे. उन दोनों की मुलाकात एरिज़ोना के एक रेस्टॉरेंट में हुई थी. ये उस वक़्त की बात हैं जब आनोल्ड अभी मशहूर नहीं हुए थे और कोई उन्हें नहीं पहचानता था.
उन दिनों स्टीव लोकल न्यूज़पेपर के एक जर्नलिस्ट थे और उनके असाइनमेंट में आर्नोल्ड के साथ एक दिन बिताकर उनकी कहानी लिखना था. उन दिनों, आर्नोल्ड अपनी पहली फिल्म "स्टे हंगरी" प्रमोट कर रहे थे. ये फिल्म मार्केट में फ्लॉप थी फिर भी आर्नोल्ड खुश थे कि वे इस फिल्म में कास्ट हुए.
रेस्टॉरेंट में दोनों एक टेबल पर बैठकर खाना खा रहे थे और साथ में स्टीव अपने सवाल पूछ रहे थे. ये तब की बात थी जब आनोल्ड बहुत ही यंग थे और बॉडी बिल्डिंग में ढेरों अवार्ड्स जीत चुके थे. वे बहुत ही लम्बे-चौड़े और हट्टे-कट्टे थे. वे ऑस्ट्रिया में जन्मे थे और वहीं बड़े हुए थे जिससे उनकी बातों में ऑस्ट्रिया का एक्सेंट रहता था. लोगों को ये बिल्कुल यकीन नहीं था कि वे मशहूर हो पाएंगे, स्टीव ने आनोल्ड से पूछा, "अब आप मिस्टर यूनिवर्स बन गए हैं, आपका अगला प्लान क्या हैं?"
आनोल्ड ने जवाब दिया, "मैं सबसे बड़ा बॉक्स ऑफिस स्टार बनूँगा. मैं हॉलीवुड" ये सुनकर स्टीव को बड़ी हैरानी हुई क्योकिं आनल्ड ने ये बात ऐसे कह दी थी जैसे कोई छोटी मोटी बात कर रहे हैं.
"आप ये कैसे करेंगे?" स्टीव ने पूछा.
"मैंने बॉडी बिल्डिंग में किया. मैंने अपने विज़न को क्लियर रखते हुए सोच लिया कि मुझे क्या बनना हैं और फिर मैंने ऐसे जीना शुरू कर दिया जैसे मैं वाकई में वही बन गया हूँ जो बनना चाहता हूँ," अर्नाल्ड ने एक्सप्लेन किया.
बॉडी बिल्डिंग के दिनों में, अपने सोच में आर्नोल्ड खुद को मिस्टर वर्ल्ड के स्टेज के बीच खड़े होकर पोज़ करते हुए देखते थे. उन्होंने इसी गोल पर अपने फोकस को बनाए रखा और कड़ी मेहनत की. और, आखिर में उसे हासिल भी कर लिया.
स्टीव ने अपने नोटबुक में आर्नोल्ड के इस जवाब को लिखा और इस बात को वे कभी नहीं भूले, कुछ सालों बाद स्टीव ने न्यूज़ में सुना कि अर्नाल्ड की फिल्म टर्मिनेटर 2 पूरी दुनिया के बॉक्स ऑफिस में नंबर वन बनी. अब, पूरी दुनिया ही अर्नाल्ड को पहचानने लगी थी.
लाइट योर लेज़ी डायनामाइट
हेनरी फोर्ड अपने एम्पलॉईस से कहा करते थे कि कोई भी मुश्किल काम तब आसान हो जाती हैं जब उसे छोटे-छोटे भागों में बाँट लेते हैं.
अगर आपके पास कोई काम हैं जिसे शुरू करने से आप डर रहे हैं, तो याद रखिये कि आप इसे धीरे-धीरे शुरू कर सकते हैं. मान लीजिए आपको किचन साफ़ करना हैं या अपने अधूरे काम पुरे करने हैं, तो आप इन काम को आराम से धीरे-धीरे करना शुरू कर सकते हैं. आपको कुछ काम को शुरू करते हुए इसलिए डर लगता हैं क्योंकि आपको लगता हैं कि इन कामों में बहुत ज़्यादा एनर्जी खर्च होंगे. पर, कभी सोचा हैं कि अगर आप इन कामों को धीरे-धीरे कर सके तो? कम से कम आपका काम आगे तो बढ़ेगा और आप प्रोग्रेस करेंगे. इन कामों को करने के लिए खुद को फ़ोर्स करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.
जब आप अपने टास्क धीरे से करते हैं, तो आपको उसकी आदत हो जाती हैं और आपका ये नेचुरल रिदम बन जाता हैं. फिर, आप अपनी स्पीड बढ़ा सकते हैं. हमेशा याद रखिये कि धीमी शुरुवात करना, काम को बिलकुल शुरू न करने से बेहतर होता हैं.
टीवी देखना छोड़िये (Kill your Television)
जब आप घंटों टीवी, नेटफ्लिक्स और यूट्यूब देखते हैं तो आप बस बैठे-बैठे उन लोगों को देख रहे होते हैं जो अपनी मनपसंद काम कर रहे हैं. क्या आप एक दिन के लिए टीवी को बंद कर, देखना चाहेंगे कि आप क्या-क्या कर सकते हैं? दूसरों के एक्सपीरियंस में अपने लाइफ को मत ढूंढिए. खुद की लाइफ बनाइये.
आप के लिए एक चैलेंज हैं, एक सीन या कोई क्लिप या फिर कोई वीडियो को याद कीजिये जो आपने पिछले महीने देखा हो. वया आपको कुछ याद आया? अब, बुक में पढ़ी हुई किसी इंटरेस्टिंग सी आईडिया को याद कीजिये. आप शायद पिछले महीने देखे हुए कोई भी प्रोग्राम याद न कर पाए, बस आखों के न आगे से उन प्रोग्राम्स की थोड़ी-थोड़ी झलक आ जाए पर बुक में लिखी हुई लेसन आपको याद रहेंगी. इसलिए, बुक पढ़ना आपके लाइफ पर अच्छा असर डालता हूँ.
टीवी पर कुकिंग शो, ट्रैवल ब्लॉग्स और म्यूज़िक परफॉर्मन्सेस को देखने के बजाय इस एक्टिविटीज़ को खुद क्यों नहीं करते? टीवी पर इनको देखकर जितना अच्छा लगता हैं उससे ज़्यादा इन एक्टिविटीज़ को खुद करने में मज़ा आएगा. साथ ही कुछ सीखने को मिलेगा जिससे आप खुद के बारे में बहुत अच्छा फील करेंगे, सिर्फ दूसरों को देखते हुए टाइम बिताने के बजाय आपको इन एक्सपेरिएसेस को लेना चाहिए.
बड़े वादे कीजिए (Promise the Moon)
खुद को चलाए रहने का एक और तरीका हैं. आप जिसकी कदर करते हैं, उससे एक बड़ा प्रॉमिस कीजिये या फिर अपने जॉब में बड़ा गोल बनाइये. इन वादों और गोल को अपने दिल से लगा कर रहिये और चैलेंज मानकर इन्हें पूरा करने के लिए जी-जान लगा दीजिये. सालों पहले अमेरिका के प्रेसिडेंट, जॉन कैनेडी ने नेशनल टीवी पर बात की थी और प्रॉमिस किया कि अमेरिका चांद पर पहला इंसान भेजेगा. NASA के साइंटिस्ट्स ने कड़ी मेहनत की और अपना 100 % देकर उस प्रॉमिस को पूरा किया. ये एक बहुत बड़ी सोच थीं और अपोलो-13 एक कामयाब मिशन बन गई थी.
एक बार, लॉस वेगास के एक कसीनो के मालिक ने एक बड़े से बिलबोर्ड पर बैनर लगाने की जगह के लिए पैसे दिए थे. कैसिनो के मालिक ने उस जगह पर ये लिखवाया कि अगर किसी ने अगले तीन महीनों म सिगरेट पीते हुए पकड़ा तो उसे एक लाख डॉलर्स इनाम में मिलेंगे. इस कैसिनो के मालिक में मुझे को सिगरेट पीने लत थी और इससे निकलना चाहता था. प्रॉमिस में बहुत पावर होता हैं. अपने लोगों से किए हुए प्रॉमिस को आप तोड़ना नहीं चाहते और इसे तोड़कर खुद भी निराश नहीं होना चाहते. इसलिए, प्रॉमिस करने पर आप एक्शन में आ जाते
स्ट्रीट चैंडलर ने एक बार अपने बच्चों से प्रॉमिस किया, उनके बच्चों को समर कैंप जाना बहुत अच्छा लगता था और एरिज़ोना में एक ऐसा कैंप था जो एक खूबसूरत सी जगह में बनी थी, यहाँ पार्टिसिपेट करने वाले लोगों के लिए बहुत सारे फन एक्टिविटीज़ रखे गए थे. स्टीव के बच्चे इस कैंप में जाना चाहते थे लेकिन यहाँ की फीस बहुत ज्यादा थी. स्टीव के लिए सभी बच्चों को यहां ले जाना काफी महंगा था.
जब स्टीव ने अपने बच्चों से इस कैंप में ले जाने का प्रॉमिस किया था, उन दिनों उनका काम अच्छा चल रहा था इसलिए उन्हें यकीन था कि वे खर्चा उठा लेंगे, लेकिन, जैसे-जैसे गर्मी का मौसम पास आया तो स्टीव का फैमिली बजट टाइट होने लगा था. स्टीव को मिल रहे कमिशन के पैसे कम हो गए थे.
फिर, एक दिन स्टीव ने अपने बच्चों को बता दिया कि वे अपना प्रॉमिस नहीं रख पाएंगे. इस बात को सुनकर बच्चे बहुत निराश हुए, स्टीव अपने सबसे छोटे बच्चे के निराश चेहरे को नहीं भूला पाए. उनके आठ साल के बेटे बॉबी ने स्टीव से दुखी होकर कहा "लेकिन आपने तो वादा किया था." स्टीव को अपनी गलती का एहसास हुआ और बच्चों को निराश करके बहुत बुरा लगा. कुछ पलों के बाद स्टीव ने कहा "तुमने मुझे याद दिलाया कि एक प्रॉमिस, प्रॉमिस होता है जिसे तोड़ा नहीं जा सकता, आज से मैं कोशिश करूंगा कि तुम सब को वहाँ ले जा पाऊँ, आई एम सॉरी कि मैंने तुम लोगों को निराश किया,"
फिर क्या था, स्टीव ने अपनी जॉब बदल ली. वे एक मोटिवेशनल स्पीकर बन गए और उनके पास बहुत सारे इवेंट्स की लाइन बन गई. इवेंट के साइनिंग अमाउंट के पैसों के लिए उन्होंने उतने ही पैसे मांगे जितने में उनके बच्चे समर कॅप ज्वाइन कर सके, आखिर में, स्टीव ने वो कर डाला था जो वे करना चाहते थे, स्टीव को अपना प्रॉमिस रख पाने की बहुत खुशी हुई.
किसी के दिन को अच्छा बनाइये (Make somebody's day)
स्टीव चैंडलर का एक थ्योरी हैं जो कहता है कि अगर आप किसी दूसरे की लाइफ में लक लाते हैं तो आप भी लकी हो जाएंगे. एग्जाम्पल के लिए, अगर आप किसी और को फिनेशली तकलीफ में पाते हैं तो आप उसके अड़ेस में बिना अपना नाम बताए जितना हो सके पैसे भेज
स्टीव ने यही किया और कुछ दिनों में उनको लकी ओपोर्चुनिटीज़ मिले, ये देखकर वो हैरान ही रह गए थे.
जरूरी नहीं कि आप पैसों की ही मदद करें, आप खाना, कपड़ा या जिस चीज़ की भी ज़रूरत हैं उसे देकर भी दूसरों की मदद कर सकते हैं. जब आपके पास लक होता है तो आप बहुत स मोटिवेटेड फील करते हैं. आपको ऐसा लगेगा जैसे सारा यूनिवर्स ही आपके साथ हैं. आप स्टीव की थ्योरी ट्राई क्यों नहीं करते? चाहे आप एक सिंपल एम्प्लॉई हैं या फिर एक स्टूडेंट, आपके पास दूसरों तक लक पहुंचाने के कई रास्ते हैं. ये करते हुए आप कभी नेगेटिव मत सोचिए कि लोग आपका गलत फायदा उठाएंगे या आपके काम को अप्रिशिएट नहीं करेंगे. आप बस अपना काम करते रहिए.
दूसरों की लाइफ में लक भेजकर अपने लाइफ में लक लाइए.
चिंता छोड़िये एक्शन लीजिए (Replace worry with action)
क्या आप किसी बात से परेशान हैं? अगर आपको कोई भी परशानी आए, फ़ौरन से आप एक्शन में आ जाइये. आप जिस बारे में भी चिंता कर रहे हैं, उसके बारे में कुछ न कुछ तो ज़रूर कीजिए. इस चिंता और परेशानी का कोई अंत नहीं, इसलिए खुद को परेशान होने से रोकिए, आगे बढ़िए. मूव ऑन कीजिए. ये सोचना बंद कर दीजिए कि आपको कितना बुरा फील हो रहा हैं, आप कितना परेशान हैं. इसके बजाय आप ये सोचिए कि आप इस परशानी को दूर कैसे कर सकते हैं,
एक रात की बात हैं, स्टीव का अपने वाइफ के साथ बहस हो गया, अगले सुबह, स्टीव को रात की कही बातों को याद कर काफी परेशानी हुई पर अब A इसके बारे में कुछ नहीं कर सकते थे. लेकिन, स्टीव ने खुद को इस परेशानी से ज्यादा देर तक नहीं धेरै रखा, उन्होंने इस परेशानी से निकलने का सोच लिया था.
उन्होंने अपनी चिंता छोड़ एक्शन लेने के बारे में सोचा तो उनको कुछ आइडियास आए. एक तो था कि वे अपनी वाइफ को फूल भेजते. दूसरा, अपनी वाइफ को कॉल करते और माफ़ी मांगते. तीसरा, वाइफ के लिए नोट लिखते. चौधा, वे खुद ही पर्सनली जाते और अपने वाइफ से बात करते. स्टीव ने फिर अपनी वाइफ को मनाने के बारे में सोचना शुरू किया, न कि बैठे-बैठे सोचकर परेशान होते रहे. जब आप अपनी परशानी और चिंताओं को बार-बार सोचते हैं तो ये बढ़कर बहुत बड़ी लगने लगती हैं. फिर, आप इससे हार मान लेते हैं, स्टीव की दी हुई एक सजेस्शन हैं. अपनी सारी चिंताओं के कारणों को आप लिखकर लिस्ट बना लीजिए. फिर सभी को बारी- बारी से पांच मिनट दीजिए ताकि आप
Tip | Explanation |
---|---|
Stay Hungry | अपने जीवन में एक स्पष्ट दृष्टि बनाएं और इसे हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करें। |
Light your Lazy Dynamite | छोटे-छोटे कदम उठाएं और धीरे-धीरे काम को शुरू करें। |
Kill your Television | टीवी देखने की बजाय अपनी गतिविधियों पर ध्यान दें। |
Promise the Moon | बड़े लक्ष्यों के लिए अपने आप से वादा करें और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत करें। |
Make Somebody's Day | दूसरों की मदद करके अपनी ज़िंदगी में भी खुशियाँ लाएं। |
Replace Worry with Action | चिंता के बजाय कार्रवाई करें और समस्याओं का समाधान करें। |
Motivation Techniques
उन पर एक्शन ले सके
इन पांच मिनट में आपकी चिंताएं खत्म तो नहीं होंगे पर आप कम से कम इनको हल करने लिए पहला कदम तो उठाएंगे.
गहरी सोच रखने वाले लोगों के साथ रहिए (Run with the Thinkers)
एक ऑफिस इक्विपमेंट कंपनी के प्रेसिडेंट को एक प्रॉब्लम रहती थी, उनके कंपनी में कुछ लोग ऐसे थे जो बस रोकने के लिए उन्हें कुछ सोचना था. शिकायत करके रोते ही रहते थे, इनको प्रेसिडेंट अपने मैनेजर्स की बात कर रहे थे, जिनमें से कुछ खींजे ही रहते थे और कुछ गहरी सोच रखने वाले थे. ये खींचे और परेशान लोग इंटेलीजेंट किस्म के थे, वे हर दिन दो घंटे एक्स्ट्रा काम करते और बहुत ही डेडिकेटेड थे.
लेकिन, जब भी ये लोग प्रेसिडेंट के पास जाते, सिर्फ खींजते रहते और शिकायत करते. ये लोग कंपनी के सिस्टम और दूसरे मैनेजर्स के काम को लेकर शिकायत करते. इन लोगों के साथ मीटिंग कर प्रेसिडेंट थक जाते थे क्योंकि वे हमेशा नेगेटिव बातें ही करते थे. प्रेसिडेंट उन लोगों को खुश करते-करते और मनाते-मनाते खुद ही डिप्रेस्ड हो जाते. और, बाकी मैनेजर्स गहरी सोच रखने वाले और समझदार थे. वे बिलकुल अलग थे. वे भी उन परेशान मैनेजर्स की तरह ही प्रॉब्लम्स को जानते थे पर वे लेकर आते थे.
सलूशन भी खीजने वाले और परेशान मैनेजर्स को बहुत फस्ट्रेशन होता था. वे इसी परशानी में ही अटक गए थे. उन्हें लगता था कि उनका परेशान होना और उनके रिएक्शंस जायज है, दूसरी तरफ, समझदार लोग इन सब चिंताओं से ऊपर उठकर ये सोचना शुरू कर देते कि उन्हें केसे इससे निकलना हैं. इसलिए प्रेसिडेंट को इन समझदार मैनेजर्स के साथ मीटिंग करना पसंद था, वे उनसे कुछ नया और क्रिएटिव सीख पाते थे, दे मैंनेजर्स के साथ ब्रेनस्टॉर्म करते कि प्रॉब्लम्स के क्या सलूशन होने चाहिए और इस सलूशन को कैसे लागू करना चाहिए. मीटिंग के बाद मैनेजर्स और प्रेसिडेंट सबको अच्छा फील होता था क्योंकि वे प्रोडक्टिव होते थे.
आप खींजने और परेशान रहने वालों में से हैं या समझदारी से काम लेने वालों में से? अपने इमोशंस को अपने रास्ते में आने न दें. अपने माइंड को क्लियर कीजिए और सोचना शुरू कीजिए. सोचने से आपका सेल्फ-एस्टीम भी बढ़ता हैं और आपके रिलेशनशिप्स भी सुधरते हैं. इससे आपको आगे बढ़ने में मदद मिलती हैं.
अपनी कमज़ोरी को अपनी ताकत बनाइये (Exploit your weakness)
क्या आपको अपनी कमजोरियों और ताकत के बारे में पता हैं? आपके लिए एक एक्सरसाइज हैं. पेपर लीजिए और अपने ताकत और कमज़ोरी को अलग-अलग लिखिए. अपने स्ट्रेंथ, यानी ताकत के बारे में सोचिए और एक-एक कर उसकी लिस्ट बना लीजिए. आप इस लिस्ट को अपने किचन में या हो जाएगा.
अब हैं कमज़ोरियाँ या वीकनेस की बारी, इन्हें एक-एक करके स्टडी कीजिए. ये सोचिए कि ये आपके कीजिए इन्हें तो बस अपनी आइडेंटिटी का हिस्सा मानिये. एक पैर खोना पड़ा था जो उनके लिए बहुत ही दर्दनाक बात थी क्योंकि वे एक डांसर बनना चाहते ये उनका सपना था.
अपने रास्ते की रुकावट न माने और न ही शर्म एक फेमस टैप डांस हुआ करता था जिनका नाम पेग लेग बेट्स {Peg Leg Bates) या. अक्सर टीवी पर दिखाई देते थे बचपन में उन्हें अपना पैर खोने के बावजूद उनको एहसास हुआ कि वे पैरों के बिना अब भी एक डांसर बनना चाहते थे. उनका पैर न होना भी उन्हें नहीं रोक पाया. उन्होने अपने लकड़ी के पैर में टैप लगवाया और बहुत प्रैक्टिस किया. धीरे-धीरे उन्होंने टैप डांस रूटीन तैयार कर लिया. ऑडिशंस में बाकी सारे डांसर्स से बिलकुल अलग ही दिख जाते और जज भी उन्हें नोटिस करते थे. इस तरह बेट्स ने अपनी कमज़ोरी को अपना ताकत बना लिया.
माइकल बैसॉफ़ एक मास्टर फण्ड रेजर थे. वे अपने एम्पलॉईस को भी खुद की ही तरह स्किल्ड फण्ड र बनाने में माहिर थे, बैसॉफ़ कमज़ोरी को ताकत में बदलने में भरोसा करते थे. एक बार उन्हें एक सेक्रेटरी मिली जो बहुत ही शर्मीली थी और बैसॉफ़ ने इस सेक्रेटरी को एहसास करवाया कि दूसरों को ध्यान से सुनना उसकी ताकत थी. वो ज्यादा नहीं बोलती थी पर दूसरों को ध्यान से सुनना उसकी ताकत थी, वो दूसरों को सुनती तो लोग खुश होते थे.
स्टीव चैंडलर 35 की उमर में पिता बने थे और उन्हें लगता था कि इन छोटे-छोटे बच्चों के पिता के हिसाब से ये उमर बहुत ही लेट धा, वे सोचते कि क्या उनके चार बच्चे उनके साथ बाहर निकलने में कम्फर्टेबल फील करेंगे, एक दिन, स्टीव और उनके बच्चों ने "द लिटिल मरमेड" फिल्म देखी, स्टीव ने खुद को एरिअल के पिता में देखा क्योंकि एरिअल के पिता भी बूढ़े थे पर एक बहुत ही शक्तिशाली और समझदार राजा थे. स्टीव को एहसास हुआ कि वे जब 25 साल के थे तब बिलकुल मच्योर नहीं थे इसलिए 35 की उमर ही सही वक्त हैं जब वे पिता होने की ज़िम्मेदारी को संभाल सकते थे.
दुनिया में कोई भी ऐसी कमज़ोरी नहीं जिसे आप अपनी ताकत नहीं बना सकते. बस आपको अपने शर्म से बाहर निकलने की ज़रूरत हैं. ये ज़रूर एक मुश्किल काम हैं और आपको अपना पूरा ज़ोर लगाना होगा. अगर अपनी कमज़ोरी पर जीत हासिल कर ली तो आप देखेंगे कि आपको इससे कितने फायदे मिलते हैं.
अपनी ज़िन्दगी में एन्जॉयमेंट लाइए (Put more enjoyment in)
क्या आपको लगता है कि प्लेज़र और एन्जॉयमेंट एक ही बातें हैं? असल में, ये दोनों ही अलग-अलग हैं. आपको इनके अंतर को जानना चाहिए जिससे आपकी लाइफ ज्यादा फोकस्ड और मोटिवेटेड रहेगी, प्लेज़र का मतलब हैं वो जो आपको अपने आसपास के चीज़ों से मिलती हैं जैसे कि खाना-पीना. दूसरी ओर, एन्जॉयमेंट का मतलब ज़्यादा गहरा होता हैं. मिहाई चिकसेन्टमिहाई एक जाने माने साइकोलॉजिस्ट थे जिन्होंने एन्जॉयमेंट को "एक फ्लो या बहाव" बताया था.
उनकी लिखी एक बेस्ट सेलर बुक में उन्होंने कहा हैं कि आप किसी एक्टिविटी में लगे होते हैं तब आप एक फ्लो में बहने लगते हैं, और आपको टाइम बीतने का पता ही नहीं चलता. इसलिए एन्जॉयमेंट तब मिलता हैं जब आप ऐसी एक्टिविटी करते हैं जिसे आप पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा पसंद करते हैं. और, ये आप तय कर सकते जब आप अपने स्किल को आगे बढ़ाते हैं, एक एग्जाम्पल लेते हैं लोगों की जिन्होंने लॉटरी जीते हैं, उनको इसे जीतने पर प्लेज़र मिलता है.
वे बहुत खुश होते हैं लेकिन इससे आपकी ज़िन्दगी बहुत बड़ा बदलाव नहीं आता लॉटरी जीतने वाले लोग करोड़पति तो बन जाते हैं पर उनकी ज़िन्दगी पहले से बेकार हो जाती हैं, दूसरी तरफ, एन्जॉयमेंट तब मिलती हैं जब पैसे बनाने के लिए एक सफर तय करते हैं. रोज़ की मुश्किलों का सामना करना और इनको पार करना ही उन एन्जॉयमेंट हैं पैसा कमाने का स्ट्रगल आपके पैसों की कदर करवाता हैं.
दूसरा प्लेज़र का एग्जाम्पल हैं टीवी देखना. आप घंटों टीवी देखते हैं पर आपको एहसास हो जाता हैं कि इससे कोई फायदा नहीं मिलता और आपकी ज़िन्दगी में इसका कोई वैल्यू नहीं होता. टीवी में देखे सारे शो को देखने के बाद हम इन्हें भूल जाते हैं. लेकिन, अपनी फैमिली के लिए छुट्टियों में खाना बनाने से टीवी देखने को कम्पेयर कीजिए. आपको खाने की तैयारी में काफी मेहनत करनी पड़ती हैं और आप थक भी जाते हैं. लेकिन आप ये सोचते हैं कि आपके मेहनत करने से आपकी पूरी फैमिली एक साथ एन्जॉय करेंगे तो आपकी मेहनत सफल होगी. इसलिए, अपने लाइफ में एन्जॉयमेंट डालिये.
आपको चैलेंजेस का सामना करना चाहिए और आप जो भी करते हैं उसे बेहतर तरीके से कीजिए, आपको जो भी एक्टिविट पसंद हैं जैसे गार्डनिंग, कुकिंग, पेंटिंग या फिर रनिंग, उन्हें कीजिए और अपने स्किल्स को बढाइये,
बिना कारण के हँसिये (Laugh for no reason)
आपको हंसने, डांस करने, गाने या फिर हंसने के लिए सही मूड का इंतज़ार करने की ज़रूरत नहीं पड़ती. क्यों? क्योंकि इन सब को करने के बाद आपका मूड खुद ही बन जाता है. अगर आप कोई प्रॉब्लम फेस कर रहे हैं या अच्छा फील नहीं कर रहे, तब आपको खुद को मुस्कुराने या हंसने के लिए एनकॉरिज करना चाहिए. इससे आप अजीब लग सकते हैं पर आपको ये जरूर ट्राई करना चाहिए. वो छोटी सी हंसी या एक छोटी सी मुस्कान, आपको बेहतर फील करा सकता है.
आपका फेवरेट सॉन्ग कौन सा है? इस सॉन्ग को हमेशा सुनने के लिए तैयार रखिए ताकि आप जहां और जब भी जाएँ, इस गाने को सुनकर आपका मूड हल्का हो जाए. वॉल्यूम को हाई कीजिए और साथ गाइये, आप स्टुपिड फील कर सकते हैं पर ऐसा करने से आपका कुछ नहीं जाता. बस आप गाते ही जाइये, थोड़ी देर बाद आपका मूड बिलकुल सही हो जाएगा और आपको अच्छा लगने लगेगा.
क्या आपको पता है, जैन मॉन्क्स, जो एक तरह के बौद्ध मोंक होते हैं, वे मैडिटेशन में हंसने की भी प्रैकि्टिस करते हैं. वे सब एक सर्कल में बैठते हैं और पर हंसने लगते हैं. ऐसे हंसने की कोई वजह तो नहीं होती फिर भी वे ऐसा करते हैं. क्या आप इस सिचुएशन से कभी गुज़रे हैं? आपके दोस्त जिस बात पर हस रहे हैं आप उस बात को नहीं जानते फिर भी आप हंसना शुरू कर देते हैं. बच्चे भी ऐसा करते हैं. आपने कभी देखा है कि छोटे बच्चें एक दूसरे को देखकर हंसना शुरू कर देते हैं. एक दूसरे की शक्ल देखते ही वो हंस पड़ते हैं और खुश हो जाते हैं.
हंसना कन्टेजियस होता हैं, मतलब ये कि एक से दूसरे में फैल जाता है. क्या आपको हंसना पसंद नहीं? शुरू में, आपको हंसी थोड़ी सहमी सी होगी पर धीरे धीरे ये जेन्युइन हंसी बन जाएगी.
कन्क्लूजन
आइये, मोटीवेट होने के उन दस तरीकों का रिकैप करते हैं.
1. स्टे हंगरी, अपने भूख को बरकरार रखिए | आप क्या बनना चाहते हैं, इसके बारे में अपने विज़न क्लियर रखिए और उसे रोज़ जिए. |
2. लाइट योर लेज़ी डायनामाइट, अपनी सुस्ती को धीरे-धीरे छोड़िये | अपने टास्क को धीरे-धीरे ही सही मगर शुरू ज़रूर कीजिए. |
3. किल योर टेलीविज़न, टीवी देखना छोड़िये | दूसरों को मज़े करते हुए मत देखिये, खुद ही फन एक्टिविटीज़ करना शुरू कीजिए. |
4. प्रोमिस द मून, बड़े वादे कीजिए | कोई भी कमिटमेंट कीजिए और उसे पूरी करने के लिए जी-जान लगा दीजिए. |
5. मेक समबडीस डे, किसी के दिन को अच्छा बनाइये | अगर आप किसी और के लिए लक लाएंगे तो आप भी लकी हो जाएंगे. |
6. रिप्लेस योर वोरी विथ एक्शन, चिंता छोड़िये एक्शन लीजिए | परेशान रहने से बेहतर हैं छोटे-छोटे क़दमों से आगे बढ़ना. |
7. रन विथ द थिंकर्स, गहरी सोच रखने वाले लोगों के साथ रहिए | समझदार लोगों के साध रहिए, अपने इमोशंस से उबरिए, माइंड को क्लियर कीजिए और सोलूशन्स निकालिये. |
8. एक्सप्लॉइट योर वीकनेस, अपनी कमज़ोरी को अपनी ताकत बनाइये | अपने कमज़ोरी से शर्माइयें नहीं, ये कमज़ोरी आपको यूनिक बनाती हैं और आपको फायदा भी दे सकती हैं. |
9. पुट मोर एन्जॉयमेंट इन, अपनी ज़िन्दगी में आनंद लाइए | चैलेंज ही एक एक्टिविटी को एन्जॉयमेंट के लायक बनाती हैं. चैलेंजेस को फेस कीजिए और अपने स्किल को अगले लेवल तक ले जाइये. |
10. लाफ फॉर नो रीज़न, बिन बात के हँसिये | आपको हंसने, मुस्कुराने, नाचने-गाने के लिए किसी बहाने की ज़रूरत नहीं. बल्कि इन सब एक्टिविटीज़ को करने पर आपका मूड बन ही जाएगा. |
उम्मीद करते हैं कि इन सारी बातों से आप बेहतर फील कर रहे हैं. आपके पास आगे बढ़ने का कुछ न कुछ बहाना तो हैं, आगे बढ़िए और कुछ कीजिए. याद रखिए, कल जो था वो इम्पोर्टेन्ट नहीं, आपको आज पर फोकस करना हैं और आप आज जो करेंगे वही आपके कल की तकदीर बनेगी.
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